#कुंभ का पहला शाही स्नान
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कुम्भ मेला, history of Kumbh Mela
कुम्भ मेला, history of Kumbh Mela
कुम्भ मेला भारत में आयोजित होने वाला एक विशाल मेला है, कुम्भ मेला, history of Kumbh Mela
जिसमें करोड़ों श्रद्धालु हर बारहवें वर्ष प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से किसी एक स्थान पर एकत्र होते हैं और नदी में पवित्र स्नान करते हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ मेला आयोजित होगा।
महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी को पूर्णिमा से होगी और इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा. प्रयागराज कुंभ मेले में छह शाही स्नान होंगे. महाकुंभ मेला का पहला शाही स्नान 13 जनवरी 2025 को होगा.
कुंभ मेला 12 साल बाद क्यों मनाया जाता है? बृहस्पति को सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 12 वर्ष लगते हैं, इसलिए कुंभ मेला 12 वर्षों के दौरान चार बार मनाया जाता है । चार स्थानों - हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक - को पवित्र स्थान माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं
history of Kumbh Mela
क्यों महा कुंभ हर 12 साल में मनाया जाता है? मान्यता है कि करोड़ों वर्ष पूर्व देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जो अमृत कुंभ निकला था, उसके अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गई थीं। इन्हीं स्थानों पर हर 12 वर्ष में कुंभ मेले का आयोजन होता है।
कुंभ का मेला क्यों भरा जाता है? जब अमृत कलश को लेकर देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध चल रहा था तब कलश की खींचतान में चंद्रमा ने अमृत को बहने से बचाया, गुरु ने कलश को छुपाया था। वहीं, सूर्य देव ने कलश को फूटने से बचाया और शनि ने इंद्र के गुस्से से रक्षा की। इसीलिए, जब इन ज्र्हों का योग संयोग एक राशि में होता है तब कुंभ मेले का आयोजन होता है।
शाही स्नान
पौष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से महाकुंभ मेले की शुरुआत होगी। इस साल ��ुंभ मेले में लगभग 6 दिन शाही व सामान्य स्नान किए जा सकेंगे। जानें, किस दिन शाही स्नान किया जा सकता है।
Shahi Snan Date
Paush Purnima, 13 January 2025
Makar Sankranti, 14 January 2025
Mauni Amavasya, 29 January 2025
Basant Panchami, 03 February 2025
Maghi Purnima, 12 February 2025
Maha Shivaratri, 26 February 2025
for more information of कुम्भ मेला visit Maha Kumbh Mela
www.ceramicindia.com
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Maha Kumbh Mela 2025: All You Need To Know
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Introduction
Maha Kumbh Mela 2025 : ऐसा कहा जाता है कि पश्चिम ने दुनिया को विज्ञान दिया तो भारत ने अध्यात्म का ज्ञान. वह अध्यात्म जो जीवन की गुत्थियों का सुलझाने में बहुत मददगार साबित होता है. यही वजह है कि दुनियाभर के लोगों के लिए भारत हमेशा से अध्यात्म का केंद्र रहा है. अगर अध्यात्म की बात करें तो भारत का इससे बहुत पुराना संबंध है. विविधता के बीच एकता की बुनावट और बनावट के चलते दुनिया भर से लोग भारत आते हैं. कई लोग ऐसे हैं जो अध्यात्म की खोज में भारत पहुंचे और यहां से बहुत कुछ लेकर विदा हुए और कुछ तो यहीं के होकर रह गए. वहीं, दूसरी ओर भारत देश विभिन्न संस्कृतियों का संगम भी कहलाता है. आधुनिक विचारों को अपनाने के साथ-साथ भारत देश अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत को भी बनाए रखे हुए है.
इस लेख में हम बात करेंगे 12 वर्षों में लगने वाले महाकुंभ की, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा मेला भी कहा जाता है. करोड़ों श्रद्धालु कुंभ मेले के दौरान पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं. मान्यता है कि इस पवित्र स्नान से मनुष्य के पापों का क्षय होता है और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होते हैं. ऐसी मान्यता है कि देवता और असुर में 12 दिनों तक अमृत को हासिल करने के लिए भीषण युद्ध हुआ. इसके बाद से 12 दिन मनुष्य के 12 साल के समान होते हैं. यही वजह है कि हर 12 साल बाद महाकुंभ का आयोजन होता है.
Table of Content
देश का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव
कब से शुरू होगा महाकुंभ 2025
क्यों लगता है कुंभ मेला
कब होता है महाकुंभ मेले का आयोजन ?
महाकुंभ 2025 कब-कब होगा शाही स्नान
जानिये मह���कुंभ की अहम बातें
कैसे पहुंचें महाकुंभ मेला स्थल पर ?
देश का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव
महाकुंभ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है और इसका आयोजन 12 साल में किया जाता है. इसे सामान्य तौर पर कुंभ मेला भी कहा जाता है. महाकुंभ का आयोजन भारत की 4 पवित्र नदियों और 4 तीर्थ स्थानों पर ही होता है. इस लिहाज से महाकुंभ का आयोजन सिर्फ प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में ही होता है. जानकारों का कहना है कि हरिद्वार में गंगा नदी, उज्जैन में शिप्रा, नासिक में गोदावरी और प्रयागराज में संगम (गंगा, जमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम) पर ही कुंभ मेले का आयोजन होता है. गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के तट पर लगने वाला महाकुंभ 12 वर्ष में एक बार ही आयोजित होता है.
कब से शुरू होगा महाकुंभ 2025
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होगी, जबकि इसका समापन 26 फरवरी, 2025 को होगा. इस दौरान स्नान के लिए 6 तिथियां स्नान-दान के लिए बेहद शुभ मानी जा रही है. वैसे तो हर साल प्रयागराज में माघ मेला लगता है, लेकिन अर्ध कुंभ और महाकुंभ मेला विशेष धार्मिक महत्व रखता है. धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं.
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क्यों लगता है कुंभ मेला
कुंभ मेला क्या है और यह 12 साल बाद ही क्यों लगता है? इसके पीछे एक कहानी है. ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से अमृत का एक कलश भी निकला था. इस कलश का अमृत जिसने भी पिया वह सदा के लिए अमर हो गया. यह जानकारी जैसी ही देवों और असुरों को हुई तो इस अमृत के इस कलश के लिए एक-दूसरे से भिड़ गए. मामला बिगड़ता देखकर भगवान विष्णु को मोहिनी अवतार लेना पड़ा. वह चालाकी सें अमृत कलश अपने साथ ले गईं. अमृत कलश ले जाने के दौरान कुछ बूंदें हरिद्वार, इलाहाबाद (अब प्रयाग), नासिक और उज्जैन में गिरीं. यही वजह है कि इन चारों जगहों हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है.
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महाकुंभ मेले का आयोजन कब होता है?
महाकुंभ मेले का आयोजन कब से हो रहा है? इसक�� सही-सही जानकारी तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन प्रयागराज कुंभ मेले का सबसे पहला उल्लेख वर्ष 1600 ईस्वी में मिलता है. जानकारों का कहना है कि कुंभ मेले का आयोजन कई शताब्दियों से किया जाता रहा है. वहीं, प्रयागराज कुंभ मेले का सबसे पहला उल्लेख वर्ष 1600 ईस्वी में मिलता है. यह भी कहा जाता है कि नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में कुंभ मेले की शुरुआत 14वीं शताब्दी में ही हो गई थी.
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महाकुंभ 2025 कब-कब होगा शाही स्नान
13 जनवरी : महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान 13 जनवरी, 2025 को होगा. इस दिन पौष पूर्णिमा भी है. इस तारीख से ही महाकुंभ मेले की शुरुआत मानी जाएगी.
14 जनवरी : मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर भी शाही स्नान का भव्य आयोजन किया जाएगा.
29 जनवरी : 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है. इस दिन भी शाही स्नान आयोजित किया जाएगा.
3 फरवरी : 03 फरवरी के दिन बसंत पंचमी के मौके पर शाही स्नान है. इस दिन यहां पर भारी भीड़ होने की संभावना है.
12 फरवरी : माघ पूर्णिमा के शुभ मौके पर भी शाही स्नान किया जाएगा.
26 फरवरी : महाशिवरात्रि के मौके पर भी शाही स्नान किया जाएगा.
जानिये महाकुंभ की अहम बातें
हर 12 साल बाद महाकुंभ का मेला लगता है.
प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक के अलावा उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन होता है.
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान 10 करोड़ श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाने आएंगे.
प्रयागराज कुंभ मेला 2025 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा.
वर्ष 2013 में प्रयागराज में महाकुंभ लगा था.
संगम पर स्नान करने वालों को डूबने से बचाने के लिए जल पुलिस के साथ ही अंडरवाटर ड्रोन भी तैनात रहेंगे.
ऐसे ड्रोन 300 मीटर के दायरे में किसी भी डूबते व्यक्ति को खोजने में सक्षम होंगे.
यह ड्रोन 1 मिनट में डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर सकेगा.
महाकुंभ में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पार्किंग व्यवस्था शहर से बाहर रहेगी. इससे मेला स्थल पर वाहन नजर नहीं आएंगे.
प्रयागराज में इस बार साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के रोडवेज बसों से पहुंचने का अनुमान है.
महाकुंभ 2025 के मद्देनजर रेलवे द्वारा इस बार 3000 स्पेशल ट्रेनों के साथ 13000 से अधिक रेलगाड़ियों का संचालन करेगा.
पहली बार छोटी दूरी के लिए बड़ी संख्या में मेमू ट्रेन चलेंगीं.
कैसे पहुंचें महाकुंभ मेले में ?
13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर भारतीय रेलवे ने भी खास इंतजाम किए हैं. प्रयागराज यानी महाकुंभ मेला स्थल पर आप बस के अलावा ट्रेन और हवाई जहाज से भी पहुंच सकते हैं. प्रयागराज की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह रेल मार्ग से देश के सभी बड़े शहरों से वेल कनेक्टेड है. देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां प्रयागराज (महाकुंभ मेला स्थल) पहुंचने में 9-10 घंटे का समय लगता है.
इसके साथ ही प्रयागराज और उसके आसपास के 8 रेलवे स्टेशन पर अपने शहरों से ट्रेन से पहुंच सकते हैं. ये स्टेशन प्रयागराज जंक्श���, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज संगम, प्रयाग जंक्शन, नैनी जंक्शन, प्रयागराज छेओकी, फाफामऊ जंक्शन, झूंसी और सूबेदारगंज. दिल्ली से प्रयागराज की दूरी लगभग 690-742 किलोमीटर है. अगर आप सड़क मार्ग से यहां आना चाहते हैं तो आपको 11 से 12 घंटे लग सकते हैं.
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Uttarakhand- कुंभ (kumbh mela-2021) के पहले शाही स्नान पर संतों और श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा
Uttarakhand- कुंभ (kumbh mela-2021) के पहले शाही स्नान पर संतों और श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा
देहरादून, 11 मार्च 2021महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज हरिद्वार में हर की पौड़ी पहुंचकर मां गंगा से प्रदेशवासियों की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कुंभ का प्रथम शाही स्नान है। इसे विशेष बनाने के लिए सभी साधु-संतों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि सभी साधु-संत काफी खुश नजर आ रहे हैं साथ ही प्रशासन भी जनता की समस्याएं दूर…
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महाशिवरात्रि पर कुंभ का पहला शाही स्नान आज
महाशिवरात्रि के दिन हरिद्वार कुंभ का पहला शाही स्नान आज होगा। मेला और जिला पुलिस और प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारियां कर ली है। सुबह से शाम तक सन्यासियों के 7 अखाड़े हरकी प��ड़ी पर क्रमवार गंगा स्नान करेंगे। उधर बुधवार दोपहर क�� भीड़ बढ़ने के बाद ट्रैफिक प्लान लागू कर दिया गया है। बुधवार से ही हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की सीमा और हरकी पैड़ी पर कोरोना की रैंडम जांच की जा रही थी। वहीं कई…
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कुंभ मेला 2021 शुभ समय: जानें शाही स्नान व 6 अन्य प्रमुख स्नान की तिथियां, समय और दिन
कुंभ मेला 2021 शुभ समय: जानें शाही स्नान व 6 अन्य प्रमुख स्नान की तिथियां, समय और दिन
पहला शाही स्नान 11 मार्च को, जीवनयापन का इतिहास और महत्व … सनातन हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक कुंभ मेला लगभग महीने बाद मार्च 2021 से हरिद्वार में शुरू होने जा रहा है। कुंभ मेले का सनातन हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है, और जिसके कारण इसे लेकर श्रद्धालु काफी पहले से ही काफी तैयारी शुरू कर देते हैं। कुंभ मेले में शाही स्नान का काफी महत्व होता है और अलग-अलग अखाड़ों से जुड़े संत और साधु आकर्षण का…
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हरिद्वार गए बिना महाकंभ में जाने का आनंद लें, पता करें कि आप लाइव टेलीकास्ट कहां देख सकते हैं
हरिद्वार गए बिना महाकंभ में जाने का आनंद लें, पता करें कि आप लाइव टेलीकास्ट कहां देख सकते हैं
पहला निरंजनी अखाड़ा अपने साथी आनंद के साथ सुबह 8:30 बजे अपना शिविर छोड़ेगा। सरकार ने कुंभ मेला हरिद्वार के लाइव कवरेज के लिए व्यापक व्यवस्था की है। सूचना विभाग दूरदर्शन के सहयोग से शाही स्नान के कवरेज का प्रबंधन कर रहा है। मीडिया आउटलेट नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से फ़ीड को सीधे चलाने में सक्षम होंगे। हरिद्वार उत्तराखंड सरकार द्वारा कुंभ मेला हरिद्वार (हरिद्वार कुंभ) के दिव्य और सुरक्षित…
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कुंभ का दूसरा शाही स्नान: 35 लाख लोगों ने लगाई डुबकी, हरिद्वार दुनिया का पहला शहर, जहां इस साल का सबसे बड़ा जमावड़ा
कुंभ का दूसरा शाही स्नान: 35 लाख लोगों ने लगाई डुबकी, हरिद्वार दुनिया का पहला शहर, जहां इस साल का सबसे बड़ा जमावड़ा
Hindi News National 35 Lakh People Took Dip, Haridwar Is The First City In The World, Where The Biggest Gathering Of This Year Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप देहरादून10 मिनट पहलेलेखक: मनमीत कॉपी लिंक देशभर से ��ुटे 35 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया। हरिद्वार में सोमवार को सोमवती अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान हुआ। इसमें सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के…
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हर हर महादेव। कुंभ नगरी हरिद्वार। शाही स्नान की तिथियां एवं विशेषता 1. *पहला शाही स्नान-11 मार्च 2021, दिन गुरुवार, त्योहार- महाशिवरात्रि* । शास्त्रों के अनुसार, पृथ्वी पर गंगा की उपस्थिति का श्रेय भगवान शिव को जाता है। यही कारण है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। 2. *दूसरा शाही स्नान- 12 अप्रैल 2021, दिन सोमवार, त्योहार- सोमवती अमावस्या।* सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा जल का कारक है, जल की प्राप्ति और सोमवती को अमावस्या पर अमृत माना जाता है। 3. *तीसरा शाही स्नान- 14 अप्रैल 2021, दिन बुधवार, त्योहार- मेष संक्रांति और बैसाखी।* इस शुभ दिन पर, नदियों का पानी अमृत में बदल जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन पवित्र गंगा में एक पवित्र डुबकी कई जीवन के पापों को नष्ट कर सकती है। 4. *चौथा शाही स्नान- 27 अप्रैल 2021, दिन मंगलवार, त्योहार- चैत्र पूर्णिमा।* पवित्र गंगा में स्नान करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है और इसे 'अमृत योग' के दिन के रूप में जाना जाता है। #kumbha #haridwar #kumbhaharidwar2021 #spirituality #largest #gathering #meditation PC : Kamal Ji https://www.instagram.com/p/CMi0vQCFzIj/?igshid=10k0fdz7d06q1
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व्हाइट एंड ब्लू आउटफिट में छा गईं Ananya Pandey, देखें एक्ट्रेस का Stunning Look
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महाशिवरात्रि के मौके पर हरिद्वार में आज कुंभ का पहला शाही स्नान किया जा रहा है. पहला शाही स्नान जूना अखाड़े के नागा संन्यासी, आचार्य और महामंडलेश्वर ने किया. इस मौके पर भारी संख्या में श्रद्धलु साधु संतों को शाही स्नान पर जाते हुए उनके दर्शन कर Source link
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Mahashivratri Shahi Snan : महाशिवरात्रि के मौके पर हरिद्वार में कुंभ का पहला शाही स्नान, लाखों लोगों ने लगाई पवित्र डुबकी Divya Sandesh
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Mahashivratri Shahi Snan : महाशिवरात्रि के मौके पर हरिद्वार में कुंभ का पहला शाही स्नान, लाखों लोगों ने लगाई पवित्र डुबकी
इंटरनेट डेस्क। महाशिवरात्रि के मौके पर आज गुरुवार को हरिद्वार में कुंभ का पहला शाही स्नान है। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग यहां पवित्र स्नान करने पहुंचे हैं। अब तक लाखों लोग यहां डुबकी लगा चुके हैं। पहले शाही स्नान के मौके पर हरिद्वार में हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं की काफी ��ीड़ देखी जा रही है।
#WATCH | Haridwar: Sadhus of Juna Akhara participate in first ‘shahi snan’ of Kumbh Mela 2021, on the occasion of #MahaShivaratri pic.twitter.com/q4cGuYbEMy — ANI (@ANI) March 11, 2021
आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने दावा किया कि बुधवार रात 12 बजे से अब तक 22 लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया है। उन्होंने कहा कि अखाड़ों के शाही स्नान के लिए घाटों को खाली करवाया जा रहा है। उधर, हरिद्वार में पहले शाही स्नान को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, थोड़ी देर बाद हरिद्वार में तमाम अखाड़े के साधु संत शाही स्नान करने हर की पौड़ी पहुंचेंगे।
उससे पहले हर की पौड़ी क्षेत्र को पूरी तरह से खाली कर दिया गया है। हरकी पौड़ी पर किसी भी श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं है। तमाम अधिकारी लगातार हर की पौड़ी पर आकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। मेला अधिकारी दीपक रावत ने भी हर की पौड़ी पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
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Mahashivratri: Haridwar Kumbh में पहले शाही स्नान की धूम, Varanasi में दिखी ऐसी रौनक
Mahashivratri: Haridwar Kumbh में पहले शाही स्नान की धूम, Varanasi में दिखी ऐसी रौनक
आज महाशिवरात्रि के मौके पर भक्ति का अलग ही रंग देखने को मिल रहा है। जहां एक ओर आज शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। वहीं, दूसरा पक्ष आज हरिद्वार में कुंभ का प���ला शाही स्नान है और आज आस्था की डुबकी लगाने के लिए भक्त पहुंचते हैं। Source link
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हरिद्वार कुंभ मेला : पहला शाही स्नान आज, देशवासियों को PM मोदी ने दी महाशिवरात्रि की बधाई
हरिद्वार कुंभ मेला : पहला शाही स्नान आज, देशवासियों को PM मोदी ने दी महाशिवरात्रि की बधाई
नई दिल्ली। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आज सुबह से देश के कई राज्यों में लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं, इस खास दिन पर हरिद्वार के कुंभ मेले में शाही स्नान भी हो रहा है। इस वक्त भक्तगणों की भारी भीड़ वहां देखने को मिल रही है, हालांकि कोरोना से बचने की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जा रहा है लेकिन शिवभक्तों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल प्रशासन रख रहा है। पूरे देश में महाशिवरात्रि की धूम…
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कुंभ: पहला शाही स्नान में हेलीकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा
कुंभ: पहला शाही स्नान में हेलीकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा
महाशिवरात्रि के अवसर पर हरिद्वार में कुंभ का पहला स्नान शुरू हुआ है। रात से ही हर की पैड़ी पर तीर्थ यात्रियों की भीड़ लगी थी और भारी तादाद में तीर्थयात्रियों ने गंगा में डुबकी लगाई और भगवान शंकर का जलाभिषेक किया। इस अवसर पर लोगों ने दान पुण्य किया महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का पार्वती से विवाह हुआ था। तड़के ही हर की पैड़ी पर ब्रह्म मुहूर्त में लोगों ने गंगा में डुबकी लगानी शुरू कर दी…
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Haridwar Kumbh 2021: महाशिवरात्रि पर कुंभ का पहला शाही स्नान आज, हर की पौड़ी पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब Haridwar Kumbh 2021 Mahashivratri First shahi snan Kumbh Haridwar's Har Ki Pauri ghat
Haridwar Kumbh 2021: महाशिवरात्रि पर कुंभ का पहला शाही स्नान आज, हर की पौड़ी पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब Haridwar Kumbh 2021 Mahashivratri First shahi snan Kumbh Haridwar’s Har Ki Pauri ghat
Haridwar Kumbh 2021: महाशिवरात्रि के दिन आज हरिद्वार में पहला शाही स्नान है। कुंभ मेला की शुरुआत 1 अप्रैल से होगी। आज शाही स्नान पर आम आदमी को सुबह 7 बजे तक स्नान करने दिया गया। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। 7 बजे के बाद हर की पौड़ी को खाली करा लिया गया है। घाटों की साफ सफाई की जाएगी। फिर जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा करीब 11 बजे हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर…
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13 अखाड़ों का कार्यक्रम जारी है, पता करें कि कौन सा अखाडा NODBK के साथ स्नान करने का पहला मौका प्राप्त करेगा
13 अखाड़ों का कार्यक्रम जारी है, पता करें कि कौन सा अखाडा NODBK के साथ स्नान करने का पहला मौका प्राप्त करेगा
पहला निरंजनी अखाड़ा अपने साथी आनंद के साथ सुबह 8:30 बजे अपना शिविर छोड़ेगा। महाकंभा शाही सुन्न 2021: जानकारी के अनुसार, गंगा में स्नान करने वाली 13 अखाड़ों की माताओं में से 7 संन्यासी अखाड़ा, 3 बरगी अखाड़ा और 3 विष्णु अखाड़ा हैं। स्नान हरि पद्म ब्रह्माण्ड में आयोजित किया जाएगा। हरिद्वार कुंभ मेले में देश विदेश से लाखों श्रद्धालु जुट र��े हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हजारों सुरक्षाकर्मी…
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