#किशनगंज न्यूज
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todaypostlive · 2 years ago
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बिहार राज्य खाद्य निगम के परिवहन अभिकर्ता के चयन पर सवालिया निशान, डीएम ने दिए जांच के आदेश
किशनगंज।  बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला मुख्य परिवहन अभिकर्ता के कार्य को लेकर निकाली गई निविदा का मामला तुल पकड़ रहा है। दरअसल अवैध रूप से संविदा आवंटन के आरोप है। निविदा में अनियमितता को लेकर डीएम कार्यालय में एक शिकायतकर्ता अभिषेक कुमार सिंह ने आवेदन दिया है। इस पर डीएम ने आरोपो की जांच का आदेश दे दिया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि संविदा लेने में प्रयुक्त कागजात फर्जी और त्रुटिपूर्ण है।…
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avitaknews · 4 years ago
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माघी पूर्णिमा पर स्नान के दौरान महानंदा नदी में 4 युवक डूबे, दो की मौत, एक लापता
माघी पूर्णिमा पर स्नान के दौरान महानंदा नदी में 4 युवक डूबे, दो की मौत, एक लापता
माघी पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को महानंदा नदी में स्नान करने के दौरान गहरे पानी में चले जाने से चार युवक डूब गए, जिसमें दो युवक अजय बासकौर (18) व सुमन चौधरी पिता बैजनाथ चौधरी (18) की मौत हो गई।… Source link
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shantinewshindi · 4 years ago
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कोरोना लॉकडाउन में भूटान में फंसे बिहार के 116 लोग 6 बसों से पहुंचे किशनगंज कोरोना लॉकडाउन के दौरान भूटान में फंसे बिहार के अलग-अलग जिलों के 116 लोग गुरुवार की देर रात किशनगंज पहुंचे। भूटान गेट पर सभी लोगों की स्क्रीनिंग की गयी। शुक्रवार को सभी लोगों को बस से गया स्थित... Source link
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joinnoukri · 2 years ago
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बिहार - नेपाल की सिमा पर तीन सहेलियों का पेड़ से लटका मिला शव, चाय बागान में करती थी तीनों काम | Bihar The dead bodies of three friends were found hanging from a tree on the border of Nepal used to do all three works in the tea garden
बिहार – नेपाल की सिमा पर तीन सहेलियों का पेड़ से लटका मिला शव, चाय बागान में करती थी तीनों काम | Bihar The dead bodies of three friends were found hanging from a tree on the border of Nepal used to do all three works in the tea garden
बिहार से ऑस्ट्रेलिया में तीन लड़कियों का शरीर खराब हो गया है. आपस में सह-सम्बन्धी हों। वे किस तरह से आगे बढ़ते हैं? पुलिस मामले में I न्यूज नेशन ब्यूरो | द्वारा संपादित : रश्मि रानी | अपडेट किया गया: 24 जुलाई 2022, 01:51:44 अपराह्न तीन सहेलियों का समग्र शरीर (Photo Credit: NewsState बिहारझारखंड) किशनगंज: बिहार से ऑस्ट्रेलिया में तीन लड़कियों का शरीर खराब हो गया है. आपस में सह-सम्बन्धी हों। वे…
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differentauthortacowinner · 3 years ago
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ब्रेकिंग न्यूज......................💐 श्री सत्यनारायण सिंह बनें मिशन सुरक्षा परिषद जनपद किशनगंज बिहार के जिलाध्यक्ष।🕹️🕹️🕹️ बिहार राज्य के जनपद किशनगंज के युवा समाजसेवी श्री सत्यनारायण सिंह जी को राष्ट्रीय महासचिव मा.श्री सरदार नरसिंह बाबा जी एवं प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ बिहार मा.श्री विनोद कुमार पासवान जी के अनुमोदन पर राष्ट्रीय सचिव एवं प्रभारी बिहार प्रदेश मा.श्री चन्द्रहास यादव जी एवं प्रदेश अध्यक्ष बिहार मा.श्री संजय कुमार मुखिया जी द्वारा मिशन सुरक्षा परिषद जनपद किशनगंज का जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। श्री सत्यनारायण सिंह जी को हार्दिक बधाई।🌹🌹🌹🌹 1-अमित कुशवाहा प्रदेश प्रवक्ता। 2-अमजद अंसारी प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ। 3-हंसराज प्रदेश सचिव प्रबुद्ध प्रकोष्ठ। 4-उपेन्द्र दास प्रदेश सचिव। 5-सचिन अम्बेडकर प्रदेश सचिव। मिशन सुरक्षा परिषद बिहार। https://www.instagram.com/rinkuverma8592/p/CYV-RSEFhNy/?utm_medium=tumblr
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shaileshg · 4 years ago
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बिहार विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद अब सियासी चर्चा का केंद्र पश्चिम बंगाल हो गया है, जहां अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव होना है। बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस 10 साल से सत्ता में है। बंगाल की विधानसभा का कार्यकाल मई 2021 में खत्म हो रहा है। निश्चित तौर पर उससे पहले चुनाव हो जाएंगे। अगर 2016 के विधानसभा चुनावों और 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना करें तो यह तय है कि मुकाबला भाजपा और तृणमूल के बीच ही रहने वाला है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों का वहां इतना प्रभाव नहीं बचा है, जो कुछ साल पहले तक वहां होता था।
2016 में भाजपा जीती थी सिर्फ 3 विधानसभा सीटें
294 सदस्यों वाली बंगाल विधानसभा में 2016 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल को दो-तिहाई से ज्यादा बहुमत मिला था। तृणमूल कांग्रेस ने 44.91% वोट के साथ 211 सीटें जीती थीं। भाजपा ने 291 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ तीन सीटें जीती थीं। उसे 10.16% वोट मिले थे। लेफ्ट और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़े थे, लेकिन उनका प्रयोग पूरी तरह फेल रहा था। यह लेफ्ट पार्टियों का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था। कांग्रेस ने 40 और लेफ्ट ने 31 सीटों पर जीत हासिल की थी।
2019 में 128 विधानसभा सीटों पर भाजपा की बढ़त थी
भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनावों में सिर्फ दो सीटें हासिल की थीं। उसके मुकाबले 2019 के चुनावों में उसने 18 सीटें हासिल कीं। वहीं, तृणमूल कांग्रेस की सीटें 34 से घटकर 22 रह गईं। तृणमूल कांग्रेस ने 44.91% वोट हासिल किए, जबकि भाजपा ने 40.3% वोट। भाजपा को कुल 2.30 करोड़ वोट मिले जबकि तृणमूल को 2.47 करोड़ वोट।
खास बात यह रही कि भाजपा ने राज्य की 128 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की, जबकि तृणमूल की बढ़त घटकर सिर्फ 158 सीटों पर रह गई थी। अगर 2021 की वोटिंग भी लोकसभा चुनावों की तर्ज पर इसी तरह हुई तो तृणमूल को बहुमत से सिर्फ 10 सीटें ज्यादा मिलेंगी, लेकिन यह देखना जरूरी है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का वोट शेयर 17% था, जो विधानसभा चुनावों में घटकर 10% रह गया था।
2019 के आंकड़ों में छिपा संदेश
2014 में भाजपा की बढ़त 28 विधानसभा क्षेत्रों में थी, जबकि 2019 में यह बढ़कर 128 सीटों पर हो गई। इससे यह भी साफ है कि भाजपा बंगाल में प्रमुख विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है। सिर्फ बंगाल ही नहीं, बल्कि भाजपा की लुक ईस्ट पॉलिसी ने पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर के राज्यों में बड़ी सफलता हासिल की है।
कई राजनीतिक पंडितों के लिए यह एक केस स्टडी भी बन चुका है कि पांच साल पहले जो पार्टी बंगाल की राजनीति में बेअसर थी, वह अब प्रमुख विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरी है। भाजपा ने लोकसभा चुनावों में बंगाल के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से में अपनी पैठ बनाई है। वहीं, दक्षिण बंगाल अब भी तृणमूल का गढ़ बना हुआ है।
2019 के लोकसभा चुनावों में राज्य की 40 सीटों पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में सीधा मुकाबला था। यानी जहां भाजपा जीती, वहां तृणमूल दूसरे नंबर पर रही और जहां तृणमूल को सीट मिली, वहां दूसरे नंबर पर भाजपा थी। 10 से ज्यादा सीटों पर जीत-हार का अंतर 5% या उससे कम रहा।
बिहार चुनावों से कैसे प्रभावित होंगे बंगाल के चुनाव?
बिहार का किशनगंज पश्चिम बंगाल की सीमा पर है। इस्लामपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाके किशनगंज से कुछ ही घंटों की दूरी पर हैं। किशनगंज जैसी 70% मुस्लिम आबादी वाली सीट पर भाजपा की हिंदू प्रत्याशी ने कांग्रेस की जीत मुश्किल कर दी। इस इलाके में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की इंट्री हो चुकी है।
बिहार में पहली बार ओवैसी की AIMIM ने पांच सीटों पर जीत हासिल कर यह संकेत दे दिया है कि वह बंगाल के मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटकटवा पार्टी बन सकती है। उसने पहले ही बंगाल चुनावों की तैयारी तेज कर दी है। इसका पूरा फायदा भाजपा को मिल सकता है। यदि हिंदू वोट कंसोलिडेट हुआ, जिसकी कोशिश भाजपा पिछले कुछ वर्षों से बंगाल में कर रही है तो तृणमूल की परेशानी बढ़ सकती है। इसी तरह AIMIM की मौजूदगी से वोटर्स का ध्रुवीकरण तय है।
मालदा में 51%, मुर्शिदाबाद में 66%, नादिया में 30%, बीरभूम में 40%, पुरुलिया में 30% और ईस्ट और वेस्ट मिदनापुर में 15% मुस्लिम आबादी है। ऐसे में भाजपा की कोशिशें सफल रहीं तो निर्णायक मुस्लिम वोटों वाली सीटों पर वोट बंटेंगे और हिंदू वोट कंसोलिडेट होंगे।
भाजपा का टारगेट 220 से ज्यादा सीटों का
भाजपा की नजर 2021 के विधानसभा चुनावों में 220 सीटों पर है। उसने यह ध्यान में रखते हुए बंगाल में दो इंटरनल सर्वे भी कराए हैं। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे के नतीजे बताते हैं कि आम जनता भाजपा को तृणमूल के विकल्प के रूप में स्वीकार कर रही है।
भाजपा ने दो अलग-अलग एजेंसियों से राज्य के 78 हजार बूथों पर सर्वे कराया। इसमें उसने अपनी और अन्य पार्टियों की ताकत और कमजोरी पता करने की कोशिश की। साथ ही अपने प्रत्याशियों की जीत की क्षमता भी टटोली। भाजपा इसी तरह का एक सर्वे दिसंबर में करा रही है। इन सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर ही पार्टी स्ट्रैटजी बना रही है।
भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने भी बंगाल चुनावों को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है। इससे साफ है कि पार्टी का पूरा ध्यान अब बंगाल पर रहने वाला है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने पिछले विधानसभा चुनावों की तरह साथ आकर चुनाव लड़ा तो ही भाजपा की दिक्कत बढ़ेगी, वरना बंगाल विधानसभा में उलटफेर से इनकार नहीं किया जा सकता।
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Bihar Election 2020 Bihar Assembly Elections 2020 Latest News Update What Next For BJP West Bengal Elections 2021 How Bihar Election Results Will Affect Bengal Elections
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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रामलला का ये भक्त 18 सालों से घूम रहा है नंगे पांव, अब अयोध्या जाकर पहनेगा चप्पल
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चैतन्य भारत न्यूज किशनगंज. राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर भक्त बेहद उत्साहित हैं। जहां अब भक्त राम मंदिर बनने का इतंजार कर रहे हैं और रामलला के दर्शन करने के लिए उत्सुक है। वहीं बिहार के किशनगंज के एक राम भक्त की खुशियों का ठिकाना नहीं है। अब ये राम भक्त चप्पल और जूते पहन सकता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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दरअसल, इस शख्स ने प्रण किया था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक वो नंगे पांव रहेगा। अब यह शख्स 18 साल बाद अपने पैरों में चप्पल पहनेगा।
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हम बात कर रहे हैं किशनगंज जिले के रोलबाग मोहल्ला निवासी देवदास उर्फ देबू दा के बारे में। देव दास किराना दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इसके अलावा वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जिला कार्यवाहक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
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देवदास ने बताया कि साल 2001 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त (साफ) नहीं हो जाता है, तब तक वो चप्पल नहीं पहनेंगे।
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उन्होंने कहा कि, अब वो किसी भी दिन अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे और वहीं अपने पांव में चप्पल पहनेंगे। देवदास राम भक्त के साथ-साथ समाजसेवी भी हैं। वह रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ स्वयं भी रक्तदान करते हैं। ये भी पढ़े... राम मंदिर: 81 वर्षीय महिला ने नहीं ग्रहण किया अन्न, 28 साल बाद 5 अगस्�� को पूरा होगा संकल्प  श्री राम के ननिहाल से मिट्टी लेकर 800 किमी पैदल ही अयोध्या के​ लिए निकल पड़े मुस्लिम भक्त मोहम्मद फैज खान अयोध्या में 5 सदी बाद बनेगा भव्य राम मंदिर, जानिए शुरू से लेकर अब तक की कहानी राम मंदिर भूमि पूजन: PMO ने साझा की प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीरें, अयोध्या में मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू   Read the full article
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Bihar: Locals Took A Pregnant Woman And Her Mother On A Makeshift Boat, Made Of Tyre Tube - बिहारः बाढ़ से हाहाकार, लोगों ने गर्भवती महिला को ट्यूब पर बैठाकर पहुंचाया अस्पताल
Bihar: Locals Took A Pregnant Woman And Her Mother On A Makeshift Boat, Made Of Tyre Tube – बिहारः बाढ़ से हाहाकार, लोगों ने गर्भवती महिला को ट्यूब पर बैठाकर पहुंचाया अस्पताल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दरभंगा Updated Tue, 21 Jul 2020 05:50 PM IST
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बिहार के कई जिलों में बाढ़ से हालात गंभीर हो गए हैं। कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ से सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज,…
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lepannganews-blog · 6 years ago
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कांग्रेस के डर से बीजेपी अभी लगा रही है हरा-जीत का गणित
ले पंगा न्यूज डेस्क, अशोक योगी। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के साथ ही दूसरे फेज की वोटिंग का संभावित ट्रेंड बीजेपी को सताने लगा है। इस फेज में भी बीजेपी को लगभग 22 सीटों पर खतरा नजर आ रहा है। पहले फेज में भी उसकी लगभग इतनी ही सीटें कम होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश ऐसे ही नहीं कर रहे हैं। दोनों चरणों में छत्तीसगढ़ की चार सीटों पर वोटिंग है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में यहां बीजेपी का जो हाल हुआ था, उसके इस बार दोहराए जाने की संभावना है। और यह ठीक ही है कि बीजेपी जानती है कि उसके लिए यहां कुछ भी नहीं है। पहले फेज में बसतर में वोटिंग है। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में 8 में से 7 सीटें कांग्रेस को मिली थीं।
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किशनगंज कांग्रेस की मजबूत सीट मानी जाती है। पिछले चुनाव में भी जेडीयू उम्मीदवार ��ख्तरुल इमान को स्थिति मालूम थी, इसलिए उन्होंने नामांकन के बाद ही कांग्रेस के समर्थन में अपनी उम्मीदवारी छोड़ दी। बगल की कटिहार सीट भी बीजेपी के लिए चुनौती है। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में तारिक अनवर के मैदान में होने से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। दूसरे फेज में जिन दो सीटों पर बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव में जीती थी, उसके मत प्रतिशत का अंतर काफी कम रहा था। महासमुंद में बीजेपी 0.11 और कांकेर में 3.46 प्रतिशत वोटों के अंतर से जीती थी। एक अन्य सीट- राजनंदगांव में पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की सात में से छह सीटों पर कांग्रेस विजयी रही थी। पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े तो यही बताते हैं कि बीजेपी को यहां जीतने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। उत्तर प्रदेश में पहले फेज के चुनाव वाली नोएडा, बिजनौर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, कैराना आदि कई सीटें तो बीजेपी खोएगी ही, दूसर फेज में भी उसके लिए राह आसान नहीं है। कांग्रेस के साथ-साथ एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन इस फेज में भी बीजेपी को परेशान किये रखेगा। अब जैसे, नगीना में पिछली बार बीजेपी को सिर्फ 39 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि एसपी-बीएसपी का संयुक्त वोट शेयर 55 फीसदी था। इसी तरह, फतहेपुर सीकरी में बीजेपी को 44.06 फीसदी ही वोट मिल थे जबकि एसपी-बीएसपी-आरएलडी तब अलग-अलग न लड़ते, तो 50.7 प्रतिशत मत पाते। अमरोहा में बीजेपी को 48.26 प्रतिशत मत मिले थे जबकि एसपी- बीएसपी ने अलग-अलग लड़ा था। अगर मिलकर लड़ते, तो 48.69 फीसदी मत हासिल कर लेते। #congress2019 #loksabhachunav #loksabhasaabhachunav #loksabhachunav #loksabhachunav2019  #राहुलगांधी  #PM   #Modi  #rahulgandhi    #कांग्रेस   #lepannganews  #hindinews  #currentnews  #news  #breakingnews  
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todaypostlive · 2 years ago
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बिहार के किशनंगज में बीएमपी जवान सहित दो जाली नोट के साथ गिरफ्तार
बिहार के किशनंगज में बीएमपी जवान सहित दो जाली नोट के साथ गिरफ्तार
किशनगंज। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उत्तर बंगाल फ्रंटियर के 17 वीं बटालियन किशनगंज सेक्टर और किशनगंज पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में रामपुर के पास डमी जाली नोट के साथ दो युवकों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए युवकों में बिहार सैन्य पुलिस का जवान पप्पू कुमार  मुजफ्फरपुर और चंद्रशेखर सिंह कदमा, राजेपुर, पूर्वी चंपारण का रहने वाला है। दोनों आरोपियों को उस समय गिरफ्तार किया गया जब दोनों बिहार नम्बर की…
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avitaknews · 4 years ago
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सीमांचल में प्रतिबंधित संगठन की गतिविधियां बढ़ने पर गृह मंत्रालय ने किया अलर्ट, सुरक्षा एजेसियां मुस्तैद
सीमांचल में प्रतिबंधित संगठन की गतिविधियां बढ़ने पर गृह मंत्रालय ने किया अलर्ट, सुरक्षा एजेसियां मुस्तैद
होली के मद्देनजर सीमांचल के पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में प्रतिबंधित एक संगठन के लोगों की गतिविधि बढ़ने पर गृह मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है। सीमाई इलाकों पर एसएसबी और अन्य सुरक्षा बलों ने… Source link
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shantinewshindi · 4 years ago
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किशनगंज में युवाओं से नोंकझोंक मामले में जदयू विधायक समेत सात पर केस दर्ज किशनगंज में दिघलबैंक प्रखंड के गंधर्वडांगा थाना क्षेत्र के बालुबाड़ी गांव में स्थानीय जदयू विधायक नौशाद आलम के समर्थकों और स्थानीय युवाओं के बीच सोमवार देर शाम हुई नोकझोंक का मामला सुबह होते-होत तूल... Source link
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thenewspantry · 4 years ago
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गंडक बराज के खोले गए सभी फाटक, बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ा
गंडक बराज के खोले गए सभी फाटक, बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ा
न्यूज पैंट्री डेस्क: बिहार और नेपाल में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश  से बिहार कई नदियां उफान पर हैं. कोसी, कमला, महानंदा, बागमती व गंडक सहित अन्‍य कई नदियाें में लगातार जलस्त�� में वृद्धि हो रही है. नदियों के जलस्तर बढ़ने से सूबे के कई जिलों के निचले इलाके में बाढ़ का कहर शुरू हो गया है. पश्चिम चंपारण स्थित गंडक बराज के सभी फाटकों काे खोल दिया गया है. बराज को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
किशनगंज व…
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jainyupdates · 5 years ago
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बिहार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 22 आईएएस अधिकारियों का हुआ तबादला
बिहार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 22 आईएएस अधिकारियों का हुआ तबादला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Updated Tue, 18 Feb 2020 06:47 AM IST
ट्रांसफर(सांकेतिक) – फोटो : social media
बिहार सरकार ने 22 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार को देर शाम जारी अधिसूचना के अनुसार स्थानांतरित किए गए भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों में पटना नगर आयुक्त तथा पश्चिम चंपारण, कटिहार, खगड़िया, बक्सर, अररिया, पूर्वी चंपारण, किशनगंज,…
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shaileshg · 4 years ago
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नमस्कार!
अच्छी खबर है कि देश में एक्टिव केस एक महीने से लगातार घट रहे हैं। अब सिर्फ 4.34% एक्टिव केस हैं। इस मामले में भारत दूसरे से तीसरे नंबर पर आ गया है। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
सबसे पहले देखते हैं बाजार क्या कह रहा है
BSE का मार्केट कैप 159 लाख करोड़ रुपए रहा। करीब 46% कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही।
2,795 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। 1,283 कंपनियों के शेयर बढ़े और 1,310 कंपनियों के शेयर गिरे।
आज इन इवेंट्स पर नजर रहेगी
दुबई में IPL का पहला क्वॉलिफायर शाम साढ़े सात बजे से। मुंबई-दिल्ली की टीमें आमने-सामने होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अपनी बात रखेंगे।
लोन मोरेटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।
देश-विदेश
अहमदाबाद में हादसा
अहमदाबाद में बुधवार को केमिकल फैक्ट्री में आग लगने और विस्फोट होने से पास के टेक्सटाइल गोदाम की छत गिर गई। आग पूरे गोदाम में फैल गई। उस वक्त वहां 24 कर्मचारी काम कर रहे थे। इनमें से 12 की मौत हो गई। हादसा बॉयलर फटने से हुआ। एक के बाद एक 5 धमाके हुए।
देश में अब सिर्फ 4.34% एक्टिव केस
देश में एक्टिव केसों में एक महीने से लगातार गिरावट आ रही है। इस मामले में भारत अब दूसरे से तीसरे नंबर पर आ गया है। यहां दुनिया के कुल एक्टिव केस में सिर्फ 4.34% मरीजों का इलाज चल रहा है। 26% के साथ अमेरिका पहले नंबर पर और 11% के साथ फ्रांस ��ूसरे नंबर पर है। इटली और बेल्जियम भी टॉप-5 देशों में शामिल हो गए हैं।
अर्नब गोस्वामी गिरफ्तार
मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। अर्नब पर 2018 में एक महिला और उसके बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है। उधर, अर्नब का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। इस बीच अर्नब पर महिला पुलिस से मारपीट का केस भी दर्ज किया गया है।
ऐलान से पहले ट्रम्प का जीत का झूठा दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प ने जीत का झूठा दावा कर दिया। झूठा इसलिए, क्योंकि भारतीय समय के मुताबिक बुधवार रात तक भी जब नतीजे साफ नहीं हो पाए थे, उससे पहले ही ट्रम्प ने कह दिया था कि हम चूंकि हम जीत गए हैं, तो अभी भी जहां-जहां वोटिंग चल रही है, वह सारी वोटिंग रुक जानी चाहिए। इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
फंस गए रे अमेरिकी इलेक्शन
इस बार चुनाव नतीजों में देरी हो रही है। ऐसा सिर्फ कोरोनावायरस की वजह से हो रहा है। 68% वोटर्स ने अर्ली-वोटिंग की है यानी इलेक्शन-डे से पहले। इसमें वोटर्स को पोस्टल बैलेट देने की परमिशन भी है। पोस्टल बैलेट की गिनती धीमी होती है, क्योंकि वोटर और गवाह के दस्तखत और पतों का मिलान करना होता है। अगर कानूनी लड़ाई शुरू हुई तो नतीजे आने में हफ्ता भी लग सकता है।
डीबी ओरिजिनल
पॉजिटिव खबर
राजस्थान के दुर्गाराम चौधरी महज 12 साल की उम्र में घर में किसी को बिना बताए ट्रेन में बैठ गए थे। बस मन में यही था कि कुछ करना है। 150 रुपए लेकर घर से निकले थे, आज दो कंपनियों के मालिक हैं। कंपनियों का टर्नओवर 40 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
बिहार से रिपोर्ट
​​​​​​​सीमांचल के चार जिलों पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज में 24 विधानसभा क्षेत्र हैं और करीब 60 लाख मतदाता। मुस्लिम वोटर्स के लिए ओवैसी भाजपा की टीम ‘B’ हैं। उनका कहना है कि उन्हें वोट देना यानी वोट खाई में फेंकने जैसा है।
भास्कर डेटा स्टोरी
​​​​​​​कोरोना की वजह से पढ़ाई मुश्किल हो गई है। लॉकडाउन के दौरान बच्चे घर पर रहे और इस दौरान देश के 11% पैरेंट्स ने नए मोबाइल लिए ताकि उनके बच्चे पढ़ सकें। चार में से एक बच्चे के प��स न तो कॉपी-किताबें हैं और न ही घर में कोई पढ़ाई में मदद करने वाला। ASER या असर की रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं।
सुर्खियों में और क्या है...
उत्तर प्रदेश के अमेठी में चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां के त्रिलोकपुर गांव में एक बैग में 5 महीने का बच्चा मिला। बैग में सर्दियों के कपड़े, जूता, जैकेट, साबुन, विक्स, दवाएं और 5 हजार रुपए भी रखे हुए थे। इस बैग में एक खत भी था। लिखा था- मेरे बेटे को 5-6 महीने पाल लो, मैं हर महीने पैसे दूंगा।
सरकार ने फौजी अफसरों के बारे में दो प्रस्ताव तैयार किए हैं। पहला यह कि समय से पहले रिटायरमेंट लेने वाले अधिकारियों की पेंशन कम हो जाएगी। दूसरा यह कि रिटायरमेंट की उम्र भी बढ़ा दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है।
फ्रांस से 3 और राफेल भारत आ गए। इन एयरक्राफ्ट ने 7364 किलोमीटर का सफर बिना रुके 8 घंटे में पूरा किया और इस दौरान उनकी 3 बार मिड-एयर री-फ्यूलिंग भी हुई। अब भारत के पास 8 राफेल हो गए हैं।
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Decision on Lone Moratorium and IPL's first finalist today; Trump's false claim before victory in America
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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असम-बिहार में बाढ़ के कहर से 100 के करीब पहुंचा मृतकों का आंकड़ा, जहां रह रहे लोग वहीं जला रहे हैं लाशे
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चैतन्य भारत न्यूज असम और बिहार में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। इन दोनों ही जगह मौत का आकंड़ा 100 के करीब पहुंच चुका है। बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से 67 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 46 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं असम के 29 जिलों में हालात जस के तस बने हुए हैं। यहां बाढ़ से अब तक 27 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 57 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
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खबरों के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों में शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार शामिल हैं। इन जिलों में 137 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जहां 1,14,721 लोग शरण लिए हुए हैं। इनके खाने की व्यवस्था के लिए 1,116 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं। इसके अलावा बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमें लगाई गई हैं और 125 मोटरबोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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बाढ़ की वजह से आलम ये हो गया है कि, मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए जगह तक नहीं बची है। जहां लोग तंबू गाड़कर रह रहे हैं, वहीं बगल में लाशों को भी जलाया जा रहा है। असम में 1.50 लाख से ज्यादा विस्थापित लोग 427 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। जिला प्रशासनों ने 392 राहत वितरण केंद्र बनाए हैं। जबकि मिजोरम में बाढ़ की वजह से 5,000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। ये भी पढ़े  VIDEO : मुंबई में भारी बारिश के कारण गटर में समाई स्कूटी, लोगों ने BMC पर निकाली जमकर भड़ास भारी बारिश के कारण रत्नागिरी में डैम टूटा, 3 की मौत, 24 लापता, दर्जनभर घर पानी में बहे मुंबई की भारी बार‍िश में इस एक्टर की कार पर गिरी ब‍िजली, ऐसे बचाई जान   Read the full article
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