#कांग्रेस में बड़ा बदलाव
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अचानक छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा बदलाव हुआ.
रायपुर । प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता और विधायक मोहन मरकाम की जगह बस्तर से लोकसभा संसद दीपक बैज को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी गई है. इसे लेकर प्रदेश में चुनावी बाजार गर्म हो गया है. भाजपा ने इसे लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है. छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मोहन मरकाम के लिए इसे अपमान करार दिया है. दीपक बैज को नया कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश…

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विपक्ष पर प्रहार: महाकुंभ पर दुष्प्रचार को बताया आस्था का अपमान
उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 को लेकर विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि महाकुंभ किसी सरकार का नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का आयोजन है और इसके खिलाफ दुष्प्रचार करना करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का अपमान है।
महाकुंभ पर झूठा प्रचार: विपक्ष को मिला करारा जवाब
मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा:
"अब तक 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। संगम का जल पूरी तरह स्वच्छ और आचमन योग्य है। लेकिन विपक्ष इसे लेकर झूठा प्रचार कर रहा है और इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है।"
महाकुंभ को लेकर विपक्ष का विरोध: सच्चाई क्या है?
सीएम योगी ने बताया कि महाकुंभ का विरोध करने वाले दल पहले दिन से ही सनातन संस्कृति पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने प्रमुख विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा:
✔ सपा के नेता लगातार इस आयोजन पर सवाल उठा रहे हैं।
✔ ममता बनर्जी ने इसे ‘मृत्युकुंभ’ कहकर श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।
✔ लालू यादव ने इसे ‘फिजूलखर्ची’ बताया।
✔ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भगदड़ में ‘हजारों मौतों’ का झूठा दावा किया।
हालांकि, सच्चाई यह है कि महाकुंभ का आयोजन पूरी तरह भव्य और सफल हो रहा है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ का तंज: "अखिलेश यादव ने चुपचाप डुबकी लगा ली!"
सीएम योगी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा:
"महाकुंभ का विरोध करने वाले भी इसकी आस्था को नकार नहीं सकते। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद चुपचाप डुबकी लगाकर आ गए!"
महाकुंभ किसी पार्टी का नहीं, समाज का आयोजन है
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि महाकुंभ किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है। सरकार सिर्फ सहयोग कर रही है और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है। उन्होंने कहा:
✔ हमारी सनातन परंपराओं का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
✔ दुष्प्रचार करने वालों के बावजूद, महाकुंभ ऐतिहासिक सफलता की ओर बढ़ रहा है।
महाकुंभ की सुरक्षा: भगदड़ और दुर्घटनाओं पर सरकार की प्रतिक्रिया
विधानसभा में विपक्ष ने 29 जनवरी को हुई भगदड़ और अन्य घटनाओं का मुद्दा उठाया, जिस पर सीएम योगी ने कहा:
✔ सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हरसंभव मदद देगी।
✔ महाकुंभ के दौरान हुई किसी भी दुर्घटना पर राजनीति करना अनुचित है।
✔ विपक्ष को अफवाहें फैलाने की बजाय सकारात्मक सहयोग देना चाहिए।
फर्जी वीडियो और अफवाहें फैलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ लोग झूठी खबरें और फर्जी वीडियो फैला रहे हैं।
🔹 काहिरा (मिस्र), नेपाल, झारखंड और अन्य जगहों की पुरानी घटनाओं को महाकुंभ से जोड़कर भ्रम फैलाया गया।
🔹 झूंसी और प्रयागराज में झूठे दावे कर श्रद्धालुओं को गुमराह करने की कोशिश की गई।
🔹 पुलिस और प्रशासन ऐसे मामलों की जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
योगी आदित्यनाथ का विपक्ष पर तीखा हमला: शायरी से दिया करारा जवाब
मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए एक शेर पढ़ा:
"बड़ा हसीन है इनकी ज़ुबान का जादू,
लगाकर के आग, बहार���ं की बात करते हैं।
जिन्होंने रात में चुन-चुन कर बस्तियों को लूट��,
वही नसीबों के मारों की बात करते हैं।"
उन्होंने कहा कि "हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादी पार्टी की पुरानी आदत है।"
✔ विपक्ष ने पहले हिंदी और स्थानीय बोलियों के इस्तेमाल का विरोध किया।
✔ हर बार सकारात्मक बदलाव की आलोचना की जाती है, लेकिन जनता सच्चाई जानती है।
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Jharkhand Congress big changes : झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर हटाए गए, पूर्व आईएएस के. राजू बने नए प्रभारी, डॉ अजय कुमार समेत कई नेता पदमुक्त, कई को नया प्रभार
जमशेदपुर : कांग्रेस ने अपनी टीम में बड़ा बदलाव किया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पदस्थापित करते हुए पंजाब का प्रभारी बनाया गया है जबकि डॉक्टर सैयद नासिर हुसैन को जम्मू कश्मीर और लद्दाख का प्रभारी बनाते हुए महासचिव के पद पर स्थापित किया गया है. डॉ सैयद नासिर हुसैन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यालय में पदस्थापित थे जिनको वहां से…
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Who is the Only Living Ex-PM to resign as CM and Lead India
Introduction
Former PM HD Deve Gowda : भारतीय राजनीति के इतिहास में 90 का दशक काफी उथल-पुथल भरा रहा. जहां पर देश में 1991 से लेकर अक्टूबर 1999 तक 8 सालों में 6 प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलानी पड़ी थी. राजनीतिक अस्थिरता आने की वजह से देश के आर्थिक विकास में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था और उस वक्त राजनीतिक विश्लेषक भी दावा नहीं कर पा रहे थे कि यह संकट कब खत्म होगा. इसी संकट की घड़ी में थर्ड फ्रंट से प्रधानमंत्री पद के लिए एचडी देवगौड़ा का नाम सामने आया वह उस वक्त दक्षिण की राजनीति में एक बड़ा चेहरा थे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर भी विराजमान थे. उनसे पहले पामुलपर्थी वेंकट नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) की अगुवाई वाली सरकार ने 1991-1996 तक 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया.
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VP सिंह और ज्योति बसु को भी दिया ऑफर
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का जीवन
ऐसा रहा पूर्व प्रधानमंत्री का करियर
पीएम के लिए किसने आगे बढ़ाया नाम
राजनीति में आने से पहले क्या करते थे देवगौड़ा
VP सिंह और ज्योति बसु को भी दिया ऑफर
देश की दो राष्ट्रीय पार्टियों (BJP और कांग्रेस) की सरकार नहीं बनने के बाद देश में संयुक्त मोर्चा या थर्ड फ्रंड के रूप उभरकर आया जहां उन्होंने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह और वामपंथी नेता ज्योति बसु को ऑफर दिया लेकिन दोनों नेताओं ने ऑफर को ठुकरा दिया. वहीं, वीपी सिंह से बार-बार अनुरोध किया गया कि वह प्रधानमंत्री पद ग्रहण करें लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. इसी बीच जनता दल के वरिष्ठ नेता एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बनाने का फैसला लिया गया और उस दौरान वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी थे. इसके बाद एचडी देवगौड़ा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिलवाया गया और संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा का सदस्य बनाकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया दिया.

पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का जीवन
यह भी पढ़ें- MP की मोहन सरकार का बड़ा फैसला, धार्मिक शहरों में होगी शराबबंदी, बनाई जा रही है योजना
ऐसा रहा पूर्व प्रधानमंत्री का करियर
साल 1962 में 28 साल की उम्र में देवगौड़ा ने कर्नाटक विधानसभा का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीतने के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वक्ता के रूप में अन्य राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को प्रभावित किया. इसके बाद वह लगातार तीन बार होलेनारसिपुर निर्वाचन क्षेत्र से (1967-1971), (1972-1977) और (1978-1983) चुनाव जीतकर विधानसभा जाते रहें. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री ने मार्च 1972 से मार्च 1976 और 1976 से दिसंबर 1977 तक प्रतिपक्ष नेता के रूप में भी लोगों को ध्यान का अपनी ओर आकर्षित किया. देवेगौड़ा ने 22 नवंबर 1982 को छठी विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी. 7वीं और 8वीं विधानसभा के सदस्य रहते हुए लोक निर्माण और सिंचाई में मंत्री पद संभाला.
सिंचाई मंत्री रहते हुए उन्होंने कई परियोजनाओं को शुरू किया और 1987 में सिंचाई के लिए अपर्याप्त धन आवंटन करने के चलते उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा और उसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. स्वतंत्रता और समानता के समर्थक गौड़ा को 1975-76 में केंद्र सरकार की नाराजगी का सामना करना पड़ा और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद जेल में डाल दिया जहां उन्होंने अपना पूरा समय अध्ययन में लगा दिया. जेल से छूटने के बाद उनके व्यक्तित्व में एक बड़ा बदलाव देखा गया जिसकी वजह से वह परिपक्व और दृढ व्यक्तित्व के साथ अपनी राजनीति का झंडा गाढ़ने में सफल रहे.
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पीएम के लिए किसने आगे बढ़ाया नाम
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राजनीति में आने से पहले क्या करते थे देवगौड़ा
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Conclusion
मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित रखने वाले एचडी देवगौड़ा भारत के 11वें प्रधानमंत्री बने और उन्होंने यह पद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ग्रहण किया. समानता और किसानों के उत्थान के समर्थक रहे रहने वाले देवगौड़ा ने कर्नाटक में सिंचाई मंत्री के दौरान किसानों के लिए कई कार्य किए. इसके बाद वह कर्नाटक में चार बार विधायक का चुनाव जीते. यही वजह थी कि देवगौड़ा दक्षिण भारत की राजनीति का एक मुख्य चेहरा बन गए.
कर्नाटक में वह दो बार प्रतिपक्ष नेता भी रहे जहां उन्होंने अपने वक्तव्य से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. आपको बताते चलें कि 91 वर्षीय एचडी देवगौड़ा वर्तमान की राजनीति में सक्रिय हैं और जनता दल सेक्युलर (JDS) के अध्यक्ष हैं. साथ ही मोदी लहर के दौरान 2014 में उन्होंने एक बार फिर हासन सीट से जीत दर्ज की, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में देवगौड़ा तुमकुर सीट से हार गए. उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार रहे जीएस बासवराज ने हरा दिया था. हालांकि वह राज्यसभा के माध्यम से संसद में पहुंच गए. देवगौड़ की शादी चेन्नम्मा नाम की महिला से हुई है और उनके उससे 4 बेटे और 2 बेटियां हैं. देवगौड़ा का एक बेटा कुमारस्वामी कर्नाटक के दो बार ��ुख्यमंत्री रहे हैं. एक समय ऐसा भी था जब देवगौड़ा की नेतृत्व वाली पार्टी JDS BJP के खिलाफ मुखर होकर चुना लड़ती थी लेकिन बदलते वक्त में उन्होंने उसी पार्टी के साथ गठबंधन करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ा.
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छत्तीसगढ़ कांग्रेस: जिलाध्यक्षों में बड़ा बदलाव, देखें किसे मिली नई जिम्मेदारी
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आज कांग्रेस में शामिल होंगे विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया, कुछ ही देर में लेंगे पार्टी की सदस्यता
Haryana Assembly Election 2024: कांग्रेस पार्टी में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा बदलाव होते हुए दिखाई दे रहा है। जहां ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। 6 सितंबर को विधानसभा चुनाव से पहले दोनों खिलाड़ियों के शामिल होने से राजनीति गलियारे में हलचल बढ़ चुकी है। यह घटनाक्रम 4 सितंबर को नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ उनकी…
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क्या राहुल को गिरफ्तार कर सकती है ED, मोदी सरकार ने कैसे चालाकी से दी थी एजेंसी को ताकत
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता ने शुक्रवार को दावा किया कि संसद में उनके 'चक्रव्यूह' वाले भाषण के बाद (ED) के जरिए उनके खिलाफ छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। राहुल ने कहा कि वह खुली बांहों के साथ ईडी अधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा-जाहिर है, 2 में से 1 को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण अच्छा नहीं लगा। ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया है कि छापेमारी की तैयारी हो रही है। मैं ईडी का खुली बांहों से इंतजार कर रहा हूं। चाय और बिस्कुट मेरी तरफ से... इतना ही नहीं राहुल ने अपने इस पोस्ट में प्रवर्तन निदेशालय के आधिकारिक एक्स हैंडल को टैग भी किया है। राहुल के इस पोस्ट के बाद यह अटकलें लग रही हैं कि क्या राहुल गांधी के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय छापेमारी करेगा। क्या राहुल गिरफ्तार भी हो सकते हैं। ऐसे सभी सवालों के जवाब जानते हैं एक्सपर्ट से और इसे समझते हैं। जब भाजपा सरकार ने चालाकी से PMLA में कर दिया बदलाव सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट अनिल सिंह श्रीनेत बताते हैं कि 2019 की बात है, जब राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं था। इसके बाद भी मोदी सरकार ने पीएमएलए में बदलाव के लिए इसे धन विधेयक की तरह पेश किया था। दरअसल, धन विधेयक को राज्यसभा में पेश नहीं करना पड़ता है। इसे सीधे राष्ट्रपति की ��ंजूरी लेकर लोकसभा में पेश किया जाता है और जहां बहुमत से पास होने के बाद यह कानून बन जाता है। उस वक्त विपक्ष ने इस मामले पर बहुत हंगामा मचाया था। विपक्ष का कहना था कि पीएमएलए में मनी बिल जैसी कोई बात नहीं है। जानबूझकर इसे मनी बिल के तहत लोकसभा से पारित कराया गया, ताकि केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार इसका इस्तेमाल सियासी दुश्मनी को साधने में करना चाहती है। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो उसने भी संशोधन को सही ठहराया। प्रवर्तन निदेशालय के 10 साल के कामकाज का लेखा-जोखा मार्च, 2023 में लोकसभा में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि 2004 से लेकर 2014 तक प्रवर्तन निदेशालय ने 112 जगहों पर छापेमारी की और 5,346 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। वहीं, 2014 से लेकर 2022 के 8 साल के मोदी सरकार के दौरान एजेंसी ने 3,010 छापेमारी की। इन छापेमारियों में करीब 1 लाख करोड़ की संपत्ति अटैच की गई। बीते 8 सालों में राजनीतिक लोगों के खिलाफ ईडी के मामले चार गुना बढ़े हैं। साल 2014 से 2022 के बीच 121 बड़े राजनेताओं से जुड़े मामलों की जाँच ईडी कर रही है। इनमें से 115 नेता विपक्षी पार्टियों से हैं। वहीं, 2004 से लेकर 2014 के 10 साल में 26 नेताओं की जांच ईडी ने की। इनमें से 14 नेता विपक्षी पार्टियों के थे। प्रवर्तन निदेशालय का सियासी हित साधने में ज्यादा इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट अनिल सिंह श्रीनेत कहते हैं कि प्रवर्तन निदेशालय के नियमों में जब बड़ा बदलाव किया गया तो इसके बाद से ही इसके राजनीतिक इस्तेमाल करने के बार-बार आरोप लगते रहे हैं। बीते 10 सालों में ईडी की ऐसी कार्रवाइयां बढ़ी हैं। चाहे वो दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार हो या पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार। महाराष्ट्र में भी इसका खूब इस्तेमाल किया गया है। इसीलिए महाराष्ट्र को एजेंसी का टेस्टिंग ग्राउंड भी कहा जाता है। यूपीए सरकार ने जब खत्म कर दी 30 लाख की लिमिट कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के संशोधन से पहले 30 लाख रुपए या इससे ज्यादा की रकम में हेर-फेर के मामलों में ही मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामले दर्ज होते थे। ऐसे में 2012 तक मनी लॉन्ड्रिंग के 165 मामले ही थे। मगर, 2013 में किए गए संशोधन में 30 लाख की लिमिट खत्म कर दी गई। अब 30 लाख से कम या ज्यादा की रकम से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला होने पर जांच के दायरे में लाया गया। मोदी सरकार के ED में इस बदलाव ने दी स्पेशल पावर एडवोकेट अनिल सिंह के अनुसार, 2019 में सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में सबसे गंभीर बदलाव किए गए। इस बदलाव ने इसे काफी ताकतवर बना दिया। यूपीए ने अगर पीएमएलए के दायरे को बढ़ाया तो मोदी सरकार ने इसे और सख्त बना दिया। इस एक्ट के सेक्शन 45 में यह जोड़�� गया कि ईडी के अफसर किसी भी व्यक्ति को बिना वॉरंट के गिरफ़्तार कर सकते हैं। PMLA में बदलाव कर आवास पर रेड और गिरफ्तारी की शक्ति दी एडवोकेट अनिल सिंह श्रीनेत बताते हैं कि पीएमएलए के सेक्शन 17 के सब-सेक्शन (1) में और सेक्शन 18 में बदलाव कर दिया गया और ईडी को ये ताकत दी गई कि वह इस क़ानून के तहत लोगों के आवास पर छापेमारी, सर्च और गिरफ्तारी कर सकती है। साथ ही ईडी खुद ही एफआईआर दर्ज करके गिरफ्तारी कर सकती थी। वहीं, इससे पहले कांग्रेस सरकार के दौरान किसी जांच एजेंसी की ओर से दर्ज की गई एफआईआर और चार्जशीट में PMLA की धाराएं लगने पर ही ईडी जांच कर सकती थी। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से… http://dlvr.it/TBNldd
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पप्पू यादव ने थामा कांग्रेस का 'हाथ', अखिलेश सिंह हुए परेशान!
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला. पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी का बुधवार को कांग्रेस में विलय हो गया.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया. हालांकि
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सही चुनाव , बड़ा बदलाव । विधानसभा चुनाव विशेष ब्लॉग 2। मध्य प्रदेश ,राजस्थान ,तेलांगना विधानसभा चुनाव ।

दिवाली की सरगर्मियों के साथ राजनीती की गलियां भी आज कल चुनाव के रंग में रंगने लगी है।
अगले महीने होने वाले चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है और मुकाबले के लिए तैयार है।
इस ब्लॉग में हम आपको कुछ ऐसे फैक्ट्स बतायेगे की आप दंग रह जाओगे।
सबसे पहले बात करते है , AdBanao की ��ोस्तों , हमारे कर्नाटक इलेक्शन 2023 में हमारा एनालिसिस और एप मैं इलेक्शन की कवरेज पर सभी पार्टी के कार्यकर्ता, नेता, और आम जनता ने काफी सराहा और हमारे इलेक्शन पोस्टर्स , वीडियोस , एनिमेशन्स , स्टिकर्स भी कन्नड़ और इंग्लिश भाषा में बड़ी मात्रा मै डाउनलोड किये गए।
इसका मतलब साफ़ है, हमारे विश्लेषण और ब्रांडिंग प्लेटफार्म को आप लोगो ने खूब सपोर्ट किया है।
इस बार हम एक नहीं बल्कि तीन बड़े स्टेट के इलेक्शन को अपने एप में कवर करेंगे और आपको
मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना के पोस्टर्स, वीडियोस, ऑडियो जिंगल्स, स्टिकर्स के रेडीमेड टेम्पलेट भी बने बनाये मिल जायेगे वो भी अपनी भाषा में।
1.सबसे पहले आपको प्लेस्टोर या एप्पल स्टोर पर जाने के बाद सर्च बॉक्स में AdBanao सर्च करना है और उसे डाउनलोड करना है।
2.डाउनलोड हो जाने के बाद आपको अपनी सभी डिटेल्स भरनी है, जिसमें नाम, नंबर, एड्रेस इत्यादि है ।
3.अब आपको अपने केटेगरी ( पॉलिटिशियन) सेलेक्ट करना है,
और हो गया आपका प्रोफाइल रेडी ।
4.अभी अभी आपने AdBanao पर अपना अकाउंट बना लिया है और अपनी केटेगरी भी सेलेक्ट कर ली है।
5.अब, आपकी फेवरेट पार्टी सर्च कीजिये।
और आपके पार्टी के चुनाव का प्रचार जोरो शोरो से शरू कर दीजिये।
चलिए अब बात करते है चुनाव की,
सबसे पहले राजस्थान, रजवाड़ो से भरे इस राज्य में हमेशा एक अलग तरीका चलता आया है,
क्या आपको पता है ?
वो है, एक बार तू एक बार मैं।
हर 5 साल में यहाँ सत्ताबदल जाती है।
तो इस साल की बात करें तो राजस्थान में तो भाजपा की सत्ता आनी चाहिए , ऐसा हम नहीं फैक्ट्स और हिस्ट्री कहती है।

पर कांग्रेस भी इस बार पूरी ताकत के साथ और पुराने मनमुटाव मिटाकर मैदान में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है,
प्रियंका गाँधी, सचिन पायलट, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा प्रचार, रणनीति, उमीदवार, क्षेत्र सभी तरह से बाड़े बंदी में लगे हुए है।
दूसरी और भाजपा के चाणक्य अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ मैदान में उतर चुके है ,
झालरपाटन से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार भाजपा का विजय पताका फहराकर तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना चाहती है,
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठोड, प्रदेश अध्यक्ष जोशी जी और कद्दावर नेता किरोड़ी लाला मीणा जैसे नेताओ के साथ राजे ने कांग्रेस को सरकार से नीचे लेकर आने का पूरा प्रयास शुरू कर दिया है।
इसके आलावा , हनुमान बेनीवाल जी के पार्टी RLP भी इस बार भाजपा और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देंगी और दोनों तरफ टिकट न मिलने वाले नेताओ को खूब लुभाने की कोशिश भी करेंगे।
तो ,अपनी पार्टी का करो प्रचार सिर्फ AdBanao एप के साथ ,
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मध्य प्रदेश
भाजपा का गढ़ माने जाने वाले मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने १५ साल बाद सरकार बनाकर २०१८ में दावेदारी तो कर दी पर ,
श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने कई विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी और अपनी ही कमलनाथ की सरकार को नीचे खींच लिया उसके बाद और भाजपा में जाने के बाद सिंधिया जी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए और वापिसी हुयी,
शिवराज सिंह चौहान मामा जी की ।
भाजपा के फायरब्रांड नेता और मुख्यमंत्री पद पर लगातार सालो तक अपने वर्चस्व रखने वाले मामा जी ने मध्य प्रदेश को बीमारू से प्रगति पर अग्रसर तो बना दिया पर अब 15 साल बाद क्या जनता बदलाव चाहती है ? या शिवराज मामा जी अपने पद पर बने रहेंगे ?
इस बार कांग्रेस के लिए प्रतिशोध के साथ , सत्ता में आने का बेहतर अवसर आया है , जहा कमलना���, जीतू पटवारी, दिग्विजय सिंह , सांसद राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी, प्रियंका गाँधी के साथ लाखो कार्यकर्त्ता एड़ी छोटी का जोर लगाने के लिए तैयार है।
क्यों की सभी सर्वे , कांग्रेस की सरकार बनने की पुरजोर संभावना जता रहे है।
तो आप किसको सपोर्ट करना चाहते है कांग्रेस या भाजपा ?
या कोई निर्दलीय?
आपको सबसे बेस्ट, सबसे मस्त पोस्टर्स , वीडियोस मिलेंगे सिर्फ AdBanao एप पर ही।
तो अब शिवराज मामा हो या कमलनाथ,
आप सिर्फ AdBanao का बटन दबाओ।
भारत का सबसे यंगेस्ट स्टेट और सबसे फास्टेट ग्रोइंग स्टेट है तेलंगाना ।
2014 में आंध्र प्रदेश के दो हिस्से होने के बाद उदय हुआ तेलंगाना का।

और उसी के साथ सत्ताधीश हुए BRS पार्टी, और मुख्यमंत्री बने KCR ।
पिछले १० सालों से टीआरएस ( आज की BRS ) पार्टी ही तेलंगाना में सत्ता संभाले हुए है।
यहाँ BJP, कांग्रेस, TDP , जैसी पार्टियां अभी तक KCR के खिलाफ चुनाव जीत नहीं पाए है।
मोदी मैजिक हो या राहुल गाँधी जी का भारत जोड़ो, अभी तक BRS का जवाब दोनों राष्ट्रीय नेताओ को नहीं मिल पाया है।
BRS का कैडर, क्षेत्रीय पार्टी होने का फ़ायदा BRS को हमेशा मिलता रहा है।
पर अब इतने साल बाद भाजपा के किसन रेड्डी, संजय बंदी, अरविन्द धर्मपुरी, टी राजा सिंह, राजेंद्र एटला जैसे नेताओ से सत्ता लेकर आने के गुंजाईश कर रही है।
साथ ही साथ कांग्रेस भी उत्तम कुमार रेड्डी , प्रदेश अध्यक्ष और संसद रेवनाथ रेड्डी और हाल ही में हुए कर्नाटक चुनाव की जीत से गद गद है और इस बार राहुल गाँधी पुरे दम ख़म के साथ तेलंगाना मैं प्रचार कर रहे है।
तो कांग्रेस , BRS या भाजपा कौनसी पार्टी बनाएगी अगला मुख्यमंत्री ?
उसके पहले आप शुरू कीजिये आपके पार्टी का प्रचार वो भी तेलुगु और इंग्लिश में सिर्फ हमारे साथ,
आज ही डाउनलोड कीजिये पोस्टर्स, वीडियोस, एनीमेशन वीडियोस, AI वीडियोस, वो भी अपने पार्टी के स्लोगन्स और लीडर्स के फोटो के साथ।
आने वाले विधान सभा चुनाव मेंआप वोट जरूर करे और भारत के लोकतान्त्रिक दिवाली में जरूर अपना साथ दें ।
( नोट - AdBanao एक ब्रांडिंग प्लेटफार्म है और हम किसी भी विशेष पार्टी, नेता, विचारधारा का सर्मथन नहीं करते।)
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विधानसभा चुनाव : जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष के बीच 2 दिनों में करीब 8 घंटे तक बैठक
BJP Meeting: मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है तो वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन कर रही है. बीजेपी इससे पहले पार्टी में कई बदलाव कर सकती है. BJP Meeting: आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर बीजेपी पार्टी संगठन के स्तर पर बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. जिसको लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल…

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Haryana News: हरियाणा की राजनीति में जल्द ही बड़ा बदलाव होने वाला है
Haryana political News: इनेलो ने बार-बार कांग्रेस के साथ जाने की बात कही तो हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है और जीत सकती है। आम आदमी पार्टी भी हरियाणा में राजनीतिक जमीन ��ासिल करने के लिए हाथ मिलाने के निर्देश दे रही है।
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#मस्कार आप देख रहे mgb डिजिटल इंडिया मैं हु माही और आज हम बात करने जा रहे क्या गुजरात चुनाव में बढ़ र#गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए लगभग सभी राजनीतिक दलों ने ��पनी पूरी ताकत झोंक दी है#एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और टिकट के लिए बगावती रूख सामने आने लगे हैं। इस बीच#गुजरात चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया।#Team Work List#Content Writer:- Mahi Jaiswal#Anchor :- Mahi Jaiswal#Video Editor :- Vishal#Graphic Designer :- Divya Shukla#Digital Marketer :- Anuj Kumar#▶️Please Don't forget to Like#Share & Subscribe to This Youtube Channel.#🌏Website:- http://www.mgbdigitalindia.com#👍Facebook:- https://www.facebook.com/MGBdigitalin...#👩💻Instagram:- https://www.instagram.com/mgbdigitali...#👉 Profile :- https://linkmix.co/11578680#✔️Twitter:- https://twitter.com/MGBdigitalindia#🚩Pinterest:- https://in.pinterest.com/mgbdigitalin...#Breaking News Fb :- https://www.facebook.com/groups/83607...#Bollywood News Fb :- https://www.facebook.com/groups/17865...#Politics News Fb :- https://www.facebook.com/groups/12527...#Thanks You..................🙏👩💻🌍#mgbnews#beakingnews#headline#top10news#mgbdigitalindia#trendingnews#aajtakkibadikhabre#dinbharkikhabre
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Jharkhand Congress big changes : झारखंड कांग्रेस में बड़ा बदलाव, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर हटाए गए, केशव महतो कमलेश बने नए प्रदेश अध्यक्ष, डॉ रामेश्वर उरांव बने विधायक दल के नेता
रांची : कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने झारखंड कांग्रेस में बड़ा बदलाव कर दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को हटा दिया है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह कदम कांग्रेस ने उठाया है ताकि पार्टी में आंतरिक गुटबाजी समाप्त की जा सके. राजेश ठाकुर की जगह कांग्रेस के पुराने नेता केशव महतो कमलेश को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय…
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नहीं होंगे कांग्रेस वर्किंग कमेटी के चुनाव, अध्यक्ष काे दिया मनोनयन का अधिकार
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में स्टीयरिंग कमेटी में बड़ा फैसला रायपुर। राजधानी रायपुर में कांग्रेस के 85वां महाधिवेशन के पहले दिन स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में बड़ा फैसला करते हुए कांग्रेस वर्किंग कमेटी के चुनाव न कराने का बड़ा फैसला किया गया। इसी के साथ पार्टी के संविधान में 16 संशोधन और 32 नियमों में बदलाव का किया जाएगा। फैसलाें के बारे में पत्रकाराें काे जानकारी देते हुए राष्ट्रीय संचार…

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कांग्रेस में बड़ा बदलाव? इन राज्यों के बदलेंगे प्रदेश अध्यक्ष
NCG NEWS DESK नई दिल्ली। कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस पार्टी और कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। इसलिए कांग्रेस ने आगामी 2024 के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने मुख्य रूप से पार्टी में सांगठनिक बदलाव पर जोर दिया है। राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और झारखंड में जल्द ही किसी नए चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके साथ ही सूत्रों…

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