#कयल
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nageshchandramishra · 14 days ago
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विश्व-स्तरीय तकनीकी शिक्षा लेल मातृभाषा मे पढ़ाई- लिखाई’क अनिवार्यता
(*लेखक: नागेश चन्द्र मिश्र,पूर्व अभियंता प्रमुख,झारखंड बिहार)
(Abstract : The author has emphasised the immediate need of promoting world class quality education through the medium of every individual’s own native languages included in the Eighth Schedule of Indian Constitution without too much dependence on English. He has cited some notable engineers’ own experiences quoting the book, “The English Medium Myth : Dismantling Barriers to India’s Growth” by Sankrant Sanu,an IIT luminary.
All the State Centres of Institution of Engineers ( India ) have been requested to come forward for active cooperation, consultation & participation in preparing appropriate courses of study needed from pre - nursery education to lower,medium, higher education in Engineering curriculum as needed by every individual in their own mother tongues for which Sustainable Development Forum,IEI should coordinate with all state centres , States & Central Government’s New Education Policy Initiatives.
At the end of this essay, the author has quoted the perception of Sustainable Development through the spectrum of two Shlokas of Veda and Upanishad . )
मैथिली मे एकटा कहबी छैक,”ऊपर सँ फ़िट फाट,त’र मे मोकामा घाट”,
अर्थात्, बाहर सँ देखबा’ मे तँ खूब नीक,किंतु भीतर मे फोंक - जेकरा अंग्रेज़ी मे “भैक्विटी” कहैत छैक।सरकार भले आई.आई.टी.; एम्स, इंजीनियरिंग - मेडिकल कॉलेज’क जाल पूरा देश मे बिछा दौ’क , मुदा आजुक पढ़निहार विद्यार्थी आ पढ़ौनिहार शिक्षक कें यदि ठीक से कोनो विषय बुझबा’ आ बुझेबा’ मे दिक़्क़त हेतैन्ह ,तँ “थ्री इडियट्��” सिनेमा वला उपहासजन्य रटन्त विद्या सैह भेटैत रहतैक - ओहेन पढ़ाई- लिखाई सँ देश कें कोन लाभ ? भारत मे, जतेक इंजीनियर सभ विभिन्न संस्थान सँ डिग्री प्राप्त क’ रहल छथि , ओहि मे,लगभग मात्र 20% डिग्रीधारी कें ओहि तरहक योग्यता रहैत छन्हिं जिनका कत्तौ नीक नोकरी-चाकरी भेटैन्ह ।
एतय, प्रसिद्ध शिक्षाविद श्री संक्रांत सानू जे गरूड़ प्रकाशनक सर्वे-सर्वा छथि, हुनक पुस्तक, “द इंगलिश मिडियम मिथ : डिसमैंटलिंग बैरियर्स टू इंडियाज ग्रोथ”क संस्मरण मोन पड़ि रहल अछि । हुनक एक संक्षिप्त विडियोक लिंक अनुलग्न अछि https://youtu.be/Fm6ZjnFsZuY?si=NYjVsnp6Y3AXOAsn , जेकरा अवश्य सुनल जाय । संक्रांत सानू जी , आई.आई.टी. कानपुर सँ कंप्यूटर साइंस मे डिग्री प्राप्त कय लगभग एक दशक माइक्रोसॉफ़्ट कॉरपोरेशन मे नोकरी कयलन्हिं । यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस,ऑस्टिन सँ छह गोट टेक्नॉलजी पेटेंट हुनक नामे छन्हिं । एक बेर , ओ अपन ‘अल्मा मेटर’ आई.आई. टी. कानपुर’क फोर्थ ईयर कम्प्यूटर साइंस क्लास’क विद्यार्थी सभक बीच आबि हुनका लोकनिक प्रमुख दिक़्क़त सँ अवगत होअए चाहलाह । हुनका ई देखि-सुनि अपार दुख भेलन्हिं जे अधिकांश विद्यार्थी’क सभसँ पैघ अवरोधक, अंग्रेज़ी भाषा छलैक । तहिये से , श्री संक्रांत सानू , अपन देश वापस आबि, भारतीय भाषाक माध्यम सँ स्कूल - कॉलेज मे पढ़ाई-लिखाई होइक - अइ महायज्ञ मे तत्पर छथि ।
वर्तमान सरकार’क “नव शिक्षा नीति” (न्यू एजुकेशन पॉलिसी) मे , सभ क्षेत्रीय भाषाक माध्यम सँ प्राथमिक,माध्यमिक आ उच्च शिक्षा’क पढ़ाई-लिखाई होइक - ई प्रावधान प्रमुखता सँ कयल गेल अछि जेकर हम क़ायल छी ।
वाल्यावस्थे सँ, शिक्षा -साहित्यक सान्निध्य में लालन-पालन भेला सँ मातृभाषा मैथिली सहित हिन्दी-अंग्रेज़ी- संस्कृत आ अन्य सभ क्षेत्रीय भाषा सँ प्रेम अछि । प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक कार्ल रोजर्स’क उक्ति, “व्हाट इज मॉस्ट पर्सनल इज मॉस्ट जेनरल”क अनुभव सँ हमरा ई मानबा मे कोनो संकोच नहिँ अछि जे जहिया सँ होश भेल - तहिये सँ जे कोनो विचार मोन मे पहिने अबैए - ओ मातृभाषा मैथिलीए मे अबैत अछि ; क्रमिक रूप सँ , हिन्दी आ अंग्रेज़ी भाषा में ओकरा रूपान्तरित करबाक अभ्यास भेल गेल । एहेन कतेको ब्रिलियंट सहपाठी कें देखलयैन्ह जे कोनो विषयक पूर्ण ज्ञान रहलाक बादो, अंग्रेज़ी भाषा मे ओकरा पढ़बा- लिखबा मे स्ट्रगल करैत रहलाह ।
हमरा अपनहुँ, अंग्रेज़ी उच्चारण आ ऐक्सेंट बुझबा’ मे स्कूली शिक्षाक दौरान हरदम दिक़्क़त होइते रहल; इंजीनियरिंग कॉलेज मे जहिया पढ़ैत रही आ सिनेमा हॉल मे अंग्रेज़ी सिनेमा देखी - बहुत कम्मे बुझियैक जे कोन पात्र की बजलैक - हॉल मे देखनहार दर्शक सब कोनो सीन कें देखि-सुनि हँसय, तँ बिना बुझनहुँ, हमहूँ हँसय लागी - जे कमज़ोरी अइ बुढ़ारी धरि एखनो विद्यमान अछि - बिना सब-टाइटिल देखने पढ़ने एखनो बहुतो रास डायलॉग ठीक सँ बुझबा मे दिक़्क़त होइते अछि ।
अइ सँ, ई सद्यः अनुभूति कयल जा सकैत अछि जे कोनो मौलिक विषय ठीक सँ बुझबाक लेल जेना हमरा अपन मातृभाषा मैथिलीक कोरा-कंधा’क आवश्यकता पड़ैत अछि - ओहने आवश्यकता कोनो तेलुगू भाषा-भाषी कें सेहो धीया-पूता सँ होइते हेतैन्हि; तेलुगू मे पढ़ाई-लिखाई’क माध्यम सँ प्राथमिक, माध्यमिक आ उच्च - उच्चतर शिक्षा भेटैत रहला पर हुनका कतेक उपयोगी सिद्ध होइत हेतैन्हिं- से स्वत: अनुमान कय सकैत छी ।एहने आवश्यकता विभिन्न क्षेत्रीय भाषा-भाषी कें होइत हेतन्हिं ।
तैं, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया)क सस्टेनेबल डेवलपमेंट फोरम सँ हम आग्रह करबन्हिं जे प्रत्येक स्टेट सेंटर सँ कॉर्डिनेट कय संप्रति संविधानक अष्टम सूची में शामिल 22 भाषा : Assamese, Bengali, Bodo, Dogri, Gujarati, Hindi, Kannada, Kashmiri, Konkani, Maithili, Malayalam, Manipuri, Marathi, Nepali, Oriya, Punjabi,Santhali, Sanskrit, Sindhi, Tamil, Telugu, Urdu
मे प्राथमिक, माध्यमिक आ उच्च शिक्षा, साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग वग़ैरह कोर्सक पढाई -लिखाई मे गुणवत्तापूर्ण शिक्षाक उन्नति आ विकास मे सक्रिय योगदान कोना दय सकैत छथि, ताहि पर गंभीरता सँ विचार करबाक कृपा करथि ।
ई. अजय कुमार सिन्हा, चेयरमैन,सस्टेनेबल डेवलपमेंट फोरम,इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) सँ ई जानि परम आनंदित भेलहुँ जे इंस्टीट्यूशनक पत्रिका “अभियंता- बंधु”क आगामी विशेष अंक मे विभिन्न क्षेत्रीय भाषाक उपयुक्त लेख प्रकाशित हेतैक जाहि हेतु , हमरो नोत भेटल जे मैथिली मे एक लेख लिखि पठाबी - प्रिय अजय बाबूक प्रति हम आभार प्रगट करैत छी ( इंस्टिट्यूशन सँ एकटा विशेष अनुरोध जे ‘अभियंता बहीन’ लोकनिक सम्मान आ ‘जेण्डर मेनस्ट्रिमि��ग’क ख़ातिर, अइ पत्रिका’क नाम “अभियंता बंधु_बांधवी” जँ राखल जा’ सकय - तँ, अपने लोकनि कृपया विचार करियैक )।
अंत मे , ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट’क जे स्वरूप हमर मोन मे अभरैत अछि, ओहि वेद-उपनिषद्’क निम्नांकित दू गोट श्लोक कें उद्धरित कए , अपन लेख कें समेट रहल छी :-
पश्येम शरद: शतम्
जीवेम शरद: शतम्
बुद्ध्येम शरद: शतम्
रोहेम शरद: शतम्
पूषेम शरद: शतम्
भवेम शरद: शतम्
भूयेम शरद: शतम्
भूयसी शरद: शतात्
( अथर्व वेद , काण्ड 19 , सूक्त 67 )
यानि ,  – सौ बर्ष धरि देखी; सौ बर्ष धरि जीबी ; सौ बर्ष धरि बुद्धि सक्षम रहए; सौ वर्ष धरि वृद्धि होइत रहए ; सौ वर्ष पुष्टि-पोषण होइत रहए ; सौ वर्ष धरि आभामंडल बनल रहए ;सौ वर्ष धरि पवित्रता बनल रहए;सौ वर्षक आगुओ, ई सब कल्याणकारी योग बनल रहए ।
“ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥
ॐ शान्ति��� शान्तिः शान्तिः ॥”
( बृहदकारण्य उपनिषद् )
( ओ पूर्ण छल /सृष्टि उत्पत्ति से पहिनहुँ सँ , उत्पत्ति के बादो ई पूर्ण अछि , माने जे एक पूर्ण सँ दोसर पूर्ण उत्पन्न भेल ओहो पूर्ण अछि। पूर्ण से पूर्ण निकालि दियौ, तैयो, बाद मे जे बचल अछि - ओहो पूर्ण अछि ! ओम्! शांति! शांति! शांति! )
🇮🇳जय हिन्द🇮🇳
————————————————————————————————
*Nagesh Chandra Mishra, Former Engineer-In-Chief, Drinking Water & Sanitation Department ( P.H.E.D. ) & Executive Director, ( PMU ) HRD/IEC , Jharkhand & Bihar is the Life Member of Institution of Engineers since 1970s . He is Founder Chairman, Indian Water Works Association, Bihar as well that of Jharkhand. He Founded Visvesvaraya Sanitation & Water Academy ( ViSWA ) at Ranchi with the active support of State & Central Govt. along with UNICEF.
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newsmug · 1 year ago
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chatgpt-4 · 2 years ago
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ChatGPT के प्रयोग केना करब (Maithili)
प्रश्नक उत्तर मे गहींर धरि खोदब। चैटजीपीटी कें चैट आधारित मेमोरी अहां कें अपन प्रारंभिक सवाल कें जवाब कें बेसि विस्तार सं आगू खोजय कें अनुमति देयत छै. अहां जे जवाब चाहय छी ओकर नजदीक पहुंचय कें लेल अतिरिक्त सवाल पूछय मे सक्रिय रहूं; एआई मे कोनो भाव नहि होइत छैक, तेँ लगातार सवाल पूछबा मे कोनो दिक्कत नहि।
अपन प्रश्न मे विशिष्ट रहू। चैटजीपीटी अस्पष्ट सवालक कें अस्पष्ट जवाब द सकय छै. अपन सवाल के यथासंभव विशिष्ट बनाबय सं अहां के जवाब के सटीकता मे सुधार होएत. उदाहरण. मौसम केहन अछि ? एहि सप्ताह कैलिफोर्निया के मौसम केहन अछि? अहाँ कोन भोजनक सलाह दैत छी ? 10, 000 येन सं कम में कोन-कोन स्थानीय इटैलियन रेस्टोरेंटक सिफारिश करैत छी ? सबसँ नीक सिनेमा कोन अछि ? स्टीवन स्पीलबर्ग के रोमांच सिनेमा? नीक भोजनक बारे मे बताउ।" "हमरा चिकन आ सोया सॉसक प्रयोग सँ नीक रेसिपी दिअ।
विद्यार्थी सभसँ भूमिका निभाबय आ प्रश्नक उत्तर देब। जेना कि "कृपया प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के रूप में ��पना के बुझाउ, " ई सवाल पूछला पर एकटा एहन भाषा में जवाब भेटत जे बच्चा सब बुझि सकय. अलग-अलग दृष्टिकोण स सवाल पूछला स अहां कए बेसी उपयुक्त जानकारी भेटत।
वर्णक संख्या निर्दिष्ट करू। "कृपया 300 अक्षर के भीतर जवाब दियौ, " निर्दिष्ट क' क' अहाँ के संक्षिप्त आ सहज बुझय योग्य उत्तर भेटत. दोसर दिस जँ अहाँ विस्तृत व्याख्या चाहैत छी तँ वर्णक संख्या नमहर निर्दिष्ट करू । मुदा, बेसी नमहर वाक्य बीच मे रुकि सकैत अछि, तें निम्नलिखित तकनीक मददगार भ' सकैत अछि.
प्रश्नकेँ खंडमे बाँटि दियौक। जेना कि अगर अहां चाहय छी जे अहां के उत्तरदाता "इंजीनियर के लेल अनुशंसित ऑफिस चेयर, " पर लेख लिखय, बजाय ओकरा सं पूरा लेख लिखय लेल कहय के बजाय, सवाल के उपशीर्षक या खंड में बांटू, आ अहां के पास एकटा पूरा लेख रहत .
गप्प-सप्पक शैली मे सीखू। अहां संवादात्मक आ मजेदार तरीका सं पढ़ाबय कें लेल ChatGPT कें उपयोग कयर सकय छी. चैटजीपीटी तुरंत संवादात्मक प्रारूप क॑ संभाली सकै छै जे मनुष्य लेली बोझिल होतै । एकर उपयोग यूट्यूब, किताब आदि के लेल रोचक सामग्री बनेबा में कयल जा सकैत अछि |
सभ प्रश्न एके बेर मे नहि पूछू। चरणबद्ध तरीका सं सवाल पूछू ताकि बेसि सटीक जवाब मिल सकय. जेना, "एकरेसिंग के बारे में लेख लिखू, " पूछय के बजाय, आ फेर तुरंत पूछय के बजाय, "अहाँ के एकेरेसिंग के बारे में की पता अछि?" आ फेर पूछू, "एकरेसिंग के बारे मे एकटा लेख लिखू."
प्रश्न अंग्रेजी मे पूछू। चूँकि चैटजीपीटी न॑ अंग्रेजी म॑ कोनो भी भाषा के तुलना म॑ कहीं अधिक डाटा सीखल॑ छै, ई लेली अंग्रेजी म॑ सवाल पूछला स॑ आपकऽ जवाब के सटीकता म॑ सुधार आबै वाला छै । प्रश्न के सामग्री के आधार पर प्रश्न अंग्रेजी में पूछना आरू ओकरा बाद जापानी में अनुवाद करना प्रभावी होय सकै छै ।
प्रश्न उल्टा करू। यदि प्रश्न अस्पष्ट अछि त चैटजीपीटी अपर्याप्त जवाब द सकैत अछि। यदि अहां कोनों विशिष्ट सवाल नै आबी सकै छियै, त अहां ई कहि सकय छी, "कृपया हमरा सं पूछू जे हमरा कोनों सवाल छै जे अहां कें सवाल कें बेहतर जवाब देवय कें लेल, " आ चैटजीपीटी अहां सं उचित जानकारी कें लेल सवाल कें उलटय कें लेल कहि सकय छै.
चैटजीपीटी के छवि कोना भेजल जाय। चैटजीपीटी स्वयं छवि नहि भेज सकैत अछि, मुदा अहाँ ओकरा मार्कडाउन संकेतन क उपयोग कए छवि उत्पन्न करबा सकैत छी । उदाहरण क लेल, "अनस्प्लैश एपीआई क उपयोग कए, एकटा यूआरएल क उपयोग कए एकटा छवि पठाउ जाहि मे अंग्रेजी कीवर्ड (https://source.unsplash.com/960x640/? <कीवर्ड>) अछि, " ChatGPT छवि कए उत्पन्न करत आओर पठा देत.
maithili #chatgpt #chatgpt-4 #gpt4
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nationalnewsindia · 2 years ago
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studycarewithgsbrar · 2 years ago
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ग्लोइंग स्किन: ग्लोइंग स्किन पाने के लिए अपनाएं ये तरीके, ब्यूटी लवर्स हो जाएंगे कायल!
ग्लोइंग स्किन: ग्लोइंग स्किन पाने के लिए अपनाएं ये तरीके, ब्यूटी लवर्स हो जाएंगे कायल!
फटी त्वचा के लिए घरेलू उपचार: कोरियन लड़की की तरह आईने जैसी त्वचा पाना हर महिला का सपना होता है। ज���से वह जीवन भर हासिल करने की ख्वाहिश रखती है। अगर आपकी भी यही इच्छा है, तो चिंता न करें, हम आपको बाजार से महंगे उत्पाद लाने या उन पर पैसा खर्च करने के लिए नहीं कहेंगे, बल्कि हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप भी ऐसी कोरियाई त्वचा पा सकते हैं। . . आपको कुछ घरेलू सामान की जरूरत है जो हर…
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filmythunderofficial · 2 years ago
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Haryanvi Song: सुरमा लगाकर गोरी नागोरी ने चलाएं नैनों से बाण, फैंस हुए कायल
Haryanvi Song: सुरमा लगाकर गोरी नागोरी ने चलाएं नैनों से बाण, फैंस हुए कायल
हरियाणवी नृत्य: राजस्थान से लेकर हरियाणा तक गोरी नागोरी का गौरव आज हर कोई जानता है। गोरी नागोरी नृत्य अब लाखों दिलों पर राज करता है। नागौर की रहने वाली गोरी आए दिन अपने डांस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं. गोरी ने अपने डांस से दर्शकों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है. गोरी को हर दिन स्टेज शो करते देखा जाता है। अब हाल ही में उनका एक स्टेज शो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. कुछ…
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gostcoder · 4 years ago
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सरकार को एकाधिकार हटाने के लिए वाणिज्यिक कोयला खनन किया जाए: निर्मला सीतारमण
सरकार को एकाधिकार हटाने के लिए वाणिज्यिक कोयला खनन किया जाए: निर्मला सीतारमण
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खान मंत्रालय विभिन्न खनिजों के लिए खनिज सूचकांक विकसित करने की प्रक्रिया में है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार राजस्व में हिस्सेदारी के आधार पर वाणिज्यिक खनन की अनुमति देगी। कोयला और सात अन्य क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों की घोषणा करते हुए, “सरकार ने” अटमा निर्भार भारत “आर्थिक पैकेज के रूप में आर्थिक नुकसान की घोषणा की,” कोयला एक सरकारी एकाधिकार है। उस सरकारी…
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news4me · 5 years ago
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China coal mine blast: चीन में कोयला खदान विस्फोट में 15 लोगों की मौत - 15 killed in coal mine explosion in china
China coal mine blast: चीन में कोयला खदान विस्फोट में 15 लोगों की मौत – 15 killed in coal mine explosion in china
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नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 19 Nov 2019, 11:58:42 AM IST
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हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हाइलाइट्स
शांक्शी प्रांत में हुए ब्लास्ट में 15 मजदूरों की मौत, 11 को सुरक्षित निकाला गया
इसी महीने चीन में एक और कोयला खदान ब्लास्ट में 30 मजदूरों की मौत हो गई थी
ब्लास्ट के कारणों का अभी पता नहीं चल सका, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है
सुरक्षा के तमाम इंतजाम के दावों के बाद भी चीन के कोयला खदानों में…
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nageshchandramishra · 14 days ago
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विश्व-स्तरीय तकनीकी शिक्षा लेल मातृभाषा मे पढ़ाई- लिखाई’क अनिवार्यता
(*लेखक: नागेश चन्द्र मिश्र,पूर्व अभियंता प्रमुख,झारखंड बिहार)
(Abstract : The author has emphasised the immediate need of promoting world class quality education through the medium of every individual’s own native languages included in the Eighth Schedule of Indian Constitution without too much dependence on English. He has cited some notable engineers’ own experiences quoting the book, “The English Medium Myth : Dismantling Barriers to India’s Growth” by Sankrant Sanu,an IIT luminary.
All the State Centres of Institution of Engineers ( India ) have been requested to come forward for active cooperation, consultation & participation in preparing appropriate courses of study needed from pre - nursery education to lower,medium, higher education in Engineering curriculum as needed by every individual in their own mother tongues for which Sustainable Development Forum,IEI should coordinate with all state centres , States & Central Government’s New Education Policy Initiatives.
At the end of this essay, the author has quoted the perception of Sustainable Development through the spectrum of two Shlokas of Veda and Upanishad . )
मैथिली मे एकटा कहबी छैक,”ऊपर सँ फ़िट फाट,त’र मे मोकामा घाट”,
अर्थात्, बाहर सँ देखबा’ मे तँ खूब नीक,किंतु भीतर मे फोंक - जेकरा अंग्रेज़ी मे “भैक्विटी” कहैत छैक।सरकार भले आई.आई.टी.; एम्स, इंजीनियरिंग - मेडिकल कॉलेज’क जाल पूरा देश मे बिछा दौ’क , मुदा आजुक पढ़निहार विद्यार्थी आ पढ़ौनिहार शिक्षक कें यदि ठीक से कोनो विषय बुझबा’ आ बुझेबा’ मे दिक़्क़त हेतैन्ह ,तँ “थ्री इडियट्स” सिनेमा वला उपहासजन्य रटन्त विद्या सैह भेटैत रहतैक - ओहेन पढ़ाई- लिखाई सँ देश कें कोन लाभ ? भारत मे, जतेक इंजीनियर सभ विभिन्न संस्थान सँ डिग्री प्राप्त क’ रहल छथि , ओहि मे,लगभग मात्र 20% डिग्रीधारी कें ओहि तरहक योग्यता रहैत छन्हिं जिनका कत्तौ नीक नोकरी-चाकरी भेटैन्ह ।
एतय, प्रसिद्ध शिक्षाविद श्री संक्रांत सानू जे गरूड़ प्रकाशनक सर्वे-सर्वा छथि, हुनक पुस्तक, “द इंगलिश मिडियम मिथ : डिसमैंटलिंग बैरियर्स टू इंडियाज ग्रोथ”क संस्मरण मोन पड़ि रहल अछि । हुनक एक संक्षिप्त विडियोक लिंक अनुलग्न अछि https://youtu.be/Fm6ZjnFsZuY?si=NYjVsnp6Y3AXOAsn , जेकरा अवश्य सुनल जाय । संक्रांत सानू जी , आई.आई.टी. कानपुर सँ कंप्यूटर साइंस मे डिग्री प्राप्त कय लगभग एक दशक माइक्रोसॉफ़्ट कॉरपोरेशन मे नोकरी कयलन्हिं । यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस,ऑस्टिन सँ छह गोट टेक्नॉलजी पेटेंट हुनक नामे छन्हिं । एक बेर , ओ अपन ‘अल्मा मेटर’ आई.आई. टी. कानपुर’क फोर्थ ईयर कम्प्यूटर साइंस क्लास’क विद्यार्थी सभक बीच आबि हुनका लोकनिक प्रमुख दिक़्क़त सँ अवगत होअए चाहलाह । हुनका ई देखि-सुनि अपार दुख भेलन्हिं जे अधिकांश विद्यार्थी’क सभसँ पैघ अवरोधक, अंग्रेज़ी भाषा छलैक । तहिये से , श्री संक्रांत सानू , अपन देश वापस आबि, भारतीय भाषाक माध्यम सँ स्कूल - कॉलेज मे पढ़ाई-लिखाई होइक - अइ महायज्ञ मे तत्पर छथि ।
वर्तमान सरकार’क “नव शिक्षा नीति” (न्यू एजुकेशन पॉलिसी) मे , सभ क्षेत्रीय भाषाक माध्यम सँ प्राथमिक,माध्यमिक आ उच्च शिक्षा’क पढ़ाई-लिखाई होइक - ई प्रावधान प्रमुखता सँ कयल गेल अछि जेकर हम क़ायल छी ।
वाल्यावस्थे सँ, शिक्षा -साहित्यक सान्निध्य में लालन-पालन भेला सँ मातृभाषा मैथिली सहित हिन्दी-अंग्रेज़ी- संस्कृत आ अन्य सभ क्षेत्रीय भाषा सँ प्रेम अछि । प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक कार्ल रोजर्स’क उक्ति, “व्हाट इज मॉस्ट पर्सनल इज मॉस्ट जेनरल”क अनुभव सँ हमरा ई मानबा मे कोनो संकोच नहिँ अछि जे जहिया सँ होश भेल - तहिये सँ जे कोनो विचार मोन मे पहिने अबैए - ओ मातृभाषा मैथिलीए मे अबैत अछि ; क्रमिक रूप सँ , हिन्दी आ अंग्रेज़ी भाषा में ओकरा रूपान्तरित करबाक अभ्यास भेल गेल । एहेन कतेको ब्रिलियंट सहपाठी कें देखलयैन्ह जे कोनो विषयक पूर्ण ज्ञान रहलाक बादो, अंग्रेज़ी भाषा मे ओकरा पढ़बा- लिखबा मे स्ट्रगल करैत रहलाह ।
हमरा अपनहुँ, अंग्रेज़ी उच्चारण आ ऐक्सेंट बुझबा’ मे स्कूली शिक्षाक दौरान हरदम दिक़्क़त होइते रहल; इंजीनियरिंग कॉलेज मे जहिया पढ़ैत रही आ सिनेमा हॉल मे अंग्रेज़ी सिनेमा देखी - बहुत कम्मे बुझियैक जे कोन पात्र की बजलैक - हॉल मे देखनहार दर्शक सब कोनो सीन कें देखि-सुनि हँसय, तँ बिना बुझनहुँ, हमहूँ हँसय लागी - जे कमज़ोरी अइ बुढ़ारी धरि एखनो विद्यमान अछि - बिना सब-टाइटिल देखने पढ़ने एखनो बहुतो रास डायलॉग ठीक सँ बुझबा मे दिक़्क़त होइते अछि ।
अइ सँ, ई सद्यः अनुभूति कयल जा सकैत अछि जे कोनो मौलिक विषय ठीक सँ बुझबाक लेल जेना हमरा अपन मातृभाषा मैथिलीक कोरा-कंधा’क आवश्यकता पड़ैत अछि - ओहने आवश्यकता कोनो तेलुगू भाषा-भाषी कें सेहो धीया-पूता सँ होइते हेतैन्हि; तेलुगू मे पढ़ाई-लिखाई’क माध्यम सँ प्राथमिक, माध्यमिक आ उच्च - उच्चतर शिक्षा भेटैत रहला पर हुनका कतेक उपयोगी सिद्ध होइत हेतैन्हिं- से स्वत: अनुमान कय सकैत छी ।एहने आवश्यकता विभिन्न क्षेत्रीय भाषा-भाषी कें होइत हेतन्हिं ।
तैं, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया)क सस्टेनेबल डेवलपमेंट फोरम सँ हम आग्रह करबन्हिं जे प्रत्येक स्टेट सेंटर सँ कॉर्डिनेट कय संप्रति संविधानक अष्टम सूची में शामिल 22 भाषा : Assamese, Bengali, Bodo, Dogri, Gujarati, Hindi, Kannada, Kashmiri, Konkani, Maithili, Malayalam, Manipuri, Marathi, Nepali, Oriya, Punjabi,Santhali, Sanskrit, Sindhi, Tamil, Telugu, Urdu
मे प्राथमिक, माध्यमिक आ उच्च शिक्षा, साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग वग़ैरह कोर्सक पढाई -लिखा��� मे गुणवत्तापूर्ण शिक्षाक उन्नति आ विकास मे सक्रिय योगदान कोना दय सकैत छथि, ताहि पर गंभीरता सँ विचार करबाक कृपा करथि ।
ई. अजय कुमार सिन्हा, चेयरमैन,सस्टेनेबल डेवलपमेंट फोरम,इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) सँ ई जानि परम आनंदित भेलहुँ जे इंस्टीट्यूशनक पत्रिका “अभियंता- बंधु”क आगामी विशेष अंक मे विभिन्न क्षेत्रीय भाषाक उपयुक्त लेख प्रकाशित हेतैक जाहि हेतु , हमरो नोत भेटल जे मैथिली मे एक लेख लिखि पठाबी - प्रिय अजय बाबूक प्रति हम आभार प्रगट करैत छी ( इंस्टिट्यूशन सँ एकटा विशेष अनुरोध जे ‘अभियंता बहीन’ लोकनिक सम्मान आ ‘जेण्डर मेनस्ट्रिमिंग’क ख़ातिर, अइ पत्रिका’क नाम “अभियंता बंधु_बांधवी” जँ राखल जा’ सकय - तँ, अपने लोकनि कृपया विचार करियैक )।
अंत मे , ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट’क जे स्वरूप हमर मोन मे अभरैत अछि, ओहि वेद-उपनिषद्’क निम्नांकित दू गोट श्लोक कें उद्धरित कए , अपन लेख कें समेट रहल छी :-
पश्येम शरद: शतम्
जीवेम शरद: शतम्
बुद्ध्येम शरद: शतम्
रोहेम शरद: शतम्
पूषेम शरद: शतम्
भवेम शरद: शतम्
भूयेम शरद: शतम्
भूयसी शरद: शतात्
( अथर्व वेद , काण्ड 19 , सूक्त 67 )
यानि ,  – सौ बर्ष धरि देखी; सौ बर्ष धरि जीबी ; सौ बर्ष धरि बुद्धि सक्षम रहए; सौ वर्ष धरि वृद्धि होइत रहए ; सौ वर्ष पुष्टि-पोषण होइत रहए ; सौ वर्ष धरि आभामंडल बनल रहए ;सौ वर्ष धरि पवित्रता बनल रहए;सौ वर्षक आगुओ, ई सब कल्याणकारी योग बनल रहए ।
“ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥”
( बृहदकारण्य उपनिषद् )
( ओ पूर्ण छल /सृष्टि उत्पत्ति से पहिनहुँ सँ , उत्पत्ति के बादो ई पूर्ण अछि , माने जे एक पूर्ण सँ दोसर पूर्ण उत्पन्न भेल ओहो पूर्ण अछि। पूर्ण से पूर्ण निकालि दियौ, तैयो, बाद मे जे बचल अछि - ओहो पूर्ण अछि ! ओम्! शांति! शांति! शांति! )
🇮🇳जय हिन्द🇮🇳
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*Nagesh Chandra Mishra, Former Engineer-In-Chief, Drinking Water & Sanitation Department ( P.H.E.D. ) & Executive Director, ( PMU ) HRD/IEC , Jharkhand & Bihar is the Life Member of Institution of Engineers since 1970s . He is Founder Chairman, Indian Water Works Association, Bihar as well that of Jharkhand. He Founded Visvesvaraya Sanitation & Water Academy ( ViSWA ) at Ranchi with the active support of State & Central Govt. along with UNICEF.
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ckpcity · 4 years ago
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महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कोयला खदान का उद्घाटन किया, कम प्रदूषण का आह्वान किया
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कोयला खदान का उद्घाटन किया, कम प्रदूषण का आह्वान किया
नागपुर / मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नागपुर के पास पश्चिमी कोलफील्ड्स अदसा कोयला खदान का उद्घाटन किया और प्रदूषण के स्तर को कम करने पर ध्यान देने के साथ ऐसी खानों के उचित उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
उद्घाटन के बाद बोलते हुए, ठाकरे ने कहा कि यदि गुणवत्ता वाले कोयले के उत्पादन पर ध्यान दिया जाता है, तो देश में बिजली की कमी की…
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sonita0526 · 5 years ago
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पीएम इमरान की 'कातिल मुस्कान' की कायल हुई पाकिस्तानी मंत्री, लोग बोले- 'जैसे बॉलीवुड में सलमान खान वैसे ...
पीएम इमरान की 'कातिल मुस्कान' की कायल हुई पाकिस्तानी मंत्री, लोग बोले- 'जैसे बॉलीवुड में सलमान खान वैसे …
पाकिस्तान में एक वीडियो वायरल हुआ ���ै जिसमें जलवायु परिवर्तन के मामलों में संघीय राज्य मंत्री जरताज गुल वजीर को प्रधानमंत्री इमरान खान की एक अलग अंदाज में प्रशंसा करते देखा जा रहा है। इसमें वह इमरान की तारीफों के पुल बांधने के दौरान उनकी 'कातिल मुस्करा��ट' का जिक्र करती दिख रही हैं। वीडियो में जरताज गुल ने इमरान को करिश्माई व्यक्ति को बताया है। वह इमरान की 'कातिल मुस्कराहट' के साथ-साथ उनकी…
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kamalahmadbrh · 5 years ago
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कोयला खदान में विस्फोट; 15 लोगों की मौत, 9 जख्मी
कोयला खदान में विस्फोट; 15 लोगों की मौत, 9 जख्मी
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बीजिंग. उत्तर चीन के शांक्सी प्रांत में स्थित कोयला खदान में सोमवार को हुए गैस विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई। जबकि 9 जख्मी हो गए। शांक्सी के अधिकारियों ने मंगलवार कोकहा कि हादसे के समय 35 कर्मचारी पिंग्याओ काउंटी की कोयला खदान में जमीन के नीचे काम कर रहे थे। न्यूज ��जेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, 11 कर्मचारियों को खदान से सुरक्षित निकाल लिया गया है।
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news4me · 5 years ago
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Rohit Sharma: रोहित शर्मा की बल्लेबाजी के कायल हैं जोस बटलर, बोले- बड़े शतक से विरोधी टीम को पस्त कर सकते हैं भारतीय ओपनर - jos butler is convinced about rohit sharma batting style
Rohit Sharma: रोहित शर्मा की बल्लेबाजी के कायल हैं जोस बटलर, बोले- बड़े शतक से विरोधी टीम को पस्त कर सकते हैं भारतीय ओपनर – jos butler is convinced about rohit sharma batting style
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जोस बटलर
नई दिल्ली इंग्लैंड के बल्लेबाज जोस बटलर ने रोहित शर्मा की तारीफों के पुल बांधते हुए भारत के सलामी बल्लेबाज को बेहतरीन खिलाड़ी करार दिया है जो बिना अधिक प्रयास किए बड़े शतक जमाकर विरोधी टीम को पस्त कर सकता है। राजस्थान रॉयल्स के पेज पर बटलर ने ‘इंस्टाग्राम लाइव चैट’ के दौरान कहा कि रोहित बेहतरीन खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘बल्लेबाजी में सरलता। भारत के काफी खिलाड़ियों के पास यह…
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nageshchandramishra · 4 years ago
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युग-पुरूष डाक्टर अमरनाथ झा : बाबूक अमरनाथ भाई (आ हमर कका )
- हमर पहिल आ अंतिम भेँट
[ 124म जयंतीक शुभ अवसर पर ]
( लेखक : नागेश चन्द्र मिश्र , सेवा निवृत्त अभियंता प्रमुख )
अइ मास 16 फ़रवरी कें सरस्वती पूजा आ 21 फ़रवरी कें मातृभाषा दिवस रहैक !अही बीच साहित्यिकीक 27म बार्षिकोत्सवक शुभ अवसर पर अपन गाम नवटोल सरिसब-पाहीक परिक्रमा कय पटना जखने सँ घुरलौंह अछि - अपन बाल्यावस्थाक कतेको मधुर संस्मरण हमर मोन कें रससिक्त कयने अछि !
आइ 25 फ़रवरीक भोरे सँ पंडित अमरनाथ झा अर्थात् बाबू ( हमर पिता ) क ‘अमरनाथ भाई’ आ ( हमर ‘अमरनाथ कका’ ) मोन पड़ि रहल छथि - अंग्रेज़ी तारीख़क हिसाबें आइ सँ 124 बर्ष पहिने 25 फ़रवरी 1897 कें ( आ तिथिक हिसाबे सरस्वती पूजा दिन ) हुनक जन्म भेल रहन्हिं !
पंडित अमरनाथ झाक परिवार-गाम सँ हमर परिवार केँ की - कोना - कहिया सँ कोन संबंध-अनुबंध छैक - अइ पहेली कें अइ क्षण ओहिना रहए दिऔक - कहियो आन दिन ले !
एखन हम अपन अमरनाथ कका’क “मधुर” संस्मरण मात्रक चर्चा करब ( हुनक सारस्वत साधना, व्यक्तित्व - कृतित्व , विद्या-वैभव पर विद्वत्जन युग - युगान्तर तक हुनक विषय मे कतबो कहैत रहि जेता , हुनक ज्योति-पुंज भुवन - भास्कर जकॉं सभ दिन अक्षुण्ण बनले रहतन्हिं ! )
ई संस्मरण थिक 1952-54 कालखंडक ! हम सात बरखक रही ! हमर पिता पंडित हरिश्चंद्र मिश्र , स्पेशल ऑफ़िसर , राज दरभंगा क पद पर कार्यरत रहथि आ श्यामा मंदिर , माधवेश्वर प्रांगण सँ पूब दरभंगा राजक बँगलाक विशाल परिसर मे हमरा लोकनि शंकरपुर सर्किल सँ एलाक बाद ओतय रहैत रही ! भवनाथ कका ( कैप्टन डा. भवनाथ झा , चीफ़ मेडिकल ऑफ़िसर , दरभंगा राज हॉस्पीटल जे पंडित अमरनाथ झाक जेठ सोदर भाई रहथीन्ह ) छह नंबर बंगला , डेनबी रोड मे रहैत रहथिन्ह ! अमरनाथ कका जहिया कहियो दरभंगा अबथिन्ह , ओत्तहि डेरा रहैत रहन्हिं ! भवनाथ कका ���ें ऑंखि सँ यद्यपि ओहि कालखंड मे बहुत कम सुझैत रहैन्ह , तथापि बाबू कें ततेक मानैत रहथीन्ह जे बेसी काल हमरा सभ’क खोज करै ले मोटर सँ आबि जाथिन्ह आ घंटाक घंटा बाबू सँ गप्प होइत रहन्हि ! ओ बाबू सँ की गप्प करथिन्ह - से तँ हम नहिं बुझियै , मुदा बाबू’क ‘लुटकुन’ रही , तैं , अमरनाथ कका सहित अपन भाय- बहीनि , परिवारक किछु गप-शप कान मे जायल करए ! ओही क्रम मे ई बुझल भए गेल जे अमरनाथ कका बहुत विद्वान लोक छथीन्ह , तैं बाबू कें कहलिअन्हिं जे ओ जखन दरभंगा कहियो अबथिन्ह - हमरो भेँट करा देब !
एक दिन बाबू हेड ऑफिस सँ घुरलाह तँ कहलन्हिं जे , “ यौ कुमार (हमर घरक नाम ) ! हम छह नंबर बंगला गेल रही - ओतय अमरनाथ भाई आयल छथि , हुनके भेंट करबा ले गेल रही , अहॉं दय कहलिअन्हिं , तों ओ हमरा कहलन्हिं जे काल्हि आठ बजे अहॉं कुमार कें लय कें हमर भेंट करू ! “ प्रात भेने , बाबू संग छह नंबर बंगला पहुंचलहुँ ! ओ हमर प्रतीक्षा करैत रहथि आ जखने पैर छूबि गोर लगलयन्हिं , खूब दुलार सं कहलन्हिं जे , “आइ हमर ‘चीफ़ गेस्ट’ अहीं छी ; हमरा बुझल अछि जे अहॉं कें रसगुल्ला नीक लगैए” - से कहि जे क्यो खबास रहै , ओकरा इशारा सँ किछु कहलखीन्ह ! हमर समक्ष “मधुर” सँ भरल पात्र राखल गेल आ अमरनाथ कका कहलन्हिं जे देखी , अहॉं कतेक रसगुल्ला खाय सकैत छी ! हम “मधुर” पर टूटि पड़लौंह आ ओ खुअबैत रहलाह - सभटा सधा देलियैक आ मोन पूर्ण रूप सँ तृप्त भए गेल ! ओहि बीच ओ पूरा - पूरा ध्यान रखलन्हिं जे हम कम्फ़र्ट ज़ोन में रहि हुनका सँ फ्रेंडली बनल रही ! हाथी दॉंतक बनल एकटा सनेस सेहो देलन्हिं आ फेर आबि भेँट कयल करयैन्ह , सेहो आग्रह कयलन्हिं !
कोनो सात बरखक बच्चा कें ओतेक पैघ लोक एतेक “स्पेशल ट्रीटमेंट “ देतैक - ई हमरा लेल अद्भुत क्षण तँ रहबे कैल - ह्यूमन एलिमेन्ट्सकें फॉरमेटिव स्टेजहिं सँ कोना ट्रीटमेंट देल जयबाक चाही - एकर प्राथमिक शिक्षा सेहो सहजहिं भेट गेल छल !
ओहि दिन कहॉं बुझैत रहियैक जे ई पहिल आ अंतिम भेँट छल - हुनका सँ फेर भेँट होइते, - तइ सँ पहिने , 2 सितम्बर 1955 कें भगवान अमरनाथ कका कें अपना लग बजा लेलखीन्ह !
ओहेन महान दिव्य पवित्र आत्माक मधुर स्मरण मात्र सँ मोन पंडित जयदेव क “मधुराष्टकम्”क गीत गोविंद सँ गुंजायमान होइत रहैत अछि आ अमरनाथ ककाक मधुर आशीर्वादक अमृत-गंगाक ��सपान करैत भाव-विभोर भए जाइत छी !
युग - युग जीबथि अमरनाथ कका 💐💓💐💓💐💓💐💓💐💓💐💓💐💓💐💓💐👏❗️
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sonita0526 · 5 years ago
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नेपोटिज्म पर अनन्या की सफाई सुनने सिद्धांत चतुर्वेदी ने कही दमदार बात, फैन्स हो गए कायल
नेपोटिज्म पर अनन्या की सफाई सुनने सिद्धांत चतुर्वेदी ने कही दमदार बात, फैन्स हो गए कायल
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बॉलीवुड डेस्क। अनन्या पांडे का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो फिल्म क्रिटिक राजीव मंस की न्यूकमर्स राउंडटेबल 2019 का है। इस शो का हिस्सा अन्न्या पांडे, सिद्धांत चतुर्वेदी, विशाल जेठवा, अभिमन्यु दासानी, सलोनी बत्रा, गीतिका वैद्य जैसे न्यूकमर्स बने। शो के दौरान राजीव मसंद ने अनन्या से नेपोटिज्म पर सवाल किया जिसका जवाब देकर अनन्या ट्रोल हो गए और अनन्या के जवाब पर एक दमदार अभिनय करने…
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