7 notes
·
View notes
0 notes
0 notes
1 note
·
View note
0 notes
काशी में केशव बण आया, सम्मन के घर भोग लगाया।
सेऊ धड़ पर शिश चढ़ाया, यह काटैं कर्म की फांस।।
संत गरीबदास जी बताते हैं कि कबीर साहेब ही काशी में केशव बनजारे के रूप में आकर तीन दिन का भंडारा कराया था और सम्मन की सेवा से खुश होकर उसके पुत्र सेऊ की कटि गर्दन को भी जोड़कर जीवित किया था। कबीर साहेब ही हमें काल के कर्मबंधनों से छुड़वाते हैं जिससे बन्दीछोड़ कहलाते हैं।
#परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना #kalyug #god #avatar #Satyug #hinduism
#sanatandharma #bhagavadgita
#KabirParmatma_Prakat Diwas
#KabirPrakatDiwas #KabirisGod #kabir
#SaintRampalJiQuotes
#SaintRampalJi #SantRampalJiMaharaj
10 notes
·
View notes
काशी में केशव बण आया, सम्मन के घर भोग लगाया।
सेऊ धड़ पर शिश चढ़ाया, यह काटैं कर्म की फांस।।
संत गरीबदास जी बताते हैं कि कबीर साहेब ही काशी में केशव बनजारे के रूप में आकर तीन दिन का भंडारा कराया था और सम्मन की सेवा से खुश होकर उसके पुत्र सेऊ की कटि गर्दन को भी जोड़कर जीवित किया था। कबीर साहेब ही हमें काल के कर्मबंधनों से छुड़वाते हैं जिससे बन्दीछोड़ कहलाते हैं।
3 notes
·
View notes
#परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना
#कलयुग #सतयुग #YugParivartan #kalyug #god #avatar #Satyug #hinduism
#sanatandharma #bhagavadgita
#KabirParmatma_Prakat Diwas
#SantRampalJiMaharaj
#KabirPrakatDiwas #KabirisGod #kabir #god #GodKabirPrakatDiwas
#SantRampalJiQuotes🎈काशी में केशव बण आया, सम्मन के घर भोग लगाया।
सेऊ धड़ पर शिश चढ़ाया, यह काटैं कर्म की फांस।।
संत गरीबदास जी बताते हैं कि कबीर साहेब ही काशी में केशव बनजारे के रूप में आकर तीन दिन का भंडारा कराया था और सम्मन की सेवा से खुश होकर उसके पुत्र सेऊ की कटि गर्दन को भी जोड़कर जीवित किया था। कबीर साहेब ही हमें काल के कर्मबंधनों से छुड़वाते हैं जिससे बन्दीछोड़ कहलाते हैं।
2 notes
·
View notes
काशी में केशव बण आया, सम्मन के घर भोग लगाया।
सेऊ धड़ पर शिश चढ़ाया, यह काटैं कर्म की फांस।।
संत गरीबदास जी बताते हैं कि कबीर साहेब ही काशी में केशव बनजारे के रूप में आकर तीन दिन का भंडारा कराया था और सम्मन की सेवा से खुश होकर उसके पुत्र सेऊ की कटि गर्दन को भी जोड़कर जीवित किया था। कबीर साहेब ही हमें काल के कर्मबंधनों से छुड़वाते हैं जिससे बन्दीछोड़ कहलाते हैं।
2 notes
·
View notes
2 notes
·
View notes
काशी में केशव बण आया, सम्मन के घर भोग लगाया।
सेऊ धड़ पर शिश चढ़ाया, यह काटैं कर्म की फांस।।
संत गरीबदास जी बताते हैं कि कबीर साहेब ही काशी में केशव बनजारे के रूप में आकर तीन दिन का भंडारा कराया था और सम्मन की सेवा से खुश होकर उसके पुत्र सेऊ की कटि गर्दन को भी जोड़कर जीवित किया था। कबीर साहेब ही हमें काल के कर्मबंधनों से छुड़वाते हैं जिससे बन्दीछोड़ कहलाते हैं
2 notes
·
View notes
0 notes
🎈काशी में केशव बण आया, सम्मन के घर भोग लगाया।
सेऊ धड़ पर शिश चढ़ाया, यह काटैं कर्म की फांस।।
संत गरीबदास जी बताते हैं कि कबीर साहेब ही काशी में केशव बनजारे के रूप में आकर तीन दिन का भंडारा कराया था और सम्मन की सेवा से खुश होकर उसके पुत्र सेऊ की कटि गर्दन को भी जोड़कर जीवित किया था। कबीर साहेब ही हमें काल के कर्मबंधनों से छुड़वाते हैं जिससे बन्दीछोड़ कहलाते हैं।
3 notes
·
View notes
#GodKabir
🎈काशी में केशव बण आया, सम्मन के घर भोग लगाया।
सेऊ धड़ पर शिश चढ़ाया, यह काटैं कर्म की फांस।।
संत गरीबदास जी बताते हैं कि कबीर साहेब ही काशी में केशव बनजारे के रूप में आकर तीन दिन का भंडारा कराया था और सम्मन की सेवा से खुश होकर उसके पुत्र सेऊ की कटि गर्दन को भी जोड़कर जीवित किया था। कबीर साहेब ही हमें काल के कर्मबंधनों से छुड़वाते हैं जिससे बन्दीछोड़ कहलाते हैं।
2 notes
·
View notes
#GodKabir_Comes_In_All_4Yugas
🎈काशी में केशव बण आया, सम्मन के घर भोग लगाया।
सेऊ धड़ पर शिश चढ़ाया, यह काटैं कर्म की फांस।।
संत गरीबदास जी बताते हैं कि कबीर साहेब ही काशी में केशव बनजारे के रूप में आकर तीन दिन का भंडारा कराया था और सम्मन की सेवा से खुश होकर उसके पुत्र सेऊ की कटि गर्दन को भी जोड़कर जीवित किया था। कबीर साहेब ही हमें काल के कर्मबंधनों से छुड़वाते हैं जिससे बन्दीछोड़ कहलाते हैं।
2 notes
·
View notes
#GodKabir_Comes_In_All_4Yugas
काशी में केशव बण आया, सम्मन के घर भोग लगाया।
सेऊ धड़ पर शिश चढ़ाया, यह काटैं कर्म की फांस।।
संत गरीबदास जी बताते हैं कि कबीर साहेब ही काशी में केशव बनजारे के रूप में आकर तीन दिन का भंडारा कराया था और सम्मन की सेवा से खुश होकर उसके पुत्र सेऊ की कटि गर्दन को भी जोड़कर जीवित किया था। कबीर साहेब ही हमें काल के कर्मबंधनों से छुड़वाते हैं जिससे बन्दीछोड़ कहलाते हैं।
2 notes
·
View notes