एससी एसटी आरक्षण में कोटा के अंदर कोटा मामले में रिव्यू पिटिशन दायर, जानें वकील ने क्या दिया तर्क
Delhi News: सुप्रीम कोर्ट में एक रिव्यू पिटिशन दायर की गई है. इसमें 1 अगस्त को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें अनुसूचित जातियों के उपवर्गीकरण की अनुमति दी गई थी, ताकि अनुसूचित जातियों के भीतर अधिक पिछड़े समूहों के लिए अलग से कोटा प्रदान किया जा सके.
एडवोकेट जयश्री पाटिल ने समीक्षा याचिका दायर करते हुए तर्क…
0 notes
Bharat Bandh : बिहार में भारत बंद का भारी असर; यातायात व्यवस्था बाधित
पटना। Bharat Bandh : एससी- एसटी के आरक्षण में क्रिमीलेयर लागू करने के विरोध में पूरे बिहार में प्रदर्शन हो रहा है। इसे लेकर लोग सड़क पर उतर गए हैं। पटना, जहानाबाद, छपरा, सिवान से लेकर शेखपुरा की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। कई जगह तो यातायात व्यवस्था बाधित होने की खबर सामने आ रही है। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Monsoon session : गैरसैंण में विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र…
0 notes
भारत में सुप्रीम कोर्ट ने Sc St आरक्षण में वर्गीकरण करने तथा एससी एसटी में क्रीमी लेयर बनाने का विचार प्रकट किया है जो कि वर्तमान गरीब और अत्यधिक पिछड़े हरिजनों के उत्थान के लिए अत्यंत आवश्यक है। अभी एससी एसटी आरक्षण का भरपूर लाभ सिर्फ धनवान दलित समाज ही ले रहा है क्योंकि उनके पास सभी संसाधन उपलब्ध हैं जिस कारण उनके बच्चे अच्छी कोचिंग और स्कूल में जा रहे हैं और घर पर भी उनको सभी सुविधाओं का लाभ मिलता है जबकि एक आउटसोर्सिंग पर काम करने वाला सफाई कर्मी, अन्य कर्मचारी या ठेला लगाने बाला दलित धन के अभाव में अपने बच्चे को तुलनात्मक रेप से अच्छी शिक्षा नहीं दे पाता है तो जब किसी परीक्षा में गरीब और अमीर दलित के बच्चे प्रतिभाग करते हैं तो उनके आरक्षित वर्ग में एक धनवान दलित समाज का बच्चा अधिक नंबर लाता है और जिस कारण आरक्षण का लाभ उसी अमीर को मिल जाता है। जो दलित प्रोफेसर, आईएएस या अन्य बड़े पद पर कार्यरत है तो उसको आरक्षण की अब क्या आवश्यकता है। दलित समाज में जो पति पत्नी दोनों ही बड़े अधिकारी है उनके घर में प्रतिमाह लगभग 7 लाख रुपए वेतन आ जाता है। इतना धन आने के बाद वह अपनी संतान को बहुत अच्छा ट्यूशन, स्कूल, कॉलेज, कोचिंग उपलब्ध कराते हैं और इतना सब होने के बाबजूद भी उनको एससी एसटी आरक्षण का पूरा लाभ भी दिया जाता है जिसमे कि उन्हें वजीफा, रेलवे यात्रा पास और बहुत सी सुविधाएं निशुल्क दी जाती है।
अब आप तुलना करिए कि एक ���रीब दलित हरिजन परिवार का बच्चा और अमीर दलित परिवार का बच्चा जब कोई प्रतियोगी परीक्षा देंगे तो किसके नंबर ज्यादा आयेगे, स्वाभाविक है कि जिस बच्चे को ज्यादा सुविधाएं मिली होंगी, तो जब मेरिट बनेगी तो गरीब बच्चे अपने ही आरक्षित वर्ग के अमीर बच्चों से बहुत नीचे और पीछे होंगे और आरक्षण का लाभ सिर्फ अमीर दलित तक ही सीमित रह जायेगा और गरीब दलित सिर्फ गरीब ही रहेगा। सिर्फ कुछ जातियों को ही इस आरक्षित वर्ग में लाभ मिल रहा है जबकि अन्य बहुत सी जातियां आज भी गरीबी के दलदल में ही फंसी हुई है और इस प्रकार डॉ भीमराव अंबेडकर का सामाजिक बराबरी का सपना अधूरा का अधूरा ही रहा जा रहा है ।
ऐसे में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय को देखते हुए सभी लोगों को सामाजिक एकरूपता लाने के लिए एससीटी एसटी वर्ग में वर्गीकरण का समर्थन करना चाहिए। विशेष रूप से धनवान दलित समाज को ही अपने समाज के वंचित लोगो को बराबरी पर लाने का अवसर देना चाहिए और इस वर्गीकरण का समर्थन करना चाहिए। साथ ही scsct वर्ग में क्रीमीलेयर भी बनाया जाना बहुत आवश्यक है जिस से सभी दलित समाज को आरक्षण का पूरा लाभ मिल सके। जय हिन्द।
1 note
·
View note
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भारत बंद का किया समर्थन, बीजेपी-कांग्रेस पर साधा निशाना, कार्यकर्ताओं से की ये अपील
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भारत बंद का समर्थन क��या है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधा है और कार्यकर्ताओं से बंद में शामिल होने की अपील की है।
लखनऊ: एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में बुलाए गए भारत बंद का बहुजन समाज पार्टी ने समर्थन किया है। मायावती ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर बंद के समर्थन का ऐलान किया। उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस जैसी…
0 notes
Bharat Bandh: 21 अगस्त को भारत बंद, आखिर इसके पीछे क्या है वजह, बैंक, ऑफिस और कॉलेज खुलेंगे या नहीं? जाने सबकुछ
Bharat Bandh: आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में बुधवार (21 अगस्त) को भारत बंद की घोषणा की है। राजस्थान भर में एससी/एसटी समुदायों से महत्वपूर्ण समर्थन पाने वाले इस बंद में देश भर से व्यापक भागीदारी की उम्मीद है। अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम…
0 notes
Bharat Bandh- एससी-एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 21 को भारत बंद, प्रशासन अलर्ट मोड पर
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय की ओर से एससी-एसटी वर्गों के आरक्षण संबंधी निर्णय को लेकर 21 अगस्त को सांकेतिक भारत बंद का आह्वान किया गया है. यह बंद सुबह 6 बजे से लेकर 8 बजे तक रहेगा. इसकी जानकारी भीम सेना एंव समस्त बहुजन दलित समाज की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए मंगलवार को दी गयी है. भीमसेना के प्रमुख नवाब सतपाल तंवर ने लोगों से व्यवस्था भंग ना करने की अपील की है. साथ ही आमजन से बंद के दौरान…
0 notes
*सुप्रीम कोर्ट ने कहा_ आरक्षण की_समीक्षा_होनी_ही_चाहिए?*
1️⃣ लेकिन इस बात की भी समीक्षा होनी चाहिए कि आखिर क्यों 70 साल में अनुसूचित जाति के # *श्री के.रामास्वामी # श्री के.जी.बालकृष्णन # श्री बी. सी.रे # श्री ए.वर्धराजन* सिर्फ # चार ही लोग सुप्रीम कोर्ट में जज बन पाए हैं! और *ओबीसी* के जज भी *केवल 2* ही हुये, इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए।
2️⃣ 70 साल में *अनुसूचित जनजाति* का एक भी व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं बना है, इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
3️⃣ सुप्रीम कोर्ट में आखिर एक ही जाति का *वर्चस्व* क्यों है? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
4️⃣ संविधान के #आर्टिकल 12 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट को *राज्य* माना जाना चाहिए। आरक्षण का प्रावधान सुप्रीम कोर्ट में *राज्य की भांति* होना चाहिए! इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए !!
5️⃣ सुप्रीम कोर्ट में जब sc-st # *एट्रोसिटी_एक्ट* पर फैसला दिया जा रहा था, उस वक्त सुप्रीम कोर्ट में एससी, एसटी का एक भी जज नहीं था, क्या यह *न्याय के मूल सिद्धांतों* के अनुरूप था? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
6️⃣ संविधान के #आर्टिकल *312 (1)* के अनुसार जजों की भर्ती के लिए # *न्यायिक_नियुक्ति_आयोग* का गठन होना चाहिए ऐसा क्यों नहीं किया जाता है ? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
7️⃣ संविधान संशोधन अधिनियम 1976, के *42 वें संशोधन* के अनुसार जजों की भर्ती के लिए *ऑल इंडिया जुडिशरी सर्विस* का गठन किया जाना चाहिए! यह बिल संसद में कभी पेश ही नहीं किया गया! इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए !!
8️⃣ संविधान के #आर्टिकल *229* के अनुसार कर्मचारियों एवं अधिकारियों के मामले में उच्च न्यायालय अपने आप को *राज्य मानता* है और राज्य के अनुसार #आर्टिकल *15(4), 16(4) और 16(4 )(क)* का पालन क्यों नहीं किया जाता है? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए !!
9️⃣ जब केशवानंद भारती मामले में भी #आर्टिकल *12* के अनुसार *उच्च एवं उच्चतम न्यायालय को राज्य* माना गया है, तो राज्यों के लिए लागू *_आरक्षण का प्रोविजन* उच्च एवं उच्चतम न्यायालय में लागू क्यों नहीं किया गया? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
1️⃣0️⃣ जब *ओबीसी, एससी-एसटी आईएएस बन सकता है, आईपीएस बन सकता है, राष्ट्रपति बन सकता है, मुख्यमंत्री* बन सकता है तो सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के लिए कौन सी *अनोखी प्रतिभा* होनी चाहिए? इस बात की भी समीक्षा होनी चाहिए!!
1️⃣1️⃣ यदि सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के लिए मेरिट ही आवश्यक है तो # *ऑल_इंडिया_जुडिशरी_सर्विस* का गठन करके खुली प्रतियोगिता में भाग क्यों नहीं लेते? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए।
Copied
*(कापी पेस्ट करके इस मैसेज को आगे बढ़ाते रहिये, ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम में शामिल हो सकें और सुप्रीम कोर्ट के उन न्यायाधीशों को आईना दिखाया जा सके, जो *खुद* *को देश की जनता का भगवान और संविधान से भी बडा समझते हैं l)💐💐*
आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं हैं।
जाति जनगणना बहुत जरूरी है ताकि हमें हमारी संख्या के अनुपात भागीदारी मिले!
#SC #ST #Reservation
#Political #Education #Recruitment #Promotion #Backlog #NFS
#AarakshanBachaoYatra
#SaveReservation #SaveRepresentation
#PanIndentityUnity
#मैंसमणहूँ
#देश_मांगे_जाति_जनगणना
#जात #जाति #जनगणना
#जाति_जनगणना
#जातिगत #जातिवार #जनगणना
#सम्पूर्ण_भारत_बंद
#काॅलेजियम_प्रणाली_खत्म_करो
#जातिजनगणना #Census
#IndiaDemandsCasteCensus
#Caste #CasteCensus
#SupportCasteCensus
#Casteist_Collegium
#SupremeCourtOfIndia
#SamanWorldUnity
#IamSaman
0 notes
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 2004 का फैसला, कोटे के अंदर कोटे को दी मंजूरी
नई दिल्ली, 1 अगस्त 2024। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने एससी-एसटी में कोटे के अंदर कोटे को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के तहत एससी-एसटी कोटे में उप-वर्गीकरण (सब कैटेगरी) किया जा सकता है।
सात जजों की संविधान पीठ ने ईवी चिन्नैया के 2004 के…
0 notes
प्रचंड तापमान ने जेईई-एडवांस्ड परीक्षार्थियों की ली दोहरी परीक्षा
जेईई-एडवांस्ड, 2024: देश के 222 शहरों व राजस्थान में कोटा सहित 10 शहरों के परीक्षा केंद्रों पर दो शिफ्ट में हुये दोनों पेपर।
23 आईआईटी की 17,385 सीटों पर हुई परीक्षा, जेईई-मेन से क्वालिफाई 2.50 लाख में से करीब 1.90 लाख ने दी जेईई-एडवांस्ड परीक्षा
न्यूजवेव@कोटा
आईआईटी, मद्रास द्वारा आयोजित जेईई-एडवांस्ड,2024 परीक्षा रविवार को देश के 222 शहरों के 709 परीक्षा केंद्रों पर कम्प्यूटर बेस्ड मोड में हुई। राजस्थान में कोटा सहित 10 शहरों में यह परीक्षा हुई। इसमें सफल अभ्यार्थियों को देश की 23 आईआईटी की 17,385 सीटों पर प्रवेश दिया जायेगा। आईआईटी में गर्ल्स को 20 प्रतिशत सुपर न्यूमरेरी आरक्षण होने से उनमें उत्साह देखा गया। इसका रिजल्ट 9 जून रविवार को घोषित होगा।
परीक्षा में पेपर-1 सुबह 9 से 12 बजे तक एवं पेपर-2 दोपहर 2ः30 बजे से शाम 5ः30 बजे तक हुआ। रविवार को प्रचंड गर्मी में 47 डिग्री तापमान ने परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों की दोहरी परीक्षा ली। इस वर्ष जेईई-मेन से क्वालिफाई 2.50 लाख में से 1,91,283 ने पंजीयन कराया था, जिसमें से करीब 1.90 लाख परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल हुये हैं।
इस वर्ष आईआईटी ने पेपर पेटर्न में कोई बदलाव नहीं किया। कुल 360 अंकों की परीक्षा में पेपर-1 व पेपर-2 के प्रत्येक पेपर में 180 अंकों के 51 बहुवैकल्पिक प्रश्न पूछे गये। जिसमें तीनो विषयों से 17-17 प्रश्न पूछे गये। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रत्येक विषय में न्यूनतम प्राप्तांक 10 व कुल 35 लाने होंगे जबकि ओबीसी-एनसीएल वर्ग में प्रत्येक विषय में न्यूनतम 9 अंक व कुल 31.5 प्राप्तांक अनिवार्य है। इसी तरह, एससी, एसटी व दिव्यांग वर्ग के लिये प्रत्येक विषय में प्राप्तांक 5 व कुल 17.5 अंक होना आवश्यक है। गत वर्ष जेईई-एडवांस्ड में 1.89,487 पंजीकृत में से 1.80,372 ने परीक्षा दी थी, जिसमंे से कुल 43,769 क्वालिफाई घोषित किये गये थे। इस वर्ष 10 हजार परीक्षार्थी अधिक होने से क्वालिफाई की संख्या भी अधिक रहेगी।
फाइनल ‘आंसर की’ 2 जून को
जेईई-एडवांस्ड वेबसाइट के अनुसार, परीक्षा में दोनों पेपर के जवाबों की कॉपी 24 मई शाम 5 बजे जारी कर दी जायेगी। जिससे परी���्षार्थी अपने स्कोर का आकलन कर सकेंगे। अधिकृत फाइनल ‘आंसर की’ 2 जून प्रातः 10 बजे जारी कर दी जायेगी। परीक्षार्थियों ने बताया कि इस वर्ष पेपर-1 में मैथ्स एवं केमिस्ट्री के प्रश्न मॉडरेट लेवल के रहे जबकि फिजिक्स के प्रश्नों का स्तर कठिन रहा। जबकि पेपर-2 में मैथ्स के प्रश्न कठिन रहे। कोटा में प्रमुख कोचिग संस्थानों के विशेषज्ञ पेपर में तीनों विषयों के प्रश्नों को हल कर सही उत्तर का विश्लेषण करते रहे। जिससे परीक्षार्थियों को अपने संभावित स्कोर का आंकलन करने में मदद मिलेगी।
12वीं बोर्ड में 75 प्रतिशत अंक अनिवार्य
जेईई-एडवांस्ड 2024 से आईआईटी संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने के लिये सामान्य वर्ग के क्वालिफाई परीक्षार्थियों का 12वीं बोर्ड परीक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंकों से पास होना आवश्यक है। एससी, एसटी व पीडब्ल्यूडी अभ्यर्थियों के लिये 12वीं में न्यूनतम 62 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं। साथ ही, क्वालिफाई अभ्यर्थी न्यूनतम 5 विषयों में उत्तीर्ण हो और श्रेणीवार शीर्ष 20 प्रतिशत सफल परीक्षार्थियों में भी होना चाहिये।
कोटा में 2 परीक्षा केंद्रों पर बेटियों को मौका
जेईई-एडवांस्ड परीक्षा सीबीटी मोड में होने से कोटा में दो परीक्षा केंद्र रहे। पहला सुभाष नगर प्रथम में वायबेल सॉल्यूशन, तथा दूसरा, इंद्रप्रस्थ इंडस्ट्रियल एरिया में डिजिटल डेस्क केेंद्र पर शांतिपूर्वक पेपर हुये। सभी अभ्यर्थियों को कडी सुरक्षा जांच के बाद प्रवेश दिया गया। अभिभावक परीक्षा केंद्रों के बाहर प्रचंड तापमान में छाते लगाकर खडे़ रहे। दोनों पेपर के बीच ब्रेक में परीक्षार्थियों को पानी, जूस व ठंडे पेय पदार्थ पिलाकर राहत प्रदान की।
Read the full article
0 notes
एससी एसटी के आरक्षण में क्रीमीलेयर के खिलाफ सरकाघाट में दलित सगठनों ने दिया ज्ञापन, जानें क्या रखी मांगें
Mandi News: उच्च न्यायालय की ओर से 1 अगस्त को दिए गए निर्णय में अनुसूचित जातियों, जनजातियों के आरक्षण में उप-वर्गीकरण और क्रीमीलेयर की अवधारणा लागू करने के खिलाफ विभिन्न संगठनों, राजनीतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर विरोध दर्ज किया।
इसके बाद इन संगठनों और कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा से मिला और उनके माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में…
0 notes
सुप्रीम कोर्ट में कुल 23 याचिकाएं लंबित हैं जिनमें एससी-एसटी आरक्षण में उप वर्गीकरण का मुद्दा उठाया गया है।
0 notes
जातीय जनगणना की मांग के बीच मोदी सरकार का बड़ा दांव, SC-ST और OBC को लेकर लिया बड़ा फैसला
जातीय जनगणना की मांग के बीच मोदी सरकार का बड़ा दांव, SC-ST और OBC को लेकर लिया बड़ा फैसला
HIGHLIGHTS
सरकारी विभागों में कॉन्ट्रैक्ट नौकरियों में एससी/एसटी/ओबीसी को मिलेगा आरक्षण
विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा दांव
सभी मंत्रालयों और विभागों को जारी किया गया निर्देश
नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। अब सरकारी मंत्रालयों और विभागों में कॉन्ट्रैक्ट नौकरियों में भी अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा…
View On WordPress
0 notes
क्या SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू होगी? सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ किया
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण कोटे के भीतर कोटा के प्रावधान को मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट की इस सिफारिश को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की विशेष बैठक हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण में क्रीमी लेयर…
0 notes
बिहार जाति जनगणना रिपोर्ट से पीएम मोदी फंस गए, क्या बदलेगी 2024 की राजनीति?
नई दिल्ली: बिहार में जाति जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के साथ ही सियासत भी शुरू हो गई है। नीतीश कुमार के मास्टर स्ट्रोक का कितना असर होगा ये तो आने वाले वक्त में पता चल जाएगा। पर इसका असर ये है कि कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार से जाति जनगणना की ���ांग कर रहे हैं। बिहार की रिपोर्ट जारी होने के बाद इतना तो तय है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर प्रेशर बढ़ेगा। देशभर में विपक्षी गठबंधन की गोलबंदी के अगुआ नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का सिरदर्द बढ़ा दिया है। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद ही आरजेडी चीफ लालू यादव ने कहा कि इस आबादी के हिसाब से ही नीतियां बनाने का वक्त है। यानी आने वाले वक्त में ये मुद्दा देश की सियासी फिजा में गरमी लाने वाली है।
आरक्षण बढ़ाने की उठेगी मांग
लालू यादव की पार्टी शुरू से ये मांग करती रही है कि जिसकी जितनी आबादी है उसको उतनी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36%) और पिछड़ा वर्ग (27%) की आबादी सबसे अधिक है। अगर इन दोनों की आबादी को जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा 63 फीसदी पहुंचता है। ऐसे में आबादी से अनुपात में आरक्षण की मांग जोर पकड़ सकती है। बिहार की तरह ही जाति आधारित जनगणना कराने की मांग राष्ट्रीय राजनीति में भी खड़ी हो सकती है। जिस तरीके से विपक्षी नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं वो निश्चित रूप से केंद्र की बीजेपी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
क्या फंस गई मोदी सरकार?
बिहार की जाति जनगणना रिपोर्ट के जरिए विपक्ष को मोदी सरकार को घेरने के लिए एक बड़ा हथियार मिल गया है। हालांकि, बीजेपी ने भी इस रिपोर्ट का खुलकर समर्थन किया है। उधर, लालू और नीतीश पिछड़े वर्ग की आबादी के आधार पर उनके आरक्षण बढ़ाने की मांग कर सकते हैं। अभी ओबीसी को 27 प्रतिशत ही आरक्षण मिलता है। ये नेता आने वाले वक्त में आरक्षण बढ़ाने की मांग कर सकते हैं। वहीं बीजेपी ने कहा है कि वह इस सर्वे का समर्थन कर रही थी। बिहार के बीजेपी चीफ सम्राट चौधरी ने कहा कि ये अधूरी रिपोर्ट है। लालू यादव सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इतना तय है कि ओबीसी आरक्षण 2024 के चुनाव में एक अहम मुद्दा बनने जा रहा है।
इंडिया गठबंधन बनाएगा मुद्दा
I.N.D.I.A. गठबंधन इसे लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है। यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने 85 बनाम 15 का मुद्दा दिया था। उनका मकसद आबादी के हिसाब से आरक्षण देने का था। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अगर कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता में आएगी तो वो भी जाति जनगणना कराएगी। यानी 24 के चुनाव में विपक्षी दलों ने इसे मु्द्दा बनाने का संकेत दे दिया है। बिहार से निकला जाति जनगणना का मुद्दा और फिर उसके बाद ओबीसी आरक्षण की बात अगर निकलेगी तो निश्चित तौर पर दूर तलक जाएगी।
बीजेपी को आएगी दिक्कत?
जहां तक बीजेपी को दिक्कत आने का सवाल है, तो पीएम नरेंद्र मोदी के शासनकाल के दौरान पार्टी बनिया, ब्राह्मण की पार्टी वाली छवि से निकलकर ओबीसी और ईबीसी की पार्टी के रूप में खुद को स्थापित कर चुकी है। इसके अलावा भगवा दल को सवर्णों का भी साथ मिल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी अपने भाषणों के दौरान ओबीसी के लिए योजनाओं का खुलकर जिक्र करते हैं। 2021 के मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुलकर मंत्रिमंडल में ओबीसी मंत्रियों की संख्या को बताया था। तब नड्डा ने कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार में 27 ओबीसी मंत्री बने हैं। उन्होंने कहा था कि मोदी मंत्रिमंडल में 35% मंत्री ओबीसी वर्ग के हैं। यही नहीं, उन्होंने 12 एससी, 8 एसटी समुदाय से भी मंत्री बनाने की बात कही थी। यानी भगवा दल का मिशन भी पहले से साफ है।
ओबीसी वोटों के लिए मचेगी मारामारी
हां, ये जरूर है कि बिहार की जाति जनगणना की रिपोर्ट आ जाने के बाद ओबीसी वर्ग के वोटों के लिए जमकर मारामारी मचेगी। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) गठजोड़ का जिक्र उसी मारामारी की तरफ इशारा कर रही है। आरजेडी और जेडीयू भी पिछड़े और अल्पसंख्यकों की राजनीति करती है। बीजेपी ने पिछले 10 सालों में अपना राजनीतिक चोला काफी हद तक बदल लिया है। 2024 के आम चुनाव में सभी दल ओबीसी वोटर्स को लुभाने के लिए अपना दांव खेलते नजर आएंगे। http://dlvr.it/SwtRSL
0 notes
Supreme court verdict on reservation : एससी/एसटी आरक्षण में सब कोटा पर सुप्रीम कोर्ट जज की अहम टिप्पणी, सिर्फ पहली पीढ़ी के लिए होना चाहिए आरक्षण
नई दिल्ली : अनुसूचिनत जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ के द्वारा 6-1 के बहुमत से सुनाये गये इस फैसले में अजा/अजजा में कोटे के अंदर कोटे को मंजूरी दे दी है. अर्थात् अजा/अजजा कोटे में उप वर्गीकरण (सब कैटेगरी) किया जा सकता है. सात जजों की संविधान पीठ ने ईवी…
0 notes
ओबीसी व एससी-एसटी महिलाओं को भी आरक्षण के दायरे में लाए केंद्र सरकार- आलमगीर आलम
समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। कांग्रेस पार्टी महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है। लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी से संबंधित विधेयक के पक्ष में है। लेकिन पिछड़ा (ओबीसी) एवं एससी-एसटी महिलाओं को भी आरक्षण के दायरे में लाना चाहिए। उक्त बातें कांग्रेस के कद्दावर नेता ग्रामीण विकास मंत्री एवं पाकुड़ विधानसभा के विधायक आलमगीर आलम ने कही है। मंत्री आलम ने कहा है कि ओबीसी एवं…
View On WordPress
0 notes