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हिमाचल संकट तो बस झांकी है, कांग्रेस को अपने परंपरागत गढ़ों में झुलसाएगी राम मंदिर बायकॉट की तपिश
नई दिल्ली : अयोध्या में बने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी बनाकर कांग्रेस ने क्या बड़ी गलती कर दी है? ये हम नहीं कह रहे बल्कि पार्टी में जारी उठापटक और नेताओं के कांग्रेस से हो रहे मोहभंग के चलते ये सवाल उठे हैं। इस एक फैसले की वजह से पार्टी आलाकमान को लगातार झटके लग रहे हैं। कई नेता राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व के फैसले को पचाने के मूड में नहीं दिख रहे। इसका ताजा उदाहरण हिमाचल में दिखा, जहां कांग्रेस की पूर्ण बहुमत सरकार पर ही संकट के बादल घिर चुके हैं। पार्टी के 6 विधायक कांग्रेस खेमा छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। हिमाचल सरकार पर आए इस संकट की अहम वजह राम मंदिर पर पार्टी नेतृत्व का स्टैंड ही है। ये अकेला मामला नहीं है इसी मुद्दे को लेकर पार्टी के दिग्गज नेता प्रमोद कृष्णम भी बागी हुए। जिन्हें बाद में कांग्रेस ने पार्टी से निष्काषित कर दिया। इसलिए कांग्रेस में खड़ा हुआ सियासी तूफान राम मंदिर कार्यक्रम के बहिष्कार संबंधी कांग्रेस आलाकमान के फैसले ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। बीजेपी भी इस नाराजगी का फायदा उठाने और कांग्रेस के भीतर मचे आंतरिक कलह को भुनाने की तैयारी में है। लोकसभा चुनाव बेहद करीब हैं, ऐसे में कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी-रायबरेली सीट पर सबकी निगाहें होंगी। दोनों ही सीटों के चुनाव गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी पार्टी एक चुनौतीपूर्ण फेज से गुजर रही है। हिमाचल प्रदेश में देखे गए राजनीतिक उथल-पुथल का असर कांग्रेस पार्टी के गढ़ अमेठी और रायबरेली में भी देखने को मिल सकता है। शिमला से अमेठी और रायबरेली की दूरी करीब 1000 किलोमीटर से ज्यादा ��ै, लेकिन वहां उठा तूफान जल्द ही उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार के गढ़ को प्रभावित कर सकता है। अमेठी-रायबरेली में दिखेगा राम मंदिर मुद्दे का असर अमेठी और रायबरेली को लेकर सवाल इसलिए भी उठ रहे क्योंकि दोनों ही सीटें यूपी की हैं। अमेठी सीट पर राहुल गांधी 2019 का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। उन्हें बीजेपी की दिग्गज नेता स्मृति ईरानी ने शिकस्त दी थी। वहीं रायबरेली की बात करें तो अब तक यहां से सोनिया गांधी सांसद रही हैं। हालांकि, इस बार वो राज्यसभा चली गई हैं। ऐसे में चर्चा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा इस सीट से दावेदारी कर सकती हैं। हालांकि, सूबे में जिस तरह का माहौल देखने को मिल रहा उसमें राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व के स्टैंड का असर इन सीटों पर आगामी लोकसभा चुनाव में नजर आ सकता है। पार्टी से भी दूर हो रहे कई नेता उधर राम मंदिर उद्घाटन के बाद कांग्रेस के कई नेता भी पार्टी से दूर हुए हैं। इनमें आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम प्रमुख है। जिनके बागी तेवर को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम और राष्ट्र पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। इससे पहले वो लगातार राम मंदिर पर कांग्रेस आलाकमान के स्टैंड को लेकर सवाल खड़े करते रहे। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी को कल्कि धाम मंदिर की नींव रखने को लेकर न्योता भी दिया था। जिसके बाद पीएम मोदी, उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्रीकल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास के लिए पहुंचे भी थे। हिमाचल में तो सरकार पर ही संकट राम मंदिर मुद्दे का असर यूपी, हिमाचल ही नहीं गुजरात, मध्य प्रदेश में भी देखने को मिला। गुजरात में कांग्रेस के दिग्गज विधायक सीजे चावड़ा ने पार्टी छोड़ दी। 65 वर्षीय सीजे चावड़ा मेहसाणा के विजापुर सीट से विधायक थे। एमपी की बात करें तो कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और उनके बेटे को लेकर ऐसी खबरें आईं कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इसमें भी राम मंदिर का ही मुद्दा अहम था। ऐसी चर्चा थी कि कमलनाथ सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रहे थे। उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कई ऐसे फैसले लिए जिसमें पता चला कि वो पार्टी से जुदा राह ले चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस को सूबे में विधानसभा चुनाव के दौरान करारी शिकस्त मिली। इसी के बाद कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। अब उनके पार्टी से दूरी की खबरें आ रही थीं। हालांकि, खुद कमलनाथ ने उनके बीजेपी में जाने की खबरों को खारिज किया। उन्होंने दो टूक कहा कि वो कहीं नहीं जा रहे हैं। उधर उनके बेटे नकुलनाथ ने भी कुछ ऐसा ही ऐलान किया। क्या राम को समझने में कांग्रेस ने भूल कर दी? फिलहाल कमलनाथ के स्टैंड क्लीयर करने से मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जोर का झटका तो नहीं लगा। हालांकि, पार्टी की स्थिति पर सवाल जरूर खड़े हो रहे। झारख���ड में भी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जोरदार झटका लगा। चाईबासा सीट से पार्टी की सांसद गीता कोड़ा… http://dlvr.it/T3TVXW
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मध्य प्रदेश: ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर कमलनाथ सरकार के मंत्री आमने-सामने हैं
मध्य प्रदेश: ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर कमलनाथ सरकार के मंत्री आमने-सामने हैं
खास बातें
अतिथि शिक्षकों का समर्थन किए जाने और उनके साथ सड़क पर उतरने को कहा था
इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा तल्ख प्रतिक्रिया दी थी
इसके बाद दोनों खेमों के मंत्री आमने-सामने आ गए
भोपाल:
कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अतिथि शिक्षकों का समर्थन किए जाने और उनके साथ सड़क पर उतरने का बयान दिए जाने और मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा तल्ख व्यवहार देने के बाद कांग्रेस में तिलहर बढ़…
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काम-अल के लिए कांग्रेस की उम्मीदें: बीजेपी से अपनी एमपी सरकार हारने के बाद, क्या नाथ पार्टी के महा रक्षक बन सकते हैं?
काम-अल के लिए कांग्रेस की उम्मीदें: बीजेपी से अपनी एमपी सरकार हारने के बाद, क्या नाथ पार्टी के महा रक्षक बन सकते हैं?
विडंबना खो नहीं है। 2020 में, कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘ऑपरेशन कमल’ के हाथों अपनी सरकार खो दी, अपने कट्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया की बहुत मदद से। आज, जैसा कि महाराष्ट्र में एक और कांग्रेस गठबंधन सरकार संकट में है, नाथ को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा सरकार को बचाने और बचाने के लिए संकटमोचक और पर्यवेक्षक के रूप में चुना गया है। इससे पता चलता है कि संकटमोचनों के…
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#एकनाथ शिंदे#कमलनाथ#कांग्रेस#प्रियंका गांधी वाड्रा#बी जे पी#राकांपा#राहुल गांधी#शरद पवार#शिवसेना#सोनिया गांधी
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राजस्थान राजनीतिक संकट लाइव अपडेट: सीएम गहलोत ने राज्यपाल से की मुलाकात कांग्रेस विधायकों के साथ विधानसभा सत्र की चर्चा
राजस्थान राजनीतिक संकट लाइव अपडेट: सीएम गहलोत ने राज्यपाल से की मुलाकात कांग्रेस विधायकों के साथ विधानसभा सत्र की चर्चा
पूनिया ने कहा कि सीएम खुद “गुजरात और एमपी के अपने विधायकों को संरक्षण दे रहे हैं और पिछले कई महीनों से राजस्थान में रिसॉर्ट की राजनीति कर रहे हैं।” राज्य में स्थिति के बारे में बात करते हुए, भाजपा राज्य प्रमुख ने कहा: “यदि स्थिति अनुमति देती है, तो सचिन पायलट मुख्यमंत्री बन सकते हैं। वास्तव में, उन्होंने इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। इस बीच, मामला वर्तमान…
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Rajsthan Politics: बीजेपी के लिए इसलिए कर्नाटक और एमपी जैसा नहीं है राजस्थान
Rajsthan Politics: बीजेपी के लिए इसलिए कर्नाटक और एमपी जैसा नहीं है राजस्थान
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Rajsthan Political Crisis : राजस्थान में मध्य प्रदेश और कर्नाटक का वाकया दुहराना आसान नहीं होगा क्योंकि यहां बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों की संख्या में ज्यादा अंतर है।
Edited By Naveen Kumar Pandey | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 13 Jul 2020, 04:32:00 PM IST
राजस्थान में कैसे बची सीएम गहलोत की कुर्सी, जानिए अब तक के अपडेट्स हाइलाइट्स
राजस्थान में सियासी संकट कहां जाकर करवट लेगी,…
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राजस्थान के सियासी संकट के बीच कांग्रेस को MP में बड़ा झटका, 1 और विधायक BJP में शामिल
New Delhi: राजस्थान में सियासी उठा पठक के बीच एमपी में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस विधायक प्रद्युमन सिंह लोधी (Congress MLA Pradyuman Singh Lodhi) भी पार्टी छोड़ दिया है। लोधी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने से पहले प्रद्युमन सिंह लोधी (Congress MLA Pradyuman Singh Lodhi) पूर्व सीएम उमा भारती से मिलने उनके आवास पर गए थे। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा है कि हम विधायक प्रद्युमन सिंह लोधी (Congress MLA Pradyuman Singh Lodhi) को सीएम शिवराज सिंह से मिलवाने ले जा रहे हैं। सीएम आवास में प्रद्युमन सिंह लोधी ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मिठाई खिलाई है। सदस्यता ग्रहण करते वक्त सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद थे। https://twitter.com/ANI/status/1282217235293990913 सदस्यता Read the full article
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कोरोना से निपटने का कांग्रेस ने पूछा मास्टर प्लान, कहा- BJP मस्त, MP त्रस्त
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कोरोना से निपटने का कांग्रेस ने पूछा मास्टर प्लान, कहा- BJP मस्त, MP त्रस्त
देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले
मध्य प्रदेश में 1300 से ज्यादा लोग हुए कोरोना संक्रमित
देश में कोरोना वायरस का संकट बढ़ता ही जा रहा है. हर रोज कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में इजाफा देखने को मिल रहा है. वहीं मध्य प्रदेश में तेजी से कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस बीच कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी से मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से निपटने का मास्टर प्लान पूछा है.
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देश में कोरोना संकट को रोकने के लिए 24 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान किया गया था. हालांकि इस लॉकडाउन के ऐलान के एक दिन पहले 23 मार्च को मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और बीजेपी सरकार की मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी हुई थी. हालांकि मध्य प्रदेश में अभी तक कैबिनेट का गठन नहीं हुआ है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस से स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमित होते जा रहे हैं.
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कांग्रेस ने पूछा मास्टर प्लान
वहीं अब मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए कांग्रेस ने बीजेपी से प्लान पूछा है. कांग्रेस ने सवाल किया है, ‘बिना कैबिनेट के और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के संक्रमित होने के चलते मध्य प्रदेश में फैले कोरोना वायरस से निपटने के लिए बीजेपी का मास्टर प्लान क्या है? #भाजपा_मस्त_MP_त्रस्त’
With no cabinet and with many health department officials infected, what is BJP’s master plan to tackle the Coronavirus spread in MP? #भाजपा_मस्त_MP_त्रस्त pic.twitter.com/ZizXeFtxyd
— Congress (@INCIndia) April 18, 2020
मध्य प्रदेश में कोरोना संकट को देखते हुए कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए बीजेपी को निशाने पर लिया है. कांग्रेस ने कहा है कि एमपी शासन में मंत्रिमंडल के एकमात्र सदस्य शिवराज सिंह हैं. इस नाजुक समय में एमपी को स्वास्थ्य मंत्री की जरूरत है. जो स्वास्थ्य मंत्रालय को संभाल कर कोरोना के खिलाफ कदम उठा सके.
एमपी शासन में मंत्रिमंडल के एकमात्र सदस्य शिवराज सिंह हैं। इस नाजुक समय में एमपी को स्वास्थ्य मंत्री की जरूरत है, जो स्वास्थ्य मंत्रालय को संभाल कर कोरोना के खिलाफ कदम उठा सके।
एमपी में कोरोना के 1310 मामले और 69 मौतें हो चुकी हैं, ये आंकड़े भयभीत करते हैं।#भाजपा_मस्त_MP_त्रस्त pic.twitter.com/atzzdAh9qc
— Congress (@INCIndia) April 18, 2020
साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी सरकार ने मध्य प्रदेश में जनस्वास्थ्य पर सत्ता को प्राथमिकता दी. जिसका परिणाम जनता को भु��तना पड़ रहा है.
भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश में जनस्वास्थ्य पर सत्ता को प्राथमिकता दी। जिसका परिणाम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
एमपी का इंदौर कोरोना केंद्र बन चुका है, कोरोना के खिलाफ कदम उठाने के समय भाजपा सरकार एमपी की निर्वाचित सरकार को गिराने में व्यस्त थी।#भाजपा_मस्त_MP_त्रस्त pic.twitter.com/eexSPojvc2
— Congress (@INCIndia) April 18, 2020
कमलनाथ कह चुके हैं ये बात
इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी बीजेपी पर हमला बोल चुके हैं. कमलनाथ ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने कोरोना की गंभीरता को समझने में लंबा समय लगा दिया और 40 दिनों के बड़े अंतर के बाद लॉकडाउन जैसा महत्वपूर्ण फैसला लिया. 16 मार्च को मैंने सीएम पद से इस्तीफा दिया था. जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 12 फरवरी को ही कोरोना महामारी को लेकर देश को आगाह किया था. इसके बावजूद पीएम को लॉकडाउन की घोषणा में 40 दिन लग गए.’
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बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब तक मध्य प्रदेश में 1300 से ज्यादा कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं 69 लोगों की मौत भी हो चुकी है.
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सिंधिया के वफादार 17 विधायक बेंगलुरु के लिए उड़ान भरते हुए संकट में एमपी सरकार | इंडिया न्यूज़ – टाइम्स ऑफ़ इंडिया भोपल / नई दिल्ली: द कमलनाथ मध्यप्रदेश में सरकार सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी के रूप में ध्वस्त हो गई …
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When Jyotiraditya Scindia left Congress, another young party leader Sachin Pilot said this - ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर पार्टी के अन्य युवा नेता सचिन पायलट ने कही यह बात...
When Jyotiraditya Scindia left Congress, another young party leader Sachin Pilot said this – ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर पार्टी के अन्य युवा नेता सचिन पायलट ने कही यह बात…
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खास बातें
सिंधिया के पार्टी छोड़ने को बताया दुखद
ट्वीट कर कहा कि चीजें सुलझाई जा सकती थी
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया
नई दिल्ली:
कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के पार्टी छोड़ने के बाद राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा है कि सिंधिया का पार्टी से अलग होना दुखद है. चीजें पार्टी…
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Monsoon Session of the Parliament, Monsoon Session, vice president venkaiah naidu, Rajyasabha President, Parliament of India | उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा- संसद का मानसून सत्र जल्द ही शुरू होने की उम्मीद, कोरोना की वजह से मार्च में बजट सत्र को स्थगित करना पड़ा था
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Monsoon Session of the Parliament, Monsoon Session, vice president venkaiah naidu, Rajyasabha President, Parliament of India | उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा- संसद का मानसून सत्र जल्द ही शुरू होने की उम्मीद, कोरोना की वजह से मार्च में बजट सत्र को स्थगित करना पड़ा था
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Monsoon Session Of The Parliament, Monsoon Session, Vice President Venkaiah Naidu, Rajyasabha President, Parliament Of India
नई दिल्ली28 मिनट पहले
उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने फेसबुक पोस्ट पर इसके संकेत दिए। कोरोना की वजह से बजट सत्र 23 मार्च को स्थगित करना पड़ा था। -फाइल फोटो
कोरोना की वजह से संसद का बजट सत्र तय समय से पहले 23 मार्च को स्थगित करना पड़ा था
राज्यसभा अध्यक्ष ने बताया कि पिछले सत्र से 6 महीने के अंदर संसद का सत्र बुलाना जरूरी
सरकार जल्द ही संसद का मानसून सत्र बुलाने की योजना बना रही है। हाल ही में दोनों सदनों के अध्यक्षों से इस संबंध में चर्चा भी की गई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने फेसबुक पोस्ट पर इसके संकेत दिए। कोरोना की वजह से बजट सत्र 23 मार्च को स्थगित करना पड़ा था।
पिछले सत्र के 6 महीने के अंदर अगला सत्र जरूरी: नायडू उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने फेसबुक पर ‘मीडिया: कोरोना काल में हमारा साथी’ आर्टिकल में लिखा, संसद के पिछले बजट सत्र को कोरोना की वजह से तय समय से पहले अचानक स्थगित करना पड़ा था, क्योंकि कई सांसद इस संकट के समय अपने क्षेत्रों के लोगों के बीच रहना चाहते थे। उन्होंने लिखा कि संसद सत्र को पिछले सत्र के 6 महीने के अंदर फिर से बुलाना जरूरी होता है।
लोकसभा अध्यक्ष से भी चर्चा हुई राज्यसभा के सभापति ने बताया कि उन्होंने और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कई बार इस मुद्दे पर चर्चा की। दोनों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोरोना से बचाव के तरीकों के साथ संसदीय कमेटी और मानसून सत्र चलाए जाने पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
शपथग्रहण के लिए 61 सदस्यों को भेजे गए थे पत्र राज्यसभा में 22 जुलाई को शपथग्रहण समारोह आयोजित करने का फैसला किया गया है। सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि राज्यसभा के चेंबर में शपथग्रहण के लिए 61 सदस्यों को पत्र भेजे जा चुके हैं। कोरोना वायरस को देखते हुए इस ��ौरान हर तरह के ऐहतियाती कदम उठाए जाएंगे।
ये भी पढ़ सकते हैं…
1. कोरोना संक्रमण के बीच राज्यसभा के चेंबर में 22 जुलाई को शपथग्रहण समारोह होगा, दिग्विजय-सिंधिया समेत 61 नेताओं को लेटर भेजा गया
2. राज्यसभा की 19 सीटों पर नतीजे:भाजपा को 8 और कांग्रेस को 4 सीटें मिलीं; एमपी में सिंधिया और दिग्विजय जीते; गुजरात में भाजपा के तीनों उम्मीदवारों को जीत मिली
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एमपी में उपचुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, प्रद्युम्न लोधी बीजेपी में शामिल
एमपी में उपचुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, प्रद्युम्न लोधी बीजेपी में शामिल
राजस्थान का सियासी संकट अभी थमा नहीं है कि मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस विधायक ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है. उपचुनाव से पहले मध्यप्रदेश में कांग्रेस को ये बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के बड़ा मलहरा क्षेत्र के विधायक प्रद्युम्न लोधी ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है. प्रद्युम्न लोधी ने अपना इस्तीफा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को सौंप दिया है.
स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने लोधी का इस्तीफा मंजूर कर…
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MP में Tiger कौन? ‘मामा’ या ‘महाराज’, सिंधिया के बयान से उठे सवाल
Edited By Muneshwar Kumar | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 02 Jul 2020, 07:29:00 PM IST
हाइलाइट्स
एमपी की राजनीति में अब टाइगर कौन? ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान से उठे सवाल
सिंधिया से पहले शिवराज सिंह चौहान बोलते थे कि ‘टाइगर अभी जिंदा है’
कांग्रेस का आरोप, ‘मामा’ से श्रीअंत से छिन लिया उनका डायलॉग
शिवराज कैबिनेट में 41 फीसदी है, ज्योतिरादित्य सिंधिया की हिस्सेदारी
भोपाल कैबिनेट विस्तार के बाद एमपी की राजनीति में एक बार फिर से बहस छिड़ गई है कि टाइगर कौन है। राजभवन से बाहर निकले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर जबरदस्त प्रहार किया है। उसके बाद उन्होंने कहा कि टाइगर अभी जिंदा है। ये वहीं डायलॉग है, जिसे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2018 में सत्ता जाने के बाद कहा था। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि टाइगर अभी जिंदा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फिर से आज वहीं बात दोहराई है। लेकिन इस बार उन्होंने खुद के लिए कहा है कि टाइगर अभी जिंदा है। ऐसे सियासी गलियारे में यह सवाल तैरने लगे हैं कि क्या एमपी में बीजेपी का नया टाइगर अब ज्योतिरादित्य सिंधिया होंगे। इसकी झलक आज कैबिनेट विस्तार में देखने को मिली है। कैबिनेट सिंधिया कैंप का दबदबा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जितने भी नाम सुझाए थे, उन्हें कैबिनेट में जगह मिली है।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सिंधिया की हुंकार- ‘टाइगर अभी जिंदा है’भोपाल। बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को भोपाल में शिवराज कैबिनेट के विस्तार के बाद उम्मीद जताई कि नए मंत्री प्रदेश के विकास के लिए मिलजुकर काम करेंगे। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेसी उनके और समर्थकों के चरित्र को धूमिल करने की कोशिश करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान कांग्रेस ने लोगों की मदद करने के बजाय गंदी राजनीति की। उपचुनाव में सभी 24 सीटों पर बीजेपी की जीत का दावा करते हुए सिंधिया ने कहा कि टाइगर अभी जिंदा है।
टाइगर जिंदा है दरअसल, 2018 विधानसभा चुनाव के बाद शिवराज सिंह चौहान की सत्ता चली गई थी। ��त्ता जाने के बाद बुधनी में शिवराज सिंह चौहान एक रैली को संबोधित कर रहे थे। संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था कि कोई ये चिंता ना करना हमारा क्या होगा, मैं हूं ना अभी शिवराज सिंह चौहान, टाइगर अभी जिंदा है। उसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने अपनी कई सभाओं में इस लाइन को दोहराया था। एक तरीके से एमपी की राजनीति में ‘मामा’ ही इस डायलॉग को बोलते थे। अब सिंधिया ने इसका प्रयोग किया है।
‘फॉर्म’ में ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय और कमलनाथ को ‘धोया’, कहा- दोनों से मुझे प्रमाण पत्र नहीं चाहिए
टाइगर को लेकर संघर्ष वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के टाइगर वाले बयान पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि मंत्रिमंडल बाद अब टाइगर को लेकर संघर्ष है। शिवराज जी शुरू से ही कहते आए हैं कि ‘टाइगर अभी ज़िंदा है’ और अब श्रीअंत भी कह रहे है कि ‘टाइगर अभी ज़िंदा है’। बेचारे शिवराजजी से मंत्री भी छिन लिए और अब टाइगर छीनने की तैयारी। खुद के समर्थक मंत्रियों को कह रहे भ्रष्ट?
‘महाराज’ युग शुरू गौरतलब है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बीजेपी में ‘महाराज’ युग शुरू हो गया है। शिवराज कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया की 41 फीसदी हिस्सेदारी है। तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत कैबिनेट में पहले से ही शामिल थे। आज बिसाहूलाल सिंह, एदल सिंह कंषाना, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसौदिया, ओपीएस भदौरिया, प्रद्युमन सिंह तोमर, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, गिर्राज दण्डोतिया और सुरेश धाकड़ हैं।
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कमलनाथ ने कोविद संकट के दौरान Sank संकटनाथ ’की ओर रुख किया: शिवराज ने एमपी में वायरस के लिए पिछले सरकार को दोषी ठहराया
कमलनाथ ने कोविद संकट के दौरान Sank संकटनाथ ’की ओर रुख किया: शिवराज ने एमपी में वायरस के लिए पिछले सरकार को दोषी ठहराया
मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ की फाइल फोटो।
सांसद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ को कोरोनोवायरस संकट से कोई सरोकार नहीं था और वह इंदौर में आईफा पुरस्कार समारोह की मेजबानी से संबंधित ��ैठकों में भाग लेने में व्यस्त थे।
PTI
आखरी अपडेट: 8 जुलाई, 2020, 9:31 PM IST
मध्य प्रदेश में फैले कोरोनावायरस के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए…
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राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच वायरल हो रहीं ये 2 तस्वीरें, ये है दोनों के पीछे की कहानी
राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच वायरल हो रहीं ये 2 तस्वीरें, ये है दोनों के पीछे की कहानी
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दिसंबर 2018 में राहुल गांधी ने एमपी और राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के साथ दो तस्वीरें ट्वीट की थी। एमपी में सिंधिया की बगावत और कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद अब राजस्थान में सचिन पायलट भी उसी राह पर बढ़ते दिख रहे हैं। अब दोनों पुरानी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
Edited By Chandra Pandey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 13 Jul 2020, 12:17:00 PM IST
नई दिल्ली रा…
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कांग्रेस ने मणिपुर में लिया मध्य प्रदेश का बदला, संकट में भाजपा सरकार
कांग्रेस ने मणिपुर में लिया मध्य प्रदेश का बदला, संकट में भाजपा सरकार
न्यूज पैंट्री डेस्क : कोरोना संकट के बीच एक और राज्य में सियासी उठापटक देखने को मिली है. मध्य प्रदेश के बाद अब पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर में सत्ताधारी दल की कुर्सी खतरे में आ गई है. एमपी में कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी थी और अब मणिपुर की भाजपा नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार मुश्किलों में घिर गई है.
मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस में शामिल हो गए…
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सियासी संकट के बीच आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे CM कमलनाथ, दे सकते हैं इस्तीफा
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सियासी संकट के बीच आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे CM कमलनाथ, दे सकते हैं इस्तीफा
शुक्रवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया
फ्लोर टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे मुख्यमंत्री कमलनाथ
मध्य प्रदेश में सियासी घमासान जारी है. इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ शुक्रवार को दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. माना जा रहा है कि सीएम कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में कमलनाथ का फ्लोर टेस्ट कल, ऐसे हैं विधानसभा के समीकरण
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ को झटका देते हुए शुक्रवार शाम तक बहुमत साबित करने को कहा है. इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एमपी विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापित को आदेश दिया कि वे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं और इस सत्र में फ्लोर टेस्ट करावाया जाए. अदालत ने 20 मार्च को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है.
यह भी पढ़ें: MP में सियासी ड्रामे पर SC- राज्य की नहीं यह एक राष्ट्रीय समस्या
वहीं सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि जिन 16 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है, उन पर विधानसभा में आने का कोई दबाव नहीं है. लेकिन अगर वे विधायक सदन में आना चाहते हैं तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश की पुलिस उन्हें सुरक्षा देगी.
स्पीकर ने स्थगित की थी विधानसभा
बता दें कि 16 मार्च को स्पीकर एनपी प्रजापति ने कोरोना वायरस के संक्रमण का हवाला दे��े हुए विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी थी, लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सीएम कमलनाथ को बहुमत हासिल करने को कहा है.
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