#एकादशी 2021 तिथि
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जया एकादशी (जया एकादशी) 2021: 23 फरवरी को इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान विष्णु का पूजन, मिलेगा विशेष फल
जया एकादशी (जया एकादशी) 2021: 23 फरवरी को इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान विष्णु का पूजन, मिलेगा विशेष फल
एकादशी महान पुण्य देने वाली … सनातन धर्म में व्रत, हवन, यज्ञ सहित कई धार्मिक कर्मों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इन्हीं में से एक होता है एकादशी का व्रत (हिंदू पंचांग कीवेनवी तिथि को एकादशी कहते हैं।), यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते…
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भारतीय पंचांग आज+तिथि+नक्षत्र+आज का शुभ मुहूर्त+ राहुकाल धनराज शास्त्री द्वारा ! Hindu calendar in usa Canada Australia italy Spain !?!Indian panchang today विक्रम संवत 2078,। राष्ट्रीय मिति कार्तिक 23 शक संवत् 1943 कार्तिक शुक्ल एकादशी रविवार सौर कार्तिक मास प्रविष्टे 29,#astroindiauk अंग्रेजी तारीख 14 नवंबर सन् 2021 ई॰। तदनुसार रवि उल्सानी 08, हिजरी 1443 (मुस्लिम) सूर्य दक्षिणायन, दक्षिणगोल हेमंत ऋतुः। एकादशी तिथि- कल सुबह 6:40तक ! पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र सायं 4:31 तक उपरांत उत्तर भाद्रपद नक्षत्र। योग-हर्षण अर्धरात्रोत्तर 1:43 तक उपरांत वज्र योग । करण-वणिज सायं 6:15 तक उपरान्त बव करण । चंद्रमा पूर्वाह्न 10: 11 तक कुंभ उपरांत मीन राशि ।
आज का शुभ मुहूर्त :-
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:44 से 12 : 27 तक। गोधूलि बेला शाम 5:17 से 5: 41 तक। रवि योग सुबह में 6:43 से 4:31 तक। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4: 57 से 5:50 तक।
आज का अशुभ काल
राहुकाल शाम को 4:30 से 6 बजे तक। गुलिक काल-दोपहर-दोपहर में 3:30 से 4 : 30 तक । #vashikaran यमगंड-दोपहर 12 बजे से 1: 30 तक । दुर्मुहूर्त काल शाम को 4 :2 से 4:45 तक। पंचक पूरे दिन । सूर्योदय : 6: 43
सूर्यास्त 5:28 #google #shop&shop #walmart #Giant food store #food lion #ebay #indiamart #lulu #othaim #bollywood DHANRAJ SHASTRI+91-7728819664 #success
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आज का पंचांग: 04 अगस्त को दोपहर बाद बन रहा है अशुभ योग, न करें शुभ कार्य, जानें आज की तिथि
आज का पंचांग: 04 अगस्त को दोपहर बाद बन रहा है अशुभ योग, न करें शुभ कार्य, जानें आज की तिथि
आज का पंचांग 04 अगस्त 2021: 04 अगस्त 2021, बृहस्पतिवार को श्रावण मास के कृष्ण की एकादशी तिथि है। यह एक तारीख की तारीख को पूरा किया गया है। सावन मास की इस एकादशी का विशेष महत्व है। आज के व्रत, पूजा और शुभ मुहूर्त. कामिका एकादशी 2021 (कामिका एकादशी 2021)को पंचांग के एकादशी की तारीख है. श्रावण मास की कृष्णों की एकादशी को कामिका एक मांस है। इस व्यक्ति को विष्णु की विशेष देखभाल है। एकशी का व्रत विधि…
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#03 अगस्त पंचांग#04 अगस्त 2021#04 अगस्त 2021 पंचांग#4 अगस्त 2021#ABP न्यूज़#आज का नक्षत्र:#आज का पंचांग#आज का पंचांग 04 अगस्त 2021#आज का पंचांग 2021#आज का पंचांग आज#आज का पंचांग तिथि#आज का पंचांग हिंदी में#आज का पंचांग हिंदी में 2021 आज#आज पंचाग#आज पंचांग 2021#ऑनलाइन पंचांग#कामिका एकादशी 2021#केतु#दिशा शूल#पंचांग#पंचांग 2021#पंचांग: ऑनलाइन पंचांग और वैदिक कैलेंडर#पंचांगम और हिंदू कैलेंडर#पूजा#मीन राशि#राहु#राहुकाली#रेलू काल#वृष राशि#वृषभ
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Kamada Ekadashi 2021: 4 अगस्त को कामदा एकादशी, संतान प्राप्ति के लिए इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें पूजा
Kamada Ekadashi 2021: 4 अगस्त को कामदा एकादशी, संतान प्राप्ति के लिए इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें पूजा
Image Source : INSTRAGRAM//LORDVISHNU_SE Kamada Ekadashi 2021: 4 अगस्त को कामदा एकादशी, संतान प्राप्ति के लिए इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें पूजा श्रावण कृष्ण पक्ष की उदया तिथि एकादशी और बुधवार का दिन है। इसके साथ ही पूरा दिन पार कर भोर के समय 4 बजकर 25 मिनट तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। प्रत्येक साल श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी का व्रत करने का विधान है। कुछ पुराणों के अनुसार…
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मोहिनी एकादशी 2021: तिथि, मुहूर्त और इस एकादशी व्रत के बारे में सब कुछ
मोहिनी एकादशी 2021: तिथि, मुहूर्त और इस एकादशी व्रत के बारे में सब कुछ
मोहिनी एकादशी 2021: जानिए मोहिनी एकादशी की तिथि, समय या शुभ मुहूर्त मोहिनी एकादशीवैशाख के हिंदू महीने में, 24 एकादशियों में से एक सबसे महत्वपूर्ण है व्रत एक वर्ष में। मोहिनी एकादशी11वें दिन मनाया जाता है शुक्ल पक्ष या पूर्णिमा पखवाड़ा। मोहिनी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु को ‘मोहिनी’ नाम दिया गया था जब वे इस एकादशी पर भेष में प्रकट हुए थे तिथि. तभी से…
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पंचांग :- संवत :- २०७८ ( आनंद ) दिनांक :- 14 नवंबर 2021 सूर्योदय :- 06:38 सूर्यास्त :- 17:41 सूर्य राशि :- तुला चंद्र राशि :- कुम्भ मास :- कार्तिक तिथि :- एकादशी वार :- सूर्यवार नक्षत्र :- पूर्व भाद्रपद योग :- हर्षण करण :- वणिज अयन:- दक्षिणायन पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- शरद लाभ :- 09:26 - 10:49 अमृत:- 10:50 - 12:12 शुभ :- 13:34 - 14:57 राहु काल :- 16:18 - 17:41 जय श्री महाकाल :- शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम् विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥ अर्थात:- मैं भगवान विष्णु को नमन करता हूं जो इस सृष्टि के पालक और रक्षक हैं, जो शांतिपूर्ण है, जो विशाल सर्प के ऊपर लेटे हुए हैं जिनकी नाभि से कमल का फूल निकला हुआ है जो ब्रह्मांड का सृजन करता है, जो परम पिता परमात्मा है, जो पूरी सृष्टि को चलाने वाला है, जो सर्वव्यापी है जो बादलों की तरह सांवले हैं जिनकी नेत्र कमल के समान है, वही समस्त संपत्तियों के स्वामी हैं, योगी जन ध्यान करते हैं, वह इस संसार के भय का नाश करने वाले हैं, सब लोकों के स्वामी भगवान विष्णु को मेरा नमस्कार। आज का मंत्र :- ""|| ॐ घृणि सूर्याय नमः।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय श्री महाकाल। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय श्री महाकाल🌹🙏 श्री महाकालेश्व�� ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 14 नवंबर 2021 ( सूर्यवार ) जय श्री महाकाल। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/CWPjUsNBU_9/?utm_medium=tumblr
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विजया एकादशी 2021: किस दिन रखना है व्रत और जानें शुभ मुहूर्त का समय
विजया एकादशी 2021: किस दिन रखना है व्रत और जानें शुभ मुहूर्त का समय
एकादशी नियम: एकादशी के ये 15 विशेष नियम जानते हैं आप? हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी कहा जाती है। इस वर्ष यह तिथि 9 मार्च (मंगलवार) को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एकादशी व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठतम होता है। इस व्रत को रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत करने से…
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#2021 में विजया एकादशी व्रत कब है#पूजा विधान#भगवान विष्णु#भगवान विष्णु पूजा विधान#विजया एकादशी#विजया एकादशी 2021#विजया एकादशी 2021 व्रत तिथि#विजया एकादशी कब है#विजया एकादशी महत्व#विजया एकादशी व्रत#व्रत नियम#सुभ मुहूर्त
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आज का पंचांग: 21 जुलाई, बुधवार को द्वादशी की तिथि, जानें शुभ मुहूर्त और राहु काल
आज का पंचांग: 21 जुलाई, बुधवार को द्वादशी की तिथि, जानें शुभ मुहूर्त और राहु काल
आज का पंचांग 21 जुलाई 2021: 21 जुलाई 2021, बृहस्पतिवार को मास की शुक्लक्ल्स की द्वादशी तिथि तिथि है। आज वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा है। जहां पर पहली बार हिंदी विराजमान है। आज वृश्चिक राशि का योग बना है। आज की पूजा (आज की पूजा) देवशयनी एकादशी व्रत पारण (देवशयनी एकादशी व्रत पारण)– पंचांग के तारीख 21 नवंबर, बृहस्पतिवार को तिथि तिथि पर एकादशी का परावर्तन होता है। दिन देवशयनी एकादशी व्रत का पारण है।…
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#21 जुलाई 2021#21 पंचांग#ABP न्यूज़#आज का नक्षत्र:#आज का पंचांग#आज का पंचांग 2021#आज का पंचांग 21 जुलाई 2021#आज का पंचांग तिथि#आज का पंचांग हिंदी में#आज का पंचांग हिंदी में 2021 आज#आज पंचांग 2021#एकादशी व्रत पराना#कन्या राशि#गणेश जी#गणेश पूजा#दिशा शूल#देवशयनी एकादशी 2021#देवशयनी एकादशी व्रत पराना#देवशयनी एकादशी व्रत पारण#पंचांग#पंचांग 2021#राहुकाली#रेलू काल#शनि देव#शनि पूजा#शुभ मुहूर्त#समारोह#हिंदी में आज का पंचांग 2021
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वरूथिनी एकादशी 2021: तिथि, उपवास का समय, एकादशी का महत्व
वरूथिनी एकादशी 2021: तिथि, उपवास का समय, एकादशी का महत्व
वरूथिनी एकादशी: वैशाख के कृष्ण पक्ष में यह एकादशी व्रत मनाया जाता है वरूथिनी एकादशी हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख के महीने में मनाया जाता है। वैशाख को एक शुभ महीना माना जाता है – भगवान विष्णु का प्रिय – जब अक्षय तृतीया, बुध पूर्णिमा, कूर्मा जयंती, सीता नवमी, मोहिनी एकादशी और वरुथिनी एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष वरुथिनी एकादशी 7 मई को है। यह व्रत देश भर में भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा मनाया…
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७८ ( आनंद ) दिनांक :- 30 दिसंबर 2021 सूर्योदय :- 07:07 सूर्यास्त :- 17:51 सूर्य राशि :- धनु चंद्र राशि :- तुला मास :- पौष तिथि :- एकादशी वार :- गुरुवार नक्षत्र :- विशाखा योग :- धृति करण :- बालव अयन:- दक्षिणायन पक्ष :- कृष्ण ऋतू :- हेमंत लाभ :- 12:29 - 13:48 अमृत:- 17:51 - 19:30 शुभ :- 07:07 - 08:27 राहु काल :- 13:49 - 15:10 जय श्री महाकाल :- *आज एकादशी है।* *एकादशी व्रत से जुड़ी जानकारी:-* एकादशी को दीपक प्रज्वलित कर के विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करना चाहिए। यदि विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ नहीं कर सकें तो गुरुमंत्र का जप करना चाहिए l आज का मंत्र :- ""|| ॐ बृं बृहस्पतये नमः।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय श्री महाकाल। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय श्री महाकाल🌹🙏 श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 30 दिसंबर 2021 ( गुरुवार ) जय श्री महाकाल। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/bhagyachakra/p/CYF8zUmrYoD/?utm_medium=tumblr
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🚩 1 जनवरी का इतिहास जान लेंगे आप तो छोड़ देंगे नववर्ष मनाना - 25 दिसंबर 2021
🚩विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत में राज करने के लिए सबसे पहले भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात किया जिससे हम अपनी महान दिव्य संस्कृति भूल जाएं और उनकी पाश्चात्य संस्कृति अपना लें जिसके कारण वे भारत में राज कर सकें।
🚩अपनी संस्कृति का ज्ञान न होने के कारण आज हिन्दू भी 31 दिसंबर की रात्रि में एक-दूसरे को हैपी न्यू इयर कहते हुए नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं ।
🚩नववर्ष उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था। लेकिन उस समय नए वर्ष का ये त्यौहार 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि (हिन्दुओं का नववर्ष ) भी मानी जाती थी। प्राचीन रोम में भी ये तिथि नव वर्षोत्सव के लिए चुनी गई थी लेकिन रोम के तानाशाह जूलियस सीजर को भारतीय नववर्ष मनाना पसन्द नही आ रहा था इसलिए उसने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को पिछला वर्ष, यानि, ईसापूर्व 46 ईस्वी को 445 दिनों का करना पड़ा था । उसके बाद भारतीय नववर्ष के अनुसार छोड़कर ईसाई समुदाय उनके देशों में 1 जनवरी से नववर्ष मनाने लगे ।
🚩भारत देश में अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कम्पनी की 1757 में स्थापना की । उसके बाद भारत को 190 साल तक गुलाम बनाकर रखा गया। इसमें वो लोग लगे हुए थे जो भारत की ऋ��ि-मुनियों की प्राचीन सनातन संस्कृति को मिटाने में कार्यरत थे। लॉड मैकाले ने सबसे पहले भारत का इतिहास बदलने का प्रयास किया जिसमें गुरुकुलों में हमारी वैदिक शिक्षण पद्धति को बदला गया ।
🚩भारत का प्राचीन इतिहास बदला गया जिसमें भारतीय अपने मूल इतिहास को भूल गये और अंग्रेजों का गुलाम बनाने वाले इतिहास याद रह गया और आज कई भोले-भाले भारतवासी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष नही मनाकर 1 जनवरी को ही नववर्ष मनाने लगे ।
🚩हद तो तब हो जाती है जब एक दूसरे को ���ववर्ष की बधाई भी देने लग जाते हैं। क्या किसी भी ईसाई देशों में हिन्दुओं को हिन्दू नववर्ष की बधाई दी जाती है..??? किसी भी ईसाई देश में हिन्दू नववर्ष नहीं मनाया जाता है फिर भोले भारतवासी उनका नववर्ष क्यों मनाते हैं?
🚩इस साल आने वाला नया वर्ष 2022 अंग्रेजों अर्थात ईसाई धर्म का नया साल है।
🚩हिन्दू धर्म का इस समय विक्रम संवत 2078 चल रहा है।
🚩इससे सिद्ध हो गया कि हिन्दू धर्म ही सबसे पुराना धर्म है ।
🚩इस विक्रम संवत से 5000 साल पहले इस धरती पर भगवान विष्णु श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित हुए । उनसे पहले भगवान राम, और अन्य अवतार हुए यानि जबसे पृथ्वी का प्रारम्भ हुआ तबसे सनातन (हिन्दू) धर्म है।
🚩कहाँ करोड़ों वर्ष पुराना हमारा सनातन धर्म और कहाँ भारतीय अपनी गरिमा से गिर 2000 साल पुराना नववर्ष मना रहे हैं!
🚩जरा सोचिए....!!!
🚩सीधे-सीधे शब्दों में हिन्दू धर्म ही सब धर्मों की जननी है। यहाँ किसी धर्म का विरोध नहीं है परन्तु सभी भारतवासियों को बताना चाहते हैं कि इंग्लिश कैलेंडर के बदलने से हिन्दू वर्ष नहीं बदलता!
🚩जब बच्चा पैदा होता है तो पंडित जी द्वारा उसका नामकरण कैलेंडर से नहीं हिन्दू पंचांग से किया जाता है । ग्रहदोष भी हिन्दू पंचाग से देखे जाते हैं और विवाह,जन्मकुंडली आदि का मिलान भी हिन्दू पंचाग से ही होता है । सभी व्रत, त्यौहार हिन्दू पंचाग से आते हैं। मरने के बाद तेरहवाँ भी हिन्दू पंचाग से ही देखा जाता है। मकान का उद्घाटन, जन्मपत्री, स्वास्थ्य रोग और अन्य सभी समस्याओं का निराकरण भी हिन्दू कैलेंडर {पंचाग} से ही होता है।
🚩आप जानते हैं कि रामनवमी, जन्माष्टमी, होली, दीपावली, राखी, भाई दूज, करवा चौथ, एकादशी, शिवरात्री, नवरात्रि, दुर्गापूजा सभी विक्रमी संवत कैलेंडर से ही निर्धारित होते हैं | इंग्लिश कैलेंडर में इनका कोई स्थान नहीं होता।
🚩सोचिये! आपके इस सनातन धर्म के जीवन में इंग्लिश नववर्ष या कैलेंडर का स्थान है कहाँ ?
🚩1 जनवरी को क्या नया हो रहा है..????
🚩न ऋत��� बदली... न मौसम...न कक्षा बदली...न सत्र....न फसल बदली...न खेती.....न पेड़ पौधों की रंगत...न सूर्य चाँद सितारों की दिशा.... ना ही नक्षत्र...
🚩हाँ, नए साल के नाम पर करोड़ो /अरबों जीवों की हत्या व करोड़ों /अरबों गैलन शराब का पान व रात पर फूहणता अवश्य होगी।
🚩भारतीय संस्कृति का नव संवत् ही नया साल है.... जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तियां, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते हैं जो विज्ञान आधारित है और चैत्र नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण घर, मन्दिर, गली, दुकान सभी जगह पूजा-पाठ व भक्ति का पवित्र वातावरण होता है ।
🚩अतः हिन्दुस्तानी अपनी मानसिकता को बदले, विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने और चैत्री शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन ही नूतन वर्ष मनाये।
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🔱🚩🔱 🔔🔱🔔🔱🔔🔱🔔 जय श्री *महांकाल ज्योतिर्लिंग*, Jaisinghpura *उज्जैन : 456 006* (मध्य प्रदेश) 🔱🚩 🔱 स्वयंभू *दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग* राजाधिराज *मृत्युलोकाधिपति* भूतभावन अवंतिकानाथ बाबा *महांकाल के* आज के *अभिषेक* / *भस्म अभिषेक* / *श्रंगार* / *मंगला आरती* के *दिव्य, पावन एवं अलौकिक दर्शन...* 🔆 🗒️ *रविवार : 26 दिसंबर, 2021* *तदनुसार : उदया तिथि* 🌞 (वृंदावन : सुर्योदय : 07:09:04 am) *रात्रि : 8:08 pm (20:07:45) तक* *पौष : 🌗 कृष्ण पक्ष (बुदी) :* *सप्तमी - (७)* *तत्पश्चात्* .. *अष्टमी - (८)* 🌟 *व्रत एवं पर्व विवरण* ▪️30/12/2021 : (गुरुवार) : एकादशी व्रत 🌾🥀🌾🥀🌾🥀🌾🥀🌾 https://www.instagram.com/p/CX8J3oEAu3N/?utm_medium=tumblr
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आमलकी एकादशी 2021: आमलकी एकादशी कब है? जानें शुभ मुहूर्त, कथा व महत्व
आमलकी एकादशी 2021: आमलकी एकादशी कब है? जानें शुभ मुहूर्त, कथा व महत्व
आंवले के वृक्ष में श्री हरि और लक्ष्मी जी का वास … हिन्दू पंचांग के अनुसार आमलकी एकादशी फाल्गुन माह के कृष्ण शुक्ल पक्ष को आती है। इसे आमलक्य एकादशी भी कहा जाता है। : यह हर साल फरवरी या मार्च महीने में मनाई जाती है। ऐसे में इस बार यानि 2021 में आमलकी एकादशी 25 मार्च को है। धार्मिक मान्यता के अनुसार आमलकी का मतलब आंवला होता है, जिसे हिंदू धर्म और आयुर्वेद दोनों में श्रेष्ठ बताया गया है। पद्म…
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#2021 एकादशी व्रत की तिथियां#आंवला एकादशी#आध्यात्मिक#आध्यात्मिकता#आमलकी एकादशी#आमलकी एकादशी 2021#आमलकी एकादशी 2021 तिथि#आमलकी एकादशी 2021 महत्व#आमलकी एकादशी 2021- तिथि और मुहूर्त समय#आमलकी एकादशी पूजन विधान#आमलकी एकादशी व्रत कथा#आमला एकादशी#आमला एकादशी 2021#आवला एकादशी 2021#आवला एकादशी 2021- तिथि और मुहूर्त समय#एकादशी#एकादशी 2021#एकादशी 2021 हिंदी में स��ची#एकादशी व्रत 2021 कैलेंडर#एकादशी व्रत 2021 तिथियां#जीवनशैली और संबंध#नववर्ष 2021 में एकादशी व्रत की तिथियां#पूजा पथ#भगवान विष्णु#भगवान विष्णु की पूजा करें#वर्ष 2021 के एकादशी व्रत#षट्तिला एकादशी 2021
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देवशयनी एकादशी पर हनुमान जी की पूजा का बन रहा है विशेष संयोग
देवशयनी एकादशी पर हनुमान जी की पूजा का बन रहा है विशेष संयोग
देवशयनी एकादशी 2021: पंचांग के हिसाब से 20 नवंबर 2021, कल आषाढ़ मास की कल की तारीख है। इस एकादशी शास्त्र की तिथि समाप्त हो गई है। आषाढ़ शुक्ल की एकादशी को देवशय एकादशी है। इस व्यक्ति को विष्णु की विशेष देखभाल है। देवशयनी एकादशी का महत्वदेवशय एकादशी आषाढ़ मास की आखिरी एकादशी है। एंडोर्समेंट के लिए देवशयनीदाशी से चातुर्मास एक शुरुआत है। देवशयनी एकादशी से विष्णु का शयनकाल प्रभामंडल है। भगवान विष्णु…
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