#जया एकादशी का महत्व
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Jaya Ekadashi 2024
Jaya Ekadashi 2024, a significant Hindu fasting day, holds a revered place in the Hindu calendar. Falling on the 11th day of the bright fortnight (Shukla Paksha) in the month of Magh (magh Ekadashi 2024), it is dedicated to Lord Vishnu and is observed with great devotion and enthusiasm.
Jaya Ekadashi 2024 date:
Jaya Ekadashi 2024 will be observed on Tuesday, 20th February. The fasting for Jaya Ekadashi begins on 19th February 2024 at 8:49 am and concludes on 20th February 2024 at 9:55 am.
The Parana, or the breaking of the fast, should be done on 21st February 2024, between 6:55 am and 9:11 am.
Auspicious Yoga:
Jaya Ekadashi is associated with auspicious yogas such as Preeti, Ayushman, Tripushkar, and Ravi Yoga. These yogas are believed to enhance the benefits of worshiping Lord Vishnu on this day.
Jaya Ekadashi significance:
Jaya Ekadashi is considered a powerful fast that can cleanse one of the sins and grant worldly pleasures.
The month of Magh, in which Jaya Ekadashi falls, is auspicious for the worship of Lord Shiva, adding to the significance of this day.
The fast ends with Parana, ideally done as soon as possible after the end of Dwadashi.
In some South Indian communities, Jaya Ekadashi is also known as Bhoomi Ekadashi (Jaya ekadashi vrat Katha) and Bhishma Ekadashi.
Devotees observe this fast with dedication and perform rituals to seek the blessings of Lord Vishnu for the fulfillment of their desires and spiritual growth.
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अविश्वसनीय "जया एकादशी व्रत कथा: 2024" (मोक्ष प्राप्ति)
"जया एकादशी" का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। 2024 में जया एकादशी का व्रत 9 फरवरी को पड़ेगा। इस व्रत की कथा और महत्व को समझना मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है।
जया एकादशी व्रत कथा:
पौराणिक कथा के अनुसार, इंद्रलोक में माल्यवान नामक एक गंधर्व और पुष्पवती नामक अप्सरा रहती थी। एक बार दोनों ने इंद्र की सभा में अपने कर्तव्यों का पालन करते समय एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होकर ध्यान भंग कर दिया। इससे इंद्रदेव क्रोधित हो गए और उन्होंने दोनों को श्राप देकर पृथ्वी पर राक्षस योनि में जन्म लेने का आदेश दिया। पृथ्वी पर आकर वे दोनों दुखी और कष्टमय जीवन जीने लगे।
एक दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन, भूले-भटके उन्होंने इस पवित्र दिन का व्रत रखा और भगवान विष्णु की आराधना की। उनके इस व्रत के प्रभाव से वे अपने पापों से मुक्त हो गए और पुनः अपने दिव्य स्वरूप में लौट आए। भगवान विष्णु ने उन्हें आशीर्वाद देकर उनके कष्टों का अंत किया और उन्हें स्वर्गलोक भेज दिया।
जया एकादशी व्रत का महत्व:
जया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। कहा जाता है कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से व्यक्ति के पूर्व जन्मों के पाप भी समाप्त हो जाते हैं।
व्रत के दिन प्रातः काल स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और व्रत की कथा का पाठ करना चाहिए। व्रत के दौरान ब���रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है और संभव हो तो रात में जागरण करके भगवान का स्मरण करना चाहिए। जया एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और अंततः मोक्ष प्राप्ति होती है।
इस प्रकार, जया एकादशी व्रत कथा और इसका पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुलता है।
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Jaya Ekadashi 2024: इस विधि से करें जया एकादशी व्रत का पारण, मिलेगा लाभJaya Ekadashi 2024: जया एकादशी पर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस साल जया एकादशी व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा. इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
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जया एकादशी 2024 : पूजा विधि, धार्मिक मान्यताएं और दान का महत्व
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आज का पंचांग, राशिफल 2 फरवरी 2023, गुरुवार
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🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌺 *सुप्रभात जय श्री राधेकृष्णा*🌺
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#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज दिशाशूल दक्षिण दिशा में रहेगा इसलिए दक्षिण की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो बिना शक्कर का दही खाकर घर से निकलें।
आज द्वादशी तिथि और दिन गुरुवार है। आज जया एकादशी है।आज के दिन भीष्म द्वादशी का व्रत करने से समस्त मनोरथ पूरे होते हैं। जिस कामना की पूर्ति के संकल्प के साथ यह व्रत किया जाता है, वह अवश्य पूरी होती है। आज के दिन श्रीहरि नारायण या भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने का भी विशेष महत्व है। जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है वे भगवान श्रीकृष्ण का पूर्ण श्रृंगार कर उनका पूजन पीले पुष्पों से करें, शीघ्र विवाह की बात बन जाएगी। यहां पेश है आज का पंचांग, जिसमें शुभ-अशुभ योग देखकर पूरे दिन की प्लानिंग कर लीजिए।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज का पंचांग विक्रम संवत : 2079 शालिवाहन शके : 1944 मास : माघ शुक्ल पक्ष ऋतु : शिशिर अयन : उत्तरायण तिथि : द्वादशी सायं 4.25 तक नक्षत्र : आद्र्रा दूसरे दिन प्रात: 6.16 तक योग : वैधृति दोपहर 12.10 तक करण : बालव सायं 4.25 तक सूर्योदय : 7.07.01 सूर्यास्त : 6.13.54 दिनकाल : 11 घंटे 06 मिनट 53 सेकंड रात्रिकाल : 12 घंटे 52 मिनट 41 सेकंड चंद्रोदय : दोपहर 3.17 चंद्रास्त : दूसरे दिन तड़के 5.26
आज की ग्रह स्थिति सूर्य राशि : मकर में चंद्र राशि : मथुन मंगल : वृषभ में बुध : धनु में गुरु : मीन में शुक्र : कुंभ में शनि : कुंभ में अस्त राहु : मेष में केतु : तुला में शुभ समय दिन के चर : प्रात: 11.17 से दोप 12.40 लाभ : दोप 12.40 से 2.04 अमृत : दोप 2.04 से 3.27 शुभ : सायं 4.51 से 6.14 अभिजित : दोप 12.18 से 1.03 शुभ समय रात्रि के अमृत : सायं 6.14 ��े 7.51 चर : सायं 7.51 से रात्रि 9.27 त्याज्य समय राहु काल : दोप. 2.04 से 3.27 यम घंट : प्रात: 7.07 से 8.30 आज विशेष : भीष्मद्वादशी आज का शुभ रंग : पीला, सफेद आज के पूज्य देव : श्री हरि आज का मंत्र : ऊं नमो भगवते वासुदेवाय दिशाशूल दिशाशूल दक्षिण दिशा में रहेगा। इसलिए दक्षिण की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो बिना शक्कर का दही खाकर घर से निकलें।
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आज का विशेष उपाय
1. आज के दिन भीष्म द्वादशी का व्रत करने से समस्त मनोरथ पूरे होते हैं। जिस कामना की पूर्ति के संकल्प के साथ यह व्रत किया जाता है, वह अवश्य पूरी होती है।
2. आज के दिन श्रीहरि नारायण या भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने का भी विशेष महत्व है।
3. जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है वे भगवान श्रीकृष्ण का पूर्ण श्रंृगार कर उनका पूजन पीले पुष्पों से करें, शीघ्र विवाह की बात बन जाएगी।
4. आज के दिन गाय को पीले पके केले खिलाएं, आर्थिक संकट दूर होंगे।
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दैनिक राशिफल 02 फरवरी 2023
माघ महीने में गंगा स्नान करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत हो जाता है,वो पापमुक्त हो जाता है। माघ में लोग कल्पवास और दान-पुण्य करते है,जिससे घर में शांति बनी रहती है।
मेष राशि : कामों में सफलता हासिल होगी भगवान विष्णु की कृपा से आज आपका दिन आनंदमय रहेगा, आपको कामों में सफलता हासिल होगी। घर का वातावरण अच्छा बना रहेगा। दाम्पत्य जीवन में मधुरता रहेगी।
वृषभ राशि : आज आपको धनलाभ होगा भगवान विष्णु की कृपा से आज आपको धनलाभ होगा, नौकरी में पदोन्नति और स्थान परिवर्तन के योग नजर आ रहे हैं तो वहीं अपनों का प्रेम भी आपको मिलेगा।
मिथुन राशि : आज आपका दिन अनुकूल रहेगा भगवान विष्णु की कृपा से आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। कुछ शुभ समाचार मिल सकता है, छात्रों के लिए दिन काफी बढ़िया है, परिवार में प्रेम और एकता रहेगी।
कर्क राशि : आप आज खुद से खुश रहेंगे भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन बेहतर रहेगा, आप मन लगाकर काम करेंगे तो आपको सफलता मिलेगी। पूजा-पाठ में भी ध्यान लगेगा और आप आज खुद से खुश रहेंगे।
सिंह राशि : आज आप बढ़िया महसूस करेंगे भगवान विष्णु की कृपा से आज आप बढ़िया महसूस करेंगे, सेहत ठीक रहेगी, किसी बड़े फैसले में जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। धन लाभ के भी संकेत नजर आ रहे हैं।
कन्या राशि : बॉस आपके काम से प्रसन्न रहेंगे भगवान विष्णु की कृपा से आज आपके लिए दिन बढ़िया रहेगा, नौकरी में बॉस आपके काम से प्रसन्न रहेंगे, हो सकता है आपको कुछ बढ़िया सौगात मिले, परिवार नें सुख-शांति रहेगी।
तुला राशि :कुछ अच्छी चीजें सीखने को मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा से आज आपको कुछ अच्छी चीजें सीखने को मिलेगी, पारिवारिक वातावरण सुखमय रहेगा। नौकरी और बिजनेसवाले वाले लोग आज खुश रहेंगे।
वृश्चिक राशि : सकारात्मकता बनी रहेगी भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन सार्थक रहेगा, सकारात्मकता बनी रहेगी, बिजनेस में अप्रत्याशित लाभ के संकेत हैं। पारिवारिक वातावरण सुखमय रहेगा।
धनु राशि : आज का दिन सामान्य रहेगा भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन सामान्य रहेगा, सेहत ठीक रहेगी, परिजनों के साथ धार्मिक यात्रा की प्लानिंग कर सकते हैं तो वहीं ऑफिस में लोगों का पूरा सहयोग मिलेगा।
मकर राशि : छात्रों के लिए आज दिन बहुत बढ़िया भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन बढ़िया है, स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आज दिन बहुत बढ़िया है तो वहीं आर्थिक रूप से भी आज का दिन अच्छा है।
कुंभ राशि : परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन आनंदमय रहेगा, परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा, परिजनों के साथ कहीं घूमने का प्लान बना सकते हैं।
मीन राशि : प्रेम और विश्वास में वृद्धि होगी भगवान विष्णु की कृपा से आज का दिन अच्छा है, आज आपका दिन सुख-शांति से भरा रहेगा और परिजनों के बीच आपसी प्रेम और विश्वास में वृद्धि होगी।
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1 फरवरी 2023 को होगा जया एकादशी का व्रत,होता है अश्वमेघ यज्ञ समान फलदायी
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1 फरवरी 2023 को होगा जया एकादशी का व्रत,होता है अश्वमेघ यज्ञ समान फलदायी
हिन्दू धर्म में मान्यता है भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को जया एकादशी के महत्व के बारे में बताया था, कि यह व्रत ‘ब्रह्म हत्या’ जैसे पाप से भी मुक्ति दिला सकता है ।जया एकादशी को बहुत ही पुण्यदायी माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत कर���े से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है. जया एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समतुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है.
धार्मिक शस्त्र के जानकार बताते है कि पूर्व काल में मुर दैत्य को मारने के लिए भगवान विष्णु के शरीर से एक कन्या प्रकट हुई जो विष्णु के तेज से सम्पन्न और युद्धकला में निपुण थी। उसकी हुंकार मात्र से मुर दैत्य राख का ढेर हो गया । वह कन्या ही एकादशी देवी थी। इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उससे वर मांगने को कहा।
एकादशी देवी ने वर मांगा—‘यदि आप प्रसन्न हैं तो आपकी कृपा से मैं सब तीर्थों में प्रधान, सभी विघ्नों का नाश करने वाली व समस्त सिद्धि देने वाली देवी होऊं। जो लोग उपवास (नक्त और एकभुक्त) करके मेरे व्रत का पालन करें, उन्हें आप धन, धर्म व मोक्ष प्रदान कीजिए।
भगवान ने वर देते हुए कहा—‘ऐसा ही हो । जो तुम्हारे भक्तजन हैं वे मेरे भी भक्त कहलायेंगे ।भगवान विष्णु को अत्यन्त प्रिय है एकादशी का व्रत।
एकादशी व्रत को सभी व्रतों का राजा’ या ‘व्रतों में शिरोमणि कहते हैं । वैकुण्ठधाम की प्राप्ति कराने वाला, भोग और मोक्ष दोनों ही देने वाला तथा पापों का नाश करने वाला एकादशी के समान कोई व्रत नहीं है। सभी व्रत व सभी दान से अधिक फल एकादशी व्रत करने से होता है। इस तिथि को जो कुछ दान किया जाता है, भजन-पूजन किया जाता है, वह सब भगवान श्रीहरि के पूजित होने पर पूर्णता को प्राप्त होता है ।मान्यता इस दिन किया गया प्रत्येक पुण्य कर्म अनन्त फल देता है और मनुष्य के सात जन्मों के कायिक,वाचिक और मानसिक पाप दूर हो जाते हैं।
ज्योतिषाचार्यो अनुसार विभिन्न नक्षत्रों का योग होने पर एकादशी-व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है ।जब शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘पुनर्वसु’ नक्षत्र हो तो वह तिथि ‘जया’कहलाती है । इसका व्रत करने से मनुष्य सभी पापों से मुक्त हो जाता है।गोदान व अश्वमेध-यज्ञ करने का जो फल होता है, उससे सौगुना अधिक फल एकादशी व्रत करने वाले को मिलता है।
ज्योतिष शास्त्र और पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी पड़ती है। इसे भूमि एकादशी भी कहते हैं। एकादशी तिथि 31 जनवरी 2023 को 11 बजकर 53 बजे से शुरू होकर 1 फरवरी 2023 को दोपहर 2 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी। जया एकादशी का व्रत 1 फरवरी 2023 को रखा जाएगा। जया एकादशी पारण का समय 02 फरवरी 2023 को पूर्वाह्न 07:09 बजे से 09:19 पूर्वाह्न तक।पंचागो मे समय भिन्नता के कारण समय थोड़ा बहुत अलग हो सकता है।
मान्यता है कि एकादशी व्रत के करने से सभी रोग व ��ोष शान्त हो जाते हैं। मनुष्य को दीर्घायु, सुख-शान्ति व समृद्धि की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत का अखण्ड पालन करने से मनुष्य की सौ पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है।एकादशी का व्रत सभी पुण्यों को और मोक्ष देने वाला है।
व्रत का पालन करने वाले जानकार बताते है एकादशी के दिन अन्न (गेहूं, चावल आदि) खाने से पाप क्यों लगता है।इसके लिए कहा गया है कि—‘ब्रह्महत्या आदि समस्त पाप एकादशी के दिन अन्न में रहते हैं । अत: एकादशी के दिन जो भोजन करता है, वह पाप-भोजन करता है। यदि एकादशी का व्रत न भी कर सकें तो इस दिन चावल और उससे बने पदार्थ नहीं खाने चाहिए।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को चन्द्रमा की एकादश (ग्यारह) कलाओं का प्रभाव जीवों पर पड़ता है । चन्द्रमा का प्रभाव शरीर और मन पर होता है, इसलिए इस तिथि में शरीर की अस्वस्थता और मन की चंचलता बढ़ जाती है । इसी तरह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सूर्य की एकादश कलाओं का प्रभाव जीवों पर पड़ता है । इसी कारण उपवास से शरीर को संभालने और इष्टदेव के पूजन से चित्त की चंचलता दूर करने और मानसिक बल बढ़ाने के लिए एकादशी का व्रत करने का नियम बनाया गया है।
ज्योतिष के जानकार बताते हैं यदि उदयकाल में थोड़ी-सी एकादशी, मध्य में पूरी द्वादशी और अंत में थोड़ी-सी भी त्रयोदशी हो तो वह ‘त्रिस्पृशा’ एकादशी कहलाती है । यह भगवान को बहुत ही प्रिय है । इसका उपवास करने से एक सहस्त्र एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है।दशमी युक्त एकादशी का व्रत कभी नहीं करना चाहिए । ऐसा करने से संतान पर बुरा असर पड़ता है ।
।। जय श्री हरि ।।
http://बसंत पंचमी ,नया कामकाज शुरू करने के लिए साथ ही अनसूझा विवाह के लिए है बहुत शुभ, बन रहे हैं चार शुभ योग http://www.lokkesari.com/?p=17917 ~~
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जया एकादशी (जया एकादशी) 2021: 23 फरवरी को इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान विष्णु का पूजन, मिलेगा विशेष फल
जया एकादशी (जया एकादशी) 2021: 23 फरवरी को इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान विष्णु का पूजन, मिलेगा विशेष फल
एकादशी महान पुण्य देने वाली … सनातन धर्म में व्रत, हवन, यज्ञ सहित कई धार्मिक कर्मों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इन्हीं में से एक ��ोता है एकादशी का व्रत (हिंदू पंचांग कीवेनवी तिथि को एकादशी कहते हैं।), यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते…
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#लखनऊ : जाने जया एकादशी व्रत का महत्व, इस व्रत को करने से क्या क्या होते हैं फायदे... #Lucknow लिंक देखें-http://www.tbnews.in/2022/02/blog-post_76.html https://www.instagram.com/p/CZ4kIs7vTbA/?utm_medium=tumblr
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Jaya Ekadashi 2021 Know Auspicious Time And What Will Benefit From Doing
Jaya Ekadashi 2021 Know Auspicious Time And What Will Benefit From Doing
हिंदू धर्म में आज का दिन की काफी मान्यता है. आज एकादशी का दिन है. हिंदू पंचांग के मुताबिक साल के हर महीने दो एकादशी तिथि आती है. वहीं, माघ मास के शुक्ल पक्ष की ��कादशी को जया एकादशी के तौर पर देखा जाता है. इस दिन व्रत का बड़ा महत्व होता है. कहा जाता है कि एकादशी व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु का आर्शीवाद मिलता है. आज जया एकादशी के दिन मंगलवार है. हनुमान जी की पूजा करना बेहद खास साबित होगा. इस…
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23 फरवरी 2021:आज है जया एकादशी, जानें-शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में आज का दिन की काफी मान्यता है! आज एकादशी का दिन है! हिंदू पंचांग के मुताबिक साल के हर महीने दो एकादशी तिथि आती है! वहीं, माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के तौर पर देखा जाता है! इस दिन व्रत का बड़ा महत्व होता है! कहा जाता है कि एकादशी व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु का आर्शीवाद मिलता है!
आज जया एकादशी के दिन मंगलवार है! हनुमान जी की पूजा करना बेहद खास साबित होगा! इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से सभी कष्टो से मुक्ति मिलती है साथ ही इंसान रोगमुक्त भी होता है!
जया एकादशी के शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि आरंभ- 22 फरवरी, 2021 को शाम में 5:16 बजे से
एकादशी तिथि समापन- 23 फरवरी, 2021 को शाम में 6:05 बजे तक
पारण शुभ मुहूर्त- 24 फरवरी सुबह 4.51 मिनट से लेकर सुबह 9.09 मिनट तक
पारण की क���ल अवधि- 2 घंटे 17 मिनत
वो बातें जिन का खास ध्यान रखना होगा जरूरी-
1- कहा जाता है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से इंसान अगले जन्म रेंगने वाले जीव में जन्म लेता है! इसलिये चावल का सेवन आज के दिन बिल्कुल ना करें!
2- जया एकादशी के दिन चने के आटे से बनी चीज़ों का सेवन करना चाहिए! शहद खाने से खासतौर पर बचें
3- कहा जाता है कि सभी तिथियों में एकादशी की तिथि सबसे अधिक शुभ होती है! इस दिन का अपने जीवन पर लाभ पाने के लिए किसी के साथ कठोर व्यवहार ना करें! हर तरह की लड़ाई-झगड़ो से बचे!
4- एकादशी के दिन जल्दी उठना चाहिये और जल्दी सोना चाहिए!
https://kisansatta.com/23-february-2021-today-is-jaya-ekadashi-know-auspicious-time/ #23February2021TodayIsJayaEkadashi, #KnowAuspiciousTime 23 February 2021: Today is Jaya Ekadashi, know auspicious time Culture, Religious #Culture, #Religious KISAN SATTA - सच का संकल्प
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Jaya Ekadashi 2024 Vrat Niyam: 20 फरवरी को जया एकादशी का व्रत, जाने व्रत से जुड़े नियमJaya Ekadashi 2024 Vrat Niyam: सनातन धर्म में एकादशी तिथि पर व्रत और पूजा का अत्यधिक महत्व बताया गया है। पुराणों में माघ माह को अत्यंत शुभ बताया गया है।
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जया एकादशी कल: जानें इस तिथि का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त
माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी व्रत रखा जाता है। इसे अजा तथा भीष्म एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस साल जया एकादशी 23 फरवरी, मंगलवार को है। मान्यता है कि इस एकादशी के उपवास से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष को पा लेते हैं। जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है।
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जया एकादशी व्रत कथा
जया एकादशी व्रत का महत्व पौराणिक शास्त्रों में जया एकादशी को बहुत ही पुण्यदायी एकादशी माना गया है। यह एकादशी का व्रत करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को भूत-प्रेत, पिशाच मुक्ति मिल जाती है। जया एकादशी व्रत कथाजया एकादशी के बारे में एक कथा का उल्लेख किया गया है कि इन्द्र की सभा में एक गंधर्व गीत गा रहा था। परन्तु उसका मन अपनी…
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जया एकादशी आज: जानें इस तिथि का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त
जया एकादशी आज: जानें इस तिथि का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी व्रत रखा जाता है। इसे अजा और भीमा एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस वर्ष जया एकादशी 23 फरवरी, मंगलवार को है। मान्यता है कि यह एकादशी के उपवास से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष को पा लेते हैं। जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। एक…
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जीवन मंत्र डेस्क. जया एकादशी पर बृहस्पति, मंगल और शनिस्वराशि में स्थित रहेंगे वहीं चंद्रमा, शुक्र और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे। ग्रहों की इस शुभ स्थिति से 3 राजयोग बन रहे हैं। जया एकादशी पर शुभ स्थिति में ग्रहों के होने से पूजा और व्रत का पूरा फल भी मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि जया एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है। इस एकादशी का व्रत विधि-विधान करने से तथा ब्राह्मण को भोजन कराने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है। इस बार जया एकादशी 5 फरवरी यानी आज है। एकादशी का महत्व भगवान शिव ने महर्षि नारद को उपदेश देते हुए कहा कि एकादशी महान पुण्य देने वाला व्रत है। श्रेष्ठ मुनियों को भी इसका अनुष्ठान करना चाहिए। एकादशी व्रत के दिन का निर्धारण जहाँ ज्योतिष गणना के अनुसार होता है, वहीं उनका नक्षत्र आगे-पीछे आने वाली अन्य तिथियों के साथ संबध व्रत का महत्व और बढ़ाता है। जया एकादशी व्रत में क्या खा सकते हैं और क्या नहीं एक समय फलाहारी भोजन ही किया जाता है। व्रत करने वाले को किसी भी तरह का अनाज सामान्य नमक, लाल मिर्च और अन्य मसाले नहीं खाने चाहिए। कुटू और सिंघाड़े का आटा, रामदाना, खोए से बनी मिठाईयां, दूध-दही और फलों का प्रयोग इस व्रत में किया जाता है और दान भी इन्हीं वस्तुओं का किया जाता है। एकादशी का व्रत करने के बाद दूसरे दिन द्वादशी को भोजन योग्य आटा, दाल, नमक,घी आदि और कुछ धन ��खकर सीधे के रूप में दान करने का विधान है। जया एकादशी पौराणिक कथा एक बार नंदन वन में उत्सव के दौरान माल्यवान नाम का गंधर्व और पुष्यवती नाम की गंधर्व कन्या एक दूसरे पर मोहित हो गए। इससे देवराज इंद्र ने नाराज होकर स्वर्ग से निकालकर पिशाच जीवन जीने का श्राप दे दिया। वो दोनों हिमालय के पास पेड़ पर रहने लगे। इस दौरान गलती सेउन दोनों ने अनजाने में माघ मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को केवल एक बार ही फलाहार किया और ठंड के कारण दोनों रातभर जागते रहे। उन्हें रात भर अपनी भूल का पश्चाताप भी हुआ। इससे भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर उन्हें स्वर्ग प्रदान किया। इंद्र को आश्चर्य हुआ। इसके बाद से पिशाच जीवन से मुक्ति पाने के लिए ये व्रत किया जाने लगा। एकादशी का फल जया एकादशी व्रत करने वाले के पितृ, कुयोनि को त्याग कर स्वर्ग में चले जाते हैं। एकादशी व्रत करने वाले की पितृ पक्ष की दस पीढियां, मातृ पक्ष कीदस पीढियां और पत्नी पक्ष कीदस पीढियां भीबैकुण्ठ प्राप्त करती हैं। इस एकादशी व्रत के प्रभाव से पुत्र, धन और कीर्ति बढ़ती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Today, Jaya Ekadashi fast will be special due to the effect of Raja Yoga being created by the auspicious position of planets.
http://www.poojakamahatva.site/2020/02/blog-post_80.html
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आज है माघ पूर्णिमा, नदी स्नान से मिलेगी विष्णु कृपा - आज तक
आज तक आज है माघ पूर्णिमा, नदी स्नान से मिलेगी विष्णु कृपा आज तक माघ मास की पूर्णिमा के दिन को पुराणों में बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है. इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. हालांकि पुराणों में कहा गया है कि भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन बस नदी में सच्चे मन से डुबकी लगाना ही काफी होता है. बता दें कि इलाहाबाद में संगम तट पर पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाले माघ के स्नान एक महीने बाद आज के दिन माघी पूर्णिमा पर समाप्त हो जाते हैं. कल्पवास के बाद माघ का अंतिम स्नान इस पूर्णिमा के दिन ही होता है. हर मनोकामना पूरी करने वाली है जया एकादशी ... आज है माघी पूर्णिमा, वाराणसी के घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकीLive हिन्दुस्तान पुण्य नक्षत्र में डुबकी से होगा कल्पवास का समापनInext Live माघ पूर्णिमा आज, जानें इस स्नान और दान का विशेष महत्वNews State अमर उजाला -Special Coverage News -रिलीजन भास्कर -inKhabar सभी १५ समाचार लेख » http://dlvr.it/NL7c9w
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