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बिहार में रोजाना डेढ़ लाख रुपये की बिक रही नींद और एंटी डिप्रेसेंट दवाएं, जानें वजह
कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन से उपजी मंदी ने लोगों को तनाव और डिप्रेशन का शिकार बना दिया है। डर और तनाव ने लोगों की न केवल नींद उड़ा दी, बल्कि उन्हें गहरे अवसाद की तरफ धकेल दिया है। इसका असर लोगों… Source link
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HEALTH BENEFITS OF TULSI BEEJ (BASIL SEEDS)
तुलसी के बीज में मौजूद पोषक तत्व
तुलसी के बीजों में आयरन, प्रोटीन और फाइबर अधिक होते हैं। ये सभी पोषक तत्व सेहत के लिए उपयोगी होते हैं। तुलसी के पौधों पर जब मंजरी लगती है, तो इसमें से ही बीज निकलते हैं। इन बीजों का इस्तेमाल आयुर्वेद में कई रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। सर्दी-खांसी, जुकाम, गले में खराश, पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में तुलसी के बीज बेहद गुणकारी होते हैं।
तुलसी के बीज के फायदे (Basil seeds benefits in hindi)
1. इम्यूनिटी करे मजबूत
तुलसी के बीजों में अधिक मात्रा में फ्लेवोनॉएड, फिनोलिक तत्व मौजूद होते हैं। ये दोनों ही तत्व इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं। तुलसी के बीजों में एंटीऑक्सीडेंट्स होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
2. शरीर में होने वाले सूजन को करे कम
शरीर में होने वाली सूजने की समस्या को कम करने के लिए भी आप तुलसी के बीजों का सेवन (benefits of consuming basil seeds) कर सकते हैं। तुलसी के बीजों में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो एडिमा से बचाव करते हैं। https://indianjadibooti.com/Jadistore/ 3. तनाव से दिलाए छुटकारा कोरोना काल में आजकल अधिकतर लोग तनाव, चिंता के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में तुलसी के बीजों का सेवन करने से तनाव की समस्या से बचाव हो सकता है। इन बीजों में दिमाग को कूल, काम और सूदिंग करने के गुण होते हैं, जिससे तनाव कम होता है। तुलसी की पत्तियों में कुछ ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो दिमाग के थकान को दूर करते हैं। इससे डिप्रेशन कम करने में भी मदद मिलती है। https://indianjadibooti.com/Jadistore/ 4. वजन कम करे तुलसी के बीज वजन कम करने का भी आसान तरीका है तुलसी के बीज। इसमें कैलोरी और फैट बिल्कुल नहीं होता है। इन्हें खाने से भूख जल्दी नहीं लगती है। देर तक पेट भरे होने का अहसास होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन बीजों में फाइबर अधिक होता है, जिससे लंबे समय तक पेट भरा रहता है। ऐसे में वजन कम करना आसान हो सकता है। 5. दिल की सेहत का रखे ख्याल तुलसी के बीज दिल की सेहत का भी ख्याल रखते हैं। शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल सही बना रहता है। ब्लड प्रेशर हाई-लो नहीं होने देता है। ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव से दिल की सेहत पर असर पड़ता है। तुलसी के बीजों को चबाकर खाएं या भोजन में शामिल करें, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से बचे रहेंगे। https://indianjadibooti.com/Jadistore/
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जानिए शारीरिक समस्याओं में कितना फायदेमंद है अश्वगंधा
अश्वगंधा एक ऐसी अद्भुत औषधि है जिसको प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक उपचार के रूप में उपयोग किया जा रहा है। कई हजार सालो से गंभीर बिमारियों के लिए इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल ��ोता आ रहा है। हमारे आयुर्वेद के विशेषज्ञों का मानना है की इस जड़ी बूटी की सहायता से कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। अगर कोई ब्यक्ति अत्यधिक दुबला हो तो इसमें वो गुण पाए जाते है जो इंसान की दुर्बलता को दूर करके सेहतमंद तथा शक्तिशाली बना देते है। अगर को पुरुष अपने यौन जीवन से परेशान हो, सेक्स पावर की कमजोरी हो,तो अश्वगंधा में पुरुष के यौन जीवन को आनंदमय बनाने के अद्भुत गुण उपलब्ध होते है।
आइये विस्तार से जानते है अश्वगंधा के मानव जीवन में महत्वपूर्ण फायदे :- वैसे तो अश्वगंधा के मानव जीवन में अनेको फायदे है पर हम बात करेंगे कुछ विशेष समस्याओ के बारे में जिससे आज कल के एक तिहाई लोग परेशान है।
मानसिक तनाव को दूर करता है :- आज के समय में अधिकांश लोग किसी न किसी समस्या को लेकर चिंतित रहते है, जिसकी वजह से वो डिप्रेशन में जाने लगते है और धीरे-धीरे इंसान का दिमाग डैमेज होने लगता है। इसके कारण अधिकांश लोग दिमागी बिमारियों का शिकार बनते है जो जानलेवा साबित होती है। अश्वगंधा में एंटी-स्ट्रेस गुण होते है, जो मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करते है जिससे जिंदगी खुशहाल बनती है।
अनिद्रा की समस्या को करता है दूर:- अगर आप भी रात को सोते समय करवट बदलते रहते है पर नींद नहीं आती है तो यह आपके लिए चिंता का विषय है, क्योंकि आप अनिद्रा रोग के शिकार हो गए है। अनिद्रा रोग बहुत ही नुकसानदायक होता है इसका सीधा असर आपके दिमाग पर होता है तथा पाचन तंत्र भी कमजोर होता है। आयुर्वेद के विशेषज्ञों के अनुसार अश्वगंधा की पत्तियों में ट्राइथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक मौजूद होता है, जो अनिद्रा के लिए बहुत ही लाभकारी होता है ये अनिद्रा को दूर करने में मदद करता है और अच्छी और सुकून भरी नीद लेने में सहयोग करता है।
सेक्स पॉवर बढ़ाता है :- यदि आप भी अपने सेक्सुअल परफॉर्मेंस से चिंतित है, सेक्स के समय जल्दी स्खलित हो जाते है, इरेक्शन तथा स्टैमिना की कमजोरी है तो अश्वगंधा आपके लिए बहुत ही लाभकारी है। इसके उपयोग से स्पर्म का निर्माण होता है तथा वीर्य गाढ़ा होता है। और शिघ्रपतन जैसी समस्या में लाभ मिलता है तथा साथ में इरेक्शन और सेक्सुअल स्टैमिना में बढ़ोत्तरी होती है (ayurvedic medicine for long lasting in bed)।
इंद्रिय दुर्बलता (लिंग की कमजोरी) को दूर करता है:- आज के मॉडर्न समय में अधिकतम युवा मोबाइल और फ्री डाटा का इस्तेमाल पोर्न फिल्मे देखने में करते है, जिसके उपरांत उत्तेजित होकर हस्तमैथुन करते है। ये प्रक्रिया काफी नुकसानदायक होती है वो हस्तमैथुन के आदि हो जाते है जिससे लिंग की नसें कमजोर पड़ जाती है, और लिंग में टेढ़ापन, पतलापन जैसी समस्याएं हो जाती है। अश्वगंधा लिंग में रक्त संचार को बेहतर बनाता है जिससे लिंग की नसे मजबूत होती है और लिंग की कमजोरी दूर होती है तथा इरेक्शन में भी मजबूती मिलती है( best ayurvedic medicine for ed and pe )।
पाचन क्रिया मजबूत करता है और भूख बढ़ाता है :- अगर पाचन क्रिया ठीक न हो तो कई प्रकार की पेट सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तथा जब पाचन क्रिया मजबूत होती है तो सब कुछ सही चलता है तथा भूख भी बढ़ती है और मनुष्य का शरीर ताकतवर बनता है। क्योंकि जब इंसान भोजन करता है तो पाचन क्रिया के बाद वो दो भागो में बँट जाती है, पहला "सार" और दूसरा "मल"। मल जिसका हम त्याग कर देते है। और सार से बनता है रस धातु यानि प्लाज़्मा और प्लाज़्मा खून में बदल जाता है फिर इनसे सभी धातुओं का निर्माण होता है। जिसके फलस्वरूप मनुष्य का शरीर स्वस्थ्य, शक्तिशाली तथा ताकतवर बनता है।
नाइट राइडर में सभी उच्च कोटि की आयुर्वेदिक जड़ीबूटियां समाविष्ट है, जिसमे अश्वगंधा एक उचित अनुपात में मिश्रित है। जो पुरुष की सेक्सुअल हॉर्मोंस (Sexual Hormons) की पूर्ति कर के पुरुषो को अंदर से स्ट्रांग बनाता है। जिसके फलस्वरूप पुरुष अपने यौन जीवन का भरपूर आनंद लेते है।
Disclaimer:-इस उत्पाद का परिणाम व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकता है।
Reference by:- arayurveda313959670.wordpress.com
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सैमफायर®
वैलनेस
नीम कैप्सूल्स
आयुर्वेद में नीम के पत्तों को बहुत महत्व दिया गया है। नीम के इस्तेमाल से बड़ी से बड़ी बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। पुराने समय से ही नीम को एक औषधि के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। भले ही नीम खाने में बहुत कड़वी होती हैं लेकिन इनमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-पैरासिटिक जैसे और भी बहुत से गुण मौजूद है जो इसे आम से खास बनाते हैं। भारत में नीम को आमतौर पर गांव की फार्मेसी कहा जाता है क्योंकि इसमें एक नहीं बल्कि कई अनगिनत गुण मौजूद होते हैं।
भारतीय वेदों में नीम का नाम सर्व रोग निवारणी रखा गया है, जिसका अर्थ होता है सभी बीमारियों को रोकने वाला। आधुनिक शोधों व अनुसंधानों ने सिद्ध कर दिया है कि नीम में कई तरह के औषधीयों गुण हैं, जिनका कोई जवाब नहीं है। सैमफायर फूड एंड फार्मा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नीम को प्रोसेस करके इस का Extract को पाउडर के रूप में बना कर vegetarian capsules में भरा ��या है जो बहुत से रोगों के उपचार के लिए लाभदायक होता है।
नीम के फायदेः-
डायबिटीज (Diabetes)
डायबिटीज को रोकने और शुगर को कंट्रोल करने के लिए नीम बहुत फायदेमंद होते हैं। जिन लोगों को मधुमेह की शिकायत है, अगर वो नियमित तौर पर नीम के कैप्सूल का सेवन खाली पेट करे तो जल्द ही वो इस बीमारी से राहत पा सकते हैं।
कैंसर (Cancer)
नीम में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण फ्री रैडिकल के हानिकारक प्रभाव को रोकते हैं जिससे शरीर में कैंसर का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा नीम हृदय रोगों के लिए भी रामबाण औषधि है।
मलेरिया (Malaria)
नीम के पत्तों में गेडुनिन (Gedunin) तत्व पाया जाता हैं जो मलेरिया के इलाज में मददगार साबित होता है। डॉक्टर भी मलेरिया के मरीज को नीम का सेवन करने के लिए सलाह देते है।
पीलिया (Jaundice)
नीम का सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है और पीलिया ठीक होने में मदद मिलती है।
डिप्रेशन (Depression)
नीम में एंटी-डिप्रेसेंट गुण पाए जाते हैं अगर आप नीम के कैप्सूल का सेवन करते है तो इसके एंटी-डिप्रेसेंट गुण के कारण आपका डिप्रेशन जल्द ही खत्म होने में सहायक होगा।
पाचन संबंधी रोग (Digestive diseases)
यदि आप लीवर खराबी के कारण पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो, आप नीम के कैप्सूल का सेवन शुरू कर सकते हैं। क्योंकि नीम में हेपटो प्रोटेक्टिव का गुण होता है, जो कि लीवर को स्वस्थ रख कर पाचन की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। इस के साथ अल्सर और कब्ज, पेट में मरोड़े, पेट दर्द, पेट में कीड़े और सूजन जैसी समस्याएं में भी लाभदायक होता है।
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol)
नीम आपके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है क्योकि रिसर्च के अनुसार नीम मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ने से रोकता है।
पथरी (Stone)
गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में नीम का सेवन फायदेमंद होता हैं। रोजाना नीम का सेवन करने से पथरी गलने लगती है और पेशाब के जरिये बाहर निकल जाती है।
कुष्ठ रोग और त्वचा रोग (Leprosy & Skin Disease)
नीम कुष्ठ रोग, त्वचा रोग और खून के रोगों को ठीक करता है। नीम में कई ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण पाये जाते हैं जो आपकी त्वचा की देखभाल करने के साथ ही उन्हें त्वचा संबंधी रोगों जैसे एंटी एजिंग, कील मुंहासे को कम करना, ऑयली स्किन को हटाना और चेहरे की रंगत को बरकरार रखने में मदद करती हैं।
रक्त शोधक (Blood Purifier)
कुछ बीमारियों में रक्त की विषात्कता ह��ने लगती है यानि कि खून धीरे-धीरे खराब होने लगता है। नीम एक शक्तिशाली रक्त शोधक है। ये शरीर के सभी अंगों में आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है जिससे शरीर को हानिकारक दूषित पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
अस्थमा (Asthma)
नीम का प्रयोग अस्थमा के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है, क्योंकि नीम में कफ हर गुण होते है जो कि अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करते है।
नीम के नुकसान :- गर्भवती महिलायें या फिर गर्भधारण करने वाली महिलायों को नीम से परहेज करनी चाहिए क्योंकि ये नुकसानदेह हो सकता है।
नीम और भी कई रोगों में लाभकारी है इसी कारण नीम को घरेलू वैध की उपाधी दी गयी है।
खुराक : 1-2 कैप्सूल दिन में 2 बार ताजे पानी के साथ लें या चिकित्सक के परामर्श अनुसार लें।
For Contact:
SAMPHIRE FOOD & PHARMA PVT. LTD.
#24-25, HSIIDC, SECTOR-03, KARNAL,
HARYANA
CONT. NO. 98124-31534, 94660-64005
E-mail: [email protected]
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असम सरकार ने वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए ड्रोन और एंटी-डेडरेशन क्विक रेस्पांस व्हीकल को तैनात किया है
असम सरकार ने वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए ड्रोन और एंटी-डेडरेशन क्विक रेस्पांस व्हीकल को तैनात किया है
गुवाहाटी: निगरानी तेज करने के लिए, असम निगरानी चौकसी तैनात की (मुफ़्तक़ोर) और एक एंटी-डिप्रेशन त्वरित प्रतिक्रिया वाहन। वर्तमान में असम में बाढ़ देखी जा रही है और बड़ी संख्या में वन क्षेत्र पानी के नीचे हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक निगरानी चौकसी (ड्रोन) और एक एंटी-डेडरिएड क्विक रेस्पांस व्हीकल का अनावरण किया। वाहन का उद्घाटन 24X7 निगरानी को तेज करता है जिससे राज्य के वन आवरण पर…
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जाने पेट की समस्याओ के लिए क्यों फायदेमंद है कच्चा केला
केला खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। यह एक ऐसा फल है जो टेस्टी होने के साथ वेट गेन और वेट स्टेबल दोनों में मदद करता है। पका केला सभी खाते हैं लेकिन कच्चा केला भी काफी फायदेमंद होता है। इसमें पोटैशियम बड़ी मात्रा में पाया जाता है जो इम्यून सिस्टम को तो मजबूत बनाता है ही साथ ही शरीर को दिनभर ऊर्जावान भी बनाए रखता है। इसमें मौजूद विटामिन बी6, विटामिन सी कोशिकाओं को पोषण देने का काम करता है।कच्चे केले में पोटैशियम और एंटी आक्सीडेंट बहुत पाया जाता है। कच्चे केले की सब्जी खाने से दिन भर चुस्ती बनी रहती है।
कच्चा केला खाने कब्ज भी दूर होता है। कच्चा केला आंतो को साफ करता है। इससे जो मल जमा रहता है वह बाहर निकल जाता है। इससे शरीर में खाना लगता है।
कच्चा केला खाने से हड्डियां भी मजबूत होती हैं। इसमें प्रचूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।
जिन्हें अधिक भूख लगने की समस्या हो उन्हें भी कच्चा केला खाना चाहिए। यह पेट को भरा रखता है और देर तक भूख नहीं लगने देता।
कच्चे केले में ट्रिप्टोफॉन पाया जाता है, जो बॉडी में जाकर प्रॉसेस होने के बाद सेरोटोनिन में बदल जाता है। सेरोटोनिन ब्रेन के लिए हैपी हॉर्मोन की तरह काम करता है। यह डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी मानसिक बीमारियों को दूर रखता है।
कच्चे केले की सब्जी डायरिया जैसी बीमारी में तुरंत आराम दिलाती है। क्योंकि इसे पचाना आसान होता है, इसमें फाइबर्स होते हैं और पानी की भी मात्रा होती है। जो शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व देखकर मजबूत बनाती है।
कच्चे केले की सब्जी पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसमें फाइबर की मात्रा भरपूर होती है इसलिए ये क���्ज, गैस और पाचन से जुड़ी समस्या को दूर करती है। इससे शरीर का पाचन तंत्र मजबूत होता हैं। साथ ही साथ ये बवासीर के लिए भी लाभकारी साबित होता हैं।
वजन घटाने की कोशिश करने वालों को हर रोज एक केला खाने की सलाह दी जाती है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं जो अनावश्यक फैट सेल्स और अशुद्धियों को साफ करने में मददगार होते हैं।
अगर आपको मधुमेह की शिकायत है और ये अपने शुरुआती रूप में है तो अभी से कच्चा केला खाना शुरू कर दें। ये डायबिटीज कंट्रोल करने की अचूक औषधि है।
कच्चे केले के नियमित सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है। कच्चा केला खाने से पाचक रसों का स्त्रावण बेहतर तरीके से होता है। इसके अलावा कच्चा केला कई तरह के कैंसर से बचाव में भी सहायक है।
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पुरुषो का वीर्य पीने के ये फायदे, जानकर आपके उड़ जायेगें होश. || Hindi Jankari
महिलाएं वीर्यपान करती हैं उनमें अन्य महिलाओं की अपेक्षा तनाव और अवसाद की कमी देखी गई है। क्योंकि वीर्य में शक्तिशाली एंटीड्रिप्रेसेंट और संज्ञानात्मक क्षमता को बढ़ाने वाले प्रभाव होते हैं
पुरुषो का वीर्य पीने के ये फायदे, जानकर आपके उड़ जायेगें होश
वीर्य के फायदे आप जानते हैं कि वीर्य प्रजनन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का एक मात्र विकल्प होता है। इसलिए यह मानव समाज के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। लेकिन क्या वीर्य का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें कुछ विरोधाभास भी है लेकिन इसमें उपस्थिति हार्मोन और पोषक तत्वों के कारण यह मानव स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। आइए जानते हैं वीर्य के फायदे क्या हैं। जानकारों का कहना है कि जब महिलाओं को कामोत्तेजना (orgasm) होती है तो लव हार्मोन ऑक्सीटॉसिन का स्राव करते है जिससे महिलाओं के मूड को ऊपर उठाने में मदद मिलती है। कुछ सेक्सोलॉजिस्ट कहते हैं कि पुरुषों के लिए तृप्ति अवसाद को कम कर सकती है क्योंकि जिस समय व्यक्ति स्खलित होता है उसे जबरदस्त खुशी मिलती है जो सभी चिंताओं और समस्याओं से छुटाकारा दिलाने में मदद करती है। ओरल सेक्स के दौरान वीर्य दोनों के लिए फायदेमंद होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जब कोई महिला वीर्यपान करती है या सेक्स के दौरान वीर्य उनकी योनि से होता हुआ रक्त प्रवाह में मिलता है तो इससे ब���हतर नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है क्योंकि इसमें रासायनिक मेलाटोनिन (chemical melatonin) होता है। शरीर में मेलाटोनिन की उपस्थिति के कारण यह व्यक्ति को आराम दिलाने और अच्छी नींद लाने में मदद करता हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि वीर्य निगलने से अच्छी नींद प्राप्त नहीं होती है बल्कि संभोग के दौरान सिर्फ संतुष्टि ही प्राप्त होती है और कुछ नहीं। लेकिन जब संभोग संतुष्टि प्राप्त होती है तो इस दौरान शरीर में ऑक्सीटॉसिन हार्मोन उत्पन्न होता है जिससे शरीर में दर्द उत्तेजना कम होती है और शरीर को आराम मिलता है। इस कारण आपको अच्छी नींद प्राप्त होती है। महिलाएं वीर्यपान करती हैं उनमें अन्य महिलाओं की अपेक्षा तनाव और अवसाद की कमी देखी गई है। क्योंकि वीर्य में शक्तिशाली एंटीड्रिप्रेसेंट और संज्ञानात्मक क्षमता को बढ़ाने वाले प्रभाव होते हैं। इसके अलावा वीर्य में ऑक्सीटोसिन (oxytocin), प्रोजेस्टेरोन, एंडोर्फिन (endorphins), प्रोलैक्टिन, टीआरएच और सेरोटोनिन (serotonin) जैसे मूड बढ़ाने वाले घटक मौजूद रहते हैं। जो महिलाएं वीर्यपान करती हैं उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है। जो यह दर्शाता है कि वीर्य के फायदे महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि वीर्य का उपयोग आपके बालों को झड़ने से बचा सकता है। अगर अब तक आपको इसकी जानकारी नहीं थी तो जान लें। बालों के विकास के लिए वीर्य पर परिक्षण किये गए जिसमें पाया गया कि स्पर्मिडाइन बालों की लंबाई को प्रोत्साहित करने और बालों के विकास को बढ़ाने में मदद करता है। स्पर्मिडाइन स्टेम कोशिकाओं को भी बढ़ाता है जो आपके बालों के विकास में मदद करते हैं। आप इसे सचमुच उपयोग कर सकते हैं। विदेशों में सेलिब्रिटी क्लाइंट को चमकदार और सुंदर बालों के लिए सैलूनों में कई तरह के वीर्य का उपयोग किया जाता है। जानकारों के अनुसार चेहरे पर वीर्य लगाने से यह किसी एंटी-एजिंग (Anti-aging) उत्पाद की तरह काम करता है। परिक्षण के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि वीर्य में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद रहते हैं जो त्वचा की झुर्री और त्वचा के लचीनेपन जैसे विकारों को दूर करने में मदद करता है। चेहरे के लिए स्पर्म फायदेमंद होता है इसलिए इसे आजकल प्रयोगशालाओं में संश्लेषित (Synthesized) किया जाता है और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बेचा जा रहा है। वीर्य का सेवन करने से यह आपकी सेक्स ड्राइव को बढ़ा सकता है। क्योंकि वीर्य में टेस्टोस्टेरोन होता है। टेस्टोस्टेरोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्छा बढ़ाता है। यौन संबंध बनाने के दौरान महिला की योनि दीवारों के माध्यम से और यहां तक की वीर्य निगलने के माध्यम से टेस्टोस्टेरान (Testosterone) को अवशोषित किया जा सकता है। जो कि सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में मदद करता है। इसके परिणाम अलग-अलग लोगों में भिन्न हो सकते हैं। वीर्य में एंटी-इंफैमेटोरेटरीज और इम्यूनोस्पेप्रेसेंट्स गुण होते हैं जो महिला के शरीर में प्रवेश करने पर किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाते हैं। वीर्य का सेवन करने से तंत्रिका विकास फैक्टर, ऑक्सीटोसिन, प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन, को��्टिसोल और कुछ ��्रोस्टाग्लैंडिन (prostaglandins) जैसे इंफ्लेमेटरी गुण प्राप्त होते हैं। वीर्य आपके शरीर में मौजूद टीजीएफ-बीटा प्रोटीन की सहनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। कुछ लोगों का मानना है कि चिंता का प्रमुख कारण ऑक्सीडेएटिव तनाव होता है जो कि ब्रेन फॉग (brain fog) और थकान आदि का कारण बनता है। लेकिन ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने के लिए वीर्य में बहुत से एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) मौजूद होते हैं जो आसानी से चिंता और तनाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
क्या वीर्यपान किया जा सकता है
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है की क्या वीर्य को निगला जा सकता है? या वीर्यपान किया जा सकता है तो इसका जवाब है जी हां। क्योकि यह प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होता है। यह आप पर निर्भर करता है की अब आप इसे पीने के लिए तैयार हैं या नहीं इसका निर्णय आपको या आपकी साथी को खुद लेना है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपका स्पर्म स्वादिष्ट हो जाए तो यह भी संभव है। क्योकि वीर्य का मीठा या खट्टा होना इस बात पर निर्भर करता है की आपने आज क्या खाया है । आपको बता दें की वीर्य पीने से लड़की प्रेग्नेंट नहीं होती लेकिन अगर वीर्य योनि में छोड़ा गया हो तो लड़की प्रेग्नेंट हो सकती है योनी में वीर्य छोड़ने से ही प्रेगनेंसी कि संभावना होती है ओरल सेक्स करते समय वीर्य पीने से गर्भधारण के चांस नहीं हो सकते हैं। स्पर्म पीने के नुकसान जब वीर्य सेवन की बात आती है तो विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होती है। क्योंकि वीर्य में वायरस हो सकते हैं जिसका सेवन करने पर यह वीर्य सेवन करने वाले को प्रभावित कर सकता हैं। सेक्सोलॉजिस्ट बताते हैं कि मुंह की समस्याओं जैसे कि मसूड़ों की सूजन और उनसे खून आने की स्थिति में मौखिक सेक्स करने पर एसआइटी संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस बी और सी (Hepatitis B and C), हर्पीस और क्लैमिडिया (Chlamydia) हो सकता है। वीर्य का सेवन करने पर किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है लेकिन कुछ लोगों का मानना है की इससे किसी प्रकार का फायदा भी नहीं होता है। वीर्य को यदि पुरुषों के द्वारा बाहर नहीं निकाला जाता है या रोका जाता है तो इसके भी किसी प्रकार के फायदे नहीं होते हैं क्योंकि वीर्य की अपनी निश्चित उम्र होती है और वह स्वयं ही निष्क्रिय हो जाता है। यौन साथी को लाभ या जीवन शक्ति (vitality) दिलाने के लिए वीर्य की मात्रा बहुत ही कम होती है जो कि पर्याप्त नहीं है। नैदानिक पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि वीर्य में मल्टीविटामिन और एंटी अवसाद गुण होते हैं जो कि आपके लिए फायदेमंद होते हैं। वीर्य या semen का पोषण क्या होता है? कुछ लूग वीर्य पीने के फायदे नुक्सान जानना चाहते हैं लेकिन आपको एक बात बता दें की वीर्य पीने के कई फायदे होते हैं क्योंकि वीर्य में बहुत कमाल के ��ॉर्मोन और दुसरे पोषक तत्व जैसे एमिनो एसिड, पोटेशियम, एस्कॉर्बिक एसिड, calcium, magnesium, विटामिन बी12, sodium , विटामिन सी, zinc और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं| रिसर्च भी ये मानती है की वीर्य या semen पीने या निगलने के कई लाभ आपको मिलते हैं| चलिए जानते हैं को पीने अच्छा होता है या बुरा यानि क्या semen या स्पर्म पीना सही है या गलत? क्या वीर्य पीना चाहिए या नही? semen पीना सही है या गलत रिसर्च में पाया गया है की यदि आप ओरल सेक्स करते हैं तो आप और आपका पार्टनर कोई भी वीर्य का सेवन कर सकता है जब तक की आप दोनों स्वस्थ हों| वीर्य पिने से कई लाभ मिलते हैं उनमें से कुछ निचे बताये गए हैं| वीर्य में ख़ास केमिकल पाया जाता है जिसके सेवन से व्यक्ति का मानसिक तनाव दूर होता है और यदि अनिद्रा या नींद ना आने की प्रॉब्लम है तो वो विर्यपान से दूर हो जाती है| वीर्यपान के फायदे – डिप्रेशन दूर होती है रिसर्च में ऐसा पाया गया है की semen यानि वीर्य का सेवन करने वाली महिलाओं को डिप्रेशन की शिकायत नहीं हो पाती| वीर्य में एक शक्तिशाली एंटीड्रिप्रेसेंट यानि डिप्रेशन दूर करने वाला केमिकल पाया जाता है इसके अलावा ऐसे हॉर्मोन पाए जाते हैं तो की वीर्य पिने वाले के मूड को अच्छा बनाने में मदद करते हैं| कुल मिलाकर आप डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर को दूर कर सकते हैं| वीर्य को बाल पर लगाने के फायदे वीर्य को बाल पर लगाने से बाल झड़ना और बालों से जुड़े रोग दूर करने में मदद मिलती है| वीर्य में उपस्थित स्पर्मिडाइन बालों की लंबाई के झड़ने को रोकता है और बालों की लम्बाई बढाने में मदद करता है| semen को चेहरे पर लगाने के फायदे – वीर्य को फेस पर लगाने के फायदे रिसर्च के अनुसार वीर्य में कमाल के एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं जो आपकी स्किन से जुड़े कई रोग दूर करने में मदद करते हैं जैसे त्वचा का जल्दी बुढा हो जाना, त्वचा पर झुर्रियां पड़ना आदि| स्पर्म पीने के फायदे – वीर्य पिने से सेक्स power बढती है वीर्य पिने का एक और लाभ या फायदा ये है की यह आपकी सेक्स power को बढाने में मदद करता है क्योंकि स्पर्म या semen यानि वीर्य में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन होता है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्स ड्राइव को बढाने में मदद करता है| वीर्य पिने का फायदा है – टेंशन से मुक्ति | स्पर्म पिने से टेंशन नहीं होती रिसर्च यह मानती है की वीर्य के एंटीऑक्सिडेंट आपके दिमाग को सेहतमंद रखने में मदद करते हैं जिससे वीर्य पिने वाले को मानसिक तनाव या डिप्रेशन और एंग्जायटी से छुटकारा मिलता है| क्या है वीर्यपान के लाभ? जी हाँ आप वीर्य पि सकते हैं इससे आपको बहुत सारे पोषक तत्व जैसे प्रोटीन और विटामिन मिलते हैं इसलिए वीर्य पीना गलत या बुरा नहीं होता| स्पर्म पीने के नुकसान – Sperm Peene Ke Nuksan या virya pine ke side effect in Hindi आपको स्पर्म का सेवन करने से पहले ये याद रखना चाहिए की जो लड़की स्पर्म पीती है उसे कोई मुह या मसूड़ों का रोग ना हो| इसके अलावा यदि आप ओरल सेक्स करते हैं तो आपको किसी प्रकार का कोई यौन रोग ना हो| यदि आप और आपकी पार्टनर स्वस्थ हैं तो आप निसंकोच वीर्य का सेवन कर सकते हैं| वीर्य पीने के नुकसान या खतरे क्या होते हैं देखिये वीर्य पिने के नुकसान या साइड इ���ेक्ट की बात करें तो वीर्य या शुक्राणु का सेवन करने से नुकसान नहीं होता यदि पुरुष स्वस्थ है और उसे कोई यौन रोग यानि सेक्सुअल बीमारी नहीं है| किसी भी परकार की बीमारी या गुप्तरोग होने पर वीर्य का सेवन नहीं करना चाहिए|
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शिवप्रिया, विजया अर्थात भांग
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शिवप्रिया, विजया अर्थात भांग
भारत में एलोपैथी और शराब का धंधा जमाने के लिए अंग्रेजों ने भांग को बदनाम कर प्रतिबंधित कर दिया। आइए इनके बदरंग में भंग करे, भंग का रंग जमा कर – इसके पत्ते मसल कर कान में दो दो बूंद रस डालने से दर्द गायब हो जाता है। – सिरदर्द में इसके पत्ते पीस कर सूंघे या इसका दो दो बूंद रस नाक में डाले। – इसके चुटकी भर चूर्ण में पीपर, काली मिर्च व सौंठ डाल कर लेने से खांसी में लाभ होता है। – नपुंसकता और शारीरिक क्षीणता के लिए भांग के बीजों को भूनकर चूर्ण बना कर एक चम्मच नित्य सेवन करे। – अफगानी पठान इसके बीज फांकते है तभी लंबे चौड़े होते है। भारतीय दिन पर दिन लंबाई में घट रहे है। – संधिवात में भी इसके भूने बीजों का चूर्ण लाभकारी है। – यह वायु मंडल को शुद्ध करता है। – इससे पेपर, कपड़ा आदि बनता है। – इसका कपड़ा एंटी कैंसर होता है। – यह टीबी, कुष्ठ, एड्स, कैंसर, दमा, मिर्गी, मानसिक रोग जैसे 100 रोगों का इलाज करता है। – सिद्ध आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है। यह सूक्ष्म शरीर पर पहले कार्य करता है। – तपस्वी, ऋषि मुनि इसका सेवन साधना में लाभ के लिए करते है। – इसके सेवन से भूख प्यास , डिप्रेशन नहीं होता। – शरीर के विजातीय तत्वों या टॉक्सिंस को यह दूर करता है। – इसके बीजों का चूर्ण , ककड़ी के बीजों के साथ शर्बत की तरह पीने से सभी मूत्र रोग दूर होते है। – यह ग्लूकोमा में आंख की नस से दबाव हटाता है। – अलझेइमर में भांग का तेल लाभकारी है। – भांग का तेल कैंसर के ट्यूमर के कोशिकाओं की वृद्धि रोक देता है। – इसके प्रयोग से कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट दूर हो जाते है। – डायबिटीज से होने वाले नर्वस के नुकसान से भांग बचाता है। – भांग हेपेटाइटिस सी के इलाज में सफल है। – गाजर घास जैसी विषैली जड़ियों को रोक सकता है। – डायरिया और डिसेंट्री के लिए प्रयोग में आने वाले बिल्वादी चूर्ण में भांग भी होता है। – इसके पत्तियों के चूर्ण को सूंघने मात्र से अच्छी नींद आती है। – संग्रहनी या कोलाइटिस में इसका चूर्ण सौंफ और बेल की गिरी के साथ लिया जाता है। – हाइड्रोसिल में इसके पत्ते पीस कर बांधने से लाभ होता है। – भांग के बीजों को सरसो के तेल में पका कर छान ले। यह तेल दर्द निवारक होता है। – इसके पत्ते डाल कर उबाले पानी से घाव धोने से इंफेक्शन नहीं होता और घाव जल्दी भर जाता है। – इत��े सारे गुण होते हुए भी अंग्रजों ने षड़यंत्र कर इसे प्रतिबंधित कर दिया। जिसे भारतीय अंग्रजों ने आगे बढ़ाया। – यह ज्योतिर्लिंगों और कुछ राज्यों में प्रतिबंधित नहीं है। शिवरात्रि , श्रावण आदि में यह शिव पूजा के लिए मिलता है। इसके बिना शिवपूजा अपूर्ण है। – गुणों के कारण इसे काला सोना भी कहा गया है। – विदेशों में इस पर बहुत शोध हुआ है और इसका प्रयोग हो रहा है। -(प्रिया मिश्रा नाम की एक 21 वर्षीय युवती को लिंफ नोड्स का असाध्य टीबी हुआ था। वह बहुत ही कष्ट में थी।डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए थे। तब एक कामवाली बाई ने उन्हें भांग फूंकने को दी। आश्चर्यजनक रूप से कुछ दिनों में वह ठीक हो गई। तब से प्रिया मिश्रा ने अपना जीवन भांग के महत्व को सभी को बताने में समर्पित कर दिया। ये भारत की एकमात्र महिला एक्टिविस्ट है जो भांग के लिए कार्यरत है। भारत में इस पर से प्रतिबंध हटना चाहिए और इसका तथा आयुर्वेद का महत्व बढ़े इसके लिए ये प्रतिबद्ध है, कार्यरत है। इसे अंग्रेज़ी में हेंप कहते है। इनका संस्थान हेंपवती भांग के औषधीय , शोध, पोषक और अन्य उत्पादों के लिए कार्यरत है। )
– यह ड्रग्स की श्रेणी में नहीं आता। यह एक औषधि है।
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डिप्रेशन के खतरे को कम करता है अखरोट
डिप्रेशन के खतरे को कम करता है अखरोट : अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक अखरोट खाने से अवसाद का खतरा कम हो जाता है और एकाग्रता का स्तर बेहतर होता है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने अखरोट खाने वाले लोगों में अवसाद का स्तर 26 प्रतिशत कम, जबकि इस तरह की अन्य चीजें खाने वालों में अवसाद का स्तर 8 प्रतिशत कम पाया है. यह अध्ययन न्यूट्रेंट जर्नल में प्रकाशित किया गया है. स्टडी में पाया गया कि अखरोट खाना शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है और इसका बेहतर एकाग्रता से संबद्ध है. यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधार्थी लेनोर अरब ने एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि अध्ययन में शामिल किए गए छह में से हर एक युवा जीवन में एक समय पर डिप्रेशन का शिकार होता है. इससे बचने के लिए किफायती उपायों की जरूरत है जैसे कि खान-पान में बदलाव करना आदि. अरब ने बताया कि अखरोट पर शोध पहले हृदय रोगों के संबंध में किया गया है और अब इसे अवसाद के लक्षण से संबद्ध कर देखा जा रहा है. इस स्टडी में 26 हजार से अधिक अमेरिकी युवाओं को शामिल किया गया. इन्हे भी पढ़े :- प्रेगनेंसी के दौरान केमिकल से बनाएं दूरी कैंसर, हृदय रोग से बचाए अखरोट का सेवन कैंसर, हृदय और कुछ अन्य बीमारियों के खतरे को कम करता है. दरअसल अखरोट खाने से कोलेस्ट्रल कम होता है और आप दिल से जुड़ी बीमारियों से दूर रहते हैं. इसे खाने से कैलोरी संबंधित चिंताओं को कम करने में भी मदद मिलती है. शुक्राणु बढ़ाने में मददगार पुरुषों की शुक्राणु संख्या दुनिया भर में एक बड़ी समस्या मानी जाती है और वैज्ञानिकों का क��ना है कि इसे बढ़ाने का बहुत आसान तरीका है मुट्ठी भर अखरोट खाना. रिसर्च में भी पाया गया कि अखरोट का सेव�� करने से शुक्राणुओं के स्तर में पाया गया. रिसर्च के आधार पर बताया गया कि रोजाना 75 ग्राम अखरोट का सेवन करने से 21 से 35 साल के आयुवर्ग के स्वस्थ पुरुषों के समूह में शुक्राणु जीवन-शक्ति, गतिशीलता और सामान्य आकृति में सुधार हुआ. एंटी ऑक्सिडेंट भी है अखरोट अखरोट अकेला ऐसा मेवा है जो पौधा आधारित ओमेगा-3 फैटी ऐसिड- अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए) का शानदार स्रोत है. बहरहाल, एएलए के अलावा अखरोट में उच्च हैं, और साथ ही अनेक माइक्रो-न्यूट्रिशिएंट भी जिनके बारे में वेंडी का सोचना है कि उन सब का मिला जुला असर पड़ता है. इन्हे भी पढ़े :- हेलीकॉप्टर से दागी जाने वाली मिसाइल ‘हेलीना’ का सफल परीक्षण डिप्रेशन के खतरे को कम करता है अखरोट स्त्रोत : zeenews छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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सैमफायर® वैलनेस हल्दी कैप्सूल्स
हल्दी को आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही एक चमत्कारिक रूप में मान्यता प्राप्त है। औषधि ग्रंथों में इसे हल्दी के अतिरिक्त हरिद्रा, कुरकुमा लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना योशितप्रीया, हट्टविलासनी, हरदल, कुमकुम, टर्मरिक नाम दिए गए हैं। आयुर्वेद में हल्दी को एक महत्वपूर्ण औषधि कहा गया है। हल्दी को कई सालों से एक एंटीसेप्टिक की तरह उपयोग कर रहे हैं।
हल्दी के औषधीय गुण
हल्दी में एंटी-डायबिटिक, एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक, एंटी बायोटिक, कार्डियोप्रोटेक्टिव (हृदय को स्वस्थ रखने वाला गुण), हेपटोप्रोटेक्टिव (लिवर स्वस्थ रखने वाला गुण) और नेफ्रोप्रोटेक्टिव (किडनी स्वस्थ रखने वाला गुण) गुण मुख्य हैं।
हल्दी के फायदे:-
लिवर डिटॉक्स / Liver Detox - (Detoxification & Anti-Oxidant)
हल्दी में डिटॉक्सिफिकेशन और एंटी ऑक्सीडेंट गुण होने के कारण युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से होने वाली लिवर टॉक्सिटी से बचाव में मदद करता हैं।
मधुमेह / Diabetes
हल्दी में एंटी-डायबिटिक गुण होते है इसलिए मधुमेह में होने वाली किसी प्रकार की जटिलता के जोखिम को भी कम करने में लाभदायक है।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता / Immunity - (Anti-Oxidant)
हल्दी में महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के साथ-साथ रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। यह विभिन्न इम्यून सेल्स की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में भी मदद करता है।
कैंसर / Cancer - (Anti biotic)
इसमें एंटीकैंसर गुण भी मौजूद होता है, जो प्रोस्ट्रेट, स्तन और लंग्स कैंसर के जोखिम से बचाव में मदद कर सकता है हल्दी में मजूद करक्यूमिन तत्व ट्यूमर सेल्स को कम करने या उसके प्रसार को रोकने में मदद करता है।
ह्रदय रोग / Heart disease - (Cardio protective)
हल्दी का उपयोग ह्रदय को स्वस्थ रखने में भी सहायक होता है। हल्दी का सबसे महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन में कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं, जिस कारण इसके उपयोग से ह्रदय रोग के जोखिम से बचाव हो सकता है।
पाचन संबंधी समस्या / Digestive Problems - (Anti-Oxidant & Anti-inflammatory)
हल्दी का उपयोग न सिर्फ गैस और पेट फूलने की परेशानी से राहत दिला सकता है, बल्कि आंत संबंधी समस्या और पाचन संबंधी समस्याओं से भी राहत दिलाने में मददगार करता है इतना ही नहीं हल्दी में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण अल्सर के जोखिम को भी कम करने में मदद करता है।
अल्जाइमर / Alzheimer's Diseases - (Anti-Oxidant & Anti-inflammatory
अल्जाइमर, जो कि एक मस्तिष्क संबंधी समस्या है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। हल्दी का एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण अल्जाइमर की स्थिति में सुधार करने में सहायक होता है।
चिंता और डिप्रेशन / Anxiety & Stress - (Anti-Oxidant & Anti-inflammatory)
हल्दी में मौजूद करक्युमिनोइड घटक का एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
अस्थमा / Asthma - (Anti-inflammatory)
हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण इसका सेवन ब्रोंकाइल अस्थमा के उपचार के लिए भी मददगार होता है।
अनिद्रा की समस्या (Insomnia problem)
हल्दी में मेलाटोनिन नामक हार्मोन को बढ़ाने का गुण पाया जाता है। इसलिए सोने से पहले यदि आप हल्दी का सेवन करते हैं तो आपको जल्दी नींद आएगी और आप को स्ट्रेस फ्री महसूस कराने में सहायक होता है।
शरीर / जोड़ों में दर्द (Body / Joint pain)
हल्दी में पेन किलर का गुण पाया जाता है जो शरीर में होने वाले दर्द व जोड़ों के दर्द, गठिया आदि रोगों को दूर करने में लाभदायक होता है।
हल्दी के नुकसान और सावधानियां :-
अगर आप पीलिया से ग्रस्त है या कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी करवा रहे हैं तो आप को हल्दी से परहेज करनी चाहिए।
हल्दी और भी कई रोगों में लाभकारी है इस लिए SAMPHIRE FOOD & PHARMA PVT. LTD. द्वारा हल्दी को प्रोसेस करके इस का Extract को पाउडर के रूप में बना कर vegetarian capsules में भरा गया है जो ऊपर लिखे सभी रोगो के लिए लाभदायक होता है।
खुराक : 1-2 कैप्सूल दिन में 2 बार ताजे पानी के साथ लें या चिकित्सक के परामर्श के अनुसार लें।
For Contact:
SAMPHIRE FOOD & PHARMA PVT. LTD.
#24-25, HSIIDC, SECTOR-03, KARNAL,
HARYANA
CONT. NO. 98124-31534, 94660-64005
e-mail : [email protected]
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डिप्रेशन दूर करने का नया तरीका:हंसाने वाली लाफिंग गैस से दूर होगा डिप्रेशन, जिन पर दवा भी काम नहीं करती उन पर भी यह गैस असरदार
डिप्रेशन दूर करने का नया तरीका:हंसाने वाली लाफिंग गैस से दूर होगा डिप्रेशन, जिन पर दवा भी काम नहीं करती उन पर भी यह गैस असरदार
वैज्ञानिकों का कहना है, यह तरीका डिप्रेशन से जूझने वाले ऐसे मरीजों के लिए भी असरदार है जिन पर एंटी-डिप्रेसेंट दवाओं का असर नहीं होता। शिकागो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने डिप्रेशन दूर करने का नया तरीका बताया है। वैज्ञानिकों का कहना है, दो हफ्तों तक नाइट्रस ऑक्साइड यानी लाफिंग गैस सुंघाकर डिप्रेशन के लक्षणों में कमी लाई जाई सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है, यह तरीका डिप्रेशन से जूझने वाले ऐसे…
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अब रिहा चक्रवर्ती ने सुशांत के पिता पर लगाए गंभीर आरोप, बोली- सुशांत की फैमिली उन्हें झूठे केस में फंसा रही!
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अब रिहा चक्रवर्ती ने सुशांत के पिता पर लगाए गंभीर आरोप, बोली- सुशांत की फैमिली उन्हें झूठे केस में फंसा रही!
दोस्तों बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता के.के सिंह ने हाल ही में अभिनेत्री और सुशांत की गर्लफ्रेंड रिहा चक्रवर्ती और उनकी फैमिली के खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज करवाई। इसका खिलाफ रिहा ने कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने ये केस मुंबई पुलिस को ट्रांसफर करने की मांग की है। बीते दिन बिहार पुलिस मुंबई पहुंची और अपनी जांच शुरु की।
वहीं अब एक रिपोर्ट के मुताबिक अपनी अपील में एक्ट्रेस ने दावा किया ��ि सुशांत की फैमिली उन्हें झूठे केस में फंसा रही हैं। रिहा ने कहा है कि उन्हें सुशांत के पिता के.के.सिंह द्वारा फंसाया जा रहा है। उनका सुशांत के सुसाइड में कोई हाथ नहीं है। रिहा ने बताया कि पिछले एक साल से सुशांत के साथ लिव इन में रह रहीं थीं। रेहा ने अपनी याचिका ने आगे लिखा-‘वह 8 जून 2020 को सुशांत के फ्लैट को छोड़कर अपने घर चली गई थीं। रिया ने कहा कि सुशांत डिप्रेशन से जूझ रहे थे और एंटी डिप्रेशन दवा भी ले रहे थे। रिहा ने बांद्रा पुलिस की पूछताछ में भी पूरा सहयोग किया है।
उनसे बिहार पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल ने भी पूछताछ की।’ रिहा ने अपनी इस याचिका में कहा वह सुशांत की आत्महत्या की जिम्मेदार नहीं है। केस को मुंबई पुलिस को ट्रांसफर करने पर रिहा ने कहा है कि सीआरपीसी की धारा 177 के मुताबिक आपराधिक मामले की जांच और सुनवाई केवल वहीं हो सकती है, जहां अपराध हुआ हो। रिहा ने कहा कि उन्हें सुशांत की मौत का काफी दुख है। रेहा ने अपने दावे में कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की पीछे कुछ ताकतवर लोग हैं, जो उन्हें मुझे फंसाने के लिए भड़का रहे हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को संपर्क किया जा रहा है जो मेरे खिलाफ गवाही दें।
बता दें कि इसी बीच बिहार पुलिस ने सुशांत की बहन मीतू सिंह के बयान भी दर्ज कराए हैं। मीतू सिंह ने अपने बयान में रिहा को लेकर बड़ा खुलासा किया है। सूत्रों की माने तो मीतू सिंह ने 8 जून से लेकर 12 जून तक का पूरा किस्सा पुलिस के सामने बयां किया है।उन्होंने ये भी बताया 8 जून की शाम रिया चक्रवर्ती ने फोन कर उनके और सुशांत के बीच हुए झगड़े के बारे में बताया था जिसके बाद अगले ही दिन वो सुशांत के बांद्रा से घर कुछ दिनों के लिए चली गई थी।
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खुलकर हंसने के होते हैं ये चौंकाने वाले फायदे, क्या आप भी करते हैं रोज ऐसा
आजकल इस व्यस्त जीवनशैली में लोग अक्सर किसी न किसी वजह से परेशान रहते है। यहां तक कि लोग हंसना भी भूल गए हैं। आज हमे हंसने के लिए भी बहाने ढूंढने पड़ते हैं जबकि हंसी नियमित रूप से हमारे जीवन का हिस्सा होन�� चाहिए।हंसी,सकारात्मकता पैदा करने में मदद करती है, ताकि नकारात्मक स्थितियों का सामना आप स्वस्थ मन से कर सकें। मॉर्निंग वॉक के दौरान पार्क में लोगों को नकली हंसी हंसते हुए जरूर देखा होगा। किसी के लिए यह नजारा अजीब हो सकता है लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से हंसना बेहद जरूरी है। मुश्किल वक्त का मतलब यह नहीं कि हम आने वाले कल को लेकर आशान्वित न रहें। हंसना और खुश रहना भी भूल जाएं।
याद रखें मनुष्य की आत्मिक संतुष्टि, शारीरिक स्वास्थ्य और बुद्धि की स्थिरता का मापदंड है चेहरे पर खिली प्रसन्नता। अगर आप प्रसन्नचित्त रहेंगे, तो डर पर काबू पाना आपके लिए आसान ही होगा। सकारात्मक रहने में हास्य योग आपकी मदद कर सकता है। योगाचार्यों और हमारे ऋषि-मुनियों ने भी योग में हास्य योग को एक अलग पहचान दी है। उनका मानना है कि हास्य योग से दिल हल्का होता है, तनाव घटता है। हम आपको उन फायदे के बारे में बताएंगे जिसकी वजह से यह लाइन बिल्कुल सटीक बैठती है। तो आइए हंसने के फायदे के बारे जानें और खुल कर हंसे और लोगों को हंसाएं।
हंसना स्वास्थ्य के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं है। खुलकर यानी ठहाके लगाकर हंसने से ��रीर में रक्त-संचार की गति बढ़ जाती है, जिसका शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है। इससे फेफड़ों के रोग नहीं होते और पाचन तंत्र भी अधिक कुशलता से कार्य करने लगता है। इस संदर्भ में मैं पेरिस के एक डॉक्टर का जिक्र करूंगा, जो अपने रोगियों को केवल हंसा कर रोगों को आश्चर्यजनक ढंग से दूर करता है।
वह हर रविवार को एक हॉल में मरीजों की आंखों पर पट्टी बांध कर बैठाता है, और फिर ग्रामोफोन पर ऐसा रिकॉर्ड बजाया जाता है, जिसे सुन कर हॉल कहकहों से गूंज उठता है। इस हास्य योग थेरेपी का लाभ भी लोगों को मिल रहा है। एक शोध में तो यह भी कहा गया है कि रोजाना 15 मिनट की ठहाके वाली हंसी आपकी जिंदगी को दो दिन और बढ़ा सकती है।
हंसने से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इम्यून सिस्टम ( रोग-प्रतिरोधी क्षमता) मजबूत होगा तो हम कम बीमार पड़ेंगे। मेडिकल साइंस के मुताबिक हंसने के दौरान हमारे शरीर में एंटी वायरल कोशिकाएं तेजी से बनती है और हमारा इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है। कई लोग बॉडी पेन (मांसपेशियों में दर्द) की समस्या से परेशान रहते हैं। हंसने से दर्द में राहत मिलती है। रोगियों को असहनीय दर्द से राहत दिलाने ��े लिए डॉक्टर लॉफिंग थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं। मेडिकल एक्सपेरीमेंट्स में पाया गया है कि 10 मिनट तक हंसते रहने से दो घंटे की गहरी नींद आती है।
कई बार हम निगेटिव हो जाते हैं। अगर कोई बार-बार निगेटिव हो रहा है तो उसके डिप्रेशन में जाने की बहुत ज्यादा संभावना है। हंसने से हम डिस्ट्रेस होते हैं और शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। हंसने के दौरान हमारे शरीर में इंडोर्फिन हार्मोन बनता है जिससे हम पॉजिटिव फी करने लगते हैं।हंसने के दौरान हमारी सांसें गहरी हो जाती है। सांस लेने और छोड़ने की अवधि बढ़ जाती है। इसकी वजह से हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई होती है जिससे एनर्जी लेवल बना रहता है।
हंसने का असर हमारी उम्र पर भी दिखाई देता है। हंसना एक तरह की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज जैसा है। हंसने से हमारी मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है और एंटी-एजिंग में मदद मिलती है।हंसने के दौरान कैलरी बर्न होता है जिससे मोटापा में कमी आती है। एक शोध के मुताबिक 15 मिनट तक हंसने से हम 10-40 कैलरी तक बर्न कर सकते हैं।एक बार मुस्कराने से चेहरे की 3 मांसपेशियों का व्यायाम, साधारण हंसी से 37 मांसपेशियों और पेट में बल पड़ने वाली हंसी से 70 मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है।यह प्रक्रिया गहरी सांस लेने की तकनीक के समान है, जो तनाव को दूर करने के लिए उपयोग की जाती है। अब तय आपको करना है कि निराशा में डूबे रहना है या हास्य योग से दिल हल्का रखना है।
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प्याज के प्रकार और फ़ायदे …
प्याज के प्रकार
आज हम आपको बताने जा रहे हैं प्याज क्या है प्याज के प्रकार कितने होते हैं प्याज खाने से क्या फायदे होते हैं हमें प्याज का सेवन कब करना चाहिए इससे जुड़े बहुत सारे सवाल खाने में तड़का लगाते समय प्यास ना डालें तो मजा नहीं आता सलाद में प्याज ना हो तो स्वाद नहीं आता बेशक सुखाते समय हमारी आंखों में आंसू जरूर आ जाते हैं इसे खाने लेकिन जो अनगिनत फायदे हमें मिलते हैं उसका किसी से कोई मुकाबला ही नहीं है खासकर गर्मियों में कहा जाता है कि प्याज को खाने से लू नहीं लगती आपको जानकर आश्चर्य होगा कि क्या सिर्फ उधर ही नहीं दूर करता बल्कि इसके और भी बहुत सारे फायदे होते हैं यह डायबिटीज का कैंसर जैसी बीमारियों में भी दूर करने में सक्षम होता है इसके बारे में हम आपको और अच्छे से जानकारी देते हैं|
साथ ही इसे खाने के तरीके के बारे में भी बताते हैं अंत में प्याज के नुकसान भी जो थोड़े बहुत होते हैं उसका भी हम आपको वर्णन करते हैं मूल रूप से प्याज एक सब्जी को माना जाता है जो सिर्फ भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व में बड़े ही चाव से खाया जाता है इसका वैज्ञानिक नाम एलियम सेपा होता है इसे विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है हिंदी में प्याज वॉइस को कांधा भी कहता है प्याज के पौधे में नीले रंग व हरे रंग के पत्ते होते हैं प्याज का इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है वही कच्चा प्याज की तलाश में खाया जाता है इसकी चटनी अचार भी बनाए जाते हैं त��ा इसका जो स्वाद होता है वह सीखा और तेज होता है इसे किसी भी तरह के मौसम में आसानी से उगाया जा सकता है अगर इसके पौधे के प्रजातियों को आप देखें तो वह बहुत सारे होते हैं चलिए आज हम बताते हैं कि प्याज देशभर में तथा विश्व भर में कितने प्रकार के होते हैं। ऊपर में प्याज कई प्रकार के होते हैं जैसे पीला प्यार मीठा प्याज हरा प्याज सफेद प्याज लाल प्याज। चलो तक प्याज वाली प्याज यह सभी प्याज के प्रकार होते हैं
प्याज के फ़ायदे
क्या प्याज आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है यह हम आपको बताते हैं कि आज हर लिहाज से सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा अच्छा होता है चाहे आप इसे कच्चे में खाएं चाहे आप उस को सब्जी में डाल कर के खाएं चाहे आप इसको किसी भी तरीके से का है इसमें कॉलेज आयरन पोटेशियम विटामिन सी और विटामिन बी सिक्स का अच्छा स्रोत होता है साथ ही साथ यह आपकी पसंद पर भी डिपेंड करता है कि प्याज को आप किस रूप में खाना पसंद करते हैं अगर कच्चे बाद प्याज की बात करें तो इसमें उच्च मात्रा में ऑर्गेनिक सल्फर पाया जाता है जिससे बहुत सारे फायदे होते हैं एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार से आज के गूदे की बाहरी परत में अधिक होता है जिसमें एंटी ऑक्सीडेंट बहुत मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए प्याज को काटते समय आप को कम से कम हटाए यह कई मामलों में आपके लिए बहुत ज्यादा फायदा मन होता है वही हुए प्याज में फाइबर की मात्रा पाई जाती है|
प्याज के फ़ायदे ���हां फाइबर को बेहतर बनाने के लिए कार्य करता है वही कॉपी को विकारों को लिए अच्छा होता है यहां तक कि प्याज का अचार सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है यहां बताना जरूरी है कि कुछ कंपनियां प्याज के अचार में केमिकल बनाते बनाते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक होते है। कुल मिलाकर के प्याज का सेवन आप कच्चे रूप में या पका हुआ दोनों ही तरीके से खा सकते हैं अब हम आपको बताते हैं प्याज के फायदे हालांकि यह जानना हमारे लिए जरूरी है कि हमें 1 दिन में कितने प्याज हम खा सकते हैं इसके लिए कोई एक निर्धारित सीमा नहीं है लेकिन जरूरत से ज्यादा कोई भी चीज नुकसान पहुंचा सकती है प्याज के साथ भी ऐसा ही है आप दिन भर में सब्जी में एक से दो प्याज डाल सकते हैं वही सलाद में आप एक प्याज खाना आपके लिए पर्याप्त होता है|
प्याज खाने के तुरंत बाद हमें क्या नहीं खाना चाहिए प्याज खाने के तुरंत बाद दूध का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे खुजली एग्जिमा सोरायसिस जैसी समस्या पैदा हो जाती हैं मसालेदार फूड खाने के बाद या फिर पहले दूध से बनी चीजें या फिर दूध का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे ऐसा करने से गैस और वह मीटिंग की प्रॉब्लम भी हो जाती है। अब हम आपको बताते हैं प्याज खाने के फायदे क्या खाने के बहुत सारे फायदे होते हैं कच्चे प्याज का इस्तेमाल करने से हमारा इम्यूनिटी सिस्टम बहुत ज्यादा स्ट्रांग होता है कच्चा प्याज को खाने से हमारा दिल स्वस्थ रहता है प्याज के प्रयोग से मधुमेह डायबिटीज जैसी प्रॉब्लम्स हमसे बहुत दूर रहती हैं|
प्याज का ��स कान के दर्द के लिए लाभकारी होता है प्याज के रस को हम प्रचार पर लगा कर के प्रचार से संबंधी परेशानियों को दूर कर सकते हैं प्याज के रस हमारे बालों के लिए बहुत ज्यादा अच्छा होता है प्याज के उपयोग से हमें खांसी से आराम मिलता है अनयन खाने से जो हमारी सेक्स लाइफ होती है वह भी बहुत स्ट्रॉन्ग होती है प्याज के सेवन से अनन्या की समस्या भी दूर होती है पेट की खराबी में प्याज बहुत फायदेमंद होता है पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए याद बहुत अच्छा साबित होता है मूत्र पथ के संक्रमण के लिए याद बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है प्याज मैं क्यों सेल्फी ले और जो फैशन ऐसे होते हैं|
जो दांतों को खराब करने वाले व्यक्ति रिया को कम करने में मदद करते हैं कच्चे प्याज को खाना सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि पकाने के बाद इसमें मौजूद कुछ फायदे मन नष्ट हो जाते हैं प्याज में विटामिन फ्री होता है जो दांतों को सड़ने से रोकता है ऐसा भी माना जाता है कि दाताओं के दर्द से प्याज से छुटकारा मिलता है प्याज में विटामिन ए विटामिन सी और विटामिन ई बहुत मात्रा में पाया जाता है यह सभी विटामिन हमारी त्वचा के तथा स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा अच्छे माने जाते हैं यह सभी विटामिन मुक्त कणों के कारण त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकते हैं कि आज एक शक्तिशाली एंटीसेप्टिक भी होता है इसलिए त्वचा को बैक्टीरिया से बचाता है प्याज में विटामिन सी पाया जाता है शायद आपको पता ना हो कि विटामिन सी का सेवन त्वचा को निखारने में मदद करता है|
शहद या जैतून के तेल के साथ प्याज के रस का मिश्रण मुहांसों के ऊपर लगाने से बहुत अच्छा इलाज माना जाता है प्याज सूजन को कम करने में भी मदद करता है शब्दों में से इसलिए प्यार में मौजूद सक्रिय योगेश मुहांसों की वजह से हुई लालिमा सूजन को कम करने में मदद करता है बालों में ओ जाने पर और बालों के झड़ने की परेशानी हो जाने पर उनसे छुटकारा पाने पाने के लिए बालों या स्कैल्प पर प्याज के रस का प्रयोग किया जाता है यह बालों के लिए पर आज का सबसे प्रमुख लाभ है प्याज के रस को बालों में लगाएं और उंगलियों से उनकी मालिश करें फिर थोड़ी देर बाद अपने बालों को अच्छे से धो लें आपको बालों का झड़ना कम हो जाएगा तथा साथ ही साथ आप देखेंगे कि आपके बालों में रूसी की समस्या भी अगर है|
तो वह दूर हो जाएगी बालों का प्राकृतिक रंग बना रहेगा यह एक प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में भी कार्य करता है बालों में प्याज का रस लगाने से बाल घने बनते हैं या आपके बालों को जल्दी लंबा भी करता है तथा फिर से उगाने में भी मदद करता है दूसरी चीजों की तुलना में अगर देखा जाए तो जो लोग प्याज के रस का उपयोग बालों में करते हैं तो उनके बालों की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी होती है प्याज के इस्तेमाल करने से हमारा ब्लड शुगर भी नियंत्रण में रहता है प्याज में मौजूद विटामिन सी और कैल्शियम ओरल हेल्थ के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है कच्चा प्याज खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता ��ढ़ती है प्यार में बहुत सारे ऐसे कई तत्व होते हैं जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है प्याज हमारा पाचन तंत्र को भी बहुत अच्छा करता है|
कि आज का पानी नहीं बल्कि प्याज का रस होता है यह हमारे पाचन तंत्र को अच्छा कर के साथ-साथ हमारी श्वास नलिका को भी ठीक कर सकता है इसके अलावा यह त्वचा में बालों के लिए भी बहुत ज्यादा अच्छा होता है प्याज के सेवन से शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ सकती है इसलिए डिप्रेशन में लिथियम की दवा लेने से पहले एक बार डॉक्टर से प्याज को खाने के संबंध में जरूर पूछ लें यह हमारे रक्तचाप को भी नियंत्रण में रखता है कई लोग प्यास से आने वाली तेज गंध के कारण इसे इस्तेमाल नहीं करते और लेकिन प्याज के आज हमने आपको इतने सारे फायदे बताए हैं कि आप उनको अपनी डाइट में शामिल करना जरूर चाहेंगे बट कई बार देखा गया है|
कि जिस के बहुत सारे फायदे होते हैं उसके थोड़े से साइड इफेक्ट भी होते हैं या हम आपको बताते हैं कि प्याज में उसके क्या क्या साइड इफेक्ट होते हैं कि आज मैं बहुत तेज गंध होती है अगर आप कच्चा प्याज खाते हैं तो उसके बाद आपके मुंह से तेज बदबू आ सकती है यह सा प्याज में मौजूद सल्फर की वजह से होता है प्याज जो होती है वह खून में शुगर की मात्रा को काफी कम कर सकता है इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछ लें त्वचा पर प्याज का रस लगाने से कुछ लोगों को कई बार देखा गया है कि खुजली की रक्षा पर एसएस भी हो जाते हैं|
इसलिए आप प्याज का रस स्माल करने से पहले चेक जरूर से जरूर कर लें क्या शादी सेवन करने से कई बार पेट में गैस जलन तथा उल्टी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन अधिक मात्रा से करने में सीने में जलन पैदा हो जाती है इसलिए इसका प्रयोग बहुत ज्यादा मात्रा में ना करें आज हमारे हृदय के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है साथ ही साथ क्या जमा रहे सफेद बालों को काला भी करता है वह प्याज किडनी में पथरी को भी दूर करने में फायदेमंद होता है अब इसके फायदों को जानकर कि आप अपने खाने में प्याज का सेवन जरूर करेंगे
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