#उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019
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उत्तर प्रदेश में दुकानों पर मालिक के नाम की अनिवार्यता: धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने कावड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों के मालिकों को अपने नाम स्पष्ट रूप से लिखने का आदेश दिया है। यह आदेश भारत के खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (Food Safety and Standards Act, 2006) के तहत जारी किया गया है, जो खाद्य सामग्री की सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। इसके साथ ही यह आदेश भारत के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 (Consumer…
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हाई वोल्टेज से बल्ब, मोबाइल चार्जर, टीवी, फ्रीज, कूलर और पंखा फुंक जाए तो अब मिलेगा नया! बस यहां करें शिकायत
हाई वोल्टेज से बल्ब, मोबाइल चार्जर, टीवी, फ्रीज, कूलर और पंखा फुंक जाए तो अब मिलेगा नया! बस यहां करें शिकायत
नई दिल्ली. देश में करोड़ों ऐसे उपभोक्ता (Consumers) हैं, जिनकी शिकायत रहती है कि बिजली के हाई वोल्टेज (High Voltage of Electricity) के कारण उनका कीमती सामान अक्सर फुंक (Bunrt) जाता है. उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग भी उपभोक्ताओं की परेशानी दूर नहीं कर पाती है. बीती रात को ही गाजियाबाद के भोपुरा इलाके में हाई वोल्टेज से कई घरों के लाखों रुपये के विद्युत उपकरण जैसे मोबाइल चार्जर, टीवी, कूलर,…
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#20 जुलाई 2020#Consumer Protection Act 2019#Consumers#coolers#electricity department#fans#features of Consumer Protection Act#freeze#high voltage of electricity#mobile chargers#TV#What is Consumer features of Consumer Protection Act#What is Consumer Protection Act 2019#उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019#पीएम मोदी#पीएमओ#प्रधानमंत्री मोदी#बिजली उपभोक्ता#बिजली उपभोक्ता के अधिकार#हाई वोल्टेज से सामान फुंके तो करें यहां शिकायत
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ऑनलाइन सेल- खराब सामान को लेकर कंपनियां नहीं मानती तो यहां करें शिकायत, होगी तुरंत कार्रवाई
ऑनलाइन सेल- खराब सामान को लेकर कंपनियां नहीं मानती तो यहां करें शिकायत, होगी तुरंत कार्रवाई
फेस्टिव सीजन सेल के दौरान उपभोक्ता ई-कॉमर्स वेबसाइट पर थोक के भाव सामान खरीदते हैं. फेस्टिव सीजन सेल के दौरान उपभोक्ता इन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर थोक के भाव सामान खरीदते हैं. ऐसे में सरकार का नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 (Consumer Protection Act…
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सिलेंडर मैन अगर आपको देता है कम गैस तो करें यहां शिकायत, होगी तुरंत सुनवाई
सिलेंडर मैन अगर आपको देता है कम गैस तो करें यहां शिकायत, होगी तुरंत सुनवाई
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गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए केंद्र सरकार समय-समय पर नई-नई तरकीब भी आजमाती रहती है. अगर आप गैस का सिलेंडर (Gas Cylinder) जल्दी खत्म हो जाने से परेशान हैं तो अब आपकी परेशानी दूर होने जा रही है. अब डिलीवरी मैन आपको गैस कम देता है तो आप तुरंत ही…
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# होगी तुरंत सुनवाई#Common Man Issues#Consumer Protection Act 2019#delivery boys#gas cylinder#gas delivery#gas delivery code#HP Common Man Issues#keeping weighing machine#LPG gas cylinder#Modi Government#उपभोक्ता#उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019#ओटीपी#गैस की कालाबाजारी#गैस की डिलीवरी#घरेलू गैस#डिलीवरी मैन#तेल कंपनियां#पीएम मोदी#मोदी सरकार#रसोई गैस की होम डिलीवरी#रसोई गैस वितरण में पारदर्शिता#सिलेंडर मैन अगर आपको देता है कम गैस तो करें यहां शिकायत
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सिलेंडर मैन अगर आपको देता है कम गैस तो करें यहां शिकायत, होगी तुरंत सुनवाई
सिलेंडर मैन अगर आपको देता है कम गैस तो करें यहां शिकायत, होगी तुरंत सुनवाई
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गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए केंद्र सरकार समय-समय पर नई-नई तरकीब भी आजमाती रहती है. अगर आप गैस का सिलेंडर (Gas Cylinder) जल्दी खत्म हो जाने से परेशान हैं तो अब आपकी परेशानी दूर होने जा रही है. अब डिलीवरी मैन आपको गैस कम देता है तो आप तुरंत ही…
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Consumer Protection Act 2019: पेट्रोल पंप पर तेल चोरी की तो लाइसेंस होगा रद्द
Consumer Protection Act 2019: पेट्रोल पंप पर तेल चोरी की तो लाइसेंस होगा रद्द
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नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 25 Jul 2020, 03:58:43 PM IST
नई दिल्ली आए दिन ऐसी शिकायतें आती रहती हैं कि पेट्रोल पंपों पर चिप लगातर तेल चोरी (Oil theft on petrol pump) की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। कई बार चेकिंग में भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं और ऐसा करने वालों के खिलाफ एक्शन भी लिया गया है। बावजूद इसके तेल चोरी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में नए उपभोक्ता संरक्षण…
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#consumer protection act 2019#oil theft on petrol pump#petrol theft#punishment for oil theft#उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019#तेल चोरी की सजा#पेट्रोल पंप पर तेल चोरी
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Supreme-Court-decision-सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय, उपभोक्ता कानून से बाहर नहीं डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवाएं, दर्ज हो सकती हैं शिकायतें
Supreme-Court-decision-सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय, उपभोक्ता कानून से बाहर नहीं डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवाएं, दर्ज हो सकती हैं शिकायतें
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के दायरे से बाहर नहीं रखा गया है. शीर्ष अदालत ने इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को सही करार देते हुए मेडिको लीगल एक्शन ग्रुप की याचिका खारिज कर दी.जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ व जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा, महज 2019 के अधिनियम द्वारा 1986 के अधिनियम को निरस्त करने से डॉक्टरों द्वारा मरीजों को…
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काम की बात : जानिए क्या है उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में #news4
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम – 2019 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के अनुचित व्यापार चलन को रोकने के लिए नियम भी शामिल हैं। यह उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करता है, विवाद प्रक्रिया को सरल बनता है, उत्पाद दायित्व की अवधारणा की शुरुआत करता है। सीसीपीए को उपभोक्ता अधिकारों और संस्थानों की शिकायतों/अभियोजन के उल्लंघन की…
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प्रेशर कूकर पर BIS मानक अनिवार्य, पांच दोषी कम्पनियों को थमाये नोटिस
देशव्यापी अभियान- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने अनिवार्य BIS मानकों का उल्लंघन करने वाले प्रेशर कुकरों की बिक्री करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को जारी किये नोटिस न्यूजवेव @ नईदिल्ली ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ऐसे नकली सामानों की बिक्री रोकने का देशव्यापी अभियान शुरू किया, जो केन्द्र सरकार के गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का उल्लंघन करते हों।इसके लिये सीसीपीए देशभर के जिला कलक्टरों को दिशानिर्देश जारी कर चुका है। इस अभियान में दैनिक उपयोग के सामानों में हेलमेट, प्रेशर कुकर और कुकिंग गैस सिलेंडर आदि शामिल हैं। अभियान की शुरूआत में सीसीपीए ने घरेलू प्रेशर कुकर (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2020 का उल्लंघन करने पर ई-कॉमर्स एंटिटी पर प्रेशर कुकरों की बिक्री के मामलों में स्वतः संज्ञान लिया है। अधिनियम की धारा 2(10) के तहत “डिफेक्ट” का मतलब गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता या मानक में कोई दोष, अपूर्णता या कमी है, जिसे किसी भी सामान या उत्पाद के संबंध में किसी भी तरह से या किसी भी अनुबंध, अभिव्यक्ति या सूचना या ट्रेडर द्वारा किए गए दावे या लागू कानून के तहत बनाए रखा जाना आवश्यक है और इस क्रम में उसे ‘‘दोषपूर्ण‘‘ समझा जाएगा। ऐसे में अनिवार्य मानकों के अनुरूप नहीं होने वाले प्रेशर कुकरों को ‘दोषपूर्ण’ माना जाता है। मापदंडों का उल्लंघन संज्ञेय अपराध बीआईएस अधिनियम की धारा 17 किसी भी व्यक्ति को ऐसे किसी भी सामान या वस्तु के विनिर्माण, आयात, वितरण, बिक्री, किराये पर लेने, लीज, स्टोर या बिक्री के लिए प्रदर्शन से रोकती है, इसके अलावा, धारा 29(3) और (4), धारा 17 के उल्लंघन के जुर्माने और इसे संज्ञेय अपराध मानने का उल्लेख है। CCPA ने नोटिस जारी होने के 7 दिन के भीतर ई-कॉमर्स इकाइयों से प्रतिक्रिया मांगी है, ऐसा नहीं करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। पांच प्रमुख ई-कॉमर्स कम्पनियां अनिवार्य मानदंडों का उल्लंघन करने पर दोषी -
अमेजन- बेसिक्स स्टेजलैस स्टील आउटर लिड प्रेशर कूकर 4 लीटर एवं क्यूबा 5 ली. इंडक्शन बेस एल्यूमिनियम प्रेशर कूकर फ्लिपकार्ट- क्यूबा 5 ली. इंडक्शन बेस एल्यूमिनियम प्रेशर कूकर एवं प्रिस्टाइन स्टेनलैस 5 ली. इंडक्शन बॉटम प्रेशर कूकर एल्यूमिनियम एवं स्टेनलेस स्टील तथा डायमंड बाई फास्ट कलर्स आउटर लिड 10 ली. प्रेशर कूकर स्नैपडील- एबॉड 5 ली. एल्यूमिनियम प्रेशर कूकर एवं बैस्टेक मिरर फिनिश इंडक्शन प्रेशर कूकर 5 लीटर शॉपक्लूज- क्यूबा 5 ली. इंडक्शन बेस एल्यूमिनियम प्रेशर कूकर, प्रिस्टिन इंडक्शन बेस स्टेनलैस स्टील प्रेशर कूकर 5 ली. एवं इथिकल ट्राई नेचर प्रेशर कूकर 5ली. पेटीएम माल- प्रिस्टिन सिल्वर स्टेनलैस स्टील प्रेशर कूकर इंडक्शन बॉटम 5.5 ली., क्यूबा 5 ली. प्रेशर कूकर एल्यूमिनियम एवं इथिकल कूक वेयर कॉम्बोस इंडक्शन बॉटम प्रेशर कूकर। Read the full article
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कैट ने की अमेजन-फ्लिपकार्ट के खिलाफ सीसीआई जांच फास्ट ट्रैक मोड में कराने की मांग Divya Sandesh
#Divyasandesh
कैट ने की अमेजन-फ्लिपकार्ट के खिलाफ सीसीआई जांच फास्ट ट्रैक मोड में कराने की मांग
नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सीसीआई जांच को फास्ट ट्रैक मोड में करने का आग्रह किया है। कैट ने सोमवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजकर सीसीआई को अमेजन-फ्लिपकार्ट के खिलाफ चल रही जांच को फ़ास्ट ट्रैक मोड पर करने का निर्देश देने की मांग की है।
गौरतलब है कि कारोबारी संगठन कैट एवं दिल्ली व्यापार महासंघ ने सीसीआई में इन दोनों कंपनियों के खिलाफ अनेक शिकायतें दर्ज करा�� हैं, जिन पर सीसीआई ने जांच का आदेश दिया हुआ है। कैट ने कहा कि जांच में लम्बा वक्त लगने से दोनों ई-कॉमर्स कंपनियां को जांच से संबंधित रिकॉर्ड और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का पर्याप्त समय मिल जाएगा।
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कारोबारी संगठन का कहना है कि दरअसल ये मामला लगभग 2 साल से जांच के लिए लंबित है, जिसे कैट ने सितंबर, 2019 में वाणिज्य मंत्रालय के साथ उठाया था। ऐसे में कैट ने पीयूष गोयल के समक्ष इस मामले को उठाया है, जो उपभोक्ता मामलों के मंत्री भी हैं। इसके साथ ही कैट ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत प्रस्तावित ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करने का आग्रह भी किया है।
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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने पीयूष गोयल को भेजे पत्र में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अमेजन और फ्लिपकार्ट की जांच पर रोक लगाने की याचिका खारिज पहले ही कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सीसीआई को समयबद्ध अवधि में जांच सुनिश्चित करने के लिए जांच को फास्ट ट्रैक मोड पर जारी रखने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। खंडेलवाल ने गोयल से यह भी आग्रह किया की वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बातचीत कर प्रवर्तन निदेशालय को फेमा अधिनियम और नियमों के उल्लंघन के लिए अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों के खिलाफ जांच में तेजी लाने का निर्देश देने का भी आग्रह करें। दरअसल, इन दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कैट ने प्रवर्तन निदेशालय में पहले से ही अपनी शिकायतें दर्ज़ करा रखी हैं।
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कोरोना काल में भ्रामक विज्ञापन की 1402 शिकायतें मिलीं : अधिकारी
कोरोना काल में भ्रामक विज्ञापन की 1402 शिकायतें मिलीं : अधिकारी
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू किए जाने के बाद कोरोना काल में भ्रामक विज्ञापनों को लेकर 1,402 शिकायतें आई हैं, जिनमें एक सेलिब्रिटी के खिलाफ की गई शिकायत भी शामिल है। यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि भ्रामक विज्ञापनों से जुड़ी शिकायतों में 33 मामलों का समाधान…
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Amazon और Flipkart सेल में जमकर करें खरीदारी! सामान में गड़बड़ी तो करें यहां शिकायत
Amazon और Flipkart सेल में जमकर करें खरीदारी! सामान में गड़बड़ी तो करें यहां शिकायत
नई दिल्ली. देश में अमेजन और फ्लिपकार्ट (Amazon and Flipkart sale) पर जबरदस्त सेल चल रहा है. महीने भर चलने वाले इस फेस्टिव सीजन सेल में लोकप्रिय मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट, वियरेबल्स, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स पर सैकड़ों डील्स हैं. Amazon की ग्रेट इंडियन फेस्टिवल 2021 और Flipkart Big Billion Days भी शुरू हो चुका है. ऐसे में ग्राहकों को चुनिन्दा ऑफर चुनने के बाद अगर किसी भी तरह की कोई समस्या आती…
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राजस्थान : अब ई-कॉमर्स कंपनियां आप के साथ धोखा नहीं कर सकती – जानें क्या हैं ख़ास
राजस्थान : अब ई-कॉमर्स कंपनियां आप के साथ धोखा नहीं कर सकती – जानें क्या हैं ख़ास
Consumer Protection Act 2019 also holds accountability of e-commerce companies – Governance Secretary Naveen Jain उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में ई-कॉमर्स कंपनियों की भी है जवाबदेही -शासन सचिव नवीन जैन जयपुर, 16 फरवरी। उपभोक्ताओं के अधिकारों को मजबूत करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में ई-कॉमर्स कंपनियों की जवाबदेही निश्चित की गई है। उपभोक्ता को नुकसान होने पर…
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27 जुलाई से बदल जाएगा देश में सामान बेचने-खरीदने का तरीका, जानें नए नियम के बारे में नई दिल्ली. देश में 20 जुलाई से नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 (Consumer Protection Act, 2019) लागू हो गया है.
#27 जुलाई 2020#amazon#Consumer Protection Act 2019#e-commerce#E-commerce platforms#E-retailers#features of Consumer Protection Act#Flipkart Online shopping#Modi Government#Modi government Notified New Rules#new law of Online shopping in india#Retail Price#sellers#tightens scrutiny#What is Consumer Protection Act 2019#उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019#ऑनलाइन शॉपिंग के लिए क्या हैं नए नियम#केंद्र सरकार#मोदी सरकार
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मोदी सरकार ने लॉन्च किया ग्राहकों के लिए एक App, अब ऐसे होगी प्रोडक्ट की सत्यता की जांच
मोदी सरकार ने लॉन्च किया ग्राहकों के लिए एक App, अब ऐसे होगी प्रोडक्ट की सत्यता की जांच
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बीआईएस मानकों को लागू करने के साथ-साथ सत्यता की प्रामणिकता की जांच भी करता है. केंद्रीय उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने सोमवार को कहा कि ग्राहक (Consumer) अब एक एप्प (App) के जरिए सामान की सत्यता की…
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#15 जनवरी 2021 से गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य#bis#BIS App#bis centers#Business news in hindi#consumers#gold#gold hallmarking in india#gold hallmarking mandatory next year 1 june 2021#gold jewellery purity check#hallmarking#modi government#Ram Vilas Paswan#उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय सोना-चांदी#��पभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019#गोल्ड ज्वेलरी प्योरिटी चेक#ग्राहक को शिकायत दर्ज करने की जानकारी मिल जाएगी#बीआईएस एप्प#बीआईएस ऐप्प#बीआईएस केयर ऐप्प लांच#बीआईएस सेंटर#रजिस्ट्रेशन#लाइसेंस#शिकायत#सोने की ज्वेलरी#सोने की ज्वैलरी#सोने की शुद्धता की चेकिंग#सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य#हॉलमार्क गोल्ड हॉलमार्किंग#हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ज्वैलरी
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निवास पर हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में 5 विभिन्न श्रेणियों में भू-जल दोहन के लिए एनओसी से छूट देने, आमजन को खनिज बजरी के विकल्प के रूप में एम-सेण्ड उपलब्ध कराने के लिए नीति के अनुमोदन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस दौरान प्रदेश में कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के लिए टीकाकरण अभियान की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। मंत्रिमण्डल ने वैक्सीनेशन के लिए भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में वैक्सीन के बेहतर प्रबंधन, कोल्डचेन और स्टोरेज व्यवस्था, प्राथमिकता के निर्धारण और मानव संसाधन की उपलब्धता आदि विषयों पर भी गहन विचार-विमर्श किया।
मंत्रिमण्डल ने भू-जल दोहन के लिए जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में एक बड़ा निर्णय करते हुए पांच श्रेणियों में भू-जल निकासी के लिए एनओसी के प्रावधान को विलोपित करने का निर्णय किया है। इस निर्णय के बाद पेयजल एवं घरेलू उपयोग के लिए ग्रामीण और शहरी क��षेत्रों में वैयक्तिक घरेलू उपभोक्ता, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति यो��नाओं, सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठानों, कृषि कार्यकलापों और 10 घन मीटर प्रतिदिन से कम भू-जल निकासी करने वाले सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के उपयोग के लिए भू-जल निकासी के लिए एनओसी नहीं लेनी होगी। इससे प्रदेश के किसानों, आमजन तथा सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी।
भू-जल निकासी की नवीन व्यवस्था तथा दिशा-निर्देशों के तहत किसानों तथा आमजन को शीघ्र लाभ मिले, इस उद्देश्य से पंचायती राज, विद्युत, गृह, जलदाय, भू-जल आदि विभागों द्वारा उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। यह भी निर्णय किया गया कि वर्षा जल के संरक्षण तथा पुनर्भरण के लिए जल संसाधन, जल ग्रहण, पंचायती राज, जलदाय तथा भू-जल विभाग उचित कदम उठाएंगे। साथ ही, प्रदेश के 17 जिलों के 38 ब्लॉक जहां भू-जल की स्थिति अधिक चिंताजनक है, वहां सुधार के सार्थक प्रयास किए जाएंगे।
राज्य मंत्रिमण्डल ने जनसुनवाई की व्यवस्था को अधिक संवेदनशील और निचले स्तर तक प्रभावी बनाने के लिए त्रिस्तरीय प्रणाली लागू करने का निर्णय किया है। इसके तहत कलस्टर, उपखण्ड तथा जिला स्तर पर आमजन की शिकायतों का प्रभावी निराकरण किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया जाएगा, जो इसे शीघ्र लागू करवाना सुनिश्चित करेगी। मंत्रिमण्डल ने मनरेगा श्रमिकों को टास्क पूरा होने पर राज्य द्वारा घोेषित 220 रूपए प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी मिलने की मंशा जाहिर की। कैबिनेट ने इस प्रकार की व्यवस्था पर बल दिया, जिसमें मनरेगा श्रमिकों को टास्क पूरा करने पर न्यूनतम मजदूरी मिल सके।
मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में आमजन को खनिज बजरी का सस्ता एवं सुगम विकल्प उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मैन्यूफेक्चर्ड सेण्ड (एम-सेण्ड) नीति का भी अनुमोदन किया है। इस नीति के तहत प्रदेश के खनन क्षेत्रों में उपलब्ध ओवरबर्डन डम्प्स की प्रचुर मात्रा का दक्षतापूर्वक उपयोग करते हुए खनन क्षेत्रों में पर्यावरण को संरक्षित करना, नदियों से बजरी की आपूर्ति में कमी तथा पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के साथ ही स्थानीय स्तर पर खनिज आधारित उद्योगों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
अनुमोदित नीति के तहत एम-सेण्ड इकाई को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा तथा उसे रिप्स-2019 के तहत परिलाभ देय होंगे। इसके तहत खनन क्षेत्रों में उपलब्ध ओवरबर्डन डम्प्स को एम-सेण्ड के उत्पादन के लिए केप्टिव प्रयोजनार्थ 10 वर्ष की अवधि के लिए नीलामी से परमिट जारी किए जाएंगे। खनिज मेसेनरी स्टोन के खनन पट्टा आवंटन में एम-सेण्ड इकाई के लिए पृथक से प्लॉट आरक्षित किए जाकर केप्टिव प्रयोजनार्थ नीलाम किए जाएंगे। एम-सेण्ड के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले ओवरबर्डन पर देय डीएम��फटी की राशि में शत-प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। पूर्व में स्थापित एम-सेण्ड इकाइयां तथा क्रेशर इकाइयां भी एम-सेण्ड उत्पादन के लिए परमिट अथवा खनन पट्टा प्राप्त करने की पात्र होंगी।
इस नीति के तहत राज्य के सरकारी, अर्द्धसरकारी, स्थानीय निकाय, पंचायती राज संस्थाएं एवं राज्य सरकार से वित्त पोेषित अन्य संगठनों द्वारा करवाए जाने वाले विभिन्न निर्माण कार्यों में प्रयुक्त की जानी वाली खनिज बजरी की मात्रा का न्यूनतम 25 प्रतिशत एम-सेण्ड का उपयोग अनिवार्य होगा, जो कि उपलब्धता के आधार पर 50 प्रतिशत बढ़ाया जा सकेगा।
बैठक में राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन कर राज्य सरकार के कार्मिकों की 1 जून, 2002 के बाद संतानों की संख्या दो अधिक होने पर 3 वर्ष के लिए एसीपी रोकी जाकर आगामी एसीपी में उसके पारिणामिक प्रभाव को समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया। साथ ही, राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियमों में संशोधन कर वरिष्ठ उपाध्याय स्कूल, संस्कृत शिक्षा विभाग के प्रधानाचार्य को शिक्षा विभाग के सीनियर सैकण्डरी स्कूल के प्रधानाचार्य के समकक्ष वेतनमान देने को मंजूरी दी है। अब प्रधानाचार्य, वरिष्ठ उपाध्याय स्कूल, संस्कृत शिक्षा विभाग को दिनांक 01.07.2013 से 31.12.2015 तक काल्पनिक आधार पर ग्रेड-पे 6000 से बढ़ाकर 6600 तथा 01.01.2016 से सातवें वेतन आयोग की पे-मैट्रिक्स में एल-15 से बढ़ाकर एल-16 के अनुसार दिया जाएगा। वास्तविक भुगतान अधिसूचना की दिनांक से देय होगा।
राज्य मंत्रिमण्डल ने भूतपूर्व सैनिकों के हितार्थ महत्वपूर्ण निर्णय लेकर उनके राजकीय सेवाओं में नियोजन के लिए आरक्षण के प्रावधानों में कई संशोधनों को मंजूरी दी है। इसके तहत भूतपूर्व सैनिकों के राज्य सेवाओं में नियोजन के लिए अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट को बढ़ाकर 10 वर्ष करने को मंजूरी दी गई है। राजकीय सेवाओं में भूतपूर्व सैनिकों के लिए न्यूनतम अर्हता अंकों में 5 प्रतिशत की छूट को अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता की स्थिति में 5 प्रतिशत और बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है। साथ ही, आवेदन के समय कम्प्यूटर प्रयोग की योग्यता प्रमाण-पत्र से संबंधित शिथिलता देने का भी निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, पूर्व में भूतपूर्व सैनिक के रूप में देय आरक्षण का लाभ लेकर लोकसेवा के किसी पद पर नियोजित व्यक्ति को पुनः किसी अन्य सेवा में नियोजन के लिए आरक्षण का दोहरा लाभ उस स्थिति में ही देय होगा, जब सीधी भर्ती के ऐसे उच्च पदों पर जहां निचले पद का अन���भव निर्धारित है। साथ ही, बैठक में राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा अधिनियम, 1969 के अन्तर्गत राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा (संशोधन) नियम, 2020 का अनुमोदन भी किया गया।
केबिनेट बैठक में जैसलमेर जिले की फतेहगढ़ तहसील के गांवों देवीकोट और केहर फकीर की ढ़ाणी में 90 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए 180 हैक्टेयर भूमि तथा गांव देवीकोट में ही 150 मेगावाट के क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए 1184-06 बीघा भूमि का आवंटन करने का निर्णय लिया गया। इन सौर ऊर्जा इकाइयों की स्थापना से प्रदेश में स्थानीय स्तर पर रोजगार तथा राजस्व प्राप्ति के अवसर बढे़ंगे। राज्य मंत्रिमण्डल ने बाड़मेर के ग्राम आंटा में भारतीय वायु सेना का एयरबेस स्थापित करने के लिए रक्षा मंत्रालय को भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है।
इसके अतिरिक्त, पांच स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों- महाराणा प्रताप महाविद्यालय, रावतभाटा (चित्तौड़गढ़), शहीद रूपाजी कृपाजी महाविद्यालय, बेंगू (चित्तौड़गढ़), भगवान आदिनाथ जयराज मारवाड़ा महाविद्यालय, नैंनवा (बूंदी), आई माता महाविद्यालय, सोजत सिटी (पाली) और श्री प्रेमसिंह सिंघवी महाविद्यालय, छीपा बड़ौद (बारां) तथा चार निजी महाविद्यालयों-मीरा कन्या महाविद्यालय, सांगरिया (हनुमानगढ़), ज्ञान ज्योति महाविद्यालय, करणपुर (श्रीगंगानगर), शहीद भगतसिंह महाविद्यालय रायसिंहनगर (श्रीगंगानगर) और बाबा मोहनराम किसान महाविद्यालय, भिवाड़ी (अलवर) को राज्य सरकार के अधीन करने के निर्णय को कार्याेत्तर स्वीकृति प्रदान की।
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