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#आरबीआई एमपीसी के फैसले
trendingwatch · 2 years
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आरबीआई की मौद्रिक नीति लाइव अपडेट: आरबीआई ने आज रेपो रेट में 25-50 बीपीएस की बढ़ोतरी की तैयारी की
आरबीआई की मौद्रिक नीति लाइव अपडेट: आरबीआई ने आज रेपो रेट में 25-50 बीपीएस की बढ़ोतरी की तैयारी की
अधिक पढ़ें आगे। “हमें उम्मीद है कि इस चक्र में अब तक 90 बीपीएस की संचयी वृद्धि के बाद रेपो दर को 35 बीपीएस से बढ़ाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया जाएगा। यह दर को 2019 के अंत के स्तर पर वापस ले जाएगा। डीबीएस ग्रुप रिसर्च में कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा, “मुद्रास्फीति की उम्मीदों को स्थिर करने के लिए रुख में एकमुश्त बदलाव के अभाव में, मार्गदर्शन में आवास को वापस लेने की…
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gaange · 5 months
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सभी बैकों खातों वाले के लिए 5 नयें नियम?
दोस्तों सभी बैंक खाता वालों के लिए आज के लेटेस्ट पांच बड़े अपडेट निकल कर आ रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक RBI की तरफ से ये बड़े फैसले लिए गए हैं तो चाहे आपका किसी भी सरकारी या किसी प्राइवेट बैंक में खाता है। जैसे की SBI, PNB , केनरा बैंक , HDFC , ICICI या फिर नयें बैकों में आपका खाता है तो यह नियम को जरूर जानना चाहिए । पहला अपडेट है बैंक लोन को लेकर एक अच्छी खबर है।एक तो लोन महंगे नहीं होंगे और आपके वर्तमान लोन की EMI यानी की लोन की हर महीने की किस्त भी नहीं बढ़ेगी। भारतीय रिज़र्व बैंक RBI की तरफ से ब्याज दरों में लगातार छठी बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया। RBIकी एमपीसी की मीटिंग हुई और उसमें ये फैसला लिया गया। RBI ने रेपो रेट को 6.5% ही बरकरार रखा है। यानी की ना तो कम किया, ना ज्यादा किया। क्योंकि जब भी रेपो रेट बढ़ती है तो बैंक भी अपने लोन की रेट बढ़ा देते हैं। सभी बैकों खातों वाले के लिए 5 नयें नियम? दूसरा बड़ा अपडेट आरबीआई की तरफ से फैसला लिया गया। इसी एमपीसी मीटिंग में इरूपी के लिए ऑफलाइन ट्रांसक्शन भी शुरू करेगा। आर बी आई डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित करने के लिए प्लान बनाया गया। सभी बैंक खाता वालों के लिए अच्छी खबर है। हाल ही में आपको पता होगा भारतीय रिज़र्व बैंक ने जो डिजिटल करेन्सी चलाने का प्लान बनाया था ₹2 से लेकर ₹2000 तक की डिजिटल करेन्सी चालू होगी । जो इरूपी यानी डिजिटल करेन्सी देश में अभी ट्रायल के रुप चल भी रही है । तो उसमें अब एक फीचर ये मिलेगा की ऑनलाइन जरूरी नहीं होगा। मतलब आपके फ़ोन में इंटरनेट कनेक्शन नहीं भी है तब भी आप ऑफलाइन डिजिटल करेन्सी का इस्तेमाल कर पाएंगे। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण अपडेट। लोन लेने वालों के लिए RBI ने बड़ा कदम उठाया है, अब आपको लोन पर अलग से कोई प्रोसेसिंग फीस वगैरह नहीं देने पड़ेगी। भविष्य में सभी बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए खुशखबरी हैं । ये नया सिस्टम लागू होने के बाद दोस्तों आपको बैंक लोन पर अलग से कोई प्रोसेसिंग फीस या अलग तरह के कोई चार्जेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यदि आप लोन लेते हैं तो आपको पता होगा की ब्याज दर यानी की इन्ट्रेस्ट रेट के साथ साथ लोन लेने की शुरुआत में डॉक्यूमेंटेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, फाइल चार्ज समेत कई अन्य तरह के शुल्क भी देने पड़ते हैं। इस तरह से बैंक ग्राहकों के लिए लोन पर आने वाला खर्चा ज्यादा हो जाता है। इसीलिए आरबीआई ने अब बैंको से कहा कि वह लोन पर लगने वाले अन्य शुल्कों को उनके ब्याज दर में ही जोड़ दें ताकि ग्राहकों को यह पता लग सकेगी की उन्हें अपने लोन पर वास्तविक ब्याज कितना देना है, आरबीआई की तरफ से तो बैंक लोन लेने के दौरान अब आपको एक ही तरह का चार्ज देना है वो है इन्ट्रेस्ट रेट। अगला अपडेट बैंक HDFC पर भी अच्छी खबर आ रही है। दो बैंकरों ने FD की ब्याज दरें बढ़ाई है। एक तो HDFC यहाँ से FD पर ब्याज देने, इनकी इन्ट्रेस्ट रेट को बढ़ाकर 7.75% तक का रिटर्न देने की यानी की अब अलग अलग टाइम पीरियड के अकॉर्डिंग अधिकतम आपको सात से दस साल तक 7.75% तक ब्याज दर मिलेंगे। इंडसइंड बैंक के द्वारा FD यानी पफिक्स डिपाजिट पर टाईम पीरियड के अनुसार अधिकतम 8.25% तक सालाना रिटर्न ब्याज दर पर दे रहा । जिसमे 1 साल 2 साल से लेकर 5 साल तक की FD पर आपको अधिकतम 8.25% तक भी रिटर्न मिलेगा। अगला ब��़ा महत्वपूर्ण अपडेट हैं। सभी बैंक खाता वालो के लिए रिज़र्व बैंक के तरफ से चेतावनी जारी की गयी हैं। की KYC नाम पर जो फर्जीवाड़ा चल रहा हैं। उस पर रोक लगाया जायें , आजकल KYC के नाम पर लोगों के खाते में जमा पैसे को लूट लिया जा रहा है इससे आप सावधान रहे। किसी से भी डॉक्यूमेंट साझा ना करे, धोखाधड़ी होने पर तुरंत शिकायत करे। आरबीआई की तरफ से सभी बैंक खाता वालों के लिए कुछ ज़रूरी निर्देश जारी किये हैं। आप किसी अनजान व्यक्ति आपको फ़ोन ,अकाउन्ट नंबर ,लॉगिन इन्फॉर्मेशन, OTP या आधार कार्ड की डीटेल शेयर ना करें । KYC से संबंधित ऐसी कोई भी इन्फॉर्मेशन आपसे मांगी जाए तो नहीं देनी है। बैंक वाले कभी आपसे फ़ोन कॉल करके KYC अपडेट करने की नहीं करते हैं। Read the full article
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dainiksamachar · 9 months
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महंगे लोन, बढ़ी हुई EMI, क्या आपको भी सता रही यह चिंता? जानिए RBI के बड़े फैसले से पहले के संकेत
नई दिल्ली : क्या लोन (Loan) महंगा होने वाला है? अब ईएमआई (EMI) में ज्यादा रकम देनी होगी? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो (RBI MPC Meeting) से पहले लोगों के मन में रहते हैं। इस हफ्ते आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होने वाली है। बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव से जुड़ी घोषणा करेंगे। उम्मीद है कि इस बार आरबीआई रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकती है। हालांकि, महंगाई को लेकर सतर्क रुख अपनाया जा सकता है। क्योंकि अमेरिका में आगे ब्याज दरों में सख्त रुख के संकेत हैं। दूसरी तरफ कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। लगातार चौथी बार रेपो रेट रह सकती है अपरिवर्तित आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4 से 6 अक्टूबर के बीच होगी। 12 बाजार प्रतिभागियों के ईटी पोल से पता चलता है कि आरबीआई एमपीसी रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रख सकती है। इस तरह लगातार चौथी बार आरबीआई रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकता है। ऐसा हुआ तो लोन पर ब्याज दरें प्रभावित नहीं होंगी। बैंक आमतौर पर रेपो रेट में बदलाव होने पर ही लोन की ब्याज दरों में बदलाव करते हैं। काफी बढ़ गए कच्चे तेल के भाव डीबीएस बैंक के सीनियर इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा, 'आरबीआई एमपीसी रेपो रेट में यथास्थिति बनाए रखने की अपनी नीति को आगे बढ़ा सकती है। क्रूड ऑयल के वैश्विक भाव नवंबर, 2022 के हाई पर पहुंच चुके हैं। ये आरबीआई के 85 डॉलर प्रति बैरल के अप्रैल अनुमान को पार कर गए हैं।' यूएस फेड हाई रखना चाहता है रेट क��्चे तेल की कीमतों में उछाल डॉलर में मजबूती के साथ-साथ आया है। डॉलर इसलिए मजबूत हुआ, क्योंकि यूएस फेड ब्याज दरों को लंबे समय तक उच्च स्तर पर बनाए रखना चाहता है। इससे वैश्विक निवेशकों में उभरते बाजारों की सिक्योरिटीज के प्रति आकर्षण कम हो गया है। विदेशी फंड्स ने सितंबर में पहली बार इस वित्त वर्ष में भारतीय शेयरों में शुद्ध बिकवाली की, भले ही निफ्टी पहली बार 20,000 के स्तर को पार कर गया। http://dlvr.it/SwszxY
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mwsnewshindi · 2 years
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आरबीआई एमपीसी परिणाम: मौद्रिक नीति निर्णय कल; प्रमुख ब्याज दरों में वृद्धि अपेक्षित
आरबीआई एमपीसी परिणाम: मौद्रिक नीति निर्णय कल; प्रमुख ब्याज दरों में वृद्धि अपेक्षित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) कल (बुधवार) सुबह 10 बजे अपने नीतिगत फैसले की घोषणा करेगी। एमपीसी की बैठक, जो सोमवार को शुरू हुई और बुधवार (8 जून) को प्रमुख ब्याज दरों, सीआरआर और आरबीआई गवर्नर द्वारा किए जाने वाले नीतिगत संशोधनों के संबंध में एमपीसी के फैसलों की घोषणा के साथ समाप्त होगी। गवर्नर दास ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए थे। उन्होंने…
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abhay121996-blog · 3 years
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आरबीआई के फैसले से गदगद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स 460 अंक चढ़ा Divya Sandesh
#Divyasandesh
आरबीआई के फैसले से गदगद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स 460 अंक चढ़ा
मुंबई| देश के शेयर बाजार में बुधवार को तमाम सेक्टरों में लिवाली लौटने से तेजी का रुझान बना रहा। सेंसेक्स 460.37 अंकों यानी 0.94 फीसदी की तेजी के साथ 49,661.76 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 135.55 अंकों यानी 0.92 फीसदी की तेजी के साथ 14,819.05 पर ठहरा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रि नीति की घोषणा से गदगद शेयर बाजार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बीते सत्र से 75.70 अंकों की तेजी के साथ 49,277.09 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 49,900.13 तक उछला, जबकि इस दौरान सेंसेक्स का निचला स्तर 49,093.90 रहा। सेंसेक्स के 27 शेयरों में तेजी रही जबकि तीन शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी बीते सत्र से 32.95 अंकों की बढ़त के साथ 14,716.45 पर ��ुला और आरबीआई के फैसले आने पर 14,879.80 तक उछला, जबकि इस दौरान निफ्टी का निचला स्तर 14,649.85 रहा। एनएसई के 43 शेयर तेजी के साथ बंद हुए जबकि सात शेयरों में गिरावट रही। बीएसई मिडकैप सूचकांक बीते सत्र से 167.45 अंकों यानी 0.82 फीसदी की तेजी के साथ 20,653.28 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 273.30 अंकों यानी 1.30 फीसदी की तेजी के साथ 21,293.40 पर बंद हुआ।
यह खबर भी पढ़ें: 12 वर्षीय लड़की की सर्जरी कर डॉक्टरों ने पेट से निकाले 5 किलो के दो ट्यूमर, दिया नया जीवन, देखें तस्वीरें 
सेंसेक्स के सबसे ज्यादा तेजी वाले पांच शेयरों में एसबीआईएन (2.25 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.05 फीसदी), नेस्ले इंडिया (2.00 फीसदी), इंडसइंड बैंक (1.98 फीसदी) और बजाज ऑटो (1.98 फीसदी) शामिल रहे। वहीं, गिरावट वाले शेयरों में टाइटन (0.78 फीसदी), एनटीपीसी (0.47 फीसदी) और हिंदुस्तुान यूनीलीवर (0.14 फीसदी) शामिल रहे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के केंद्रीय बैंक के फैसले की घोषणा की। आईबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रेपो रेट को चार फीसदी पर और रिवर्स रिपो रेट को 3.35 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। –आईएएनएस
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mastereeester · 4 years
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​​​​​​​स्टॉर्टअप की राह हुई आसान, आरबीआई ने उन्हें प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के दायरे में शामिल कियाDainik Bhaskar
​​​​​​​स्टॉर्टअप की राह हुई आसान, आरबीआई ने उन्हें प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के दायरे में शामिल कियाDainik Bhaskar
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को स्टार्टअप को प्रायोरिटी सेक्टर लेडिंग (पीएसएल) के दायरे में शामिल कर लिया। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 24वीं बैठक में लिए गए फैसले की घोषणा में आरबीआई ने कहा कि पीएसएल के दिशानिर्देश को व्यापक बनाया गया है। इसके दायरे में स्टार्टअप को भी शामिल कर लिया गया है।
एग्रीकल्चर, एमएसएमई, एक्सपोर्ट क्रेडिट, एजुकेशन, हाउसिंग, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, रीन्यूएबल…
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trendingwatch · 2 years
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0.50% दर वृद्धि दुनिया भर में "नया सामान्य" है, आरबीआई गवर्नर कहते हैं
0.50% दर वृद्धि दुनिया भर में “नया सामान्य” है, आरबीआई गवर्नर कहते हैं
शक्तिकांत दास आरबीआई मौद्रिक नीति समिति के नीति रेपो दर में वृद्धि के फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे थे Mumbai (Maharashtra): भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि नीतिगत दरों में 50 आधार अंक या 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के लिए एक नया सामान्य हो गया है। श्री दास आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के नीति रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि…
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aapnugujarat1 · 5 years
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RBI की दरों में कोई बदलाव नहीं, रेपो रेट 5.15% पर बरकरार
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) की तीन दिवसीय बैठक ने आज रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 5.15 फीसदी पर जबकि रिवर्स रेपो रेट को 4.90 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। बैंक के इस कदम से सस्‍ते कर्ज का इंतजार लंबा हो गया है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान घटाकर 5.0 फीसदी किया। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा महंगाई अनुमान बढ़ाया। रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत रुख को उदार बनाए रखा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान बढ़ाकर 5.1- 4.7 फीसदी। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी दर (एमएसएफआर) 5.40 फीसदी पर बरकरार। बैंक दर भी 5.40 फीसदी पर अपरिवर्तित रखी गई है। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4.0 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा। वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 18.50 फीसदी पर यथावत रखा गया। रेपो रेट के फैसले के अतिरिक्त आरबीआई ने जीडीपी का अनुमान जताया है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, साल 2019-20 के दौरान जीडीपी में और गिरावट आएगी और यह 6.1 फीसदी से गिरकर पांच फीसदी पर आ सकती है। इससे अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। मौद्रिक नीति समिति के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में कटौती न करने के पक्ष में थे। एमपीसी ने पॉलिसी का रुख अकोमेडेटिव बरकरार रखा है। यानी आगे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बनी हुई है। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक फरवरी 2020 को होगी। रिजर्व बैंक लगातार पांच बार रेपो दर में 1.35 फीसदी की कटौती कर चुका था और इस बार इस छठी बैठक में ब्याज दरों में कम से कम एक चौथाई फीसदी की कमी किए जाने की उम्मीद की जा रही थी क्योंकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर छह वर्ष के निचले स्तर 4.5 फीसदी पर आ गई है। मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आर.बी.आई. कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। Read the full article
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newsofstates · 5 years
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आरबीआई ने कम किया EMI, जानिये अब हर महीना कितना बचेगा आपका पैसा
आरबीआई ने कम किया EMI, जानिये अब हर महीना कितना बचेगा आपका पैसा
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट में 0.25% कटौती के फैसले पर अपनी मुहर लगाई है. जिससे अब रेपो 6.50% से घटकर 6.25% हो गया है. दरअसल आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है. एमपीसी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती के फैसले का समर्थन किया, जबकि विरल आचार्य और चेतन घाटे रेपो रेट में कटौती के पक्ष में नहीं थे.
ट्रंप ने विश्व बैंक के अध्यक्ष…
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abhay121996-blog · 3 years
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आरबीआई के फैसले से गदगद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स 460 अंक चढ़ा Divya Sandesh
#Divyasandesh
आरबीआई के फैसले से गदगद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स 460 अंक चढ़ा
मुंबई| देश के शेयर बाजार में बुधवार को तमाम सेक्टरों में लिवाली लौटने से तेजी का रुझान बना रहा। सेंसेक्स 460.37 अंकों यानी 0.94 फीसदी की तेजी के साथ 49,661.76 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 135.55 अंकों यानी 0.92 फीसदी की तेजी के साथ 14,819.05 पर ठहरा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रि नीति की घोषणा से गदगद शेयर बाजार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बीते सत्र से 75.70 अंकों की तेजी के साथ 49,277.09 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 49,900.13 तक उछला, जबकि इस दौरान सेंसेक्स का निचला स्तर 49,093.90 रहा। सेंसेक्स के 27 शेयरों में तेजी रही जबकि तीन शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी बीते सत्र से 32.95 अंकों की बढ़त के साथ 14,716.45 पर खुला और आरबीआई के फैसले आने पर 14,879.80 तक उछला, जबकि इस दौरान निफ्टी का निचला स्तर 14,649.85 रहा। एनएसई के 43 शेयर तेजी के साथ बंद हुए जबकि सात शेयरों में गिरावट रही। बीएसई मिडकैप सूचकांक बीते सत्र से 167.45 अंकों यानी 0.82 फीसदी की तेजी के साथ 20,653.28 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 273.30 अंकों यानी 1.30 फीसदी की तेजी के साथ 21,293.40 पर बंद हुआ।
यह खबर भी पढ़ें: 12 वर्षीय लड़की की सर्जरी कर डॉक्टरों ने पेट से निकाले 5 किलो के दो ट्यूमर, दिया नया जीवन, देखें तस्वीरें 
सेंसेक्स के सबसे ज्यादा तेजी वाले पांच शेयरों में एसबीआईएन (2.25 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.05 फीसदी), नेस्ले इंडिया (2.00 फीसदी), इंडसइंड बैंक (1.98 फीसदी) और बजाज ऑटो (1.98 फीसदी) शामिल रहे। वहीं, गिरावट वाले शेयरों में टाइटन (0.78 फीसदी), एनटीपीसी (0.47 फीसदी) और हिंदुस्तुान यूनीलीवर (0.14 फीसदी) शामिल रहे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के केंद्रीय बैंक के फैसले की घोषणा की। आईबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रेपो रेट को चार फीसदी पर और रिवर्स रिपो रेट को 3.35 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। –आईएएनएस
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yarokiyari · 7 years
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर उर्जित पटेल ने महंगाई को लेकर 'उच्च अनिश्चितता' का हवाला देते हुए मौद्रिक समीक्षा बैठक में दरें यथावत रखने की सिफारिश की थी. ये सिफारिस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बैंक के प्रमुख ब्याज दरों को लेकर की गई. बता दें कि एमपीसी (मौद्रिक समीक्षा समिति) की बैठक में ऐसा पहली बार हुआ कि सभी सदस्यों के बीच एक राय नहीं थी. यह जानकारी बुधवार को जारी बैठक के मिनट्स से मिली. अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में सात जून को आरबीआई ने रेपो रेट या अल्पकालिक दरों को 6.25 फीसदी पर यथावत रखा था. इससे संबं��ित नीतिगत बयान में कहा गया कि एमपीसी ने मुद्रास्फीति के जोखिम को देखते हुए यह फैसला किया है. क्या है मिनट्स मिनट्स चल रही मीटिंग के दौरान लिखा गया एक ब्यौरा होता है जिसे प्रोटोकॉल या नोट के नाम से भी जाना जाता है. इसमें उपस्थित लोगों की सूची, उठाए गए मुद्दे, संबंधित प्रतिक्रियाएं और मुद्दों को हल करने के लिए - लिये गए अंतिम फैसले शामिल होते हैं. इसका उद्देश्य उपलब्धियों और समय-सीमा के साथ-साथ कौन से कार्य किसे सौंपा गए हैं -इसका हिसाब रखना होता है. रेपो रेट और मौद्रिक नीति का रुख बनाए रखना एमपीसी बैठक के मिनट्स के मुताबिक, पटेल ने कहा, 'उच्च अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए निकट भविष्य की मुद्रास्फीति की स्थिति को देखते हुए इस स्तर पर समयपूर्व नीतिगत कार्रवाई से बचने की आवश्यकता है. इसलिए मैं 6.25 फीसदी के वर्तमान स्तर पर रेपो रेट को जारी रखने और मौद्रिक नीति के तटस्थ रुख को बनाए रखने के लिए वोट दे रहा हूं.'
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abhay121996-blog · 3 years
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आर्थिक आंकड़ों और RBI के फैसले पर रहेगी शेयर बाजार की नजर Divya Sandesh
#Divyasandesh
आर्थिक आंकड़ों और RBI के फैसले पर रहेगी शेयर बाजार की नजर
मुंबई। चुनावी गहमागहमी से बढ़ी राजनीतिक सरगर्मियों और बढ़ते कोरोना केस के बीच देश के शेयर बाजार ने बीते सप्ताह नये वित्त वर्ष का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया। आने वाले हफ्ते में कई प्रमुख आर्थिक आंकडे जारी होने के साथ-साथ आरबीआई मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक भी होने जा रही है। घरेलू शेयर बाजार हाल के दिनों में अमेरिकी बांड बाजार के रुखों से भी प्रभावित रहा है।
ऐसे में शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और विदेशी संकेतों से ही तय होगी जबकि निवेशकों की नजर आरबीआई की बैठक में लिए जाने वाले फैसलों पर भी टिकी रहेगी। उधर, कई घरेलू कंपनियां बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे जारी करने वाली हैं।
देश के विनिर्माण क्षेत्र की तस्वीर पेश करने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़े मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के मार्च महीने के आंकड़े सप्ताह के आरंभ में सोमवार को जारी होने वाले हैं जबकि सेवा क्षेत्र की पीएमआई के मार्च महीने के आंकड़े बुधवार को आने वाले हैं।
नये वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक इस सप्ताह होने जा रही है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक में लिए जाने वाले फैसलों की घोषणा बुधवार को होने वाली है जिस पर बाजार की निगाहें टिकी रहेंगी।
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उधर, अमेरिका में भी मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के मार्च महीने के आंकड़े सोमवार को ही जारी होंगे। वहीं, अमेरिका में गैर-कृषि क्षेत्र के रोजगार के मार्च महीने के आंकड़े जो बीते सप्ताह जारी हुए हैं वो काफी उत्साहवर्धक हैं। इन आंकड़ों का असर वैश्विक बाजार पर देखने को मिलेगा जिसका प्रभाव भारतीय बाजार पर भी रहेगा।
इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल का भी घरेलू शेयर बाजार पर असर रहेगा।
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी और चार अन्य राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को लेकर देश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। वहीं, कोरोनावायरस संक्रमण के दोबारा बढ़ते मामले और संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों से आर्थिक गतिविधियों पर होने वाले असर पर भी निवेशकों की नजर बनी हुई है।
यह खबर भी पढ़ें: आखिर क्या हैं मिस्र देश की रानियों की खूबसूरती का राज, जिसकी वजह से रहती थी हमेशा जवान
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abhay121996-blog · 3 years
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आर्थिक आंकड़ों और RBI के फैसले पर रहेगी शेयर बाजार की नजर Divya Sandesh
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आर्थिक आंकड़ों और RBI के फैसले पर रहेगी शेयर बाजार की नजर
मुंबई। चुनावी गहमागहमी से बढ़ी राजनीतिक सरगर्मियों और बढ़ते कोरोना केस के बीच देश के शेयर बाजार ने बीते सप्ताह नये वित्त वर्ष का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया। आने वाले हफ्ते में कई प्रमुख आर्थिक आंकडे जारी होने के साथ-साथ आरबीआई मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक भी होने जा रही है। घरेलू शेयर बाजार हाल के दिनों में अमेरिकी बांड बाजार के रुखों से भी प्रभावित रहा है।
ऐसे में शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और विदेशी संकेतों से ही तय होगी जबकि निवेशकों की नजर आरबीआई की बैठक में लिए जाने वाले फैसलों पर भी टिकी रहेगी। उधर, कई घरेलू कंपनियां बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे जारी करने वाली हैं।
देश के विनिर्माण क्षेत्र की तस्वीर पेश करने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़े मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के मार्च महीने के आंकड़े सप्ताह के आरंभ में सोमवार को जारी होने वाले हैं जबकि सेवा क्षेत्र की पीएमआई के मार्च महीने के आंकड़े बुधवार को आने वाले हैं।
नये वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक इस सप्ताह होने जा रही है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक में लिए जाने वाले फैसलों की घोषणा बुधवार को होने वाली है जिस पर बाजार की निगाहें टिकी रहेंगी।
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उधर, अमेरिका में भी मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के मार्च महीने के आंकड़े सोमवार को ही जारी होंगे। वहीं, अमेरिका में गैर-कृषि क्षेत्र के रोजगार के मार्च महीने के आंकड़े जो बीते सप्ताह जारी हुए हैं वो काफी उत्साहवर्धक हैं। इन आंकड़ों का असर वैश्विक बाजार पर देखने को मिलेगा जिसका प्रभाव भारतीय बाजार पर भी रहेगा।
इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल का भी घरेलू शेयर बाजार पर असर रहेगा।
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी और चार अन्य राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को लेकर देश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। वहीं, कोरोनावायरस संक्रमण के दोबारा बढ़ते मामले और संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों से आर्थिक गतिविधियों पर होने वाले असर पर भी निवेशकों की नजर बनी हुई है।
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abhay121996-blog · 3 years
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ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, आरबीआई ने विकास दर के अनुमान को घटाकर 9.5% किया Divya Sandesh
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ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, आरबीआई ने विकास दर के अनुमान को घटाकर 9.5% किया
नई दिल्ली। होम लोन या कार लोन लेने वाले उपभोक्ताओं को भारतीय रिजर्व बैंक से एकबार फिर कोई राहत नहीं मिल सकी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत ब्याज दरों में एकबार फिर कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। नीतिगत ब्याज दरें पहले के स्तर पर ही बरकरार रहेंगी। ऐसे में लोन की किस्तें भी पहले के स्तर पर ही बनी रहेंगी। इसमें फिलहाल कोई कमी नहींं होगी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 3 दिनों तक चली बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को भी 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है। 
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के फैसले की जानकारी आज रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास ने दी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जब तक देश में कोरोना महामारी का आतंक कायम है, तब तक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे उसके प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए रिजर्व बैंक आर्थिक नीति को लेकर अकोमोडेटिव नजरिया कायम रखेगा। इससे साफ है कि आरबीआई मौजूदा परिस्थितियों में कोई बहुत सख्त फैसला लेने वाली नहीं है। 
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रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक रेपो रेट 4.0 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट 4.25 फीसदी और बैंक रेट 4.5 फीसदी के मौजूदा स्तर पर बने रहेंगे। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अप्रैल के महीने में हुई पिछली बैठक में भी नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया था। ये लगातार छठा ऐसा मौका है, जब रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों को मौजूदा स्तर पर बरकरार रखा है। इसके पहले 2020 में भारतीय रिजर्व बैंक में 115 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी। 
 नीतिगत ब्याज दरों को मौजूदा स्तर पर बरकरार रखने का फैसला ऐसे वक्त पर किया गया है, जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। ऐसे में रिजर्व बैंक के सामने अभी सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई को नियंत्रण में रखने का है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर के मुताबिक अप्रैल के महीने में महंगाई दर 4.3 फीसदी के स्तर पर रही, जो अर्थव्यवस्था के साथ ही आम उपभोक्ताओं के लिए काफी राहत वाली बात है। शक्तिकांत दास ने बताया कि अप्रैल के महीने में महंगाई की दर में आई कमी से आगे की संभावनाएं नजर आने लगी हैं। उन्होंने कहा कि मानसून को लेकर जो संभावनाएं जताई जा रही हैं, उससे इस बात की संभावना बनी है कि देश की अर्थव्यवस्था की रिकवरी में इस साल भी कृषि क्षेत्र का अहम योगदान रहने वाला है। 
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मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इकोनॉमिक ग्रोथ पर भी बैंक के नजरिये को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण शहरी क्षेत्र की मांग में लगातार कमजोरी आई है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण पहुंच जाने के कारण भी आर्थिक गतिविधियां बाधित हुई हैं। इसकी वजह से जीडीपी विकास दर पर नकारात्मक असर भी पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विकास दर के अनुमान में 1 फीसदी की कमी कर द�� है। पहले रिजर्व बैंक ने 10.5 फीसदी के इकोनामिक ग्रोथ का अनुमान लगाया था, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में इस अनुमान में कटौती कर इसे अब 9.5 फीसदी कर दिया गया है। 
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aapnugujarat1 · 5 years
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RBI का दिपावली तोहफा रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान रेपो रेट में 0.25 फीसदी कटौती की है। आरबीआई के इस फैसले के साथ अब रेपो रेट 5.40 फीसदी से घटकर 5.15 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी हो गया है। इससे घर, कार और पर्सनल लोन सहित सभी प्रकार के लोन सस्ते हो जाएंगे। छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। बता दें कि वर्तमान में आरबीआई बैंकों को 5.40 फीसदी की दर पर ब्याज देता है। रेपो रेट में कटौती के साथ ही बैंक भी अब कम ब्याज दर पर होम लोन, कार लोन सहित अन्य लोन ऑफर कर पाएंगे। आरबीआई के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है। दरअसल, आरबीआई के रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव बनेगा। इससे लोगों को लोन सस्ते में मिल जाएगा। यहां बता दें कि इस बार रेपो रेट कटौती का ग्राहकों को तुरंत फायदा मिलने की उम्‍मीद है। दरअसल, आरबीआई ने सभी बैंकों को होम लोन, पर्सनल लोन और एमएसएमई सेक्टर को सभी नए फ्लोटिंग रेट वाले लोन को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया है। इससे रेपो रेट में कटौती का लाभ कर्ज लेने वाले उपभोक्ताओं तक जल्दी पहुंच सकेगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्‍तिकांत दास पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि महंगाई दर में कमी को देखते हुए रेपो रेट में नरमी की गुंजाइश बनी हुई है। बीते दिनों शक्‍तिकांत दास ने कहा कि कंपनी टैक्‍स में कटौती के साथ विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी रेट में कटौती को देखते हुए सरकार के लिए राजकोषीय गुंजाइश सीमित है। ऐसे में उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए रेपो रेट पर राहत दे। रेपो रेट वह दर होती है जि सपर बैंकों को आर.बी.आई. कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। Read the full article
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aapnugujarat1 · 5 years
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आम आदमी को RBI का तोहफा! ब्याज दरों में हुई 0.25% की कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के दौरान रेपो रेट में 0.25% कटौती का फैसला किया। रिजर्व बैंक के इस फैसले के साथ ही अब रेपो रेट 6.0% से घटकर 5.75% हो गया। एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती का समर्थन किया। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया गया है। छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। नई मौद्रिक नीति के तहत रिवर्स रीपो रेट घटकर 5.50 प्रतिशत, जबकि बैंक रेट 6 प्रतिशत पर आ गया है। हालांकि सीआआर में कोई कटौती नहीं की गई है। रेपो रेट में कटौती रे साथ ही बैंक भी अब कम ब्याज दर पर होम लोन, कार लोन सहित अन्य लोन ऑफर कर पाएंगे। इससे नया लोन सस्ता हो जाएगा, जबकि लोन ले चुके लोगों को या तो ईएमआई में या रीपेमेंट पीरियड में कटौती का फायदा मिल सकता है। बता दें कि रेपो रेट ब्याज की वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक बैकों को फंड मुहैया कराता है। इसलिए रेपो रेट घटने से बैंकों को आरबीआई से सस्ती फंडिंग प्राप्त हो सकेगी। यह चालू वित्त वर्ष की दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा है। आरबीआई ने इससे पहले अप्रैल में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी। आरबीआई ने इससे पहले तीन बार से अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को लेकर स्थिति पहले जैसी बरकरार रखी थी।​​​​​​​ Read the full article
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