#आदरणीय दादू साहेब जी (अमृत वाणी में प्रमाण) कबीर परमेश्वर के साक्षी:-आदरणीय दादू साहेब जी जब सात
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कबीर प्रकट दिवस की तैयारियाँ | SA NEWS
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#आदरणीय दादू साहेब जी (अमृत वाणी में प्रमाण) कबीर परमेश्वर के साक्षी:-आदरणीय दादू साहेब जी जब सात#Youtube
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🔹आदरणीय दादू साहेब जी (अमृत वाणी में प्रमाण) कबीर परमेश्वर के साक्षी:-
आदरणीय दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए। तीन दिन तक दादू जी बेहोश रहे। होश में आने के पश्चात् परमेश्वर की महिमा क�� आँखों देखी बहुत-सी अमृतवाणी उच्चारण की:-
जिन मोकूँ निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।।
#ग्रंथोंमेंप्रमाण_कबीरजीभगवान
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ग्रंथोंमेंप्रमाण_कबीरजीभगवान
🔹आदरणीय दादू साहेब जी (अमृत वाणी में प्रमाण) कबीर परमेश्वर के साक्षी:-
आदरणीय दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए। तीन दिन तक दादू जी बेहोश रहे। होश में आने के पश्चात् परमेश्वर की महिमा की आँखों देखी बहुत-सी अमृतवाणी उच्चारण की:-
जिन मोकूँ निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।।
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आदरणीय दादू साहेब जी (अमृत वाणी में प्रमाण) कबीर परमेश्वर के साक्षी:-
आदरणीय दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए। तीन दिन तक दादू जी बेहोश रहे। होश में आने के पश्चात् परमेश्वर की महिमा की आँखों देखी बहुत-सी अमृतवाणी उच्चारण की:-
जिन मोकूँ निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।।
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आदरणीय दादू साहेब जी (अमृत वाणी में प्रमाण) कबीर परमेश्वर के साक्षी -
आदरणीय दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए। तीन दिन तक दादू जी बेहोश रहे। होश में आने के पश्चात् परमेश्वर की महिमा की आँखों देखी बहुत-सी अमृतवाणी उच्चारण की:
जिन मोकुं निज नाम दिया, सोइ सतगुरु हमार। दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।।
दादू नाम कबीर की, जै कोई लेवे ओट। उनको कबहू लागे नहीं, काल बज्र की चोट।।
दादू नाम कबीर का, सुनकर कांपे काल। नाम भरोसे जो नर चले, होवे न बंका बाल।।
जो जो शरण कबीर के, तरगए अनन्त अपार। दादू गुण कीता कहे, कहत न आवै पार।।
कबीर कर्ता आप है, दूजा नाहिं कोय। दादू पूरन जगत को, भक्ति दृढावत सोय।।
ठेका पूरन होय जब, सब कोई तजै शरीर। दादू काल गँजे नहीं, जपै जो नाम कबीर।।
आदमी की आयु घटै, तब यम घेरे आय। सुमिरन किया कबीर का, दादू लिया बचाय।।
मेटि दिया अपराध सब, आय मिले छनमाँह। दादू संग ले चले, कबीर चरण की छांह।।
सेवक देव निज चरण का, दादू अपना जान। भृंगी सत्य कबीर ने, कीन्हा आप समान।।
दादू अन्तरगत सदा, छिन-छिन सुमिरन ध्यान। वारु नाम कबीर पर, पल-पल मेरा प्रान।।
सुन-2 साखी कबीर की, काल नवावै माथ। धन्य-धन्य हो तिन लोक में, दादू जोड़े हाथ।।
केहरि नाम कबीर का, विषम काल गज राज। दादू भजन प्रतापते, भागे सुनत आवाज।।
पल एक नाम कबीर का, दादू मनचित लाय। हस्ती के अश्वार को, श्वान काल नहीं खाय।।
सुमरत नाम कबीर का, कटे काल की पीर। दादू दिन दिन ऊँचे, परमानन्द सुख सीर।।
दादू नाम कबीर की, जो कोई लेवे ओट। तिनको कबहुं ना लगई, काल बज्र की चोट।।
और संत सब कूप हैं, केते झरिता नीर। दादू अगम अपार है, दरिया सत्य कबीर।।
अबही तेरी सब मिटै, जन्म मरन की पीर। स्वांस उस्वांस सुमिरले, दादू नाम कबीर।।
कोई सर्गुन में रीझ रहा, कोई निर्गुण ठहराय। दादू गति कबीर की, मोते कही न जाय।।
जिन मोकुं निज नाम दिया, सोइ सतगुरु हमार। दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।।
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आदरणीय दादू साहेब जी (अमृत वाणी में प्रमाण) कबीर परमेश्वर के साक्षी:-
आदरणीय दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए।
तीन दिन तक दादू जी बेहोश रहे।
होश में आने के पश्चात् परमेश्वर की महिमा की आँखों देखी बहुत-सी अमृतवाणी उच्चारण की:-
जिन मोकूँ निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।आदरणीय मलूक दास साहेब जी कविर्देव के साक्षी:-
42 वर्ष की आयु में श्री मलूक दास साहेब जी को पूर्ण परमात्मा मिले तथा दो दिन तक श्री मलूक दास जी अचेत रहे। फिर निम्न वाणी उच्चारण कीः-
जपो रे मन सतगुरु नाम कबीर।।
जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर।
चार दाग से सतगुरु न्यारा, अजरो अमर शरीर।
दास मलूक सलूक कहत हैं, खोजो खसम कबीर।।
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#ग्रंथोंमेंप्रमाण_कबीरजीभगवान
आदरणीय दादू साहेब जी (अमृत वाणी में प्रमाण) कबीर परमेश्वर के साक्षी:-
आदरणीय दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए।
Sant Rampal ji Maharaj
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आदरणीय दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए। तीन दिन तक दादू जी बेहोश रहे। होश में आने के पश्चात् परमेश्वर की महिमा की आँखों देखी बहुत-सी अमृतवाणी उच्चारण की:-
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#ग्रंथोंमेंप्रमाण_कबीरजीभगवान
🫴🏻 अब संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुनिए....
🏵️ ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00 से 7:00 तक
🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00 से 3:00 तक
🏵️ साधना टी. वी. पर शाम 7:30 से 8:30 तक
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जिन मोकूँ निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।।
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आदरणीय दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए। तीन दिन तक दादू जी बेहोश रहे। होश में आने के पश्चात् परमेश्वर की महिमा की आँखों देखी बहुत-सी अमृतवाणी उच्चारण की:-
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➜ साधना चैनल 📺 शाम 7:30 से 8:30
🔔Visit- "Satlok Ashram" on YouTube.
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