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#चितशुद्धतीर्थ_में_सबतीर्थों का फल
तीर्थ क्या है ?
तीर्थ यादगारें हैं कि यहाँ पर कोई घटना घटी थी ताकि उनका प्रमाण रहे। लेकिन पवित्र गीता में तीर्थों पर जाना कहीं नहीं लिखा है।
तीर्थ भ्रमण गलत है। शास्त्र विधि त्यागकर मनमाना आचरण है जो गीता अ. 16 श्लोक 23 के अनुसार व्यर्थ है।
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#चितशुद्धतीर्थ_में_सबतीर्थों का फल
तीर्थों से लाभ संभव नहीं है।
क्योंकि गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा गया है कि जो व्यक्ति शास्त्र विधि को त्यागकर मनमाना आचरण करते हैं उन्हें न सुख मिलता है, न उनकी गति होती। अर्थात तीर्थ यात्रा शास्त्र में वर्णित न होने से व्यर्थ साधना है।
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#चितशुद्धतीर्थ_में_सबतीर्थों का फल
तीर्थ, वे पवित्र स्थान हैं जहाँ पर किसी महापुरूष का जन्म या निर्वाण हुआ था या किसी साधक ने साधना की थी या किसी ऋषि या देवी-देव की कथा से जुड़ी यादगारें हैं तीर्थ। जिससे लाभ नहीं होता।
लेकिन सद्ग्रथों में किस तीर्थ को श्रेष्ठ बताया गया है?
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#GodMorningWednesday #चितशुद्धतीर्थ_में_सबतीर्थों का फल है!
तीर्थ यादगारें हैं कि यहाँ पर कोई घटना घटी थी ताकि उनका प्रमाण रहे। लेकिन पवित्र गीता में तीर्थों पर जाना कहीं नहीं लिखा है। इसलिए तीर्थ भ्रमण गलत है। शास्त्र विधि त्यागकर मनमाना आचरण है
गीता में इसे व्यर्थ कहा है
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
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#चितशुद्धतीर्थ_में_सबतीर्थों का फल
देवी पुराण अध्याय 10 पृष्ठ 417 पर चित्तशुद्ध तीर्थ यानि तत्वदशी संत के सत्संग रुपी तीर्थ को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
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#चितशुद्धतीर्थ_में_सबतीर्थों का फल
तीर्थ संदर्भ में सूक्ष्मवेद में कहा गया है:
कबीर, तीर्थ कर-कर जग मुआ, ऊडै़ पानी न्हाय।
सत्यनाम जपा नहीं, काल घसीटें जाय।।
अधिक जानकारी के लिए देखिए Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
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#चितशुद्धतीर्थ_में_सबतीर्थों का फल
श्रीमद्देवी भागवत (देवी पुराण) के छठे स्कन्ध, अध्याय 10 पृष्ठ 417 पर चित्तशुद्धि तीर्थ यानि तत्वदर्शी संत के सत्संग रूपी तीर्थ को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
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#चितशुद्धतीर्थ_में_सबतीर्थों का फल
परमेश्वर कबीर जी बताते हैं कि भ्रमित ज्ञान के आधार से संसार के व्यक्ति तीर्थों पर जाते हैं। आजीवन यह साधना करते हैं। जब मृत्यु हो जाती है तो उनको राहत उस साधना से नहीं मिलती। काल के दूत उनको बलपूर्वक (घसीटकर) खींचकर ले जाते हैं, दंडित करते हैं।
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🌼संत रामपाल जी महाराज🌼
**विशेष संदेश*
*भाग-73*
🌻का सीधा प्रसारण🌻
🌻22 जनवरी 2025, बुधवार🌻
🌻को सुबह 5 बजे से 🌻
🌻नीचे दिए गए सोशल मीडिया 🌻🌹🌹प्लेटफार्म पर होगा🌹🌹
▶️Sant Rampal Ji Maharaj
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#सुमर_सुमर_नर_उतरो_पारा
⤵️⤵️
पूर्ण मोक्ष के लिए शास्त्रानुकूल भक्ति करनी चाहिए जिससे उस भगवान तक जाया जा सकता है।
संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में शास्त्रानुकूल भक्ति बता रहे हैं जिससे साधक का मोक्ष हो जाता है।
Sant Rampal Ji Maharaj
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#सुमर_सुमर_नर_उतरो_पारा
क्या आप जानते है ?
गायत्री मंत्र से मोक्ष संभव नहीं है क्योंकि गायत्री मंत्र वास्तव में मनमाना मंत्र है। क्योंकि जिसे गायत्री मंत्र मानना जाता है वह वास्तव में यजुर्वेद अध्याय 36 का मंत्र 3 है जिसमें ॐ मंत्र नहीं है।
Sant Rampal Ji Maharaj
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#सुमर_सुमर_नर_उतरो_पारा
हरे राम हरे कृष्णा मंत्र से मोक्ष संभव नहीं है क्योंकि वेदों में कहीं भी हरे राम हरे कृष्णा मंत्र नहीं है। इसलिए मनमाने मंत्रों से मोक्ष कैसे हो सकता है?
मोक्ष मंत्र जानने के लिए देखिए
Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel.
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#सुमर_सुमर_नर_उतरो_पारा
मोक्ष मंत्र वह है जिससे हमारा जन्म-मृत्यु का दुष्चक्र समाप्त होता है। वह भी शास्त्रानुकूल मंत्र होना चाहिए। क्योंकि समाज में प्रचलित राम-राम, राधे-राधे, हरे कृष्णा आदि मनमाने मंत्रों से मोक्ष संभव नहीं है।
Sant Rampal Ji Maharaj
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#गुरुनानकजी_के_गुरु_कौन
गुरु ग्रंथ साहिब में राग 'सिरी' महला 1, पेज नं. 24 शब्द क्रमांक 29 में यह प्रमाण है कि नानक जी को जुलाहे के रूप में दर्शन देने वाले सर्वशक्तिमान कोई ओर नहीं बल्कि भगवान कबीर जी ही थे जो जिंदा रूप में नानक देव जी से मिले थे दीक्षा दी थी
Hakka Kabir Karim Tu
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#गुरुनानकजी_के_गुरु_कौन
श्री नानक देव जी को बेई नदी पर स्नान करते समय जो साधु मिला था। वह जिन्दा बाबा था। जिसके साथ दरिया में प्रवेश हुए वह साधु वेश में परमेश्वर कबीर जी थे। जिसके विषय में भाई बाले वाली जन्म साखी पृष्ठ 280 - 281 हिन्दी वाली में प्रमाण है।
Hakka Kabir Karim Tu
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#गुरुनानकजी_के_गुरु_कौन
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कबीर सागर (अगम निगम बोध, बोध सागर)
पृष्ठ 44 ।।नानक वचन।।
वाह वाह कबीर गुरु पूरा है।
Hakka Kabir Karim Tu
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#गुरुनानकजी_के_गुरु_कौन
भाई बाले वाली जन्म साखी में एक काजी रुकनदीन सूरा के प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री नानक देव जी ने कहा:- खालक आदम सिरजिआ आलम बड़ा कबीर। काइम दाइम कुदरती सिर पीरां दे पीर। सयदे (सजदे) करे खुदाई नूं आलम बड़ा कबीर।
Hakka Kabir Karim Tu
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