#अस्थाई कोर्ट
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हमेशा के लिए बंद हो गई जेट एयरवेज, अब बिक जाएंगी ये सम्पतियां; यहां है पूरी लिस्ट
जेट एयरवेज ने 25 साल तक पूर्ण सेवा एयरलाइन के रूप में उड़ान भरने के बाद पांच साल पहले अप्रैल के महीने में अस्थाई रूप से अपना परिचालन बंद करने की घोषणा की थी. नकदी संकट की वजह से एयरलाइन ने यह कदम उठाया था. अब सुप्रीम कोर्ट के एयरलाइन के परिसमापन के आदेश के बाद इसके फिर से उड़ान भरने की संभावना पूरी तरह समाप्त हो गई है. ऐसे में आइए जानते हैं कंपनी कौन-कौन सी सम्पतियां बिकने वाली हैं. बिक जाएंगी ये…
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हाईकोर्ट ने डीसी चंबा को मिंजर मेले को लेकर भेजा नोटिस, 24 घंटों में देना होगा जवाब; जानें पूरा मामला
High Court Notice to DC Chamba :अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले (International Minjar Fair) में अस्थाई कारोबारियों द्वारा समय से पहले कारोबार करने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने जिलाधीश चंबा (District Magistrate Chamba) से इस बाबत जानकारी तलब की है। कोर्ट ने जिलाधीश से पूछा है कि क्या चंबा के चौगान में मिंजर मेले को लेकर बनाई गई अस्थाई दुकानों में कारोबार 19 जुलाई से पहले ही शुरू कर दिया गया था। कोर्ट ने इस…
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(via "Ayodhya: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की "Ayodhya: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की दो नई तस्वीरें आईं सामने, देखें कितना हो चुका निर्माण 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहीं पर मंदिर का भूमि पूजन किया था. इसी गर्भगृह के नक्काशी युक्त छत के नीचे भव्य सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे. मंदिर का गर्भ गृह सफेद संगमरमर के 6 खंभों पर टिका है, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन के हैं." "अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की नई तस्वीरें सामने आई हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की दो तस्वीरें जारी की हैं. पहली तस्वीर में नजर आ रहा है कि भूतल के बाद मंदिर के प्रथम तल ने भी आकार लेना शुरू कर दिया है. प्रथम तल पर खंभे भी खड़े हो चुके हैं. ड्रोन से ली गईं तस्वीरों में दिखता है कि प्रथम तल पर खड़े हुए खंभों की ऊंचाई लगभग 10 फीट है.माना जा रहा है कि जनवरी 2024 में जब रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के भूतल में स्थित गर्भ गृह में होगी उस समय तक प्रथम तल की छत भी पड़ चुकी होगी और वहां की साज-सज्जा पर काम चल रहा होगा. जबकि दूसरी तस्वीर मंदिर के चारों तरफ बना रहे कॉरिडोर को प्रदर्शित करती है. 170 खंभों पर खड़ा होगा भूतल" "श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूतल 170 खंभों पर खड़ा है, जिसमें देवी-देवताओं की खूबसूरत नक्काशी की जा रही है. बताया गया है कि यह नक्काशी का काम काफी बारीक है इसलिए इसे पहले से इन खंभों पर नहीं किया जा सकता था. इसके अलावा मंदिर की दीवारों और छतों पर भी खूबसूरत नक्काशी की गई है."सफेद मार्बल से बने गर्भ गृह की दीवारों और छत पर खूबसूरत और बारीक नक्काशी दिखाई देगी. यह वही स्थान है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसी स्थान पर 1949 में रामलला प्रकट हुए थे. इसीलिए रामलला के अस्थाई मंदिर में जिस तरह पूजा-अर्चना होती है वैसे ही यहां पर मूर्ति स्थापित होने के बाद भी लगातार होती चली आ रही है.5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहीं पर मंदिर का भूमि पूजन किया था. इसी गर्भगृह के नक्काशी युक्त छत के नीचे भव्य सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे. मंदिर का गर्भ गृह सफेद संगमरमर के 6 खभों पर टिका है, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन के हैं. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में उनके जन्मोत्सव के समय यहीं पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरण कुछ देर के लिए रामलला के ललाट पर भी पड़ेंगी." जनवरी 2024 से पुजारी और सेवादारों सरकारी कर्मचारियों की तरह अवकाश, आवास भत्ता, चिकित्सा भत्ता, या��्रा के साथ ही खाने-पीने का भत्ता भी मिलेगा. इस बारे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सभी पुजारियों और सेवादारों को जानकारी दे दी गई है.बनाए जा रहे हैं अतिरिक्त मंदिरश्रीराम जन्मभूमि मंदिर के अलावा परिसर में पांच अन्य मंदिर भी बन रहे हैं. लिहाजा मुख्य मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और अन्य मंदिरों के लिए अतिरिक्त पुजारियों और सेवादारों की आवश्यकता होगी, जिनकी नियुक्ति दिसंबर 2023 तक कर ली जाएगी. जनवरी 2024 में यह सभी अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे. इस तरह बढ़ा पुजारियों और सेवादारों का वेतन सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या विवाद का फैसला आने के पहले सारी व्यवस्था रिसीवर के हाथ में थी. अयोध्या मंडल के पदेन कमिश्नर ही रिसीवर नियुक्त होते थे. इसलिए टेंट में मौजूद रामलला के मंदिर की सारी व्यवस्था, भोग राग और खर्च संबंधी सभी निर्णय रिसीवर के द्वारा ही होता था.साल 2019 में हुई थी वेतन में वृद्धिअगस्त 2019 में तत्कालीन रिसीवर मंडल आयुक्त मनोज मिश्रा ने रामलला के पूजन अर्चन और भोगराग की राशि के साथ पुजारियों और सेवादारों के वेतन में वृद्धि की थी. इसमें मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के वेतन में 1000 रुपए की वृद्धि करते हुए 13 हजार रुपए, जबकि सहायक पुजारी के वेतन में 500 रुपए की वृद्धि करते हुए 7 हजार रुपए कर दिया गया था. इसके बाद भी वेतन में वृद्धि होती रही, लेकिन यह बहुत सीमित रही.सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सारी व्यवस्था श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हाथ में आ गई. इसी के बाद वेतन की बढ़ोतरी का सबसे बड़ा तोहफा अप्रैल 2023 में मिला था. जिसमें सेवादार कर्मचारियों का वेतन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 8 हजार से बढ़ाकर 15 हजार कर दिया था.इसी तरह सहायक पुजारियों के वेतन को 9840 से बढ़ाकर 20 हजार कर दिया गया था, जबकि मुख्य पुजारी का वेतन 15520 से बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया. वहीं कोठरी, भंडारी जैसे कर्मचारियों का वेतन सीधे 15 हजार कर दिया गया. साल 2023 में मिले इस बड़े तोहफे के बाद अब जनवरी 2024 से सरकारी कर्मचारियों की सुविधाओं का बड़ा तोहफा भी मिलने जा रहा है. मुख्य पुजारी ने जताई खुशीश्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि रामलला के कर्मचारी और पुजारी उनको ही सुविधाएं दी जाएंगी. जो सरकारी कर्मचारियों को सुविधा मिलती है उसे विशेषकर स्वास्थ्य के संबंधी है उनकी चिकित्सा और कुछ अवकाश उसके बाद आना जाना और अन्य जो भी सुविधाएं हैं सभी प्रदान किया जाएगा.हमारे यहां मैं मुख्य पुजारी और 4 सहायक पुजारी हैं, 4 कर्मचारी हैं. उन सभी को या सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. ऐसा ट्रस्ट ने निश्चय किया है. ट्रस्ट के माध्यम से जो निश्चय किया है. उससे हम सभी में बड़ी प्रसन्नता है. हर शहर की जो सुविधा राज्य कर्मचारियों को मिलती है वह सुविधा जो यहां पुजारी है और कर्मचारी है उनको भी ट्रस्ट के माध्यम से दिया जाएगा. यह बड़ी प्रसन्नता की बात है. हमने एक भंडारी एक कोठारी की मांग की है क्योंकि यह दोनों बहुत जरूरी हैं. पुजारी ��ी व्यवस्था है ही, लेकिन जब भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो जाएंगे तब अधिक पुजारियों की और कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी" नई तस्वीरें आईं सामने, देखें कितना हो चुका निर्माण)
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उन्नाव दुष्कर्म मामला : पीड़िता के बयान के लिए एम्स में बनेगी अस्थाई कोर्ट
उन्नाव दुष्कर्म मामला : पीड़िता के बयान के लिए एम्स में बनेगी अस्थाई कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने त्वरित फैसला करते हुए उन्नाव रेप मामले की पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दे दी है। दरअसल इस मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के जज धर्मेश शर्मा ने एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की मांग की थी।
शुक्रवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई तो कोर्ट ने…
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#AIIMS#temporary court#Unnao Rape case#victim&039;s statement#अस्थाई कोर्ट#उन्नाव दुष्कर्म मामला#एम्स#पीड़िता#बयान
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फरार बंदी का सुराग नहीं, साथियों से पूछताछ
जोधपुर। कोर्ट परिसर की अस्थाई हवालात के शौचालय की दीवार में लगे सरिए काटकर फरार हुए बंदी का सुराग गुरुवार को दूसरे दिन भी नहीं लगा है। संदेह है कि योजनाबद्ध तरीके से उसे भगाया गया है। उसकी तलाश में पुलिस ने उसके घर और रिश्तेदारों के यहां पर दबिश दी लेकिन वह नहीं मिला। इधर अपहरण के मामले में पूर्व मेें जमानत पर रिहा हो रखे तीन अन्य लोगों पर भी पुलिस को संदेह है कि उसे भगाने में हाथ हो सकता है। पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। जमानत पर छूटे उसके साथियों को बुलाकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि पीपाड़ रोड के रहने वाले जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू पुत्र कल्याण सिंह को वर्ष 2016 मार्च में अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उसकी बुधवार को पेशी थी। तब केंद्रीय कारागाह से बीस बंदियों को चालानी गार्ड लेकर कोर्ट आए थे। शाम सवा चार बजे से पहले जितेंद्र की पेशी होने पर उसे कोर्ट परिसर की अस्थाई हवालात में डाला गया था। इसी बीच वह कोर्ट परिसर की बैरक के सलाखें काटने के साथ लोहे का दरवाजा काटकर निकल गया। बाथरूम से नहीं आने पर चालानी गार्ड को संदेह हुआ। देखने पर वह नहीं मिला। इसके बाद तत्काल पुलिस अधिकारियों को सूचना दी गई। इस पर शहर के आसपास रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप एवं पब्लिक पार्क एरिया में उसकी तलाश करवाई गई। बताया गया है कि उसने वर्ष 2016 मार्च में एक बच्चे का चार लोगों के साथ अपहरण किया था। इसमें वह मुख्य आरोपी था। बच्चे के पिता बनाड़ के नांदड़ी निवासी सियाराम की तरफ से बनाड़ थाने में अपहरण की रिपोर्ट दी गई थी। 16 मार्च 2016 को उसे जेल भेजा गया था। इसके बाद उसकी कोर्ट में पेशियां चल रही थी। आरोपी जितेंद्र सिंह और उसके सहयोगियों ने बच्चे के अपहरण के लिए डेढ़ करोड़ की फिरौती मांगी थी लेकिन पुलिस ने उससे पहले ही गिरफ्तार कर लिया। संदेह है कि उसके भगाने के पूरे घटनाक्रम को योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। सबसे बड़ी बात है कि जितेेंद्र के पास कटर कहां से आया था। या पहले से ही सलाखें काटी जा ��ुकी थी। उसके साथ वाले कैदियों ने कटर उपलब्ध करवाई इस बारे में पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है।
source https://krantibhaskar.com/pharaar-bandee-ka-suraag-nahin-sa/ via JODHPUR NEWS https://ift.tt/2J4G1xp
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High-Court-Judgment-हाईकोर्ट के निर्णय के बाद बिजली विभाग के अस्थायी कर्मियों के चेहरे पर लौटी रौनक,87 कर्मियों के स्थायीकऱण की प्रक्रिया शुरु
High-Court-Judgment-हाईकोर्ट के निर्णय के बाद बिजली विभाग के अस्थायी कर्मियों के चेहरे पर लौटी रौनक,87 कर्मियों के स्थायीकऱण की प्रक्रिया शुरु
आदित्यपुर: झारखंड हाई कोर्ट के निर्णय के बाद बिजली विभाग के अस्थाई कर्मियों के चेहरे पर रौनक लौट पड़ी है. साल 2017 से स्थायीकरण को लेकर संघर्ष कर रहे अस्थायी विद्युत कर्मियों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है. शुक्रवार को जमशेदपुर विद्युत महाप्रबंधक कार्यालय पहुंचे अस्थाई कर्मियों ने क्षेत्र में सेवा दे रहे 87 कर्मियों की सूची सौंपी, ताकि इनके स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू हो सके. वही इस संबंध में…
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर वरवर राव की अस्थाई जमानत तीन महीने बढ़ाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर वरवर राव की अस्थाई जमानत तीन महीने बढ़ाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को तेलुगु कवि और भीमा कोरेगांव-एलगार परिषद के आरोपी पी वरवर राव को स्थायी मेडिकल बेल देने से इनकार कर दिया। हालांकि अदालत ने उनके मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए अस्थायी जमानत की अवधि तीन महीने बढ़ा दी और मुकदमे में तेजी लाने के निर्देश जारी किए। कोर्ट ने उन्हें तेलंगाना में उनके घर पर रहने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया। जस्टिस सुनील शुक्रे और जस्टिस जीए सनप की खंडपीठ ने…
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कोरोना संकट के दौरान SC के आदेश पर 71 जेलों में बंद 10 हजार से ज्यादा कैदी अब तक किए गए र Divya Sandesh
#Divyasandesh
कोरोना संकट के दौरान SC के आदेश पर 71 जेलों में बंद 10 हजार से ज्यादा कैदी अब तक किए गए र
निशिकांत त्रिवेदी, लखनऊ बीते वर्ष जब देश में कोरोना की पहली लहर आई थी तो जेलों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा था। इसी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदियों की अस्थाई रिहाई के निर्देश दिए थे। यूपी में मौजूद 71 जेलों में अब तक कुल 1660 सजायाफ्ता कैदी पैरोल पर रिहा किए जा चुके हैं। वहीं, 8463 विचाराधीन बंदी अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए हैं।
मंगलवार को जेल विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया कि कोरोना की पहली लहर की तरह ही दूसरी लहर में भी बन्दियों को बचाने के लिए जेलों में भीड़ कम की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा सिद्धदोष बन्दियों तथा जनपद न्यायाधीश स्तर से विचाराधीन बन्दियों की रिहाई लगातार की जा रही है। आगे भी इसी तरह बंदियों की सुरक्षा की दृष्टि से रिहाई जारी रहेगी।
71 जेलों में अब तक 10 हजार 123 कैदियों की हो चुकी रिहाई मार्च 2020 से 25 मई 2021 तक उत्तर प्रदेश की 71 जेलों में बंद 10 हजार 123 कैदियों की रिहाई की जा चुकी है। जिनमें 8463 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया, जबकि 1660 सजायाफ्ता बंदियों को पैरोल पर रिहा किया गया है।
किन जेलों से कितने कैदी रिहा किए गए
24 मई को 151 बंदियों को छोड़ा गया, अब बचे हैं 1 लाख 6 हजार 26 कैदी उत्तर प्रदेश में सोमवार 24 मई को भी कोरोना संकट के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंदियों की रिहाई हुई। इस दौरान कुल 151 बंदियों को अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया। जिनमें 143 विचाराधीन कैदी हैं, जबकि 8 सजायाप्ता बंदी शामिल हैं। अब प्रदेश की 71 कारागारों में कुल 1 लाख 6 हजार 26 निरुद्ध बंदी बचे हैं।
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Coronavirus In UP: कोरोना के बीच UP की जेलों से रिहा किए गए 10 हजार से ज्यादा कैदी, SC ने दिया था आदेश
Coronavirus In UP: कोरोना के बीच UP की जेलों से रिहा किए गए 10 हजार से ज्यादा कैदी, SC ने दिया था आदेश
निशिकांत त्रिवेदी, लखनऊबीते वर्ष जब देश में कोरोना की पहली लहर आई थी तो जेलों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा था। इसी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदियों की अस्थाई रिहाई के निर्देश दिए थे। यूपी में मौजूद 71 जेलों में अब तक कुल 1660 सजायाफ्ता कैदी पैरोल पर रिहा किए जा चुके हैं। वहीं, 8463 विचाराधीन बंदी अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए हैं। मंगलवार को जेल विभाग की ओर से…
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#CM Yogi Adityanath#corona case uttar pradesh#corona news#Latest Metro News#Metro Headlines#Metro News#Metro News in Hindi#prisoner release news#supreme court news#कैदी रिहाई समाचार#कोरोना केस उत्तर प्रदेश#कोरोना समाचार#मेट्रो Samachar#सीएम योगी आदित्यनाथ#सुप्रीम कोर्ट समाचार
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लखनऊ ब्यूरो /सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्तार अंसारी को पंजाब सरकार ने यूपी पुलिस को हैंड ओवर किया, बांदा जेल के "बैरक नंबर 15 "होगा मुख्तार का अस्थाई पता- उत्तर प्रदेश पुलिस की बड़ी जीत
लखनऊ ब्यूरो /सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्तार अंसारी को पंजाब सरकार ने यूपी पुलिस को हैंड ओवर किया, बांदा जेल के “बैरक नंबर 15 “होगा मुख्तार का अस्थाई पता- उत्तर प्रदेश पुलिस की बड़ी जीत
सौरभ निगम की रिपोर्ट /पंजाब सरकार और मुख्तार अंसारी की एक न चली, आखिर मुख्तार अंसारी का उत्तर प्रदेश के बांदा जिला जेल आना ही पड़ा. पंजाब सरकार और मुख्तार अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. आखिर समझ में नहीं आता कि पंजाब सरकार को मुख्तार अंसारी में क्या इंटरेस्ट है. लंबी लड़ाई के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से आदेश लिया और पंजाब जाकर रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को…
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एसआईटी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा : रवन्ना की आड़ में लीजधारक करवा रहे अवैध खनन व नियमों की भी कर रहे अवहेलना, अब एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए 8 बजरी लीजों को किया अस्थाई बंद
एसआईटी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा : रवन्ना की आड़ में लीजधारक करवा रहे अवैध खनन व नियमों की भी कर रहे अवहेलना, अब एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए 8 बजरी लीजों को किया अस्थाई बंद
(एक्सक्लूसिव रिपोर्ट) रियां बड़ी। प्रदेश के नदी नालो में हो रहे बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक है, बावजूद इसके उपखण्ड क्षेत्र की लूणी नदी व इसके बहाव क्षेत्र में आने वाले छोटे मोटे नालो से जमकर अवैध बजरी खनन किया जा रहा है। और ये सब जनसुविधाओं के लंबित प्रोजेक्ट को पूरा करवाने के नाम पर बजरी खनन के लिए दी गई लीजो के रवन्ना पर्ची की आड़ में हो रहा है। पांच विभागों को मिलाकर बनाई गई एसआईटी टीम की…
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रिपब्लिक TV के एडिटर अर्नब गोस्वामी की जमानत अर्जी पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि सभी पक्षों को सुने बिना जमानत पर फैसला नहीं दे सकते। इस तरह अर्नब की दूसरी रात भी अलीबाग नगर परिषद के एक स्कूल में बनी अस्थाई जेल में गुजरी।
हाईकोर्ट चाहता है कि अर्नब पर जिस डियाजनर को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है, उसकी पत्नी अक्षता और साथ ही महाराष्ट्र सरकार की बात भी सुन ली जाए। कोर्ट ने अर्नब से कहा कि अपनी अर्जी में अक्षता को भी शामिल करें।
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा था- गिरफ्तारी गलत लग रही इससे पहले बुधवार को रायगढ़ जिला अदालत ने अर्नब को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। पुलिस ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में अर्नब की गिरफ्तारी गलत लग रही है। कोर्ट का यह कमेंट गुरुवार को सामने आया। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के बाद अर्नब ने बुधवार को ही हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाकर कहा कि इस मामले में उनके खिलाफ दर्ज FIR भी रद्द होनी चाहिए।
अर्नब पर क्या आरोप और गिरफ्तारी कब हुई? मुंबई में इंटीरियर डिजायनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुदिनी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में अर्नब समेत 3 लोगों पर आरोप लगाए थे। सुसाइड नोट के मुताबिक अर्नब और दूसरे आरोपियों ने नाइक को अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए डिजायनर रखा था, लेकिन करीब 5.40 करोड़ रुपए का पेमेंट नहीं किया। इससे अन्वय की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उन्होंने सुसाइड कर लिया।
अन्वय के मामले में रायगढ़ पुलिस ने अर्नब को लोअर परेल इलाके में स्थित उनके घर से बुधवार सुबह करीब 6 बजे गिरफ्तार किया था। इस दौरान काफी हंगामा हुआ। अर्नब ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे मारपीट की।
आज की ता��़ा ख़बरें पढ़��े के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
रिपब्लिक TV के एडिटर अर्नब गोस्वामी को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया था। अर्नब पर एक डिजायनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप हैं।
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कोरोना संकट के दौरान SC के आदेश पर यूपी के 71 जेलों में बंद 10 हजार से ज्यादा कैदी अब तक किए गए रिहा Divya Sandesh
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कोरोना संकट के दौरान SC के आदेश पर यूपी के 71 जेलों में बंद 10 हजार से ज्यादा कैदी अब तक किए गए रिहा
निशिकांत त्रिवेदी, लखनऊ बीते वर्ष जब देश में कोरोना की पहली लहर आई थी तो जेलों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा था। इसी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदियों की अस्थाई रिहाई के निर्देश दिए थे। यूपी में मौजूद 71 जेलों में अब तक कुल 1660 सजायाफ्ता कैदी पैरोल पर रिहा किए जा चुके हैं। वहीं, 8463 विचाराधीन बंदी अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए हैं।
मंगलवार को जेल विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया कि कोरोना की पहली लहर की तरह ही दूसरी लहर में भी बन्दियों को बचाने के लिए जेलों में भीड़ कम की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा सिद्धदोष बन्दियों तथा जनपद न्यायाधीश स्तर से विचाराधीन बन्दियों की रिहाई लगातार की जा रही है। आगे भी इसी तरह बंदियों की सुरक्षा की दृष्टि से रिहाई जारी रहेगी।
71 जेलों में अब तक 10 हजार 123 कैदियों की हो चुकी रिहाई मार्च 2020 से 25 मई 2021 तक उत्तर प्रदेश की 71 जेलों में बंद 10 हजार 123 कैदियों की रिहाई की जा चुकी है। जिनमें 8463 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया, जबकि 1660 सजायाफ्ता बंदियों को पैरोल पर रिहा किया गया है।
किन जेलों से कितने कैदी रिहा किए गए
24 मई को 151 बंदियों को छोड़ा गया, अब बचे हैं 1 लाख 6 हजार 26 कैदी उत्तर प्रदेश में सोमवार 24 मई को भी कोरोना संकट के चलत�� सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंदियों की रिहाई हुई। इस दौरान कुल 151 बंदियों को अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया। जिनमें 143 विचाराधीन कैदी हैं, जबकि 8 सजायाप्ता बंदी शामिल हैं। अब प्रदेश की 71 कारागारों में कुल 1 लाख 6 हजार 26 निरुद्ध बंदी बचे हैं।
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हरिद्वार ब्रेकिंग: जेल तोड़कर भागे 8 क़ैदी! Breaking Haridwar..... अस्थाई जेल से आठ कैदी फरार, मचा हड़कंप। कोविड-19 गाइडलाइन के मद्देनजर कोर्ट से जेल भेजे जाने वाले कैदियों को करीब एक सप्ताह अस्थाई जेल में रखा जाता है। जिला मुख्यालय रोशनाबाद में स्थित भिक्षुक गृह को अस्थाई जेल बनाया गया है। आज सुबह अस्थाई जेल से आठ कैदी फरार हो गए। कई घंटे तक तो आसपास ही कैदियों की तलाश होती रही, कुछ देर पहले पुलिस को इस मामले की सूचना दी गई है। कैदियों की तलाश में पुलिस चप्पे-चप्पे पर चेकिंग कर रही है। जिलेभर की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। खास तौर पर जनपद की सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अस्थाई जेल से फरार आठ कैदियों की तलाश चल रही है।
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Kanpur Encounter News; Vikas Dubey Aide Jai Bajpai Three Brothers Surrendered Today In Court, Sent to Chaubepur Jail | पुलिस को चकमा देकर जय बाजपेई के तीनों भाईयों ने कोर्ट में किया सरेंडर, मकान की कुर्की का जारी हुआ था नोटिस
Kanpur Encounter News; Vikas Dubey Aide Jai Bajpai Three Brothers Surrendered Today In Court, Sent to Chaubepur Jail | पुलिस को चकमा देकर जय बाजपेई के तीनों भाईयों ने कोर्ट में किया सरेंडर, मकान की कुर्की का जारी हुआ था नोटिस
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Kanpur Encounter News; Vikas Dubey Aide Jai Bajpai Three Brothers Surrendered Today In Court, Sent To Chaubepur Jail
कानपुर18 मिनट पहले
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कोर्ट में अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल की गई, लेकिन कोर्ट ने नहीं माना। आखिरकार तीनों को अस्थाई जेल चौबेपुर भेज दिया गया।
बिकरु गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी रहे विकास दुबे का खास साथी है जय बाजपेई
तीनों…
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Supreme Court will hear on extending loan moratorium till December, two days ago RBI called it temporary solution | लोन मोरेटोरियम को दिसंबर तक बढ़ाने पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, दो दिन पहले आरबीआई ने इसे अस्थाई समाधान कहा था Hindi News Business Supreme Court Will Hear On Extending Loan Moratorium Till December, Two Days Ago RBI Called It Temporary Solution…
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