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Morning News Brief : बजट 2025- ₹12.75 लाख तक इनकम टैक्स फ्री, फोन-EV सस्ते; AAP छोड़ने वाले 8 MLA भाजपा में शामिल
नमस्कार, कल की बड़ी खबर मोदी 3.0 के दूसरे बजट की रही। इसके जरिए सरकार ने देश के नौकरीपेशा मध्यम वर्ग, दिल्ली और बिहार को साधा। आज के प्रमुख इवेंट्स: - PM मोदी दिल्ली के आरकेपुरम विधानसभा में रैली करेंगे। दिल्ली में यह ��नकी तीसरी चुनावी रैली होगी। - भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां टी-20 मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शाम 7 बजे से खेला जाएगा। - भारत और साउथ अफ्रीका के बीच अंडर-19 विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप का फाइनल कुआलालंपुर में दोपहर 12 बजे से खेला जाएगा। अब कल की बड़ी खबरें: बजट 2024: नए टैक्स रिजीम में ₹12.75 लाख तक इनकम टैक्स फ्री, IT रिटर्न की समय सीमा बढ़ी
- नए टैक्स रिजीम में ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, नौकरीपेशा को ₹12.75 लाख तक राहत - IT रिटर्न फाइल करने की सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल की गई - वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक और पोस्ट ऑफिस ब्याज आय पर टैक्स छूट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार 8वीं बार बजट पेश किया, जिसमें मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई। नए टैक्स रिजीम के तहत ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि नौकरीपेशा लोगों को ₹75,000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ ₹12.75 लाख तक छूट मिलेगी। आईटी रिटर्न फाइल करने की समय सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत देते हुए बैंक और पोस्ट ऑफिस के ब्याज पर टैक्स छूट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है। इसके अलावा, वित्त मंत्री ने बिहार के लिए 3 ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड, पटना IIT के विस्तार और पश्चिमी कोसी नहर परियोजना जैसी घोषणाएं कीं। राज्य में विधानसभा चुनाव को देखते हुए ये घोषणाएं मिथिलांचल और सीमांचल की 72 सीटों पर असर डाल सकती हैं। वहीं, दिल्ली की 3.38 करोड़ आबादी में से सिर्फ 40 लाख लोग टैक्स भरते हैं, और नए टैक्स स्लैब से यहां की 67% मिडिल क्लास आबादी प्रभावित होगी। बजट 2024: किसानों, युवाओं, महिलाओं और कारोबारियों को क्या मिला? - किसानों के लिए: किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख हुई। डेयरी और मछली पालन के लिए ₹5 लाख तक का लोन मिलेगा। कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में PM धन-धान्य कृषि योजना लागू होगी। - युवाओं के लिए: स्टार्टअप्स के लिए ₹10,000 करोड़ का फंड बनेगा। मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75,000 सीटें बढ़ेंगी। IIT और IISC में 10,000 नई रिसर्च फेलोशिप दी जाएंगी। - महिलाओं के लिए: पहली बार उद्यमी बनने वाली महिलाओं को ₹2 करोड़ तक का टर्म लोन मिलेगा। 5 लाख महिला और SC/ST उद्यमियों को सस्ता बिजनेस लोन मिलेगा। पोषण 2.0 योजना के तहत 8 करोड़ बच्चियों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को न्यूट्रिशनल सपोर्ट मिलेगा। सरकार ने हेल्थ सेक्टर में सुधार के लिए 2025-26 तक 200 नए डे-केयर कैंसर सेंटर बनाने का ऐलान किया है। गिग वर्कर्स को जन आरोग्य योजना से जोड़ा जाएगा। कारोबारियों को राहत देते हुए MSME की लोन गारंटी लिमिट ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ कर दी गई। स्ट्रीट वेंडर्स के लिए पीएम स्वनिधि योजना की लोन लिमिट ₹30,000 कर दी गई। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए राज्य सरकारों को ₹1.5 लाख करोड़ का इंटरेस्ट-फ्री लोन मिलेगा। 50 प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशंस को विकसित किया जाएगा, और उड़ान स्कीम के तहत अगले 10 साल में 120 नए शहरों को जोड़ा जाएगा। AAP छोड़कर BJP में शामिल हुए 8 विधायक, टिकट न मिलने पर दिया इस्तीफा
- आम आदमी पार्टी (AAP) के 8 विधायकों ने BJP जॉइन कर ली। - इन विधायकों ने एक दिन पहले चुनावी टिकट न मिलने और भ्रष्टाचार को इस्तीफे की वजह बताया। - दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे। AAP ने BJP पर विधायकों को पैसे का लालच देने का आरोप लगाया है। पार्टी ने इस बार 26 विधायकों के टिकट काट दिए और 4 विधायकों की सीट बदल दी थी। 21 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच कुल 70 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की गई थी। छत्तीसगढ़ में मुठभेड़: बीजापुर में 8 नक्सली ढेर, माओवादियों का बड़ा घेराव
- बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 8 नक्सली मारे गए। - गंगालूर के जंगलों में पुलिस को मिली थी नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना। - जनवरी से अब तक 50 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों ने इनामी नक्सलियों को घेर लिया, जिससे सुबह 8:30 बजे से दोनों तरफ से रुक-रुककर गोलीबारी हो रही है। मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ने की संभावना है। जवानों ने माओवादियों के बड़े कैडर्स को चारों तरफ से घेर रखा है। अमेरिकी संसद में चीनी AI 'डीपसीक' पर बैन, फोन-कंप्यूटर पर इंस्टॉल करने की मनाही
- अमेरिकी संसद ने सरकारी डिवाइस पर AI चैटबॉट डीपसीक के इस्तेमाल पर रोक लगाई। - इटली और आयरलैंड ने भी इस चीनी AI मॉडल को अपने देश में पूरी तरह बैन कर दिया। - इससे पहले US कांग्रेस ने ChatGPT और Microsoft Copilot के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई थी। डीपसीक एक ओपन-सोर्स AI चैटबॉट है, जिसे कम लागत में विकसित किया गया है। 10 जनवरी 2025 को लॉन्च होने के बाद, इसने ChatGPT और गूगल Gemini को पीछे छोड़ दिया है। भारत और अमेरिका में यह iOS पर सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाला ऐप बन गया है, जबकि एंड्रॉयड पर भी इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। अमेरिका में प्लेन क्रैश: फिलाडेल्फिया में टेकऑफ के 30 सेकेंड बाद गिरा, 6 की मौत
- फिलाडेल्फिया में मेडिकल प्लेन रिहायशी इलाके में क्रैश, 6 मेक्सिकन नागरिकों की मौत। - मृतकों में 2 डॉक्टर, 2 पायलट, एक मरीज और एक फैमिली मेंबर शामिल। - वॉशिंगटन DC में 3 दिन पहले भी प्लेन और हेलिकॉप्टर के टकराने से 67 लोगों की मौत हुई थी। फिलाडेल्फिया से मिसौरी जा रहे मेडिकल प्लेन के उड़ान भरते ही 30 सेकेंड बाद दुर्घटनाग्रस्त होने से इलाके में दहशत फैल गई। इससे पहले, वॉशिंगटन DC में पैसेंजर प्लेन और मिलिट्री हेलिकॉप्टर की टक्कर के बाद 67 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से 40 शव अब तक बरामद हो चुके हैं। Read the full article
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ISIS's Return: How the Terror Group is Expanding Once More
Introduction Of ISIS Resurgence
ISIS Resurgence: 1 जनवरी 2025 यानी नए साल के पहले दिन ही अमेरिका बेहद बुरी तरह से दहल उठा. अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स की बॉर्बन स्ट्रीट पर मौज-मस्ती कर रहे लोगों को एक पिकअप ट्रक ने कुचल दिया. पहले इसे सामान्य हमला माना जा रहा था. बाद में जब पिकअप ट्रक की तलाशी ली गई, तो पता चला कि यह दुर्घटना सामान्य नहीं थी. यह एक आतंकी हमला था, जिसे ISIS यानी इस्लामिक स्टेट से प्रभावित एक शख्स ने अंजाम दिया था. शख्स की पहचान शम्सुद्दीन जब्बार के रूप में की गई है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या ISIS कुचले जाने के बाद फिर से जिंदा हो रहा है. इस बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप भी सत्ता संभालने वाले हैं. ऐसे में ISIS को पहले कुचलने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी यह सबसे बड़ी चुनौती है.
Table Of Content
अमेरिका में हुआ ताजा हमला
ISIS ने सीरिया के गृहयुद्ध का कैसे उठाया फायदा
ISIS-खुरासान ने संभाली कमान
UN ने ISIS को लेकर क्यों दी चेतावनी
दुनिया में ISIS के अब तक के घातक हमले
सीरिया और इराक में ISIS के ताजा हालात
अमेरिका में हुआ ताजा हमला
गौरतलब है कि ISIS के नाम से मशहूर इस आतंकी संगठन ने दुनिया भर में मौत और विनाश की क्रूर विरासत छोड़ी है. मीडिल-ईस्ट में ISIS का अब कोई खास प्रभाव वाला इलाका बचा नहीं है, लेकिन इस क्रूर संगठन ने दुनिया भर में आतंकी हमले करना जारी रखा. इसके साथ ही वह चरमपंथी विचारधारा के जरिए युवाओं को भड़काता रहता है. ISIS एक सुन्नी मुस्लिम विद्रोही गुट है, जिसे माना जाता है कि इराक में अलकायदा से जन्म हुआ. इराक में साल 2013 से लेकर 2017 तक चले गृहयुद्ध के लिए भी इस संगठन को ही जिम्मेदार माना जाता है. बाद में स्थानीय मिलिशिया और अमेरिकी सैनिकों ने इन विद्रोहियों को कुचल दिया.
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ISIS ने सीरिया के गृहयुद्ध का कैसे उठाया फायदा
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ISIS-खुरासान ने संभाली कमान
कुछ महीनों बाद 22 मार्च रूस की राजधानी मास्को स्थित एक कॉन्सर्ट हॉल में घातक हमला किया था, जिसे अमेरिकी अधिकारियों ISIS-K(खुरासान) को दोषी ठहराया था. इस हमले में कम से कम 137 लोग मारे गए थे . 16 जुलाई को ISIS-K के आतंकियों ने ओमान के मस्जिद में गोलीबारी की, जिसमें 6 लोग मारे गए थे. इसमें ISIS ने शिया मुसलमानों को निशाना बनाया था. इन हमलों के अलावा भी इराक और सीरिया समेत कई देशों में हमले किए गए हैं.
UN ने ISIS को लेकर क्यों दी चेतावनी?
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दुनिया में ISIS के अब तक के घातक हमले
इसके बाद 22 मार्च 2016 को सुबह ब्रुसेल्स में एक एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशन को ISIS के आतंकियों ने उड़ा दिया था. इसमें 32 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. साल 2016 में 14 जुलाई को फ्रांस के नीस में बैस्टिल दिवस के दिन एक व्यक्ति ने आतिशबाजी देख रही भीड़ को 19 टन वजनी ट्रक से कुचल दिया. ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन ड्राइवर के सीधे तौर पर आतंकी समूह से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिले. साल 2015 में ISIS के आतंकियों ने इसी तरह जॉर्डन के सैन���य पायलट मोआज अल कसासबेह को जिंदा जलाया और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया. वहीं, 2015 में 15-16 फरवरी को ISIS से संबंधित लीबियाई आतंकियों ने एक वीडियो जारी कर 21 मिस्र के ईसाइयों का सिर कर दिया.
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सीरिया और इराक में ISIS के ताजा हालात
सीरिया में बशर अल असद के सत्ता से बेदखल होने और सेनाओं के पतन के बाद से विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि ISIS इन इलाकों में फिर से अपने पैर जमा सकता है. पिछले साल जुलाई के महीने में अमेरिकी विदेश मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता ने चेतावनी जारी करते हुए बताया था कि इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के हमले पिछले साल की तुलना में दोगुने होने के कगार पर हैं.
बशर अल असद के हटते ही अमेरिका समर्थित कुर्द बलों और तुर्की समर्थित विद्रोहियों के बीच संघर्ष उग्र रूप लेता जा रहा है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ISIS फिर से अपने पैर जमा सकता है. इराक में भी उनका प्रभाव बढ़ सकता है. अमेरिकी सेना की मीडिल-ईस्ट में तैनात अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक सीरिया में ISIS के 20 से अधिक ठिकाने मौजूद हैं. इसमे कुल 9 हजार से अधिक लड़ाके शामिल हैं. वहीं, सीरिया में 2 हजार और इराक में 2.5 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. सीरिया में उथल-पुथल जारी है और अमेरिकी सैनिकों ने हवाई हमले जारी रखे हैं. इससे वह ISIS के लड़ाकों और शिविरों को निशाना बना रहे हैं.
Conclusion
ISIS फिलहाल सीरिया में है, लेकिन समूह का अफगान सहयोगी ISIS-K ने हाल के हमलों से यह सिद्ध कर चुका है कि वह दुनिया के किसी भी हिस्से में बड़े हमले को अंजाम दे सकता है. ISIS-K दुनिया के अलावा यह संगठन अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से भी लड़ रहा है. अमेरिकी अधिकारी मीडिल-ईस्ट के अलावा अफ्रीकी साहेल इलाके में भी नजर रख रहे हैं, क्योंकि अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ISIS (जिसे ISIL या अपमानजनक Daesh भी कहा जाता है) साहेल में तेजी से प्रगति कर रहा है.
बता दें कि ISIS ने ही पिछले साल मार्च में नाइजर की सेना पर हमला कर 30 जवानों को मार दिया था. ऐसे में अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि ISIS को नाइजीरिया, कांगो जैसे अफ्रीकी देशों से 60 फीसदी तक मदद मिल रही है. ISIS के लड़ाके फिलहाल हिट-एंड-रन हमले कर रहे हैं. वहीं, ISIS-K का अफगान लीडर सनाउल्लाह गफारी इसे वैश्विक संगठन बनाने की तैयारी कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र को भी डर है कि ISIS के लड़ाके अफगानिस्तान के साथ ही गृहयुद्ध की चपेट में सूडान ��ें राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठा सकते हैं.
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वहीं, साल 2019 में अबू बकर अल-बगदादी के मारे जाने के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने दुनिया के नंबर एक आतंकी को न्याय के कटघरे में खड़ा किया. अबू बकर अल-बगदादी मर चुका है, जो ISIS का संस्थापक और नेता था. उन्होंने दावा किया था कि अबू बकर अल-बगदादी को पकड़ना या मारना उनके प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि उसने दूसरों को डराने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन अपने अंतिम समय में घबराहट और खौफ में बिताए थे.
उन्होंने दावा किया था कि अमेरिकी सैनिकों की पहुंच बहुत लंबी है, जिन्होंने ओसामा बिन लादेन के बहुत ही हिंसक बेटे हमजा बिन लादेन को मार गिराया था. अबू बकर अल-बगदादी के बाद हमने ISIS की खिलाफत को 100 प्रतिशत खत्म कर दिया है. साथ ही ISIS आतंकियों को उनके क्रूर अंत तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद बड़े पैमाने पर ISIS के आतंकियों के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं. यह बात अन्य आतंकी संगठनों पर भी लागू होती है.
बता दें कि मीडिल-ईस्ट में तैनात अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक जनवरी से जून 2024 तक ISIS के खिलाफ 196 मिशन चलाए गए हैं. इसमें इराक में कुल 44 ISIS ऑपरेटिव मारे गए है. वहीं, सीरिया में 59 ऑपरेशनों में 14 ISIS ऑपरेटिव मारे गए. इस दौरान इराक और सीरिया में आठ वरिष्ठ ISIS लीडर मारे गए और 32 पकड़े गए हैं. यह लीडर सीरिया और इराक के बाहर अभियानों की योजना बनाने, भर्ती करने, प्रशिक्षण देने और हथियारों की तस्करी करने के लिए जिम्मेदार थे. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि ISIS का अगला प्लान क्या होगा और डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद इससे कैसे निपटे हैं.
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स्पेस स्टेशन कमांडर सुनीता विलियम्स की नई फोटो आई सामने, हेल्थ को लेकर उठे सवाल; जानें क्या बोले लोग
Sunita Williams Health: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और अंतरिक्ष में उनके साथी विल्मोर बुच कई महीनों से स्पेस में ‘फंसे’ हुए हैं। दोनों की वापसी अब मार्च के आखिरी या फिर अप्रैल महीने से पहले नहीं हो सकेगी। वापसी में लगातार समय बढ़ता जा रहा है। अब सुनीता की एक नई तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक बार फिर से उनके हेल्थ को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। तस्वीर पर कमेंट करके लोग सुनीता…
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9 एमईएमई देशी सोलाना ट्रेडिंग बॉट प्रतियोगिता
कौन सा बॉट उपयोग करना सर्वोत्तम है? हैंडलिंग शुल्क, सुरक्षा, उपयोग अनुभव, कार्यात्मक लाभ/सुविधाओं आदि के आयामों से, यह लेख वर्तमान मुख्यधारा सोलाना ट्रेडिंग बॉट्स की विस्तृत तुलना और परिचय प्रदान करता है।
1 मिनट में 150,000 जमा करने के साथ, अर्थ डॉग के खिलाफ जाना मौजूदा बाजार में पैसा कमाने का सबसे फैशनेबल तरीका बन गया है। जिसे हम अक्सर "तुगौ" परियोजनाएँ कहते हैं, वह प्रारंभिक चरण की परियोजनाओं को संदर्भित करती है जिनमें आम तौर पर कोई श्वेत पत्र नहीं होता है और टोकन लेनदेन में बहुत कम गहराई होती है। इनमें से अधिकांश परियोजनाएं अल्पकालिक होती हैं, जिनका जीवन चक्र 1-3 दिनों का होता है। ऐसी बहुत कम परियोजनाएं होती हैं जो बाजार मूल्य से सैकड़ों गुना अधिक कीमत प्राप्त कर सकती हैं, या यहां तक कि एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हो सकती हैं और "गोल्डन डॉग" बन सकती हैं। बोम, एसएलईआरएफ, पंट, और एक्ट। भले ही वे संभाव्यता का खेल खेल रहे हों, फिर भी कई लोग हैं जो सौ गुना मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। स्थानीय कुत्ते की खोज करने से लेकर उसे खरीदने तक का समय नेट���र्क स्पीड और जीएएस सेटिंग्स जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर दसियों सेकंड से लेकर कई मिनट तक अलग-अलग होगा। ट्रेडिंग बॉट, यानी ट्रेडिंग रोबोट के जन्म ने आम उपयोगकर्ताओं के लिए गेम में आगे बढ़ने की सीमा को बहुत कम कर दिया है, उन्हें केवल खरीद सेटिंग्स पहले से तैयार करने, अनुबंध पते की प्रतिलिपि बनाने और खरीद राशि दर्ज करने की आवश्यकता है। वर्तमान में, बॉट ट्रैक अपेक्षाकृत परिपक्व है, ड्यून डेटा के अनुसार, ट्रेडिंग वॉल्यूम में शीर्ष पांच बॉट हैं: बोनकबॉट, मेस्ट्रो, बनाना गन, ट्रोजन और सोल ट्रेडिंग बॉट।
इस लेख में, हम वर्तमान मुख्यधारा के सोलाना ट्रेडिंग बॉट की हैंडलिंग फीस, सुरक्षा, उपयोगकर्ता अनुभव, कार्यात्मक लाभ/सुविधाओं आदि के पहलुओं से विस्तार से तुलना करेंगे और पारंपरिक DEX के साथ इसकी तुलना करेंगे। विस्तृत परिचय के लिए कृपया पूरा लेख पढ़ें।
बोनकबॉट: BONKbot एक ट्रेडिंग रोबोट है जिसे सोलाना टेलीग्राम के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मुख्य आकर्षण गति और उपयोग में आसानी है, जो जल्दी से खरीदारी पर ध्यान केंद्रित करता है। सोलाना के विभिन्न DEX में टोकन के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध मूल्य खोजने के लिए BONKbot कस्टम रूटिंग लॉजिक के साथ सोलाना-आधारित विकेन्द्रीकृत एक्सचेंज (DEX) ज्यूपिटर का लाभ उठाता है। वर्तमान में सोलाना टीजी ट्रेडिंग बॉट सबसे बड़ी ट्रेडिंग वॉल्यूम वाला बॉट है, जिसका एक दिन का ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
टीजी लिंक: https://t.me/Bot_bonks_bot टीजी बैकअप: https://t.me/Bot_bonk_backup_bot हैंडलिंग शुल्क: 1% सुरक्षा: बोनकबॉट, बोन्क समुदाय द्वारा बनाया गया था और इसे अच्छा सामुदायिक समर्थन प्राप्त है। बोनकबॉट के पास उपयोगकर्ता की निजी कुंजी तक पहुंच नहीं है और वह AES256 एन्क्रिप्शन (अस्तित्व में सबसे मजबूत एन्क्रिप्शन मानकों में से एक) को नियोजित करके उपयोगकर्ता सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि उपयोगकर्ता और बॉट के बीच आदान-प्रदान किया गया कोई भी डेटा गोपनीय रहता है और संभावित लीक को रोकता है। उपयोग का अनुभव: 1. अनुकूल उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस, नौसिखिए आसानी से शुरुआत कर सकते हैं; 2. लेनदेन की सफलता दर में सुधार के लिए गैस शुल्क को समायोजित किया जा सकता है। 3. एमईवी सुरक्षा फ़ंक्शन उपयोगकर्ताओं को लूटने से बचने में मदद कर सकता है; "एमईवी टर्बो" मोड जहां भी संभव हो, फ्रंट-रनिं��� सुरक्षा प्रदान करते हुए लेनदेन की गति को अधिकतम करता है, जबकि "एमईवी ��िक्योर" मोड उन उपयोगकर्ताओं के लिए गारंटीकृत एमईवी सुरक्षा प्रदान करता है जो हर कीमत पर गति से अधिक एमईवी निकासी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। ऑटो स्निपिंग: समर्थित नहीं ऑटो ट्रेडिंग: समर्थन कॉपी ट्रेडिंग: समर्थित नहीं लाभ/विशेषताएं: सरल और उपयोग में आसान, एमईवी सुरक्षा फ़ंक्शन
उस्ताद: एक अनुभवी ट्रेडिंग बॉट के रूप में, मेस्ट्रो के पास अधिक व्यापक कार्य होंगे और वर्तमान में ट्रेडिंग वॉल्यूम के मामले में यह दूसरा सबसे बड़ा बॉट है। मेस्ट्रो बॉट्स को चार श्रेणियों में विभाजित करता है, प्रत्येक श्रेणी एक स्वतंत्र बॉट है, जिसमें स्नाइपर बॉट, वॉलेट बॉट, व्हेल मॉनिटरिंग बॉट और लेनदेन मॉनिटरिंग बॉट शामिल हैं। ट्रेडिंग के लिए जो आमतौर पर अधिक उपयोग किया जाता है वह स्नाइपर बॉट है।
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केले का गन: ट्रेडिंग वॉल्यूम के मामले में बनाना गन सोलाना टीजी ट्रेडिंग बॉट में तीसरे स्थान पर है। यह बाजार में एक लोकप्रिय टीजी ट्रेडिंग बॉट है। इसके मुख्य रूप से दो प्रमुख कार्य हैं: ट्रेडिंग और स्निपिंग, और सोलाना, बेस और की तीन सार्वजनिक श्रृंखलाओं का समर्थन करता है एथेरियम।
टीजी लिंक: https://t.me/BananaGunSolanaOfficial_bot टीजी बैकअप: https://t.me/BananaGun_Backup_bot हैंडलिंग शुल्क: मैन्युअल खरीदें (मैन्युअल खरीद लेनदेन) 0.5%, स्नाइपर खरीदें (स्वचालित स्नाइपर) 1% सुरक्षा: 85% की सिद्ध सफलता दर के साथ, सुरक्षित लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए प्रथम श्रेणी की चोरी-रोधी प्रणाली के साथ एंटी रग और पुनर्गठन सुरक्षा कार्य। हनीपोट प्रोटेक्शन टोकन धोखाधड़ी को शुरू से ही रोकने के लिए बाजार-अग्रणी अंतर्निहित सिमुलेशन का उपयोग करता है। यदि सिम्युलेटर एक सफल बिक्री का अनुकरण करने में असमर्थ है, तो व्यापार सफल नहीं होगा। उपयोग का अनुभव: 1. इंटरफ़ेस सरल और कार्यात्मक है, नौसिखियों और नौसिखियों के लिए उपयुक्त है इसमें बुनियादी ट्रेडिंग/कॉपी ट्रेडिंग/स्निपिंग ट्रेडिंग और अन्य कार्य हैं। 2. लिमिट ऑर्डर के साथ ट्रेडिंग को आसानी से स्वचालित किया जा सकता है। सर्वोत्तम निष्पादन के साथ गिरावट पर स्वचालित रूप से खरीदने के लिए ऑर्डर सेट करने के लिए स्टॉप-लॉस या ट्रेलिंग-स्टॉप लिमिट ऑर्डर का उपयोग करें। 3. ओपनिंग को स्निप करने में विशेषज्ञ, उपयोगकर्ताओं को लॉन्च होने वाले टोकन को स्निप करने या जारी किए गए ��ोकन का व्यापार करने की अनुमति देता है। ऑटो स्निपिंग: समर्थित ऑटो ट्रेडिंग: समर्थन कॉपी ट्रेडिंग:समर्थित लाभ/विशेषताएं: कम हैंडलिंग शुल्क, कटाक्ष में विशेषज्ञता
ट्रोजन: ट्रोजन को पहले सोलाना पर यूनीबोट के नाम से जाना जाता था, इसका निर्माण यूनीबोट समुदाय संचालन के पूर्व प्रमुख रीथमोस के नेतृत्व में किया गया था। यह यूनीबोट का व्युत्पन्न है। ट्रेडिंग इंटरफ़ेस यूनिबोट की शैली के समान है, जो सोलाना श्रृंखला पर चौथा सबसे बड़ा ट्रेडिंग वॉल्यूम वाला टीजी ट्रेडिंग बॉट है।
टीजी लिंक: https://t.me/solana_tro_jan_bot टीजी बैकअप: https://t.me/solana_trojanbackbot हैंडलिंग शुल्क: 1%, रेफरल के माध्यम से 0.9% सुरक्षा: साइबर सुरक्षा फर्म ट्रेल ऑफ बिट्स द्वारा निरंतर सुरक्षा ऑडिट किए जाते हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह चल रही समीक्षा प्रक्रिया उन्हें सेवा के विकास और विस्तार के साथ-साथ सुरक्षा उपायों को लगातार मजबूत करने की अनुमति देती है। उपयोग का अनुभव: 1. इसमें कॉपी ट्रेडिंग और डीसीए फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट ट्रेडिंग जैसे अधिक जटिल ऑर्डर फॉर्म हैं, जो शुरुआती और स्वचालन चाहने वाले व्यापारियों के लिए उपयुक्त है। 2. सीमा ऑर्डर फ़ंक्शन विशिष्ट मूल्य बिंदुओं पर ट्रेडों को ट्रिगर करके सटीकता प्रदान करता है, और डीसीए (डॉलर लागत औसत) फ़ंक्शन समय के साथ ऑर्डर फैलाकर जोखिम का प्रबंधन करता है। 3. ट्रोजन एक क्रॉस-चेन ब्रिज के माध्यम से एथेरियम और सोलाना के बीच संपत्ति के निर्बाध हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है। ऑटो स्निपिंग: समर्थित ऑटो ट्रेडिंग: समर्थन कॉपी ट्रेडिंग:समर्थित लाभ/विशेषताएं: अंतर्निर्मित क्रॉस-चेन ब्रिज
सोल ट्रेडिंग बॉट: सोल ट्रेडिंग बॉट सोलाना पर तीन सबसे बड़े विकेन्द्रीकृत एक्सचेंजों (डीईएक्स) को एकीकृत करता है: जुपिटर, ओर्का और रेडियम। यह सर्वोत्तम मूल्य प्रदान करने और डीईएक्स प्लेटफॉर्म पर लेनदेन को कुशलतापूर्वक निष्पादित करने के लिए डीईएक्स के व्यापक तरलता पूल का उपयोग कर सकता है मल्टी-DEX रणनीतियाँ, प्रत्येक एक्सचेंज की विशिष्ट विशेषताओं और विशेषताओं के आधार पर ट्रेडों को अनुकूलित करती हैं। ट्रेडिंग वॉल्यूम के हिसाब से वर्तमान में सोलाना टीजी ट्रेडिंग बॉट पांचवें स्थान पर है। स्रोत: आधिकारिक वेबसाइट https://soltradingbot.com/
टीजी लिंक: https://t.me/SolTradingPlusBot टीजी बैकअप: https://t.me/SolanaTradingPlusBot हैंडलिंग शुल्क: 1% सुरक्षा: अत्याधुनिक सुरक्षा कुंजी प्रबंधन प्रथाओं को नियोजित करते हुए, बहु-कारक प्रमाणीकरण (एमएफए) लागू किया जाता है। सत्यापन की इस अतिरिक्त परत में आम तौर पर पासवर्ड और वन-टाइम कोड का संयोजन शामिल होता है, जो अनधिकृत के खिलाफ सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ता है पहुँच। । उपयोग का अनुभव: 1. ट्रेडिंग, स्निपिंग, कॉपी ट्रेडिंग, ट्रैकिंग, स्वचालित खरीद/बिक्री और सीमा/डीसीए ऑर्डर, साथ ही नई मुद्रा और नए पूल मॉनिटरिंग आदि सहित विविध कार्य। 2. इसमें बाजार डेटा विश्लेषण कार्य हैं विभिन्न स्रोतों से वास्तविक समय डेटा स्��्रीम सुनिश्चित करती है कि उपयोगकर्ताओं को नवीनतम, सटीक बाज़ार जानकारी तक पहुंच प्राप्त हो। व्यापारियों को गहन विश्लेषण करने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार के तकनीकी संकेतकों का उपयोग करता है। उपयोगकर्ता चलती औसत से लेकर आरएसआई तक विभिन्न संकेतकों के आधार पर अपनी रणनीतियों को अनुकूलित कर सकते हैं। ऑटो स्निपिंग: समर्थित ऑटो ट्रेडिंग: समर्थन कॉपी ट्रेडिंग:समर्थित लाभ/सुविधाएँ: बाज़ार डेटा विश्लेषण फ़ंक्शन
बुलएक्स: बुलक्स एक डेटा एकत्रीकरण और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो उपयोगकर्ताओं को मेम सिक्कों का व्यापार करने के शुरुआती अवसर प्रदान करता है और एथेरियम मेननेट, बीएनबी, बेस, आर्बिट्रम, ब्लास्ट और सोलाना पर लेनदेन के साथ संगत है। बुलएक्स ट्रेडिंग बॉट एक ट्रेडिंग बॉट है जो प्लेटफॉर्म पर चलता है।
टीजी लिंक: https://t.me/BullXReleaseBot टीजी बैकअप: https://t.me/BullXBackupBot हैंडलिंग शुल्क: 1% सुरक्षा: यह ट्रेडिंग बॉट टेलीग्राम और वेब का एक मिश्रण है, जिससे वॉलेट चोरों के लिए उपयोगकर्ता फंड तक पहुंचना और निकालना अधिक कठिन हो जाता है। उपयोग का अनुभव: 1. वास्तविक समय डेटा और बाजार प्रवृत्ति विश्लेषण प्रदान करने के लिए ��क टीजी खाते को बाध्य करके वेबसाइट से कनेक्ट करें, और बिनेंस, कॉइनबेस प्रो और एमईएक्ससी जैसे एक्सचेंजों के साथ सहजता से एकीकृत करें। 2. पंप फन टोकन श्रेणी के साथ, आप अभी लॉन्च किए गए किसी भी पंप टोकन को तुरंत खरीद सकते हैं। 3. संकेतक और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर मेम सिक्कों के लिए पूर्वनिर्धारित व्यापारिक रणनीतियाँ प्रदान करें, और उपयोगकर्ता बाज़ार की स्थितियों के आधार पर अपनी स्वयं की रणनीतियों को भी अनुकूलित कर सकते हैं। 4. लंबित आदेशों का समर्थन करें, उपयोगकर्ताओं को खरीदारी सीमा, बिक्री सीमा आदि निर्धारित करने की अनुमति दें। ऑटो स्निपिंग: समर्थित नहीं ऑटो ट्रेडिंग: समर्थन कॉपी ट्रेडिंग: समर्थित नहीं लाभ/विशेषताएं: पहला बॉट जो टेलीग्राम+वेब को जोड़ता है, और इसके एयरड्रॉप होने की उम्मीद है
पेपेबूस्ट: पेपे बूस्ट इंटरफ़ेस चीनी का समर्थन करता है और मुख्य रूप से चीनी समुदाय पर लक्षित है। अधिकारी ट्विटर का उपयोग करने में भी बहुत अच्छा है, और उसने एक समुदाय-आधारित मुद्रा सट्टेबाजी मॉडल भी विकसित किया है, जिसकी सामुदायिक प्रतिष्ठा अच्छी है।
टीजी लिंक: https://t.me/pepeboost_sol_09_bot टीजी बैकअप: https://t.me/pepeboost_sol099_bot हैंडलिंग शुल्क: 1% सुरक्षा: विकास टीम के पास डेटा सुरक्षा विकास में कई वर्षों का अनुभव है, मल्टी-लेयर एन्क्रिप्शन तकनीक के माध्यम से, यह सर्वर, डेटाबेस, लेनदेन जानकारी भेजने और अन्य पहलुओं से उपयोगकर्ता की निजी कुंजी और फंड की सुरक्षा करता है। उपयोग का अनुभव: 1. कार्य मूल रूप से व्यापक हैं, जिसमें त्वरित स्निपिंग, एक-क्लिक खरीद और बिक्री, एंटी-पिंच ट्रेडिंग, एकाधिक वॉलेट इत्यादि शामिल हैं, और यह रेडियम और ज्यूपिटर डेक्स दोनों का समर्थन करता है। 2. सरल ऑपरेशन, तेज़ लेनदेन गति, श्रृंखला पर स्मार्ट वॉलेट गतिशीलता की स्वचालित निगरानी, और जैसे ही वास्तविक लेनदेन पैक किया जाता है और श्रृंखला पर अपलोड किया जाता है, सूचनाएं ट्रिगर हो जाती हैं। 3. आधिकारिक संचालन क��षमता मजबूत है, और वह व्यक्तिगत रूप से बाजार से "ऑर्डर ले सकता है" समग्र उपयोगकर्ता चिपचिपाहट और रूपांतरण दर अपेक्षाकृत अधिक है। ऑटो स्निपिंग: समर्थित ऑटो ट्रेडिंग: समर्थन कॉपी ट्रेडिंग:समर्थित लाभ/विशेषताएं: सक्रिय चीनी उपयोगकर्ता समूह और मजबूत सामुदायिक संचालन क्षमताएं
जीएमजीएन: जीएमजीएन एक मेम टोकन ट्रैकिंग और विश्लेषण प्लेटफ़ॉर्म है जो कैनलाइन वेबसाइट और ऑन-चेन एसेट डैशबोर्ड के दो कार्यों को एकीकृत करता है। मुख्य विशेषताएं स्मार्ट मनी एड्रेस को ट्रैक करना और टोकन फंड प्रवाह विश्लेषण की निगरानी करना है। यह जानकारी उपयोगकर्ताओं को खरीद और बिक्री को ट्रैक करने की अनुमति देती है और व्यापारियों को ट्रेडिंग सिग्नल प्रदान करती है। जीएमजीएन ने दर्जनों टीजी चैनल विकसित किए हैं, जिनमें जीएमजीएन स्नाइपर बॉट भी शामिल है, जिसका नीचे विश्लेषण किया गया बॉट है।
टीजी लिंक: https://t.me/GMGN_sol_bots_bot टीजी बैकअप: https://t.me/GMGN_sol_backup_bot हैंडलिंग शुल्क: 1% सुरक्षा: अत्याधुनिक सुरक्षा कुंजी प्रबंधन प्रथाओं का उपयोग करते हुए, हम बहु-कारक प्रमाणीकरण (एमएफए) लागू करते हैं, सत्यापन की एक अतिरिक्त परत जिसमें अनधिकृत पहुंच को रोकने के लिए आम तौर पर पासवर्ड और वन-टाइम कोड का संयोजन शामिल होता है। उपयोग का अनुभव: 1. ऑपरेशन अपेक्षाकृत सरल है, और टोकन जोखिमों का आकलन करने के लिए एक सुरक्षा निगरानी बटन है। यह श्रृंखला पर स्मार्ट मनी की गतिशीलता की निगरानी कर सकता है, स्वचालित खरीद + सीमित मूल्य पर बेचने के लिए लंबित ऑर्डर (स्वचालित स्टॉप-प्रॉफिट और स्टॉप-लॉस) सेट कर सकता है, और इसमें एंटी-पिंच फ़ंक्शन भी है। 2. उपयोगकर्ताओं को स्वचालित स्क्रिप्ट बनाने में सहायता करें। ऑटो स्निपिंग: समर्थित नहीं ऑटो ट्रेडिंग: समर्थन कॉपी ट्रेडिंग: समर्थित नहीं लाभ/विशेषताएं: ऑन-चेन ट्रैकिंग आर्टिफैक्ट पर भरोसा करते हुए स्वचालित स्क्रिप्ट निर्माण का समर्थन करता है
एवस्निपरबॉट AveSniperBot एक वन-स्टॉप Web3 इंटरैक्टिव टर्मिनल है जो श्रृंखला पर Dex, DeFi, टोकन और NFT जैसे प्रोटोकॉल को एकत्रित करता है, और सुरक्षित फंड, अधिक पेशेवर डेटा और अधिक सुविधाजनक अनुभव के साथ Web3 इंटरैक्टिव प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
टीजी लिंक: https://t.me/AveSniperbots_Bot टीजी बैकअप: https://t.me/AveSniperBackup_Bot हैंडलिंग शुल्क: 1% सुरक्षा: चीन में हेनान मन्युन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड द्वारा विकसित। कंपनी युआनवर्स सिस्टम विकास और संबंधित सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करती है, और इसने समृद्ध परियोजना अनुभव और तकनीकी भंडार जमा किया है। प्लेटफ़ॉर्म के पास एक मजबूत तकनीकी टीम और ब्लॉकचेन और वित्तीय उद्योग का कई वर्षों का अनुभव है, जो ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म के कुशल संचालन और उपयोगकर्ता फंड की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। उपयोगकर्ता अनुभव: उपयोगकर्ता आम तौर पर एवेन्यू का अच्छा मूल्यांकन करते हैं, यह मानते हुए कि इसका व्यापारिक वातावरण सुरक्षित, सुरक्षित, तेज़ और सुविधाजनक है, और यह विभिन्न प्रकार के मुद्रा विकल्प और पेशेवर ग्राहक सेवा प्रदान करता है। प्लेटफ़ॉर्म को संचालित करना आसान है। उपयोगकर्ता एक सरल संचालन प्रक्रिया के माध्यम से एनएफटी अवतार उत्पन्न और जारी कर सकते हैं, और विभिन्न डिजिटल एसेट ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म तक आसानी से पहुंच सकते हैं ऑटो स्निपिंग: समर्थित ऑटो ट्रेडिंग: समर्थन कॉपी ट्रेडिंग:समर्थित लाभ/विशेषताएं: श्रृंखला पर ��ेजी से खरीदारी और बिक्री (बैचों में की जा सकती है), स्थानांतरण और अन्य कार्य
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भारत-चीन बाहरी लोगों से नफरत करने वाले इसीलिए पिछड़ रहे... बाइडेन ने अप्रवासियों के मुद्दे पर दिया जहरीला बयान, घिरे
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत, चीन, रूस, और जापान को जेनोफोबिक देश कहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन, जापान और भारत में जेनोफोबिया उनके विकास को रोक रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि मा��ग्रेशन अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा रहा है लेकिन ये देश जेनोफोबिया की भावना क�� वजह से माइग्रेशन के नाम से डरते हैं। चीन, जापान और भारत के साथ रूस का नाम भी बाइडेन ने उन देशों में लिया, जेनोफोबिक हैं। जेनोफोबिया से ग्रसित उनको कहा जाता है, जो अजनबियों से डरते या बाहरी अपरिचित व्यक्तियों से नफरत रखते हैं। यानी बाइडेन ने भारत को एक ऐसा देश कहा है, जो दूसरे देशों के लोगों से नफरत करता है।बाइडेन ने बुधवार को इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभियान के दौरान एशियाई और दूसरे गैर अमेरिकी मूल से लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक कारण आप जैसे अनेक लोग हैं। इसकी वजह ये है कि हम आप्रवासियों का स्वागत करते हैं। लेकिन कई देश प्रवासियों को बोझ की तरह देखते हैं। आज आखिर चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह क्यों रुक रहा है, जापान को परेशानी क्यों हो रही है, रूस को क्यों दिक्कत है, भारत क्यों नहीं बढ़ रहा है? इसलिए क्योंकि वे जेनोफोबिक हैं। वे आप्रवासियों को नहीं चाहते हैं लेकिन सच ये है कि आप्रवासी ही हमें मजबूत बनाते हैं। अमेरिकी चुनाव में माइग्रेशन बन रहा मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पिछले महीने अनुमान लगाया था कि 2024 में प्रत्येक देश की वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में धीमी हो जाएगी। ये जापान में 0.9% से लेकर भारत में 6.8% तक होगी। मुद्रा कोष का अनुमान है कि अमेरिका 2.7% की दर से बढ़ेगा, जो पिछले साल की 2.5% दर से थोड़ा तेज है। कई अर्थशास्त्री उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन का श्रेय आंशिक रूप से देश की श्रम शक्ति में विस्तार करने वाले प्रवासियों को देते हैं। इसी बात को बाइडेन ने भी अपने प्रचार के दौरान उठाया है। अमेरिका में इस साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले माइग्रेशन एक मुद्दा बन रहा है। अमेरिकी मतदाताओं के लिए अनियमित प्रवासन की चिंता एक शीर्ष मुद्दा बन गई है। रिपब्लिक पार्टी इसको उठा रही है तो डेमोक्रेटिक बाइडेन भी इस पर बात कर रहे हैं। बाइडेन ने अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप की आप्रवासी विरोधी बयानबाजी की निंदा की है। बाइडेन का कहना है कि प्रवासी परेशानी का सबब नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं। http://dlvr.it/T6J9ZD
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अंतरिक्ष से सूरज को डूबते हुए देखिए, Sunset होते ही अंधेरे में डूब गई धरती, देखें-अद्भुत वीडियो
सूर्योदय और सूर्यास्त प्रकृति के सबसे खूबसूरत नजारों में से एक है. इसे देखने के लिए लोग कई बार तो हजारों किलोमीटर तक चले जाते हैं. धरती पर हम सबने इस नजारे को देखा है और हर बार यह हमें मोहित कर देता है. लेकिन ट्विटर पर एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है, जिसमें अंतरिक्ष से सूर्यास्त का नजारा दिख रहा है. यह दृश्य और भी ज्यादा खूबसूरत है. इससे पहले भी धरती के कई टाइम लैप्स अमेरिकी अंतरिक्ष…
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यूएस के 4 जुलाई अवकाश से पहले तीन मास सूचना में दस मरे, 38 घायल | 10 dead, 38 wounded in three mass shootings ahead of US July 4 holiday
फिलाडेल्फिया, बाल्टीमोर और फोर्ट वर्थ में हुई तीन मास सूचना में हमलों में दस लोगों की मौत हुई है और 38 लोग घायल हुए हैं, अधिकारियों ने बताया, जिसने राष्ट्रपति जो बाइडेन को बंदूक नियंत्रण कानून पास करने के लिए एक नई आवाज दी। फोर्ट वर्थ में, पुलिस ने मंगलवार को अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्थानीय त्योहार के बाद हुई एक मास सूचना में तीन लोगों की मौत हुई ��र आठ घायल हुए, यह पुलिस ने…
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*#रसोई में भोजन बनाना छोड़ने का दुष्परिणाम : ज़रूर समझें
अमेरिका में क्या हुआ जब घर में खाना बनाना बंद हो गया ?
1980 के दशक के प्रसिद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्रियों ने अमेरिकी लोगों को चेतावनी कि यदि वे परिवार में आर्डर देकर बाहर से भोजन मंगवाऐंगे तो देश मे परिवार व्यवस्था धीरे धीरे समाप्त हो जाएगी। साथ ही दूसरी चेतावनी दी कि यदि उन्होंने बच्चों का पालन पोषण घर के सदस्यो के स्थान पर बाहर से पालन पोषण की व्यवस्था की तो यह भी बच्चो के मानसिक विकास व परिवार के लिए घातक होगा।
लेकिन बहुत कम लोगों ने उनकी सलाह मानी। घर में खाना बनाना लगभग बंद हो गया है, और बाहर से खाना मंगवाने की आदत (यह अब नॉर्मल है), अमेरिकी परिवारों के विलुप्त होने का कारण बनी है जैसा कि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी।
घर मे खाना बनाना मतलब परिवार के सदस्यों के साथ प्यार से जुड़ना।
*पाक कला मात्र अकेले खाना बनाना नहीं है। बल्कि केंद्र बिंदु है, पारिवारिक संस्कृति का।*
घर मे अगर कोई किचन नहीं है , बस एक बेडरूम है, तो यह घर नहीं है, यह एक हॉस्टल है।
*अब उन अमेरिकी परिवारों के बारे में जाने जिन्होंने अपनी रसोई बंद कर दी और सोचा कि अकेले बेडरूम ही काफी है?*
1-1971 में, लगभग 72% अमेरिकी परिवारों में एक पति और पत्नी थे, जो अपने बच्चों के साथ रह रहे थे।
2020 तक, यह आंकडा 22% पर आ गया है।
2-पहले साथ रहने वाले परिवार अब नर्सिंग होम (वृद्धाश्रम) में रहने लगे हैं।
3-अमेरिका में, 15% महिलाएं एकल महिला परिवार के रुप में रहती हैं।
4-12% पुरुष भी एकल परिवार के रूप में रहते हैं।
5-अमेरिका में 19% घर या तो अकेले रहने वाले पिता या माता के स्वामित्व में हैं।
6-अमेरिका में आज पैदा होने वाले सभी बच्चों में से 38% अविवाहित महिलाओं से पैदा होते हैं।उनमें से आधी लड़कियां हैं, जो बिना परिवारिक संरक्षण के अबोध उम्र मे ही शारीरिक शोषण का शिकार हो जाती है ।
7-संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 52% पहली शादियां तलाक में परिवर्तित होती हैं।
8- 67% दूसरी शादियां भी समस्याग्रस्त हैं।
अगर किचन नहीं है और सिर्फ बेडरूम है तो वह पूरा घर नहीं है।
संयुक्त राज्य अमेरिका विवाह की संस्था के टूटने का एक उदाहरण है।
*हमारे आधुनिकतावादी भी अमेरिका की तरह दुकानों से या आनलाईन भोजन ख़रीदने की वकालत कर रहे हैं और खुश हो रहे हैं कि भोजन बनाने की समस्या से हम मुक्त हो गए हैं। इस कारण भारत में भी परिवार धीरे-धीरे अमेरिकी परिवारों की तरह नष्ट हो रहे हैं।*
जब परिवार नष्ट होते हैं तो मानसिक और शारीरिक दोनों ही स्वास्थ्य बिगड़ते हैं। बाहर का खाना खाने से अनावश्यक खर्च के अलावा शरीर मोटा और संक्रमण के प्रति संवेदनशील और बिमारीयों का घर हो जाता है।
शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है।
*इसलिए हमारे घर के बड़े-बूढ़े लोग, हमें बाहर के खाने से बचने की सलाह देते थे*
लेकिन आज हम अपने परिवार के साथ रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं...",
स्विगी और ज़ोमैटो के माध्यम से अजनबियों द्वारा पकाए गए( विभिन्न कैमिकल युक्त) भोजन को ऑनलाइन ऑर्डर करना और खाना, उच्च शिक्षित, मध्यवर्गीय लोगों के बीच भी फैशन बनता जा रहा है।
दीर्घकालिक आपदा होगी ये आदत...
*आज हमारा खाना हम तय नही कर रहे उलटे ऑनलाइन कंपनियां विज्ञापन के माध्यम से मनोवैज्ञानिक रूप से तय करती हैं कि हमें क्या खाना चाहिए...*
हमारे पूर्वज निरोगी और दिर्घायु इस लिए थे कि वो घर क्या ...यात्रा पर जाने से पहले भी घर का बना ताजा खाना बनाकर ही ले जाते थे ।
*इसलिए घर में ही बनाएं और मिल-जुलकर खाएं । पौष्टिक भोजन के अलावा, इसमें प्रेम और स्नेह निहित है।*
#भारतीयरसोई #देशीखानपान #अन्नदेवोभव:
#राष्ट्रभक्ति
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बिडेन एडमिनिस्ट्रेशन वैक्सीन कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध का कहना है 'अमेरिकियों पहले'
बिडेन एडमिनिस्ट्रेशन वैक्सीन कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध का कहना है ‘अमेरिकियों पहले’
नई दिल्ली: COVID-19 वैक्सीन के निर्माण के लिए कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के अनुरोध का जवाब देते हुए, जो भारत के टीकाकरण अभियान को धीमा करने की धमकी देता है, एक राज्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि बिडेन प्रशासन को अमेरिकी की जरूरतों को पूरा करना होगा। पहले लोग। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा: “… संयुक्त राज्य अमेरिका और सबसे पहले ए�� महत्वाकांक्षी और प्रभावी और अमेरिकी लोगों को…
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#अदार पूनावाला#अमेरिकी लोग पहले#कोरोनावाइरस#कोविड -19#कोविड का टीका#कोविद टीकाकरण भारत#कोविद वैक्सीन विनिर्माण प्रतिबंध#कोविशिल्ड#जो बिडेन#भारत टीकाकरण अभियान#राष्ट्रपति जो बिडेन
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क्या आप जानते है भारत की पहला कोराना पॉजिटीज मरीज कौन थी
क्या आप जानते है भारत की पहला कोराना पॉजिटीज मरीज कौन थी… और कहां से थी… तो बता दें कि… भारत की पहली कोरोना पॉजिटीज मरीज... दक्षिण भारतीय राज्य केरल में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली 20 साल की एक लड़की थी जो भारत में कोरोनावायरस से पॉजिटीव पाई गई थी। और वे 30 जनवरी 2020 को चीन के वुहान से लौटी थी… दोस्तों ये वहीं वुहान शहर है जहां कोरोना का पहला केस सामने आया था।
क्या आप भारत की सबसे youngest अंग दान करने वाली लड़की के बारे में जानते हैं… अगर नहीं तो आपको बता दें कि, धनिष्ठा नाम की लड़की जो सिर्फ 20 महीने की थी… जो दिल्ली के रोहिणी स्थित अपने घर से खेलते-खेलते बालकनी से नीचे गिर गई थी तब दो दिन बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। तब धनिष्ठा के माता-पिता ने जरूरतमंदो को अंगदान करने का फैसला किया। जिसमें से दिल्ली के ही इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में धनिष्ठा के ह्रदय को बच्चे के शरीर में सफलतापूर्वक प्रतिरोपण कर दिया गया। इसी तरह धनिष्ठा के कलेजे को एक नौ महीने के बच्चे के शरीर में प्रतिरोपित किया गया, उसकी किडनी को एक 34-वर्षीय व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोपित किया गया और उसकी आंखों के कॉर्निया के टिशू को भी भविष्य में इस्तेमाल के लिए संभाल कर रख लिया गया है।
किसिंग किसी भी रिश्ते का प्यार भरा पहलू होता है लेकिन क्या आपने सोचा है... एक प्यारभरी किसिंग से कितने फायदे हो सकते हैं… खासकर, पार्टनर को जब आप प्यार से किस करते हैं, तो शारीरिक और मा��सिक रूप से कई फायदे होते हैं…
इसके अलावा शरीर का रक्त संचार ठीक होता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और खुशी मिलती है।
एक अच्छी किस से शरीर में 2-10 कैलोरी कम होती है, जो वजन कम करने के लिए काफी है।
कई अध्ययन में यह बात भी कही गई है कि किस करने से चेहरे, गर्दन, जॉलाइन की मसल्स टोन होती है। किस करते समय कई मांसपेशियां काम करती हैं, जिससे चेहरा शेप में आता है।
आपने ऐसे बहुत से लोगों को कहते सुना होगा कि, चेहरे पर चमक लानी है तो बर्फ लगाएं… लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि, चेहरे पर बर्फ लगाने से डार्क सर्कल दूर होते हैं, ग्लोइंग स्किन करने में मदद करता है, मुहांसे दूर करने के लिए, बेदाग त्वचा के लिए भी बर्फ का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि बर्फ को सीधा फेस पर नहीं लगाएं, उसे एक कपड़े में लपेटकर अपने फेस पर लगाएं… नहीं तो आपका फेस लाल पड़ सकता है।
सर्दियों में कुछ चीजों का सेवन करना किसी जड़ी-बूटी के सेवन करने से कम नहीं है। जिसमें से एक है तिल… तिल हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि, तिल में पाया जाने वाला तेल हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है…. और दिल पर ज्यादा भार नहीं पड़ने देता यानी दिल की बीमारी दूर करने में भी तिल मददगार है… इसके अलावा… शरीर में खून की मात्रा को सही बनाए रखता है। -बाल और त्वचा को मजबूत और सेहतमंद रखने के लिए रोजाना तिल का सेवन बहुत ही लाभकारी माना जाता है। -तिल में मौजूद प्रोटीन पूरे शरीर को भरपूर ताकत और एनर्जी से भर देता है। इससे मेटाबोलिज्म भी अच्छी तरह काम करता है। लेकिन तिल को ज्यादा नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह गर्म होते हैं इसलिए आपको तिल का सेवन करने में सावधानी रखनी चाहिए। खासतौर पर महिलाओं और छोटे बच्चों को…
साउथ दिल्ली के अरबिंदो मार्ग पर एक तरफ एम्स है, तो दूसरी तरफ देश का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र का अस्पताल सफदरजंग है। आजादी से पहले इस अस्पताल का निर्माण किया गया और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सफदरजंग एयरपोर्ट के पास एक मिलिट्री बेस अस्पताल बनाया गया था, जिसे अमेरिकन हॉस्पिटल भी कहा जाता था। सफदरजंग में एयरपोर्ट होने की वजह से यहां पर अमेरिकी सेना के इलाज के ये अस्पताल बनाया गया था। यह दिल्ली के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है। 1954 में इसे भारत सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन किया। 204 बेड्स की क्षमता के साथ शुरू हुए इस अस्पताल में अब 3000 से भ��� अधिक बेड्स हैं।आजादी के 75 साल बाद ये अस्पताल देशभर के गरीब मरीजों के लिए सबसे बड़ी उम्मीद बन चुका है।
क्या आपने कभी पिंक झील के बारे में सुना है… अगर नहीं तो बता दें कि…
पिंक झील पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में समुंदर के किनारे पर स्थित है और ये झील इसलिए फेमस है क्योंकि इसका पानी गुलाबी दिखाई देता है और कहा जाता है कि उसके अंदर सूक्ष्म जीवाणु है जिससे वे पानी को गुलाबी बनाते हैं और लोग ऊपर से हेलीकॉप्टर के द्वारा झील का नजारा लेते हैं। इस झील का पानी बिल्कुल खारा है... लेकिन जहरीला नहीं है जिसे लोग यहां इसके अंदर तैरते भी है और इसे देखने बहुत सारे पर्यटक आते हैं यह भी एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है|
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Morning News Brief :महाकुंभ में फिर आग; पंजाब CM के दिल्ली आवास पर चुनाव आयोग की रेड; AAP सांसद ने केजरीवाल के घर कूड़ा फेंका
नमस्कार, कल की बड़ी खबर प्रयागराज महाकुंभ की रही, यहां 12 दिन में दूसरी बार आग लगने की घटना हुई। एक खबर दिल्ली चुनाव से जुड़ी रही। आज के प्रमुख इवेंट्स... - संसद का बजट सत्र शुरू होगा। राष्ट्रपति मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। - भारत और इंग्लैंड के बीच टी-20 सीरीज का चौथा मैच पुणे में खेला जाएगा। टीम इंडिया 5 मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे है। अब कल की बड़ी खबरें... महाकुंभ मेला क्षेत्र में फिर आग, भगदड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका
- महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-22 में आग लगने से 15 टेंट जल गए, लेकिन समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। इससे पहले, 19 जनवरी को सिलेंडर ब्लास्ट से 180 पंडाल जल चुके थे। - भगदड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई थी। महाकुंभ में हुई भगदड़ की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक समिति गठित की है। रिटायर्ड जज हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम घटना की जांच के लिए मेला क्षेत्र पहुंचेगी। यह टीम हादसे के कारणों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। 13 जनवरी से अब तक 27.58 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई, जबकि बीते दिन 1.95 करोड़ लोगों ने स्नान किया। दिल्ली चुनाव: पंजाब CM के घर रेड, स्वाति मालीवाल का प्रदर्शन, यमुना पर सियासी घमासान
- चुनाव आयोग ने पैसे बांटने की शिकायत पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिल्ली स्थित आवास पर छापा मारा। - AAP सांसद स्वाति मालीवाल ने सफा�� व्यवस्था को लेकर अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर कचरा फेंका, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। - राहुल गांधी ने यमुना किनारे पहुंचकर केजरीवाल पर तंज कसा और उनसे यमुना में डुबकी लगाने की याद दिलाई। चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल से उनके यमुना जल पर दिए गए बयान का सबूत मांगा है। आयोग ने पूछा कि यमुना के पानी में जहर कहां मिला, इसका प्रमाण 31 जनवरी सुबह 11 बजे तक दें, अन्यथा कार्रवाई होगी। केजरीवाल ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा और वे मुख्य चुनाव आयुक्त को यमुना का पानी भेजेंगे, जिसे प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीकर दिखाने की चुनौती दी।
दिल्ली चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। विपक्ष और AAP के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है, जबकि चुनाव आयोग की सख्ती भी चर्चा में है। सोना पहली बार 81 हजार के पार, चांदी भी हुई महंगी
- गुरुवार को सोने की कीमत 328 रुपए बढ़कर 81,303 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। - पिछले 30 दिनों में सोने के दाम ₹5,141 बढ़ चुके हैं, जबकि चांदी 1,504 रुपए महंगी होकर 92,184 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है। सोने की कीमत बढ़ने के 5 प्रमुख कारण: - अमेरिका में ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद भू-राजनीतिक तनाव और ट्रेड वॉर की संभावना बढ़ी है। - अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती की है और आगे भी कटौती संभव है। - डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से सोने की कीमत बढ़ रही है। - महंगाई बढ़ने से सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में अधिक समर्थन मिल रहा है। - शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ने से निवेशक गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की ओर रुख कर रहे हैं। मौजूदा आर्थिक और वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए सोने की कीमतों में और वृद्धि की संभावना बनी हुई है। 12 साल बाद रणजी में कोहली की वापसी, देखने उमड़ी भारी भीड़
- विराट कोहली ने 12 साल बाद रणजी ट्रॉफी में दिल्ली की ओर से रेलवे के खिलाफ खेलते हुए वापसी की। - अरुण ज��टली स्टेडियम में मुकाबले को देखने के लिए 15 हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे, जिससे माहौल अंतरराष्ट्रीय मैच जैसा हो गया। - इस दौरान एक फैन सुरक्षा घेरा तोड़कर मैदान में घुस आया और कोहली के पैर छूने की कोशिश की। मैच के पहले दिन कोहली की बल्लेबाजी का इंतजार करना पड़ा, क्योंकि स्टंप्स तक दिल्ली ने 41/1 रन बनाए। यश धुल 17 और सनत सांगवान 9 र��� बनाकर नाबाद लौटे। कोहली की रणजी में वापसी ने क्रिकेट प्रेमियों में जबरदस्त जोश भर दिया है, जिससे घरेलू क्रिकेट को भी नई ऊर्जा मिल रही है। अमेरिका में प्लेन और मिलिट्री हेलिकॉप्टर की टक्कर, 67 लोगों की मौत की आशंका
- वॉशिंगटन DC में बुधवार रात पैसेंजर प्लेन और मिलिट्री हेलिकॉप्टर की टक्कर के बाद दोनों पोटोमैक नदी में गिर गए। - हादसे में 67 लोगों के मारे जाने की आशंका है, अब तक 30 शव बरामद किए जा चुके हैं। - टक्कर रोनाल्ड रीगन एयरपोर्ट के पास हुई, जब कंसास से वॉशिंगटन आ रहा US एयरलाइंस का प्लेन ब्लैक हॉक (H-60) हेलिकॉप्टर से टकरा गया। हादसे के बाद प्लेन तीन टुकड़ों में टूटकर नदी में गिरा, जिससे बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। गहरे और मटमैले पानी के कारण गोताखोरों को शव बरामद करने में कठिनाई हो रही है। सर्च ऑपरेशन जारी है और सभी शव निकालने में 1-2 दिन लग सकते हैं। अमेरिकी प्रशासन हादसे की जांच कर रहा है। Read the full article
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पाद या fart -
पाद या fart ये शब्द सुनके अजीब लग रहा होगा। लेकिन जो आज हम आपको बताने जा रहा है वो और भी अजीब है। पहले लोग कहा करते थे की कमाने वाले कुछ भी बेच कर कमा लेते है। और उदहारण देते थे की जैसे लोग हवा को बेचकर भी कमा लेते है जैसे -गुब्बारा देख लो। चलो यहाँ तक तो ठीक था। लेकिन इतना पैसा कमा लेते है और कमाते ही जा रहे है। बहुत अजीब लगा। लेकिन ये सच है। Lush बॉटनिस्ट की एक महिला है जो इससे पैसे कमा रही है।पसीना बहाकर तो कोई भी पैसा कमा ले, मगर बदबू फैलाकर मालामाल होने का हुनर सिर्फ़ Lush Botanist को आता है।ये महिला ऑनलाइन अपनी पाद (fart ) बेचकर लाखों रुपये छापे पड़ी है। लोग इस महिला को Fart करता देखने के लिए अच्छी-खासी रकम चुकाते हैं। कहते हैं न, इस Lush Botanist है, बस बेचने वाला चाहिए।
लश बोटानिका कैसी महिला और क्या करती है -
एक अमेरिकी महिला लश बोटानिका, जो एक YouTuber और एडल्ट स्टार भी हैं, ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने पाद ( फ़ार्ट्स) को ऑनलाइन बेचकर 25,000 डॉलर या 18 लाख रुपये से अधिक कमाए हैं। चैनल 4 के एक साक्षात्कार में, उसने कहा कि यह सब तब शुरू हुआ जब एक व्यक्ति ने उससे संपर्क किया, जिसने उसे एक कस्टम पाद वीडियो बनाने के लिए कहा।लेकिन उन्होंने बताया की पहले वो कैमरे के सामने अपना पादने और खुद को दिखाने के लिए तैयार नहीं थी। लेकिन बिना मन से उन्होंने ये कर लिया और लोगों की इसपे प्रतिक्रिया बहुत ही पॉजिटिव देखकर वो आश्चर्य में पड़ गयी।जल्द ही उसे अन्य लोगों द्वारा कैमरे पर पादने के लिए पैसे की पेशकश करने का अनुरोध मिलने लगा।
एक दिन सबसे अधिक कमाई -
लश बोटानिका ने इंटरव्यू देते वक़्त अपने एक दिन के कमाए गए रूपए का भी खुलासा किया। वो थे 4000 अमेरिकन डॉलर भारत की मुद्रा में ये 3 लाख के आस -पास है।यही कारण है कि वह एक पाद वीडियो के लिए $175 डॉलर या 12,000 रुपये तक चार्ज कर सकती हैं।Lush Botanist ख़ुद को 'इंटरनेट की फ़ार्ट क्वीन' मानती हैं। उनसे बार-बार कैमरे पर Fart करने का अनुरोध करते हैं उन्हें Fart करते हुए देखने के लिए पैसा भी देते हैं।ऐसे में वो ये काम तीन ��ाल से कर रही हैं।इतना ही नहीं, वो अपनी Fart की आवाज़ को बेहतरीन बनाने के लिए माइक्रोफ़ोन का भी इस्तेमाल करती हैं।
किन चीजें का ध्यान देती है -लश अच्छा पादने के लिए -
कोई भी काम आसान नहीं है और पैसे के लिए पादना तो और मुश्किल है। इतनी बार पादना भी आसान काम नहीं है। उन्हें कई तरह के कुछ खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, डेयरी खाने की जरूरत पड़ती है,भले ही वह लैक्टोज असहिष्णु है।लैक्टोज असहिष्णु से मतलब ये है की शरीर में लैक्टेज एंजाइम की कमी होती है तो लैक्टोज टूट नहीं पाता और दूध पचता नहीं है।Lush अपनी पाद ( fart ) की क्वालिटी मेनटेन करने के लिए डाइट पर भी बहुत ध्यान देती हैं।परमेसन चीज़ अक्सर उसके फ़ार्ट्स को ‘सल्फ्यूरी’ बनाती है और मोज़ेरेला चीज़ उसे ‘चुलबुली’ ध्वनि देती है।
लोगो के अजीबो ग़रीब रिक्वेस्ट -
वह फ़ार्ट्स के जार और उन वस्तुओं को भी भेजती है जिन पर फ़ार्ट किया गया है। उसने याद किया कि एक बार उसने एक ग्राहक के लिए फ्लेवर्ड लॉलीपॉप पर पाद किया था।सबसे अजीब अनुरोध के बारे में बात करते हुए,उसने खुलासा किया कि एक ग्राहक ने एक बार उसे एक मॉडल ट्रेन के सेट से एक छोटी मूर्ति पर पादने के लिए कहा।यही दुनिया है लोगों के अज़ब गज़ब शौक है।ये लेख मनोरंजन के लिखा गया है। अगरआप को हमारे आर्टिकल पसंद आ रहे है तो हमे अपना प्यार दे।
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बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिका को दो टूक, कहा, हमास के अंत के लिए राफा में ग्राउंड ऑपरेशन जरूरी
बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिका को दो टूक, कहा, हमास के अंत के लिए राफा में ग्राउंड ऑपरेशन जरूरी
Israel News: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दोहराया है कि वैश्विक चिंताओं के बावजूद, उनकी सेना राफा में जमीनी अभियान को आगे बढ़ाएंगी. टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी इसके बारे में बताया है. बता दें कि अमेरिका राफा में इजरायल के ग्राउंड ऑपरेशन के खिलाफ है. उसका मानना है कि इससे गाजा में मानवीय संकट और बढ़ेगा, जहां पहले ही लाखों लोग…
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मित्रों, यह सम्भव है कि आपने पहले ही इस संदेश को पढा हो। परन्तु इसे ध्यान से पुनः पढें और सम्पूर्ण परिवार, बच्चों और मित्रों में गम्भीरता से चर्चा करें। भविष्य में किसी भी इस तरह की साजिश से बचने के लिए, अत्यंत सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे सभी निर्माताओं और कलाकारों का पूर्ण बहिष्कार करना अति आवश्यक है।
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#Serious_Post
*हिंदुओं के खिलाफ ज़हर फैला रहा है बॉलीवुड,....IIM के प्रोफेसर धीर�� शर्मा की अहमदाबाद से आयी सनसनीखेज रिपोर्ट*...
*अक्सर कहा जाता है कि बॉलीवुड की फिल्में हिंदू और सिख धर्म के खिलाफ लोगों के दिमाग में धीमा ज़हर भर रही हैं। इस शिकायत की सच्चाई जानने के लिए अहमदाबाद में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) के एक प्रोफेसर ने एक अध्ययन किया है*
*जिसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। आईआईएम के प्रोफेसर धीरज शर्मा ने बीते छह दशक की 50 बड़ी फिल्मों की कहानी को अपने अध्ययन में शामिल किया और पाया कि बॉलीवुड एक सोची-समझी रणनीति के तहत बीते करीब 50 साल से लोगों के दिमाग में यह बात भर रहा है कि हिंदू और सिख दकियानूसी होते हैं।*
*उनकी धार्म���क परंपराएं बेतुकी होती हैं। मुसलमान हमेशा नेक और उसूलों पर चलने वाले होते हैं। जबकि ईसाई नाम वाली लड़कियां बदचलन होती हैं। हिंदुओं में कथित ऊंची जातियां ही नहीं, पिछड़ी जातियों के लिए भी रवैया नकारात्मक ही है। यह पहली बार है जब बॉलीवुड फिल्मों की कहानियों और उनके असर पर इतने बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है।*
*ब्राह्मण नेता भ्रष्ट , वैश्य बेइमान कारोबारी!*
*आईआईएम के इस अध्ययन के अनुसार फिल्मों में 58 फीसदी भ्रष्ट नेताओं को ब्राह्मण दिखाया गया है। 62 फीसदी फिल्मों में बेइमान कारोबारी को वैश्य सरनेम वाला दिखाया गया है। फिल्मों में 74 फीसदी सिख किरदार मज़ाक का पात्र बनाया गया। जब किसी महिला को बदचलन दिखाने की बात आती है तो 78 फीसदी बार उनके नाम ईसाई वाले होते हैं। 84 प्रतिशत फिल्मों में मुस्लिम किरदारों को मजहब में पक्का यकीन रखने वाला, बेहद ईमानदार दिखाया गया है। यहां तक कि अगर कोई मुसलमान खलनायक हो तो वो भी उसूलों का पक्का होता है।*
*हैरानी इस बात की है कि यह लंबे समय से चल रहा हैऔरअलग-अलग समय की फिल्मों में इस मैसेज को बड़ी सफाई से फिल्मी कहानियों के साथ बुना जाता है। अध्ययन के तहत रैंडम तरीके से 1960 से हर दशक की 50-50 फिल्में चुनी गईं। इनमें A से लेकर Z तक हर शब्द की 2 से 3 फिल्में चुनी गईं। ताकि फिल्मों के चुनाव में किसी तरह पूर्वाग्रह न रहे। अध्ययन के नतीजों से साफ झलकता है कि फिल्म इंडस्ट्री किसी एजेंडे पर काम कर रही है।*
*बजंरगी_भाईजान देखने के बाद अध्ययन*
*प्रोफेसर धीरज शर्मा कहते हैं कि “मैं बहुत कम फिल्में देखता हूं। लेकिन कुछ दिन पहले किसी के साथ मैंने बजरंगी भाईजान फिल्म देखी। मैं हैरान था कि भारत में बनी इस फिल्म में ज्यादातर भारतीयों को तंग सोच वाला, दकियानूसी और भेदभाव करने वाला दिखाया गया है। जबकि आम तौर पर ज्यादातर पाकिस्तानी खुले दिमाग के और इंसान के बीच में फर्क नहीं करने वाले दिखाए गए हैं।” यही देखकर उन्होंने एक तथ्यात्मक अध्ययन करने का फैसला किया।*
*वो यह जानना चाहते थे कि फिल्मों के जरिए लोगों के दिमाग में गलत सोच भरने के जो आरोप लगते हैं क्या वाकई वो सही हैं? यह अध्ययन काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि फिल्में नौजवान लोगों के दिमाग, व्यवहार, भावनाओं और उनके सोचने के तरीके को प्रभावित करती हैं। यह देखा गया है कि फिल्मों की कहानी और चरित्रों के बर्ताव की लोग निजी जीवन में नकल करने की कोशिश करते हैं।*
*पाकिस्तान_और_इस्लाम का महिमामंडन*......
*प्रोफेसर धीरज और उनकी टीम ने 20 ऐसी फिल्मों को भी अध्ययन में शामिल किया जो पिछले कुछ साल में पाकिस्तान में भी रिलीज की गईं। उनके अनुसार ‘इनमें से 18 में पाकिस्तानी लोगों को खुले दिल और दिमाग वाला, बहुत सलीके से बात करने वाला और हिम्मतवाला दिखाया गया है। सिर्फ पाकिस्तान की सरकार को इसमें कट्टरपंथी और तंग नजरिए वाला दिखाया जाता है।*
*ऐसे में सवाल आता है कि हर फिल्म भारतीय लोगों को पाकिस्तानियों के मुकाबले कम ओपन-माइंडेड और कट्टरपंथी सोच वाला क्यों दिखा रही है? इतना ही नहीं इन फिल्मों में भारत की सरकार को भी बुरा दिखाया जाता है।*
*पाकिस्तान में रिलीज़ हुई ज्यादातर फिल्मों में भारतीय अधिकारी अड़ंगेबाजी करने वाले और जनता की भावनाओं को नहीं समझने वाले दिखाए जाते हैं।’ फिल्मों के जरिए इमेज बनाने-बिगाड़ने का ये खेल 1970 के दशक के बाद से तेजी से बढ़ा है। जबकि पिछले एक दशक में यह काम सबसे ज्यादा किया गया है। 1970 के दशक के बाद ही फिल्मों में सलीम-जावेद जैसे लेखकों का असर बढ़ा, जबकि मौजूदा दशक में सलमान, आमिर और शाहरुख जैसे खान हीरो सक्रिय रूप से अपनी फिल्मों में पाकिस्तान और इस्लाम के लिए सहानुभूति पैदा करने वाली बातें डलवा रहे हैं।*
*बच्चों के दिमाग पर बहुत बुरा असर अध्ययन के तहत फिल्मों के असर को जानने के लिए इन्हें 150 स्कूली बच्चों के एक सैंपल को दिखाया गया।* *प्रोफेसर धीरज शर्मा के अनुसार 94 प्रतिशत बच्चों ने इन फिल्मों को सच्ची घटना के तौर पर स्वीकार किया।’ यह माना जा सकता है* *कि फिल्म वाले पाकिस्तान, अरब देशों, यूरोप और अमेरिका में फैले भारतीय और पाकिस्तानी समुदाय को खुश करने की नीयत से ऐसी फिल्में बना रहे हों। लेकिन यह कहां तक उचित है कि इसके लिए हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों को गलत रौशनी में दिखाया जाए?*
*वैसे भी इस्लाम को हिंदी फिल्मों में जिस सकारात्मक रूप से दिखाया जाता है, वास्तविक दुनिया में उनकी इमेज इससे बिल्कुल अलग है। आतंकवाद की ज्यादातर घटनाओं में मुसलमान शामिल होते हैं, लेकिन फिल्मों में ज्यादातर आतंकवादी के तौर पर हिंदुओं को दिखाया जाता है। जैसे कि शाहरुख खान की ‘मैं हूं ना’ में सुनील शेट्टी एक आतंकी संगठन का मुखिया बना है जो नाम से हिंदू है।*
*सलीम जावेद सबसे बड़े जिहादी सलीम जावेद* *की लिखी फिल्मों में हिंदू धर्म को अपमानित करने की कोशिश सबसे ज्यादा दिखाई देती है।* *इसमें अक्सर अपराधियों का महिमामंडन किया जाता है। पंडित को धूर्त, ठाकुर को जालिम, बनिए को सूदखोर, सरदार को मूर्ख कॉमेडियन आदि ही दिखाया जाता है। ज्यादातर हिंदू किरदारों की जातीय पहचान पर अच्छा खासा जोर दिया जाता था।* *इनमें अक्सर बहुत चालाकी से हिंदू परंपराओं को दकियानूसी बताया जाता था। इस जोड़ी की लिखी तकरीबन हर फिल्म में एक मुसलमान किरदार जरूर होता था जो बेहद नेकदिल इंसान और अल्ला का बंदा होता था। इसी तरह ईसाई धर्म के लोग भी ज्यादातर अच्छे लोग होते थे।*
*सलीम-जावेद की फिल्मों में मंदिर और भगवान का मज़ाक आम बात थी। मंदिर का पुजारी ज्यादातर लालची, ठग और बलात्कारी किस्म का ही होता था। फिल्म “शोले” में धर्मेंद्र भगवान शिव की आड़ लेकर हेमा मालिनी को अपने प्रेमजाल में फँसाना चाहता है, जो यह साबित करता है कि मंदिर में लोग लड़कियाँ छेड़ने जाते हैं। इसी फिल्म में एके हंगल इतना पक्का नमाजी है कि बेटे की लाश को छोड़कर, यह कहकर नमाज पढ़ने चल देता है कि उसने और बेटे क्यों नहीं दिए कुर्बान होने के लिए।*
*दीवार फिल्म का अमिताभ बच्चन नास्तिक है और वो भगवान का प्रसाद तक नहीं खाना चाहता है, लेकिन 786 लिखे हुए बिल्ले को हमेशा अपनी जेब में रखता है और वो बिल्ला ही बार-बार अमिताभ बच्चन की जान बचाता है। फिल्म “जंजीर” में भी अमिताभ बच्चन नास्तिक हैं और जया, भगवान से नाराज होकर गाना गाती है, लेकिन शेरखान एक सच्चा मुसलमान है। फिल्म ‘शान” में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर साधु के वेश में जनता को ठगते हैं, लेकिन इसी फिल्म में “अब्दुल”* *ऐसा सच्चा इंसान है जो सच्चाई के लिए जान दे देता है। फिल्म “क्रान्ति”* *में माता का भजन करने वाला राजा (प्रदीप कुमार) गद्दार है और करीम खान (शत्रुघ्न सिन्हा) एक महान देशभक्त, जो देश के लिए अपनी जान दे देता है।*
*अमर-अकबर-एंथोनी में तीनों बच्चों का बाप किशनलाल एक खूनी स्मगलर है लेकिन उनके बच्चों (अकबर और एंथोनी) को पालने वाले मुस्लिम और ईसाई बेहद नेकदिल इंसान है। कुल मिलाकर आपको सलीम-जावेद की फिल्मों में हिंदू नास्तिक मिलेगा या फिर धर्म का उपहास करने वाला। जबकि मुसलमान शेर खान पठान, डीएसपी डिसूजा, अब्दुल, पादरी, माइकल, डेविड जैसे आदर्श चरित्र देखने को मिलेंगे।*
*हो सकता है आपने पहले कभी इस पर ध्यान न दिया हो, लेकिन अबकी बार ज़रा गौर से देखिएगा केवल "सलीम-जावेद" की ही नहीं, बल्कि "कादर खान, कैफ़ी आजमी, महेश भट्ट" जैसे ढेरों कलाकारों की कहानियों का भी यही हाल है। "सलीम-जावेद"* *के दौर में फिल्म इंडस्ट्री पर दाऊद ��ब्राहिम का नियंत्रण काफी मजबूत हो चुका था। हम आपको बता दें कि सलीम खान सलमान खान के पिता हैं, जबकि जावेद अख्तर आजकल सबसे बड़े सेकुलर का चोला ओढ़े हुए हैं।*
*अब तीनों खान ने संभाली जिम्मेदारी,*
*मौजूदा समय में तीनों खान एक्टर फिल्मों में हिंदू किरदार करते हुए हिंदुओं के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं। इनमें सबसे खतरनाक कोई है तो वो है आमिर खान*। *आमिर खान की पिछली कई* *फिल्मों को गौर से देखें तो आप पाएंगे कि सभी का मैसेज यही है कि भगवान की पूजा करने वाले धार्मिक लोग हास्यास्पद होते हैं। इन सभी में एक मुस्लिम कैरेक्टर जरूर होता है जो बहुत ही भला इंसान होता है। “पीके” में उन्होंने सभी हिंदू देवी-देवताओं को रॉन्ग नंबर बता दिया। लेकिन अल्लाह पर वो चुप रहे।*
*पहलवानों की जिंदगी पर बनी “दंगल” में हनुमान की तस्वीर तक नहीं मिलेगी। जबकि इसमें पहलवानों को मांस खाने और एक कसाई का दिया प्रसाद खाने पर ही जीतते दिखाया गया है। सलमान खान भी इसी मिशन पर हैं, उन्होंने “बजरंगी भाईजान” में हिंदुओं को दकियानूसी और पाकिस्तानियों को बड़े दिलवाला बताया। शाहरुख खान तो “माई नेम इज़ खान” जैसी फिल्मों से काफी समय से इस्लामी जिहाद का काम जारी रखे हुए हैं।*
*संस्कृति को नुकसान की कोशिश*
*हॉलीवुड की फिल्में पूरी दुनिया में अमेरिकी संस्कृति*, *हावभाव और* *लाइफस्टाइल को पहुंचा रही हैं। जबकि बॉलीवुड की फिल्में भारतीय संस्कृति से कोसों दूर हैं। इनमें संस्कृति की कुछ बातों जैसे कि त्यौहार वगैरह को लिया तो जाता है लेकिन उनका इस्तेमाल भी गानों में किया जाता है। लगान जैसी कुछ फिल्मों में भजन वगैरह भी डाले जाते हैं लेकिन उनके साथ ही धर्म का एक ऐसा मैसेज भी जोड़ दिया जाता है कि कुल मिलाकर नतीजा नकारात्मक ही होता है।*
*फिल्मों के बहाने हिंदू धर्म और भारतीय परंपराओं को अपमानित करने का खेल बहुत पुराना है। सिनेमा के शुरुआती दौर में ये होता था लेकिन खुलकर नहीं। लेकिन 70 के दशक के दौरान ज्यादातर फिल्में यही बताने के लिए बनाई जाने लगीं कि मुसलमान रहमदिल और नेक इंसान होते हैं, जबकि हिंदुओं के पाखंडी और कट्टरपंथी होने की गुंजाइश अधिक होती है।*
*आईआईएम के प्रोफेसर धीरज शर्मा की इस स्टडी में होने वाले खुलासों ने सारे देश को झकझोर कर रख दिया है और साथ ही बीजेपी के कद्दावर नेता डॉक्टर सुब्रमणियम स्वामी के उस दावे को भी सही साबित कर दिया, जिसमे उन्होंने कहा है कि बॉलीवुड में दाऊद का कालाधन लगता है और दाऊद के इशारों पर ही बॉलीवुड का इस्लामीकरण किया जा रहा है।*
*स्वामी समेत कई हिन्दू संगठन भी इस बात का दावा कर चुके हैं कि एक साजिश के तहत मोटी कमाई का जरिया बन चुके बॉलीवुड में "हिन्दू" कलाकारों को "किनारे" किया जा रहा है और मुस्लिम हीरो, गायक आदि को ज्यादा से ज्यादा काम दिया जा रहा है.पाकिस्तानी कलाकारों को काम देने के लिए भी दाऊद गैंग बॉलीवुड पर दबाव बनाता है।* 😓😓
साभार..
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2024 में इतिहास रचने को तैयार अमेरिका, 54 साल में पहली बार चंद्रमा पर करेगा सॉफ्ट लैंडिंग?
वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) अपोलो मिशन को दोहराने को तैयार है। इस मिशन को अगले साल यानी जनवरी 2024 में चंद्रमा पर उतारने की उम्मीद है। अंतर सिर्फ इतना होगा कि यह मिशन इस बार पूरी तरह से निजी होगा और इसमें इंसानों की जगह मशीनरी को भेजा जाएगा। अगर यह मिशन सफल साबित हुआ तो अमेरिका की निजी कंपनी इतिहास रच सकती है। नासा ने आखिरी अपोलो मिशन को 1969 में भेजा गया था। इसी दौरान अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर उतरने वाले पहले व्यक्ति बने थे। नासा ने इस मून मिशन को अंजाम देने के लिए निजी अमेरिकी कंपनी एस्ट्रोबोटिक का चुनाव किया है। 24 दिसंबर को लॉन्च होगा रोवर नासा के अनुसार, एस्ट्रोबोटिक का लैंडर पेरेग्रीन का प्रक्षेपण 24 दिसंबर को स्थानीय समयानुसार 1:50 बजे तय किया गया है। इसके फ्लोरिडा से यूनाइटेड लॉन्च एलायंस (यूएलए) वल्कन सेंटौर रॉकेट पर उड़ान भरने की उम्मीद है। इसके बाद लैंडर के 25 जनवरी, 2024 को चंद्रमा पर पहुंचने की उम्मीद है। चंद्रमा पर अभी तक कुल 12 लोग उतरे हैं। हालांकि, दुनिया के सिर्फ चार देशों ने चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की है। इसमें अमेरिका, रूस, चीन और भारत शामिल हैं। भारत के चंद्रयान-3 ने इसी साल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा था। इस क्षेत्र में भारत को छोड़कर अब तक किसी भी देश को सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता नहीं मिली है। रोवर में नहीं होगा कोई इंसान नासा ने बताया है कि एस्ट्रोबोटिक का छह फुट ऊंचे लैंडर पेरेग्रीन में कोई भी नहीं होगा। बल्कि, वह नासा के उपकरणों को लेकर जाएगा, जिनका इस्तेमाल चंद्रमा के पर्यावरण के अध्ययन के लिए किया जाएगा। अभी तक कोई भी निजी कंपनी चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सकी है। ऐसे में एस्ट्रोबोटिक के इस अभियान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस कंपनी का चुनाव नासा के कॉमर्शियल लूनर प्राइवेट सर्विस (सीएलपीएस) पहल का हिस्सा है। इसके तहत नासा विभिन्न अमेरिकी कंपनियों के साथ चंद्रमा की सतह पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी पहुंचाने के लिए काम करता है। प्राइवेट कंपनियों को बढ़ावा दे रहा नासा नासा की वेबसाइट के अनुसार, कंपनियां नासा के लिए पेलोड पहुंचाने पर बोली लगाती हैं, और सीएलपीएस अनुबंध "अनिश्चित डिलीवरी और अनिश्चित मात्रा वाला अनुबंध हैं, जिनका अधिकतम कॉन्ट्रैक्ट मूल्य 2028 तक 2.6 बिलियन डॉलर है। अंतरिक्ष के क्षेत्र के कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, इन निश्चित मूल्य अनुबंधों का उद्देश्य एक लूनर इकॉनमी बनाने में मदद करेगा जो अंतरिक्ष यात्रा के लिए कम कीमतें प्रदान करेगी। सीएलपीएस कार्यक्रम के मैनेजर क्रिस कल्बर्ट ने कहा, "नासा नेतृत्व जोखिमों से अवगत है और उसने स्वीकार किया है क�� इनमें से कुछ मिशन सफल नहीं हो सकते हैं।" "लेकिन भले ही हर लैंडिंग सफल न हो, सीएलपीएस का लूनर इकॉनमी स्थापित करने के लिए आवश्यक वाणिज्यिक बुनियादी ढांचे पर पहले से ही प्रभाव पड़ा है।" http://dlvr.it/SzcRQT
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World War III: युद्ध की तरफ खड़ी है दुनिया ? खाड़ी देशों में अमेरिका ने भेजे सैनिक, ईरान बोला- हमला करेंगे
हाईलाइट
लगभग 3500 सैनिकों की तैनाती करेगा अमेरिका
सुलेमानी के साथ इराकी मिलिशिया के कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस भी मारे गए
अमेरिका-ईरान के विवाद के बाद ट्वीटर पर वर्ल्डवॉर-3 ट्रेंड कर रहा है और पूरी दुनिया के लोग चिंता कर रहे हैं। अमेरिका ने अपने सैनिक खाड़ी देशों में भेजना शुरु कर दिया है। वहीं ईरान ने भी बदला लेने की चेतावनी दी है। ऐसे में स्थिति भयावह होती नजर आ रही है। ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका मध्यपूर्व में लगभग 3,500 और सैनिकों को तैनात करेगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एनबीसी न्यूज ने शुक्रवार को बताया कि 82 वें एयरबोर्न डिवीजन से अतिरिक्त सैनिकों को इराक, कुवैत और क्षेत्र के अन्य हिस्सों में तैनात किया जाएगा। एनबीसी न्यूज ने अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि सैनिक इस क्षेत्र में पहले से तैनात 650 अन्य लोगों के साथ शामिल होंगे और करीब 60 दिनों तक रहेंगे।
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