#अनुशासन
Explore tagged Tumblr posts
vlogrush · 6 months ago
Text
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व: कैसे बनें एक अनुशासित छात्र?
अनुशासित छात्र लिखते हुए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के महत्व को जानें और सीखें कैसे बनें एक अनुशासित छात्र। यह लेख आपको सफलता के लिए आवश्यक कौशल और रणनीतियाँ प्रदान करेगा। विद्यार्थी जीवन एक महत्वपूर्ण समय होता है जो हमारे भविष्य की नींव रखता है। इस समय में अनुशासन का महत्व अत्यधिक होता है। यह लेख आपको बताएगा कि अनुशासन क्यों महत्वपूर्ण है और कैसे आप एक अनुशासित छात्र बन सकते हैं। आइए, इस…
0 notes
geetaparamrahasyam · 8 months ago
Text
किस्मत के भरोसे बैठना बंद करें
यह एक महत्वपूर्ण संदेश है जो हमें अपनी किस्मत या भाग्य पर निर्भर न रहने और अपनी जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करता है। अक्सर लोग अपनी असफलताओं या कठिनाइयों के लिए किस्मत को दोष देते हैं और सुस्त हो जाते हैं। लेकिन यह उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है।
For more details visit - गीता के श्लोकों को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करते हैं। Geeta gyan - Geeta param rahasyam ये श्लोक गीता के महत्वपूर्ण भाग हैं जो मार्गदर्शन के रूप में सेवन किए
हमें समझना चाहिए कि हम अपने भविष्य के नियंता हैं और केवल हमारी मेहनत और प्रयास ही हमारी सफलता तय करेंगे। किस्मत के भरोसे बैठने से कुछ नहीं होगा। हमें लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, योजना बनानी चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
0 notes
todaypostlive · 2 years ago
Text
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पांच नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निकालने की सिफारिश
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पांच नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निकालने की सिफारिश
रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पांच नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित की सिफारिश की गयी है। यह सिफारिश झारखंड प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने की है। प्रभारी अविनाश पाण्डेय व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को सिफारिश की गयी है। समिति ने अपना मंतव्य कमेटि के प्रदेश अध्यक्ष को थमा दिया है। अब प्रदेश अध्यक्ष  प्रभारी को प्रेषित करेगे । रविवार को पार्टी मुख्यालय में अनुशासन समिति की…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
helputrust · 11 days ago
Text
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
लखनऊ, 13 दिसंबर 2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के वित्तीय सहयोग से राजकीय हाई स्कूल, धनुवासांड, मोहनलालगंज में निर्मित शौचालय का लोकार्पण मुख्य अतिथि आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा  हुआ | कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, सुश्री चांदनी, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, प्रधानाचार्या, राजकीय हाई स्कूल, धनुवासांड, मोहनलालगंज, लखनऊ द्वारा राष्ट्रगान, दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण से हुआ |  मुख्य अतिथि का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया गया | स्कूल के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत,  स्वच्छता पर आधारित नाट्य प्रस्तुति की |
मुख्य अतिथि श्री अशोक कुमार ने अपने आशीर्वचन मे कहा कि, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सहयोग से निर्मित यह शौचालय विद्यालय और समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम है । यह शौचालय न केवल स्वच्छता और स्वास्थ्य का प्रतीक है, बल्कि बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण का भी आधार है । मैं हेल्प यू ट्रस्ट और एल्डिको हाउसिंग के प्रयासों की सराहना करता हूं, जिन्होंने इसे संभव बनाया । यह केवल एक संरचना नहीं, बल्कि स्वच्छता, स्वास्थ्य और सम्मान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । शौचालय का उपयोग करना और उसे स्वच्छ रखना हम सभी का कर्तव्य है । स्वच्छता केवल एक आदत नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है । सीमित संसाधन��ं के बावजूद इस विद्यालय में अनुशासन और स्वच्छता पर जो ध्यान दिया जा रहा है, वह प्रेरणादायक है । एक कविता के माध्यम से मैं कहना चाहूंगा:
पगडंडियां छूट गईं, सड़कों पर जाम बहुत है,
फुर्सत कम और काम बहुत है ।
सुख-सुविधाओं का अंबार है,
लेकिन इंसान परेशान बहुत है ।
हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए उपलब्ध संसाधनों का सही उपयोग करना चाहिए । आइए, मिलकर स्वच्छता को अपनी आदत और संस्कृति का हिस्सा बनाएं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “इस शौचालय के निर्माण का उद्देश्य विद्यालय में स्वच्छता की स्थिति को बेहतर बनाना और विद्यार्थियों मे स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है । यह परियोजना छात्रों और समुदाय के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है । इस पहल से न केवल विद्यालय के विद्यार्थियों को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सामूहिक रूप से इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया, जो समाज को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति एक नई दिशा प्रदान करता है ।
बता दे कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना 2012 में लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जनहित और जनकल्याण के उद्देश्य से की गई थी । पिछले 12 वर्षों में, इस ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश में एक सम्मानित जनकल्याणकारी संस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई है । ट्रस्ट, आदरणीय संरक्षक पद्मभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्मश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी, और पद्मश्री अनूप जलोटा के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक उन्नति के लिए सक्रिय है । ट्रस्ट “सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास, सबका प्रयास” को अपना आदर्श मानते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है, जैसे सिया राम की रसोई, वस्त्र वितरण, रक्तदान, बाल गोपाल शिक्षा योजना और जनहित जागरूकता अभियान । कोरोना महामारी के दौरान, ट्रस्ट ने जरूरतमंदों को भोजन, मास्क, सैनिटाइजर, और अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान करके अपनी जनसेवा की प्रतिबद्धता को सिद्ध किया । ट्रस्ट ने लखनऊ में वृद्धा आश्रम, अनाथालय, भगवत गीता सेंटर, और हेल्प यू एकेडमी ऑफ स्पिरिचुअल म्यूजिक जैसी परियोजनाओं को प्रारंभ किया है और देश���र की राजधानियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्यालय स्थापित कर रहा है । ट्रस्ट की प्रबंध समिति में श्रीमती किरन अग्रवाल, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल और डॉ. रूपल अग्रवाल की सक्रिय भूमिका, साथ ही पद्मश्री अनूप जलोटा का मार्गदर्शन, इसे निरंतर नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है ।“
कार्यक्रम में सुश्री चांदनी, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ने कहा कि, “स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता समाज को एक बेहतर दिशा में प्रेरित करती है । एल्डिको ने हमेशा समाज की भलाई को प्राथमिकता दी है, और यह शौचालय उसी भावना का प्रतीक है । हेल्प यू ट्रस्ट के प्रति मैं आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने इस परियोजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया । मेरा सभी से अनुरोध है कि इस शौचालय को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाए रखें । स्वच्छता केवल हमारी आदत नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है और इसे बनाए रखना हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक है ।"
स्कूल की प्रधानाचार्या, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने मुख्य अतिथि, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद किया । उन्होंने कहा कि, “शौचालय के निर्माण से विद्यालय में स्वच्छता के प्रति जागरूकता निश्चित रूप से बढ़ेगी और बच्चे अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रतिबद्ध होंगे ।“
कार्यक्रम में श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, सुश्री चांदनी, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, प्रधानाचार्या, राजकीय हाई स्कूल, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
#ToiletInauguration #CleanIndiaMission #स्वच्छभारतमिशन #CommunityWelfare #SanitationForAll #SanitationAwareness #स्वच्छताजागरूकता #HygieneMatters #SwachhBharat #SocialService #SustainableDevelopment #BetterFacilities #HealthyEnvironment
#NarendraModi #PMOIndia
#YogiAdityanath #UPCM
#EldecoHousingandIndustriesLimited
#JusticeAshokKumar
#ChandaniVij #PratibhaShukla
#HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
#KiranAgarwal #DrRupalAgarwal #HarshVardhanAgarwal
#Followers #Highlight #Topfans
www.helputrust.org
@narendramodi @pmoindia
@MYogiAdityanath @cmouttarpradesh
@HelpUEducationalAndCharitableTrust @HelpU.Trust
@KIRANHELPU
@HarshVardhanAgarwal.HVA @HVA.CLRS @HarshVardhanAgarwal.HelpUTrust
@HelpUTrustDrRupalAgarwal @RupalAgarwal.HELPU @drrupalagarwal
@HelpUTrustDrRupal
@followers @highlight @topfans
9 notes · View notes
colonelrajyavardhanrathore · 2 months ago
Text
Rashtriya Swayamsevak Sangh is a strong symbol of cultural and social unity of the nation: Colonel Rajyavardhan Rathore
Tumblr media
-कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्��ापना दिवस पर समस्त स्वयंसेवकों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं -विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने करोड़ों भारतीयों के व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण में वंदनीय भूमिका निभाई : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ -संघ के हर एक कार्यकर्ता का समर्पण और बलिदान राष्ट्र निर्माण एवं विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ -राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का सशक्त प्रतीक : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
कैबिनेट मंत्री, राजस्थान सरकार कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने मातृभूमि की सेवा के लिए समर्पित, विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस विजयादशमी के अवसर पर समस्त स्वयंसेवकों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, अखण्ड भारत निर्माण के दिव्य ध्येय और राष्ट्र प्रथम की भावना से जोड़ता यह संगठन असंख्य जनों के लिए प्रेरणास्रोत है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मात्र एक संगठन नहीं अपितु निःस्वार्थ सेवा, अनुशासन और अद्वितीय समर्पण का पर्याय है। माँ भारती के वैभव को उच्चतम शिखर पर पहुंचाने हेतु संघ ने करोड़ों भारतीयों के व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण में वंदनीय भूमिका निभाई है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, संघ के सभी स्वयंसेवक देश सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना से ही भारतीय संस्कृति की रक्षा व युवाओं को संगठित कर उनमें राष्ट्रभक्ति के विचारों को सींचने का उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। एक ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज सेवा के कार्यों को गति देकर हर वर्ग को सशक्त बना रहा है, तो दूसरी ओर शैक्षणिक प्रयासों से देशहित के प्रति समर्पित देशभक्तों का निर्माण कर रहा है। संघ के हर एक कार्यकर्ता का समर्पण और बलिदान राष्ट्र निर्माण एवं विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा किया गया हर प्रयास हमारे लिए एक प्रेरणा है। यह संगठन आज राष्ट्र की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का सशक्त प्रतीक है। संघ के अनुशासन, सेवा और राष्ट्रभक्ति के सिद्धांतों पर चलते हुए करोड़ों स्वयंसेवक देश की अखंडता, विकास और संस्कृति के लिए समर्पित हैं। संघ का यह प्रयास हर भारतीय के भीतर राष्ट्र के प्रति गौरव और जिम्मेदारी की भावना को प्रबल करता है। संघ के कार्यों से प्रेरित होकर हम सभी राष्ट्र को सशक्त और समृद्ध बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।
2 notes · View notes
sweatypandabluebird · 3 months ago
Text
Tumblr media
Sant rampal ji Maharaj
संत रामपाल जी महाराज के जो भगत भाई हैं वे अनुशासन से रहते हैं क्योंकि उनको सच्चा गुरु प्राप���त हुआ और सच्चा गुरु वही होता है जो सभी शास्त्रों का खोल करके प्रमाण सहित ज्ञान बताता है और मोच प्राप्ति करवाता है
2 notes · View notes
yog-sandesh · 5 months ago
Text
Tumblr media
अनुशासन के आठ अंग
अष्टांग शब्द संस्कृत के दो शब्दों ‘अष्ट’और ‘अंग’से मिलकर बना है। ‘अष्ट’संख्या आठ को संदर्भित करती है जबकि ‘अंग’ का अर्थ है शरीर या अंग। इसलिए अष्टांग योग, योग के आठ अंगों का एक पूर्ण मिलन है जो कि योग सूत्रों के दर्शन की विभिन्न शाखाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। जीवन के विभिन्न क्षेत्र में अनुशासन के लिए महर्षि पतंजलि ने साधन पाद में इसके बारे में बताया है। योग दर्शन में वर्णित यह आठ अंग हैं यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि।
2 notes · View notes
geeta1726 · 1 year ago
Text
कुंडली में पितृ दोष क्या होता है? इसका निर्वाण कैसे किया जाता है?
कुंडली में "पितृ दोष" एक ज्योतिषीय परंपरागत अवधारित गुण है जिसे किसी के जन्मपत्रिका में पितरों से संबंधित समस्याओं की सूचना के रूप में वर्णित किया जाता है। यह दोष व्यक्ति के पूर्वजों या पितृगण से संबंधित हो सकता है और उसके जीवन में कठिनाएँ उत्पन्न कर सकता है।
पितृ दोष के मुख्य कारणों में शामिल हो सकते हैं:
पितृ शाप: यदि किसी ने अपने पूर्वजों के प्रति अनुशासन न किया हो या किसी ने किसी पूर्वज को अनैतिक तरीके से मारा हो, तो ऐसे पितृ शाप का प्रभाव कुंडली में आ सकता है।
श्राद्ध न करना: श्राद्ध एक पितृ पूजा का रूप है जो पितृगण की आत्माओं की शांति के लिए की जाती है। यदि कोई व्यक्ति श्राद्ध नहीं करता है, तो इससे पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है।
पितृ दोष का निर्वाण करने के लिए व्यक्ति कुछ उपाय कर सकता है:
श्राद्ध और पितृ पूजा: व्यक्ति को श्राद्ध और पितृ पूजा करना चाहिए। इससे पितृगण की आत्माओं को शांति मिलती है और दोष कम होता है।
दान और कर्म करना: व्यक्ति को दान और अच्छे कर्मों का पालन करना चाहिए। यह पितृगण को आत्मिक शांति देने में मदद कर सकता है।
ब्रह्मचर्य और ध्यान: व्यक्ति को ब्रह्मचर्य (ब्रह्मचरी जीवन) का पालन करना और ध्यान में रहना चाहिए। यह भी पितृ दोष को कम करने में सहायक हो सकता है।
यदि किसी को ऐसा लगता है कि उनकी कुंडली में पितृ दोष है और वह इससे प्रभावित हो रहे हैं, तो वह Kundli Chakra 2022 Professional की मदद ले सकते है। जिसकी मदद से ��ुम्हे। उपाए और सुझाव का पता चल सकता है। और आप अपनी सम्पूर्ण कुंडली के बारे में जानकरी जान सकते है।
3 notes · View notes
pinky-nayak-134 · 1 year ago
Text
#Mysterious_Prophecies
महान धार्मिक नेता द ग्रेट शायरन की भविष्यवाणी
वह संत सभी को सामान कायदा नियम अनुशासन पालन करवा कर सत्य पथ पर लेगा मैं (नास्त्रेदमस )एक बात निर्विवाद सिद्ध करता हूं वह शायरन धार्मिक नेता नया ज्ञान आविष्कार करेगा।
#Great_Prophecies_2024
Tumblr media
3 notes · View notes
helpukiranagarwal · 1 year ago
Text
Tumblr media
#त्याग #बलिदान #राष्ट्रसेवा #निष्ठा एवं #अनुशासन के मूलमंत्र से करोड़ों भारतीयों को #मातृभूमि की सेवा के लिए प्रेरित करने वाले #विश्व के सबसे बड़े #स्वयंसेवी_राष्ट्रवादी_संगठन तथा #राष्ट्रहित के लिए सदैव समर्पित #राष्ट्रीय_स्वयंसेवक_संघ' के स्थापना दिवस की सभी स्वयंसेवकों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ ।
#KiranAgarwal
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
2 notes · View notes
vlogrush · 6 months ago
Text
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व: कैसे बनें एक अनुशासित छात्र?
अनुशासित छात्र लिखते हुए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के महत्व को जानें और सीखें कैसे बनें एक अनुशासित छात्र। यह लेख आपको सफलता के लिए आवश्यक कौशल और रणनीतियाँ प्रदान करेगा। विद्यार्थी जीवन एक महत्वपूर्ण समय होता है जो हमारे भविष्य की नींव रखता है। इस समय में अनुशासन का महत्व अत्यधिक होता है। यह लेख आपको बताएगा कि अनुशासन क्यों महत्वपूर्ण है और कैसे आप एक अनुशासित छात्र बन सकते हैं। आइए, इस…
0 notes
helputrust-drrupal · 1 year ago
Text
Tumblr media
#त्याग #बलिदान #राष्ट्रसेवा #निष्ठा एवं #अनुशासन के मूलमंत्र से करोड़ों भारतीयों को #मातृभूमि की सेवा के लिए प्रेरित करने वाले #विश्व के सबसे बड़े #स्वयंसेवी_राष्ट्रवादी_संगठन तथा #राष्ट्रहित के लिए सदैव समर्पित #राष्ट्रीय_स्वयंसेवक_संघ' के स्थापना दिवस की सभी स्वयंसेवकों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ ।
#DrRupalAgarwal
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
2 notes · View notes
omfuedhfuedyrf · 1 year ago
Text
विनाश
यही ईश्वरीय संदेश, ईश्वरीय विश्वविद्यालय, जिसे आप सभी,ब्रह्माकुमारियों के नाम से जानते हैं, के माध्यम से, पूरे विश्व को, कब से द���या जा रहा है। कि अधर्म नाश और सत्य धर्म की स्थापना के लिए ,अवतरित हुए निराकार परमपिता परमात्मा शिव, जिस सत्य धर्म की स्थापना करवा रहे हैं। उस सत्य धर्म का नाम है, आदि सनातन देवी देवता धर्म इस सत्य धर्म, का संबंध, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, से न होकर मानवीय मूल्यों से है। चरित्र से है, नैतिकता से है, सच्चाई, सफाई, ईमानदारी, वफादारी और पवित्रता से है। त्याग, अनुशासन, आदर्श और मर्यादाओं से है। प्राण जाए पर वचन न जाए से है, वास्तव में राम का चरित्र ही सनातन धर्म है, श्रेष्ठ धर्म है, सच्चा धर्म है, मानव जीवन का श्रृंगार है। सनातन धर्म की, बड़ी-बड़ी बातें करने वाले, राम का भव्य मंदिर बनवाने वाले, जय श्री राम का नारा लगाने वाले, धर्म, समाज और राजनेता, सत्य धर्म को कितना अपनाते हैं। राम के चरित्र के मुकाबले, स्वयं को कहां खड़ा पाते हैं। कहां खड़े हैं? इतना ध्यान रहे कि, परमात्मा शिव सत्य धर्म की स्थापना के साथ अधर्म नाश की भी योजना साथ लाते हैं लाए हैं। अब यह आपके ऊपर है, कि आप सत्य धर्म की स्थापना में सहयोगी बनते हैं, या फिर, अधर्म पक्ष में खड़े होकर विनाश को प्राप्त होना चाहते हैं, जैसा आपका निर्णय होगा, वैसा ही परिणाम होगा।
2 notes · View notes
kaminimohan · 1 year ago
Text
Free tree speak काव्यस्यात्मा 1401.
साकार भी निराकार भी 
देवों के देव आदिदेव महादेव 
-© कामिनी मोहन पाण्डेय 
Tumblr media
शिव कल्याणकारी, आनंददायक, त्रिपुरारी, सभी के हृदय में वास करने वाले सत्य स्वरूप, सनातन  साकार और निराकार है। एक कथा के अनुसार देवता और दानव द्वारा समुद्र मंथन के समय निकले हलाहल को जब शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए ग्रहण किया तो हलचल सी मच गई। अपने कंठ में विष को धारण करने के कारण ही वह नीलकंठ कहलाए। विष के प्रभाव से उनके देह में अतिरिक्त ताप उत्पन्न हुआ। 
उच्च ताप के प्रभाव को कम करने के लिए इंद्रदेव ने लगातार जोरदार वर्षा की। यह वर्षा ऋतु सावन महीने में उसी नियत समय से आज भी होती है। आज भी परम प��वन महादेव शिव के हलाहल विष के ताप को कम करने की धारणा को महसूस करते हुए भक्त सावन के पवित्र माह में शिव को शीतलता प्रदान करने के लिए उनके निराकार स्वरूप को जल अर्पित कर शीतलता प्रदान कर पुण्य के भागी बनते हैं। सावन महीने का महत्व इसीलिए अत्यधिक बढ़ जाता है। बांस के बने शिव की उपस्थिति को धारण किए कांवड़ की परंपरा में एक में घट में ब्रह्म-जल दूसरे में विष्णु-जल लेकर भक्त जब आगे बढ़ते हैं, तो त्रिदेव का सुखद संयोग सबके समक्ष उपस्थित हो जाता है। 
हलाहल विष के प्रभाव को कम करने के लिए ही शीतल चंद्रमा को उन्होंने अपने मस्तक पर धारण किया है। हमें यह समझना होगा कि शिव हमारे शरीरों की तरह शरीर धारण करने वाले हैं भी और नहीं भी। वे सभी जीवों के देह में सूक्ष्म रुप से, आत्म स्वरूप में वास करते हैं। वे ही पूरी सृष्टि का प्रतिनिधित्व करते हैं। सब जगह सब तत्व उनमें ही समाहित दिखाई देते हैं। इसीलिए शिव देवों के देव महादेव हैं। 
जीवन यात्रा सत्य स्वरूप तक पहुँचने की यात्रा है। जो हमें प्रेम, अनुशासन, सृष्टि को चलायमान रखने के लिए लोभ, मोह, क्रोध को छोड़कर वैराग्य धारण करते हुए ईश्वरी शक्ति से जुड़ने की प्रेरणा देता है। यह आत्मविश्वास को उत्पन्न करने में करोड़ों लोगों की मदद करने वाला है। कांवड़ यात्रा आत्मा से परमात्मा के योग करने की यात्रा है। यह यात्रा तभी पूर्ण होती है, जब हम शिव तत्व को अपने भीतर महसूस करते हुए उसकी प्रतिध्वनि को शिव के साथ ही ताल से ताल मिला कर महसूस करते हैं। 
कांवड़ यात्री शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने वाले व्यक्ति को मोक्ष की परम आनंद की प्राप्ति होती है। जीवन के कष्ट दूर होते हैं।मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। घर में धन धान्य की कभी कोई कमी नहीं रहती है। 
महर्षि व्यास ने शिव को सबसे महान कहाँ है। उन्हें देवों के देव महादेव कहाँ है। क्योंकि जब कोई निस्वार्थ भाव से महादेव को याद करता है तो देवों के देव महादेव बिना देर किए वरदान देने को तत्पर हो जाते हैं। वे भक्ति से प्रसन्न होते हैं, कौन देवता है, कौन है असुर, वे भेदभाव नहीं करते हैं। सरलता और भोला भालापन उनका स्वरूप है, जो भी भोले भक्त हैं, वह भोले को ख़ूब भाते हैं। शिव, महादेव ही परमपिता परमात्मा कहलाते हैं।
6 notes · View notes
helputrust · 14 days ago
Text
Tumblr media Tumblr media Tumblr media
लखनऊ, 11.12.2024 | ‘भगवद् गीता जयंती’ के शुभ अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में “पुष्प अर्पण” कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल एवं ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट की ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “यह दिन हमें जीवन के वास्तविक उद्देश्य और मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है । भगवद् गीता, जो महाभारत के युद्ध क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को उपदेश के रूप में दी गई, केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन का मार्गदर्शन करने वाला अमूल्य ज्ञान है । गीता हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों न आएं, हमें अपने धर्म और कर्तव्यों का पालन करते हुए आगे बढ़ना चाहिए । यह ग्रंथ हमें कर्म, भक्ति और ज्ञान का संतुलन सिखाता है । श्रीकृष्ण का संदेश है कि हम अपने कर्म करें और फल की चिंता न करें । आज के दिन, हम सभी को गीता के उपदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लेना चाहिए । आइए, हम अपने जीवन को सत्य, निष्ठा और अनुशासन के मार्ग पर चलाने के लिए प्रेरित हों ।“ 
#GeetaJayanti #BhagavadGita #LifeLessons #जय_श्री_कृष्णा
#NarendraModi #PMOIndia
#YogiAdityanath #UPCM
#HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
#KiranAgarwal #DrRupalAgarwal #HarshVardhanAgarwal
#followers #highlight #topfans
www.helputrust.org
@narendramodi @pmoindia
@MYogiAdityanath @cmouttarpradesh
@HelpUEducationalAndCharitableTrust @HelpU.Trust
@KIRANHELPU
@HarshVardhanAgarwal.HVA @HVA.CLRS @HarshVardhanAgarwal.HelpUTrust
@HelpUTrustDrRupalAgarwal @RupalAgarwal.HELPU @drrupalagarwal
@HelpUTrustDrRupal
@followers @highlight @topfans
9 notes · View notes
deepjams4 · 1 year ago
Text
पैदा होने से अंतिम समय तक!
बचपन से किशोरावस्था, जवानी,मध्य आयु, वृद्धावस्था
पार कर वयोवृद्ध होने तक
जीवन के विभिन्न पड़ावों में अधिकांश व्यक्तियों को
विभिन्न मानसिक अवस्थाओं से भी गुजरना पड़ता है
चाहे एक पड़ाव से दूसरे की समय अवधि हर एक व्यक्ति
के लिए अलग भले ही क्यों न हो
लाड़ प्यार, प्रोत्साहन, अनुशासन अंकुश डाँट फटकार,
समीक्षा विवेचना आलोचना, प्रशंसा, शोहरत,आदर,
तिरस्कार अधिकांश के लिए कभी प्रसन्नता तो कभी पीड़ा
के क्षण लाते हैं
मगर यह किसी भी व्यक्ति के हाथ में कम और समाज के
हाथ में ज़्यादा है अगर समाज को उसकी ज़रूरत है तो
उसकी वाहवाही है वरना उसकी जगहँसाई है
तिरस्कार झेलेगा जब दूसरों को वो बोझ लगेगा और
शोहरत की बुलंदियाँ छुएगा जब वह दूसरों के लिए
उपयोगी होगा और उन्हें लाभान्वित करेगा
बस यही सिलसिला चलता आया है और इसी तरह चलेगा
चाहे कोई जीयेगा या मरेगा मगर उसका अस्तित्व उससे होने
वाला लाभ ही तय करेगा !
4 notes · View notes