देते कौ हर देत ह
जंहा तन्हा से आन सत् साहेब ज़ी 👏👏
अण देवा मांगत फिरे
परमेश्वर लगे न कान
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कुंभारा परी तु भिमा समाजाला घडविले.....! साहित्य सम्राट लोकशाहीर #अण्णाभाऊ_साठे जयंतीच्या तमाम मातंग बांधवाना व तमाम बांधवाना हार्दिक हार्दिक शुभेच्छा #Annabhau_Sathe 🌹🍀🌹🌻💐🌸🌼🌹🙏 जय शिवराय जय भीम जय महाराष्ट्र जय भारत करतो सर्वाना 🙏🙏🙏🙏 (at Mumbai, Maharashtra) https://www.instagram.com/p/B0nO4hkJhOJ/?igshid=iuyhh7dt2sc1
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दुनिया अजब अनोखी बाता अण वेति पकडे भजन लिरिक्स | Duniya Ajab Anokhi Bata Anveti Pakde Bhajan Lyrics
दुनिया अजब अनोखी बाता अण वेति पकडे भजन लिरिक्स | Duniya Ajab Anokhi Bata Anveti Pakde Bhajan Lyrics
दुनिया अजब अनोखी बाता अण वेति पकडे भजन लिरिक्स, Duniya Ajab Anokhi Bata Anveti Pakde Bhajan Lyrics
~ दुनिया अजब अनोखी ~
दुनिया अजब अनोखी रे ,
बाता अण वेति पकडे।
ताकत वाला मनका सु तो ,
कोई नहीं लड़े।
बिना गुणा का जिव ने तो ,
सबकी सुननी पड़े।
दुनिया अजब अनोखी रे ,
बाता अण वेति पकडे। टेर। …
कुआ में कुत्तो पड़ जावे तो ,
खाली करणो पड़े।
तालाब माई मनक मरे तो ,
कई नहीं करणो पड़े।
दुनिया अजब अनोखी रे…
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महाराज कन्हड़देव को यह समझते देर नही लगी कि अब सुवर्णगिरि की मीनारे रक्तभोग के बिना सुरक्षित नही रह सकती।अतः अपने योग्य पुत्र वीरम को सिंहासन पर बिठाकर "विजय या वीरगति" को सोनगरा तैयार हुए।भीषण रक्तपात हुआ।सल्तनत की विशाल सेना का राजपूतो ने डटकर मुकाबला किया और रणबांकुरों ने मृत्यु देवी को शीश अर्पित किया।क्षत्राणियों ने अपना सतीत्व अग्निदेव को समर्पित किया. कान्हड़देव जब रणखेत रहे तो महज तीन दिन के शासक वीरमदेव स्वम् खुद रणभूमि में आ गए।वीरमदेव ने अपनी तलवार से जो गौहर दिखाया वह इतिहास में सदा सदा के लिए अमर हो गया।जिसके लिए कवि पद्मनाभ ने लिखा... "सोनगरो वंको क्षत्रिय अणरो जोश अपार झेले कुण अण जगत मे वीरम री तलवार' ऐसी किवदंती प्रचलित है कि जब खिलजी की शहजादी फिरोज को वीरम की शहादत की खबर लगी तो उसने भी अपना जीवन समाप्त कर लिया. महावीर वीरमदेव के बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन🙏🙏🙏 https://www.instagram.com/p/CdPqKXwvOzE/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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#वीर_वीरमदेव_चौहान से प्रभावित होकर अलाउद्दीन खिलजी की बेटी शहजादी फिरोजा ने उनसे विवाह करने का प्रण लिया फिरोजा:- "वर वरूं तो वीरमदेव ना तो रहूंगी अकन कूंवारी" खिलजी ने अपनी कन्या का प्रस्ताव भेजा वीरम ने कहा:- मामा लाजे भाटिया, कुल लाजे चहुआण। जे परणु तुरकडी, अवलो उगे भा��।। अर्थात्:- "मैं बादशाह की लडकी से विवाह करू तो मेरा चौहान कुल तो लज्जित होगा ही साथ में मेरा ननिहाल भाटी क्षत्रियों का वंश लज्जित हो जायेगा। इस कारण सूरज भले ही पूर्व से पश्चिम में उगना प्रारम्भ कर दे लेकिन मैं एक मुस्लिम शहजादी से विवाह नहीं कर सकता।" उन्होंने युद्ध स्वीकार किया लेकिन विवाह नहीं किया!! सुरो गढ जालौर रौ सूरा रो सिंणगार । अजै सुनीजै उण धरा वीरम दे हूकार ।। मामा लाजे भाटियां कुल लाजे चौहान । जो परनउ तुरकणी तो पश्चिम उगे भान् ।। सोनगरा वंको क्षात्रिय उणरो जोश अपार । झेले कुण अण जगत में वीरमरी तलवार ।। https://www.instagram.com/p/CWgTJf0IOwc/?utm_medium=tumblr
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Team India के हेड कोच रवि शास्त्री और कोचिंग स्टाफ बुधवार को कर सकते हैं इंग्लैंड से वापसी
Team India के हेड कोच रवि शास्त्री और कोचिंग स्टाफ बुधवार को कर सकते हैं इंग्लैंड से वापसी
टीम इंडिया के हेडबैंग के मौसम की स्थिति खराब हो सकती है। भारत और के संचार टेस्ट से पहली बार स्वास्थ्य और टीम के सदस्यों के लिए डॉ. पुन: पुन: प्रारंभ करनेवाला इन सभी गतिविधियों-पी की रिपोर्ट करता है।
एक प्रकार के संचार के अनुसार, “रवि, श्रीधर और अरूण सम्पूर्ण से स्वस्थ होते हैं। . अगर . . अगर .
आज खत्म हो रहे हैं
बैठकें कि, शास्त्र, अण और श्रीधर ओवल में आपके लिए सही हों। ये सभी 4 लॉग इन हों। 10…
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पुराणों की बीस खास ऐसी बातें जो आपकी जिंदगी बदल सकती है puranon ki bis khaas aisi baten jo aapki jindagi Badal sakti hai
पुराणों की बीस खास ऐसी बातें जो आपकी जिंदगी बदल सकती है puranon ki bis khaas aisi baten jo aapki jindagi Badal sakti hai
पुराण शब्द ‘ पुरा ‘ एवं ‘ अण ‘ शब्दों की संधि से बना है। पुरा का अथ है – ‘ पुराना ‘ अथवा ‘ प्राचीन ‘ और अण का अर्थ होता है कहना या बतलाना। पुराण का शाब्दिक अर्थ है – प्राचीन आख्यान या पुरानी कथा। पुराणों में दर्ज है प्राचीन भारत का इतिहास। आओ जानते हैं 18 पुराणों की 20 खास ऐसी बातें जो आपकी जिंदगी बदल सकती है।
1. शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव कहते हैं कि कल्पना ज्ञान से महत्वपूर्ण है। हम जैसी…
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तीन वर्षमा साढे १७ खर्ब ऋण लिने सरकारी लक्ष्य
१४ साउन, काठमाडौं । सरकारले चालु आर्थिक वर्षसहित आगामी तीन वर्ष भित्र करिव साढे १७ खर्ब ऋण थप्ने लक्ष्य राखेको छ । त्यसमध्ये साढे ९ खर्ब वैदेशिक र ८ खर्ब आन्तरिक ऋण हुनेछ ।
सरकारले चालु आर्थिक वर्ष २०७७/७८ मा मात्र कुल २ खर्ब ९९ अर्ब ५० करोड वैदेशिक ऋण लिने लक्ष्य राखेको छ । यस्तो ऋण आगामी दुई आर्थिक वर्ष २०७८/७९ र ०७९/८०मा अझ वृद्धि हुने भएको छ ।
सरकारले बनाएको मध्यमकालीन खर्च संरचनाअनुसार यस आवपछिका दुई वर्षमा नेपालले क्रमशः ३ खर्ब १५ अर्ब र ३ खर्ब ३५ अर्ब रुपैयाँ वैदेशिक ऋण लिनेछ ।
सरकारले बजेट निर्माणका क्रममा क्रमशः ऋणको हिस्सा बढाइरहेको छ । चालु आवमा मात्र १४ खर्ब ७४ अर्बको बजेट ल्याएको सरकारले खर्च बेहार्ने स्रोतमा ठूलो अंक ऋणको राखेको छ ।
२ खर्ब ९९ अर्ब रुपैयाँ वैदेशिक ऋण लिने लक्ष्य राखेको अर्थ मन्त्रालयले २ खर्ब २५ अर्ब रुपैयाँ आन्तरिक ऋण लिनेछ । राजस्वबाट ८ अर्ब ८९ अर्ब ६२ करोड बेहोर्ने गरी यो वर्ष स्रोत तोकिएको छ ।
झण्डै ८ खर्ब थपिदै आन्तरिक ऋण
सरकारले आगामी तीन वर्षमा आन्तरिक ऋणसमेत ठूलो परिमाणमा थप्दैछ । मध्यमकालीन खर्च संरचनामा उल्लेख भएअनुसार सरकारले आगामी तीन वर्षमा ७ खर्ब ७२ अर्ब १३ करोड रुपैयाँ आन्तरिक ऋण लिने गरी योजना बनाएको छ ।
सरकारले चालु आव २०७७/७८ मा मात्र २ खर्ब २५ अर्ब ऋण लिनेछ । त्यसपछिको दुई वर्षमा क्रमशः २ खर्ब ५२ अर्ब र २ खर्ब ९४ अर्ब रुपैयाँ ऋण लिनेछ । यो ऋण सार्वजनिक ऋण हो । जसलाई प्रतिव्यक्ति ऋण दायित्वका रुपमा गणना गरिन्छ ।
अहिले १४ खर्ब सार्वजनिक ऋण
गत आव २०७६/७७ मा नेपालको सार्वजनिक ऋण बढी थप भयो । किनकी यो वर्ष सरकारले ऋण त थप्यो, तर तीन भने सकेन । महालेखा नियन्त्रक कार्यालयका अनुसार एक वर्षमा सरकारले करीव ३ खर्ब वैदेशिक ऋण र २ खर्बको आन्तरिक अण उठाउने लक्ष्य थियो । त्यसमध्ये आन्तरिक ऋण सबै उठेको छ ।
अब नेपालको आन्तरिक ऋण ६ खर्बभन्दा बढी र वैदेशिक ऋण ८ खर्ब पुगेको छ । यो ऋणलाई प्रतिव्यक्ति ऋणमा परिणत गर्दा एक नेपालीको टाउकोमा करीव साढे ४६ हजार रुपैयाँ पर्न जान्छ ।
��ीन वर्षमा बजेट खर्चको लक्ष्य ५१ खर्ब
मध्यमकालिन खर्च संरचना अनुसार सरकारले चालु आर्थिक वर्षसहित आगामी तीन वर्षमा ५१ खर्ब २७ अर्ब रुपैयाँ बजेट खर्चको लक्ष्य राखेको छ । त्यसमध्ये चालु आवमा मात्र १४ खर्ब ७४ अर्ब ६४ करोड रुपैयाँको बजेट आकार कार्यान्वयन शुरु भएको छ ।
त्यसपछिका दुई वर्षमा बजेटको आकार जोड्दा कुल बजेटको आकार ५१ खर्ब भन्दा माथि पुग्नेछ । आव २०७८/७९ मा १६ खर्ब ९७ अर्ब ५७ करोड रुपैयाँ आकारको बजेट आउनेछ । आव २०७९/८० मा भने १९ खर्ब ५४ अर्ब ९८ करोड रुपैयाँको बजेट बनाउने गरी आकार तोकिएको छ ।
तीन वर्षमा ३२ खर्ब राजस्व
सरकारले चालु आवमा राखेको ८ खर्ब ८९ अर्ब रुपैयाँको लक्ष्यसहित आगामी तीन वर्षमा ३२ खर्ब रुपैया राजस्व संकलनको लक्ष्य राखेको छ । आगामी आव २०७८/७९ मा १० खर्ब ६५ अर्ब र आव २०७९/८० मा भने १२ खर्ब ५६ अर्ब ९५ करोड रुपैयाँ राजस्व संकलनको लक्ष्य राखेको छ ।
गत आवमा अति महंत्वाकांक्षी भएर करिब ३५ प्रतिशतसम्म राजस्व संकलनको लक्ष्य बढाएर बजेट ल्याएको सरकारले चालु आवदेखि भने केही संयमित हुने कोसिस गरेको छ ।
किनकी सरकारले गत आव २०७६/७७ मा ११ खर्ब १२ अर्ब रुपैयाँ राजस्व संकलनको लक्ष्य राखेको थियो । यसमा तीन पटक संशोधन भयो ।
तीन पटकको संशोधनको लक्ष्यसमेत राजस्वले भेट्न सकेन् । अन्त्यमा अर्थ मन्त्रालयले जगेडा तथा कोषहरुमा रहेको पैसा तानतुन पारेर त्यसलाई राजस्वका नाममा गणना गरी लक्ष्य पुरा गरेको प्रचार गरेको थियो ।
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कुंभारा परी तु भिमा समाजाला घडविले.....! साहित्य सम्राट लोकशाहीर #अण्णाभाऊ_साठे जयंतीच्या तमाम मातंग बांधवाना व तमाम बां��वाना हार्दिक हार्दिक शुभेच्छा #Annabhau_Sathe 🌹🌹🙏 जय शिवराय जय भीम जय महाराष्ट्र जय भारत करतो सर्वाना 🙏🙏🙏🙏 (at Mumbai, Maharashtra) https://www.instagram.com/p/B0nI_zeJb7a/?igshid=1g0b8fhjcueil
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साधु भाई ऐसा अण घड ध्याया भजन लिरिक्स | Sadhu Bhai Aisa An Ghad Dhyaya Bhajan Lyrics
साधु भाई ऐसा अण घड ध्याया भजन लिरिक्स | Sadhu Bhai Aisa An Ghad Dhyaya Bhajan Lyrics
साधु भाई ऐसा अण घड ध्याया भजन लिरिक्स, Sadhu Bhai Aisa An Ghad Dhyaya Desi Nirguni Bhajan Lyrics
।। दोहा ।।
माटी कहे कुमार से, तू क्या रोंदे मोहे ।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रोंदुंगी तू रोय।
~ ऐसा अण घड ध्याया ~
आवे नहीं जावे मरे नहीं जन्मे ,
नहीं धुप नहीं छाया।
साधु भाई ऐसा अण घड ध्याया।
जरणी पेला हम जल मिया ,
नहीं अधर सु आया।
बिना धरणी पग धरिया ,
बिना नीर सु नहाया।
साधु भाई ऐसा अण घड ध्याया। टेर।…
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18 पुराणों की 20 बातें life बदल देंगी आपकी ... #news4
पुराण शब्द ‘पुरा’ एवं ‘अण शब्दों की संधि से बना है। पुरा का अथ है- ‘पुराना’ अथवा ‘प्राचीन’ और अण का अर्थ होता है कहना या बतलाना। पुराण का शाब्दिक अर्थ है- प्राचीन आख्यान या पुरानी कथा। पुराणों में दर्ज है प्राचीन भारत का इतिहास। आओ जानते हैं 18 पुराणों की 20 खास ऐसी बातें जो आपकी जिंदगी बदल सकती है।
1. शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव कहते हैं कि कल्पना ज्ञान से महत्वपूर्ण है। हम जैसी कल्पना और…
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2012 में भारत को विश्व कप जिताने वाले 28 साल के इस खिलाड़ी ने भारतीय क्रिकेट से लिया संन्यास
2012 में भारत को विश्व कप जिताने वाले 28 साल के इस खिलाड़ी ने भारतीय क्रिकेट से लिया संन्यास
उन्मुक्त चंद ने भारतीय क्रिकेट से लिया संन्यास: 2012 में पूरी तरह से पूरी तरह से भारत को विश्व कप -19 विश्व कप के लिए विराट कोहली ने विराट कोहली को बदल दिया। अण मुक्त ने 2012 में भारत को था-19 विश्व कप जिताया। उन्होंने कहा कि I
कभी भी, कभी भी घर में कभी भी चालू नहीं होगा और कभी भी चालू नहीं होगा। अहमदाबाद में दिल्ली और मुंबई के लिए.
अनमुक्त ने आज एक अपडेट किया डेटा को जानकारी दी कि अब जीवन की नई…
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मनवा चेतन रहो मेरा भाई भजन लिरिक्स | Manva chetan Raho Mera Bhai Bhajan Lyrics
मनवा चेतन रहो मेरा भाई भजन लिरिक्स | Manva chetan Raho Mera Bhai Bhajan Lyrics
मनवा चेतन रहो मेरा भाई भजन लिरिक्स, Manva chetan Raho Mera Bhai marwadi desi nirguni bhajan lyrics
।। दोहा ।।
कबीर माया मोहिनी, जैसी मीठी खांड।
सतगुरु की किरपा भई, नहीं तौ करती भांड॥
~ मनवा चेतन रहो मेरा भाई ~
सतगुरु मुझ पर मेहर करी जद ,
सूरत लहर में आई।
मनवा चेतन रहो मेरा भाई।
लागा प्रेम उलट गई अण में ,
घट भीतर गुण गाई।
दुविधा दुर्मत दूर करी जद ,
राम भजन लिव आई।
मनवा चेतन रहो मेरा भाई। टेर।…
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तीन तहकै सरकारले आन्तरिक ऋण उठाएर प्रशासनिक खर्च गर्न नपाउने
२१ असार, काठमाडौं । सरकारलाई प्रशासनिक खर्चसमेत धान्न धौ-धौ परेपछि चालु आर्थिक वर्षमा सरकारले करवि २ खर्ब रुपैयाँ आन्तरिक ऋण उठाउँदैछ । यस वर्ष यसरी उठेकै आन्तरिक ऋणबाट सरकारले आफ्नो प्रशासनिक खर्च समेत धान्दैछ । तर, आगामी आर्थिक वर्ष २०७७/७८ मा भने तीन वटै तह (संघ, प्रदेश र स्थानीय)का सरकारले उठाउने आन्तरिक ऋण साधारण प्रकृतिका र प्रशासनिक खर्चमा उपयोग नपाउने भएका छन् ।
राष्ट्रिय प्राकृतिक स्रोत तथा वित्त आयोगले आगामी आर्थिक वर्षका लागि गरेको आन्तरिक ऋणको सिफारिस अनुसार यस्तो ऋण पूँजी निर्माण र दीर्घकालिन लाभका क्षेत्रमा मात्र उपयोग गर्नुपर्नेछ ।
सामान्यतया स्रोतको अभाव हुने बेला घाटा बजेट ल्याउने र त्यसको पूर्तिका लागि आन्तरिक स्रोतका रुपमा आन्तरिक उठाउने लक्ष्य राखिन्छ ।
यस्तो रकम पँजीगत खर्चका काममा उपयोग गर्नुपर्ने आयोगको सिफारिस छ । केन्द्र सरकारले उठाउने आन्तरिक ऋण उच्च तथा दीगो आर्थिक वृद्धि हासिल गर्न मद्दत पुग्ने गरी उपयोग गर्नुपर्ने आयोगको भनाइ छ ।
यसबाहेक संघ, प्रदेश र स्थानीय सरकारले समन्वयात्मक रुपमा आर्थिक तथा भौतिक पूर्वाधार निर्माण गर्न आन्तरिक ऋणको उपयोग गर्न सकिने आयोगको सिफारिसमा उल्लेख छ । तीन वटै तहका सरकारले यो अण अनुत्पादक क्षेत्रमा उपयोग गर्न नपाउने भएका छन् ।
कति उठाउन पाइन्छ आन्तरिक ऋण ?
आयोगको सिफारिसअनुसार केन्द्र सरकारले आर्थिक वर्ष २०७७/७८ को प्रक्षेपित कुल गार्हस्थ उत्पादनको ५.५ प्रतिशतभन्दा बढी आन्तरिक ऋण उठाउन पाउने छैन ।
सरकारले आगामी आवमा २ खर्ब २५ अर्ब रुपैयाँ आन्तरिक ऋण उठाउने लक्ष्य राखेको छ । सरकारले चालु आर्थिक वर्षका लागि भने कुल गार्हस्थ उत्पादनको ५ प्रतिशतसम्म मात्र आन्तरिक ऋण उठाउन पाउने प्रावधान राखेको थियो ।
प्रदेश सरकारले नेपाल सरकारबाट राजस्व बाँडफाँटबाट पाउने राजस्व र आन्तरिक स्रोतबाट हुने राजस्वको योगफलको १२ प्रतिशतसम्म मात्र आन्तरिक ऋण लिन सक्ने गरी आयोगले सिफारिस गरेको छ ।
प्रदेशहरुले ल्याएको बजेटमा भने अपुग अधिकांश बजेटलाई आन्तरिक ऋणमा राखेर विनियोजन भएको छ । खर्च गर्न कमजोर प्रदेशहरुको विनियोजनको तुलनामा चालु आर्थिक वर्षमा औसतः खर्च ५० प्रतिशतभन्दा कम रहेकाले प्रदेशबाट आन्तरिक ऋण उठ्ने सम्भावना भने कम छ ।
प्रदेशहरुलाई भएको सिफारिस अनुसार ७ वटै प्रदेशले अधिकतम १० अर्ब ६९ करोड ७४ लाख रुपैयाँसम्म मात्र आन्तरिक ऋण लिन सक्नेछन् ।
स्थानीय सरकारले नेपाल सरकार र प्रदेश सरकारबाट पाउने राजस्व बाँडफाँट र आन्तरिक स्रोतको योगफलबाट हुने रकमको १२ प्रतिशतसम्म मात्र आन्तरिक ऋण उठाउन पाउने प्रावधान राखिएको छ ।
स्थानीय तहको पूर्वाधार निर्माण गर्ने सन्दर्भमा सरकारी संस्थाबाट हुने ऋण लगानीका हकमा भने ऋणको सीमा राखिएको छैन । ७५३ वटा स्थानीय तहले भने आगामी आवमा अधिकतम ११ अर्ब ६० करोड २ लाख आन्तरिक ऋण लिन सक्नेछन् ।
आन्तरिक ऋणको जोखिम
आयोगले आन्तरिक ऋण धेरै राख्दा अर्थतन्त्रमा हुने प्रभावबारे समेत व्याख्या गरेको छ ।
आन्तरिक ऋण मुलुक भित्र रहेका संघसंस्था तथा व्यक्तिबाट लिइने ऋण हो । यस्तो स्रोतबाट निजी क्षेत्रले समेत ऋण लिन्छ ।
सोहीकारण राज्यले बढी आन्तरिक ऋण उठाउँदा निजी क्षेत्र संकुचनमा जाने सम्भावना रहन्छ । निजी क्षेत्रलाई समेत पर्याप्त पुँजी परिचालन होस् भन्नका लागि राज्यले कम आन्तरिक ऋणमा जोड दिनुपर्ने हुन्छ ।
आन्तरिक मुद्रा बजारमा उतार चढाव रहेको र समय-समयमा बैंक तथा वित्तीय संस्थामा तरलताको समस्या समेत सिर्जना गर्नमा आन्तरिक ऋणले भूमिका खेल्छ । सरकारले बढी ऋण लिँदा बैंक तथा वित्तीय संस्थाको व्याजदरमा चाप पर्छ ।
जसले गर्दा समग्र वित्तीय प्रणालीमा समेत समस्या देखिन सक्छ । सरकारले ठोस नीति बीना ऋण लिन थाल्यो भने यसको अनुत्पादक उपयोग हुने र जसले सरकारको ऋणको आकार मात्र बढ्ने जोखिम भएका कारण समेत आन्तरिक ऋण लिँदा सरकारहरुले पर्याप्त गृहकार्य गर्नुपर्ने आयोगको भनाइ छ ।
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बिहारः बेटे ने किया गांव की लड़की से प्यार तो मां को मिली सजा, 9 घंटे तक बनाया बंधक; बाल काटकर घुमाया
बिहारः बेटे ने किया गांव की लड़की से प्यार तो मां को मिली सजा, 9 घंटे तक बनाया बंधक; बाल काटकर घुमाया
नालंदाः वाट्सएप के अस्थाई थाना क्षेत्र के गांव में एक महिला को एक बाल हैकर घुमाया गया। बैंक खाते में जमा करने के लिए – बदल दिया गया। मादा पर हमला किया हुआ गांव की ही एक गर्ल गर्ल हो है। अण अ के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था।
गर्भवती होने के लिए यह उचित है। कई हों नें उसकी माँ के लोगों के बाल भी काट लें। अपनी बेटी को अपनी बेटी की तरह चार्ज करें।
विशेष रूप से महिलाओं को
अस्थाई थाना में बैठने की स्थिति…
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