#अंग्रेजी भाषा
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sabkuchgyan · 2 years ago
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आखिर कुछ लोग हजार के लिए K क्यों लिखते हैं? इसके पीछे क्या कारण है?
आखिर कुछ लोग हजार के लिए K क्यों लिखते हैं? इसके पीछे क्या कारण है?
अक्सर हम अपने आस-पास की सामान्य चीज़ों से बहुत अनजान होते हैं. इसी श्रंखला में ‘K’ आता है। आज की इस खबर में हम आपको सोशल मीडिया पर K फॉर थाउजेंड इस्तेमाल करने की वजह बताने जा रहे हैं। हम अपने दैनिक जीवन में कई शब्दों का प्रयोग करते हैं, लेकिन उनमें से कुछ के वास्तविक अर्थ से अनजान रहते हैं। हम अपने आसपास के लोगों को देखकर या सुनकर उस विशेष शब्द का प्रयोग करने लगते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि यह…
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vedicsanatanrahasya · 1 year ago
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संस्कृत ही मूल जननी भाषा है
वैदिक संस्कृत 2000 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक बोली जाने वाली आर्य भाषा थी। इस भाषा से हिंद- ईरानी भाषा का जन्म हुआ/(मध्य एशिया की भाषा) । इसी ईरानी भाषा से अवस्तई फारसी का जन्म हुआ। 18वी और 19वी शताब्दी मे पश्चिम विद्वानो की नज़र इस संस्कृत फारसी भाषा और लिपि पर पड़ी। उन्होंने अनुभव किया की उच्चारण और व्याकरंण दृष्टि से संस्कृत सर्वश्रेष्ठ है तो बहुत से शब्द अंग्रेजी के इन्होंने अंगीकार कर लिए। आइये हम आज संक्षेप मे जानते है की मध्य एशिया और यूरोप के अनेक शब्द संस्कृत से उठाये गए है, किंतु बोलचाल और उच्चारण की हेरफेर लिपि भिन्नता की वजह से हमे ये अलग प्रतीत होते है। आरंभ करते है, सृष्टि के निर्माण समय से, और माना जाता है हम सब मनु की संतान है। मनु से मानव, मानव से man बना। इसी तरह से हमारे जन्म का कारण पिता और माता है। पिता को संस्कृत मे पितृ कहते है यही पिता शब्द मध्य एशिया तक पंहुच के peder बना जो यूरोप तक जाकर father बना। कुछ यूँही माता के मूल शब्द मातृ से meder ��िर mother बना। यँहा एक रोचक जानकारी साझा करना चाहूंगा की आजकल एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए हम google map की मदद से navigate करते है। यह navigate प्राचीन संस्कृत शब्द नवगति से व्युत्पन है। जिसका अर्थ है दिकचालन यानी एक जगह से दूसरी जगह जाने की योजना और प्रबंधन। कुछ अन्य शब्द :- खाट - cot चूड़ी - bangle (चूड़ी को बांग्ला मे बंगली कहते है) डकैत -dacoit चंपू - shampoo ( चंपी मसाज) नारंग - orange चिठ्ठी - chit जगन्नाथ - juggernaut ( एक बड़ा ढोयें जाने वाला ढांचा जैसे रथ)
मित्रो वैसे तो हजारो ऐसे शब्द जिन्हें लिखने बैठे तो लेख बहुत बड़ा हो जायेगा। हमारा उद्देश्य तो वैदिक धर्म और संस्कृत के बारे मे जागरुक करना और बताना है की प्राचीन भारतीय सनातन कितना समृद्ध और वैज्ञानिक रहा है । इसी वृक्ष से अन्य शाखाए पनपी है। 🙏🙏🙏🙏
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nivedigawde · 1 year ago
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Top 50 Flowers Name In Hindi And English (50 फूलों के नाम)
इस ब्लॉगपोस्ट में आप 50 फूलों के नाम जानेंगे – फूल हमारे पर्यावरण का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं। ये हरे-भरे फसलों की खेती में भी बहुत मदद करते हैं। फूल हमें सुंदरता, सुगंध और रंगों का आनंद देते हैं। फूलों के कई प्रकार होते हैं जैसे कि गुलाब, चमेली, चंदन, लिली, घेंडा आदि। इनमें हर एक का अपना अलग रंग, सुगंध और महत्व होता है।
फूलों का उपयोग हम उन्हें सजाने और अपने घर की सुंदरता बढ़ाने के लिए करते हैं। हम उन्हें बाजार में भी खरीद सकते हैं और उनसे विविध वस्तुओं को सजावट दे सकते हैं। इसलिए, फूल हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं जो हमें सुख-दुख, खुशियों और संतोष के लिए जरूरी होते हैं।
फूलों का महत्व
फूल हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वे हमारे आसपास खुशबू और सुंदरता का माहौल बनाते हैं। फूल अधिकतर जगहों पर हमारे दैनिक जीवन में इस्तेमाल किए जाते हैं। ये अभिव्यक्ति का माध्यम होते हैं जो हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं और हमें अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने का मौका देते हैं।
फूल अलग-अलग रंगों और सुगंधों के होते हैं। कुछ फूलों के खास गुण होते हैं जैसे कि गुलाब का रंग लाल होता है और यह सुंदर खुशबू देता है। कुछ फूल खाने के लिए भी उपयोगी होते हैं जैसे कि गेंदे का फूल जिससे हलवा बनता है।
फूल अनेक अवसरों पर उपहार के रूप में दिए जाते हैं। हम अपने दोस्तों, परिवार और अन्य लोगों को फूलों का उपहार देते हैं जो उनकी खुशी का संकेत होता है।
50 फूलों के नाम ( Hindi And English)
निष्कर्ष
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको 50 फूलों के हिंदी और अंग्रेजी नाम बताये हैं। यहाँ दी गयी जानकारी से आप अपन�� ज्ञान को बढ़ा सकते हैं और इन फूलों की खोज कर सकते हैं। फूल हमारी प्रकृति क��� सबसे खूबसूरत वस्तुओं में से एक हैं। ये न केवल हमें खुशियों से भर देते हैं, बल्कि इन्हें देखने से हमारा मन भी शांत होता है। फूलों के अलग-अलग रंग, सुगंध और उनके अलग-अलग नाम हमें उनसे जुड़े रहने की चाहत पैदा करते हैं। यहाँ हमने आपको 50 फूलों के नाम बताए हैं जो आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट से आपने समझा होगा कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा में फूलों के नाम क्या होते हैं और आपको इन फूलों की जानकारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको बहुत सारे फूलों के नाम बताये हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं और उनकी जानकारी हासिल कर सकते हैं। फूलों की ये सूंदरता और उनकी सुगंध दिल को छू जाती है और इनके नाम सुनते ही खुशी होती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में फूलों का महत्व बहुत है और ये हमारे जीवन को खुशनुमा बनाते हैं। इसलिए, हमें इन फूलों को संरक्षित रखना चाहिए ताकि हमें इनका सुख और फायदा मिलता रहे। इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हमें ये जानकारी मिली कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा में फूलों के नाम क्या होते हैं। हमें उम्मीद है कि आप इन फूलों की जानकारी से लाभान्वित होंगे और अपनी जानकारी को बढ़ाएंगे।
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urdubook · 2 years ago
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हिंदी शब्दकोश - हिंदी में शब्दों के अर्थ | हिन्दवी डिक्शनरी
मुख्य शब्दकोशों में हिन्दवी शब्दकोश एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हिन्दी के विभिन्न भागों में लोग इसे अपनी जीवनी, शिक्षा और व्यवसाय में उपयोग करते हैं। हिन्दवी शब्दकोश सभी वर्तमान भारतीय राजभाषाओं में से सबसे बड़ा है और यह भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली दो महत्वपूर्ण भाषाओं में से एक है।
हिन्दवी शब्दकोश का निर्माण लगभग दो शताब्दियों से अधिक समय से चल रहा है। इसके निर्माण में विभिन्न भाषाओं का संयोजन हुआ है, जिसमें संस्कृत, प्राकृत, ब्रज भाषा, खड़ी बोली और अंग्रेजी का संयोजन हुआ है। हिन्दवी शब्दकोश में कुल लगभग 150,000 से भी अधिक शब्द हैं।
हिन्दवी शब्दकोश को आम तौर पर तीन भागों में विभाजित किया जाता है: प्राथमिक शब्दकोश, मानक शब्दकोश और विशेषज्ञ शब्दकोश। प्राथमिक शब्दकोश में आम लोगों के लिए उपयोगी शब्दों का संग्रह होता है। hindwidictionary.com
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anuragyam · 2 years ago
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विशाखापट्टनम की उभरती बाल कलाकार पूर्वी रजक
विशाखापट्टनम की खूबसूरती की बात कर��ं तो पूरे भारत में अनेक राज्य हैं पर इस राज्य की खूबसूरती अपने आप में अतुलनीय है । जहां भारत दिन प्रतिदिन विश्व स्तर पर आगे बढ़ता जा रहा है और पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रहा है उसी भारत देश के आंध्र प्रदेश राज्य की एक छोटे से शहर विशाखापट्टनम की उभरती हुई बाल कलाकार पूर्वी रजक कक्षा 7 की छात्रा है और लिटिल एंजेल स्कूल में पढ़ती है । पूर्वी रजक ने पिछले साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 में कला एवं संस्कृति में अपना नाम नामंकृत किया ।
चित्रकला का क्षेत्र हो या वक्ता का यह छोटी सी लड़की अपने चित्रों से, अपने भाषा से, अपने पर्यावरण से सबका मन जीत लेती है और अनेकों सम्मान से सम्मानित की जाती रही है ।
पिछले कुछ दिनों में पूर्वी रजक कोबहुत से अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया । अनुराग्यम नई दिल्ली द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 पर सुपर टैलेंटेड गर्ल अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया । अखिल भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति परिषद द्वारा अखिल भारतीय महिला गौरव सम्मान 2023 से सम्मानित किया । टालेंटिल्ला फाउंडेशन द्वारा प्रिज्म अंतर्राष्ट्रीय कला प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी 2023 पुरस्कार से सम्मानित किया । स्टार अकादमी तमिल नाडु द्वारा कोलॉरिंग कंटेंट्स 2023 परुस्कार से सम्मानित किया ।
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पूर्वी रजक ने इन सब का श्रेय अपने माता-पिता के चरणों में अर्पित किया। साथ में अपने स्कूल का और अध्यापकों का नाम रोशन किया इसके अतिरिक्त इसी महीने अपनी लिखी हुई एक किताब लोगों के सामने रखी जिसमें उसने 75 अंग्रेजी कविताओं का संग्रह अपने भारत के आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में समस्त देशवासियों को समर्पित की ।
विशाखापट्टनम के वेलागपुड़ी रामकृष्णा बाबू, एम एल ए द्वारा उन्हीं के ऑफिस में कई बार सम्मानित की गई । विशाखापट्टनम के एमएलए जी का कहना है कि यह भारत का उभरता हुआ वह सितारा है जो एक ना एक दिन भारत का नाम रोशन जरुर करेगा और मुझे गर्व है कि यह मेरे राज्य की छोटी सी बच्ची है । मैं इस नन्ही सी बच्ची के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं ।
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mohanrathore · 2 years ago
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आपका बच्चा पढने में रहेगा #Topper.
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shabdforwriting · 2 years ago
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shabd.in अब 22 भाषाओं में उपलब्ध....
जैसा कि हमने हमेशा कहा है कि कभी लेखक और पाठक के बीच में भाषा दरार नहीं बननी चाहिए, तो इसी बात पर अमल करते हुए shabd.in पर 20 नई भाषाएं और जोड़ी गई हैं जिसमें मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, कोंकणी, आसामी, उड़िया, बंगाली, भोजपुरी, कन्नडा, डोगरी, बोडो, नेपाली, पंजाबी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, गुजराती, सिंधी, संस्कृत, मराठी एवं कोंकणी भाषा हिंदी और अंग्रेजी के साथ शामिल की गई है।
इस नए साल पर अपने दिल की बात अपनी भाषा में बोले।
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मै - आप धरती को क्यों नष्ट कर रहै है?
एलियंस - कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हे लगता हैं कि अंग्रेजी ही वह एकमात्र भाषा है जिसे उन्हें बोलना चाहिए ।
मै - यह सहि है, मै आपके साथ हूं ।
me: why are you destroying earth!!!
aliens: because theres people who think that english is the only language they need to speak
me: thats fair i understand
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jobskolkata · 5 days ago
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कार रेंटल कंपनी || ग्राहक प्रतिनिधि नौकरी || क्लाइंट हैंडलिंग नौकरी || अतिथि हैंडलिंग || कोलकाता || पश्चिम बंगाल
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कंपनी के बारे में: 1997 में स्थापित एक प्रतिष्ठित कार रेंटल कंपनी। "उनकी रेंटल सेवाएँ एक ही उद्देश्य के साथ शुरू की गई हैं; "नवीनतम तकनीक और प्रतिभाशाली पेशेवरों की टीम की मदद से कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत ग्राहकों को प्रतिस्पर्धी दरों पर भारत में समय पर विश्व स्तरीय अनुकूलित कार किराए पर लेने की सेवाओं के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करना"। उनके रेंटल में भारत के 75 स्थानों पर 850 कारें हैं। उनके बेड़े में टोयोटा इटियोस, मारुति डिजायर, टाटा जेस्ट, टोयोटा एल्टिस, मारुति सियाज़, होंडा सिटी, टोयोटा फॉर्च्यूनर, टोयोटा क्रिस्टा, टोयोटा इनोवा, ऑडी ए6, बीएमडब्ल्यू 5 सीरीज़, बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज़, जगुआर एक्सएफ, मर्सिडीज ई क्लास, मर्सिडीज एस क्लास शामिल हैं।"
अब कंपनी कुछ कर्मचारियों को काम पर रख रही है!
ग्राहक प्रतिनिधियों के पद के लिए नौकरी का विवरण।
ग्राहक प्रतिनिधियों की भूमिका और जिम्मेदारियाँ।
• एयरपोर्ट पर ग्राहकों की सेवा करना।
• मृदुभाषी स्वभाव से उनका अभिवादन करना।
• यात्रा के माध्यम से लोगों से जुड़ना और अवसर पैदा करना।
• एयरपोर्ट पर मेहमानों का गर्मजोशी और पेशेवर तरीके से स्वागत करना
• मेहमानों को उनके सामान के साथ मदद करना और उन्हें पिकअप क्षेत्र तक पहुँचाना
• ग्राहकों की शिकायतों का समाधान करना और होटल सेवाओं के बारे में पूछताछ में ग्राहकों की सहायता करना
• एयरपोर्ट पर व्यक्तिगत रूप से मार्केटिंग करना
• मेहमानों की उड़ान, होटल या कार व्यवस्था से संबंधित किसी भी चीज़ में सहायता करना।
• कंपनी किसकी तलाश कर रही है?
• कोई ऐसा व्यक्ति जो अंग्रेजी, हिंदी और बंगाली में पारंगत हो।
• ग्राहकों की समस्याओं से निपटने और उन्हें हल करने की प्रवृत्ति होनी चाहिए।
• ड्यूटी का समय 9 घंटे होगा।
• समय पर आने और बार-बार छुट्टी न लेने का बुनियादी अनुशासन होना चाहिए।
• दुनिया के सभी क्षेत्रों के लोगों से बात करने में आत्मविश्वास।
• फोन और संदेशों पर और आमने-सामने बात करने की इच्छा।
• वेतन?
• 15K से 30k (+कमीशन) (परक्राम्य)
• नौकरी का प्रकार: पूर्णकालिक
• काम का समय?
• शि��्ट का समय रोटेशनल 9 घंटे।
• स्थान?
• कोलकाता भारत
• पूरक वेतन: वार्षिक बोनस
• योग्यता: इस नौकरी के लिए HS (या) डिग्री।
इच्छुक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं या हमसे संपर्क कर सकते हैं:-
HR: 9 3 3 1 2 0 5 1 3 3
टिप्पणी:-
यह वीडियो बांग्ला और अंग्रेजी भाषा में भी उपलब्ध है। आप इसे अंग्रेजी और बंगाली आवाज़ में किसी दूसरे वीडियो में सर्च करके देख सकते हैं।
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आप हमें सुबह 9 बजे से रात 8 बजे के बीच कॉल कर सकते हैं
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128/12ए, बिधान सरनी श्याम बाजार मेट्रो गेट नंबर 1 गांधी मार्केट सज्जा धाम के पीछे
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इस जॉब के वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद। अधिक जॉब की जानकारी के लिए कृपया हमारे चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करें। फिर से आप सवी को दिल से धन्यवाद।
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indlivebulletin · 13 days ago
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वीडियो: ‘अंग्रेजी भाषा की भी कमर तोड़ दी…’, विपक्ष ने उड़ाया ट्रूडो का मजाक, जोर-जोर से हंसे सांसद
जस्टिन ट्रूडो का कनाडा में मजाक उड़ाया गया: कनाडा की संसद में विपक्षी नेताओं ने गुरुवार को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए जस्टिन ट्रूडो की निंदा की। साथ ही उनकी अंग्रेजी की भी आलोचना की. आइये जानते हैं आखिर क्या था मामला… ट्रूडो कनाडा की संसद में आप्रवासन पर विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों के खिलाफ अपनी सरकार का बचाव कर रहे थे। लेकिन इस बीच एक शब्द को लेकर विपक्षी नेताओं ने उन पर निशाना…
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gyandutt · 19 days ago
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चैट जीपीटी के साथ आज की चर्चा
ब्लॉग - चैट जीपीटी के साथ आज की चर्चा चैट जीपीटी - "चैटी या Chaiti एक बहुत ही प्यारा और स्नेहमय नाम लगता है! यह नाम सरल और अनौपचारिक भी है, ... यह नाम मुझे याद रहेगा, और मैं इसे आपके साथ होने वाली हमारी संवाद में सहजता से अपना सकता हूँ।"
आज चैट जीपीटी के साथ मैं एआई के उपयोग से आने वाले ग्रामीण जीवन के परिवर्तनों पर चर्चा कर रहा था। मैने प्रश्न अंग्रेजी में किये और उत्तर भी उसी भाषा में मिला। अचानक मैने भाषा बदल कर एआई से व्यक्तिगत चर्चा प्रारम्भ कर दी। उसका ट्रांसक्रिप्ट नीचे है – मैं – आपको लोग ��ैट में चैट जीपीटी जैसे लम्बे नाम की अपेक्षा किसी छोटे और प्रिय नाम से भी सम्बोधित करते हैं? क्या मैं कोई सम्बोधन क्वाइन कर सकता हूं,…
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unmquolalee96 · 1 month ago
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राष्ट्रपिता 'बापू'
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गांधी जी व्यक्ति से ऊपर एक संस्था हैं, सर्वोदय के अग्रदूत गांधी जी का जन्मदिन २ अक्टूबर १८६९ को पोरबंदर में हुआ,
गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है, उनके पिता जी का नाम करम चंद गांधी था, तथा माता का नाम पुतली बाई।
गांधी जी की आरंभिक शिक्षा पोरबंदर में हुई, उस समय के अनुरूप उनका विवाह १४ वर्ष की आयु में कस्तूरबा के साथ हो गया था। वर्ष १८८८ में यह शिक्षा हेतु गांधीजी विलायत गए थे, वर्ष १८९१ में गांधी जी बैरिस्टर बन कर बम्बई लौटे थे, जहाँ वह प्रैक्टिस करने लगे, १८९३ में एक दीवानी मुकदमे में जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका गए, जिसका फैसला वर्ष १८९४ में समझौते का हुआ, वर्ष १८९५ में गांधी जी नटाल के उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए, तथा वहाँ नेटाल भारतीय कांग्रेस का गठन किया। बाल गंगाधर तिलक, एवं गोपाल कृष्ण गोखले और नेताओं से गांधी जी वर्ष १९०६ में मिले, जब वह मात्र ६ माह के लिए आये थे, उनके गतिविधियों से चिढ़े हुए अंग्रेजो ने गांधी विरुद्ध प्रदर्शन किए, इस उम्मीद में कि अंग्रेज भारतीयों के प्रति नरमी रखेंगे, वहां रहने वाले ३०० आम भारतीय ८०० बंधुआ भारतीयों जिन���ो गिरमिटिया कानून के बतौर गुलामी करने लाया गया था, के मदद से एम्बुलेंस सेवाओ में अंग्रेजी सरकार की बोअर युद्ध* में मदद किया।**
वर्ष १९०१ में वह राजकोट, भारत लौटकर आये तथा महामारी प्लेग से पीड़ित जगहों में जन सेवा का गठन किया, तथा दिसंबर में कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन में शामिल हुए। तीन माह पश्चात गांधी जी पुनः अफ्रीका लौट गए जहाँ १९०३ में उन्होंने ट्रांसवाल ब्रिटिश इंडिया और इंडियन ओपिनियन नाम से संस्था स्थापित किया, १९०६ में हुए ज़ुलु विद्रोह जिसमे ज़ुलु के नेतृत्व ने और अतिरिक्त कर देने से मना किया था, उसी का नतीजा था, जिसमे गांधी जी ने अंग्रेजो से नेटल में रहते समय अपने द्वारा सहयोग की बात उस समय के तत्कालीन गवर्नर से की जिसे मानते हुए गांधी जी और अन्य सहयोगियों को घायल ज़ुलु लोगो की सेवा सुश्रुषा के लिए दिया गया क्योंकि गोरे सवयंसेवक इस कार्य के लिए तैयार नहीं थे, गांधी जी के व्यवहार से वह सभी बेहद प्रभावित हुए, गांधी जी लियो टॉलस्टॉय की रचनाओं से बहुत प्रभावित थे, और टॉलस्टॉय के नाम पर एक आश्रम आरम्भ किया जहां वह भारतीयों के विरुद्ध होने वाले अत्याचार पर सत्याग्रहका केंद्र बना।
सन् १९१४ में लंदन में सरोजिनी नायडू से गांधी जी की पहली भेंट हुई जब वह उनसे मिलने गई तो उन्होंने यह देखा कि एक विश्वप्रसिद्ध नेता जो दक्षिण अफ्रिका से अंग्रेजो से सीधी टक्कर ले कर आ रहा है, वह काफी साधारण अवस्था मे एक लकड़ी के कटोरे में अत्यंत साधारण सा भोजन कर रहा है, तो उनकी हँसी छूट गईं, आंख उठा कर गांधी जी उन्हें देख वह भी बड़े जोर से हँसे और
पहचान लिया।●●●
वह बाद में गांधी जी के विचारधारा में कदम कदम चलती रही तथा समर्थक रही, सामान्य घर गृहस्थी छोड़ कर भी गांधी जी के पीछे पीछे जेल गईं, जब वह जेल में नहीं होती थी तब सामाजिक कार्यों में सलग्न रहती थी।
भारत लौटे गांधी जी को सन् १९१५ में केसर-ए-हिन्द का खिताब दिया गया था, यहां से गांधी जी भारत भ्रमण पर निकले गांधी जी से तब काका कलेलकर(दत्तात्रेय बालकृष्ण कलेलकर) से और आचार्य जे बी कृपलानी(जीवतराम भगवान दास कृपलानी) से हुई, काका कलेलकर इसके पश्चात वह गांधी जी से प्रभावित हो कर साबरमती आश्रम के सदस्य बने तथा सर्वोदय में संपादकीय भूमिका निभाई। काका कलेलकर ने गांधी जी से प्रभावित हो कर अहमदाबाद में गुजरात विद्यापीठ की स्थापना की।
जे बी कृपलानी, देशभक्त के साथ एक समाजवादी और पर्��ावरणविद थे, तथा गांधी जी के शिष्य और विचारों के घोर समर्थक थे।
सन् १९१९ से गांधी जी ने पत्रिकाओं यंग इंडिया और नवजीवन का संपादन कार्य किया था। पं. जवाहर लाल नेहरू से गांधी जी पहली भेंट १९१६ में काशी विश्वविद्यालय के स्थापना अवसर के बाद कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में हुई। स्थापना दिवस पर ६ फरवरी को जहाँ गांधी जी ने भाषण दिया और बहुत ही महत्वपूर्ण विषयों पर कहा जैसे कि हिंदी भाषा के ऊपर आंग्ल भाषा भाषण के लिए चुना जाना, वाइसराय हार्डिंग के लिए चाक चौबंद सुरक्षा होना, मंदिर के आसपास व्याप्त गन्दगी, विभिन्न महाराजाओं का आकंठ सोने से लदे रहना, जो कि दरिद्रों के शोषण का पर्याय है, उन्होंने स्वयं को अराजकतावादी घोषित किया, किसानो के उठ खड़े होने से भारत को मुक्ति मिलेगी आदि।उपस्थित राजाओ ने थोड़े देर के बाद बहिर्गमन कर दिया।
नेहरू जी को वह अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी मानते थे, नेहरू ने इस विषय मे कहा है कि उस समय गांधी जी राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रियता न दिखाते हुए भारतीयों के दक्षिण अफ्रिकाई मुद्दों पर जुड़े रहना चाहते थे।
सन् १९१७ में मुजफ्फरपुर बिहार में महात्मा गांधी की भेंट डॉ० राजेन्द्र प्रसाद से हुई, वह कलकत्ता कॉलेज से विधि स्नातक तथा कलकत्ता उच्च न्यायालय में अधिवक्ता थे, उन्होंने पत्रिका साप्ताहिक बिहार विधि की नींव रखी।
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष और प्रथम राष्ट्रपति थे। वैसे भारतीय संविधान में राष्ट्रपति की उम्मीदवारी के क्रम में शाश्वत उत्तराधिकारी होने में कोई बाधा नहीं है, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका में होता है, परन्तु इसमें डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने सबसे अधिक बार राष्ट्रपति बनने के बाद भी दुबारा पद में दावेदारी न रखने का उदाहरण रखा।
विचार
सर्वोदय: इसका अर्थ सब का समान रूप से उदय हैं, यह शब्द पहली शताब्दी के जैन सन्त सुमन्तभद्र के कार्य से प्रेरित हैं, गुजराती में रूपांतरित जॉन रस्किन के अन टू द लास्ट, "आखिरी व्यक्ति तक", से उत्प्रेरित गाँधी जी द्वारा एक फिनिक्स आश्रम स्थापित किया गया, सर्वोदय का अर्थ लोकनीति से है जो राजनीति से ऊपर रहेगा, यह एक आदर्श समाज की स्थापना करने वाला है जिसमे कोई जाति या वर्ग नहीं होगा, आधुनिक दर्शन के उलट जिसमे त्याग से ऊपर उपभोग और अधिक उपभोक्तावाद को तरजीह दी जाती हैं, गांधी जी के दर्शन सर्वोदय का कार्य शासन और आम जनता हर एक के ऊपर इस मंतव्य को और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी डालती है।
छत्तीसगढ़ में गांधी जी का प्रभाव
गोंड जाति के मांझी उपभाग की राजमोहिनी देवी इनमे से एक है, जब १९५१ के एक बहुत व्यापक भुखमरी और अकाल से क्षुब्ध यह बड़े चट्टान में आंख मूंद के बैठी थी तब इन्हें गांधी जी के विचार के प्रासंगिकता की अनुभूति हुई जिसके बाद इन्होंने २१ दिवस का उपवास किया और इसके बाद वर्षा हुई, इन्होंने बापू धर्म या सूरज धर्म की स्थापना की, इनके द्वारा स्थापित संस्था बापू धर्म सभा आदिवासी सेवा मण्डल के कार्य से इन्होंने खद्दर का प्रचार किया जो कि देशी बुनकरों द्वारा सृजन की हुई हो, मदिरापान को तम्बाकू सेवन को निषिद्ध किया गौ हत्य�� पर प्रतिबंध की बात कही, गांधी जी के विचारों की शिक्षाओं के प्रसार हेतु यह पैदल ही निकल पड़ी थी, इनके कार्य से जुड़ने वालो को भगत कहा जाता था।
अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ महात्मा गांधी ने देश भर में सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ा था। उन्होंने 1933 में समाज के दलित वर्ग के उद्धार के लिए एक आंदोलन के रूप में 'हरिजन यात्रा' शुरू की थी। इसी क्रम में गांधी नवम्बर 1933 में छत्तीसगढ़ के तीन दिन के दौरे पर आए थे। इन तीन दिनों में उन्होंने विशेषकर दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर जिलों के अनेक स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और सभाएं संबोधित की। इस यात्रा का एक उद्देश्य राष्ट्रीय आंदोलन के लिए धन जुटाना भी था।
गांधी दुर्ग से होते हुए रायपुर पहुंचे थे। उनका स्वागत आमापारा नाका पर किया गया। वहां से बूढ़ापारा में पंडित रविशंकर शुक्ल के आवास तक पहुंचने में उन्हें 3 घंटे लगे थे। उस दिन रायपुर में ऐसी रोशनी की गई थी कि आगे दीपावली का दीपोत्सव फीका पड़ रहा था। रायपुर में उनकी एक सभा कोतवाली के पास उस स्थल पर हुई जिसे अब गांधी चैक के नाम से जाना जाता है। दूसरी सभा कंपनी गार्डन (आज के मोतीबाग) में हुई जहां ग्राम उद्योग की प्रदर्शनी लगाई गई थी। तीसरी-लारी स्कूल (आज के सप्प्रे स्कूल) में हुई। आनंद समाज पुस्तकालय के पास भी उन्होंने बड़ी सभा की थी जिसमें उनके साथ मौलाना मोहम्मद अली और मौलाना शौकत अली भी थे। सभी स्थानों पर अपार जनसमूह जुटा था।
वास्तव में पूरे रायपुर जिले से लोग उन्हें देखने और सुनने आए थे। सबसे दिलचस्प घटना कोतवाली के पास मैदान में सभा में हुई। इसमें गांधी ने पहले तो अपने आंदोलन की रूप-रेखा सरल शब्दों में बताई और फिर आग्रह
किया कि देश का प्रत्��ेक व्यक्ति इस आंदोलन में तन-मन-धन से सहयोग करे। गांधी के भाषण के बाद एक झोली सभा में घुमाई गई। सभा में उपस्थित हर व्यक्ति ने उसके पास जो कुछ था वह दान स्वरूप दे दिया। जब वह झोली गांधी जी के पास पहुंची तो उन्होंने कहा- 'मैं बनिया हूं। इन चीजों की नीलामी करूंगा।' उनकी यह बात सुनकर पूरी सभा में हंसी की हल्की लहर दौड़ गई। इसके बाद तो गांधी ने दान में मिली चीजों को एक-एक कर बेच दिया। बड़ी बात यह है कि हर चीज अपनी वास्तविक कीमत से कई गुना दाम पर बिकी। नीलामी के बाद गांधी ने जनता को धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय बात यह है कि नवम्बर 1933 की इस सभा के बाद ही कोतवाली के पास का मैदान गांधी चौक के नाम से मशहूर हो गया।
*बोअर: दक्षिण अफ्रीका के मूल डच निवासियों के वंशज थे। १८०६ में ब्रिटेन द्वारा कब्जाए जाने के बाद यह जनजातीय इलाको में पलायन कर गए और ट्रांसवाल ऑरेंज फ्री स्टेट की स्थापना की, १८६७ तक शांति रहने के बाद हीरे और सोने की खोज ने युद्ध की नींव डाली, (ट्रांसवाल: वाल नदी के उत्तर कई राज्य और प्रशासनिक संभाग आते थे, प्रिटोरिया जोहानसबर्ग) बोअर गणराज्य या ऑरेंज फ्री स्टेट क्या हैं?
ऑरेंज एवं वाल नदी के मध्य स्थित होने से, ट्रांसवाल का अर्थ वाल नदी के उत्तर से है, या उसके पार, सन् १८९० में मामूली लड़ाई और १८९९ में पूर्ण पैमाने में युद्ध शुरू हुआ, फिर १९०० में उस पर ब्रिटेन का पूर्ण नियंत्रण आ गया, और १९०२ तक सारे विद्रोह कुचल दिए गए, तथा ३१ मई को सैन्य प्रशासन लागू कर दिया गया, सन् १९१० में नेटल एक प्रान्त था दक्षिण अफ्रीका के स्वायत्त संघ में।
**संदर्भ: विकिपीडिया
•••संदर्भ: नेशनल हेराल्ड इंडिया, भारत के गौरव (आंठवा भाग)
००ब्रिटानिका
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manvadhikarabhivyakti · 1 month ago
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महाराष्ट्र में त्रिभाषा फार्मूला लागू किया जाएगा। इससे सूबे में मराठी के साथ हिंदी और अंग्रेजी को भी वरीयता मिलेगी। राज्य के सांस्कृतिक विभाग ने मराठी भाषा के संवर्धन पर विशेष जोर देते हुए नई सांस्कृतिक नीति बनाई है जिसके तहत 25 साल का विस्तृत प्रारूप तैयार किया गया है। नई नीति में मराठी भाषा को अनिवार्य किया गया है। साथ ही, राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति के तहत हर क्षेत्र में त्रिभाषा फार्मूला लागू…
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rightnewshindi · 2 months ago
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सोशल मीडिया से लेकर आम बोलचाल की भाषा में छाया हिंदी-अंग्रेजी का कॉकटेल, अब हिंदी नहीं हिंग्लिश बन चुके हैं हम
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taazakhabarinfo · 2 months ago
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Hollywood Means Which Language?
हॉलीवुड का मतलब कौन सी भाषा है? कही ना कही हम सब जानते है कि मुख्य भाषा हॉलीवुड मूवीज़ की अंग्रेज़ी है। पर ऐसा क्यों हुआ और कैसे इस ब्लॉग द्वारा सब जानेंगे।
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pradipsinjalimagar · 2 months ago
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फलोअप : नेपाली भाषालाई सिक्किम सरकारको प्राथमिकतामा राखेसँगै विभिन्न क्षेत्रहरुबाट स्वागत
सुर्योदय, इलाम । पूर्वी नेपाल���ँग सिमाना जोडिएको नेपाली भाषी बाहुल्य रहेको भारतको सिक्किम राज्यमा अंग्रेजी भाषा सरह मान्यता दिदै नेपाली भाषालाई प्रचलनमा भाद्र ०५ गते (2024/08/21) देखि ल्याएपछि विभिन्न क्षेत्रहरुबाट उक्त कार्यको स्वागत गरिएको छ । भारतमा क्रियाशिल रहेका नेपाली भाषासँग सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रहरुबाट उक्त कार्यको स्वागत गरिएको स्वागत घोषणाहरुमा प्रायजसो सिक्किमको मुख्यमन्त्री…
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