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লঙ্কা জয়ে বাধা সৃষ্টিকারী সমুদ্রের কাছে অসহায় দশরথপুত্র রামের থেকে ভিন্ন ঐ আদিরাম/আদিপুরুষ পরমাত্মা। তিনি ত্রেতাযুগে মুনীন্দ্র ঋষি রূপে আসেন এবং যাঁর কৃপায় নল, নীলের হাত দিয়ে সমুদ্রে ফেলা পাথর ভেসেছিল।
এই আধ্যাত্মিক রহস্য জানতে অবশ্যই দেখুন সাধনা চ্যানেলে সন্ধ্যা ৭:৩০ টায়।
लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे एवं जिनकी कृपा से नल नील के हाथों समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे।
इस आध्यात्मिक रहस्य को जानने के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे।
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শ্রদ্ধেয় সন্ত গরীবদাস জি মহারাজকে ১৭২৭ সালে, ১০ বছর বয়সে, গ্রাম ছুড়ানীর নলা নামক স্থানে কবীর পরমেশ্বর জিন্দা মহাত্মা রূপে প্রাপ্ত হন। তত্ত্বজ্ঞানের পরিচয় করিয়ে সত্যলোক দর্শন করান ও সাক্ষী বানান।
‘অজব নগর মেঁ লে গয়ে,হমকো সতগুরু আন।
ঝিলকে বিম্ব অগাধ গতি, সূতে চাদর তান।
অনন্ত কোটি ব্রহ্মাণ্ড কা এক রতি নহীঁ ভার।
সতগুরু পুরুষ কবীর হৈঁ কুল কে সিরজন হার।।’
आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज को सन् 1727 में 10 वर्ष की आयु में गांव छुड़ानी के नला नामक स्थान पर कबीर परमेश्वर जिंदा महात्मा के वेश में मिले। तत्वज्ञान से परिचित कराकर सतलोक दर्शन करवाकर साक्षी ब��ाया।
अजब नगर में ले गए, हमको सतगुरु आन।
झिलके बिम्ब अगाध गति, सूते चादर तान।।
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार।
सतगुरु पुरुष कबीर हैं कुल के सिरजन हार।।
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भक्ति करना क्यों आवश्यक है? और किसकी भक्ति करनी चाहिए? जानने के लिए अवश्य पढ़ें पुस्तक ज्ञान गंगा।
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कबीर सागर में वर्णन है कि 12 पंथ कबीर साहेब जी के नाम से चलाए जाएंगे लेकिन मूल ज्ञान इनसे कोसों दूर रहेगा।
12वां पंथ गरीबदास जी का होगा जिसमें आगे चलकर स्वयं कबीर परमात्मा ही सतगुरु रूप में आयेंगे और सभी 12 पंथों को मिटाकर यथार्थ 13वां कबीर पंथ चलाएंगे जिसमें मूल ज्ञान, नाम व मोक्ष मंत्र उजागर करेंगे।
कबीर वाणी:-
तेतीस अरब ज्ञान हम भाखा, तत्वज्ञान हम गुप्त राखा।
मूलज्ञान (तत्वज्ञान) तब तक छुपाई, जब लग द्वादश पंथ ना मिट जाई।।
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Dear sisters and brothers reading this message,
It is a humble request to all of you that with the grace of Ram Pal Ji Maharaj, a grand feast is being organized on 17th, 18th, 19th, and 20th February 2024. You and your families are cordially invited.
Cordially invited means you must come. We will eagerly await your arrival. 🙏
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#हिन्दू_भाई_संभलो
অনেক হয়েছে এখন ভ্রমিত করা বন্ধ করুন
অনিরুদ্ধাচার্য জী বলেন , নাম জপ ছাড়াই সাধকের মোক্ষ হতে পারে।
সন্ত রামপাল জী মহারাজ জী বলেন, পবিত্র যজুর্বেদ অধ্যায় ৪০ মন্ত্র ১৫ তে লেখা আছে, "ওম্ ক্রতো স্মর, ক্লিবে স্মর,কৃতুম্ স্মর।" অর্থাৎ ওম্ নামের জপ কাজ করতে করতে করো, বিশেষ ভক্তি ও আকাঙ্ক্ষা সহকারে করো, মানব জীবনের প্রধান কর্তব্য মনে করে করো। একই প্রমাণ গীতা অধ্যায় ৮ শ্লোক ৫ এবং ৭-তে আছে, যেখানে গীতার জ্ঞানদাতা বলেছেন, হে অর্জুন! তুই যুদ্ধও কর আর আমাকে স্মরণও কর।
बस करो मूर्ख बनाना बस करो
अनिरुद्धाचार्य जी का कहना है कि बिना नाम जाप के ही साधक की मुक्ति हो जाएगी।
संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 15 में लिखा है "ओम् क्रतो स्मर, क्लिबे स्मर, कृतुम् स्मर।" अर्थात् ओम् नाम का जाप कार्य करते-करते कर, विशेष लगन तड़फ के साथ तथा मानव जीवन का मुख्य कर्तव्य मानकर जाप कर। यहीं प्रमाण गीता अध्याय 8 श्लोक 5 व 7 में भी है जिसमें गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन! तू युद्ध भी कर, मेरा स्मरण भी कर।
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#Marriage_In_17Minutes
Dowry Free India
Dowry is like a devil for our society this devil makes the life of daughters hell. So Sant Rampal Ji Maharaj is making the life of daughters better. Listen Satlok Ashram YouTube channel to know more.
Dowry Free India
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#रक्तदान
Followers of Sant Rampal Ji
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर हुए विशाल भंडारे व सत्संग समागम में रक्तदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर रक्तदान किया।
দিব্য ধর্ম যজ্ঞ দিবসে বৃহত্তর ভান্ডারা ও সতসঙ্গ সমাগমে রক্তদান কার্যক্রমের আয়োজন করা হয়েছে যাতে হাজার হাজার শ্রদ্ধালুরা উৎসাহের সহিত রক্তদান করেছে।
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#510th_DivyaDharmaYagya_Diwas
Sant Rampal Ji Maharaj
Miracle Of God Kabir In 1513
God Kabir Ji had organized a Bhandara for 18 lakh saints in Kashi,which was continued for three days.
At present,Divya Dharma Yagya Diwas is being celebrated in the guidance of Saint Rampal Ji in his 10 Satlok ashrams from 26th to 28th November 2023.
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Miracle Of God Kabir In 1513
God Kabir Ji had organized a Bhandara for 18 lakh saints in Kashi,which was continued for three days.
At present,Divya Dharma Yagya Diwas is being celebrated in the guidance of Saint Rampal Ji in his 10 Satlok ashrams from 26th to 28th November 2023.
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श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 7 श्लोक 29 और अध्याय 8 श्लोक 3 में कहा गया है कि जो व्यक्ति वृद्धावस्था और मृत्यु के कष्ट से छुटकारा पाना चाहता है वह परम अक्षर ब्रह्म को जानता है।
वह परम अक्षर ब्रह्म कौन है?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
👇📺👇
প্রতিদিন অবশ্যই দেখুন সন্ত রামপালজী মহারাজের মঙ্গল প্রবচন সুপ্রসিদ্ধ
T.V.চ্যানেলের মাধ্যমে
সাধনা(আধ্যাত্মিক সামাজিক
👇👀👇
T.v.চ্যানেল):সন্ধ্যা 7:30 থেকে 8:30
শ্রদ্ধা (MH ONE):দুপুর 2:10 থেকে 3:10
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श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 7 श्लोक 29 और अध्याय 8 श्लोक 3 में कहा गया है कि जो व्यक्ति वृद्धावस्था और मृत्यु के कष्ट से छुटकारा पाना चाहता है वह परम अक्षर ब्रह्म को जानता है।
वह परम अक्षर ब्रह्म कौन है?
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