#महिलाबॉडीबिल्डिंगपत्रिकाओं
Explore tagged Tumblr posts
Link
बॉडीबिल्डिंग पुरषों की बपौती नहीं है -
बॉडीबिल्डिंग शब्द से ही लोगों के मन में हमेशा पुरषों के शरीर के गठन ही आता है और अपने गौर किया भी होगा की कही भी आप जिम करने जाते हो तो जिम के अंदर भी बॉडीबिल्डर के हीरो की ही फोटो लगी होती है कोई जॉन अब्राहम बनना चाहता है तो कोई अर्नाल्ड बनना चाहता है ऐसा लगता है की ये एक तरह से पुरषों का ही होक रह गया है। लेकिन कुछ महिलाये ने इस प्रतियोगिता में खुद को साबित किया है। पुरषों को चुनौती देती हुई दिखाई दे रही है। उभरी हुई मांसपेशियां और तना हुआ शरीर,ये अनंत काल से ही एक पुरुष पहलवान का परिचय रहा है, लेकिन आज के समय में जब पुरुष-महिला की परिभाषा और परिचय के दायरे खुलते जा रहे हैं, महिलायें भी बॉडी बिल्डिंग आजमाने लगी है। आप इन चीजें को गौर कर सकते है लड़कियों को बाज़ारवाद भी कोमल और सूंदर बनने की ही पहचान देना चाहता है क्योकि अरबों रूपए के प्रोडक्ट उनके इसमें दाँव पर लगे है। तो वो ��ुद ही इन चीजें को प्रमोट करने से बचते है।
इसका एक पहलु ये भी हो सकता है की जिम इंडस्ट्री ने सोचा हो की वो महिलाओं की आबादी को भी कवर करना चाहता हो।व्यापार तो वैसे हर जगह है लेकिन कोई अगर भ्रांतियां को तोड़े तो उसे थोड़ी जगह तो मिलनी ही चाहिए।वैसे 1970 के दशक से महिलाओं के लिए भी बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहा है विकसित देशों ने इसे अपना लिया था । सिर्फ इतना ही नहीं इन महिलाओं ने बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में अपनी एक नयी पहचान बनायी है ।लेकिन भारत जैसे देशों ने बहुत बाद में अपनाया। आये जानते दुनिया के कुछ बेहतरीन महिला बॉडीबिल्डर के बारे में में।
ग्लैडीस पोर्चयूग्स- द टाईग्रेस
30 सितम्बर 1957 को जन्मी ग्लैडीस विश्व की सबसे प्रचलित महिला बॉडी बिल्डर्स में से एक हैं. इन्हें देख कर आप अंदाजा भी नहीं लगा पाएँगे कि ये दो बच्चो की माँ हैंइन्होंनेअपनी पहचान मिस ओलंपिया प्रतियोगिता से बनायीं, जिसमें उन्होंने मिस ओलंपिया का टाइटल अपने नाम किया था। यह खिताब जीतने के बाद उन्हें कुछ फिल्मों में अभिनय करने का प्रस्ताव भी मिला।मिस ओलंपिया की पूर्व विजेता रेचल म्क्लीश इनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा बनीं, जिसके बाद ही इन्होंने खुद को बॉडी बिल्डिंग को समर्पित कर दिया. इसके साथ साथ ही वह एक लेखक भी हैं. इन्हें ‘द टाईग्रेस’ के नाम से भी जाना जाता है।
दयाना कैदेउ-द गिफ्ट-
मिस इंटरनेशनल और मिस ओलंपिया में दूसरा स्थान अपने नाम करने वाली दयाना,“द गिफ्ट” के टाइटल से भी जानी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि फ्रेंच भाषा में कैदेउ का अर्थ “गिफ्ट” होता है। इन्हें कनाडा की सबसे प्रसिद्ध महिला बॉडी बिल्डर्स में गिना जाता है. ये अकेली कैनेडियन महिला है जिन्होंने मिस ओलंपिया लाइटवेट प्रतियोगिता में जीत दर्ज की। 2 जून 1966 को जन्मी दयाना ने सन 1997 की कनाडा कप प्रतियोगिता में टाइटल अपने नाम किया. इस लम्हे को वह अपने बॉडी बिल्डिंग करियर का शिखर मानती हैं. हालांकि 2011 में इन्होंने बॉडी बिल्डिंग से रिटायरमेंट ले ली थी ।
आन मैरी लौरेर-चायना-
इनका असली नाम जोआन मैरी लौरेर है. इन्होंने बॉडी बिल्डिंग में असली पहचान 1997 में बनाई, जब इन्हें विश्व कुश्ती संघ ने विश्व का नौवा अजूबा घोषित कर दिया था। विश्व कुश्ती फेडरेशन में कई लाजवाब खिताब अपने नाम करने से पहले इन्हें ग्लैमर मॉडल के तौर पर जाना जाता था. इन्होंने कई फिल्मों में भी अभिनय किया जिनमें ‘बैकडोर टू चायना ’ और ‘अनेद्र नाईट इन चाइना’ जैसी फिल्में भी शामिल हैं। 2016 में विश्व ने इस कीमती महिला पहलवान को हमेशा के लिए खो दिया, जब सिर्फ 46 साल की उम��र में ही इनकी संदेह जनक हालातों में मौत हो गयी. उनकी मौत का कारण आज भी रहस्य के पर्दों के पीछे छिपा हुआ है।
ब्रिगिटा ब्रेजोवैक-
10 वर्षों तक बॉडी बिल्डिंग की दुनिया पर राज करने वाली ब्रिगिटा का पहलवानी करने का सफ़र 2001 से शुरू हुआ, लेकिन इनकी जीत के सिलसिले ने सन 2004 से ही रफ़्तार पकड़ी। इन्हें आई एफ़ बी बी प्रो कार्ड 2009 में जाके मिला जब उन्हें विश्व महिला चैम्पियनशिप में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ. कार्ड मिलने के बाद वह एक प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर की भांति प्रतियोगिताओं में भाग ले सकती थीं।बॉडी बिल्डिंग और फिटनेस अंतर्राष्ट्रीय संघ प्रतियोगिताओं में उन्होंने कई पदक अपने नाम किये. उन्होंने आई एफ़ बी बी तम्पा प्रो प्रतियोगिता में भी जीत दर्ज की। उन्हें 4 भाषाओं में भी महारथ हासिल है। स्कूल के दिनों में उन्होंने कराटे और ताइक्वांडो में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
कोर्रिना एवेर्सन-मिस ओलंपिया -
31 साल की उम्र में 6 बार लगातार मिस ओलंपिया का खिताब जीतने वाली कोर्रिना केवल एक अव्वल दर्जे की बॉडी बिल्डर ही नहीं हैं बल्कि एक जानी मानी लेखक भी हैं। इनकी लिखी लगभग सारी किताबें बॉडी बिल्डिंग और फिटनेस पर आधारित हैं. 1989 में पहलवानी से सन्यास लेकर इन्होंने 1991 में सिनेमा की तरफ कदम बढ़ाया और कई जानी मानी फिल्मों में अभिनय भी किया, जिनमें ‘हरकुलिस’ और ‘चार्मड’ जैसी फिल्म���ं भी शुमार हैं।50 साल की उम्र में इन्होंने ‘आयरनमैन’ नामक पत्रिका के लिए फोटोशूट भी कराया, जिसमें वह बेहद स्वस्थ और फिट नज़र आईं। 1999 में हॉल ऑफ़ फेम में इनका नाम हमेशा के लिए दर्ज हो गया।
रेचल मैकलिश-
स्वास्थ्य पोषण और शरीर विज्ञान की छात्रा रही रेचल ने महिला बॉडी बिल्डिंग पत्रिकाओं से प्रेरित होकर पहलवानी की दुनिया में कदम रखा। 1980 का दशक रेचल के लिए बहुत ही कारगर साबित हुआ। उन्होंने दो बार मिस ओलंपिया का खिताब अपने नाम किया, लेकिन उनका यह सफ़र इसलिए ख़ास हो जाता है क्योंकि मिस ओलंपिया का खिताब जीतने वाली वो पहली महिला थीं। वह बॉडी बिल्डिंग पत्रिकाओं पर सबसे ज्यादा बार छपने वाली महिला पहलवान थीं। एक दशक तक पहलवानी में अपना रुतबा ज़माने के बाद इन्होंने 1992 में फिल्म जगत में शुरुआत की।
ये रही विश्व की बेहतरीन बॉडीबिल्डर है।महिला पहलवानों ने समाज में एक औरत को लेकर जितनी भी रूढ़िवादी मान्यताएं हैं उन पर विराम लगा दिया है इन्होंने एक स्त्री होने की बहरी परिभाषाओं को नकार अपने लिए एक नया रास्ता बनाया है। इन महिलाओं को प्रेरणा मानकर आज के दौर में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं अब कुश्ती, पहलवानी और कसरत जैसे क्षेत्रों में भी न केवल हाथ अजमाने लगी हैं बल्कि नाम भी कमाने लगी हैं। हमारे देश में भी कई महिला बॉडीबिल्डर है जो बहुत नाम कमा रही है।��ंकिता सिंह है जो एक इंजीनियर होके भी अपने पैशन को फॉलो कर रही है।एक बार वो सुर्ख़ियों में तब आयी थी जब 5 लड़के उन्हें कार में खींचने की कोशिश की थी और तब वो अकेले ही उन पांचों पर भारी पड़ी थी। दोपहर में जब ऑफिस के लोग लंच करते हैं तो अंकिता ऑफिस के जिम में कसरत करती हैं।ऐसे कई उदहारण है लेकिन सब उदहारण यहाँ हम नहीं दे सकते। हमारी यही कोशिश रहती है की आपको हमेशा एक अलग नजरिये से अवगत कराये। आप हमे समर्थन दे।
#विश्वकुश्तीफेडरेशन#रेचलमैकलिश#मिसइंटरनेशनलऔरमिसओलंपिया#महिलायेंभीबॉडीबिल्डिंगआजमाने#महिलाबॉडीबिल्डिंगपत्रिकाओं#ब्रिगिटाब्रेजोवैक#बॉडीबिल्डिंगमेंपुरषोंकेवर्चस्य#बॉडीबिल्डिंगपुरषोंकीबपौतीनहींहै#बॉडीबिल्डिंग#बॉडीबिल्डरकेहीरो#फिटनेसअंतर्राष्ट्रीयसंघ#पुरुषमहिलाकीपरिभाषा#दयानाकैदेउ#दटाईग्रेस#जॉनअब्राहम#ग्लैडीसपोर्चयूग्स#कोर्रिनाएवेर्सन#एकप्रोफेशनलबॉडीबिल्डर#एकपुरुषपहलवान#उभरीहुईमांसपेशियां#आनमैरीलौरेर#अर्नाल्ड#चायना#मिसओलंपिया#1970केदशकसेमहिलाओं#अंकितासिंह#अनेद्रनाईटइनचाइना
1 note
·
View note