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prabudhab · 4 years ago
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🇮🇳 कैप्टन विक्रम बत्रा, (९ September १९७४ – ७ जुलै १९९९), भारतीय सेना के एक अधिकारी थे। पढ़ाई में मेधावी होने के अलावा, बत्रा एक उत्सुक खिलाड़ी थे और दिल्ली में युवा संसदीय प्रतियोगिताओं के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व करते थे। उन्होंने कई ��ेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और टेबल टेनिस, कराटे और ऐसे अन्य खेलों में अपने स्कूल और कॉलेज का प्रतिनिधित्व किया। हालाँकि, यह टेबल टेनिस में था जहाँ उन्होंने वास्तव में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। १९९० में, उन्होंने और उनके जुड़वां भाई (विशाल बत्राजी) ने अखिल भारतीय केवीएस नेशनल्स में टेबल टेनिस में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व किया। वह कराटे में ग्रीन बेल्ट धारक भी थे और मनाली में एक राष्ट्रीय स्तर के शिविर में भाग लेने गए थे। परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है, जिसे युद्ध के दौरान वीरता के विशिष्ट कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए प्रदान किया जाता है। परम वीर चक्र का अनुवाद "अंतिम बहादुर का पहिया" के रूप में किया जाता है, और यह पुरस्कार"दुश्मन की उपस्थिति में सबसे विशिष्ट बहादुरी" के लिए दिया जाता है। जब कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल में युद्ध के मैदान से 'ये दिल मांगे मोर' वाक्यांश का इस्तेमाल किया, तो इसका मतलब केवल एक ही था - उन्होंने अपना मिशन पूरा कर लिया था। सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी अभिनीत शेरशाह को दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। कारगिल युद्ध के नायक कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर आधारित फिल्म अमेझोन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीमिंग कर रही है। सिद्धार्थ जहां फिल्म में कैप्टन बत्रा की भूमिका निभाते हैं, वहीं कियारा उनकी लेडीलव डिंपल की भूमिका में दिखाई देती हैं। लोग फिल्म को पसंद कर रहे हैं। अभिनेताओं ने अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय किया है। अपने पिता के शब्दों में; ----------------------------- "विक्रम को जीवन में अपना उद्देश्य मिल गया था। उसने एक ऐसे धार्मिक मार्ग का रास्ता खोज लिया था जो उसे उसके लक्ष्य तक ले जाएगा - एक ऐसी सेवा के लिए जो असाधारण रूप से उच्च और सर्वोच्च थी।" जय हिंद 🇮🇳 @sidmalhotra @kiaraaliaadvani @primevideoin @batra7478 . . . . ,#captainvikrambatra #शेरशाह #shershah #shershaah #shershahmovie #siddharthmalhotra #kiaraadvani #kargilvijaydiwas #kargilwar #kargilwarmemorial #rememberingcaptainvikrambatra #indianarmy🇮🇳 #proudtobeindian #amazonprimevideo #bollywood #vishalbatra, (at India) https://www.instagram.com/p/CTWou71NKvP/?utm_medium=tumblr
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misterfabofficial · 3 years ago
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chaitanyabharatnews · 6 years ago
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20 साल पहले जिस चोटी पर शहीद हुए थे विक्रम बत्रा, अब वहां पहुंचा उनका जुड़वां भाई, कहा- जोर-जोर से रोना चाहता था लेकिन...
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चैतन्य भारत न्यूज आज कारगिल युद्ध को 20 साल हो गए हैं। जब भी इस युद्ध के बारे में बात की जाती है तो कैप्टन विक्रम बत्रा के बारे में जरूर जिक्र होता है। कैप्टन बत्रा कारगिल युद्ध में अपनी वीरता का परिचय देते हुए शहीद हो गए थे। मरणोपरांत उन्हें वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। अब 20 साल बाद कैप्टन बत्रा के जुड़वां  भाई विशाल बत्रा भी उस चोटी पर पहुंचे, जहां 7 जुला�� 1999 को कैप्टन बत्रा शहीद हो गए थे। इस चोटी को 'बत्रा टॉप' के नाम से जाना जाता है।
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विशाल बत्रा ने बताया कि, उन्होंने इन 20 सालों में कई बार बत्रा टॉप पर जाने के बारे में सोचा लेकिन उनका यह सपना जनरल वाईके जोशी की बदौलत इस साल पूरा हो सका। दरअसल, जनरल वाईके जोशी जो करगिल युद्ध के दौरान विक्रम के कमांडिंग ऑफिसर थे, वह इन दिनों सेना के 14वीं कोर के जीओसी हैं। उनके ही इलाके में कारगिल भी आता है। विशाल बत्रा खुशी के मारे पूरी रात सो नहीं पाएं। विशाल पहले तो खुद चढ़ाई करके बत्रा टॉप तक जाना चाहते थे, लेकिन कुछ दिक्कतों के चलते उन्हें एयरड्रॉप करने का फैसला लिया। जब वह चॉपर से पैर नीचे रखने ही वाले थे कि इससे पहले उनके मन में कई तरह के सवाल उठने लगे जैसे- विक्रम कहां खड़ा था? किस किनारे से बंकर पर छलांग लगाई थी? कहां से उसने आमने-सामने की लड़ाई में तीन पाकिस्तानियों को मार गिराया था? कहां आखिरी सांस ली थी? आदि।
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26 जून 1999 को कैप्टन बत्रा ने सैटेलाइट फोन के जरिए उनके माता-पिता से बातचीत की थी। फिर 5 जुलाई को उनकी टीम ने चढ़ाई करना शुरू की। 7 जुलाई को चोटी पर तिरंगा फ���राया जा चुका था और इसी दिन विक्रम ने अपनी जान देश के लिए कुर्बान कर दी। अब विशाल ने उसी जगह से अपने माता-पिता को फोन किया। बत्रा टॉप पर पहुंचकर विशाल कुछ देर अकेले कोने में खड़े रहे। वहां पर विशाल अपने भाई विक्रम को महसूस करना चाहते थे। उन्होंने उन सभी पत्थरों को भी छूकर देखा जो 20 साल पहले उनके भाई विक्रम ने छूए होंगे। विशाल ने बताया कि, बत्रा टॉप पर पहुचंकर वह जोर-जोर से रोना चाहते थे लेकिन वह इसलिए नहीं रोए क्योंकि उसी जगह पर उनके भाई हंसते-हंसते लड़ते हुए शहीद हो गए थे। ये भी पढ़े...  कारगिल विजय दिवस: 20 साल पहले जब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर भारत ने छुड़ाए थे पाकिस्तान के छक्के कारगिल युद्ध के दौरान जब पाकिस्तानियों ने की थी माधुरी दीक्षित की मांग, कैप्टन विक्रम बत्रा ने दिया था ऐसा जवाब ये हैं कारगिल युद्ध से जुड़े 10 महत्वपूर्ण तथ्य, जो आपको जरुर जानना चाहिए Read the full article
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