#utpannaekadashikamahatava
Explore tagged Tumblr posts
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
आज है उत्‍पन्ना एकादशी, जानिए इसका महत्व और व्रत की पूजन-विधि
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में एकादशी का काफी महत्व है। वैसे तो हर महीने में 2 बार एकादशी पड़ती हैं लेकिन मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष में आने वाली उत्पन्ना एकादशी का काफी महत्व माना जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु से एकादशी माता की उत्पत्ति हुई थी। इस बार उत्पन्ना एकादशी 22 और 23 नवंबर को मानी जा रही है। आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
Tumblr media
उत्पन्ना एकादशी का महत्व देवी उत्पन्ना एकादशी को सृष्टि के पालनहार श्री हर‍ि विष्‍णु की ही एक शक्ति माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन मां एकादशी ने उत्‍पन्न होकर अतिबलशाली और अत्‍याचारी राक्षस मुर का वध किया था। मान्‍यता है कि इस दिन ��्‍वयं भगवान विष्‍णु ने माता एकादशी को आशीर्वाद देते हुए इस व्रत को पूज्‍यनीय बताया था।इस एकादशी के व्रत के प्रभाव से सभी पापों का नाश हो जाता है। कहा जाता है कि विष्णुजी के साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन संबंधी कामों में आ रही परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
Tumblr media
उत्पन्ना एकादशी पूजन-विधि इस दिन सुबह उठकर स्‍नान करने के बाद स्‍वच्‍छ वस्‍त्र कपड़े धारण करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्‍ण की मूर्ति या तस्‍वीर सामने रखें। फिर विष्‍णु जी को धूप-दीप दिखाकर रोली और अक्षत चढ़ाएं। उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें पूजा पाठ करने के बाद व्रत-कथा सुननी चाहिए। इसके बाद आरती कर प्रसाद बांटें। इस दिन गरीब और जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान देना चाहिए। व्रत एकदाशी के अलग दिन सूर्योदय के बाद खोलना चाहिए। उत्पन्ना एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त एकादशी तिथि का आरंभ 22 नवंबर को सुबह 09 बजकर 01 मिनट से है और एकादशी तिथि की समाप्ति 23 नवंबर 2019 को सुबह 10 बजकर 24 मिनट तक है। Read the full article
0 notes