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स्कन्द षष्ठी व्रत के नियम: क्या करें और क्या न करें?
स्कन्द षष्ठी भगवान कार्तिकेय, जिन्हें स्कन्द भी कहा जाता है, की उपासना का व्रत है। यह व्रत षष्ठी तिथि को शुक्ल पक्ष में आषाढ़ या मारगशीर्ष मास में रखा जाता है। स्कन्द षष्ठी व्रत एक कठिन व्रत है, लेकिन इसके फल भी अत्यंत शुभ होते हैं। यह व्रत भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम तरीका है।
स्कन्द षष्ठी व्रत क्या करें:
व्रत की पूर्व संध्या को घर की सफाई करें और कलश की स्थापना करें।
षष्ठी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थान पर स्थापित करें।
भगवान कार्तिकेय को षोडशोपचार विधि से पूजा करें।
व्रत कथा का पाठ करें।
भगवान कार्तिकेय आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
शाम को उद्यापन करें।
भोजन में सात्विक चीजों का सेवन करें।
दिन भर भगवान कार्तिकेय का स्मरण करें।
स्कन्द षष्ठी व्रत क्या न करें:
मांस, मदिरा और तमाम तरह के नशा का सेवन न करें।
झूठ न बोलें और बुराई के काम न करें।
विवाद और गुस्सा न करें।
ब्रह्मचर्य का पालन करें।
जमीन पर न सोएं।
काले रंग के कपड़े न पहनें।
स्कन्द षष्ठी व्रत का महत्व:
भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्ति
बच्चों की आरोग्य और सुख-समृद्धि
शत्रुओं पर विजय
रोगों से मुक्ति
मनोकामना पूर्ति
स्कन्द षष्ठी व्रत की विधि:
व्रत की पूर्व संध्या को घर की सफाई करें और कलश की स्थापना करें।
षष्ठी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थान पर स्थापित करें।
भगवान कार्तिकेय को षोडशोपचार विधि से पूजा करें।
व्रत कथा का पाठ करें।
आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
शाम को उद्यापन करें।
भोजन में सात्विक चीजों का सेवन करें।
दिन भर भगवान कार्तिकेय का स्मरण करें।
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
स्कन्द षष्ठी व्रत 6 दिन का होता है।
पहले दिन भगवान गणेश की पूजा करें, दूसरे दिन भगवान शिव की पूजा करें, तीसरे दिन देवी पार्वती की पूजा करें, चौथे दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करें, पांचवें दिन स्कन्द षष्ठी व्रत कथा सुनें, और छठे दिन पारण करें।
स्कन्द षष्ठी व्रत विशेष रूप से बच्चों की आरोग्य और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।
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Skand Shashthi 2024: कब है स्कंद षष्ठी व्रत? जानें तिथि, पूजा विधि और महत्वSkand Sashti Vrat 2024: स्कंद षष्ठी भगवान कार्तिकेय को समर्पित महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है। स्कंद षष्ठी को काण्ड षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान कार्तिकेय का दूसरा नाम स्कन्द कुमार भी है।
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Skanda Sashti 2022: 5 जुलाई को स्कन्द षष्ठी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती, मंत्र, महत्व और कथा
Skanda Sashti 2022: 5 जुलाई को स्कन्द षष्ठी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती, मंत्र, महत्व और कथा
Skanda Sashti Vrat 2022 वर्ष 2022 में आषाढ़ मास में भगवान कार्तिकेय का प्रिय स्कन्द षष्ठी व्रत पड़ रहा है। इस बार यह व्रत 5 जुलाई 2022, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। प्रतिमाह आने वाली षष्ठी तिथि (skand sasthi) पर भगवान कार्तिकेय (Lord Kartikey Worship) का पूजन किया जाता है। जिसे स्कन्द षष्ठी के नाम से जनमानस में जाना जाता है। यह व्रत करने से जीवन की हर परेशानी का निवारण हो जाता है। इस बार यह…
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*Skand Shashti* Skand Shashti will be observed today, 7th July 2019. On this day devotees worship Lord Subrahmany to seek his blessings. Shashti Tithi in Shukla of each month in Hindu calendar is said to be auspicious and meritorious to observe Skanda Shashti Vrat. ☺#MIC✔ツ (at Chittoor, Andhra Pradesh) https://www.instagram.com/p/BzpXr9OFY664kyB4i23zfvPu5jML_BKyWxGzro0/?igshid=86hyc3lqpdh6
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