#sarva
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nityamguru · 1 year ago
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पितृ अमावस्या पर ये चीज अवश्य करें
#amavasya #pitruamavasya #sarvpitruamavasya #newmoonday #pitrapaksha2023
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oneiricazalea · 10 months ago
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029 // dottore x oc
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aetherstories · 2 years ago
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After the cut: A garlebun and an exiled prince learning mythology (circa Stormblood, aka I’m going through Stormblood with an alt)
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theviraltruth · 6 days ago
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Shri kshetra dharmasthala | Sarva Dharma Sammelana
It was he who started the Sarva Dharma Sammelana to emphasize the oneness of all religions and propagate religious tolerance.
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astroclasses · 1 month ago
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narayansevango · 1 month ago
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Sarva Pitru Amavasya 2024: A Day to Soothe Your Ancestors' Souls
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Sarva Pitru Amavasya, a significant Hindu festival, is dedicated to honoring and appeasing one's ancestors. It is believed that on this day, the souls of ancestors descend to Earth to receive offerings from their descendants. This year, Sarva Pitru Amavasya falls on October 11, 2024.
Significance of Sarva Pitru Amavasya
Repaying Ancestral Debt: Hindus believe that it is essential to repay the debt owed to ancestors, as they are considered to be the foundation of the family lineage. Sarva Pitru Amavasya and shradh provides a special opportunity to do so.
Seeking Blessings: It is believed that appeasing ancestors on this day can bring blessings, prosperity, and protection to the family.
Avoiding Pitru Dosha: Neglecting ancestral rituals can lead to Pitru Dosha, a negative karmic influence that can cause difficulties in life. Sarva Pitru Amavasya is a way to avoid or rectify this dosha.
Rituals and Offerings
On Sarva Pitru Amavasya, Hindus perform various rituals to honor their ancestors, including:
Pind Daan: This is the most important ritual, involving offering cooked rice balls (pind) to the ancestors.
Tarpan: Water is offered to the ancestors, invoking their blessings.
**Shraddha: A prayer ceremony performed to invoke the blessings of ancestors.
Feeding the Brahmins: Brahmins are considered intermediaries between humans and gods, and feeding them is considered a way to please ancestors.
Importance of Location
The location where Sarva Pitru Amavasya rituals are performed is also significant. It is traditionally believed that the rituals should be performed on the banks of a holy river, such as the Ganges. However, if this is not possible, they can be performed in a nearby water body or even at home.
Tips for Observing Sarva Pitru Amavasya
Consult a Pandit: Seek guidance from a knowledgeable Brahmin priest to ensure that the rituals are performed correctly.
Offerings: Prepare offerings that your ancestors would have enjoyed in their lifetime.
Purity: Maintain purity throughout the rituals by taking a bath, wearing clean clothes, and avoiding non-vegetarian food.
Devotion: Approach the rituals with devotion and sincerity to reap the maximum benefits.
By observing Sarva Pitru Amavasya with reverence and sincerity, Hindus can honor their ancestors, seek their blessings, and ensure the well-being of their family lineage.
May this Sarva Pitru Amavasya bring peace and blessings to your ancestors' souls.
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The 15-days period before the Navratri is called Pitru Paksh. On the last day of that fortnight - which is a no moon day, there is a ritual to offer prayers and food items to the ancestors which is known as Pitru Tarpan. Join the Radha Krishna Temple to participate in this meaningful tradition.
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townpostin · 2 months ago
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Padhega India Badhega India: True path of India’s development
Young siblings in Karnataka save lives using lessons from school, embodying the transformative power of education in India’s growth. A brother-sister duo in Karnataka applied their classroom understanding of electrical conductivity to save two lives, showcasing the potential of education in shaping a better India. This incident exemplifies the slogan “Padhega India Tabhi To Badhega India,”…
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rightnewshindi · 2 months ago
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सर्व हिंदू समाज और व्यापार मंडल के साथ कई जगह हुई झड़पें, एक को पीटा; कई घंटे बंद रहा बाजार
Solan News: शिमला के संजौली में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के विरोध और सोलन जिले में बिना पंजीकरण रह रहे प्रवासियों की जांच की मांग को लेकर सर्व हिंदू समाज और व्यापार मंडल ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प भी हुई। पुराने बस स्टैंड के पास एक सब्जी कारोबारी का सामान प्रदर्शनकारियों ने फेंक दिया। दुर्व्यवहार करने पर गुस्साए लोगों ने एक व्यक्ति को पीट दिया।…
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digitalramsharma · 2 months ago
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सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके - 108 बार जाप
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सर्वमंगल मंगल्ये मंत्र: एक अनूठी भक्ति यात्रा:- भारतीय संस्कृति में मंत्रों का विशेष महत्व है। हर मंत्र का विशेष अर्थ और प्रभाव होता है, जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक हो सकता है। उनमें से एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली मंत्र है "सर्वमंगल मंगल्ये" मंत्र। इस लेख में, हम इस मंत्र की उत्पत्ति, महत्व, और उपयोग पर विस्तार से चर्चा करेंगे। सर्वमंगल मंगल्ये मंत्र की उत्पत्ति: "सर्वमंगल मंगल्ये" मंत्र हिंदू धर्म के भक्ति साहित्य से जुड़ा हुआ है। यह मंत्र विशेष रूप से देवी भगवती के प्रति समर्पण और भक्तिपूर्ण भावनाओं को प्रकट करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस मंत्र का संबंध मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी से है, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं।
मंत्र का पाठ: सर्वमंगल मंगल्ये मंत्र इस प्रकार है:
सर्वमंगल मंगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते॥
मंत्र का अर्थ:
* सर्वमंगल मंगल्ये: जो सभी मंगलों की मंगलमयी हैं- *
शिवे: जो शुभ और कल्याणकारी हैं
* सर्वार्थसाधिके: जो सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाली हैं
* शरण्ये: जो आश्रय देने वाली हैं
* त्र्यम्बके: तीन नेत्रों वाली
* गौरी: जो गौरवर्ण वाली हैं
* नारायणि: नारायण की शक्ति
* नमोऽस्तु ते: तुम्हें नमन है इस प्रकार, इस मंत्र का अर्थ होता है कि "सभी मंगलों की मंगलमयी, शुभ और कल्याणकारी देवी, जो सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं, आश्रय देने वाली, तीन नेत्रों वाली, गौरवर्ण वाली, नारायण की शक्ति, तुम्हें मेरा नमस्कार है।
" मंत्र का महत्व: "सर्वमंगल मंगल्ये" मंत्र की पूजा और जाप का विशेष महत्व है। यह मंत्र भक्तों को शांति, समृद्धि, और सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। यह मंत्र देवी लक्ष्मी की पूजा का अभिन्न हिस्सा है और इसे विशेष अवसरों पर, जैसे कि लक्ष्मी पूजन, दीपावली, और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों पर पढ़ा जाता है।
1. शांति और सुख: इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति और आत्मिक संतोष प्राप्त होता है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि लाने में मदद कर��ा है।
2. संकटों से मुक्ति: इस मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में आ रही समस्याओं और संकटों से छुटकारा मिलता है। यह व्यक्ति को कष्टों से उबारने और समस्याओं का समाधान करने में सहायक होता है।
3. सर्वश्रेष्ठता की प्राप्ति: इस मंत्र की भक्ति और जाप से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और उसे हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
मंत्र का जाप कैसे करें:
सर्वमंगल मंगल्ये मंत्र का जाप नियमित रूप से किया जाता है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
1. सुनिश्चित स्थान: जाप के लिए एक शांत और पवित्र स्थान का चयन करें, जहां आप बिना किसी विघ्न के ध्यान केंद्रित कर सकें।
2. सामग्री: मंत्र जाप के दौरान पूजा की सामग्री जैसे दीपक, फूल, और कपूर का उपयोग करें।
3. समय: सुबह और शाम के समय मंत्र जाप करने की आदत डालें, क्योंकि ये समय विशेष रूप से पूजा और ध्यान के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
4. संघर्ष से मुक्ति: अपने हृदय को शुद्ध रखें और ईश्वर से सच्चे मन से प्रार्थना करें। मानसिक रूप से शांत और समर्पित रहें।
5. माला का उपयोग: जाप के लिए माला का उपयोग करने से मन को स्थिरता और एकाग्रता मिलती है।
समाप्ति और ध्यान: मंत्र जाप की समाप्ति के बाद, ध्यान और प्रार्थना में समय बिताएं। ईश्वर को धन्यवाद दें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें। इस प्रकार, नियमित रूप से मंत्र जाप करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव होता है।
निष्कर्ष: "सर्वमंगल मंगल्ये" मंत्र एक शक्तिशाली साधना है जो व्यक्ति के जीवन को मंगलमयी और समृद्ध बना सकती है। इसकी प्रभावशाली शक्ति और धार्मिक महत्व इसे हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण प्रार्थनाओं में से एक बनाता है। इस मंत्र के जाप और पूजा से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी सकारात्मक बदलाव आते हैं। अंततः, इस मंत्र की नियमित साधना और भक्ति से आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का अनुभव कर स��ते हैं।
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bhaktitrading703 · 7 months ago
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aetherstories · 22 days ago
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@soulsbetrayed liked for a random muse starter call! The blue dice said: 3 - Cassius tol Sarvas And my d10 said: 5 - X'rhun Tia
He's perhaps not the most reassuring presence, a young Viera man stirring a pot over a campfire while his bonded Voidsent polishes a scythe by his side, but then again he won't dismiss Esseia without reason, and she does like to make sure his weapons are sharp. She says it gives her something to do.
"I must admit, I've only met one other Red Mage." He tells the Miqo'te, his Garlean accent long softened over time. "But your discipline does have my curiosity. There are not many that seek balance."
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komal09 · 7 months ago
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narayansevango · 1 month ago
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Pitru Paksha 2024: A Guide to Honoring Your Ancestors
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Pitru Paksha, also known as Shradh, is a sacred Hindu period dedicated to honoring and remembering one's ancestors. It is a time for paying respects to the departed souls and ensuring their well-being in the afterlife.
When is Pitru Paksha in 2024?
Pitru Paksha in 2024 has already concluded. It took place from Wednesday, September 18th, to Wednesday, September 27th.
Significance of Pitru Paksha
Honoring Ancestors: Pitru Paksha is believed to be a time when the souls of ancestors descend to Earth to visit their descendants. It is considered a duty for the living to offer prayers, perform rituals, and make charitable donations to ensure their ancestors' peace and well-being.
Moksha: It is believed that performing the right rituals during Pitru Paksha can help ancestors attain moksha (liberation from the cycle of birth and death).
Blessings: Honoring ancestors is believed to bring blessings, prosperity, and good fortune to the living.
Key Rituals
Tarpan: The most important ritual during Pitru Paksha is tarpan, which involves offering water to the ancestors. It is typically performed on the banks of a river or water body.
Shradh: A shradh ceremony is performed on the ancestor's death anniversary, involving prayers, offerings, and a feast.
Charity: Donating food, clothes, or money to the needy is considered a significant act during Pitru Paksha.
Pind Daan: Pind daan is the offering of cooked rice balls to the ancestors.
Planning for Next Year's Pitru Paksha
If you missed this year's Pitru Paksha, you can start planning for next year's observance. Here are some tips:
Consult with a Priest: A priest can provide guidance on the specific rituals and timings for your family.
Gather Information: Collect information about your ancestors' birth dates and death dates.
Prepare Offerings: Gather the necessary offerings for the rituals, including water, flowers, food, and clothes.
Choose a Location: Decide where you will perform the tarpan ritual, such as a riverbank or temple.
By following these guidelines, you can ensure that you honor your ancestors properly and seek their blessings for your family.
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mypanditastrologer · 8 months ago
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townpostin · 4 months ago
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Protesters Demand Action on Unauthorized Constructions in Kadma Jamshdpur
Residents voice concerns over illegal road closures and constructions Protesters led by Sanjeev Acharya demand an investigation into unauthorized constructions and road closures in Kadma. JAMSHEDPUR – On July 6, a protest was held in front of the East Singhbhum Deputy Commissioner’s Office by the Sarva Dal Jan Ekta Manch. Convenor Sanjeev Acharya led the group in protesting against illegal road…
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