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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा
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चैतन्य भारत न्यूज रविवार का दिन भगवान सूर्य को अर्पित है। सूर्य यश और वैभव के देवता माने जाते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त रविवार के दिन सूर्य देवता को जल चढाते हैं उन्हें धन, वैभव और यश में वृद्धि होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं सूर्य देव की पूजा का महत्व और रविवार व्रत की पूजा विधि।
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सूर्य देव की पूजा का महत्व रविवार के दिन सूर्य का पूजन, ��ल से अर्घ्य तथा सूर्य मंत्र का जाप करने का विशेष महत्व हैं। सूर्य देवता को नव ग्रहों का राजा माना जाता है और सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति के सभी ग्रह शांत हो जाते हैं। सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भी भगवान सूर्य के अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है।
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सूर्य देवता की पूजा-विधि प्रतिदिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए। नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें। सुबह तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, चावल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। शाम को सूर्यास्त से पहले गुड़ का हलवा बनाकर सूर्य देवता को चढ़ाएं और इसे प्रसाद के रूप में बांटें। सूर्य देव की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना गया है। ये भी पढ़े... रविवार को करें ये सरल उपाय, जीवन में सदा रहेगी खुशहाली सृष्टि में विद्रोही देवता के रूप में जाने जाते हैं शनिदेव Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा
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चैतन्य भारत न्यूज रविवार का दिन भगवान सूर्य को अर्पित है। सूर्य यश और वैभव के देवता माने जाते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त रविवार के दिन सूर्य देवता को जल चढाते हैं उन्हें धन, वैभव और यश में वृद्धि होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं सूर्य देव की पूजा का महत्व और रविवार व्रत की पूजा विधि।
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सूर्य देव की पूजा का महत्व रविवार के दिन सूर्य का पूजन, जल से अर्घ्य तथा सूर्य मंत्र का जाप करने का विशेष महत्व हैं। सूर्य देवता को नव ग्रहों का राजा माना जाता है और सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति के सभी ग्रह शांत हो जाते हैं। सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भी भगवान सूर्य के अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है।
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सूर्य देवता की पूजा-विधि प्रतिदिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए। नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें। सुबह तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, चावल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। शाम को सूर्यास्त से पहले गुड़ का हलवा बनाकर सूर्य देवता को चढ़ाएं और इसे प्रसाद के रूप में बांटें। सूर्य देव की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना गया है। ये भी पढ़े... रविवार को करें ये सरल उपाय, जीवन में सदा रहेगी खुशहाली सृष्टि में विद्रोही देवता के रूप में जाने जाते हैं शनिदेव Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा
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चैतन्य भारत न्यूज रविवार का दिन भगवान सूर्य को अर्पित है। सूर्य यश और वैभव के देवता माने जाते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त रविवार के दिन सूर्य देवता को जल चढाते हैं उन्हें धन, वैभव और यश में वृद्धि होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं सूर्य देव की पूजा का महत्व और रविवार व्रत की पूजा विधि।
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सूर्य देव की पूजा का महत्व रविवार के दिन सूर्य का पूजन, जल से अर्घ्य तथा सूर्य मंत्र का जाप करने का विशेष महत्व हैं। सूर्य देवता को नव ग्रहों का राजा माना जाता है और सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति के सभी ग्रह शांत हो जाते हैं। सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भी भगवान सूर्य के अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है।
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सूर्य देवता की पूजा-विधि प्रतिदिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए। नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें। सुबह तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, चावल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। शाम को सूर्यास्त से पहले गुड़ का हलवा बनाकर सूर्य देवता को चढ़ाएं और इसे प्रसाद के रूप में बांटें। सूर्य देव की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना गया है। ये भी पढ़े... रविवार को करें ये सरल उपाय, जीवन में सदा रहेगी खुशहाली सृष्टि में विद्रोही देवता के रूप में जाने जाते हैं शनिदेव Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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सूर्यदेव को करना है प्रसन्न, तो आज इस विधि से करें पूजा-अर्चना
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चैतन्य भारत न्यूज रविवार का दिन भगवान सूर्य को अर्पित है। सूर्य यश और वैभव के देवता माने जाते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त रविवार के दिन सूर्य देवता को जल चढ़ाते हैं उन्हें धन, वैभव और यश में वृद्धि होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं सूर्य देव की पूजा का महत्व और रविवार व्रत की पूजा विधि।
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सूर्य देव की पूजा का महत्व रविवार के दिन सूर्य का पूजन, जल से अर्घ्य तथा सूर्य मंत्र का जाप करने का विशेष महत्व हैं। सूर्य देवता को नव ग्रहों का राजा माना जाता है और सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति के सभी ग्रह शांत हो जाते हैं। सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भी भगवान सूर्य के अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है।
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सूर्य देवता की पूजा-विधि प्रतिदिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए। नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें। सुबह तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, चावल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। शाम को सूर्यास्त से पहले गुड़ का हलवा बनाकर सूर्य देवता को चढ़ाएं और इसे प्रसाद के रूप में बांटें। सूर्य देव की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना गया है। ये भी पढ़े... रविवार को करें ये सरल उपाय, जीवन में सदा रहेगी खुशहाली सृष्टि में विद्रोही देवता के रूप में जाने जाते हैं शनिदेव Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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चैतन्य भारत न्यूज रविवार का दिन भगवान सूर्य को अर्पित है। सूर्य यश और वैभव के देवता माने जाते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त रविवार के दिन सूर्य देवता को जल चढ़ाते हैं उन्हें धन, वैभव और यश में वृद्धि होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं सूर्य देव की पूजा का महत्व और रविवार व्रत की पूजा विधि।
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सूर्य देव की पूजा का महत्व रविवार के दिन सूर्य का पूजन, जल से अर्घ्य तथा सूर्य मंत्र का जाप करने का विशेष महत्व हैं। सूर्य देवता को नव ग्रहों का राजा माना जाता है और सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति के सभी ग्रह शांत हो जाते हैं। सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भी भगवान सूर्य के अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है।
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सूर्य देवता की पूजा-विधि प्रतिदिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए। नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें। सुबह तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, चावल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। शाम को सूर्यास्त से पहले गुड़ का हलवा बनाकर सूर्य देवता को चढ़ाएं और इसे प्रसाद के रूप में बांटें। सूर्य देव की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना गया है। ये भी पढ़े... रविवार को करें ये सरल उपाय, जीवन में सदा रहेगी खुशहाली सृष्टि में विद्रोही देवता के रूप में जाने जाते हैं शनिदेव Read the full article
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सूर्य देव की पूजा का महत्व रविवार के दिन सूर्य का पूजन, जल से अर्घ्य तथा सूर्य मंत्र का जाप करने का विशेष महत्व हैं। सूर्य देवता को नव ग्रहों का राजा माना जाता है और सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति के सभी ग्रह शांत हो जाते हैं। सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भी भगवान सूर्य के अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है।
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सूर्य देवता की पूजा-विधि प्रतिदिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लेना चाहिए। नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें। सुबह तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, चावल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। शाम को सूर्यास्त से पहले गुड़ का हलवा बनाकर सूर्य देवता को चढ़ाएं और इसे प्रसाद के रूप में बांटें। सूर्य देव की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना गया है। ये भी पढ़े... रविवार को करें ये सरल उपाय, जीवन में सदा रहेगी खुशहाली सृष्टि में विद्रोही देवता के रूप में जाने जाते हैं शनिदेव Read the full article
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