Mobile Jasus Pegasus Spywere Kya He
दोस्तों मुझे यकीन है की आपने अबतक Pegasus Spyware के बारे में बोहोत कुछ न्यूज़ में सुन ही लिया होगा लेकिन ये टॉपिक हमे उसवक्त हेरान कर देता है जब हम सोचने लगते है की अगर ये Pegasus Spyware कही हमारे फोन में इंटर कर गया तो क्या होगा यही वजह है की हम आगे चोकन्ना रहने के लिए ही इसके बारे में जानने की कोशिश में लगे है
दोस्तों Pegasus एकSpyware (जो प्रोग्राम नज़र न आ सके उसे SPAAYWEREकहते हे) प्रोग्राम है Pegasus Spywareका FOUNDER NSO Group है दोस्तों ये NSO Groupइसराइल देश की एक TECH FIRM COMPNY है आगे हम इस ग्रुप के बारे में डिटेल से जानेगे
Pegasus Ka Matlb Kya He
दोस्तों pegasus असल में एक काल्पनिक अवतार जो उढ़ता हुवा घोडा होता है उसी को कहा जाता हे
Pegasus Founder N.S.O. GROUP:
Pegasus Spywareका FOUNDER NSO ग्रुप है तो हमे पता चल गया अब इस nso ग्रुप का फाउंडर कोन हे ?तो इसका जवाब हे ,की इस NSO Group ke Founder ,Niv, Shalev and Omri, है फ्रेंड्स इन्ही FOUNDER के नाम से ये ग्रुप का नाम रखा गया है अगर कहा जाए की NSO ग्रुप का फुल फॉर्म क्या है ? तो जवाब यही होगा की NSO ग्रुप का फुल फॉर्म Niv, Shalev and Omri, है
NSO ग्रुप ये कम्पनी सायबर रिसर्च और सायबर सिक्यूरिटी की फील्ड में काम करती है और यही वो कम्पनी है जिसने एक Spyware बनाया है जिसने चरों और मीडिया में और राजनेतिक हलकों में कोहराम मचा रखा है जिसे हम आज Pegasus Spyware के नाम से जानते है
Pegasus Spyware Kyo Banaya Gaya
दोस्तों इस स्पाय्वेर के बनाने का मकसद ये था की जो गवर्नमेंटस है दुनिया भर की वो अपनी अपनी कंट्री में जो बेडएलिमेंट्स (गेर सामाजिक तत्व )है मिसाल के तोर पर TEROREST ग्रुप है अलगाव वादी ग्रुप्स हैं और जोभी एंटी नेशनल ग्रुप्स हैं जो देशो को तोडना चाहते है और देश के दुश्मन हे ,
उनपर और उनकी गति विध्यो पर नजदीक से नज़र रख सके,इसके अलावा दुश्मन देश कहीं हमारे खिलाफ कोई साजिशें तो नही कर रहा इस मकसद से उनकी जानकारियां भी जुटाई जा सके और देश की सुरक्शा अच्छे से अच्छे तरीके से की जा सके इस मकसद के तहत इस Pegasus Spyware को बनाया गया था
Pegasus Spyware Kaise Kaam Karta He
दोस्तों अब आपको समझता हूँ की ये Pegasus Spyware Kaise Kaam Karta He,इसे जान्ने से पहले आपको ये समझना होगा की कोई भी सोफ्टवेर हो या चाहे कोई भी Oprating System हो उनमे कुछ न कुछ bugs ( खामियां ) होती ही हें यही वजह है की जब सोफ्टवेर या Oprating Systmeजब मार्किट में आ जाती है
और जब लोग इसे इस्तिमाल करते है तब पता चलता हे की इस Oprating System मे फलां जगह पर खामी है या कुछ security SYSTEM में कमी है तो जो OpratingSystemबनाने वाली कम्पनी है वो उन खामियों और कमियों को नोट करती है और उसे दूर करने के लिए काम शुरू कर देती है
और जैसे ही उस खामी या कमी जिसे हम टेक्नीकल भाषा में BUGSकहते है काSOLUTION कम्पनी तलाश कर लेती है तो कम्पनी उस SOLUTION को UPDATE की शकल में अपने SERVER के उपर रख देती है जिसे वो गाहक जिसने Oprating System कम्पनी से खरीदा हे वो INTERNET के ज़रिये उस फाइल को कम्पनी के SERVER से DOWNLAOD कर लेता हे जिसके बाद उस Oprating System की खामी और कमी दूर हो जाती हे
उसके बाद US OPRATING SYSTEM के update आने शुरू हो जाते है साथे ही ये Update टाइम तो टाइम उन Bugs को दूर करते रहते है और इसतरह वो सोफ्टवेर या Oprating System को हम सही से चला पाते है
अब ये bugs 2 तरह की होती है 1 तो ये की आपने अपना कैमरा ओपन किया और वो ओपन नही हो रह है वो कैमरा या एप्लीकेशन crash कर जा रहा है तो इसतरह की जो bugs होतीं हें जो user experianc को ख़राब करती है उनमे इतना बड़ा कोई major isshue नही होता है ये bugs update के ज़रिये सोलव की जा सकती है लेकिन
जो दूसरी bugs है जो जुडी होती है आपकी oprating system security के साथ वो बहोत ज्यादा importent होती है और वो बहोत ही खतरनाक बन जाती है अगर उन्हें ठीक समय पर फिक्स न किया जाए
इसी लिए आपने देखा होगा की चाहे Microsoft हो ,या APPLE हो ,या FACEBOOK हो ,या चाहे GOOGLE हो या और इस जैसी सारी बड़ी कंपनिया पैसा देती है उन एथिकल HACKERS को जो ये रिपोर्ट देते रहते है की भैया आपकी SYSTEM में यहाँ यहाँ खामी है
आप इसे दूर कर लीजिये वरना आपका System हैक हो सकता है और वो कंपनियां फ़ौरन उस Bugs को उस खामी को दूर करवा देती है इसतरह उनका SERVER सेफ और Secure रहता है और यह कार्य 24*7 DAYS कंटिन्यू होता रहता है
अब यहाँ पर जो सीन है वो ये है की जिसतरह बड़ी कंपनियों के पास एथिकल हय्क्रों के टीम होती है उसी तरह इस NSO ग्रुप के पास भी ऐसे सायबर एक्सपर्ट और अथिकल हय्क्रों की बहोत बड़ी टीम होती है जो 24चोविसों घंटे उन Oprating System केअनालिसिस में लगी रहती है जिन तक पोहोचने के लिए उन्हें सिर्फ एक ट्रैक(रस्ते ) की ज़रूरत होती है
ये एथिकल हयकर्स भी उन Bugs को ढूँढ़ते रहते है जो किसी सोफ्टवेर या Oprating System में सेन्द लगा सकते है लेकिन ये लोग वो इनफार्मेशन उस सोफ्त्वेरे कम्पनी को या उस Oprating System कम्पनी को नही बताते `हैं बलके उसेअवसर समझकर उस bugs का USE करते हुवे अपना खुद का प्रोग्राम डेवेलोप करने में लग जाते है
और कई बार तो ऐसा भी होता है की ये लोग उन एथिकल हय्क्रों के साथ ही सोदे बाज़ी कर लेते है मतलब की आगरा कोई कम्पनी उस अपने हैकर को एक साल के लिए अपनी System Secure करने के लिए 10 लाख रुपे के पैकेज में रखती है तो
वही पर ये लोग उस हैकर को इससे दुगना या 5 गुना पैसा देकर वो Bugs की इनफार्मेशन खुद ले लेते है और इसतरह इनके पास कई ऐसे Bugs होते है कई ऐसे EXPLOIT होते है जिनकी खबर उस सोफ्टवेर बनानेवाली कम्पनी को भी पता नही होते है और इन्ही को हम कहते है 0-DAY EXPLOIT या 0-DAY vulnerability
0-DAY EXPLOIT या 0-DAY vulnerability KISE KEHTE हे:
अब आप कहोगे की ये नाम कैसे निकल कर आया तो मान लीजिये की Apple के सोफ्टवेर में एक प्रॉब्लम है जो मुझे तो पता है की क्या है लेकिन Apple कम्पनी को खुदको ही नही पता तो इसकाल मतलब Apple के पास उसके सामने REACT करने या एक्शन लेने के लिए कोई टाइम ही नही है उस खामी को दूर करने का- इसका मतलब ये हुवा के वो प्रोडक्ट जो कम्पनी ने बनाई है लेकिंग उसमे मोजूद खामी कम्पनी से पहले मुझे पता है तो इसी को 0-DAY vulnerability कहते हैं ,और इसी को हम 0-DAY EXPLOIT भी कहते है
Jasusi Ki Purani Teknik Vs Nayi Teknik
तो दोस्तों ये जो Pegasus Spyware है ये ऐसे ही अलग अलग एक्सप्लॉइट का फायदा उठाता है किसी भी इन्सान के फोन को हैक करने के लिए अब ये काम कैसे करता है वो आपको बताता हूँ पहले के जमाने में क्या होता था की लोग किसी की जासूसी करने के लिए या उसकी जानकारी गुप्त रूप से जानना चाहते होते थे तो उस शख्स के कमरे या होटल में कैमरा या माइक लगा देते थे लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें उस कमरे तक पोहोचने के लिए प्लानिंग करनी पडती थी
और जब वो इसमें कामयाब हो जाते थे तो बड़ी आसानी से उस कमरे में बैठे लोगों की बाते वो सुन सकते थे या फिर ये की आपने कोई सोफ्टवेर उस बंदे के phone में इनस्टॉल कर के हाईड(छुपा देना ) कर दिया तो उसका फोन आपके कंट्रोल में आ गया लेकिन इसके लिए भी आपको उस बंदे का फोन थोड़ी देर के लिए चाहिये होगा
उसके बाद फिशिंग अटैक होने लगे लोग जानकारिय चुराने लगे मिसाल के तोर पे आपके ईमेल एड्रेस पे कोई लिंक आया जिसे अपने क्लिक किया तो भी आप फिशिंग का शिकार हो गये क्यों ऐसा किस लिए ,तो यहाँ पर होता क्या है की वो लोग अगर XYZ BANK के गाहकों की जानकारी चुराना चाहते है तो वो लोग उस बेंक का हूँ बहू HOMEPAGE बना देंगे
अब जब आप उस बेंक के ज़रिये कुछ लेना या भेजना चाहते होतो आप इन्टरनेट पर उस बेंक की वेबसाइट पर विजिट करेंगे और जैसे ही आप अपना LOGIN-ID और PASSWORD उस XYZ BANK के LOGIN SECTIONमें इंटर करोगे फ़ौरन आपकी वो माहिती उस hacker तक पोहोंच जाएगी जिसने वो डुप्लीकेट पेज बनाया हे और इसी टेक्निक को फिशिंग टेक्निक भी कहा जाता हे
PEGASUS SPYWERE KAISE Install Kya JATA HE
यहाँ पे एक बहोत ही खास बात है इस Pegasus Spyware कीअगर हम इसे नेक्स्ट लेवल की चीज़ कहें तो गलत नही होगा क्यूंकि ये स्पाय्वेर 0 CLICK PATCH पे काम करता है,क्या समझे ?नही ना कोई बात नही में समझता हूँ
मतलब की इस प्रकिर्या में जिस फोन को या गेजेट को टारगेट करना है ,उसका डाटा चुराना है या उसकी जासूसी करनी है तो ज़रूरी नही की उसका फोन थोड़ी देर के लिए लिया जाए या कोई लिंक उसपे भेजा जाए या कोई कूकीज उस phone me भेजी जाए जिस पे user के क्लिक करने की रह देखि जाये और फिर use हैक क्या जाये यहाँ ऐसा कुछ भी नही है
बोले तो user की किसी भी किस्म की हरकत करने की जरूरत नही है सारा काम पेगेसस स्पाय्वेर खुद ही कर लेता है ये आपके फोन पे या तो एक मिस्ड कॉल भेज देगा या कोई SMS या कोई WHATSAPP CALLकर देगा और बस इसका काम हो गया बाकि इसे user के पास कुछ भी करवाने की जरूरत नही है
और दोस्तों ऐसा करना तो सभी के लिए मुमकिन है की आप किसी को SMS भी कर लेते है और MISSEDCALL और WHATSAPP CALLभी कर लेते है और अगर हमे कोई SMS या MISSEDCALL और WHATSAPP CALLभी करता है तो हम उसे इतना importent भी नही देते है क्यों की ऐसे ही हमारे phone में नॉर्मली कई मेसेज और कॉल आते रहते है
Pegasus Spaywere Kya Kya Kar Sakta He
दोस्तों अगर एक लाइन में कहू तो अगर ये स्पाय्वेर आपके फोने में घुस जाता है तो
दोस्तोंआर्टिकल अभी बाकी हे अगर आपको पसंदआया हो औरआगे का हिससा आप पढना चाहते होतो निचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें,आपके कीमती समय के लिए धन्यवाद
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