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जानें भारत में पहली बार कब और कैसे मनाया गया था गणतंत्र दिवस, कौन थे मुख्य अतिथि?
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. देश आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश में पहली बार गणतंत्र दिवस कब और कैसे मनाया गया था। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कब मनाया गया पहला गणतंत्र दिवस? 70 साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड पुराना किला के सामने ब्रिटिश स्टेडियम में हुई थी। इस जगह आज दिल्ली का चिड़ियाघर है और स्टेडियम की जगह पर ��ेशनल स्टेडियम मौजूद है। 26 जनवरी, 1950 को हमें भारत का संविधान और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के रूप में भारत के प्रथम राष्ट्रपति मिले थे। पहला गणतंत्र दिवस मनाते हुए प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय तिरंगा फहराया था।
संविधान लागू के 6 मिनट बाद मिले पहले राष्ट्रपति जानकारी के मुताबिक, 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। इसके कुछ ही मिनट बाद 10:24 पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। राजेंद्र प्रसाद ने उसी दिन 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया था। साल 1950 में ही गणतंत्र दिवस पर अतिथि बुलाने की परंपरा की भी शुरुआत हुई थी। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि बनकर आए थे। इस दिवस को मनाते हुए सेना द्वारा परेड की गई और तोपों की सलामी दी गई थी। परेड में सशस्त्र सेना के तीनों बलों ने हिस्सा लिया था।
अलग-अलग जगहें मनाया जाता था गणतंत्र दिवस 1950 और 1954 के बीच भारत में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए एक निश्चित स्थान नहीं था। शुरुआत में इसे लाल किला, नेशनल स्टेडियम, किंग्सवे कैंप और फिर रामलीला मैदान में आयोजित किया गया था। इसके बाद साल 1955 में पहली बार राजपथ को ��णतंत्र दिवस मनाने के स्थायी स्थान के रूप में चुना गया। Read the full article
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गणतंत्र दिवस 2021: दुनिया में सबसे बड़ा है 'भारत का संविधान', जानें कौन-कौन सी बातें इसे बनाती हैं खास
चैतन्य भारत न्यूज आज देश अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। साल 1950 में आज ही के दिन भारतीय संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस के मौके पर हम आपको भारत के संविधान से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। भारत के संविधान के हर पन्ने पर सोने की पत्तियों वाली फ्रेम बनी है। संविधान के हर अध्याय के शुरुआती पन्ने पर एक कलाकृति भी बनाई गई है। बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है। वह संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। भीम राव अंबेडकर को संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का वक्त लगा था। संविधान 26 नवंबर, 1949 को बनकर तैयार हुआ था। लेकिन इसे कानूनी रूप से 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। इसी दिन को आज हम भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। दो दिन बाद 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू हो गया था। संविधान सभा पर अनुमानित खर्च 1 करोड़ रुपए आया था। संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। इनमें जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि प्रमुख सदस्य थे। 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहें। संविधान में 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। बता दें निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं। संविधान में प्रशासन या सरकार के अधिकार, उसके कर्तव्य और नागरिकों के अधिकार के बारे में विस्तार से बताया गया है। संविधान की मूल प्रति भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे केस में रखी गई है। भारतीय संविधान के प्रमुख भाग इस प्रकार हैं- भाग-1 संघ एवं उसका राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 1 से 4 भाग-2 नागरिकता: अनुच्छेद 5 से 11 भाग-3 मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 12 से 35 भाग-4 नीति-निर्देशक तत्वन: अनुच्छेद 36 से 51 भाग-4 (क) मूल कर्तव्यच: अनुच्छेद 51 (क) भाग-5 संघ: अनुच्छेद 52 से 151 भाग-6 राज्य: अनुच्छेद 152 से 237 भाग-8 संघ राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 239 से 242 भाग-11 संघ और राज्यों के बीच संबंध: अनुच्छेद 245 से 263 भाग-14 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं: अनुच्छेद 308 से 323 भाग-15 निर्वाचन: अनुच्छेद 324 से 329 भाग-17 राजभाषा: अनुच्छेद 343 से 351 भाग-18 आपात उपबंध: अनुच्छेद 352 से 360 भाग-20 संविधान संशोधन: अनुच्छेद 368 Read the full article
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Republic Day 2020: कई सालों से गैस चेंबर में रखी है भारतीय संविधान की मूल प्रति, जानें वजह
चैतन्य भारत न्यूज 26 जनवरी यानी आज भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी का दिन संविधान लागू करने के लिए इसलिए चुना गया था क्योंकि साल 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। क्या आप जानते हैं कि भारत के संविधान की मूल प्रति एक गैस चेंबर में रखी है? आइए जानते हैं संविधान से जुड़ी कुछ खास बातें- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); संविधान की ख़ास बातें भारत का संविधान दुनिया का एकमात्र ऐसा संविधान है, जो हाथ से बने कागज पर हाथ से लिखा हुआ है। भारत के संविधान के हर पन्ने पर सोने की पत्तियों वाली फ्रेम बनी है। संविधान के हर अध्याय के शुरुआती पन्ने पर एक कलाकृति भी बनाई गई है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसी आधार पर भारत को दुनिया का सबसे बड़ा गणतंत्र कहा जाता है। पहले भारतीय संविधान की मूल प्रति को फलालेन के एक कपड़े में लपेटकर नेफ्थलीन बॉल्स के साथ रखा गया था। इसके बाद साल 1994 में इसका स्थान परिवर्तन कर संसद भवन के पुस्तकालय में वैज्ञानिक विधि से तैयार एक चेंबर में सुरक्षित रखा दिया गया।
अमेरिका की तर्ज पर भारतीय संविधान को रखा गया पहले यह देखा गया था कि अन्य देशों के संविधान किस तरह सुरक्षित रखे गए हैं। जांच में पता चला कि अमेरिका का संविधान सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह और वातावरण में रखा गया है। जानकारी के मुताबिक, वॉशिंगटन स्थित लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस में अमेरिका के एक पन्ने के संविधान को हीलियम गैस के चेंबर में रखा गया है। इसी तर्ज पर भारत के संविधान को भी रखना तय हुआ। फिर अमेरिका के गेट्टी इंस्टीट्यूट, भारत की नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी और भारतीय संसद के बीच करार हुआ और भारत में भी गैस चेंबर बनाने की पहल हुई। हीलियम गैस का चेंबर बनाया गया बता दें भारत के संविधान का आकार काफी बड़ा और भारी भी है। इसे रखने के लिए गैस चेंबर भी बड़ा बनाना पड़ा। भारत के संविधान को सुरक्षित रखने के लिए हीलियम गैस का चेंबर बनाया गया। दरअसल कागज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए ऐसी गैस की आवश्यकता थी, जो इनर्ट यानी नॉन-रिएक्टिव हो। वैज्ञानिकों के मुताबिक, हीलियम ही सबसे ज्यादा उपयोगी गैस थी।
हर दो महीने में होती है चेकिंग बता दें भारतीय संविधान काले रंग की स्याही से लिखा गया है। यह आसानी से उड़ सकती थी। इसे बचाने के लिए ह्युमिडिटी 50 ग्राम प्रति घन मीटर के आस-पास रखने की जरूरत थी। इसलिए संविधान को सुरक्षित रखने के लिए एयरटाइट चेंबर बनाया। चेंबर में ह्युमिडिटी बनाए रखने के लिए गैस मॉनिटर लगाए गए हैं। हर साल चेंबर में से हीलियम गैस खाली की जाती है और संविधान की सेहत की जांच की जाती है। इसके अलावा हर दो महीने में भी चेंबर की चेकिंग होती है। यह गैस चेंबर सीसीटीवी कैमरे की लगातार निगरानी में रहता है। ये भी पढ़े... गणतंत्र दिवस की परेड में दिखेगी उप्र, मप्र समेत 16 राज्यों की झांकियां, इन तीन राज्यों को नहीं मिली ��नुमति कौन हैं जेअर बोल्सोनारो? जिन्हें पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि किया आमंत्रित Read the full article
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गणतंत्र दिवस 2020: दुनिया में सबसे बड़ा है 'भारत का संविधान', जानें कौन-कौन सी बातें इसे बनाती हैं खास
चैतन्य भारत न्यूज आज देश अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। साल 1950 में आज ही के दिन भारतीय संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस के मौके पर हम आपको भारत के संविधान से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। भारत के संविधान के हर पन्ने पर सोने की पत्तियों वाली फ्रेम बनी है। संविधान के हर अध्याय के शुरुआती पन्ने पर एक कलाकृति भी बनाई गई है। बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है। वह संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। भीम राव अंबेडकर को संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का वक्त लगा था। संविधान 26 नवंबर, 1949 को बनकर तैयार हुआ था। लेकिन इसे कानूनी रूप से 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। इसी दिन को आज हम भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। दो दिन बाद 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू हो गया था। संविधान सभा पर अनुमानित खर्च 1 करोड़ रुपए आया था। संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। इनमें जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि प्रमुख सदस्य थे। 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहें। संविधान में 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। बता दें निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं। संविधान में प्रशासन या सरकार के अधिकार, उसके कर्तव्य और नागरिकों के अधिकार के बारे में विस्तार से बताया गया है। संविधान की मूल प्रति भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे केस में रखी गई है। भारतीय संविधान के प्रमुख भाग इस प्रकार हैं- भाग-1 संघ एवं उसका राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 1 से 4 भाग-2 नागरिकता: अनुच्छेद 5 से 11 भाग-3 मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 12 से 35 भाग-4 नीति-निर्देशक तत्वन: अनुच्छेद 36 से 51 भाग-4 (क) मूल कर्तव्यच: अनुच्छेद 51 (क) भाग-5 संघ: अनुच्छेद 52 से 151 भाग-6 राज्य: अनुच्छेद 152 से 237 भाग-8 संघ राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 239 से 242 भाग-11 संघ और राज्यों के बीच संबंध: अनुच्छेद 245 से 263 भाग-14 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं: अनुच्छेद 308 से 323 भाग-15 निर्वाचन: अनुच्छेद 324 से 329 भाग-17 राजभाषा: अनुच्छेद 343 से 351 भाग-18 आपात उपबंध: अनुच्छेद 352 से 360 भाग-20 संविधान संशोधन: अनुच्छेद 368 Read the full article
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जानें भारत में पहली बार कब और कैसे मनाया गया था गणतंत्र दिवस, कौन थे मुख्य अतिथि?
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. देश आज अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश में पहली बार गणतंत्र दिवस कब और कैसे मनाया गया था। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कब मनाया गया पहला गणतंत्र दिवस? 70 साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड पुराना किला के सामने ब्रिटिश स्टेडियम में हुई थी। इस जगह आज दिल्ली का चिड़ियाघर है और स्टेडियम की जगह पर नेशनल स्टेडियम मौजूद है। 26 जनवरी, 1950 को हमें भारत का संविधान और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के रूप में भारत के प्रथम राष्ट्रपति मिले थे। पहला गणतंत्र दिवस मनाते हुए प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारतीय तिरंगा फहराया था।
संविधान लागू के 6 मिनट बाद मिले पहले राष्ट्रपति जानकारी के मुताबिक, 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। इसके कुछ ही मिनट बाद 10:24 पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। राजेंद्र प्रसाद ने उसी दिन 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया था। साल 1950 में ही गणतंत्र दिवस पर अतिथि बुलाने की परंपरा की भी शुरुआत हुई थी। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि बनकर आए थे। इस दिवस को मनाते हुए सेना द्वारा परेड की गई और तोपों की सलामी दी गई थी। परेड में सशस्त्र सेना के तीनों बलों ने हिस्सा लिया था।
अलग-अलग जगहें मनाया जाता था गणतंत्र दिवस 1950 और 1954 के बीच भारत में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए एक निश्चित स्थान नहीं था। शुरुआत में इसे लाल किला, नेशनल स्टेडियम, किंग्सवे कैंप और फिर रामलीला मैदान में आयोजित किया गया था। इसके बाद साल 1955 में पहली बार राजपथ को गणतंत्र दिवस मनाने के स्थायी स्थान के रूप में चुना गया। ये भी पढ़े... गणतंत्र दिवस की परेड में दिखेगी उप्र, मप्र समेत 16 राज्यों की झांकियां, इन तीन राज्यों को नहीं मिली अनुमति सेना दिवस पर पुरुष परेड का नेतृत्व करने वाली पहली महिला तान्या शेरगिल, बचपन से ही हथियाराें से खेलने का शौक कौन हैं जेअर बोल्सोनारो? जिन्हें पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि किया आमंत्रित Read the full article
#26जनवरीगणतंत्रदिवस#71वांगणतंत्रदिवस#71वांगणतंत्रदिवसमुख्यअतिथि#aboutindianconstitution#constitution#ConstitutionOfIndia#constitutionofindiafacts#drbhimraoambedkar#drrajendraprasad#firstrepublicday#firstrepublicdaycelebration#firstrepublicdayfact#firstrepublicdayspecialguest#historyofrepubicday#IndianConstitution#indianconstitutionfacts#indianconstitutionfactsinhindi#kyulaaguhuasavidhan#kyumanayajatahairepubicday#repubicday#repubicdaykaitihas#repubicdayor26january#republicday#republicday2020#specialguestonrepublicday2020#कैसेमनायागयाथापहलागणतंत्रदिवस#क्योंमनायाजाताहैगणतंत्रदिवस#क्योंलागूहुआसंविधान#गणतंत्रदिवस#गणतंत्रदिवस2020
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26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ संविधान? जानें क्या है इसके पीछे की वजह
चैतन्य भारत न्यूज आज पूरा देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज ही के दिन साल 1950 में भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। वहीं 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की ओर से संविधान अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू कर दिया गया। आइए जानते हैं गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है और इसे मनाने के लिए 26 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
क्यों मनाया जाता गणतंत्र दिवस? 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत गणतंत्र देश बना था। गणतंत्र दिवस के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। डॉ. भीमराव आंबेडकर को भारत के संविधान निर्माता के रूप में पहचाना जाता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसमें किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं किया गया था। संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। भारत के संविधान में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 94 संशोधन शामिल हैं। यह ��स्तलिखित संविधान है जिसमें 48 आर्टिकल हैं।
26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ संविधान 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा का गठन हुआ। संविधान सभा ने अपना काम 9 दिसंबर 1946 से शुरू किया। संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की आजादी थी। अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए। इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता है। इस अवसर पर हर साल एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक राजपथ पर राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है। इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेते हैं। ये भी पढ़े... दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किए ISIS के 3 आतंकी, कर रहे थे 26 जनवरी को बड़े हमले की तैयारी Read the full article
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गणतंत्र दिवस 2020: पहली बार परेड में एंटी सैटेलाइट वेपन सिस्टम के साथ होगी ये झाकियां
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. 71वें गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राजपथ पर परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल हुई। इस दौरान सुरक्षाबलों के जवा��ों ने हथियारों के साथ कदमताल की। कहा जा रहा है कि इस साल परेड में धनुष 145 एमएम 52 कैलिबर होवित्जर तोप, अपाचे और चिनूक प्रमुख आकर्षण रहेंगेे। साथ ही लड़ाकू विमान राफेल की झांकी भी शामिल की जाएगी। खास बात यह है कि इस बार की परेड में एंटी सैटेलाइट वेपन सिस्टम भी पहली बार प्रदर्शित होगा। यह भारत के जंगी बेड़े का सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); यह चीजें भी दिखाई देगी भारत का पहला स्वदेशी अटैक हेलिकॉप्टर एलसीएच भी वायुसेना की झांकी में दिखेगा। हालांकि, इसे अभी तक वायुसेना में शामिल नहीं किया गया है। कोच्चि शिपयार्ड में तैयार हो रहा देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत भी इस बार नौसेना की झांकी में रहेगा। इसके साथ एंटी सबमरीन और टोही विमान पी8आई भी शामिल किए गए हैं। स्पेशल फोर्स के कमांडो का मार्च पास्ट और सीआरपीएफ जवानों के हैरतअंगेज करतब भी देखने को मिलेंगे। परेड में एनडीआरएफ का दस्ता सीबीआरएन (केमिकल बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर) सूट गियर में दिखेगा। कुदरती आपदाओं और रासायनिक हमलों से निपटने के तरीके दिखाए जाएंगे। इसके अलावा कश्मीर और वित्त मंत्रालय की झांकी भी पहली बार परेड में दिखाई देगी। #WATCH: Full dress rehearsal of 'Republic Day Parade 2020' underway at Rajpath. #Delhi pic.twitter.com/oEolMvlQXB — ANI (@ANI) January 23, 2020 महिला टीम दिखाएगी करतब जानकारी के मुताबिक, नारी शक्ति इस बार परेड में जांबाजी दिखाएगी। सीआरपीएफ की डेयरडेविल्स टीम पहली बार राजपथ पर मोटरसाइकिल के जरिए 9 तरह के करतब का प्रदर्शन करेगी। इस टीम की कई महिलाएं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद प्रभावित इलाके में तैनात हैं, तो कई पूर्वोत्तर के राज्यों में कानून-व्यवस्था पर नजर रख रही हैं। यही नहीं बल्कि डेयरडेविल्स टीम में कुछ ऐसी महिलाएं हैं, जो नक्सल प्रभावित राज्यों मे भी तैनात हैं। इस साल गणतंत्र दिवस पर सबसे खास गणतंत्र दिवस के मौके पर इस साल 22 झांकियां निकलेंगी, इनमें 16 राज्यों और 6 विभागों की होंगी। 90 मिनट की होगी गणतंत्र दिवस परेड, 16 मार्चिंग दस्ते होंगे। इसके अलावा 21 बैंड परेड में हिस्सा लेंगे, जिनमें 13 दस्ते सैन्य बैंड के होंगे। साथ ही 44 ऐसे बच्चे परेड में हिस्सा लेंगे, जिन्हें राष्ट्रीय पुर���्कार मिला। ये भी पढ़े... गणतंत्र दिवस की परेड में दिखेगी उप्र, मप्र समेत 16 राज्यों की झांकियां, इन तीन राज्यों को नहीं मिली अनुमति कौन हैं जेअर बोल्सोनारो? जिन्हें पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि किया आमंत्रित सेना दिवस पर पुरुष परेड का नेतृत्व करने वाली पहली महिला तान्या शेरगिल, बचपन से ही हथियाराें से खेलने का शौक Read the full article
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