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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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Republic Day 2020: कई सालों से गैस चेंबर में रखी है भारतीय संविधान की मूल प्रति, जानें वजह
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चैतन्य भारत न्यूज 26 जनवरी यानी आज भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी का दिन संविधान लागू करने के लिए इसलिए चुना गया था क्योंकि साल 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। क्या आप जानते हैं कि भारत के संविधान की मूल प्रति एक गैस चेंबर में रखी है? आइए जानते हैं संविधान से जुड़ी कुछ खास बातें- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); संविधान की ख़ास बातें  भारत का संविधान दुनिया का एकमात्र ऐसा संविधान है, जो हाथ से बने कागज पर हाथ से लिखा हुआ है। भारत के संविधान के हर पन्ने पर सोने की पत्तियों वाली फ्रेम बनी है। संविधान के हर अध्याय के शुरुआती पन्ने पर एक ��लाकृति भी बनाई गई है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसी आधार पर भारत को दुनिया का सबसे बड़ा गणतंत्र कहा जाता है। पहले भारतीय संविधान की मूल प्रति को फलालेन के एक कपड़े में लपेटकर नेफ्थलीन बॉल्स के साथ रखा गया था। इसके बाद साल 1994 में इसका स्थान परिवर्तन कर संसद भवन के पुस्तकालय में वैज्ञानिक विधि से तैयार एक चेंबर में सुरक्षित रखा दिया गया।
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अमेरिका की तर्ज पर भारतीय संविधान को रखा गया पहले यह देखा गया था कि अन्य देशों के संविधान किस तरह सुरक्षित रखे गए हैं। जांच में पता चला कि अमेरिका का संविधान सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह और वातावरण में रखा गया है। जानकारी के मुताबिक, वॉशिंगटन स्थित लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस में अमेरिका के एक पन्ने के संविधान को हीलियम गैस के चेंबर में रखा गया है। इसी तर्ज पर भारत के संविधान को भी रखना तय हुआ। फिर अमेरिका के गेट्टी इंस्टीट्यूट, भारत की नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी और भारतीय संसद के बीच करार हुआ और भारत में भी गैस चेंबर बनाने की पहल हुई। हीलियम गैस का चेंबर बनाया गया बता दें भारत के संविधान का आकार काफी बड़ा और भारी भी है। इसे रखने के लिए गैस चेंबर भी बड़ा बनाना पड़ा। भारत के संविधान को सुरक्षित रखने के लिए हीलियम गैस का चेंबर बनाया गया। दरअसल कागज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए ऐसी गैस की आवश्यकता थी, जो इनर्ट यानी नॉन-रिएक्टिव हो। वैज्ञानिकों के मुताबिक, हीलियम ही सबसे ज्यादा उपयोगी गैस थी।
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हर दो महीने में होती है चेकिंग बता दें भारतीय संविधान काले रंग की स्याही से लिखा गया है। यह आसानी से उड़ सकती थी। इसे बचाने के लिए ह्युमिडिटी 50 ग्राम प्रति घन मीटर के आस-पास रखने की जरूरत थी। इसलिए संविधान को सुरक्षित रखने के लिए एयरटाइट चेंबर बनाया। चेंबर में ह्युमिडिटी बनाए रखने के लिए गैस मॉनिटर लगाए गए हैं। हर साल चेंबर में से हीलियम गैस खाली की जाती है और संविधान की सेहत की जांच की जाती है। इसके अलावा हर दो महीने में भी चेंबर की चेकिंग होती है। यह गैस चेंबर सीसीटीवी कैमरे की लगातार निगरानी में रहता है। ये भी पढ़े... गणतंत्र दिवस की परेड में दिखेगी उप्र, मप्र समेत 16 राज्यों की झांकियां, इन तीन राज्यों को नहीं मिली अनुमत��� कौन हैं जेअर बोल्सोनारो? जिन्हें पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि किया आमंत्रित Read the full article
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