Jitiya Vrat: कब रखा जाएगा जितिया व्रत, जानिए तिथि शुभ मुहूर्त औऱ महत्व Jitiya Vrat: जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। जितिया व्रत मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। इस दिन माताएं अपने बच्चों के लिए निर्जला व्रत रखती हैं
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✨ जितिया व्रत कथा - Jitiya Vrat Katha
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक गरुड़ और एक मादा लोमड़ी नर्मदा नदी के पास एक हिमालय के जंगल में रहते थे। दोनों ने कुछ महिलाओं को पूजा करते और उपवास करते देखा और खुद भी इसे देखने की कामना की...
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✨ जितिया व्रत - Jitiya Vrat
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महाभारत काल से जुड़ा है जितिया का व्रत , जाने इसका महत्त्व
महाभारत काल से जुड़ा है जितिया का व्रत , जाने इसका महत्त्व
बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ राज्यों में काफी महत्व रखता है, जितिया का व्रत। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जीवित्पुत्रिका व्रत किया जाता है। सुहागन महिला इस दिन अपनी संतान की लम्बी आयु , उसकी तरक्की के लिए व्रत रखती है। जितिया का व्रत बहुत कठिन होता है। इसमें छठ की तरह पहले दिन नहाएं खाए, दूसरे दिन जितिया निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जा है। इस बार…
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Jivitputrika Vrat 2020 Date, Time & Significance - Times of India
Jivitputrika Vrat 2020 Date, Time & Significance – Times of India
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Jivitputrika Vrat 2020 will be observed on Thursday, September 10 this year. Jivitputrika Vrat, also known as Jitiya Vrat, is a significant fasting day in Hindu religion in which mothers observe Nirjala vrat throughout the day and night for well-being of their children.
Jivitputrika Vratis observed on Krishna Paksha Ashtami in the month of Ashwin as per Hindu lunar calendar. The festival…
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Jivitputrika Vrat 2020 - Rituals And Significance/ Jitiya vrat katha in hindi – जितिया व्रत कथा हिंदी में पीडीऍफ़ सलग्न
जिवितपुत्रिका एक त्योहार (जिउतिया या जितिया) है जिसमें निर्जला उपवास पूरे दिन और रात में माताओं द्वारा अपने बच्चों की भलाई के लिए किया जाता है।
हिन्दु चन्द्र कैलेण्डर के अनुसार, आश्विन माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी पर जीवित्पुत्रिका व्रत किया जाता है।
इस व्रत को करते समय केवल सूर्योदय से पहले ही खाया पिया जाता है। सूर्योदय के बाद आपको कुछ भी खाने-पीने की सख्त मनाही होती है।
इस व्रत से पहले केवल मीठा भोजन ही किया जाता है तीखा भोजन करना अच्छा नहीं होता।
जिउतिया व्रत में कुछ भी खाया या पिया नहीं जाता। इसलिए यह निर्जला व्रत होता है। व्रत का पारण अगले दिन प्रातःकाल किया जाता है जिसके बाद आप कैसा भी भोजन कर सकते है।
गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन उदार और परोपकारी व्यक्ति थे। पिता के वन प्रस्थान के बाद उनको ही राजा बनाया गया, लेकिन उनका मन उसमें नहीं रमा। वे राज-पाट भाइयों को देकर अपने पिता के पास चले गए। वन में ही उनका विवाह मलयवती नाम कन्या से हुई।
एक दिन वन में उनकी मुलाकात एक वृद्धा से हुई, जो नागवंश से थी। वृद्धा रो रही थी, वह काफी डरी हुई थी। जीमूतवाहन ने उससे उसकी ऐसी स्थिति के बारे में पूछा। इस पर उसने बताया कि नागों ने पक्षीराज गरुड़ को वचन दिया है कि प्रत्येक दिन वे एक नाग को उनके आहार के रूप में देंगे।
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वृद्धा ने बताया कि उसका एक बेटा है, जिसका नाम शंखचूड़ है। आज उसे पक्षीराज गरुड़ के पास जाना है। इस पर जीमूतवाहन ने कहा कि तुम्हारे बेटे को कुछ नहीं होगा। वह स्वयं पक्षीराज गरुड़ का आहार बनेंगे। नियत समय पर जीमूतवाहन स्वयं पक्षीराज गरुड़ के समक्ष प्रस्तुत हो गए।
लाल कपड़े में लिपटे जीमूतवाहन को गरुड़ अपने पंजों में दबोच कर साथ लेकर चल दिए। उस दौरान उन्होंने जीमूतवाहन की आंखों में आंसू निकलते देखा और कराहते हुए सुना। वे एक पहाड़ पर रुके, तो जीमूतवाहन ने सारी घटना बताई।
पक्षीराज गरुड़ जीमूतवाहन के साहस, परोपकार और मदद करने की भावना से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने जीमूतवाहन को प्राणदान दे दिया और कहा कि वे अब किसी नाग को अपना आहार नहीं बनाएंगे। इस तरह से जीमूतवाहन ने नागों की रक्षा की। इस घटना के बाद से ही पुत्रों के दीर्घ और आरोग्य जीवन के लिए जीमूतवाहन की पूजा होने लगी।
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जितिया की कथा | Jitiya ki katha | Jivitputrika ki katha | Jitiya vrat ka...
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Jitiya Vrat Katha: अश्वत्थामा के ब्रह्मास्त्र से जुड़ी है जीवित्पुत्रिका व्रत की कहानी https://ift.tt/3bIOweW
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👶 जितिया व्रत कथा - Jitiya Vrat Katha
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक गरुड़ और एक मादा लोमड़ी नर्मदा नदी के पास एक हिमालय के जंगल में रहते थे। दोनों ने कुछ महिलाओं को पूजा करते और उपवास करते देखा और खुद भी इसे देखने की कामना की। उनके उपवास के दौरान, लोमड़ी भूख के कारण बेहोश हो गई और चुपके से भोजन कर लिया...
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👶 जितिया - Jitiya
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जितिया या जिवितपुत्रिका व्रत 2020
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जितिया व्रत 2020 या जिवितपुत्रिका व्रत 2020 इस बार 10 सितंबर 2020 को पड़ रहा है. यह जिवितपुत्र बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाए जाने वाला एक लोकप्रिय पर्व है. वहीं, नेपाल में जीवित्पुत्रिका व्रत, जितिया उपवास के रूप में लोकप्रिय है. सनातन धर्मावलंबियों में इस व्रत का खास महत्व है. वंश वृद्धि व संतान की लंबी आयु के लिए महिलाएं जितिया का निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन माताएं अपनी सन्तानों की…
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जितिया व्रत 2018: जब श्री कृष्ण ने गर्भ में मर चुके बालक को फिर से कर दिया था जीवित, जानिए इस व्रत की पूरी कहानी
जितिया व्रत 2018: जब श्री कृष्ण ने गर्भ में मर चुके बालक को फिर से कर दिया था जीवित, जानिए इस व्रत की पूरी कहानी
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नई दिल्ली: Jitiya Vrat 2018:हिंदू धर्म में बच्चों के लिए गिने-चुने व्रत ही रखे जाते हैं. उन्हीं व्रतों में से एक है जीवित्पुत्रिका (Jivitputrika) या जितिया व्रत (Jitiya Vrat). यह व्रत महिलाएं अपने बच्चों की लंबी आयु के लिए करती हैं. यह व्रत हर साल अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी, अष्टमी और नवमी को मनाया जाता है. तीन दिन किए जाने वाले इस व्रत की हर दिन की प्रक्रियाएं अलग हैं, लेकिन…
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जीवित्पुत्रिका व्रत कथा, पूजा विधि | Jivitputrika vrat katha | Jitiya Vr...
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