बाज नहीं आ रहा चीन, पैंगोंग-देपसांग में ड्रैगन को पीछे हटाने के लिए दबाव डाल रहा भारत
New Delhi: भारत और चीन में सीमा विवाद (India-China Border Dispute) को लेकर तनाव अभी पूरी तरह से टला नहीं है। पैंगोंग, देपसांग और कई अन्य इलाकों में अभी दोनों सेनाओं का पीछे हटना बाकी है। अभी दोनों देशों के बीच पूरी तरह सहमति बनने में भी कसर है। पूरी बात होने बाद ही दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी। दोनों देशों के बीच मैराथन मीटिंग के दौरान इन बातों पर चर्चा की गई।
15 जून को सीमा पर हुई हिंसा (India-China Border Dispute) के बाद चीन पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है। मंगलवार को भी दोनों देशों में कमांडर स्तर की बातचीत हुई जो कि लगभग 14 घंटे तक चली। चुशुल में सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई बैठक बुधवार को तड़के ढाई बजे तक चली। दोनों देशों ने एक दूसरे का प्रस्ताव लेकर समीक्षा करने की बात कही। दूसरे चरण के डीएस्केलेशन के लिए अभी पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई है।
बुधवार सुबह थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने दिल्ली में अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर बैठक की। इसके बाद शाम को चाइना स्टडी ग्रुप (CSG) की भी बैठक हुई जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस.
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सीमा तनाव : लद्दाख में युद्ध जैसे हालात, बढ़ रही सैनिकों की संख्या
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में बीते 15-16 जून को हुई दोनों देशों के बीच हिंशक झड़प के बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव लगातार बरकरार है | दोनों देशो के बीच बातचीत का दौर लगातार चल रहा है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है | जिस तरह से चीन और भारत लगातार सीमा पर आपने सैनिक बड़ा रहा है उससे तो अब ये लग रहा है कि जैसे दोनों देशों के बीच युद्द के हालात बन गए है |बता दें कि भारतीय सेना पहले से ही अलर्ट पर है | और अब सारे हथियारों और सैनिकों को सीमा पर लगातार तैनात किया जा रहा है |
सीमा पर भारतीय सेना की तैयारी
चडीगढ़ के एयरबेस पर भारतीय वायु सेना का सी -17 ग्लोबमास्टर लद्दाख ले जाने के लिए कार्गो उठा रहा है | इस पर T-90 टैंक को लोड किया जा रहा है |बता दें कि उत्तर भारत में सेना की छावनी और एयरबेस पर पिछले एक महीने से लगभग हर जगह ऐसा ही नजारा दिख रहा है | लद्दाख की सीमा पर आर्टिलरी गन, हवाई निगरानी रडार, फ्रंटलाइन फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर भेजे जा रहे हैं | कहा जा रहा है कि लद्दाख की सीमा पर करीब 45 हजार सैनिक तैयार किए जा रहे हैं |
हर मोर्चे पर तैनाती
गौरतलब है कि सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच पहले ही भारतीय सेना अलर्ट पर है | जबकि भारतीय सेना ने अपने सभी हथियार भारतीय नौसेना के P-81 को भी तैनात कर दिया गया है | इसकी नजर चीन की सेना पर है | लद्दाख में चीन से लगे 1597 किलोमीटर की सीमा पर 65 जगहों पर पेट्रोलिंग और चौकसी बढ़ा दी गई है | कहा जा रहा है कि LAC के गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग, डेपसांग, पैंगगौंग और सिक्किम में दोनों देशों की सेना आमने-सामने खड़ी है |
चीन की तैयारी
उधर चीन की सेना भी LAC पर अपनी ताकत बढ़ा रही है | कहा जा रहा है कि चीन ने भी सैनिक, टैंक,मिसाइल और लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिए हैं | इसके अलावा चीन भारत की सीमा में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है | मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन ने पैनसौंग सो में फिंगर 4 के पास हेलिपैड भी तैयार कर लिया है |
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India China Face-Off : चीन ने रिहा किए भारत के 10 भारतीय सैनिक
नई दिल्ली : भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार को गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए, जिसके बाद से देश में गुस्से का माहौल है और चीन को कड़ा जवाब देने की आवाज़ उठ रही है, चीन विवाद को लेकर चर्चा करने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें राजनीतिक दलों के अध्यक्ष शामिल होंगे |
चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने इंडियन आर्मी के उन 10 सैनिकों को रिहा कर दिया जिन्हें 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद उसने पकड़ लिया था। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इन सैनिकों को गुरुवार रात रिहा किया गया है। सोमवार को गलवान घाटी (पेट्रोलिंग प्वाइंट 14) पर हुए हिंसक टकराव में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए हैं। जबकि कुछ सैनिकों को चीन ने बंदी बना लिया था।
इससे पहले भारतीय सेना ने गुरुवार को उन मीडिया खबरों को खारिज किया जिनमें दावा किया गया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में तीन दिन पहले चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़पों के बाद उसके कई सैनिक लापता है | सेना ने एक बयान में कहा, ‘यह स्पष्ट किया गया है कि कार्रवाई में कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं हैं |
इस तरह की खबरें थीं कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीनी सेना ने भारतीय सेना के कुछ सैनिकों को बंदी बना लिया है | इस झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे | चीन ने हताहतों की संख्या अभी तक जारी नहीं की है | विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भी एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि सोमवार को हुई झड़प के बाद से कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं हुआ है |
76 जवानों की हालत ठीक,15 दिन में जॉइन करेंगे ड्यूटी
वहीं समाचार एजेंसी के अनुसार भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि गुरुवार दोपहर तक किसी भी जवान की हालत गंभीर नहीं है | इसके साथ ही 58 जवानों को मामूली चोटें आई हैं | जानकारी दी कि फिलहाल सभी जवानों की हालत खतरे से बाहर है | 18 जवानों को लेह के अस्पताल में भर्ती कराया गया है | ये सभी जवान 15 दिन में ड्यूटी जॉइन करने के लिए पहुंच सकते हैं | वहीं, 58 जवान जिन्हें मामूली चोटें आई हैं वह एक हफ्ते के भीतर वापस मोर्चे पर पहुंच सकते हैं |
गौरतलब है कि गत पांच और छह मई को हिंसक झड़प में लगभग 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के शामिल होने के बाद क्षेत्र में स्थिति बिगड़ गई थी | पैंगोंग सो में हुई घटना के बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में भी इसी तरह की घटना हुई थी | बता दें साल 1962 के चीन-भारत युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब भारतीय सैनिकों को चीनी पक्ष ने बंधक बना लिया था |
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सीमा विवाद : रूस दौरे पर रक्षामंत्री, 24 जून को Victory-Day परेड में करेंगे शिरकत
नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं। हालांकि, राजनाथ सिंह अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान शीर्ष चीनी नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगे। राजनाथ सिंह 22 जून को रूस रवाना होंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नाजी जर्मनी पर विजय हासिल करने की 75वीं वर्षगांठ पर शामिल होने के लिए रूस जा रहे हैं। राजनाथ सिंह के साथ भारतीय रक्षाकर्मी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
राजनाथ सिंह मॉस्को में शीर्ष रूसी नेताओं और अन्य देशों के नेताओं से मिलेंगे, लेकिन लद्दाख तनाव के चलते वह चीन के नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगे। राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार और प्रत्येक सशस्त्र बल के एक शीर्ष अधिकारी होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, 24 जून को द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की जीत की 75वीं वर्षगांठ है | इस उपलक्ष्य में रूस ने राजधानी मास्को में एक भव्य ‘विक्टरी-डे परेड’ का आयोजन किया है | इसी परेड में शिरकत करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को जाने वाले हैं |
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, हालांकि राजनाथ सिंह की रूस यात्रा लगभग पक्की है, लेकिन इसपर मुहर शुक्रवार शाम तक ही लग पाएगी, क्योंकि शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से चल रहे टकराव पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है | इस बैठक के लिए खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी प्रमुख राजनैतिक पार्टियों के और अध्यक्षों और प्रमुखों को फोन कर आमंत्रित किया है | खुद प्रधानमंत्री के कहने पर इस सर्वदलीय बैठक को बुलाया जा रहा है |
आपको बता दें कि रूस की विक्टरी डे परेड में रूस की सेना सहित कई देशों की सैन्य टुकड़ियां हिस्सा लेने वाली हैं | भारत का भी एक 75 सदस्य सैन्य-दल इस विक्टरी-डे परेड में हिस्सा लेने मास्को जा रहा है | भारत की इस टुकड़ी में तीनों सशस्त्र सेनाओं यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना की भागीदारी है |
आपको बता दें कि रूस हमेशा से ही भारत का सबसे भरोसेमंद मित्र-देश रहा है | हालांकि, बीते कुछ सालों में भारत की नजदीकियां अमेरिका से काफी बढ़ गई हैं, लेकिन भारत ने कभी भी रूस का साथ नहीं छोड़ा है | वर्ष 2016 में पाकिस्तान के खिलाफ हुई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी भारत ने रूस से रातों-रात गोला-बारूद और दूसरे हथियार लिए थे |
राजनाथ सिंह की रूस यात्रा ऐसे समय में है, जब भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय से अपने 33 फाइटर जेट्स के प्रोपोजल को गति देने के लिए कहा है | दरअसल, बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद वायुसेना ने रूस से 21 मिग-29 लड़ाकू विमान खरीदने का प्लान बनाया था | साथ ही रूस से लिए 12 सुखोई फाइटर जेट्स जो बीते सालों में दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, उन्हें भी बदलने का प्रस्ताव दिया है |
रक्षा मंत्री की ये यात्रा इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि चीन और रूस भी काफी करीबी माने जाते थे | माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 23 जून को ही मास्को पहुंच जाएंगे | 23 तारीख को ही भारत, चीन और रूस के विदेश मंत्रियों की भी वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक मीटिंग है |
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