#gurukul99 Bhimraoambedkar
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hindiblogg · 3 years ago
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डॉ. भीमराव आंबेडकर
पानी की एक बूंद जो समुद्र में मिल जाने के बाद अपना अस्तित्व खो देती है। लेकिन मनुष्य को समाज में रहकर अपना अस्तित्व नहीं खोना चाहिए। क्यूंकि व्यक्ति स्वतंत्र है, और उसका जन्म समाज के विकास के लिए नहीं, अपितु स्वयं के विकास के लिए हुआ है।
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