Tumgik
#glacierinuttarakhand
chaitanyabharatnews · 4 years
Text
ग्लेशियर टूटा, आया सैलाब, अब तक 15 लोगों की मौत, 170 लोग अब भी लापता, सुरंग में रेस्क्यू जारी
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज देवभूमि उत्तराखंड में रविवार को कुदरती आफत ने फिर अपना कहर बरपाया है। चमोली में ग्लेशियर टूट जाने से बड़ा नुकसान हुआ। पानी का बहाव इतना तेज था कि सब कुछ बह गया। अब तक कुल 15 शवों को मिल चुके हैं, जबकि 150 से अधिक लोग गायब बताए जा रहे हैं। टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं।#tapovanrescue #Chamoli #Uttarakhand_Disaster pic.twitter.com/szSaxJfEy7 — chamoli police (@chamolipolice) February 8, 2021 स्थानीय प्रशासन से लेकर सेना तक अब भी रेस्क्यू में जुटी है और राज्य-केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही हैं। रविवार को टनल से आईटीबीपी के जवानों ने 16 लोगों को सुरक्षित निकाला जिसके बाद दूसरे सुरंग में भी 30 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली। इस पर देर रात से ही एनडीआरएफ के जवान टनल से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश में जुटे हुए हैं लेकिन दलदल वाली जमीन होने की वजह से रेस्क्यू में भारी दिक्कत आ रही हैं। पानी की वजह से दलदल जैसी स्थिति है जिस कारण वहां भारी मशीनों का इस्तेमाल भी नहीं हो पा रहा है। #HADROps#Uttarakhand Aerial rescue & relief missions have resumed with Mi-17 & ALH helicopters flying from Dehradun to Joshimath with disaster relief teams on board. pic.twitter.com/64HDOqZCbN — Indian Air Force (@IAF_MCC) February 8, 2021 जानकारी के मुताबिक, 300 जवानों को टनल साफ करने में लगाया गया है, स्थानीय प्रशासन का कहना है कि करीब 170 लोग लापता हैं। बीते दिन 12 लोग जो बचाए गए हैं, वो एक दूसरी टनल थी। रेस्क्यू में सबसे बड़ी चुनौती 30-35 फीट कीचड़ है। अभी पानी इसके ऊपर से बह रहा है और बहुत से लोग कीचड़ में फंस गए हैं। फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द सुरंग से बाहर निकालने के लिए सेना ने दो चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, एनडीआरएफ के 60 जवानों को वायुसेना ने C130 एयरक्राफ्ट से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून पहुंचाया है। #WATCH Uttarakhand: SDRF removes the debris and slush at the tunnel near Tapovan dam in Chamoli to carry out the further rescue operation. Latest visuals from the site. 8 bodies have been recovered in the rescue operation so far. (Source: SDRF) pic.twitter.com/TSkzSgnI2N — ANI (@ANI) February 8, 2021 Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 4 years
Text
उत्तराखंड में जलप्रलय, ठंड में पहली बार टूटा ग्लेशियर, वैज्ञानिक भी हैरान, करीब 150 लोगों के मारे जाने की आशंका
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूट गया। इसके बाद धौलीगंगा नदी में जल स्तर अचानक बढ़ गया। जिले में बाढ़ आने से ऋषि गंगा और तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। 150 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबने की सूचना हे। चमोली में आपदा से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड में इस तरह की घटना होना हैरतअंगेज है। While in Assam, PM Narendra Modi reviewed situation in Uttarakhand. He spoke to CM Trivendra Singh Rawat & other top officials. He took stock of rescue & relief work underway. Authorities are working to provide all possible support to affected:Prime Minister's Office (File photo) pic.twitter.com/YmX1DspoRK — ANI (@ANI) February 7, 2021 वैज्ञानिक हैरान वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ज्योलॉजी के वैज्ञानिक डॉ। अमित कुमार का दावा है कि , पहली बार कोई ग्लेशियर ठंड में टूटा है। यह हैरतअंगेज है। हालांकि अभी ग्लेशियर फटने की सही वजह स्पष्ट नहीं है। लेकिन हो सकता है कि जमीन के नीचे कटाव कारण ऐसा हुआ हो। 150 लोगों के मारे जाने की आशंका उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि, आपदा में 100 से 150 लोगों के मारे जाने की आशंका है। अब तक 3 लोगों के शव मिले हैं। चमोली के तपोवन इलाके में हुई इस घटना से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंचा है। यहां काम करने वाले कई मजदूर लापता हैं। नदी के किनारे बसे कई घर पानी में बह गए हैं। आसपास के गांवों को खाली कराया जा रहा है। ऋषिगंगा के अलावा एनटीपीसी के भी एक प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है। तपोवन बैराज, श्रीनगर डैम और ऋषिकेश डैम भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। पीएम मोदी ने सीएम से की बात, मदद का आश्वान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से फोन पर बात की। उन्होंने सीएम से राहत और बचाव कार्य के बारे में जानकारी हासिल की। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गई हैं। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी। जून 2013 में आई आपदा में 4 हजार से ज्यादा की जान गई थी 16-17 जून 2013 को बादल फटने से रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिलों में भारी तबाही मची थी। इस आपदा में 4,400 से अधिक लोग मारे गए या लापता हो गए। 4,200 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया। इनमें 991 स्थानीय लोग अलग-अलग जगह पर मारे गए। 11,091 से ज्यादा मवेशी बाढ़ में बह गए या मलबे में दबकर मर गए। ग्रामीणों की 1,309 हेक्टेयर भूमि बाढ़ में बह गई। 2,141 भवनों का नामों-निशान मिट गया। 100 से ज्यादा बड़े व छोटे होटल ध्वस्त हो गए। आपदा में नौ नेशनल हाई-वे, 35 स्टेट हाई-वे और 2385 सड़कें 86 मोटर पुल, 172 बड़े और छोटे पुल बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए थे। Read the full article
0 notes