#dushyant Kumar
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shayarigateway · 5 months ago
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eat-5star-do-nothing · 1 year ago
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एक जंगल है तेरी आँखों में, मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ। तू किसी रेल-सी गुज़रती है, मैं किसी पुल-सा थरथराता हूँ।
-Dusyant Kumar
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hindikala · 1 year ago
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Tu Kisi Rail Se Gujarti Hai..🧡 #VickyKaushal #Masaan
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rajeevpradhan · 1 year ago
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ajaykumar111-blog · 2 years ago
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jaane-bhi-do-yaaro · 10 months ago
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हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।
हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।
Insurmountable like the Himalayas, is now our sorrow,
Let it melt like the Ganges, and through these mountains burrow.
These walls have, like curtains, finally started shaking,
But remember, “shake must the foundations”, was our original undertaking.
On every street and boulevard, across every town and farmland,
It's high time even the corpses march hand-in-hand.
I am not your everyday agitator, needless violence is not my aim,
I am here for the long haul, to change the very rules of the game.
If not in mine, so be it in your heart,
It really doesn’t matter where, but a fire needs to start.
~ दुष्यंत कुमार (Dushyant Kumar)
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RSS, Modi & Election : हारे तो अपनों से ख़तरा..3 दिसबंर के बाद असली खेल !
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The prime minister Modiji quoted the Dushyant Kumar poem to target the Opposition and Congress leader Rahul Gandhi in Lok Sabha:
"Tumhaare paanv ke neeche koi zameen nahin, kamaal ye hai ki phir bhi tumhen yaqeen nahin,"
"(no ground under your feet, amazing that you still don't believe it)."
‼️Everything is now reversed for the Modiji..
Now who has been proven Panauti for Republic of India?
Now panauti’ has been trending on social media....‼️
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totaltrashcan · 1 year ago
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The lyrics of this song SO incredibly good!
My favourite lines:
"raat jo baaqi hai shaam se taaki hai neeyat mein thodi.. neeyat mein thodi kharabiyaan lagaa"
This always makes me laugh because it's so incredibly (and unexpectedly) sexy, in such an otherwise earnest song!
The original poem is by Dushyant Kumar, and the lyrics have been written by Varun Grover.
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shayariforest · 1 year ago
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Love Shayari
There are a whole lot of renowned writers who wrote shayari for us. We in shayariforest.in share these shayaris for you. 
List of all the renowned famous shayari writer :
1. Mirza Ghalib
2. Faiz Ahmad Faiz
3. Ahmad Faraz
4. Wasim Barelvi
5. Daagh Dehlvi
6. Firaq Gorakhpuri
7. Nida Fazli
8. Meeraji
9. Sahir Ludhianvi
10. Jigar Moradabadi
11. Dr Muhammad Iqbal
12. Bashir Badr
13. Jaun Elia
14. Mir Taqi Mir
15. Qateel Shifai
16. Akhlaq Mohammed Khan
17. Dushyant Kumar
18. Gulzar
19. Akbar Allahabadi
20. Munawwar Rana
21. Rahat Indori
22. Javed Akhtar
Shayari is for revealing the feeling of love. That is why they wrote love shayari, sad shayari for us. 
Love Shayari
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी.
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश  की बूँद को इस ज़मीन से, यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,  
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ । तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।
इश्क़ की तलाश में क्यों निकलते हो तुम, इश्क़ खुद तलाश लेता है जिसे बर्बाद करना होता है।
तुझ से बिछड़ कर कब ये हुआ कि मर गए, तेरे दिन भी गुजर गए और मेरे दिन भी गुजर गए.
आऊं तो सुबह, जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना, बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना
वो शख़्स जो कभी मेरा था ही नही, उसने मुझे किसी और का भी नही होने दिया.
सालों बाद मिले वो गले लगाकर रोने लगे, जाते वक्त जिसने कहा था तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
जब भी आंखों में अश्क भर आए लोग कुछ डूबते नजर आए चांद जितने भी गुम हुए शब के सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए
जिन दिनों आप रहते थे, आंख में धूप रहती थी अब तो जाले ही जाले हैं, ये भी जाने ही वाले हैं.
जबसे तुम्हारे ��ाम की मिसरी होंठ लगाई है मीठा सा गम है, और मीठी सी तन्हाई है.
वक्त कटता भी नही वक्त रुकता भी नही दिल है सजदे में मगर इश्क झुकता भी नही
एक बार जब तुमको बरसते पानियों के पार देखा था यूँ लगा था जैसे गुनगुनाता एक आबशार देखा था तब से मेरी नींद में बसती रहती हो बोलती बहुत हो और हँसती रहती हो.
होती नही ये मगर हो जाये ऐसा अगर तू ही नज़र आए तू जब भी उठे ये नज़र
मेर�� ख्याल है अभी, झुकी हुई निगाह में खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में मैं जानता हूं, मेरा नाम गुनगुना रही है वो यही ख्याल है मुझे, के साथ आ रही है वो
तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं तुम्हें पा के हम खुद से दूर हो गए थे तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं
उतर रही हो या चढ़ रही हो ? क्या मेरी मुश्किलों को पढ़ रही हो ?
सुरमे से लिखे तेरे वादे आँखों की जबानी आते हैं मेरे रुमालों पे लब तेरे बाँध के निशानी जाते हैं
तेरे इश्क़ में तू क्या जाने कितने ख्वाब पिरोता हूं एक सदी तक जागता हूं मैं एक सदी तक सोता हूं
गुल पोश कभी इतराये कहीं महके तो नज़र आ जाये कहीं तावीज़ बनाके पहनूं उसे आयत की तरह मिल जाये कहीं
पता चल गया है के मंज़िल कहां है चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे
उम्मीद तो नही फिर भी उम्मीद हो कोई तो इस तरह आशिक़ शहीद हो
कोई आहट नही बदन की कहीं फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं वक्त जाता सुनाई देता है तेरा साया दिखाई देता है
तू समझता क्यूं नही है दिल बड़ा गहरा कुआँ है आग जलती है हमेशा हर तरफ धुआँ धुआँ है
टकरा के सर को जान न दे दूं तो क्या करूं कब तक फ़िराक-ए-यार के सदमे सहा करूं मै तो हज़ार चाहूँ की बोलूँ न यार से काबू में अपने दिल को न पाऊं तो क्या करूं
एक बीते हुए रिश्ते की एक बीती घड़ी से लगते हो तुम भी अब अजनबी से लगते हो
प्यार में अज़ीब ये रिवाज़ है, रोग भी वही है जो इलाज है.
जाने कैसे बीतेंगी ये बरसातें माँगें हुए दिन हैं, माँगी हुई रातें.
ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था.
वो बेपनाह प्यार करता था मुझे गया तो मेरी जान साथ ले गया
झुकी हुई निगाह में, कहीं मेरा ख्याल था दबी दबी हँसी में इक, ह��ीन सा गुलाल था मै सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो न जाने क्यूं लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो
इस दिल में बस कर देखो तो ये शहर बड़ा पुराना है हर साँस में कहानी है हर साँस में अफ़साना है
कोई वादा नही किया लेकिन क्यों तेरा इंतज़ार रहता है बेवजह जब क़रार मिल जाए दिल बड़ा बेकरार रहता है
धीरे-धीरे ज़रा दम लेना प्यार से जो मिले गम लेना दिल पे ज़रा वो कम लेना
दबी-दबी साँसों में सुना था मैंने बोले बिना मेरा नाम आया पलकें झुकी और उठने लगीं तो हौले से उसका सलाम आया
खून निकले तो ज़ख्म लगती है वरना हर चोट नज़्म लगती है.
उड़ते पैरों के तले जब बहती है जमीं मुड़के हमने कोई मंज़िल देखी तो नही रात दिन हम राहों पर शामो सहर करते हैं राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं
इतना लंबा कश लो यारो, दम निकल जाए जिंदगी सुलगाओ यारों, गम निकल जाए
शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आपकी कमी सी है
ख़ामोश रहने में दम घुटता है और बोलने से ज़बान छिलती है डर लगता है नंगे पांव मुझे कोई कब्र पांव तले हिलती है
Sad Shayari
तन्हाई अच्छी लगती है
 सवाल तो बहुत करती पर,. जवाब के लिए ज़िद नहीं करती..
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं
"खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते, बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते !"
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।
टूटी फूटी शायरी में लिख दिया है डायरी में आख़िरी ख्वाहिश हो तुम लास्ट फरमाइश हो तुम
मुस्कुराना, सहते जाना, चाहने की रस्म है ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है
हमने देखी है उन आँखों की खुशबू हाथ से छूके इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो
ख्वाबी ख्वाबी सी लगती है दुनिया आँखों में ये क्या भर रहा है मरने की आदत लगी थी क्यूं जीने को जी कर रहा है
कहीं किसी रोज यूं भी होता हमारी हालत तुम्हारी होती जो रातें हमने गुजारी मरके वो रातें तुमने गुजारी होती
उम्मीद भी अजनबी लगती है और दर्द पराया लगता है आईने में जिसको देखा था बिछड़ा हुआ साया लगता है
कोई तो करता होगा हमसे भी ��ामोश मोहब्बत.. किसी का हम भी अधूरा इश्क रहे होंगे…
आखिरी नुकसान था तू जिंदगी में, तेरे बाद मैंने कुछ खोया ही नहीं..
सब खफा हैं मेरे लहजे से, पर मेरे हालात से वाकिफ कोई नहीं..
तन्हाइयां कहती हैं कोई महबूब बनाया जाए, जिम्मेदारियां कहती हैं वक़्त बर्बाद बहुत होगा..
मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे उनके आंसू , कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गई..
जर्रा जर्रा समेट कर खुद को बनाया है मैंने, मुझसे ये ना कहना बहुत मिलेंगे तुम जैसे..
बहुत करीब से अनजान बनके गुजरा है वो शख्स, जो कभी बहुत दूर से पहचान लिया करता था..
उतार कर फेंक दी उसने तोहफे में मिली पायल, उसे डर था छनकेगी तो याद जरूर आऊंगा मै..
सब तारीफ कर रहे थे अपने अपने महबूब का, हम नीद का बहाना बना कर महफ़िल छोड़ आए..
वो हमे भूल ही गए होंगे भला इतने दिनों तक कौन खफा रहता है..
आज थोड़ी बिगड़ी है कल फिर सवांर लेंगे जिंदगी है जो भी होगा संभाल लेंगे…
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imranjalna · 14 days ago
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हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
दुष्यंत कुमार की एक बेहद मार्मिक और प्रसिद्ध ग़ज़ल.A very touching and famous ghazal by Dushyant Kumar. हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए। हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,हाथों में रोशनी लिए हर लाश चलनी चाहिए। सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मेरा मक़सद नहीं,मेरी कोशिश है कि ये…
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agrinextcon · 4 months ago
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AgriNext Conference 2024: Announcing Keynote Speaker Mr. Dushyant K Tyagi, CEO of Farmgate
We are thrilled to announce that Mr. Dushyant K Tyagi, the esteemed CEO of Farmgate, will be a keynote speaker at the highly anticipated AgriNext Awards & Conference, taking place in Dubai on November 13-14, 2024. Mr. Tyagi's vast expertise and transformative contributions to the agriculture sector make him an invaluable addition to our speaker lineup.
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Mr. Dushyant Kumar Tyagi, hailing from Western UP, India, and coming from a humble farming background, has built an impressive career grounded in academic excellence and practical experience. He holds a Master's Degree in Agriculture Science specialising in Plant Breeding from GB Pant University of Agriculture and Technology. His academic journey is marked by numerous merit scholarships and significant research contributions in agriculture biotechnology, widely cited in research papers, PhD theses, and academic books. With over three decades of experience in the Food & Agri Business industry, Mr. Tyagi's career spans across the entire value chain from Agri Inputs, Post-Harvest, Marketing, Fresh Food Retail, Food Processing, Start-up Mentoring, and Technology-enabled services in various geographies and cultural settings. His leadership in spearheading the PMO project e-NAM (electronic National Agriculture Market) stands out as a transformative achievement in the agriculture sector. e-NAM, the world's largest Electronic Spot Agri Trading Platform, has facilitated over USD 38 billion in transactions and served more than 17 million farmers.
Mr. Tyagi is also the strategic partner behind India’s only farmgate Agri Trading platform eFarmarket, connecting farmers directly to buyers across the country. His professional journey includes significant roles in leading companies such as Chambal Fertilisers and Chemicals Ltd, Reliance Retail, Aditya Birla Retail, and Mother Dairy Fruit & Vegetables Pvt Ltd. Currently, he is engaged in establishing Farmgate Technologies Pvt Ltd, a subsidiary of Fertis India Pvt Ltd, and plays a pivotal role in nurturing AgriTech startups focusing on AI Image Analytics and UAV technology. In addition to his professional endeavours, Mr. Tyagi is the National Convenor of the ‘India Digital Agriculture Council’ of the Indian Council of Food and Agriculture (ICFA), Co-chairs the National Council for Agriculture at Assocham, and is a member of the PHD Chamber of Commerce and Industry. He has been honoured with numerous awards, including the Gems of Digital India 2018 and the Platinum Award under Digital India Awards 2022 for ‘e-NAM’. His thought leadership is regularly featured in prestigious publications such as India Today, Forbes India, and Fortune India. The AgriNext Awards & Conference is a premier event dedicated to the advancement and innovation in the agriculture sector. It brings together industry leaders, policymakers, innovators, and stakeholders to discuss and explore the future of agriculture. The conference aims to address the critical challenges facing the industry and to highlight the latest technological advancements and best practices. Mr. Tyagi's session at the AgriNext Conference will focus on leveraging technology to bridge information gaps, enhance transparency, and drive value creation in Indian agriculture. His insights and experiences will provide attendees with valuable knowledge and inspiration, particularly those aspiring to drive innovation in the agriculture sector.
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shayarigateway · 2 months ago
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rahulkhate · 8 months ago
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Rahul Khate honored in 'Pranaam' programme
Nanded, Dt. 19: The Dushyant Kumar Memorial Manuscript Museum, Bhopal was organizing a prestigious two-day ‘Pranaam’ program at Rajurkar Raj Smriti Sabha Ghar, Bhopal on 16 March at 5 pm. Rahul Khate was presented with the Akhilesh Jain Memorial Award. Rahul Khate, Manager (Official Language) of Nanded in memory of Akhilesh Jain for experimenting and promoting Official Language Hindi while…
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venkateshwara-group1998 · 11 months ago
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29 students from Venkateshwara Group of Institutions got placed in Guruda Aerospace.
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The Venkateshwara Group of Institutions Meerut held a campus placement drive with Guruda Aerospace India Private Limited.
Guruda Aerospace is a pioneering Drone manufacturing company operating out of Chennai & Noida.
Over 100 Diploma & BTech students from Gajraula & Meerut campuses took part in the Campus Placement Drive.
After 3 rounds of tough selection process, Guruda Aerospace Pvt Ltd shortlisted 29 candidates.
The Company officials, Mr. Harsh, Navin Prabhu, Mayank & Sagar briefed students about the company & its operations. Afterward, the company officials showcased flying drones to the students.
Guruda Aerospace Vice-president Mr Harsh informed the shortlisted candidates will begin work from Noida & Chennai locations after 3 days of initial training.
The Group Chairman, Dr Sudhir Giri, Pro Chancellor Dr Rajiv Tyagi & the Meerut Campus Director Dr Pratap Singh, congratulated the candidates on their placement.
The HOD, Mr. Lalit Kumar, Dr. Kiran Tomar, Himanshu Goswami, Dr. Sanjai Tiwari, Mr. Dushyant Mishra, Dr. Nitin Raj Verma, Baburam, Kanan, Geeta, Poonam, and Savita played a key role in organizing the placement drive.
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The Venkateshwara Group organized the Kanwar Service Camp in run up to the Mahashivratri Festival.
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The Venkateshwara Group launched the Kanwar Service Camp at the Siwaya Toll plaza in Meerut, as it does every year, to serve returning devotees who have carried the sacred Ganges water.  
The Group Chairman, Dr Sudhir Giri’s parents Shri Shiv Kumar Giri & Kamla Giri ji inaugurated the Service camp by offering prayers to Lord Shiva. Ms. Jagriti Awasthi SDM Sardhana was also present during the inauguration ceremony.
The chief attendant of the Kanwar Service camp, Mr Deepak Sharma, informed that there are ample facilities of fresh food, lodging & washing in the camp. For the woman devotees, we have separate washroom, food & resting facilities.
The service camp provides 24 hour meals like morning breakfast, lunch & dinner, along with medical facilities to the sick free of the cost.
The Group Chairman Dr Sudhir Giri reiterated with the blessing of Lord Shiva the Venkateshwara Group has been organizing Kanwar Camp for many years and it’s an honour to serve the devotees of Lord Shiva.
The Pro Chancellor Dr Rajiv Tyagi asserted we pray to God that many believers visit our camp & give us a chance to serve them.
The Meerut Campus Director, Dr Pratap Singh, stated by serving Shiv devotees, it gives a similar satisfaction, like carrying the Kanwar.
Present at the event were Mr. Ajay Shrivastava, the CEO, Dr. Rakesh Yadav, the VC, Ritesh Pandey, Dr. Ravi Shankar, Dr. Sanjay Tiwari, Mr. Vikas Kaushik, Himanshu Sharma, Dushyant Mishra & Mayank Agarwal.
Also present were Mr. Deepak Kumar, Brajpal Singh, Mohit Vats & the Media In charge, Mr. Vishwas Rana among others.
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hindikala · 1 year ago
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Tu / Main 🧡 Follow: @hindikala for more 🥀 Writer: Dushyant Kumar
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