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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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भोपाल गैस त्रासदी के लाखों पीड़ितों के हित के लिए लड़ने वाले अब्दुल जब्बार ने दुनिया को कहा अलविदा
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चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई गैस त्रासदी में लाखों पीड़ितों के लिए मसीहा बनकर उभरे एक्टिविस्ट अब्दुल जब्बार का गुरुवार देर रात निधन हो गया। बता दें अब्दुल जब्बार ने गैस त्रासदी में लाखों पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। 1984 Bhopal Gas tragedy activist Abdul Jabbar passed away in Bhopal last night. (file pic) pic.twitter.com/IMx3wx6Zsc — ANI (@ANI) November 15, 2019 सरकार ने इलाज का खर्च उठाने का जिम्मा लिया था वह जब्बार भाई के नाम से मशहूर थे। पिछले लंबे समय से जब्बार भाई बीमार थे और कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था। निधन से एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश सरकार ने उनके इलाज का खर्च उठाने का ऐलान किया था। राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर उनके इलाज का खर्च उठाने की बता कही थी। भोपाल गैस त्रासदी के बाद हज़ारों पीड़ितों के हितो के लिये सतत ��ंघर्ष करने वाले अब्दुल जब्बार भाई का हाल ही में बीमार होने पर चल रहे इलाज का सारा ख़र्च सरकार ने वहन किया,और आगे भी सरकार उनके इलाज का पूरा ख़र्च वहन करेगी,उनके साथी चिंतित ना हो। वे शीघ्र स्वस्थ हो,ऐसी ईश्वर से कामना — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 14, 2019 आखिर समय तक पीड़ितों के लिए लड़ते रहे जब्बार भाई बता दें जब्बार भाई ने गैस त्रासदी के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी थी। इस त्रासदी में उन्होंने अपने माता-पिता को भी खो दिया था। साथ ही गैस त्रासदी से उनकी आंखों और फेफड़ों पर भी गंभीर असर हुआ था। इस वजह से उन्हें एक आंख से कम दिखाई देता था। पीड़ितों की लड़ाई में उनके कई साथियों ने वक्त के साथ रास्ते बदल लिए, लेकिन जब्बार भाई ने कभी हार नहीं मानी। अपने जीवन के अंतिम दम तक वह पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ते रहे। उनके प्रयासों के कारण ही भोपाल गैस त्रासदी के लाखों पीड़ितों को इलाज मिल सका था। जब्बार भाई के निधन से भोपाल गैस पीड़ित परिवारों के लाखों सदस्य दुखी हैं। सभी उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ कर रहे हैं। क्या थी भोपाल गैस त्रासदी? भोपाल गैस त्रासदी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी भयावह और दर्दनाक त्रासदी में से एक है। 3 दिसंबर 1984 की रात में यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री के प्लांट नंबर 'C' से जहरीली गैस (मिक या मिथाइल आइसो साइनाइट) रिसने लगी थी। यह जहरीली गैस हवा के झोंके के साथ बहने लगी और लोगों को मौत की नींद सुलाने लगी। गैस के कारण लोगों की आंखों और सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसे भोपाल गैस कांड, या भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। Read the full article
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