#VasantiyaNavratri
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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चैत्र नवरात्रि : नौ दिन मां दुर्गा के इन स्वरूपों की होगी आराधना, पूजा के दौरान करें सिद्ध मंत्रों का जाप
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि व्रत एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा को समर्पित है। इस साल चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से शुरू होने जा रहे हैं। इस धार्मिक पर्व में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं माता के नौ स्वरूप और उनके विशेष मंत्रों के बारे में… देवी शैलपुत्री देवी शैलपुत्री की आराधना से ��भी तरह के सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान आप इस मंत्र का जाप करें। वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशंस्विनिम।। देवी ब्रह्मचारिणी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मानव को तप, त्याग, सदाचार और संयम की शक्ति मिलती है। देवी ब्रह्मचारिणी की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।। देवी चंद्रघण्टा देवी चंद्रघण्टा की साधना से सुखों की प्राप्ति के बाद परलोक में मोक्ष मिलता है। पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते महयं चंद्रघण्टेति विश्रुता।। देवी कूष्माण्डा देवी कूष्माण्डा की उपासना से मानव को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। माता कूष्माण्डा की विशेष कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तुमे।। देवी स्कंदमाता देवी स्कंदमाता की साधना से मानव को समस्त प्रकार की सिद्धि मिलती है। स्कंदमाता की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।। देवी कात्यायनी देवी कात्यायनी की उपासना से मानव को अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है। माता कात्यायनी की विशेष कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। चंद्रहासोज्ज्वलकरा शाईलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।। देवी कालरात्रि देवी कालरात्रि की आराधना करने से दुष्टों का नाश होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता कालरात्रि की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। एक वेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरणी।। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयड्करी।। देवी महागौरी देवी महागौरी की उपासना से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है और सुखों की प्राप्ति होती है। महागौरी की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। श्वेते वृषे समरूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।। देवी सिद्धिदात्री देवी सिद्धिदात्री की उपासना से मानव को समस्त प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है। देवी सिद्धिदात्री की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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आज से शुरू हुई चैत्र नवरात्रि, जानिए व्रत का महत्व, पूजा-विधि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू होकर 22 अप्रैल तक रहेंगे। नवरात्रि के नौ दिन लगातार मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाएगी। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि व्रत का महत्व और पूजा-विधि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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चैत्र नवरात्रि व्रत का महत्व साल में चार बार नवरात्रि आती है। आषाढ़ और माघ में आने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र होते हैं जबकि चैत्र और अश्विन प्रगट नवरात्रि होती हैं। चैत्र के ये नवरात्र पहले प्रगट नवरात्र होते हैं। चैत्र नवरात्र से हिंदू वर्ष की शुरुआत भी होती है। वहीं शारदीय नवरात्र के दौरान दशहरा मनाया जाता है।  नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है। इस दौरान लोग देवी के नौ रूपों की आराधना कर उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। मान्‍यता है कि इन नौ दिनों में जो भी सच्‍चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है उसकी सभी इच्‍छाएं पूर्ण होती हैं।
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चैत्र नवरात्रि पूजा-विधि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की पूजा से पहले साधक को स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर गंगाजल डालकर उसे शुद्ध करन��� चाहिए और उस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए। इसके बाद चावल का अष्टदल कमल बनाएं और मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मूर्ति स्थापित करने के बाद अष्टदल कमल पर कलश स्थापित करें और उस पर मौली बांधे। इसके साथ ही कलश पर भी तिलक करें और अखंड दीपक प्रज्वल्लित करें फिर फूल से जल लेकर प्रतिमा और कलश पर जल छिड़कें।
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कलश स्थापना शुभ मुहूर्त और पूजा विधि  नवरात्रि पूजा में कलश स्थापना और कन्या पूजा का विशेष महत्व होता है। मिट्टी से बनाए गए वेदी पर कलश स्थापना की जाती है। वेदी पर जौ और गेंहू बो दें और उस पर मिट्टी या तांबे का कलश विधिपूर्वक स्थापित कर दें। इसके बाद वहां गणेश जी, नौ ग्रह, आदि को स्थापित करें तथा कलश पर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद आप श्रीदुर्गासप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं। अब आप प्रत्येक दिन के आधार पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों रोज विधि-विधान से पूजा करें। शुभ मुहूर्त कलश की स्थापना चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। इस बार प्रतिपदा तिथि 25 मार्च को है, लेकिन प्रतिपदा सायं 05.26 तक ही है  इसलिए कलश की स्थापना सायं 05. 26 के पहले कर ली जाएगी।
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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आज से शुरू हुई चैत्र नवरात्रि, जानिए व्रत का महत्व, पूजा-विधि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। इस बार चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से शुरू होकर 2 अप्रैल तक रहेंगे। नवरात्रि के नौ दिन लगातार मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाएगी। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि व्रत का महत्व और पूजा-विधि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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चैत्र नवरात्रि व्रत का महत्व साल में चार बार नवरात्रि आती है। आषाढ़ और माघ में आने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र होते हैं जबकि चैत्र और अश्विन प्रगट नवरात्रि होती हैं। चैत्र के ये नवरात्र पहले प्रगट नवरात्र होते हैं। चैत्र नवरात्र से हिंदू वर्ष की शुरुआत भी होती है। वहीं शारदीय नवरात्र के दौरान दशहरा मनाया जाता है।  नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है। इस दौरान लोग देवी के नौ रूपों की आराधना कर उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। मान्‍यता है कि इन नौ दिनों में जो भी सच्‍चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है उसकी सभी इच्‍छाएं पूर्ण होती हैं।
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चैत्र नवरात्रि पूजा-विधि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की पूजा से पहले साधक को स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर गंगाजल डालकर उसे शुद्ध करना चाहिए और उस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए। इसके बाद चावल का अष्टदल कमल बनाएं और मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मूर्ति स्थापित करने के बाद अष्टदल कमल पर कलश स्थापित करें और उस पर मौली बांधे। इसके साथ ही कलश पर भी तिलक करें और अखंड दीपक प्रज्वल्लित करें फिर फूल से जल लेकर प्रतिमा और कलश पर जल छिड़कें।
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कलश स्थापना शुभ मुहूर्त और पूजा विधि नवरात्रि पूजा में कलश स्थापना और कन्या पूजा का विशेष महत्व होता है। मिट्टी से बनाए गए वेदी पर कलश स्थापना की जाती है। वेदी पर जौ और गेंहू बो दें और उस पर मिट्टी या तांबे का कलश विधिपूर्वक स्थापित कर दें। इसके बाद वहां गणेश जी, नौ ग्रह, आदि को स्थापित करें तथा कलश पर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद आप श्रीदुर्गासप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं। अब आप प्रत्येक दिन के आधार पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों रोज विधि-विधान से पूजा करें। शुभ मुहूर्त कलश की स्थापना चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। इस बार प्रतिपदा तिथि 25 मार्च को है, लेकिन प्रतिपदा सायं 05.26 तक ही है  इसलिए कलश की स्थापना सायं 05. 26 के पहले कर ली जाएगी।
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ये हैं मां दुर्गा के स्वरुप 25 मार्च, प्रतिपदा- नवरात्रि का पहला दिन- शैलपुत्री 26 मार्च, द्वितीया- नवरात्रि का दूसरा दिन- ब्रह्मचारिणी पूजा 27 मार्च, तृतीया- नवरात्रि का तीसरा दिन- चंद्रघंटा पूजा 28 मार्च, चतुर्थी- नवरात्रि का चौथा दिन- कुष्मांडा पूजा 29 मार्च, पंचमी- नवरात्रि का पांचवां दिन- सरस्वती पूजा, स्कंदमाता पूजा 30 मार्च, षष्ठी- नवरात्रि का छठा दिन- कात्यायनी पूजा 31 मार्च, सप्तमी- नवरात्रि का सातवां दिन- कालरात्रि, सरस्वती पूजा 1 अप्रैल, अष्टमी- नवरात्रि का आठवां दिन- महागौरी, दुर्गा अष्टमी ,नवमी पूजन 2 अप्रैल, नवमी- नवरात्रि का नौवां दिन- नवमी हवन, नवरात्रि पारण ये भी पढ़े... चैत्र नवरात्रि : नौ दिन मां दुर्गा के इन स्वरूपों की होगी आराधना, पूजा के दौरान करें सिद्ध मंत्रों का जाप चैत्र नवरात्रि : इस नवरात्रि पर बन रहा शुभ संयोग, जानिए किस दिन होगी कौन-सी देवी की पूजा इस दिन से हो रही चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष की शुरुआत, जानें कैसा रहेगा नए साल पर ब���ध का प्रभाव होली-चैत्र नवरात्रि समेत मार्च में मनाएंगे जाएंगे ये बड़े तीज- त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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चैत्र नवरात्रि : इस नवरात्रि पर बन रहा शुभ संयोग, जानिए किस दिन होगी कौन-सी देवी की पूजा
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चैतन्य भारत न्यूज 25 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं जो 03 अप्रैल 2020 को खत्म होंगे। नवरात्रि पारण के साथ ही इस व्रत का समापन होता है। माना जाता है कि इन पावन दिनों में जो भक्त सच्चे मन से मां दुर्गा की अराधना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि पर शुभ संयोग भी बन रहा है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि का संयोग और किस दिन होगी कौन सी देवी की पूजा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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चैत्र नवरात्रि पर विशेष संयोग इस बार चैत्र नवरात्रि पर एक बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। दरअसल, पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि के व्रत में किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है। इस वजह से माता के भक्त पूरे नौ दिनों तक उनकी पूजा अर्चना और व्रत कर सकेंगे। 25 मार्च 2020 से जिस दिन चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होगी उसी दिन कलश की भी स्थापना होगी। चैत्र नवरात्रि का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि मान्यताओं के अनुसार इसी नवमी के दिन भगवान राम का धरती पर जन्म हुआ था। इसलिए चैत्र नवरात्रि की नवमी को राम नवमी भी कहते हैं।
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नौ दिनों तक इन स्वरूपों होगी पूजा पहला दिन- देवी शैलपुत्री दूसरा दिन- ब्रह्मचारिणी तीसरा दिन- चंद्रघंटा चौथा दिन- कूष्मांडा पांचवा दिन- स्कंध माता छठा दिन- कात्यायिनी सातवां दिन- कालरात्रि आठवां दिन- महागौरी नौवां दिन- सिद्धिदात्री ये भी पढ़े... इस दिन से हो रही चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष की शुरुआत, जानें कैसा रहेगा नए साल पर बुध का प्रभाव होली-चैत्र नवरात्रि समेत मार्च में मनाएंगे जाएंगे ये बड़े तीज- त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट भारतीय परिप्रेक्ष्य में त्योहारों का मौसम और खानपान से संबंध Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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चैत्र नवरात्रि : नौ दिन मां दुर्गा के इन स्वरूपों की होगी आराधना, पूजा के दौरान करें सिद्ध मंत्रों का जाप
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि व्रत एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा को समर्पित है। इस साल चैत्र नवरात्र 25 मार्च से ��ुरू होने जा रहे हैं। इस धार्मिक पर्व में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं माता के नौ स्वरूप और उनके विशेष मंत्रों के बारे में… देवी शैलपुत्री देवी शैलपुत्री की आराधना से सभी तरह के सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान आप इस मंत्र का जाप करें। वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशंस्विनिम।। देवी ब्रह्मचारिणी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मानव को तप, त्याग, सदाचार और संयम की शक्ति मिलती है। देवी ब्रह्मचारिणी की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।। देवी चंद्रघण्टा देवी चंद्रघण्टा की साधना से सुखों की प्राप्ति के बाद परलोक में मोक्ष मिलता है। पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते महयं चंद्रघण्टेति विश्रुता।। देवी कूष्माण्डा देवी कूष्माण्डा की उपासना से मानव को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। माता कूष्माण्डा की विशेष कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तुमे।। देवी स्कंदमाता देवी स्कंदमाता की साधना से मानव को समस्त प्रकार की सिद्धि मिलती है। स्कंदमाता की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।। देवी कात्यायनी देवी कात्यायनी की उपासना से मानव को अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है। माता कात्यायनी की विशेष कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। चंद्रहासोज्ज्वलकरा शाईलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।। देवी कालरात्रि देवी कालरात्रि की आराधना करने से दुष्टों का नाश होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता कालरात्रि की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। एक वेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरणी।। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयड्करी।। देवी महागौरी देवी महागौरी की उपासना से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है और सुखों की प्राप्ति होती है। महागौरी की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। श्वेते वृषे समरूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।। देवी सिद्धिदात्री देवी सिद्धिदात्री की उपासना से मानव को समस्त प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है। देवी सिद्धिदात्री की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।। ये भी पढ़े... इस दिन से हो रही चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष की शुरुआत, जानें कैसा रहेगा नए साल पर बुध का प्रभाव होली-चैत्र नवरात्रि समेत मार्च में मनाएंगे जाएंगे ये बड़े तीज- त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट इस दिन है शीतला सप्तमी या अष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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चैत्र नवरात्रि : नौ दिन मां दुर्गा के इन स्वरूपों की होगी आराधना, पूजा के दौरान करें सिद्ध मंत्रों का जाप
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि व्रत एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा को समर्पित है। इस साल चैत्र नवरात्र 25 मार्च से शुरू होने जा रहे हैं। इस धार्मिक पर्व में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं माता के नौ स्वरूप और उनके विशेष मंत्रों के बारे में… देवी शैलपुत्री देवी शैलपुत्री की आराधना से सभी तरह के सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान आप इस मंत्र का जाप करें। वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशंस्विनिम।। देवी ब्रह्मचारिणी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मानव को तप, त्याग, सदाचार और संयम की शक्ति मिलती है। देवी ब्रह्मचारिणी की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।। देवी चंद्रघण्टा देवी चंद्रघण्टा की साधना से सुखों की प्राप्ति के बाद परलोक में मोक्ष मिलता है। पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते महयं चंद्रघण्टेति विश्रुता।। देवी कूष्माण्डा देवी कूष्माण्डा की उपासना से मानव को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। माता कूष्माण्डा की विशेष कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तुमे।। देवी स्कंदमाता देवी स्कंदमाता की साधना से मानव को समस्त प्रकार की सिद्धि मिलती है। स्कंदमाता की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।। देवी कात्यायनी देवी कात्यायनी की उपासना से मानव को अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है। माता कात्यायनी की विशेष कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। चंद्रहासोज्ज्वलकरा शाईलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।। देवी कालरात्रि देवी कालरात्रि की आराधना करने से दुष्टों का नाश होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता कालरात्रि की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। एक वेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरणी।। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयड्करी।। देवी महागौरी देवी महागौरी की उपासना से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है और सुखों की प्राप्ति होती है। महागौरी की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। श्वेते वृषे समरूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।। देवी सिद्धिदात्री देवी सिद्धिदात्री की उपासना से मानव को समस्त प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है। देवी सिद्धिदात्री की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।। ये भी पढ़े... इस दिन से हो रही चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष की शुरुआत, जानें कैसा रहेगा नए साल पर बुध का प्रभाव होली-चैत्र नवरात्रि समेत मार्च में मनाएंगे जाएंगे ये बड़े तीज- त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट इस दिन है शीतला सप्तमी या अष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व Read the full article
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चैत्र नवरात्रि : नौ दिन मां दुर्गा के इन स्वरूपों की होगी आराधना, पूजा के दौरान करें सिद्ध मंत्रों का जाप
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि व्रत एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा को समर्पित है। इस साल चैत्र नवरात्र 25 मार्च से शुरू होने जा रहे हैं। इस धार्मिक पर्व में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं माता के नौ स्वरूप और उनके विशेष मंत्रों के बारे में… देवी शैलपुत्री देवी शैलपुत्री की आराधना से सभी तरह के सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान आप इस मंत्र का जाप करें। वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशंस्विनिम।। देवी ब्रह्मचारिणी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मानव को तप, त्याग, सदाचार और संयम की शक्ति मिलती है। देवी ब्रह्मचारिणी की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।। देवी चंद्रघण्टा देवी चंद्रघण्टा की साधना से सुखों की प्राप्ति के बाद परलोक में मोक्ष मिलता है। पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते महयं चंद्रघण्टेति विश्रुता।। देवी कूष्माण्डा देवी कूष्माण्डा की उपासना से मानव को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। माता कूष्माण्डा की विशेष कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तुमे।। देवी स्कंदमाता देवी स्कंदमाता की साधना से मानव को समस्त प्रकार की सिद्धि मिलती है। स्कंदमाता की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।। देवी कात्यायनी देवी कात्यायनी की उपासना से मानव को अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है। माता कात्यायनी की विशेष कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। चंद्रहासोज्ज्वलकरा शाईलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।। देवी कालरात्रि देवी कालरात्रि की आराधना करने से दुष्टों का नाश होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता कालरात्रि की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। एक वेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरणी।। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयड्करी।। देवी महागौरी देवी महागौरी की उपासना से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है और सुखों की प्राप्ति होती है। महागौरी की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। श्वेते वृषे समरूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।। देवी सिद्धिदात्री देवी सिद्धिदात्री की उपासना से मानव को समस्त प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है। देवी सिद्धिदात्री की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें। सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।। ये भी पढ़े... इस दिन से हो रही चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष की शुरुआत, जानें कैसा रहेगा नए साल पर बुध का प्रभाव होली-चैत्र नवरात्रि समेत मार्च में मनाएंगे जाएंगे ये बड़े तीज- त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट इस दिन है शीतला सप्तमी या अष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व Read the full article
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चैत्र नवरात्रि : इस नवरात्रि पर बन रहा शुभ संयोग, जानिए किस दिन होगी कौन-सी देवी की पूजा
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चैतन्य भारत न्यूज 25 मार्च से चैत्र नवरात्र शुरू होने जा रहे हैं जो 03 अप्रैल 2020 को खत्म होंगे। नवरात्रि पारण के साथ ही इस व्रत का समापन होता है। माना जाता है कि इन पावन दिनों में जो भक्त सच्चे मन से मां दुर्गा की अराधना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस साल चैत्र नवरात्र पर शुभ संयोग भी बन रहा है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि का संयोग और किस दिन होगी कौन सी देवी की पूजा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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चैत्र नवरात्रि पर विशेष संयोग इस बार चैत्र नवरात्रि पर एक बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। दरअसल, पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि के व्रत में किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है। इस वजह से माता के भक्त पूरे नौ दिनों तक उनकी पूजा अर्चना और व्रत कर सकेंगे। 25 मार्च 2020 से जिस दिन चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होगी उसी दिन कलश की भी स्थापना होगी। चैत्र नवरात्रि का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि मान्यताओं के अनुसार इसी नवमी के दिन भगवान राम का धरती पर जन्म हुआ था। इसलिए चैत्र नवरात्रि की नवमी को राम नवमी भी कहते हैं।
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नौ दिनों तक इन स्वरूपों होगी पूजा पहला दिन- देवी शैलपुत्री दूसरा दिन- ब्रह्मचारिणी तीसरा दिन- चंद्रघंटा चौथा दिन- कूष्मांडा पांचवा दिन- स्कंध माता छठा दिन- कात्यायिनी सातवां दिन- कालरात्रि आठवां दिन- महागौरी नौवां दिन- सिद्धिदात्री Read the full article
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