#NEFTCharges
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mirrorreview · 11 months ago
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Bank of Maharashtra is one of the oldest public sector banks in India headquartered at Pune, Maharashtra. It has a total of 2022 branches along with 29 million customers. It provides services in both consumer and corporate banking. Let’s have a look at the Bank of Maharashtra timings.
Bank of Maharashtra Timings during Covid-19 Pandemic
Post lockdown, like other banks Bank of Maharashtra, has also restored its operations. The Bank of Maharashtra timings were between 10:00 am to 05:00 pm from Monday to Saturday (Except 2nd and 4th Saturday).
All the banking services like opening of bank account, updation of bank passbook, cash deposits/withdrawals, etc. are available at the bank. Therefore it was advised to the customers that they should avoid visiting the branch and instead avail banking services via BOM Net-banking or Mobile Banking during Pandemic.
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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आज से 24×7 उपलब्ध होगी NEFT की सुविधा, RBI ने लागू किया ये नियम
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 16 दिसंबर यानी आज से सभी बैंकों में नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) सुविधा 24 घंटे के लिए कर देने की घोषणा की है। यह नियम आज से लागू हो गया है। इसके लिए बैंक ग्राहकों से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले शनिवार और रविवार को यह सुविधा बंद रहती थी। इतना ही नहीं पहले सिर्फ सुबह आठ से शाम को सात बजे तक आप एनईएफटी के जरिए ऑनलाइन फंड ट्रांसफर कर सकते थे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); ग्राहकों की सुविधा के लिए लिया फैसला ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए आरबीआई ने अब इसे 24 घंटे करने का फैसला लिया है। आरबीआई ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि, 'अब एनईएफटी के तहत ट्रांजैक्शन की सुविधा छुट्टी समेत हफ्ते के सातों दिन उपलब्ध होगी।' आरबीआई ने सभी बैंकों को सुचारू तरीके से एनईएफटी ट्रांजैक्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। RTGS भी हो चुका निशुल्क बता दें 6 जून को हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में आरबीआई ने आम जनता को तोहफा देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (NEFT) के जरिए होने वाला लेन-देन निशुल्क कर दिया था। यह नियम एक जुलाई से लागू हो चुका था। क्या होता है NEFT नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) किसी भी बैंक के जरिए रुपए ट्रांसफर करने यानी कि एक बैंक से दूसरे बैंक में भेजने का तरीका है। इंटरनेट के जरिए दो लाख रुपए तक के लेन-देन के लिए एनईएफटी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए आम आदमी या फिर कोई कंपनी रुपए किसी दूसरी ब्रांच या किसी दूसरे शहर की ब्रांच में किसी भी व्यक्ति या संगठन अथवा कंपनी को भेज सकते हैं। अब लगभग सभी बैंकों में एनईएफटी की सुविधा मिलती है। लेकिन इसके लिए भेजने वाले और पैसा पाने वाले, दोनों के पास इंटरनेट बैंकिंग सेवा का होना जरूरी है। इस सुविधा के तहत पैसे भेजने के लिए ग्राहक को सभी तरह की जानकारी बैंक को देनी होती है। यदि दोनों खाते एक ही बैंक के हैं तो कुछ ही सेकेंड्स में पैसा ट्रांसफर हो सकता है। ये भी पढ़े... आरबीआई ने दी आम आदमी को बड़ी सौगात, अब से NEFT और RTGS से पैसे ट्रांसफर करना हुआ मुफ्त दिसंबर में 8 दिन बंद रहने वाले हैं बैंक, पहले ही निपटा लें अपने जरुरी काम 7 महीने में आरबीआई को लगा दूसरा बड़ा झटका, डिप्‍टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्‍तीफा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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आरबीआई ने दी आम आदमी को बड़ी सौगात, अब से NEFT और RTGS से पैसे ट्रांसफर करना हुआ फ्री
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चैतन्य भारत न्यूज भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़े फंड ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल होने वाले रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) पर लगने वाले शुल्क को हटाने का ऐलान किया है। आरबीआई के इस फैसले के बाद सभी बैंक अपने ग्राहकों के लिए शुल्क दर कम कर सकते हैं। अब तक आरबीआई आरटीजीएस और एनईएफटी पर शुल्क वसूलता था। ज्यादातर बड़े बैंक 2 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक के आरटीजीएस फंड ट्रांसफर के लिए 25 रुपए तक और टाइम वैरिंग शुल्क लेते थे। वहीं 5 लाख रुपए से ज्यादा फंड ट्रांसफर के लिए 50 रुपए तक और टाइम वैरिंग चार्ज वसूलते हैं। कोई भी व्यक्ति, कंपनी, फर्म अपने बड़े फंड ट्रांसफर आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए ही करती है। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के मकसद से आरबीआई ने आरटीजीएस और एनईएफटी के माध्यम से होने वाले लेन-देन पर शुल्क नहीं लगाने का निर्णय लिया है। आरबीआई ने बयान में कहा कि, ''बैंकों को भी इसका लाभ अपने ग्राहकों को देना होगा। इस बारे में बैंकों को एक सप्ताह के भीतर दिशानिर्देश जारी किया जाएगा।'' Read the full article
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