Singhbhum Chamber- सिंहभूम चैम्बर ने साईबर अपराध से ग्राहकों को बचाने के लिए आरबीआई गर्वनर को दिए सुझाव - बैंकों में एनईएफटी,आरटीजीएस में लाभार्थियों के नामों के मिलान की हो बाध्यता
जमशेदपुर: सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने ग्राहकों के द्वारा बैंक के माध्यम से एनईएफटी व आरटीजीएस करने के समय लाभार्थी के खाता संख्या और आईएफसी कोड का ग्राहकों के नाम के साथ मिलान न करने से होने वाली साईबर अपराधों के संबंध में तथा इन पर रोकथाम के लिए किये जाने वाले उपायों को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर को पत्र के माध्यम से ध्यानाकृष्ट कराया है. इसकी जानकारी चैंबर अध्यक्ष विजय…
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Utility News: ऑनलाइन पैसे भेजते समय भूलकर भी नहीं करें ये गलतिया, वरना पड़ जाएगा आपको महंगा
इंटरनेट डेस्क। आज के समय में हर कोई डिजीटल लाइफ को जी रहा है। आपने भी देखा होगा हर कोई जब भी किसी को पैसे ट्रांसफर करता है तो वो डिजीटल तरीके से ही करता हैं। यानी के फोन पे, पेटीएम,गूगल पे आदी का उपयोग करता है। लेकिन आप अगर पैसों को ट्रांसफर करते समय कुछ गलतिया करते है तो आपको नुुकसान भी उठाना पड़ा सकता है। जानते है इसके बारे मंे।
क्या नहीं करे
स्टेप1
आप ने देखा होगा लोग पैसे भेजने के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते हुए नजर आते हैं। इसमें सिर्फ मोबाइल नंबर की मदद से ही आप पैसे भेज सकते हैं। ऐसे में आप जब भी किसी को पैसे भेजे और मोबाइल में नंबर दर्ज करें तो कंफर्म करें कि अकाउंट किस नाम से बना है। अगर छोटी सी भी गलती हो जाती है तो किसी दूसरे के बैंक खाते में भी पैसे ट्रांसफर हो सकते हैं।
स्टेप 2
इसके साथ ही किसी को ऑनलाइन पैसे भेजें तो ध्यान रहे कि सामने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी आपको हो। जानकारी गलत होने पर गलत बैंक खाते में पैसे जा सकते हैं। आप पैसे भेजने के लिए- एनईएफटी, आईएमपीएस, आरटीजीएस और यूपीआई आदि का उपयोग कर सकते है।
pc-
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Bank Forms Download Pdf | बैंक फॉर्म डाउनलोड पीडीएफ़
बैंक फॉर्म डाउनलोड पीडीएफ़, अकाउंट ओपनिंग फॉर्म, होम लोन फॉर्म, पर्सनल लोन फॉर्म, कार लोन फॉर्म, आरटीजीएस, एनईएफटी पेइन स्लिप, प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना फॉर्म, प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना फॉर्म, एजुकेशन लोन फॉर्म (Bank Forms Download Pdf
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IIFT Exam 2023 के लिए रजिस्ट्रेशन करने की आज है अंतिम तारीख, एग्जाम 18 दिसंबर को
NEET PG का रीवाइज्ड टाइमटेबल हुआ जारी, अलॉटेट कॉलेज को 19 नवंबर तक कर सकते हैं रिपोर्ट
आईआईएफटी 2023 एग्जाम पैटर्न
आईआईएफटी 2023 परीक्षा अगले महीने होने वाली है. यह परीक्षा दो घंटे के लिए होगी. आईआईएफ 2023 आवेदन फॉर्म भरने के लिए उम्मीदवारों को एक तय शुल्क देना होगा. शुल्क का भुगतान ऑनलाइन मोड में एनईएफटी, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैकिंग के माध्यम से करना होगा.
CLAT 2023 रजिस्ट्रेशन की…
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आज से 24×7 उपलब्ध होगी NEFT की सुविधा, RBI ने लागू किया ये नियम
चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 16 दिसंबर यानी आज से सभी बैंकों में नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) सुविधा 24 घंटे के लिए कर देने की घोषणा की है। यह नियम आज से लागू हो गया है। इसके लिए बैंक ग्राहकों से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले शनिवार और रविवार को यह सुविधा बंद रहती थी। इतना ही नहीं पहले सिर्फ सुबह आठ से शाम को सात बजे तक आप एनईएफटी के जरिए ऑनलाइन फंड ट्रांसफर कर सकते थे।
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ग्राहकों की सुविधा के लिए लिया फैसला
ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए आरबीआई ने अब इसे 24 घंटे करने का फैसला लिया है। आरबीआई ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि, 'अब एनईएफटी के तहत ट्रांजैक्शन की सुविधा छुट्टी समेत हफ्ते के सातों दिन उपलब्ध होगी।' आरबीआई ने सभी बैंकों को सुचारू तरीके से एनईएफटी ट्रांजैक्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
RTGS भी हो चुका निशुल्क
बता दें 6 जून को हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में आरबीआई ने आम जनता को तोहफा देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (NEFT) के जरिए होने वाला लेन-देन निशुल्क कर दिया था। यह नियम एक जुलाई से लागू हो चुका था।
क्या होता है NEFT
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) किसी भी बैंक के जरिए रुपए ट्रांसफर करने यानी कि एक बैंक से दूसरे बैंक में भेजने का तरीका है। इंटरनेट के जरिए दो लाख रुपए तक के लेन-देन के लिए एनईएफटी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए आम आदमी या फिर कोई कंपनी रुपए किसी दूसरी ब्रांच या किसी दूसरे शहर की ब्रांच में किसी भी व्यक्ति या संगठन अथवा कंपनी को भेज सकते हैं। अब लगभग सभी बैंकों में एनईएफटी की सुविधा मिलती है। लेकिन इसके लिए भेजने वाले और पैसा पाने वाले, दोनों के पास इंटरनेट बैंकिंग सेवा का होना जरूरी है। इस सुविधा के तहत पैसे भेजने के लिए ग्राहक को सभी तरह की जानकारी बैंक को देनी होती है। यदि दोनों खाते एक ही बैंक के हैं तो कुछ ही सेकेंड्स में पैसा ट्रांसफर हो सकता है।
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7 महीने में आरबीआई को लगा दूसरा बड़ा झटका, डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्तीफा
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आरबीआई का बड़ा एलान, अब आरटीजीएस व एनईएफटी के लिए बैंकों की जरूरत नहीं
आरबीआई का बड़ा एलान, अब आरटीजीएस व एनईएफटी के लिए बैंकों की जरूरत नहीं
आरबीआई ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा एलान किया है।
अब आरटीजीएस व एनईएफटी से लेनदेन के लिए बैंकों के ऊपर पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।
ये सुविधा अब नॉन बैंकिगपेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स भी दे सकेंगे।
इससे देश में डिजिटल वित्तीय सुविधाओं को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
देश में डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ा रहा है। कोरोना काल में ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन सुविधाओं का फायदा उठा रहे हैं।…
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Four Things That You Must Remember While Sending or Receiving Money Online
Four Things That You Must Remember While Sending or Receiving Money Online
यह कहना गलत होगा कि ऑनलाइन लेनदेन ने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है। एक नए वाहन के लिए भुगतान? लाभार्थी जोड़ें, एनईएफटी/आरटीजीएस का उपयोग करके भुगतान करें। अपना बटुआ भूल गए? अपनी स्मार्टवॉच का उपयोग करके किराने के सामान का भुगतान करें। डिजिटलीकरण के बाद पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता और सुविधा में निश्चित रूप से सुधार हुआ है, जिसमें COVID-19 एक उत्प्रेरक के रूप में…
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फेडरल बैंक नए टैक्स प्लेटफॉर्म पर पेमेंट गेटवे को सूचीबद्ध करने वाला भारत का पहला बैंक बन गया
फेडरल बैंक नए टैक्स प्लेटफॉर्म पर पेमेंट गेटवे को सूचीबद्ध करने वाला भारत का पहला बैंक बन गया
फेडरल बैंक आयकर विभाग के टिन 2.0 प्लेटफॉर्म पर अपने पेमेंट गेटवे प्लेटफॉर्म को सूचीबद्ध करने वाला भारत का पहला बैंक बन गया है, जो इस साल 1 जुलाई को लाइव हुआ था। भुगतान गेटवे सक्षम किया गया है, जो करदाताओं को एक और भुगतान विकल्प प्रदान करता है, जो अब क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई, एनईएफटी/आरटीजीएस और इंटरनेट बैंकिंग जैसे तरीकों का उपयोग करके आसानी से अपना भुगतान कर सकते हैं।
फेडरल बैंक के समूह…
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Current Affairs Daily Quiz: 22 May 2022 Current Affairs in Hindi
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Q. डाकघर बचत बैंक खाता (पीओएसबी) खाताधारकों के लिए कौन सी नई सुविधा शुरू की गई है?मोबाइल बैंकिंगएनईएफटी, आरटीजीएसयूपीआईएआई चैटबॉटउत्तर: एनईएफटी, आरटीजीएस – केंद्र सरकार ने डाकघर बचत बैंक खाता…
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CoinSwitch ऐप पर क्रिप्टो खरीद विकल्प निलंबित करता है, INR जमा को अक्षम करता है; विवरण जानें
CoinSwitch ऐप पर क्रिप्टो खरीद विकल्प निलंबित करता है, INR जमा को अक्षम करता है; विवरण जानें
चूंकि सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी और आभासी डिजिटल संपत्ति को विनियमित करने के लिए पूरे जोरों पर है, क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म कॉइनस्विच कुबेर ने अपने प्लेटफॉर्म पर बैंक हस्तांतरण सहित डिजिटल सिक्के खरीदने के लिए भुगतान के सभी तरीकों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। भारत में उपयोगकर्ता मंगलवार सुबह तक इसके ऐप पर भारतीय रुपया, या INR जमा करने में असमर्थ हैं। इसे यूपीआई और एनईएफटी, आरटीजीएस,…
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SBI में जनधन खाता रखने वाले खाताधारकों को मिलेगा पैसा, अनुचित शुल्क के 164 करोड़ रुपया लौटाया जाना अभी बाकी
डेबिट लेनदेन का मतलब किसी भी निकासी लेनदेन से है, जिसमें नकदी निकासी, यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी), रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस), प्री-ऑथोराइज्ड स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन, चेक आदि शामिल हैं।
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16 दिसंबर से 24×7 उपलब्ध होगी NEFT सुविधा, नहीं लगेगा कोई शुल्क
चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) 16 दिसंबर से सभी बैंकों में 24 घंटे के लिए कर देने की घोषणा की है। इसके लिए बैंक ग्राहकों से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
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24 घंटे मिलेगी सुविधा
बता दें अब तक एनईएफटी सुविधा सुबह आठ बजे से शाम सात बजे तक रहती है। महीने के पहले और तीसरे शनिवार को इसका समय सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक रहता है। ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए आरबीआई ने अब इसे 24 घंटे करने का फैसला लिया है। आरबीआई ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि, 'अब एनईएफटी के तहत ट्रांजैक्शन की सुविधा छुट्टी समेत हफ्ते के सातों दिन उपलब्ध होगी।' आरबीआई ने सभी बैंकों को सुचारू तरीके से एनईएफटी ट्रांजैक्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
शुल्क खत्म करने का निर्णय लिया
साथ ही आरबीआई ने सभी सदस्य बैंकों को नियामक के पास चालू खाते में हर समय पर्याप्त राशि रखने को कहा है, जिससे कि एनईएफटी ट्रांजैक्शन में कोई समस्या नहीं हो। आरबीआई ने यह भी कहा कि, 'अब सभी बैंक एनईएफटी में किए गए बदलाव के बारे में उपभोक्ताओं को सूचित कर सकते हैं।' बता दें 6 जून को हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में आरबीआई ने आम जनता को तोहफा देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर के जरिए होने वाला लेन-देन निशुल्क कर दिया था। यह नियम एक जुलाई से लागू हो चुका था।
क्या होता है NEFT
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) किसी भी बैंक के जरिए रुपए ट्रांसफर करने यानी कि एक बैंक से दूसरे बैंक में भेजने का तरीका है। इंटरनेट के जरिए दो लाख रुपए तक के लेन-देन के लिए एनईएफटी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए आम आदमी या फिर कोई कंपनी रुपए किसी दूसरी ब्रांच या किसी दूसरे शहर की ब्रांच में किसी भी व्यक्ति या संगठन अथवा कंपनी को भेज सकते हैं। अब लगभग सभी बैंकों में एनईएफटी की सुविधा मिलती है। लेकिन इसके लिए भेजने वाले और पैसा पाने वाले, दोनों के पास इंटरनेट बैंकिंग सेवा का होना जरूरी है। इस सुविधा के तहत पैसे भेजने के लिए ग्राहक को सभी तरह की जानकारी बैंक को देनी होती है। यदि दोनों खाते एक ही बैंक के हैं तो कुछ ही सेकेंड्स में पैसा ट्रांसफर हो सकता है।
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आरबीआई ने दी आम आदमी को बड़ी सौगात, अब से NEFT और RTGS से पैसे ट्रांसफर करना हुआ मुफ्त
दिसंबर में 8 दिन बंद रहने वाले हैं बैंक, पहले ही निपटा लें अपने जरुरी काम
7 महीने में आरबीआई को लगा दूसरा बड़ा झटका, डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्तीफा
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जोखिम भरा हो सकता है आरटीजीएस, एनईएफटी का इस्तेमाल Divya Sandesh
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जोखिम भरा हो सकता है आरटीजीएस, एनईएफटी का इस्तेमाल
नागपुर। साइबर लीगल कन्सलटेंट एडवोकेट महेन्द्र लिमये ने बताया कि पैसा ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल होनेवाले रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रान्स्फर (एनईएफटी) के जरिए होने वाले आर्थिक व्यवहार बेहद जोखिम भरे हैं। लिमये ने मांग कि है कि इस तरह के व्यवहारों में ग्राहक आईडी अनिवार्य होनी चाहिए।
एडवोकेट लिमये ने बाताय कि आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए पैसा ट्रांसफर करते समय केवल खाता धारक का अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड की जरूरत होती है। एनईएफटी और आरटीजीएस करते समय बैंक केवल अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड जांचता है। ऐसे मामलों में यदि अकाउंट होल्डर के नाम या उसकी स्पेलिंग में गलती हुई तो कोई फर्क नहीं पड़ता। एडवोकेट लिमये ने कहा कि आरटीजीएस और एनईएफटी की इस त्रुटि का फायदा साइबर क्रिमिनल उठाते हैं।
बतौर लिमये साइबर क्रिमिनल्स बडे ब्रांड के नाम से एजेंसी देने का झांसा देते हैं। इसके लिए वह बड़ी कंपनी या ब्रांड के नाम से बनावटी वेबसाइट शुरू करते हैं। इस खाते और वेबसाइट पर अमानत रकम जमा करने के लिए दिया गया अकाउंट नंबर साइबर क्रिमिनल्स का होता है। नतीजतन हल्दीराम, अमूल, हिन्दुस्थान यूनीलिवर आदि कंपनियों के नाम पर नकली वेबसाइट खोल कर साइबर क्रिमिनल्स उसमें अपना निजी अकाउंट नंबर देते हैं। इसके चलते सारा पैसा उनके खाते में चला जाता है।
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उन्होंने बताया कि चेक के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन में पेमेंट के पहले बेनिफिशरी का नाम, बैंक अकाउंट, आईएफएससी कोड आदि की जांच होती है। साथ ही जिसके नाम से चेक जारी हुआ है उसके नाम की स्पेलिंग भी जांची जाती है। इस सारी प्रक्रिया के बाद ही चेक पास होता है लेकिन आरटीजीएस और एनईएफटी जैसे क्रेडिट पुश ट्रांजेक्शन सिस्टम में गड़बड़ी को रोकने के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इसके चलते पैसा किसके खाते मे जा रहा है उसका कोई हिसाब नहीं रहता। बतौर लिमये इस त्रुटि को सुधारने के लिए एनईएफटी और आरटीजीएस करते समय आईडी अनिवार्य करना बेहद जरूरी है।
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नागपुर के व्यापारी से ठगी-
एडवोकेट लिमये ने बताया कि एनईएफटी और आरटीजीएस की त्रुटि का फायदा उठाकर साइबर क्रिमिनल्स ने नागपुर के साईनाथ एग्रो इंडस्ट्री के मालिक मोहित अग्रवाल को साढे़ 3 करोड रुपये ठग लिए। मोहित अग्रवाल चावल के इम्पोर्ट- एक्सपोर्ट कारोबार से जुडे़ हैं। रशियन कंपनी अग्रवाल के खाते में हर माह पैसा ट्रांसफर करती है लेकिन बीते माह उनके अकाउंट में पैसा जमा नहीं हुआ। नतीजतन अग्रवाल के रशियन कंपनी को फोन कर जानकारी मांगने पर ठगी का मामला उजागर हुआ। साइबर क्रिमिनल ने अग्रवाल की ई-मेल हैक कर उनके नाम से बैंक में नकली अकाउंट खोला। इसके बाद साइबर क्रिमिनल ने रशियन कंपनी से नया अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड साझा किया, जिसके चलते रशियन कंपनी ने सारा पैसा साइबर लुटेरों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। बतौर लिमये यदि एनईएफटी और आरटीजीएस में ग्राहक आईडी की व्यवस्था होती तो अग्रवाल के साढ़े 3 करोड रुपये बच जाते।
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RBI allows card networks, wallets to access RTGS, NEFT
RBI allows card networks, wallets to access RTGS, NEFT
छवि स्रोत: ANI
आरबीआई कार्ड नेटवर्क, वॉलेट को आरटीजीएस, एनईएफटी तक पहुंचने की अनुमति देता है
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भुगतान प्रणाली प्रदाताओं, प्रीपेड कार्ड जारीकर्ताओं, कार्ड नेटवर्क और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को अपने केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली (सीपीएस), जैसे रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड तक पहुंच की अनुमति देने का निर्णय लिया है। ट्रांसफर (एनईएफटी)…
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