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आगरा में डॉ. कुमार विश्वास की राम कथा: अपने अपने राम

आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित जेपी वेडिंग स्क्वायर में शनिवार को आयोजित राम कथा में प्रसिद्ध कवि और वक्ता डॉ. कुमार विश्वास ने सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों पर विचार साझा किए। इस कार्यक्रम का आयोजन श्रीराम सेवा मिशन द्वारा किया गया, जिसमें आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल, कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य और अन्य प्रमुख हस्तियों ने दीप प्रज्वलन कर शुरुआत की। भगवान राम: देश की आत्मा डॉ. विश्वास ने अपने संबोधन में भगवान राम के अस्तित्व पर 30 वर्षों तक चली बहस का जिक्र करते हुए कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, "जो राजनीतिक पार्टियां भगवान राम को काल्पनिक बताती थीं, वे खुद अब काल्पनिक हो चुकी हैं। राम किसी एक दल के नहीं, बल्कि पूरे देश की आत्मा हैं। जन्म से लेकर अंतिम संस्कार तक हर कदम पर राम का नाम जुड़ा होता है।" धर्म स्थलों की राजनीति पर आलोचना डॉ. विश्वास ने धर्म स्थलों को तोड़कर नए धर्म स्थलों के निर्माण की प्रवृत्ति की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "को�� भी धर्म यह नहीं सिखाता कि दूसरों के धर्म स्थल को तोड़ो। मुझे एक भी गुरुद्वारा, जैन मंदिर या किसी अन्य धर्मस्थल का उदाहरण दिखा दें जो इस तरह बना हो। बगदाद वालों से पूछिए, धर्म का प्रचार करना था तो शर्त क्यों लगाई गई कि पहले दूसरे के धर्म स्थल तोड़ो, फिर अपना बनाओ।" राजनीति पर तीखे प्रहार राजनीतिक नेताओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, "आज सत्ता में बहुत से इंद्र हैं। उनके बेटे दिल्ली और लखनऊ में मिलते हैं, जो छेड़छाड़ जैसी घटनाओं के बाद अपने पिता का सहारा लेते हैं। पहले के राजा तपस्या के लिए राजपाट छोड़ते थे, लेकिन आज के नेता अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं।" उन्होंने दावा किया कि समय पर राजनीति छोड़कर वह तिहाड़ जेल में बैठकर शराब का हिसाब देने से बच गए। हैरी पॉटर को झाड़ू पर बैठकर उड़ने वाला एक मंदबुद्धि बालक बताते हुए उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक हमने भी उड़ाया था’। उन्होंने कहा कि मित्र अगर दुर्योधन हो तो कर्ण बनकर उसके साथ रथ में बैठे रहने से अच्छा है कि रथ से कूद जायें, जैसे मैंने किया। राम कथा: गंगा स्नान जैसा अनुभव

डॉ. विश्वास ने राम कथा को गंगा स्नान जैसा पवित्र अनुभव बताया। उन्होंने कहा, "जो लोग कुंभ में नहीं जा सके, वे राम कथा सुनें। यह भी उतना ही पवित्र अनुभव है। कथा में भक्त बनकर बैठें, विभक्त होकर नहीं।" सांस्कृतिक और धार्मिक प्रसंग कार्यक्रम में डॉ. विश्वास ने राम के दिव्य चरित्र और उनके जीवन के मार्मिक प्रसंगों का वर्णन किया। उन्होंने भजन सुनाया: “राम दृष्टा भी हैं और दृष्टि भी हैं। राम रस्ता भी हैं और मंजिल भी। राम राजा भी हैं और तपस्वी भी। राम गीता भी हैं और मानस भी।” सुरक्षा और व्यवस्था कार्यक्रम में दोपहर 2 बजे से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। आयोजकों ने आधार कार्ड देखकर एंट्री दी और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। पुलिसकर्मी और बैरिकेडिंग के साथ व्यवस्था सुचारू रही। आयोजकों ने अनुमान लगाया कि दो दिन की राम कथा में लगभग दस हजार लोग शामिल होंगे। आयोजन का उद्देश्य श्रीराम सेवा मिशन के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि संस्था पिछले 12 वर्षों से राम कथा का आयोजन कर रही है। इस बार यह आयोजन भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में किया गया। "डॉ. कुमार विश्वास की व्याख्यान शैली और भजनों ने कथा को विशेष बना दिया है," उन्होंने कहा। डॉ. विश्वास ने कथा को समर्पण और भक्ति का पर्व बताते हुए अपने संबोधन का समापन किया। कार्यक्रम रविवार को भी जारी रहेगा। Read the full article
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