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chaitanyabharatnews · 5 years
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जेएनयू हिंसा : आखिरकार नकाबपोश लड़की की हुई पहचान, दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकाब पहने चेक शर्ट में हिंसा करने पहुंची छात्रा की पहचान कर ली है। दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि नकाबपोश छात्रा दिल्‍ली यूनिवर्सिटी (DU) की है। इस छात्रा को पुलिस जल्‍द ही नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब करेगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); बता दें कि जेएनयू में हुई हिंसा में कई छात्रों को चोटें आई थीं। साथ ही पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। इस घटना के बाद से विश्‍वविद्यालय परिसर में लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। विश्वविद्यालय में कैंपस में हुई हिंसा और मारपीट के बाद मिले सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियों में यह छात्रा हाथ में डंडा लिए दिखाई दी थी। छात्रा ने चेहरे पर नकाब लगा रखा था। इसके साथ दो अन्य लड़के भी नकाब में दिखे थे, जिसकी पहचान पुलिस अभी तक नहीं कर पाई है। Delhi Police: SIT team has identified that the masked woman who was seen in videos of #JNUViolence is from Delhi University. She will be soon served notice to join the investigation. — ANI (@ANI) January 13, 2020 खबरों के मुताबिक, जांच में जुटी एसआईटी ने कथित रूप से हिंसा की साजिश के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट के 60 में से 44 लोगों की पहचान कर ली है। क्राइम ब्रांच ने इन सभी को नोटिस भेजकर जांच के लिए बुलाया है। गौरतलब है कि 5 जनवरी की रात जेएनयू में दर्जनों नकाबपोश लोगों ने आकर तोड़फोड़ की थी। इस दौरान छात्रों, फैकल्टी पर हमला किया गया जिसमें 30 से अधिक छात्र घायल भी हो गए थे। ये भी पढ़े... जेएनयू में हुए हमले का खुलासा, ABVP-लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने नकाब पहन की थी हिंसा JNU हिंसा पर भावुक हुईं स्वरा भास्कर, वीडियो शेयर कर लोगों से की जेएनयू पहुंचने की अपील जेएनयू : छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार, जानें पहले क्या थी और अब कितनी बढ़ी फीस? Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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जेएनयू हिंसा : आखिरकार नकाबपोश लड़की की हुई पहचान, दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकाब पहने चेक शर्ट में हिंसा करने पहुंची छात्रा की पहचान कर ली है। दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि नकाबपोश छात्रा दिल्‍ली यूनिवर्सिटी (DU) की है। इस छात्रा को पुलिस जल्‍द ही नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब करेगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); बता दें कि जेएनयू में हुई हिंसा में कई छात्रों को चोटें आई थीं। साथ ही पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। इस घटना के बाद से विश्‍वविद्यालय परिसर में लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। विश्वविद्यालय में कैंपस में हुई हिंसा और मारपीट के बाद मिले सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियों में यह छात्रा हाथ में डंडा लिए दिखाई दी थी। छात्रा ने चेहरे पर नकाब लगा रखा था। इसके साथ दो अन्य लड़के भी नकाब में दिखे थे, जिसकी पहचान पुलिस अभी तक नहीं कर पाई है। Delhi Police: SIT team has identified that the masked woman who was seen in videos of #JNUViolence is from Delhi University. She will be soon served notice to join the investigation. — ANI (@ANI) January 13, 2020 खबरों के मुताबिक, जांच में जुटी एसआईटी ने कथित रूप से हिंसा की साजिश के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट के 60 में से 44 लोगों की पहचान कर ली है। क्राइम ब्रांच ने इन सभी को नोटिस भेजकर जांच के लिए बुलाया है। गौरतलब है कि 5 जनवरी की रात जेएनयू में दर्जनों नकाबपोश लोगों ने आकर तोड़फोड़ की थी। इस दौरान छात्रों, फैकल्टी पर हमला किया गया जिसमें 30 से अधिक छात्र घायल भी हो गए थे। ये भी पढ़े... जेएनयू में हुए हमले का खुलासा, ABVP-लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने नकाब पहन की थी हिंसा JNU हिंसा पर भावुक हुईं स्वरा भास्कर, वीडियो शेयर कर लोगों से की जेएनयू पहुंचने की अपील जेएनयू : छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार, जानें पहले क्या थी और अब कितनी बढ़ी फीस? Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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45 करोड़ के घाटे में यूनिवर्सिटी, छात्रों पर 2.79 करोड़ रुपए बकाया, फीस बढ़ाने काे लेकर झूठा अभियान : JNU
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. हॉस्टल की फीस में वृद्धि और कुछ नियमों में बदलाव को लेकर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्रों का विरोध जारी है। गुरुवार को यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि, संस्थान 45 करोड़ रुपए के घाटे में है। ठेका श्रमिकों के वेतन, बिजली और पानी के बिलों का बोझ बढ़ गया है। इसलिए हॉस्टल के लिए सर्विस चार्ज लगाना जरूरी हो गया है। साथ ही यूनिवर्सिटी ने इस मामले पर झूठ फैलाने का अभियान चलाने का भी आरोप लगाया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); चार दशकों से नहीं बढ़ाई एडमिशन फीस  जेएनयू प्रशासन ने इस बारे में कहा कि, 'हॉस्टल फीस में इजाफे को लेकर गलत सूचना देने का अभियान चलाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इससे काफी संख्या में गरीब छात्र प्रभावित होंगे। जबकि वास्तविकता यह है कि पहले सर्विस चार्ज नहीं लिया जाता था। नुकसान को देखते हुए अब चार्ज लेने का निर्णय लिया गया है। जेएनयू में अभी भी अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटी से कम पैसे लिए जा रहे हैं। यहां छात्रों से डेवलपमेंट फीस नहीं ली जाती। चार दशकों से एडमिशन फीस में भी वृद्धि नहीं की गई।' JNU: There is misinformation campaign which says that there is massive hostel fee hike. In reality, service charges are being levied, which have been zero so far. For sustainability of budget which has run into huge deficit, it's necessary to levy service charges in hostel. https://t.co/1SXWexaliU — ANI (@ANI) November 22, 2019 ठेका श्रमिकों को अपने संसाधन से देना होगा वेतन: यूजीसी  इस विवाद को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ठेका श्रमिकों का वेतन संस्थान के बजट से देने की अनुमति नहीं दे रहा। यूनिवर्सिटी ने बताया कि, ‘यूजीसी ने विश्वविद्यालय को साफ निर्देश दिया है कि गैर वेतन खर्चे की व्यवस्था आंतरिक स्रोतों से की जाए। ऐसे में छात्रों से सुविधा शुल्क वसूलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’ छात्रों पर 2.79 करोड़ रुपए बकाया यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हॉस्टल के उन छात्रों की सूची भी जारी की है जिनपर करीब 2.79 करोड़ रुपए का बकाया है। जानकारी के मुताबिक, सामान्य वर्ग के छात्रों को करीब 4,500 रुपए महीने का भुगतान करना होगा। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी वाले विद्यार्थियों को भोजन शुल्क छोड़कर बाकी बची 2,200 रुपए में 50% की छूट दी जाएगी। इस प्रकार गरीबी रेखा से नीचे के छात्रों को हर महीने करीब 3,400 रुपए देना होगा। बता दें जेएनयू हॉस्टल में करीब 6000 छात्र रहते हैं। ये भी पढ़े... जेएनयू : छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार, जानें पहले क्या थी और अब कितनी बढ़ी फीस? दिल्लीः जेएनयू से बाहर आया फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन, गुस्साए छात्रों ने किया जमकर हंगामा JNU : दृष्टिहीन छात्र ने कहा- ‘मैं अंधा हूं मुझे मत मारो’ फिर भी लाठियों से पीटते रहे पुलिसवाले, बोले- अंधे हो तो प्रोटेस्ट में आए क्यों? Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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JNU : दृष्टिहीन छात्र ने कहा- ‘मैं अंधा हूं मुझे मत मारो’ फिर भी लाठियों से पीटते रहे पुलिसवाले, बोले- अंधे हो तो प्रोटेस्ट में आए क्यों?
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हॉस्टल फीस में हुई बढ़ोतरी और नए हॉस्टल नियमों को लेकर हो रहा विवाद अब भी जारी है। पहले सड़क पर प्रदर्शन, फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेएनयू प्रशासन पर बरसने के बाद छात्र अब भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। बता दें जब छात्र दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे, तब दिल्ली पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया। इस दौरान एक दृष्टिहीन छात्र शशिभूषण पांडे भी घायल हुए। बताया जा रहा है कि पुलिस ने उस छात्र को लाठियों से इतना पीटा कि उसे एम्स (AIIMS) के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); This is a video of Shashi Bhushan Pandey, the visually challenged JNUSU Councillor who beaten up, from the protest yesterday. He can be seen removing his glasses to show the police he can't see. But they still drag him on. pic.twitter.com/6iNjRRYkwQ — Anya Shankar (@AnyaShankar) November 19, 2019 जानकारी के मुताबिक, इतिहास विभाग में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे शशिभूषण ने पुलिस को बताया भी था कि वह देख नहीं सकते हैं और उन्हें न मारें, बावजूद इसके उन्हें मारा गया। जब उन्होंने वहां से भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उनके पैरों पर लाठियां मारी। शशिभूषण के मुताबिक, 'जिस युवक ने मेरी मदद की और मुझे अस्पताल तक लाया उसे भी पीटा गया।' इसके बाद जेएनयू के दिव्यांग छात्रों ने बुधवार को इस घटना के विरोध में दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की बात कही है।
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  'जो सबको शिक्षा दे न सके जो वो सरकार निकम्मी है' शशि ने मीडिया को बताया कि, 'जब मैंने पुलिसकर्मियों को जानकारी दी कि मैं देख नहीं सकता तो उनमें से एक ने कहा कि अंधा है तो प्रोटेस्ट करने क्यों आता है?' उन्होंने आगे कहा कि, 'देशभर की कई यूनिवर्सिटी अब जेएनयू के साथ इस लड़ाई में खड़ी हैं। हम शिक्षा का निजीकरण नहीं होने देंगे। जेएनयू में पढ़ने वाले छात्र दिल्ली के नहीं हैं। वे यूपी, बिहार, झारखंड और देश के अन्य इलाकों से यहां आते हैं। क्या आप यह कहना चाहते हैं कि यह जगह देशद्रोही बनना सिखाती है?' उन्होंने यह भी कहा कि, 'हम अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे और हमारा नारा है- 'सबको शिक्षा दे न सके जो वो सरकार निकम्मी है, जो सरकार निक्कमी है वो सरकार बदलनी है।''
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विजुअली चैलेंज्ड स्टूडेंट्स फोरम ने की पुलिस की निंदा जानकारी के मुताबिक, जेएनयू के विजुअली चैलेंज्ड स्टूडेंट्स फोरम ने छात्रों के साथ कथित तौर पर हुई मारपीट के बाद दिल्ली पुलिस की निंदा की। साथ ही उन्होंने इस बात पर दुख जताया है कि, 'किस तरह से पुलिसकर्मियों ने शशि की छाती और पेट पर लात मारी और उसके बाद उसे सड़क पर छोड़ दिया। उनको किसी भी पुलिसकर्मी ने अस्पताल पहुंचाने के बारे में भी नहीं सोचा।'
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नहीं हुई शिकायत दर्ज जब इस पूरे घटनाक्रम के बारे में दिल्ली पुलिस के डीसीपी (सेंट्रल) मंदीप सिंह रंधावा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि, 'दिल्ली पुलिस ने ‌किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया है। उन्होंने कहा कि, 'यदि इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज की गई होगी तो वे इस मामले को जरूर देखेंगे।'
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छात्रों की हुंकार- नहीं झुकेंगे गौरतलब है कि हॉस्टल फीस की बढ़ोतरी को वापस लेने पर छात्र पिछले कई दिनों से अड़े हुए हैं। छात्र संघ ने ऐलान भी कर दिया है कि, जबतक बढ़ी हुई फीस पूरी तरह वापस नहीं होती है, तबतक आंदोलन जारी रहेगा और वह प्रदर्शन करते रहेंगे। ये भी पढ़े... JNU विवाद : हजारों छात्रों का संसद तक पैदल मार्च शुरू, तोड़ी पुलिस बैरिकेडिंग, संसद के आसपास धारा-144 लागू जेएनयू : छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार, जानें पहले क्या थी और अब कितनी बढ़ी फीस? दिल्लीः जेएनयू से बाहर आया फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन, गुस्साए छात्रों ने किया जमकर हंगामा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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JNU विवाद : हजारों छात्रों का संसद तक पैदल मार्च शुरू, तोड़ी पुलिस बैरिकेडिंग, संसद के आसपास धारा-144 लागू
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी और नए हॉस्टल नियमों को लेकर हो रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को यह प्रदर्शन संसद मार्च में बदल गया। कैंपस के बाहर धारा 144 लागू होने के बावजूद ये मार्च निकाला गया है। प्रदर्शनकारी हजारों छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी छात्रों से कक्षाओं में लौटने की अपील की है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); Delhi: Jawaharlal Nehru University Students march towards Parliament over their demand of complete fee roll back along with other demands pic.twitter.com/iqdyDCzZQh — ANI (@ANI) November 18, 2019 जानकारी के मुताबिक, मार्च में जेएनयू के अलावा और भी कई यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल हुए हैं। सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस ने 9 कंपनी फोर्स लगाई है जिसमें पैरा मिलिट्री फोर्स शामिल है। इसके लिए करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं जिनमें दिल्ली पुलिस भी शामिल है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि, जेएनयू छात्रों को संसद तक नही जाने दिया जाएगा। संसद के आसपास धारा 144 लगी हुई है, साथ ही बैरिकेडिंग कर दी है। लेकिन छात्र रास्ते में लगे बैरिकेड्स भी तोड़ते हुए चले जा रहे हैं। पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में भी लिया है। इस बीच मानव संसाधन मंत्रालय ने तीन सदस्यीय समिति बनाई है, जो जेएनयू की सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के तरीकों की सिफारिश करेगी। यह समिति छात्रों और प्रशासन से बातचीत करेगी तथा सभी समस्याओं के समाधान को लेकर सिफारिश सौंपेगी। Delhi: Police stops Jawaharlal Nehru University students at Ber Sarai road, not allowed to march ahead towards Parliament #JNU pic.twitter.com/Nf2VFnw2JH — ANI (@ANI) November 18, 2019 छात्रों के इस हंगामे के कारण सबसे ज्यादा परेशानी का सामना आम जनता को करना पड़ रहा है। अरुणा आसिफ अली रोड पर पुलिस बैरिकेडिंग के चलते कई लोग जाम में फंस गए। कुछ लोगों का कहना है कि, पुलिस को पहले से बैरिकेडिंग कर के रास्ते डायवर्ट कर देना चाहिए था। इतना ही नहीं बल्कि मुजफरनगर से मरीज को लेकर आ रही एंबुलेंस भी आसिफ अली रोड पर ही जाम में फंस गई। बताया जा रहा है कि एंबुलेंस में गंभीर मरीज को स्पाइनल अस्पताल लेकर जाना था। हालांकि, बाद में स्थानीय लोगों ने पुलिस बैरिकेडिंग हटाई और एंबुलेंस को जाने का रास्ता दिया।
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ये भी पढ़े... जेएनयू : छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार, जानें पहले क्या थी और अब कितनी बढ़ी फीस? दिल्लीः जेएनयू से बाहर आया फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन, गुस्साए छात्रों ने किया जमकर हंगामा   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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जेएनयू : छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार, जानें पहले क्या थी और अब कितनी बढ़ी फीस?
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल��ली. राजधानी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की फीस बढ़ने के बाद भी अन्य संस्थानों के मुकाबले अविश्वसनीय रूप से बेहद कम है, बावजूद इसके छात्र इसे लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रह थे। इनके इसी प्रदर्शन ने सरकार को अपने आगे झुकने को मजबूर कर दिया। आखिरकार मोदी सरकार ने छात्रों की बढ़ी हुई हॉस्टल फीस समेत अन्य फीस में की गई बढ़ोतरी को आंशिक रूप से वापस लेने का फैसला किया। हालांकि, हॉस्टल फीस बढ़ी हुई ही रहेगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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इसकी जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिन आर सुब्रमण्यम ने बुधवार शाम को ट्वीटर के जरिए दी। साथ ही इस फैसले की जानकारी जेएनयू के वाइस चांसलर जगदेश कुमार ने भी दी। उन्होंने कहा, 'हमने सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए सिंगल सीटर वाले होस्टल रूम की फीस 10 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए करने का निर्णय लिया है जबकि गरीबी रेखा से नीचे वाले छात्रों को इसका 50% जमा करना होगा।' उन्होंने ड्रेस कोड के बारे में बताया कि अब इससे जुड़ा क्लॉज मैन्युअल का हिस्सा नहीं होगा। जानकारी के मुताबिक, जेएनयू प्रशासन ने हॉस्टल में इस्टैबलिशमेंट चार्जेज, क्रॉकरी और न्यूजपेपर आदि की फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। लेकिन कमरे के रेंट में भारी बढ़ोत्तरी कर दी। जहां पहले सिंगल सीटर हॉस्टल का रूम रेंट 20 रुपए था, उसे प्रशासन ने बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया था, लेकिन अब वह 300 रुपए होगा। वहीं डबल सीटर का रेंट 10 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया था, जो अब वह 150 रुपए होगा। JNU Vice-chancellor: Today, the Executive Council met and decided that the we will not put in new hostel manual the clause relating to timings in the hostel. The clause relating to dress code will also not be a part of the manual. pic.twitter.com/x2I3TZBXL3 — ANI (@ANI) November 13, 2019 ये था पुराना फीस स्ट्रक्चर
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नया फीस स्ट्रक्चर
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जानकारी के मुताबिक, जेेएनयू के छात्रों को पहले हॉस्टल सर्विस चार्ज या यूटिलिटी चार्जेज जैसे कि पानी और बिजली के पैसे नहीं देने होते थे। लेकिन प्रशासन द्वारा इसमें बढ़ोतरी की गई थी। प्रशासन ने यूटिलिटी चार्जेज के तौर पर इस्तेमाल के अनुसार बिल का प्रावधान कर दिया गया था। यानी छात्र जितना इस्तेमाल करते उन्हें उतना ही खर्च देना पड़ता। वहीं सर्विस चार्जेज के तौर आईएचए कमेटी ने 1700 रुपए महीने फीस जोड़ दी थी। इसके अलावा प्रशासन ने वन टाइम मेस सिक्योरिटी जो कि पहले 5500 रुपए थी, इसे भी 200 पर्सेंट से ज्यादा बढ़ाकर 12000 रुपए कर दिया था। इसे लेकर ही यूनिवर्सिटी के छात्र लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे थे। बुधवार को एबीवीपी ने भी यूजीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। साथ ही जेेएनयू की फीसवृद्धि के इस पूरे मामले में देशभर के संस्थानों के छात्र संगठन एकजुट होकर जेएनयू के सपोर्ट में आ गए थे। सोशल मीडिया पर भी कुछ लोगों ने फीस वृद्धि को गलत ठहराया था। हालांकि, कई लोग इसके समर्थन में भी थे।
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