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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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नक्सली हमले पर छ्त्तीसगढ़ के DGP का इंटरव्यू: हमने जंगल में 80 कैंप बनाए, हमला इसी बौखलाहट में, लेकिन यह मतलब नहीं कि नक्सली मजबूत हो रहे हैं
नक्सली हमले पर छ्त्तीसगढ़ के DGP का इंटरव्यू: हमने जंगल में 80 कैंप बनाए, हमला इसी बौखलाहट में, लेकिन यह मतलब नहीं कि नक्सली मजबूत हो रहे हैं
Hindi News Db original We Built 80 Camps In The Pouring Forest; Naxalite Attack In The Same Fury, But This Does Not Mean That The Security Forces Are Getting Weaker, The Naxalites Are Getting Stronger. Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप नई दिल्ली24 मिनट पहलेलेखक: संध्या द्विवेदी कॉपी लिंक बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 24 जवान शहीद हुए हैं। इस हमले के बाद…
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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नक्सलियों के चंगुल से 6 दिनों बाद पुलिसकर्मी पति को छुड़ा लाई पत्नी, पुलिस की नौकरी न करने की शर्त पर बख्शी जान
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चैतन्य भारत न्यूज बीजापुर. एक पत्नी की ताकत के आगे तो भगवान को भी झुकना पड़ता है तो इंसान क्या चीज है। ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के बीजापुर के सुकमा जिले में देखने को मिला। दरअसल 6 दिन पहले नक्सलियों ने जगरगुंडा निवासी संतोष कट्टम का अपहरण कर लिया था। फिर संतोष की पत्नी ने अपने पति को छुड़ाने के लिए रात दिन मेहनत की। वह दर-दर भटकी और कई लोगों से मुलाकात की। फिर गांव वालों के दबाव में आने बाद आखिरकार नक्सलियों को पुलिस के जवान संतोष कट्टम को छोड़ना ही पड़ा। दरअसल, जगरगुंडा निवासी संतोष पुलिस विभाग में इलेक्ट्रीशियन के पद भोपालपटनम में तैनात हैं। वह छुट्टी लेकर बीजापुर आया हुआ था और तभी कोरोना सकंट के चलते लॉकडाउन हो गया जिसके कारण वह घर में ही फंस गया। चार मई को संतोष गोरना में आयोजित वार्षिक मेला देखने के लिए गया था। मंदिर में दर्शन करने के बाद वह दोस्त का इंतजार कर रहा था कि तभी ग्रामीण वेशभूषा में मौजूद नक्सली को संतोष पर शक हो गया। जब उन्हें पता चला कि सतोष एक पुलिसकर्मी है तो फिर उन्होंने तुरंत उसका अपहरण कर लिया। नक्सलियों ने संतोष के दोनों हाथ पीछे बांध दिए गए और आंखों पर पट्टी बांध दी और वे उसे जंगल में लेकर चलते रहे। संतोष को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि नक्सली उसे कहा ले जा रहे हैं। मौत का साया उसके साथ चल रहा था जिसे वो महसूस तो कर सकता था लेकिन देख नहीं सकता था। 6 दिन तक आंखों पर पट्टी बांधे वह जंगल में भटकता रहा। जैसे ही संतोष के अपहरण की खबर गांव तक पहुंची तो कोहराम मच गया। पत्नी सुनीता और 15 वर्षीय बेटी भावना के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पति का पता लगाने के लिए सुनीता चार दिन तक जंगलों को छानती रही। सुनीता और भावना संतोष की तलाश में 6 दिन तक घूमते रहे, लेकिन कोई भी सतोष को लेकर जानकारी देने को तैयार नहीं था। फिर कुछ गांव वाले सुनीता की मदद के लिए आगे आए। नक्सली संतोष को लेकर जनअदालत लगाने जा रहे थे जिसमें उन्होंने सुनीता और भावना को भी बुलाया। उनके अलावा हजारों और भी लोग शामिल हुए। यहां संतोष के समर्थन में ग्रामीण खुलकर सामने आए। उन्होंने बताया कि संतोष ने जनता पर कभी भी अत्याचार नहीं किया। इससे नक्सली नेताओं पर दबाव बन गया, क्योंकि अंतत: उनके लिए भी ग्रामीणों का साथ जरूरी है। फिर आखिरकार नक्सलियों ने संतोष को पुलिस की नौकरी छोड़ने की और गांव में ही खेती करने की चेतावनी देते हुए उसे बिना कोई नुकसान पहुंचाए छोड़ दिया। Read the full article
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छत्तीसगढ़ में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 2 नक्सली मारे गए पुलिस ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 14 जुलाई की सुबह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक महिला सहित दो नक्सली मारे गए Follow @tarunmitr.newspaper #chhattisgarh #chhattisgarhtourism #chhattisgarhnews #chhattisgarhnaxal #naxal #indiannaxal #killed #chhattisgarhpolice #naxalite (at Chattisgarh) https://www.instagram.com/p/Bz5WaS_JhT8/?igshid=1ukeqw60lsv8s
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छत्तीसगढ़ में बीजेपी विधायक और चार सिपाहियों की हत्याओं में वांछित नक्सली को मुठभेड़ में मार गिराया गया पुलिस ने कहा कि एक विधायक, जो अप्रैल में भाजपा विधायक भीमा मंडावी और चार पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल था, को 12 जुलाई को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया। Follow @tarunmitr.newspaper #chhattisgarh #chhattisgarhtourism #chhattisgarhnews #chhattisgarhnaxal #naxal #indiannaxal #bjp #narendramodi #modisarkar2 (at Chattisgarh) https://www.instagram.com/p/Bz0QWKMJicn/?igshid=cm1pkd77zalj
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छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए पुलिस ने कहा कि छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन महिलाओं सहित चार नक्सली मारे गए। Follow @tarunmitr.newspaper #chhattisgarh #chhattisgarhtourism #chhattisgarhnews #chhattisgarhnaxal #naxal #indiannaxal #killed #chhattisgarhpolice #naxalite (at Chhattisgarh) https://www.instagram.com/p/BzkqcdzpDET/?igshid=1hnlzq4311saj
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भारत की आजादी के बाद से इस छत्तीसगढ़ के गांव में बिजली नहीं है छत्तीसगढ़ के सुदूर इलाके में रहने वाले त्रिशूली के ग्रामीणों का कहना है कि हम अंधेरे में जीने को मजबूर हैं। भारत की आजादी के बाद से, इस गांव के लगभग 100 घरों में बिजली नहीं पहुंची है। जबकि ग्रामीणों ने अधिकारियों से लिखित शिकायत की है और बिजली आपूर्ति की मांग की है, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई है। Follow @tarunmitrnewspaper #chhattisgarh #chhattisgarhtourism #chhattisgarhnews #chhattisgarhnaxal #chhattisgarhi #chhattisgarhdiaries #indian #indianpeople #peopleofindia #indiannews #hindi #hindinews #newspaper #tarunmitra #instagram #jaunpur #india #world #modi #amitshah #rajnathsingh #nirmalasitharaman #piyushgoyal #modicabinet #modisarkar2 (at Chhattisgarh) https://www.instagram.com/p/Bypml69p7Hg/?igshid=8b5l5acjpdrn
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पुलिस ने कहा कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने एक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) में विस्फोट होने से दो जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान घायल हो गए। Follow @tarunmitrnewspaper #chhattisgarh #chhattisgarhtourism #chhattisgarhnews #chhattisgarhnaxal #naxal #indiannaxal #boomblast #boomindia #blast #indianpolice #newspaper #jaunpur #india #world https://www.instagram.com/p/BxuE7ReJcTq/?igshid=1mrspp2q5ov9f
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rnewsworld · 3 years ago
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कांकेर में नक्सलियों ने जिओ टावर में लगाई आग: कंट्रोल यूनिट जलकर राख, मौके के लिए जवान हुए रवाना, गढ़चिरौली मुठभेड़ की बौखलाहट
कांकेर में नक्सलियों ने जिओ टावर में लगाई आग: कंट्रोल यूनिट जलकर राख, मौके के लिए जवान हुए रवाना, गढ़चिरौली मुठभेड़ की बौखलाहट
जगदलपुर9 घंटे पहले कॉपी लिंक कांकेर में नक्सलियों ने मोबाइल टावर को आग के हवाले कर दिया है। (फाइल फोटो) छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रविवार को माओवादियों ने जबरस्त उत्पात मचाया है। नक्सलियों ने जिओ कंपनी के मोबाइल टावर में आग लगा दी है। जिससे टावर का कंट्रोल यूनिट पूरी तरह से जलकर राख हो गया है। इस घटना की सूचना मिलते ही मौके के लिए जवानों को रवाना किया गया है। साथ ही इलाके की सर्चिंग भी बढ़ा दी…
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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छत्तीसगढ़ के आधे बस्तर में नक���सली राज: तमिलनाडु से आता है असलहा-बारूद, 5 जोनल और 9 एरिया कमेटियां चला रहीं जनताना सरकार; DRG इनका सबसे बड़ा टारगेट
छत्तीसगढ़ के आधे बस्तर में नक्सली राज: तमिलनाडु से आता है असलहा-बारूद, 5 जोनल और 9 एरिया कमेटियां चला रहीं जनताना सरकार; DRG इनका सबसे बड़ा टारगेट
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप जगदलपुरएक घंटा पहले कॉपी लिंक 40 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले बस्तर के करीब आधे हिस्से पर इस समय नक्सलियों का कब्जा है बस्तर के 7 जिलों में केंद्रीय और राज्य बल के करीब 1 लाख जवान तैनात हैं छत्तीसगढ़ में 40 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले बस्तर के करीब आधे हिस्से पर इस समय नक्सलियों का कब्जा है। हालात तो यह है कि…
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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नक्सलियों के चंगुल से 6 दिनों बाद पुलिसकर्मी पति को छुड़ा लाई पत्नी, पुलिस की नौकरी न करने की शर्त पर बख्शी जान
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चैतन्य भारत न्यूज बीजापुर. एक पत्नी की ताकत के आगे तो भगवान को भी झुकना पड़ता है तो इंसान क्या चीज है। ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के बीजापुर के सुकमा जिले में देखने को मिला। दरअसल 6 दिन पहले नक्सलियों ने जगरगुंडा निवासी संतोष कट्टम का अपहरण कर लिया था। फिर संतोष की पत्नी ने अपने पति को छुड़ाने के लिए रात दिन मेहनत की। वह दर-दर भटकी और कई लोगों से मुलाकात की। फिर गांव वालों के दबाव में आने बाद आखिरकार नक्सलियों को पुलिस के जवान संतोष कट्टम को छोड़ना ही पड़ा। दरअसल, जगरगुंडा निवासी संतोष पुलिस विभाग में इलेक्ट्रीशियन के पद भोपालपटनम में तैनात हैं। वह छुट्टी लेकर बीजापुर आया हुआ था और तभी कोरोना सकंट के चलते लॉकडाउन हो गया जिसके कारण वह घर में ही फंस गया। चार मई को संतोष गोरना में आयोजित वार्षिक मेला देखने के लिए गया था। मंदिर में दर्शन करने के बाद वह दोस्त का इंतजार कर रहा था कि तभी ग्रामीण वेशभूषा में मौजूद नक्सली को संतोष पर शक हो गया। जब उन्हें पता चला कि सतोष एक पुलिसकर्मी है तो फिर उन्होंने तुरंत उसका अपहरण कर लिया। नक्सलियों ने संतोष के दोनों हाथ पीछे बांध दिए गए और आंखों पर पट्टी बांध दी और वे उसे जंगल में लेकर चलते रहे। संतोष को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि नक्सली उसे कहा ले जा रहे हैं। मौत का साया उसके साथ चल रहा था जिसे वो महसूस तो कर सकता था लेकिन देख नहीं सकता था। 6 दिन तक आंखों पर पट्टी बांधे वह जंगल में भटकता रहा। जैसे ही संतोष के अपहरण की खबर गांव तक पहुंची तो कोहराम मच गया। पत्नी सुनीता और 15 वर्षीय बेटी भावना के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पति का पता लगाने के लिए सुनीता चार दिन तक जंगलों को छानती रही। सुनीता और भावना संतोष की तलाश में 6 दिन तक घूमते रहे, लेकिन कोई भी सतोष को लेकर जानकारी देने को तैयार नहीं था। फिर कुछ गांव वाले सुनीता की मदद के लिए आगे आए। नक्सली संतोष को लेकर जनअदालत लगाने जा रहे थे जिसमें उन्होंने सुनीता और भावना को भी बुलाया। उनके अलावा हजारों और भी लोग शामिल हुए। यहां संतोष के समर्थन में ग्रामीण खुलकर सामने आए। उन्होंने बताया कि संतोष ने जनता पर कभी भी अत्याचार नहीं किया। इससे नक्सली नेताओं पर दबाव बन गया, क्योंकि अंतत: उनके लिए भी ग्रामीणों का साथ जरूरी है। फिर आखिरकार नक्सलियों ने संतोष को पुलिस की नौकरी छोड़ने की और गांव में ही खेती करने की चेतावनी देते हुए उसे बिना कोई नुकसान पहुंचाए छोड़ दिया। Read the full article
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