#जलकर
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thebharatexpress · 2 years ago
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CG News: कपड़ा दुकान में लगी भीषण आग, जलकर खाक हुआ पूरा सामान....
CG News : कवर्धा। कबीरधाम जिले  के पांडातराई नगर पंचायत के एक कपड़ा दुकान में आगजनी की घटना से करीब चालीस लाख रुपयों की नुकसान होना बताया जा रहा है। दरअसल घटना बीती रात करीब तीन बजे की बताया जा रहा है, जब प्राची कपड़ा दुकान में अचानक भीषण आ लग गई। ALSO READ- छात्रा का रेप फिर बनाया न्यूड VIDEO: 17 साल के स्टूडेंट ने किया दुष्कर्म ; वीडियो वायरल करने की दी धमकी और करने बोला ये जब तक फायर ब्रिगेड की…
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babypostvoid · 7 days ago
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vocaltv · 2 years ago
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ब्रेकिंग: पेट्रोल-पंप में खड़ी स्कूटी में लगी आग,गाड़ी जलकर राख
छत्तीसगढ़ के दुर्ग. पटेल चौक स्थित पेट्रोल पंप पर मंगलवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. स्कूटी सवार युवक पेट्रोल पंप में पेट्रोल भरवाने आया था. पेट्रोल भरवाने के बाद जैसे ही उसने गाड़ी का सेल्फ बटन दबाया गाड़ी से धुआं निकलने लगा. युवक घबराकर गाड़ी को छोड़कर तत्काल उससे दूर हो गया. देखते ही देखते गाड़ी पूरी तरह से आग की चपेट में आ गई. स्कूटी में लगी आग को देख पेट्रोल पंप के कर्मचारी दौड़े और…
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parshuramdasg-blog · 1 year ago
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साधु बिरछ सतज्ञान फल, शीतल शब्द विचार।
जग में होते साधु नहिं, जर मरता संसार।।
#पवित्रहिन्दूशास्त्रVSहिन्दू
#GodNightMonday
साधु सुखदायी वृक्ष के समान हैं, उनका सत्य-ज्ञान ही फल-रूप है और उनके शीतल शब्द सबके ऊपर छाया के समान हैं। यदि संसार में साधु न होते तो यह संसार अज्ञानता की आग में जलकर स्वाहा हो जाता।
����अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ��ध्यात्मिक पुस्तक "ज्ञान - गंगा या Download करें हमारी Official App
"Sant Rampal Ji Maharaj"
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kisturdas · 1 year ago
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( #Muktibodh_part189 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part190
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 363-364
कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास जी को गीता से ही प्रश्न तथा उत्तर देकर सत्य ज्ञान समझाया। उपरोक्त वाणी सँख्या 1 में गीता अध्याय 4 श्लोक 5, अध्याय 2 श्लोक 12 वाला वर्णन बताया जिसमें गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि अर्जुन! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके हैं। तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ। वाणी सँख्या 2 में गीता अध्याय 15 श्लोक 17 वाला वर्णन बताया है। वाणी सँख्या 3 में गीता अध्याय 4 श्लोक 34 वाला ज्ञान बताया है। वाणी सँख्या 4 में गीता अध्याय 18 श्लोक 62ए 66 तथा अध्याय 15 श्लोक 4 वाला वर्णन बताया है। वाणी सँख्या 5 में गीता अध्याय 18 श्लोक 64 का वर्णन है जिसमें काल कहता है कि मेरा ईष्ट देव भी वही है। वाणी सँख्या 6 में गीता अध्याय 8 श्लोक 13 तथा अध्याय 17 श्लोक 23 वाला ज्ञान है। आगे की वाणियों में कबीर परमेश्वर जी ने अपने आपको छुपाकर अपने ही
विषय में बताया है।
◆ धर्मदास वचन
विष्णु पूर्ण परमात्मा हम जाना।
जिन्द निन्दा कर हो नादाना।।
पाप शीश तोहे लागे भारी।
देवी देवतन को देत हो गारि।।
◆ जिन्दा (कबीर जी) वचन
जे यह निन्दा है भाई।
यह तो तोर गीता बतलाई।।
गीता लिखा तुम मानो साचा।
अमर विष्णु है कहा लिख राखा।।
तुम पत्थर को राम बताओ।
लडूवन का भोग लगाओ।।
कबहु लड्डू खाया पत्थर देवा।
या काजू किशमिश पिस्ता मेवा।।
पत्थर पूज पत्थर हो गए भाई।
आखें देख भी मानत नाहीं।।
ऐसे गुरू मिले अन्याई।
जिन मूर्ति पूजा रीत चलाई।।
इतना कह जिन्द हुए अदेखा।
धर्मदास मन किया विवेका।।
◆ धर्मदास वचन
यह क्या चेटक बिता भगवन।
कैसे मिटे आवा गमन।।
गीता फिर देखन लागा।
वही वृतान्त आगे आगा।।
एक एक श्लोक पढ़ै और रौवै।
सिर चक्रावै जागै न सोवै।।
रात पड़ी तब न आरती कीन्हा।
झूठी भक्ति में मन दीन्हा।।
ना मारा ना जीवित छोड़ा।
अधपका बना जस फोड़ा।।
यह साधु जे फिर मिल जावै।
सब मानू जो कछु बतावै।।
भूल के विवाद करूं नहीं कोई। आधीनी से सब जानु सोई।।
उठ सवेरे भोजन लगा बनाने।
लकड़ी चुल्हा बीच जलाने।।
जब लकड़ी जलकर छोटी होई। पाछलो भाग में देखा अनर्थ जोई।।
चटक-चटक कर चींटी मरि हैं।
अण्डन सहित अग्न में जर हैं।।
तुरंत आग बुझाई धर्मदासा।
पाप देख भए उदासा।।
ना अन्न खाऊँ न पानी पीऊँ।
इतना पाप कर कैसे जीऊँ।।
कराऊँ भोजन संत कोई पावै।
अपना पाप उतर सब जावै।।
लेकर थार चले धर्मनि नागर।
वृक्ष तले बैठे सुख सागर।।
साधु भेष कोई और बनाया।
धर्मदास साधु नेड़े आया।।
रूप और पहचान न पाया।
थाल रखकर अर्ज लगाया।।
भोजन करो संत भोग लगाओ।
मेरी इच्छा पूर्ण कराओ।।
संत कह आओ धर्मदासा।
भूख लगी है मोहे खासा।।
जल का छींटा भोजन पे मारा।
चींटी जीवित हुई थाली कारा।।
तब ही रूप बनाया वाही।
धर्मदास देखत लज्जाई।।
कहै जिन्दा तुम महा अपराधी।
मारे चीटी भोजन में रांधी।।
चरण पकड़ धर्मनि रोया।
भूल में जीवन जिन्दा मैं खोया।।
जो तुम कहो मैं मानूं सबही।
वाद विवाद अब नहीं करही।।
और कुछ ज्ञान अगम सुनाओ।
कहां वह संत वाका भेद बताओ।।
◆ जिन्द (कबीर) वचन
तुम पिण्ड भरो और श्राद्ध कराओ। गीता पाठ सदा चित लाओ।।
भूत पूजो बनोगे भूता।
पितर पूजै पितर हुता।।
देव पूज देव लोक जाओ।
मम पूजा से मोकूं पाओ।।
यह गीता में काल बतावै।
जाकूं तुम आपन इष्ट बतावै।।
(गीता अ. 9 व 25)
इष्ट कह करै नहीं जैसे।
सेठ जी मुक्ति पाओ कैसे।।
◆ धर्मदास वचन
हम हैं भक्ति के भूखे।
गुरू बताए मार्ग कभी नहीं चुके।।
हम का जाने गलत और ठीका।
अब वह ज्ञान लगत है फीका।।
तोरा ज्ञान महा बल जोरा।
अज्ञान अंधेरा मिटै है मोरा।।
हे जिन्दा तुम मोरे राम समाना।
और विचार कुछ सुनाओ ज्ञाना।।
क्रमशः_______________
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sstkabir-0809 · 1 year ago
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( #MuktiBodh_Part115 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part116
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 227-228
वाणी नं. 134.141 :-
गरीब, कर्म लगे शिब बिष्णु कै, भरमें तीनौं देव।
ब्रह्मा जुग छतीस लग, कछू न पाया भेव।।134।।
गरीब, ��िब कूं ऐसा बर दिया, अपनेही परि आय।
भागि फिरे तिहूं लोक में, भस्मागिर लिये ताय।।135।।
गरीब, बिष्णु रूप धरि छल किया, मारे भसमां भूत।
रूप मोहिनी धरि लिया, बेगि सिंहारे दूत।।136।।
गरीब, शिब कूं बिंदु जराईयां, कंदर्प कीया नांस।
फेरि बौहरि प्रकाशियां, ऐसी मनकी बांस।।137।।
गरीब, लाख लाख जुग तप किया, शिब कंदर्प कै हेत।
काया माया छाडिकरि, ध्यान कंवल शिब श्वेत।।138।।
गरीब, फूक्या बिंदु बिधान सैं, बौहर न ऊगै बीज।
कला बिश्वंभर नाथ की, कहां छिपाऊं रीझ।।139।।
गरीब, पारबती पत्नी पलक परि, त्रिलोकी का रूप।
ऐसी पत्नी छाडिकरि, कहां चले शिब भूप।।140।।
गरीब, रूप मोहनी मोहिया, शिब से सुमरथ देव।
नारद मुनि से को गिनै, मरकट रूप धरेव।।141।।
◆ वाणी नं. 134-136 का सरलार्थ :- सुक्ष्म मन की मार सर्व जीवों पर गिरती है। सब एक समान सुक्ष्म मन के सामने विवश हैं। जब तक पूर्ण सतगुरू नहीं मिलता, तब तक सुक्ष्म मन के सामने विवेक कार्य नहीं करता। हिन्दु धर्म के श्रद्धालु श्री शिव जी को तो सक्षम मानते हैं। सब देवों का देव यानि महादेव कहते हैं। सुक्ष्म मन के कारण वे भी मार खा गए।
◆ प्रमाण :- जिस समय भस्मासुर ने तप करके भस्मकण्डा श्री शिव जी से वचनबद्ध करके ले लिया था। तब भस्मासुर ने शिव से कहा कि मैं तेरे को भस्म करूँगा। तेरे को मारकर तेरी पत्नी पार्वती को अपनी पत्नी बनाऊँगा। तब भय के कारण श्री शिव जी भाग लिए। भस्मासुर में भी सिद्धियां थी। वह भी साथ दौड़ा। शिवज��� भय के कारण अधिक गति
से दौड़ा तथा एक मोड़ पर मुड़ गया। उसी मोड़ पर एक सुंदर स्त्री खड़ी थी। उसने भस्मासुर की ओर अश्लील दृष्टि से देखा और बोली कि शिव तो आसपास रूकेगा नहीं, जाने दे। आजा मेरे साथ मौज-मस्ती कर ले। मैं तेरा ही इंतजार कर रही हूँ। तुम पूर्ण मर्द हो, शक्तिशाली हो। भस्मासुर पर काम वासना का भूत सवार था ही, उसे और क्या चाहिए था? उसी समय रूक गया। युवती ने उसका हाथ पकड़कर नचाया। गंडहथ नृत्य करते समय हाथ सिर पर करना होता है। भस्मासुर का भस्मकण्डे वाला हाथ भस्मासुर के सिर पर करने को युवती ने कहा कि इस नृत्य में दांया हाथ सिर पर करते हैं। यह नृत्य पूरा करके मिलन करेंगे। ज्यों ही भस्मासुर ने भस्मकण्डे वाला हाथ सिर पर किया तो युवती ने बोला भस्म। उसी समय भस्मासुर जलकर नष्ट हो गया। वह युवती भगवान स्वयं ही शिव शंकर की जान की रक्षा के लिए बने थे।, प��ंतु महिमा विष्णु को दी। विष्णु रूप में प्रकट होकर परमात्मा उस भस्मकण्डे को लेकर श्री शिव के सामने खडे़ हो गए तथा शिव से कहा हे शिव!
इतने तेज क्यों दौड़ रहे हो? शिव ने सब बात बताई कि आप भी दौड़ जाओ। भस्मासुर मुझे मारने को मेरे पीछे लगा है। तब विष्णु रूपधारी परमात्मा ने कहा कि देख! आपका
भस्मकण्डा मेरे पास है। शिव ने तुरंत पहचान लिया और रूककर पूछा कि यह आपको कैसे मिला? विश्वास नहीं हो रहा है। भगवान ने कहा यह न पूछ। अपना कण्डा लो और घर को जाओ। परंतु शिव को विश्वास नहीं हो रहा था कि उग्र रूप धारण किए भस्मासुर से कैसे ये भस्मकण्डा लिया। जिद कर ली। तब परमात्मा ने कहा कि फिर बताऊँगा। इतना कहकर अंतर्ध्यान (अदृश्य) हो गए। शिव कुछ आगे गया तो देखा कि एक अति सुंदर युवती
अर्धनग्न शरीर में मस्ती से एक बाग में टहल रही थी। दूर तक कोई व्यक्ति दिखाई नहीं दे रहा था। शिवजी ने इधर-उधर देखा और लड़की की ओर मिलन के उद्देश्य से चले। लड़की शिव को देखकर मुस्कुराकर आगे को कुछ तेज चाल से चटक-मटककर चल पड़ी।
शिव ने मुस्कट के बाद लड़की का हाथ पकड़ा। तब तक शिव का वीर्यपतन हो चुका था। उसी समय विष्णु रूप में परमात्मा खड़े थे और कहा कि मैंने भस्मासुर को इस प्रकार वश में करके गंडहथ नाच नचाकर भस्म किया है।
संत गरीबदास जी ने सुक्ष्म मन की शक्ति बताई है कि शिवजी की पत्नी पार्वती तीन लोक में अति सुंदर स्त्रियों में से एक थी। अपनी पत्नी को छोड़कर शिवजी ने चंचल माया
यानि बद नारी से मिलन (sex) करने के लिए उसे पकड़ लिया। यह सुक्ष्म मन की उत्पत्ति का उत्पात है।
◆ वाणी नं. 137-141 का सरलार्थ :-
◆ इन्हीं काल प्रेरित आत्माओं (देवियों) ने ब्रह्मादिक (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) को भी मोहित कर लिया यानि अपने जाल में फँसा रखा है। शेष यानि अन्य बचे हुए गणेश जी भी स्त्री से संग में रहे। गणेश जी के दो पुत्र थे। एक का नाम शुभम्=शुभ, दूसरे लाभम्=लाभ था। शंकर (शिव जी) की अडिग
(विचलित न होने वाली) समाधि
(आंतरिक ध्यान) लगी थी जो हमेशा (सदा) ध्यान में रहते हैं। उनको भी मोहिनी अप्सरा (स्वर्ग की देवी) ने मोहित करके डगमग कर दिया था।
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क्रमशः_________
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perfecttheoristbluebird · 1 year ago
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राजा दक्ष द्वारा किये गए यज्ञ में किस देवी ने हवनकुंड में जलकर अपने प्राण त्याग दिए थे?
A. सावित्री
B. लक्ष्मी
C. सती
D. उर्वशी
#GodMorningSunday
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goddessofloveposts · 2 years ago
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तुमने प्रेम का अर्थ फिल्मों से सिखा है और मेने शिव-सती को देख कर,
तुमने सिर्फ प्रेम करना सिखा है और मेने उसे निभाना सिखा हैं उसमे जलकर |
-N.K
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imranjalna · 2 days ago
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जालना में फ्रिज ब्लास्ट: धमाके से लगी आग, घर का सारा सामान जलकर खाक
Jalna Fridge Blast News | Fire Accident in Jalna | Home Fire Due to Fridge Explosion जालना के Shani Mandir area में मंगलवार दोपहर एक बड़ा हादसा हुआ जब Vitthala Towers में रखे फ्रिज में अचानक blast हो गया। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, technical fault के कारण फ्रिज में विस्फोट हुआ और कुछ ही सेकंड में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस घटना के कारण पूरे इलाके में panic situation बन गई। कोई हताहत…
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rightnewshindi · 3 days ago
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Kullu; तांदी गांव में जले ढाई मंजिला मकान, फर्नीचर उद्योग और दो गौशालाएं, दो से ढाई करोड़ का हुआ नुकसान
Kullu; तांदी गांव में जले ढाई मंजिला मकान, फर्नीचर उद्योग और दो गौशालाएं, दो से ढाई करोड़ का हुआ नुकसान #News
Kullu News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के उपमंडल बंजार की धाऊगी पंचायत के तांदी गांव में सोमवार को अचानक एक मकान में आग भड़क उठी। आग की इस घटना में रिहायशी मकान, फर्नीचर उद्योग और दो गोशालाएं जलकर राख हो गई हैं। इससे करोड़ों रुपय�� के नुकसान का अनुमान है। देवता ब्रह्म के भंडार, देवता के परिसर में बनाई गई चानणी और दो मकानों को भी आंशिक नुकसान पहुंचा है। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत से देवता के भंडार…
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thebharatexpress · 2 years ago
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Fire In Shopping Center: शॉपिंग सेंटर में लगी भीषण...हजारों दुकानें जलकर खाक
Fire In Shopping Center : ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक शॉपिंग सेंटर में शनिवार तड़के लगी भीषण आग में हजारों दुकानें जलकर खाक हो गईं। मिल जानकारी के मुताबिक आग सुबह करीब पौने छह बजे न्यूमार्केट और ढाका कॉलेज के बीच स्थित शॉपिंग सेंटर ‘न्यू सुपरमार्केट’ की दूसरी मंजिल पर लगी और तेजी से अन्य मंजिलों तक फैल गई। जिसके बाद आग बुझाने में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के दलों ने मदद की। Fire In…
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babypostvoid · 20 days ago
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zamania-news · 8 days ago
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मेदनीपुर गांव में आग से पांच झोपड़ियां जलकर राख
जमानिया। तहसील क्षेत्र के मेदनीपुर गांव स्थित डोम बस्ती में बुधवार तड़के अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई। इस आग में तीन लोगों की पांच झोपड़ियां जलकर राख हो गईं, जिनमें रखा घरेलू सामान और 13 हजार रुपये की नगदी भी नष्ट हो गई। आग लगने की सूचना मिलते ही मौके पर अफरातफरी मच गई। इस घटना में पीड़ित परिवारों को लगभग ढाई लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने राजस्व…
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मेक्सिको में बड़ा सड़क हादसा , ट्रक की टक्कर में 41 लोगों की मौत , धूं धूं कर जली बस
मेक्सिको में हुए सड़क हादसे में करीब 41 लोगों की मौत हो गई है। 48 पैसेंजर से भरी हाईवे पर ट्रक से भिड़ गई। टक्कर होने के बाद बस में आग लगी है जिसमें जलकर 41 लोग मारे गए। बस धूं धूं कर जलकर राख हो गई। बताया जा रहा है। इस हादसे में दो ड्राइवरों समेत 41 लोगों की मौत हुई। मेक्सिको से भयानक सड़क हादसे की खबर सामने आई है, इस हादसे में करीब 41 लोगों की मौत हो गई है। 48 पैसेंजरों से भरी बस हाईवे पर ट्रक से
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sharpbharat · 15 days ago
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jamshedpur rural- बाघबिंधा जंगल में लगी आग, कई पेड़-पौधे जले
गालूडीह: बड़ाखुर्शी पंचायत के बाघबिंधा जंगल मे बुधवार शाम अचानक अज्ञात कारणों से आग लग गयी. इस अगलगी की घटना में सैकड़ों पेड़ पौधे जलकर राख हो गये. सूचना पर पुतड़ु निवासी समाजसेवी मंगल पहुंचे. उन्होंने आग बुझाने का काफी प्रयास किया लेकिन आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. (नीचे भी पढ़े) हालांकि करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया. समाजसेवी के प्रयास से जंगल जलने से बच गया. मालूम हो…
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plusindialivenews · 15 days ago
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