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( #MuktiBodh_Part115 के आगे पढिए.....)
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#MuktiBodh_Part116
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 227-228
वाणी नं. 134.141 :-
गरीब, कर्म लगे शिब बिष्णु कै, भरमें तीनौं देव।
ब्रह्मा जुग छतीस लग, कछू न पाया भेव।।134।।
गरीब, शिब कूं ऐसा बर दिया, अपनेही परि आय।
भागि फिरे तिहूं लोक में, भस्मागिर लिये ताय।।135।।
गरीब, बिष्णु रूप धरि छल किया, मारे भसमां भूत।
रूप मोहिनी धरि लिया, बेगि सिंहारे दूत।।136।।
गरीब, शिब कूं बिंदु जराईयां, कंदर्प कीया नांस।
फेरि बौहरि प्रकाशियां, ऐसी मनकी बांस।।137।।
गरीब, लाख लाख जुग तप किया, शिब कंदर्प कै हेत।
काया माया छाडिकरि, ध्यान कंवल शिब श्वेत।।138।।
गरीब, फूक्या बिंदु बिधान सैं, बौहर न ऊगै बीज।
कला बिश्वंभर नाथ की, कहां छिपाऊं रीझ।।139।।
गरीब, पारबती पत्नी पलक परि, त्रिलोकी का रूप।
ऐसी पत्नी छाडिकरि, कहां चले शिब भूप।।140।।
गरीब, रूप मोहनी मोहिया, शिब से सुमरथ देव।
नारद मुनि से को गिनै, मरकट रूप धरेव।।141।।
◆ वाणी नं. 134-136 का सरलार्थ :- सुक्ष्म मन की मार सर्व जीवों पर गिरती है। सब एक समान सुक्ष्म मन के सामने विवश हैं। जब तक पूर्ण सतगुरू नहीं मिलता, तब तक सुक्ष्म मन के सामने विवेक कार्य नहीं करता। हिन्दु धर्म के श्रद्धालु श्र��� शिव जी को तो सक्षम मानते हैं। सब देवों का देव यानि महादेव कहते हैं। सुक्ष्म मन के कारण वे भी मार खा गए।
◆ प्रमाण :- जिस समय भस्मासुर ने तप करके भस्मकण्डा श्री शिव जी से वचनबद्ध करके ले लिया था। तब भस्मासुर ने शिव से कहा कि मैं तेरे को भस्म करूँगा। तेरे को मारकर तेरी पत्नी पार्वती को अपनी पत्नी बनाऊँगा। तब भय के कारण श्री शिव जी भाग लिए। भस्मासुर में भी सिद्धियां थी। वह भी साथ दौड़ा। शिवजी भय के कारण अधिक गति
से दौड़ा तथा एक मोड़ पर मुड़ गया। उसी मोड़ पर एक सुंदर स्त्री खड़ी थी। उसने भस्मासुर की ओर अश्लील दृष्टि से देखा और बोली कि शिव तो आसपास रूकेगा नहीं, जाने दे। आजा मेरे साथ मौज-मस्ती कर ले। मैं तेरा ही इंतजार कर रही हूँ। तुम पूर्ण मर्द हो, शक्तिशाली हो। भस्मासुर पर काम वासना का भूत सवार था ही, उसे और क्या चाहिए था? उसी समय रूक गया। युवती ने उसका हाथ पकड़कर नचाया। गंडहथ नृत्य करते समय हाथ सिर पर करना होता है। भस्मासुर का भस्मकण्डे वाला हाथ भस्मासुर के सिर पर करने को युवती ने कहा कि इस नृत्य में दांया हाथ सिर पर करते हैं। यह नृत्य पूरा करके मिलन करेंगे। ज्यों ही भस्मासुर ने भस्मकण्डे वाला हाथ सिर पर किया तो युवती ने बोला भस्म। उसी समय भस्मासुर जलकर नष्ट हो गया। वह युवती भगवान स्वयं ही शिव शंकर की जान की रक्षा के लिए बने थे।, परंतु महिमा विष्णु को दी। विष्णु रूप में प्रकट होकर परमात्मा उस भस्मकण्डे को लेकर श्री शिव के सामने खडे़ हो गए तथा शिव से कहा हे शिव!
इतने तेज क्यों दौड़ रहे हो? शिव ने सब बात बताई कि आप भी दौड़ जाओ। भस्मासुर मुझे मारने को मेरे पीछे लगा है। तब विष्णु रूपधारी परमात्मा ने कहा कि देख! आपका
भस्मकण्डा मेरे पास है। शिव ने तुरंत पहचान लिया और रूककर पूछा कि यह आपको कैसे मिला? विश्वास नहीं हो रहा है। भगवान ने कहा यह न पूछ। अपना कण्डा लो और घर को जाओ। परंतु शिव को विश्वास नहीं हो रहा था कि उग्र रूप धारण किए भस्मासुर से कैसे ये भस्मकण्डा लिया। जिद कर ली। तब परमात्मा ने कहा कि फिर बताऊँगा। इतना कहकर अंतर्ध्यान (अदृश्य) हो गए। शिव कुछ आगे गया तो देखा कि एक अति सुंदर युवती
अर्धनग्न शरीर में मस्ती से एक बाग में टहल रही थी। दूर तक कोई व्यक्ति दिखाई नहीं दे रहा था। शिवजी ने इधर-उधर देखा और लड़की की ओर मिलन के उद्देश्य से चले। लड़की शिव को देखकर मुस्कुराकर आगे को कुछ तेज चाल से चटक-मटककर चल पड़ी।
शिव ने मुस्कट के बाद लड़की का हाथ पकड़ा। तब तक शिव का वीर्यपतन हो चुका था। उसी समय विष्णु रूप में परमात्मा खड़े थे और कहा कि मैंने भस्मासुर को इस प्रकार वश में करके गंडहथ नाच नचाकर भस्म किया है।
संत गरीबदास जी ने सुक्ष्म मन की शक्ति बताई है कि शिवजी की पत्नी पार्वती तीन लोक में अति सुंदर स्त्रियों में से एक थी। अपनी पत्नी को छोड़कर शिवजी ने चंचल माया
यानि बद नारी से मिलन (sex) करने के लिए उसे पकड़ लिया। यह सुक्ष्म मन की उत्पत्ति का उत्पात है।
◆ वाणी नं. 137-141 का सरलार्थ :-
◆ इन्हीं काल प्रेरित आत्माओं (देवियों) ने ब्रह्मादिक (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) को भी मोहित कर लिया यानि अपने जाल में फँसा रखा है। शेष यानि अन्य बचे हुए गणेश जी भी स्त्री से संग में रहे। गणेश जी के दो पुत्र थे। एक का नाम शुभम्=शुभ, दूसरे लाभम्=लाभ था। शंकर (शिव जी) की अडिग
(विचलित न होने वाली) समाधि
(आंतरिक ध्यान) लगी थी जो हमेशा (सदा) ध्यान में रहते हैं। उनको भी मोहिनी अप्सरा (स्वर्ग की देवी) ने मोहित करके डगमग कर दिया था।
क्रमशः_________
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इंडोनेशिया में नाव के उतरने के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों को आपातकालीन उपचार मिलता है
इंडोनेशिया में नाव के उतरने के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों को आपातकालीन उपचार मिलता है
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Infinix Zero 30: 50MP Selfie, 16GB RAM, 3D Curved Screen का नया बजट स्मार्टफोन!
Infinix Zero 30 ने बाजार में की धमाकेदार एंट्री! 50MP सेल्फी कैमरा, 16GB RAM, और 3D Curved स्क्रीन से लैस, यह स्मार्टफोन प्रदान करता है प्रीमियम फीचर्स को बजट में। इस स्मार्टफोन की जानकारी विस्तार से जानने के लिए हमारे पोस्ट को पूरा पढ़ें मुख्य अंश: इनफिनिक्स जीरो 30 4G इंडोनेशिया में पेश किया गया है। इस डिवाइस में 8GB मौलिक रैम और 8GB आभासी रैम सम्मिलित है। इस स्मार्टफोन ��ें 68W तेजी से…
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Cycle ka Avishkar Kisne Kiya | साइकिल का आविष्कार किसने किया
इस पोस्ट में आप जानेंगे कि Cycle ka Avishkar Kisne Kiya। पहले के जमाने में दुनिया की सारी आबादी साइकिल का इस्तेमाल करती थी। एक साइकिल परिवहन का एक किफायती, स्वच्छ रूप है। साइकिल का उपयोग करने के लिए किसी पेट्रोल की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, आधुनिक युग में बहुत कम लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। बाइक, कार और अन्य वाहनों के नए मॉडल हाल ही में बाजार में आए हैं, लेकिन पहला आधुनिक वाहन साइकिल था। क्योंकि आधुनिक ऑटोमोबाइल ईंधन और डीजल पर चलते हैं, जो हवा को प्रदूषित करते हैं, पूरी दुनिया अब वायु प्रदूषण से जूझ रही है। हालाँकि, साइकिल परिवहन का एक रूप है जो पर्यावरण को नष्ट नहीं करता है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। दूसरी ओर, इलेक्ट्रॉनिक वाहन, हाल ही में विकसित किए गए हैं और किसी भी वायु प्रदूषण में योगदान नहीं करते हैं। आपने कभी न कभी बाइक के पैडल जरूर मारे होंगे। आप सोच रहे होंगे कि इस समय साइकिल का आविष्कार किसने किया था। हमारे लिए साइकिल का आविष्कार किसने किया का वर्णन करें।
साइकिल का आविष्कार किसने किया था
साइकिल बनाने का श्रेय जर्मन वन अधिकारी कार्ल वॉन ड्रैस को जाता है। करीब 200 साल पहले 1817 में इतिहास की पहली साइकिल बनाई गई थी। साइकिल के अलावा, कार्ल वॉन ड्रैस यूरोप के बिडेर्मियर युग के एक प्रसिद्ध आविष्कारक थे जिन्होंने कई अन्य वस्तुओं का भी निर्माण किया। कीबोर्ड के साथ पहला टाइपराइटर, सामान ले जाने के लिए साइकिल, 16-कैरेक्टर स्टेनोग्राफ मशीन, दुनिया की पहली मांस की चक्की, और 1812 में कागज पर पियानो संगीत लिखने के लिए एक उपकरण। कार्ल वॉन ड्रेस भी मान्यता के पात्र हैं।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मै��हेम और रेनौ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किमी का सफर तय कर सकती है।
ये भी पढ़े-
Bulb ka Avishkar Kisne Kiya ThaTrain ka Avishkar Kisne Kiya Radio ka Avishkar Kisne Kiya
साइकिल का आविष्कार कैसे और कब हुआ
इंडोनेशिया में माउंट टैम्बोरा ज्वालामुखी ने वर्ष 1815 में एक विशाल विस्फोट देखा, जिसका उत्तरी गोलार्ध के राष्ट्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। नतीजतन, दुनिया भर के तापमान में महत्वपूर्ण गिरावट आई, उत्तरी गोलार्ध में फसलों पर सबसे खराब प्रभाव पड़ा। अकाल जैसी स्थितियों के उद्भव के परिणामस्वरूप कई पालतू जानवरों की मृत्यु हो गई, क्योंकि उस समय उनका उपयोग लोगों और वस्तुओं के परिवहन के लिए किया जाता था। उनके आसन्न निधन के कारण, साइकिल को पालतू जानवरों का सामान ले जाने के विकल्प के रूप में बनाया गया था।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और राइनाउ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किलोमीटर का सफर तय कर सकती थी।
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गौतम अडानी आज देश और विदेश के सबसे धनी उद्योगपतियों में गिने जाते है। 1980 में गौतम अडानी ने गुजरात में अपने एक्सपोर्ट बिज़नेस की शुरुआत की और उसे बढ़ाया। आज गौतम अडानी के बिज़नेस ग्रुप अडानी समूह का लगभग हर क्षेत्र में व्यापार है। पोर्ट मैनेजमेंट, इलेक्ट्रिक पावर जनरेशन एवं ट्रांसमिशन, रिन्यूएबल एनर्जी, माइनिंग, एयरपोर्ट ऑपरेशन्स, नेचुरल गैस, फ़ूड प्रोसेसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर के सेक्टर्स में आज अडानी बिज़नेस ग्रुप शीर्ष पर है और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहा है। देश के करीब 22 राज्यों में अडानी समूह के उद्योग संचालित हो रहे है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, अफ्रीका, जकार्ता और अन्य देशों में भी गौतम अडानी ने अपनी कई कम्पनीज स्थापित की है। अपने इस 5 दशक के व्यापार की यात्रा में गौतम अडानी ने कई बार विपरीत परिस्थितियों का सामना किया मगर वे अपने कार्य को बेहतर बनाते गए। गौतम अडानी का उद्देश्य है देश को सबसे श्रेष्ठ बनाने में अपना पूर्ण योगदान देना और उनका पूरा अडानी समूह इसी भाव के साथ एक बेहतर कल के निर्माण के लिए हर दिन प्रयासरत है।
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मोहम्मद यूनुस के देश संभालने के बाद, इस देश के राष्ट्रपति पहुंचे बांग्लादेश
शेख हसीना के पतन के बाद पहली बार किसी देश के राष्ट्रपति बांग्लादेश दौरे पर पहुंचे हैं. विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने रविवार को तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्ता से मुलाकात की और आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की है. तिमोर-लिस्ते दक्षिण पूर्व एशिया का एक छोटा देश है, जो इंडोनेशिया से अलग होकर 2002 में एक अलग देश बना है. मोहम्मद तौहीद हुसैन के साथ राष्ट्रपति जोस रामोस की…
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डीबीएस इंडिया ने छह बाजारों तक पहुंच के साथ धन प्रबंधन की शुरुआत की
मुंबई: डीबीएस इंडिया ने एक उन्नत धन प्रबंधन पेशकश शुरू की है, जो भारतीय ग्राहकों को सिंगापुर, हांगकांग, ताइवान, इंडोनेशिया और चीन सहित प्रमुख एशियाई बाजारों में सीमा पार ट्रेजरी सेवाओं तक एकीकृत पहुंच प्रदान करती है। यह पेशकश लक्ष्य अच्छी निवल संपत्ति वाले शख़्स (एचएनआई) और भारत और विदेश में अनिवासी भारतीय (एनआरआई)। बैंक ने एक लॉन्च की भी घोषणा की डिजिटल खाता खोलना एनआरआई के लिए प्रक्रिया, उन्हें…
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70,000 वर्ष पुरानी यह ममी आज तक विज्ञान जगत के लिए चुनौती और हैरानी का सबब बनी हुई है। इसे लगभग 1500 साल पहले एक इंडोनेशियाई खजाना-खोजी ने बर्फ के नीचे से ढूंढा था, जब वह एक खजाने की तलाश में उत्तरी इंडोनेशिया के पहाड़ों में भटक रहा था। अचानक उसे बर्फ की एक बड़ी चट्टान के नीचे बुलबुले से दिखे और उसने खुदाई करनी शुरू कर दी थी।
शोध के बाद वैज्ञानिक दावा कर रहे है कि ये ममी 70000 पहले मानवों की धरती पर रहने वाली किसी लुप्त मगर उन्नत प्रजाति से जुड़ी है और इसके बदन पर बने टैटू इस ओर इशारा करते हैं कि यह कोई पुजारिन या भविष्यवक्ता रही होगी। इस ममी से जुड़ी एक और रहस्यमय बात ये भी है कि इस ममी के सौ से भी टुकड़े हैं, जिन्हें इतनी सफाई से सिला गया है कि शोधकर्ताओं को भी ये बात 50 साल पहले MRI के दौरान पता चली।
लुप्त सभ्यताओं पर रिसर्च करने वाले शोधकर्ताओं ने सम्भावना व्यक्त की है कि अतीत में इस प्रजाति के ऊपर हुए किसी दूसरी प्रजाति के अकस्मात मगर योजनाबद्ध हमले के दौरान इस पुजारिन के टुकड़े किये गए होंगे। बाद में इस प्रजाति के बचे हुए लोगों ने पुजारिन की लाश को बेहद उन्नत चिकित्सा तकनीक से सिल कर ममी में परिवर्तित कर दिया होगा। लेकिन इस सबसे भी ज्यादा हैरतंगेज और अविश्वसनीय बात ये है कि ये ममी कभी कभी सांस लेती है।
इस जानकारी ने शोधकर्ताओं के होश उड़ा दिये। मजेदार बात ये है कि इसी साल 2024 में इस ममी पर रिसर्च कर रहे एक इजराइली विद्यार्थी ने इस पर ध्यान दिया और इसकी जानकारी रिसर्च टीम के बाकी के मेम्बर्स को दी। जब ममी की लगातार निगरानी की गई तो पता चला यह हर रोज सुबह 4 बजे सांस लेती है और सबसे बड़ा धमाका तो तब हुआ जब पता चला कि ममी सांसों की ध्वनि, असल मे एक संगीतमय कोड ह
काफी ��्रयासों और अत्याधुनिक यंत्रो द्वार इस कोड को पिछले महीने यानी अक्टूबर में डिकोड किया जा सका। डिकोड करने पर पता चला यह ध्वनि कोड ममी हज़ारो साल से निकाल रही है, जिसका अर्थ है, 'बंटोगे तो कटोगे।' शोधकर्ताओं का मानना है कि इस ममी की प्रजाति के लोग शायद ये ध्वनि कोड डिकोड नहीं कर पाए होंगे और इसी वजह से यह उन्नत प्रजाति अचानक समाप्त हो गई होगी।
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दक्षिण-पूर्व आशिया राष्ट्र संघटना (ASEAN)
८ ऑगस्ट १९६७ रोजी बँकॉक (थायलंड) येथे इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपाईन्स, सिंगापूर, आणि थायलंड या देशांच्या परराष्ट्र-मंत्र्याची प्रादेशिक विकासाच्या दृष्टिकोनातून बैठकीत झाली होती. त्या बैठकीत आदाम मलिक (इंडोनेशिया), नारकिसो रामोस (फिलीपाईन्स), टुन अब्दुल रझाक (मलेशिया), राजरत्नम (सिंगापूर), आणि ठणात खोमान (थायलंड) ह्या परराष्ट्र-मंत्र्यांनी त्या-त्या देशांचे प्रतिनिधित्व परिषदेत केले. सदर बैठकीत…
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Tata steel adventure foundation : एशियन यूथ क्लाइंबिंग चैंपियनशिप 14 नवंबर से, 13 देशों के 184 खिलाड़ी भाग लेंगे
जमशेदपुर : टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की ओर से 14-17 नवंबर तक जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आइएफएससी एशियन यूथ क्लाइंबिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया जायेगा. इंडियन माउंटिनियरिंग फाउंडेशन (आइएमएफ) के सहयोग से आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में स्पीड, बोल्डरिंग व लीड क्लाइंबिंग की स्पर्धायें होंगी. इस चैंपियनशिप में भारत के अलावा, जापान, चीन, थाइलैंड, साउथ कोरिया, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान,…
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Rahul Gandhi ne Indonesia 8th Raashtrapati ke Roop Mein Shapath Lene Par Prabowo Subianto ko Badhaee Aur Shubhakaamanaen Deen
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने इंडोनेशिया गणराज्य के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर प्रबोवो सुबियांतो को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
कांग्रेस ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''राहुल गांधी ने इंडोनेशिया गणराज्य के 8वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर प्रबोवो सुबियांतो को बधाई और शुभकामनाएं दीं। साथ ही भारत और इंडोनेशिया के बीच आपसी बंधन में विश्वास व्यक्त किया।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/rahul-gandhi-congratulates-and-wishes-prabowo-subianto-on-being-sworn-in-as-the-8th-president-of-indonesia-506943-1
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Mutah Nikah: पर्यटकों से 25-25 मुताह निकाह कर रही इंडोनेशिया की मुस्लिम लड़कियां, जानें कितने मिलते है पैसे
Mutah Nikah: पर्यटकों से 25-25 मुताह निकाह कर रही इंडोनेशिया की मुस्लिम लड़कियां, जानें कितने मिलते है पैसे #News
Indonesia News: इंडोनेशिया के पुंकाक में कम आय वाले परिवारों की युवतियां पैसे के बदले में पुरुष पर्यटकों के साथ शार्ट मैरिज कर रही हैं. इसका उद्देश्य पर्यटकों को प्लेजर देकर पैसा बनाना है. मुताह निकाह के रूप में जानी जाने वाली ये प्रथा यहां आकर्षक उद्योग के रूप में उभरी है. ये पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है. सवाल – इंडोनेशिया की महिलाएं पर्यटकों के साथ ‘आनंद विवाह’ क्यों कर…
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The benefits of Natural 11 Mukhi Nepali Rudraksh
Natural 11 Mukhi Nepali Rudraksha
Natural 11 Mukhi Nepali Rudraksha is blessed by Lord Hanuman. Hanumanji is considered as the eleventh Rudra. According to Padmapurana, the holder of Ekadashmukhi (11 faced Rudraksha) gets qualities like Hanumanji, such as high oratorical skills, great negotiating power, self-confidence, highly intellectual and physical strength. It is advised to wear this bead for meditational and devotional purposes. The color of this Rudraksh varies from brown to dark brown shades. It usually is oval in shape.
This Rudraksha is also blessed by Lord Indra. Therefore the wearer is blessed with good luck and great leadership qualities. It is believed that by wearing 11 Mukhi Rudraksh one can reap the fruits of Sahasra Ashvamedha Yagya, or the merit of donating one lakh cows to Brahmins.
The benefits of Natural 11 Mukhi Nepali Rudraksh are:
* This gives happiness, security, longevity and success in all fields of life. * It protects the wearer from all kinds of accidents and premature death. * Protects from the malefic and negative effects of all the planets. * Helps in meditation and spiritual practices. It is very beneficial for the practitioners of Yoga and Tantra. * Blesses the wearer with great oratorical skills, leadership qualities and wisdom. * The wearer is bestowed with great physical strength, stamina and energy. * Medicinally, this Rudraksh is helpful in treating abdominal disorders, acidity and liver related problems. It is also helpful for patients of heart disease, diabetes and blood pressure. * This Rudraksh bestows protection and its wearer leads a fearless and prosperous life.
How to wear it: The mantras to be chanted with Eleven faced Rudraksh are: “Om Hree Hum Namah”, ” Om Shree Namah”,or “Om Namah Shivay”. The holy Rudraksh should be cleaned properly with cow milk, Panchamrit ( a mix of milk, curd, honey, sugar and ghee) and Gangajal. Before wearing the holy bead, the mantra mentioned here is to be chanted at least 108 times so that the bead gets energized.
What is the benefit of 11 Mukhi Rudraksha? Which God has 11 Mukhi Rudraksha? Which Rudraksha is best Nepal or Indonesia? कौन सा रुद्राक्ष सबसे अच्छा है, नेपाल या इंडोनेशिया? 11 Mukhi Rudraksha benefits 11 Mukhi Rudraksha Original 11 Mukhi Rudraksha side effects 11 Mukhi Rudraksha Mala 11 Mukhi Rudraksha Bracelet 11 Mukhi Rudraksha for which Rashi Who can wear 11 Mukhi Rudraksha
222, Agarwal tower, I.P.Extension, Patparganj, Delhi, 110092 Mob No. 7042891757
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गौतम अडानी आज देश और विदेश के सबसे धनी उद्योगपतियों में गिने जाते है। 1980 में गौतम अडानी ने गुजरात में अपने एक्सपोर्ट बिज़नेस की शुरुआत की और उसे बढ़ाया। आज गौतम अडानी के बिज़नेस ग्रुप अडानी समूह का लगभग हर क्षेत्र में व्यापार है। पोर्ट मैनेजमेंट, इलेक्ट्रिक पावर जनरेशन एवं ट्रांसमिशन, रिन्यूएबल एनर्जी, माइनिंग, एयरपोर्ट ऑपरेशन्स, नेचुरल गैस, फ़ूड प्रोसेसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर के सेक्टर्स में आज अडानी बिज़नेस ग्रुप शीर्ष पर है और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहा है। देश के करीब 22 राज्यों में अडानी समूह के उद्योग संचालित हो रहे है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, अफ्रीका, जकार्ता और अन्य देशों में भी गौतम अडानी ने अपनी कई कम्पनीज स्थापित की है। अपने इस 5 दशक के व्यापार की यात्रा में गौतम अडानी ने कई बार विपरीत परिस्थितियों का सामना किया मगर वे अपने कार्य को बेहतर बनाते गए। गौतम अडानी का उद्देश्य है देश को सबसे श्रेष्ठ बनाने में अपना पूर्ण योगदान देना और उनका पूरा अडानी समूह इसी भाव के साथ एक बेहतर कल के निर्माण के लिए हर दिन प्रयासरत है।
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