Eclipse 2021: 26 मई 2021 को है साल का पहला चंद्रग्रहण, जानिए ग्रहण से जुड़ी बातें
Eclipse 2021: 26 मई 2021 को है साल का पहला चंद्रग्रहण, जानिए ग्रहण से जुड़ी बातें
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कब लग रहा है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण
कब लग रहा है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण
अभी कुछ ही दिनों पहले चंद्र ग्रहण लगा था और अब साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। बता दे आपको ,साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को लगने जा रहा है। इस बार ये सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। हालांकि भारत के लोग इस सूर्य ग्रहण को नहीं देख पाएंगे। जिस वजह से भारत में सूतक काल मान्य नहीं रहेगा।
अब अगर धार्मिक लिहाज से ग्रहण शुभ…
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चंद्र ग्रहण 2021 तिथि, समय: यह क्या है, कब होगा और आप इसे भारत में कहां देख सकते हैं
चंद्र ग्रहण 2021 तिथि, समय: यह क्या है, कब होगा और आप इसे भारत में कहां देख सकते हैं
चंद्र ग्रहण 2021 दिनांक और समय: आकाश के दर्शक 26 मई, 2021 को कुल चंद्र ग्रहण देख पाएंगे। इस घटना को ब्लड मून भी कहा जाता है क्योंकि चंद्रमा थोड़ा लाल-नारंगी दिखाई देता है। गौरतलब है कि 21 जनवरी 2019 के बाद पहली बार पूर्ण चंद्रग्रहण हो रहा है। पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे सूर्य की किरणें सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं। इसके विपरीत, सूर्य…
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Surya Grahan Chandra Grahan 2021 Solar And Lunar Eclipse 2021 In India There Will Be Four Eclipses From May To December
Surya Grahan Chandra Grahan 2021 Solar And Lunar Eclipse 2021 In India There Will Be Four Eclipses From May To December
Solar And Lunar Eclipse 2021 In India: चंद्र ग्रहण 26 मई को लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण साल का प्रथम चंद्र ग्रहण होगा. इसके साथ अन्य ग्रहण कब कब लगने जा रहे हैं, आइए जानते हैं. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में बहुत विशेष माना गया है. ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में एक प्रमुख खगोलिय घटना के तौर पर देखा जाता है जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर तो पड़ता ही साथ ही साथ देश और दुनिया पर…
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Eclipse 2021: कब लगेगा साल का पहला ग्रहण, जानें सूतक काल और प्रभाव
Eclipse 2021: कब लगेगा साल का पहला ग्रहण, जानें सूतक काल और प्रभाव
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली, Updated Mon, 11 Jan 2021 07:58 AM IST
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सूर्य ग्रहण 2021
– फोटो : अमर उजाला
साल 2021 का पहला ग्रहण 26 मई को लगेगा। इस साल का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण होगा। साल 2021 में कुल चार ग्रहण हैं। इनमें दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण शामिल हैं। धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से ग्रहण एक अशुभ समयावधि होती है। इस दौरान कई शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसलिए ग्रहण काल…
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AAJ KA PANCHANG (आज का पंचाग) शनिवार saturday 09 January 2021 Haridwar - uttrakhand, एकादशी,जाने कब करें शुभ काम
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AAJ KA PANCHANG (आज का पंचाग) शनिवार saturday 09 January 2021 Haridwar - uttrakhand, एकादशी,जाने कब करें शुभ काम
गजाननम् भूत गणादि सेवितम्।
कपित्थ जम्बू फलचारु भक्षणम्।।
उमासुतंम् शोक विनाश कारकम्।
नमामि विघ्नेश्वर पद पाद पंकजम्।।
panchang पंचांग दिन शनिवार 09 january जनवरी 2021,पौस मास कृष्ण पक्ष , शरद ऋतु ,सूर्य दक्षिणायन , शक सम्वत १९४२, प्रमादी नाम शुभ सवंत्सर 2077 , सूर्योदय ०७:१४, सूर्यास्त १७:३४, तिथि एकादशी १९:१९ तक, नक्षत्र विशाखा १२:३३ तक,योग शूल १५:०० तक ,करण बव०८:३१ तक पश्चात बालव करण , चंद्रमा मेष राशि मे १७:१८ तक पश्चात वृश्चिक राशि मे, राहुकाल ०९:४९ से ११:०६ तक, अभिजीत नक्षत्र १२ :०३ से १२:४५ तक , दिशाशूल पूर्व
एकादशी
एकादशी के दिन सर्व प्राणिमात्रों की सात्त्विकता बढती है, इसलिए यह व्रत करने से लाभ प्राप्त होता है । शैव तथा वैष्णव इन दोनों संप्रदायों में एकादशी का व्रत किया जाता है । इस व्रत का महत्त्व तथा उसके प्रकार इस संदर्भ का विवेचन इस लेख में किया गया है ।
१. देवता
श्रीविष्णु
एकादशी इस व्रत की देवता श्रीविष्णु है ।
२. प्रकार
एकादशी के स्मार्त एवं भागवत ऐसे दो प्रकार हैं । जिस समय एक ही पक्ष में ये दो भेद संभव होंगे, उस समय पंचांग में यह स्पष्ट किया जाता है कि, पहले दिन स्मार्त तथा दूसरे दिन भागवत एकादशी है । शैव लोग स्मार्त एकादशी, तो वैष्णव लोग भागवत एकादशी का पालन करत हैं । प्रत्येक मास में दो, इस प्रकार वर्ष में चोवीस एकादशियां आती हैं । उनके संदर्भ की जानकारी आगे दी है । मास की दोनों एकादशियां करना उत्तम; किंतु यदि वह संभव नहीं है, तो न्यूनतम शुद्ध एकादशी तो करनी चाहिए ।
एकादशी व्रत का महत्त्व
अ. पद्मपुराण में एकादशी के व्रत का महत्त्व इस प्रकार बताया गया है ।
अश्वमेधसहस्त्राणि राजसूयशतानि च ।
एकादश्युपवासस्य कलां नार्हन्ति षोडशीम् ।। – पद्मपुराण
अर्थ : अनेक सहस्र अश्वमेध यज्ञ तथा सेंकडो राजसूय यज्ञों को एकादशी के अनशन के सोलहवे कला इतना ही, अर्थात् ६ १/४ प्रतिशत इतना भी महत्त्व नहीं है ।
आ. ‘एकादशी के दिन ब्रह्मांड में कार्यरत विष्णुतत्त्व के कारण वायुमंडल विष्णुतत्त्वयुक्त लहरियों से भारित रहता है । अतः एकादशी के दिन तुलसीपत्र विष्णुतत्त्व की लहरी अधिक मात्रा में ग्रहण करती है तथा उससे उसकी आध्यात्मिक स्तर पर कार्य करने की क्षमता वृद्धिंगत होती है
किसी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के लिए अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघड़ियाओं को उत्तम माना गया है और शेष तीन चौघड़ियाओं, रोग, काल और उद्वेग, को त्याग देना चाहिए। चौघड़िया मुहूर्त का चयन करते समय, वार वेला, काल वेला, राहु काल, और काल रात्रि के समय को त्याग दिया जाना चाहिए।
आज सभी कार्यो के लिए शुभ समय 02:59pm से 16:17 pm
नए व्यपार के लिए शुभ समय
01:41 pm से 14:59pm
धार्मिक कार्यों के लिए शुभ समय
08:31am से 09:49 am
SATURDAY (शनिवार )
(शनि ग्रह की शांति के लिए हल्दी ,सोना ,पीला कपड़ा ,पीली वस्तुओ आदि दान करना शुभ माना जाता है )
शनि मन्त्र का जाप करना भी लाभ कारी होता है ।(मंत्र ;ॐप्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः )
शनिवार को उपवास करना चाहिए।
( नीलम रत्न धारण करना शुभ होता है )
AAJ KA GRAH GOCHAR
शनिवार 09 january (जनवरी) 2021
(ग्रह -गोचर )aaj KA GRAH GOCHAR आज (ग्रह -गोचर )
सूर्य -धनु राशि ,चंद्र – वृश्चिक राशि,मंगल -मेष राशि, बुध मकर राशि,गुरु-मकर राशि , शुक्र -धनु राशि, शनि -मकर राशि,राहु -वृषभ राशि ,केतु -वृश्चिक राशि
हिन्दू धर्म में खरमास के महीने में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाते। पंचांग की मानें तो जबसे सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास प्रारंभ हो जाता है। हिन्दू धर्म में इस महीने को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए इस महीने में किसी भी तरह के नए या शुभ काम नहीं किए जाते हैं। मलमास को मलिन मास माना जाता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है।
भगवान् शिव माँ पार्वती आप सब की मनोकामना पूरी करे।
आपका दिन शुभ हो।
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जानिए साल 2021 में कब और कितने सूर्य-चंद्र ग्रहण लगेंगे..
जानिए साल 2021 में कब और कितने सूर्य-चंद्र ग्रहण लगेंगे..
साल 2021 में दुनियाभर के खगोल प्रेमियों को एक पूर्ण चंद्रग्रहण और एक पूर्ण सूर्यग्रहण समेत ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखने वाला है। हालांकि, भारत में इनमें से केवल दो खगोलीय घटनाएं देखी जा सकेंगी।
अगले साल की इन खगोलीय घटनाओं का सिलसिला 26 मई को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण से शुरू होगा। नए साल का यह पहला ग्रहण सिक्किम को छोड़कर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और ओडिशा के…
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सोमवती अमावस्या कब ? खरमास किस दिन से आरंभ हो रहे है..
पंचांग : पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास चल रहा है! हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ये नौवां महीना है! इसे अगहन मास भी कहा जाता है! पौराणिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय महीना कहा गया है!
मार्गशीर्ष मास में की जाने वाली पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है! इस माह में भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ भगवान विष्णु, तुलसी माता, शंख की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है! इतना ही नहीं मार्गशीर्ष मास में पवित्र नदी में स्नान करना और दान देने से भी देवताओं का आर्शीवाद प्राप्त होता है! आने वाले कुछ दिन पूजा-पाठ और धर्म कर्म के लिए बहुत ही विशेष हैं!
सोमवती अमावस्या पर पितरों की पूजा करें:
11 दिसंबर को उत्पन्ना एकादशी के बाद 14 दिसंबर को सोमवती अमावस्या है! इस दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है! ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण की घटना को बहुत ही विशेष माना गया है! यह सूर्य ग्रहण साल का अंतिम ग्रहण है! ये सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लगने जा रहा है! इस दिन अमावस्या की तिथि है! सोमवार को अमावस्या तिथि होने से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है! सोमवती अमावस्या पर पितृ चंद्रमा की कला का पान करते हैं! इस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए पूजा पाठ और तर्पण करने को लाभकारी माना गया है!
खरमास कब से शुरू हो रहे हैं
पंचांग के अनुसार खरमास का आरंभ 16 दिसंबर से होगा! खरमास का समापन 15 जनवरी 2021 को होगा! पौराणिक मान्यता के अनुसार खरमास में किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं! इसलिए जिन लोगों को शुभ कार्य करने हैं वे 16 दिसंबर से पहले पहले कर लें! ज्योतिष गणना के मुताबिक जब सूर्य धनु राशि में आ जाते हैं तो खरमास शुरू हो जाता है! दक्षिणायन का आखिरी महीना ही खरमास होता है! मकर संक्रांति से देवताओं का दिन शुरू हो जाता है! इसी दिन खरमास समाप्त हो जाता है!
https://kisansatta.com/when-is-somvati-amavasya-when-is-kharmas-starting/ #WhenIsSomvatiAmavasyaWhenIsKharmasStarting When is Somvati Amavasya? When is Kharmas starting? Religious #Religious KISAN SATTA - सच का संकल्प
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Shani Vakri 2021: मकर राशि में शनि देव हैं वक्री, भूलकर भी न करें ये काम, शनि देव कब होंगे मार्गी, जानें
Shani Vakri 2021: मकर राशि में शनि देव हैं वक्री, भूलकर भी न करें ये काम, शनि देव कब होंगे मार्गी, जानें
Shani Retrograde 2021: मकर राशि में शनि देव विराजमा है. पंचांग के अनुसार 12 जून 2021 को शनिवार का दिन है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. दो दिन पूर्व शनि जयंती का पर्व मनाया था. इस दिन को शनि देव के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है.
शनि वक्री में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण23 मई 2021 रविवार को दोपहर 02 बजकर 50 मिनट पर शनि वक्री हुए थे. वक्री अवस्था को उल्टी चाल भी कहते हैं. शनि की उल्टी चाल…
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10 जून को सूर्य ग्रहण है बहुत खास, जानिए हर जरूरी बात #news4
जानिए साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण कब होगा। गौरतलब है कि सूर्य ग्रहण एक प्रमुख खगोलीय घटना है और ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण की प्रक्रिया को शुभ नहीं माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण की प्रक्रिया से सूर्य और चंद्र दोनों ही पीड़ित हो जाते हैं, जिसका जातकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को
इस वर्ष पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को लगने वाला है। हालांकि यह पूर्ण…
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सूर्य ग्रहण 2021 तिथि, समय: कब दिखाई देगा वार्षिक सूर्य ग्रहण, अन्य विवरण
सूर्य ग्रहण 2021 तिथि, समय: कब दिखाई देगा वार्षिक सूर्य ग्रहण, अन्य विवरण
सूर्य ग्रहण 2021 दिनांक और समय: नासा की वेबसाइट के अनुसार, 10 जून को एक वलयाकार सूर्य ग्रहण हो रहा है, जो कुल 3 मिनट 51 सेकंड की अवधि तक चलेगा। वलयाकार ग्रहण एक आंशिक ग्रहण है, और सूर्य के केवल एक हिस्से पर ही छाया दिखाई देगी। ग्रहण भी एक ऐसा स्थान है जहां चंद्रमा के सूर्य को ढकने पर आकाश में एक ‘अग्नि का वलय’ दिखाई देता है। यहां जानिए 10 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण के बारे में सबकुछ। वलयाकार…
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Solar Eclipse 2020: इसलिए खास है साल का पहला सूर्यग्रहण, जानें कब से शुरू होगा सूतक काल
21 जून को साल 2020 का पहला सूर्यग्रहण (Solar Eclipse 2020) ��गने जा रहा है. साल का पहला सूर्यग्रहण आषाढ़ मास की अमावस्या को मिथुन राशि पर लग रहा है. यह सूर्यग्रहण सुबह 10 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा. जबकि यह दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा. सूर्यग्रहण काल दोपहर 1 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
नैनीताल स्थित ARIES के वैज्ञानिक डॉ. शशि भूषण पांडे के मुताबिक यह घटना अपने आप में महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सूर्यग्रहण की घटना इसके बाद अब 21 मई 2021 को ही भारत मे नजर आएगी, जबकि पूर्ण सूर्यग्रहण 20 मार्च 2034 को नजर आएगा.
डॉ. शशि भूषण पांडे के मुताबिक सूर्य ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है. सूर्यग्रहण की घटना वालयाकार आंशिक रूप में दिखाई पड़ेगी. नैनीताल में सूर्यग्रहण को 95 से 96 प्रतिशत तक देखा जा सकेगा, जबकि देहरादून में 99% तक नजर आएगा.
वैज्ञानिकों की मानें तो 21 जून को लग रहे सूर्यग्रहण को नग्न आंखों से देखने पर असर पड़ सकता है. इन खगोलीय घटनाओं के जरिए ही सूर्य और चंद्रमा को लेकर कई वैज्ञानिक पहलुओं का भी अध्ययन किया जा सकता है.
सूतक काल में क्या करें क्या नहीं?
ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. इस दौरान कुछ अपवाद छोड़कर बाकी सभी तरह की मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं. सूतक काल के दौरान किसी को कुछ खाना-पीना नहीं चाहिए, न ही पूजा-पाठ या कोई शुभ कार्य करना चाहिए. कहा जाता है कि ग्रहण एक तरह की खगोलीय घटना है इस वजह से ग्रहण का प्रभाव भगवान पर भी पड़ता है. इस दौरान लोगों को स्नान-ध्यान और दान का सुझाव दिया जाता है, इससे आंतरिक दोष कम होता है.
source : zee news
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