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#15 जिले सील
journalistcafe · 4 years
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यूपी के हाटस्पॉट इलाकों की निगरानी ड्रोन से
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पुलिस अब हॉटस्पॉट घोषित क्षेत्रों की ड्रोन से भी निगरानी कर रही है। लखनऊ पुलिस ने हॉटस्पॉट इलाकों में ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी है। लखनऊ के चिह्न्ति इलाकों का खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण करने का अपना कार्यक्रम तैयार किया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदर इलाके सहित कई क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं।
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bollywoodpapa · 3 years
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एक चपरासी की नौकरी करने वाले ने खड़ी कर दी 1000 करोड़ की कंपनी, और बन गया देश का 'फेविकोल मैन'!
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एक चपरासी की नौकरी करने वाले ने खड़ी कर दी 1000 करोड़ की कंपनी, और बन गया देश का 'फेविकोल मैन'!
दोस्तों किसी भी परिस्थिति हो लेकिन कड़ी मेहनत और लगन से हम किसी भी मुकाम पर पहुंच सकते है। अगर आप सीखना चाहते हैं कि कैसे परेशानियों से लड़ कर सफलता के शिखर को छुआ जाता है तो आपको बलवंत पारेख के बारे में जरूर पढ़ना चाहिए। बलवंत पारेख उन चंद उद्योगपतियों में से थे जिन्होंने आजाद हिंदुस्तान की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में अपना सहयोग दिया। आज उनका परिवार और उनकी कंपनी भले ही अरबों में हो लेकिन बलवंत पारेख के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था।
हाल ही में टीवी पर शर्माइन का सोफ़ा बड़ा लोकप्रिय हुआ था. शर्माइन का ये सोफ़ा मिश्राइन का हुआ, कलक्ट्राइन का हुआ और फिर बंगालन का हुआ। मतलब ये सोफ़ा 60 साल तक पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहा और इसका कारण था फेविकॉल। जी हां वही फेविकोल जिसके बारे में कहा जाता है ‘ये फेविकोल का जोड़ है, टूटेगा नहीं।’ वाकई में फेविकोल का जोड़ इतना मजबूत है कि इसके ग्राहक दशकों बाद भी इससे जुड़े हुए हैं। इस मजबूत जोड़ को भारत में स्थापित करने वाले कोई और नहीं बल्कि बलवंत पारेख ही थे। यही कारण है कि उन्हें ‘फेविकोल मैन’ के नाम से भी जाना गया। फेविकोल बलवंत पारेख द्वारा स्थापित पिडिलाइट कंपनी का ही प्रोडक्ट है। फेविकोल के साथ ही यह कंपनी एम-सील, फेवि क्विक तथा डॉ फिक्सइट जैसे प्रोडक्ट बनाती है।
सन 1925 में गुजरात के भावनगर जिले के महुवा नामक कस्बे में जन्में बलवंत पारेख एक सामान्य परिवार से संबंध रखते थे। उनकी प्राथमिक शिक्षा अपने ही कस्बे के एक स्कूल से पूरी हुई। गुजरात के चलन के अनुसार बलवंत पारेख की भी इच्छा एक बिजनेस मैन बनने की ही थी लेकिन घर वाले चाहते थे कि वह वकालत की पढ़ाई करें और वकील बनें। नौजवान बलवंत पारेख को घर की परिस्थितियों और घरवालों के दबाव के आगे झुकना पड़ा और वह वकालत की पढ़ाई के लिए मुंबई चले गए। बलवंत ने यहां के सरकारी लॉ कॉलेज में दाखिला लिया और पढ़ाई शुरू की।  ये बात उस समय की है जब पूरे देश पर महात्मा गांधी के विचारों का रंग चढ़ा हुआ था। उनके द्वारा शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन में देश के युवा अपने भविष्य की आहुति देते हुए कूद रहे थे। बलवंत पारेख भी उन्हीं युवाओं में से एक थे। वह भी अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ कर इस आंदोलन का हिस्सा बन गए। अपने गृहनगर में रहते हुए बलवंत पारेख ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। इस तरह एक साल बीत गए। बाद में बलवंत ने फिर सए वकालत की पढ़ाई शुरू की और इसे पूरा किया।
वकालत की पढ़ाई करने के बाद अब बारी थी लॉ प्रेक्टिस की लेकिन बलवंत पारेख ने इसके लिए मना कर दिया। वह वकील नहीं बनना चाहते थे। दरअसल बलवंत पर महात्मा गांधी के विचारों का रंग चढ़ चुका था। वह अब सबसे ज्यादा सत्य और अहिंसा को महत्व दे रहे थे। उनका मानना था कि वकालत एक झूठ का धंधा है। यहां हर बात पर झूठ बोलना पड़ता है, यही वजह रही कि इन्होंने वकालत नहीं की। भले ही उन्होंने वकालत करने से मना कर दिया था लेकिन मुंबई जैसे शहर में जीवन चलाने के लिए कुछ तो करना जरूरी था। ऊपर से उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही शादी भी कर ली थी और अब पत्नी की जिम्मेदारी भी उनके ऊपर ही थी। ऐसे में बलवंत पारेख ने एक डाइंग और प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी कर ली। हालांकि नौकरी में बलवंत पारेख का मन नहीं लग रहा था क्योंकि वह खुद का कोई व्यापार करना चाहते थे लेकिन फिलहाल उनकी परिस्थितियां उन्हें इस बात की इजाजत नहीं दे रही थीं।
कुछ समय प्रिंटिंग प्रेस में काम करने के बाद उन्होंने एक लकड़ी व्यापारी के कार्यालय में चपरासी की नौकरी कर ली। आगे चल कर करोड़ों की कंपनी खड़ी करने वाले बलवंत को अपनी चपरासी की नौकरी के दौरान कार्यालय के गोदाम में रहना पड़ाता था। वह यहां अपनी पत्नी के साथ अपनी गृहस्थी चला रहे थे। अच्छी बात यह थी कि प्रिंटिंग प्रेस से लेकर लकड़ी व्यापारी के यहां काम करने तक वह कुछ ना कुछ सीखते रहे। चपरासी की नौकरी के बाद उन्होंने बहुत सी नौकरियां बदलीं तथा इसके साथ ही अपने संपर्क को भी खूब बढ़ाया। इन्हीं संपर्कों के माध्यम से बलवंत को जर्मनी जाने का मौका भी मिला। अपनी इस विदेश यात्रा के दौरान उन्होंने व्यापार से जुड़ी वो खास और नई बातें सीखीं जिससे आगे चल कर इन्हें बहुत फायदा मिला। समय के साथ साथ बलवंत की मेहनत भी रंग लाती रही।
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बलवंत के लिए अब समय आ चुका था अपनी किस्मत बदलने का। इसकी शुरुआत उन्होंने अपने बिजनेस करने के सपने को पूरा करने के साथ की। उन्हें अपने आइडिया के लिए निवेशक मिल गया तथा उन्होंने पश्चिमी देशों से साइकिल, एक्स्ट्रा नट्स, पेपर डाई इत्यादि आयात करने का बिजनेस शुरू किया। इस बिजनेस की शुरुआत के साथ ही उनका बुरा वक्त भी दूर होने लगा। इसके बाद वह किराये के घर से निकल कर अपने परिवार के साथ एक फ्लैट में रहने लगे। उनका व्यापार अच्छा चल रहा था लेकिन उन्हें अच्छा नहीं बल्कि बेहतरीन काम करना था, सफलता की ऊंचाइयों को छूना था। बलवंत को अपने सपने साकार करने का मौका तब मिला जब भारत आजाद हुआ। भारत की आजादी के साथ ही बलवंत जैसे व्यापारियों को उड़ने के लिए पूरा आसमान मिल गया था। आजादी के बाद भारत आर्थिक तंगी से जूझता हुआ अपने पैरों पर खड़े होने की तैयारी कर रहा था। देश के जाने माने व्यवसाइयों ने इस मौके का फायदा उठाया और देश में जो सामान विदेशों से आ रहा था उन्हें खुद से अपने देश में बनाना शुरू किया।
इसी बीच बलवंत को अपने वे दिन याद आए जब वह लकड़ी व्यापारी के यहां चपरासी थे। इस दौरान उन्होंने देखा था कि कैसे कारीगरों को दो लकड़ियों को जोड़ने में कितनी मुश्किल आती थी। लकड़ियों को आपस में जोड़ने के लिए पहले जानवरों की चर्बी से बने गोंद का इस्तेमाल किया जाता था। इसके लिए चर्बी को बहुत देर तक गर्म किया जाता था। गर्म करने के दौरान इसमें से इतनी बदबू आती थी कि कारीगरों का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता था। इस बारे में सोचते हुए बलवंत को आइडिया आया कि क्यों ना ऐसी गोंद बनाई जाए जिसमें से ना इतनी बदबू आए और ना उसे बनाने में इतनी मेहनत लगे। वह इस संबंध में जानकारी जुटाने लगे। बहुत तलाशने के बाद उन्हें सिंथेटिक रसायन के प्रयोग से गोंद बनाने का तरीका मिल गया। इस तरह बलवंत पारेख ने अपने भाई सुनील पारेख के साथ मिल कर 1959 में पिडिलाइट ब्रांड की स्थापना की तथा पिडिलाइट ने ही देश को फेविकोल के नाम से सफेद और खुशबूदार गोंद दी।
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फेविकोल में कोल शब्द का मतलब है दो चीजों को जोड़ना। बलवंत पारेख ने यह शब्द जर्मन भाषा से लिया। इसके अलावा जर्मनी में पहले से ही एक मोविकोल नामक कंपनी थी, वहां भी ऐसा ही गोंद बनता था। पारेख ने इस कंपनी के नाम से प्रेरित होकर अपने प्रोडक्ट का नाम फेविकोल रख दिया। फेविकोल ने लोगों की बहुत सी समस्याओं का हाल निकाल दिया था। यही वजह रही कि देखते ही देखते ये प्रोडक्ट पूरे देश भर में प्रचलित हो गया। फेविकोल ने पिडिलाइट कंपनी को वो पंख दिए जिसके दम पर इस कंपनी ने सफलता का पूरा आसमान नाप दिया। बढ़ती मांग के बाद कंपनी ने फेवि क्विक, एम-सील आदि जैसे नए प्रोडक्ट लॉन्च किए। एक चपरासी का काम करने वाले बलवंत पारेख द्वारा स्थापित की गई इस कंपनी का रेवेन्यू आज हजारों करोड़ में है। इसके साथ ही इस कंपनी ने हजारों लोगों को रोजगार भी दिया है।
यह कंपनी अब 200 से ज्यादा प्रोडक्ट्स तैयार करती है लेकिन इसे सबसे ज्यादा फायदा फेविकोल ने ही दिया। फेविकोल की बढ़ती मांग के दो कारण रहे, पहला तो इसकी मजबूती और दूसरा इसके विज्ञापन। 90 के दशक में जब भारत के आम घरों में टीवी का चलन शुरुआती दौर में था तब फेविकोल के विज्ञापन उतने ही लोकप्रिय बन गए थे जितना की दूरदर्शन पर आने वाला कोई धारावाहिक। फेविकोल के विज्ञापनों में लोगों को हंसा कर, उनका मनोरंजन करते हुए इसका प्रचार किया। यही वजह रही कि आज तक भी इस प्रोडक्ट ��े लोगों का नाता नहीं टूटा है। पिडिलाइट ने 1993 में अपने शेयर लॉन्च किए थे। 1997 तक ‘फेविकॉल’ टॉप 15 ब्रांड्स में शामिल हो गया था। 2000 में एम-सील की शुरुआत हुई और 2001 में ‘डॉ.फिक्सिट’ जैसा प्रोडक्ट मार्केट में आया। 2004 में इस कंपनी का टर्नओवर 1000 करोड़ तक पहुंच चुका था। 2006 में कंपनी ने फैसला किया कि वह पिडिलाइट ब्रांड को अंतराष्ट्रीय स्तर पर उतारेगी। यही कारण रहा कि अमेरिका , थाईलैंड , दुबई , इजिप्ट और बंगलादेश जैसे देशों में इसके कारखाने स्थापित किए गए। इसी के साथ पिडिलाइट ने सिंगापुर में अपना रिसर्च सेंटर भी शुरू किया।
बलवंत पारेख ने केवल कमाने पर ही ध्यान नहीं दिया बल्कि खुद के सक्षम होने के बाद उन्होंने कई नेक काम भी किए। उन्होंने अपने कस्बे में दो स्कूल, एक कॉलेज और एक अस्पताल की स्थापना करवाई। इसके साथ ही गुजरात की सांस्कृतिक विरासत का अध्ययन करने वाले एक गैर सरकारी संगठन “दर्शन फाउंडेशन” की भी शुरुआत की। गुजरात के एक साधारण परिवार से आने वाले बलवंत पारेख, जिन्होंने चपरासी तक की नौकरी की, उन्हें फोर्ब्स कुछ वर्ष पहले एशिया के सबसे धनी लोगों की सूची में 45वां स्थान दे चुकी है। उस समय बलवंत पारेख की निजी संपत्ति 1.36 बिलियन डॉलर थी 25 जनवरी 2013 में बलवंत पारेख 88 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन वह अपने पीछे एक ऐसी कंपनी और फेविकोल के रूप में ऐसा प्रोडक्ट छोड़ गए जो हमेशा उनके नाम को अमर बनाए रखेगा।
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khsnews · 3 years
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यहां कोई मरीज नहीं, जानिए कौन सा गांव है कोरोना फ्री, गांव वालों ने ये सब कैसे कर लिया?
यहां कोई मरीज नहीं, जानिए कौन सा गांव है कोरोना फ्री, गांव वालों ने ये सब कैसे कर लिया?
मध्य प्रदेश के सागर जिले का जंकपुर गांव अभी भी पूरी तरह से सुरक्षित है. मध्य प्रदेश का सागर जिला। यहाँ का गाँव जनकपुर है। जनकपुर में एक भी कोरोना का मरीज नहीं है। ग्रामीणों ने खुद ही इलाके को सील कर दिया और पाबंदियां लगा दीं। यहां लगभग सभी 45+ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। आखरी अपडेट:15 मई, 2021 दोपहर 3:56 बजे। भोपाल / सागर मध्य प्रदेश में एक गांव ऐसा भी है जहां करुणा महामारी के प्रकोप से…
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24daynews · 3 years
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पंचायत चुनव आगरा जिले में 15 अप्रैल को मतदान दल का विमोचन - पंचायत चुनाव: बाएं हुई पोलिंग पार्टियां, राजस्थान-मध्यप्रदेश की सीमाएं सील, कल बंद रहेगा सरकारी कार्यालय, फोटो
पंचायत चुनव आगरा जिले में 15 अप्रैल को मतदान दल का विमोचन – पंचायत चुनाव: बाएं हुई पोलिंग पार्टियां, राजस्थान-मध्यप्रदेश की सीमाएं सील, कल बंद रहेगा सरकारी कार्यालय, फोटो
रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, आगरा द्वारा प्रकाशित: अभिषेक सक्सेना Updated Wed, 14 Apr 2021 12:29 PM IST गांवों में प्रचार का शोर खत्म हो गया। बुधवार को पोलिंग पार्टियां रवाना हो गईं। गुरुवार सुबह सात बजे से आगरा जनपद में दौड़ शुरू होगी। बुधवार सुबह जनपद के तमाम उपकरण पर मतगणना का सामान लेने के लिए कर्मी पहुंचे। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह व एसएसपी मुनिराज ने शमसाबाद में मतदान केंद्रों का सत्यापन…
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its-axplore · 4 years
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भागलपुर जिले में दो चरणों में चुनाव होने है। पहले चरण में 946 बूथों पर वोट डाल जाएंगे। इसे लेकर 449 भवनों में पारा मिलिट्री की तैनाती की गई है। जबकि दूसरे चरण में 1457 बूथों पर वोट डाले जाएंगे, इसे लेकर 621 भवनों में पारा मिलिट्री की तैनाती होगी। बूथ और उसके आसपास की सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन के स्तर से ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है।
झारखंड के गोड्‌डा, साहेबगंज, बांका, मुंगेर, खगड़िया जिले की सीमा से सटे बूथों पर विशेष निगरानी होगी। इसके अलावा दियारा और दुरुह इलाके के बूथों पर एक दिन पहले ही फोर्स पहुंच जाएंगे। इन इलाकों में नाव और घोड़े से भी पेट्रोलिंग होगी। 293 दागियों पर भेजा गया प्रस्ताव, 44 पर लगा सीसीए जिले में कुल 293 दागी और अभियुक्तों के खिलाफ सीसीए का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें 44 अभियुक्तों के खिलाफ सीसीए लगाने का आदेश मिल चुका है। अंतरराज्यीय चेक प्वाइंट चिह्नित कर 51 स्थानों पर चेक पोस्ट और बैरियर लगाया गया है। इन प्वाइंट पर लगातार चेकिंग की जा रही है और चुनाव से 24 घंटे पहले जिले की सीमा को सील करने में इनसे मदद मिलेगी। यहां सीएपीएफ की तैनाती की गई है। जिले में कुल 18 स्टेटिक सर्विलांस टीम और 15 फ्लाइंट स्क्वायड के जरिए कैश पर नजर रखी जा रही है। कहलगांव और पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र की टीमों के साथ सीएपीएफ की तैनाती की गई है। 174 सेक्टर ऑफिसर अपने इलाके में बूथ, भवनों का सत्यापन कर रहे हैं। 14 हजार 103 लोगों पर हुई है 107 की कार्रवाई अब तक कुल 15 कंपनी पारा मिलिट्री फोर्स भागलपुर पहुंच चुका है। इनके सहयोग से हर दिन चेकिंग, एरिया डोमिनेशन, फ्लैग मार्च, बूथ विजिट, अपराधियों की गिरफ्तारी होने वाले छापेमारी और पेट्रोलिंग की जा रही है। जिले में 1561 लाइसेंसी हथियार का सत्यापन किया गया है। इसमें 330 हथियार को गन हाउस में जमा करवाया गया है। 6 हथियार को जब्त किया गया है, जबकि 5 का लाइसेंस रद्द किया गया है। अब तक जिले में आचार संहिता उल्लंघन के 20 केस दर्ज हो चुके हैं। 14 हजार 103 लोगों पर 107 की कार्रवाई हुई है और 8993 लोगों का बांड भराया जा चुका है।
आब्जर्वर को लाने पटना एयरपोर्ट पर देर से पहुंचे प्रशिक्षु दारोगा, सस्पेंड
चुनाव आब्जर्वर को लाने भागलपुर से पटना एयरपोर्ट गए कोतवाली थाने के प्रशिक्षु दारोगा रवि कुमार को एसएसपी ने लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। हवाई जहाज से आब्जर्वर समय पर पटना एयरपोर्ट पहुंच गए थे, लेकिन दारोगा रवि कुमार को भागलपुर से पहुंचने में देरी हो गई।
इस कारण प्रशिक्षु दारोगा को एसएसपी ने सस्पेंड किया है। सूत्रों का कहना है कि एयरपोर्ट पर पुलिस एस्कॉर्ट पार्टी को नहीं देख आब्जर्वर आग बबूला हो गए। उन्होंने इसकी शिकायत भागलपुर डीआईजी से की। इसके बाद एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लिया और दारोगा को निलंबित कर दिया।
दिव्यांग वाेटराें की सुविधा में ढिलाई, अफसरों से मांगी रिपोर्ट
दिव्यांग बूथाें पर रैंप समेत व्हील चेयर उपलब्ध कराने की सुविधा काे लेकर कई विभागाें के अफसर ढिलाई बरत रहे हैं। जिसे डीएम ने गंभीरता से लिया है। डीएम ने इसे लेकर अलग- अलग विभागाें के अफसराें काे पत्र लिखा है। इस बार चुनाव में जिले के 423 बूथाें काे दिव्यांग बूथ बनाए गए हैं। जहां रैंप की व्यवस्था रहेगी।
डीएम ने डीईओ से 24 घंटे में रिपाेर्ट मांगी है। डीएम ने पत्र में लिखा है कि सभी दिव्यांग मतदान केंद्र पर रैंप की स्थिति की जांच एवं मरम्मत का निर्देश दिया गया था, लेकिन रिपाेर्ट अभी तक नहीं दी गई है। 24 घंटे के अंदर सभी दिव्यांग बूथ का प्रतिवेदन दिव्यांग काेषांग काे उपलब्ध कराने काे कहा गया है।
वहीं डीएम ने बुनियाद केंद्र के जिला प्रबंधक से कहा है कि वे केंद्र में उपलब्ध 30 व्हील चेयर काे 24 घंटे के अंदर दिव्यांग काेषांग में उपलब्ध कराएं। डीएम ने डीईओ काे शिक्षा विभाग में उपलब्ध 179 व्हील चेयर काे 24 घंटे के अंदर दिव्यांग काेषांग में उपलब्ध कराने काे कहा है।
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In the first phase, 449 will be deployed in the buildings and in the second phase 621 buildings will be deployed.
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shaileshg · 4 years
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देश में काेरोना से एक लाख मौतें हो चुकी हैं। भारत के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों तक कोरोना फैल चुका है। लेकिन इनमें कुछ ऐसे राज्य भी शामिल हैं, जहां कोरोना के शुरुआती केस आने के बाद कड़े कदम उठाए गए और नए केस और मौतों पर काबू पाने की कोशिश की गई। गोवा, उत्तराखंड और केरल इसका उदाहरण हैं। गोवा से मनीषा भल्ला, उत्तराखंड से राहुल कोटियाल और केरल से बाबू के. पीटर की रिपोर्ट।
गोवा से मनीषा भल्ला की रिपोर्ट
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पूरी तरह से खुल गया गोवा, पटरी पर लौट रही है जिंदगी
गोवा में हर दिन करीब 400 नए मामले आ रहे हैं। बावजूद इसके गोवा अपनी सामान्य जिंदगी में लौट रहा है। पर्यटकों की रौनक लौटने लगी है। आज से दो महीने पहले गोवा में होटल ऑक्युपेंसी सिर्फ 7% थी। यह अब बढ़कर 18% हो चुकी है।
गोवा के लिए आने वाले दो महीने अहम गोवा का मुख्य रोजगार टूरिज्म है और इसे नुकसान से बचाने के लिए गोवा सरकार अब नए कदम उठा रही है। कोविड के लिए सर्विलांस अफसर डॉ. उत्कर्ष बेटोडकर बताते हैं कि हमने मरीजों की बढ़ती तादाद देखते हुए निजी अस्पतालों को भी कोविड ट्रीटमेंट की परमिशन दी है। कंटेंटमेंट जोन खत्म कर दिए गए हैं, लेकिन नए नियम बहुत सख्त हैं। आने वाले दो महीने तक गोवा में कोविड केस में ठहराव आने की उम्मीद है।
स्थानीय पंचायतों को भरोसे में लिया भारत सरकार ने 8 जून से टूरिज्म के लिए हरी झंडी दी थी। दो जुलाई को गोवा पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। गोवा ट्रैवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन के अध्यक्ष निलेश शाह बताते हैं कि सबसे बड़ी दिक्कत थी स्थानीय गांव पंचायतों का पर्यटकों को न आने देना। लेकिन एसोसिएशन ने सरकार की मदद से पंचायतों को भरोसा दिलाया कि आने वाले पर्यटकों से बीमारी नहीं फैलेगी। वे नियमों का पूरी तरह पालन करेंगे।
क्या नियम बनाए?
डॉ. उत्कर्ष ने बताया कि गांव पंचायतों के साथ लगातार मीटिंग की जा रही है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि अगर उन्हें आसपास कोई पर्यटक संदिग्ध संक्रमित लगता है तो फौरन हेल्थ अफसरों को सूचित करें।
गोवा आने वालों की एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन पर पूरा हेल्थ टेस्ट किया जा रहा है। जरा सी भी शंका होने पर लोगों को आइसोलेशन में रखा जा रहा है।
होटल इंडस्ट्री को सख्ती से नियमों का पालन करने को कहा गया है। राज्य सरकार के पास कुल 3900 होटल रजिस्टर्ड हैं। इनमें से सिर्फ 700 होटल को काम करने की इजाजत मिली है। पर्यटकों द्वारा कमरा छोड़ने के बाद एक दिन होटल का कमरा खाली रखा जाएगा।
खाने के लिए रूम सर्विस अभी शुरू नहीं की जाएगी। कोई भी पर्यटक बिना मास्क के नहीं दिखाई देगा। हर जगह सैनेटाइजर की व्यवस्था होगी। होटल में फ्रंट सर्विस के लोग फेस शील्ड, दस्ताने आदि पहनकर रखेंगे।
टैक्सी ड्राइवरों के लिए भी सरकार की तरफ से अभियान चलाया गया है कि वे अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं।
40 हजार लोगों ने खोया था रोजगार होटल-रेस्त्रां इंडस्ट्री में वर्करों का आना शुरू हो गया है। महामारी की वजह से यहां तकरीबन 40 हजार लोगों का रोजगार चला गया था। नॉर्थ गोवा में अंजुना बीच पर जिंजर ट्री होटल के मैनेजर हरीश बताते हैं कि कामकाज शुरू हो चुका है। आने वाले एक महीने के अंदर इसे रफ्तार मिलेगी। कैसीनो छोड़कर बाकी सब खुल चुका है। गांव पंचायतें भी सहयोग कर रही हैं। इस दफा गांव पंचायतों ने अपनी सालाना फीस भी नहीं बढ़ाई है। इससे पहले हर साल यह फीस बढ़ जाया करती थी।
उत्तराखंड से राहुल कोटियाल की रिपोर्ट
उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। बीते 2 अक्टूबर को इसके 202 पूरे हुए हैं। सबसे पहले अब तक के आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं।
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अन्य राज्यों से तुलना में ये आंकड़े ज्यादा डराने वाले नहीं लगते। लेकिन बीते 30 दिनों में इनमें जो तेजी आई है, वह जरूर राज्य सरकार के माथे पर बल डाल रही है। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने इन आंकड़ों को बारीकी से परखा है। जहां शुरुआती 170 दिनों कुल 269 लोगों की मौत हुई थी, वहीं पिछले 30 दिनों में 342 लोगों की जान चली गई। हालांकि सकारात्मक पहलू यह है कि इन 30 दिनों में टेस्टिंग भी तेजी से बढ़ाई गई हैं और रिकवरी रेट में भी तेजी आई है।
पहाड़ी जनपदों ने किया बेहतर काम सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल कहते हैं, "शुरुआती दौर में उत्तराखंड ने जरूर कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अन्य राज्यों से बेहतर काम किया था और इसमें सबसे अहम भूमिका पहाड़ी जनपदों के लोगों और अफसरों ने निभाई थी।" उत्तराखंड राज्य में कुल 13 जिले हैं, जिनमें से नौ पहाड़ी जिले हैं और चार मैदानी जिले। मैदानों की तुलना में पहाड़ों पर कोरोना का संक्रमण काफी हद तक सीमित रहा है। राज्य में अब तक कोरोना के जो 49 हजार मामले सामने आए हैं, इनमें से 36,907 मामले सिर्फ इन चार मैदानी जिलों के ही हैं।
कैसे लड़ी कोरोना के खिलाफ लड़ाई नौटियाल बताते हैं कि पहाड़ों में लोगों ने स्वतः ही कोरोना से निपटने के लिए कदम उठाए, जिसके नतीजे भी साफ देखने को मिले हैं। व्यापार मंडल के लोगों प्रशासन से छूट मिलने के बाद भी दुकानें बेहद सीमित समय के लिए ही खोली और लॉकडाउन का असली असर पहाड़ी कस्बों में ही नजर आया। अनलॉक के दौरान भी शाम होते ही पहाड़ी कस्बे पूरी तरह सुनसान हो जाते थे और ये एक बड़ा कारण है कि पहाड़ों में संक्रमण अब तक अनियंत्रित नहीं हुआ।
केंद्र की गाइडलाइन का सख्ती से किया पालन
राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अफसर के मुताबिक, "प्रशासन की सक्रिय भूमिका से इतर हमें इसका भी लाभ मिला कि अन्य राज्यों की तुलना में प्रवासियों का वापस लौटना उत्तराखंड में कम हुआ।"
उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति भी कोरोना की रोकथाम में कुछ हद तक प्रदेश के लिए उपयोगी साबित हुई। सीमांत राज्य होने के चलते प्रदेश में सिर्फ वे ही लोग दाखिल हुए, जिन्हें उत्तराखंड ही आना था। दिल्ली, हरियाणा या मध्य भारत के राज्यों जैसा दबाव उत्तराखंड पर नहीं था। प्रवासी इन राज्यों की सीमाओं से होते हुए अपने-अपने प्रदेश लौट रहे थे।
प्रदेश की नाकेबंदी भी उत्तराखंड में अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा मजबूत रही। राज्य पुलिस अफसर प्रमोद साह कहते हैं, "प्रदेश में दाखिल होने के पांच मुख्य मार्ग हैं। इन पर नाकेबंदी होते ही पूरा प्रदेश सील हो जाता है। ऐसे में हर आने वाले पर नजर रखना और उनकी मॉनिटरिंग करना हमारे लिए अन्य राज्यों की तुलना में थोड़ा आसान है।"
अनूप नौटियाल कहते हैं, ‘सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर जो गाइडलाइन समय-समय से जारी होती रही, प्रदेश ने उन्हीं का अनुपालन किया है।’
केरल से बाबू के. पीटर की रिपोर्ट
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इन दिनों कोरोना की दूसरी लहर से केरल राज्य बुरी तरह से परेशान है। देश में सबसे पहला मामला केरल में ही सामने आया था। इसके बाद राज्य ने काेरोना के खिलाफ सही दिशा में कदम उठाए और कुछ हद तक इस पर काबू पाने की कोशिश की। लेकिन अब यहां दिन-ब-दिन केस बढ़��े जा रहे हैं। सरकार की ओर से जारी आंकड़े हर दिन बड़े होते जा रहे हैं।
केरल में डेथ रेट सबसे कम देश में सबसे पहले कोरोना पॉजिटिव केस 30 जनवरी 2020 को केरल के त्रिशूर में मिला था। वुहान में पढ़ने वाली स्टूडेंट छुटि्टयों में अपने घर लौटी थी। भले ही देश में पहला केस केरल में मिला हो, लेकिन राज्य सबसे कम मृत्युदर (0.4%) वाले राज्यों में शामिल है। देश में कोरोना की वजह से औसत मृत्युदर 1.58% है। इस लिहाज से केरल डेथ रेट के मामले में टॉप-20 राज्यों में भी शामिल नहीं है।
जनता कर्फ्यू से पहले लॉकडाउन मार्च में राज्य में सबसे ज्यादा केस आने शुरू हुए थे। तब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के जनता कर्फ्यू की अपील से एक दिन पहले ही अपने यहां लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। केरल सरकार के प्रभावी कदम की वजह से राज्य में अप्रैल के आखिर तक केस बढ़ने की रफ्तार काफी धीमी हो गई थी। अप्रैल के महीने में काेई नया केस भी सामने नहीं आया था।
बाहरी लोग हैं जिम्मेदार पहले हर दिन नए केस की संख्या 100 के भी नीचे आती थी, लेकिन जल्द ही ये नंबर सैकड़ों और हजारों में बदल गया। इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार भारत के बाहर रह रहे केरल के निवासी हैं, जो महामारी के दौरान राज्य लौटे हैं।
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Goa Kerala Uttarakhand (India) Coronavirus Cases - Ground Report Update | Top Three States Who Have Controlled (COVID-19) Infectious Disease
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gokul2181 · 4 years
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Rahul Gandhi Priyanka Gandhi: Hathras Gangrape Case Update | UP Police Deployment At Delhi-up Border In Noida Ahead Of Rahul Gandhi Visit | राहुल-प्रियंका आज फिर हाथरस रवाना होंगे, 2 दिन पहले गिरफ्तार कर लिए गए थे; राहुल का ट्वीट- कोई ताकत मुझे नहीं रोक सकती
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Rahul Gandhi Priyanka Gandhi: Hathras Gangrape Case Update | UP Police Deployment At Delhi-up Border In Noida Ahead Of Rahul Gandhi Visit | राहुल-प्रियंका आज फिर हाथरस रवाना होंगे, 2 दिन पहले गिरफ्तार कर लिए गए थे; राहुल का ट्वीट- कोई ताकत मुझे नहीं रोक सकती
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Rahul Gandhi Priyanka Gandhi: Hathras Gangrape Case Update | UP Police Deployment At Delhi up Border In Noida Ahead Of Rahul Gandhi Visit
हाथरस15 मिनट पहले
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फोटो दिल्ली-नोएडा फ्लाई-वे की है। राहुल-प्रियंका को हाथरस जाने के लिए यहीं से गुजरना होगा। पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है।
हाथरस गैंगरेप मामले में हंगामे के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज फिर हाथरस के लिए रवाना होंगे। राहुल ने ट्वीट किया कि दुनिया की कोई ताकत मुझे पीड़ित परिवार से मिलने से नहीं रोक सकती। इससे पहले गुरुवार को राहुल और प्रियंका को हाथरस जाते वक्त ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर रोक दिया गया था। दोनों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनसे कहा कि आपने धारा 188 का वॉयलेशन किया है।
पुलिस ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी थी। धक्कामुक्की में वे नीचे गिर गए, और हाथ में चोट लग गई। राहुल और प्रियंका को 4 घंटे हिरासत में रखने के बाद छोड़ा गया। दोनों हाथरस के बुलीगढ़ गांव जाकर गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलना चाहते थे। (पूरी खबर यहां पढ़ें)
राहुल ने दो ट्वीट किए
दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 3, 2020
इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ UP सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं।
किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।#HathrasHorror
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 3, 2020
पीड़ित के गांव के बाहर पुलिस का पहरा राहुल को पुलिस आज फिर रोकेगी, क्योंकि पूरे हाथरस जिले में धारा 144 लागू है, सीमाएं सील हैं और विपक्षी दलों के नेताओं को गैंगरेप पीड़ित के गांव में एंट्री नहीं दी जा रही। सरकार ने हाथरस की घटना से जुड़े थाने के पुलिसकर्मियों और आरोपियों के साथ ही पीड़ित परिवार के लोगों का भी नार्को टेस्ट कराने का फैसला किया है।
प्रियंका ने कहा- पीड़ित परिवार को कैद कर धमकियां दी जा रहीं
यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है।
पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा।
ये व्यवहार देश को मँजूर नहीं।
पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 3, 2020
तृणमूल सांसदों को भी पुलिस ने धक्के मारकर भगा दिया था शुक्रवार को तृणमूल के सांसदों को भी गांव के बाहर ही रोक दिया गया। सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को पुलिस ने धक्के देकर गिरा दिया। तृणमूल सांसद प्रतिमा मंडल और पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने हाथरस सदर के एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा के खिलाफ बदसलूकी का मामला दर्ज करवाया है।
क्या है पूरा मामला? हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।
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1. हाथरस से भास्कर एक्सक्लूसिव:वायरल ऑडियो में जिसे कांग्रेस कार्यकर्ता बताया, वो पीड़ित की बुआ का लड़का है, कहा- पुलिस जाने नहीं दे रही तो फोन भी नहीं कर सकता क्या?
2. दलित लड़की से हाथरस में गैंगरेप:उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ी, जीभ काट दी, 15 दिन सिर्फ इशारे से बताती रही, रात 3 बजे जिंदगी से जंग हार गई वो बेटी
3. गैंगरेप पीड़िता के भाई ने छिपकर फोन किया, कहा- हमारा पूरा परिवार नजरबंद है, हम घर से नहीं निकल सकते, बाथरूम भी नहीं जाने दे रही पुलिस
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abhay121996-blog · 3 years
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यूपी-बिहार से राजस्थान तक 4 गांवों में 121 मौतें, कोरोना की लगी यह कैसी नजर? Divya Sandesh
#Divyasandesh
यूपी-बिहार से राजस्थान तक 4 गांवों में 121 मौतें, कोरोना की लगी यह कैसी नजर?
महामारी की पहली लहर में देश के गांव कोरोना वायरस से सुरक्षित थे लेकिन दूसरी संक्रामक लहर ने अब इन सुरक्षित ठिकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश के गांव अब बुखार से तप रहे हैं। यहां न इलाज की पर्याप्त सुविधा है और न ही टेस्टिंग की। कहीं मेकशिफ्ट बनाकर खुली जगह पर लोगों का अंदाजन इलाज हो रहा है तो कहीं घर पर ही खांसते-खांसते लोगों की मौत हो जा रही है। देश के गांवों में कोरोना के कहर पर पेश है रिपोर्ट- (तस्वीर रॉयटर्स)यूपी, बिहार, राजस्थान और एमपी के गांवों में कोरोना संक्रमण से हालत खराब है। कोविड जैसे लक्षण वाले लोग बिना जांच और इलाज के दम तोड़ रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी महज खानापूर्ति चल रही है। न जांच किट हैं या इलाज के पर्याप्त इंतजाम। गांवों की हालत देखकर लग रहा है कि यहां व्यवस्था वाकई भगवान भरोसे है।महामारी की पहली लहर में देश के गांव कोरोना वायरस से सुरक्षित थे लेकिन दूसरी संक्रामक लहर ने अब इन सुरक्षित ठिकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश के गांव अब बुखार से तप रहे हैं। यहां न इलाज की पर्याप्त सुविधा है और न ही टेस्टिंग की। कहीं मेकशिफ्ट बनाकर खुली जगह पर लोगों का अंदाजन इलाज हो रहा है तो कहीं घर पर ही खांसते-खांसते लोगों की मौत हो जा रही है। देश के गांवों में कोरोना के कहर पर पेश है रिपोर्ट- (तस्वीर रॉयटर्स)यूपी: खांसी, बुखार, दम फूलने की शिकायत के बाद मौतेंयूपी के गांवों में भी कोरोना से हालत बदतर हो चुके हैं। पंचायत चुनाव के दौरान यहां केस तेजी से बढ़े। गोरखपुर के एक गांव में 24 मौतों के बाद ग्रामीण खौफ में हैं। शहर से करीब 47 किलोमीटर दूर स्थित कैंपियरगंज ब्लॉक के इंदरपुर गांव, जहां की कुल आबादी 10000 के आसपास है इस गांव में 22 टोले हैं। यहां पंचायत चुनाव के बाद एक महीने में 24 लोगों की मौत से ग्रामीण दहल उठे हैं। सभी टोलों में मौत का सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं। (तस्वीर रॉयटर्स)स्वास्थ्य विभाग की दलील- 68 फीसदी गांवों में कोरोना नहींगोरखपुर में इतनी मौतों के बाद 5 और 6 मई को स्वास्थ्य केंद्र की टीम गांव में आई, टीम ने हरैया व दयालपुर टोले में जांच की 63 लोगों की आरटीपीसीआर जांच के बाद रिपोर्ट आने पर एक महिला समेत 9 लोग पॉजिटिव पाए गए। हालांकि (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को बताया कि निगरानी समितियों के सर्वे में 68% ��ांवों में कोविड संक्रमण नहीं मिला है। समितियों ने अब तक 89,512 गांवों में सर्वे किया है। इनमें 8,742 गांवों में संक्रमण मिला है, जबकि 60,770 गांवों में कोरोना के केस नहीं मिले।(तस्वीर रॉयटर्स)रायबरेली के गांव में 17 मौत, सिर्फ 2 की जांचरायबरेली के सुल्तानपुर खेड़ा गांव बीते एक महीने (11 मई तक) में 17 लोगों की मौत हो गई तब प्रशासनिक अमला जागा और डोर टु डोर टेस्टिंग करने पहुंचा। गांव में आना-जाना बंद कर दिया गया है। जिन लोगों की मौत हुई, सभी में कोरोना जैसे लक्षण थे लेकिन बुखार, खांसी, सर्दी, सिरदर्द और सांस फूलना। 17 में से 15 का न तो कोविड टेस्ट हुआ था और न ही उन्हें अस्पताल लेकर जाया गया। इस वजह से सरकारी आंकड़ों में इस गांव में सिर्फ 2 मौतें दिखा रहा है। (तस्वीर- रॉयटर्स)राजस्थान के गांव में 30 दिन में 44 मौतेंराजस्थान के अजमेर जले के सोमालपुर में पिछले 30 दिन में (14 अप्रैल से) 44 लोगों की मौत हो चुकी है। ज्यादातर लोगों को इंफ्लुएंजा जैसे बीमारी हो रही हैं जो कोविड-19 के लक्षणों से मिलता है। मौत का कारण या तो अज्ञात बताया जा रहा है या फिर कार्डिऐक अरेस्ट। 16 अप्रैल से गांव में कोई ऐसा दिन नहीं बीता, जब किसी की मौत हुई हो। गांव के सरपंच छोगा नाथ बताते हैं, ‘7-8 लोगों की मौत अस्पतालों में हुई है, लेकिन इनके अलावा सभी में सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार जैसी शिकायत थी।’ बिहार के गांव में 27 दिन में 36 की मौतबिहार के गांव में कोरोना की जद में हैं। मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के सरमसपुर पंचायत में 27 दिनों में 36 लोगों की मौत हो चुकी है। इस पंचायत में लगातार हो रही मौत से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। लोगों ने डर की वजह से घरों से बाहर निकलना ही बंद कर दिया है। यहां के लोगों का दावा है कि मृतकों में कोरोना के पूरे लक्षण थे यानी सर्दी, खांसी और दम फूलना। एनबीटी ऑनलाइन की खबर के बाद प्रशासन जागा और अब इन मौतों के जांच के आदेश दिए थे।एक ही परिवार के 27 लोग संक्रमितएमपी के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना कोहराम मचा रहा है। ग्वालियर जिले के मुरार विकासखंड के भेला खुर्द गांव में एक ही परिवार के 27 लोग कोरोना से संक्रमित हैं। सभी को घर में ही आइसोलेट कर गांव को सील कर दिया गया है। संक्रमितों में एक 17 महीने की बच्ची और 105 साल का बुजुर्ग भी है। जानकारी के अनुसार भेला खुर्द के सोनेराम को पॉजिटिव होने पर दो दिन पहले बिरला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन की टीम ने गांव पहुंचकर रैपिड ऐंटीजन टेस्ट किया। रैपिड ऐंटीजन में परिवार के 27 लोग पॉजिटिव निकले।
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chaitanyabharatnews · 4 years
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ISIS आतंकी यूसुफ के घर दो मानव बम जैकेट समेत मिला तबाही का कई सारा सामान, धमाका करने का था खौफनाक प्लान
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चैतन्य भारत न्यूज दिल्ली में पकड़े गए इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आतंकी अबू युसूफ उर्फ मुस्तकीम के उत्तर प्रदेश में स्थित घर से स्पेशल सेल की टीम ने भारी मात्रा में विस्फोटक और बम बनाने का सामान बरामद किया है। पुलिस को यूसुफ के घर से आईएस का झंडा, ऐम्पीयर मीटर, भारी मात्रा में बारूद, स्टील बॉल समेत कई ऐसे सामान मिले हैं जिन्हें विस्फोटक बनाने में प्रयोग किया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि उसके घर से दो मानव बम जैकेट, विस्फोटक, आईएस का झंडा और भड़काऊ साहित्य भी बरामद किए गए हैं। Balrampur: Incriminating materials recovered from the residence of ISIS operative Abu Yusuf who was arrested yesterday in Delhi. pic.twitter.com/GiKPsoM7Dg — ANI UP (@ANINewsUP) August 23, 2020 यूसुफ के भतीजे समेत तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके बाद टीम वापस दिल्ली रवाना हो गई। युसूफ के बलरामपुर स्थित घर से आत्मघाती हमले के लिए शरीर में विस्फोटक को बांधने वाली बेल्ट भी मिली है। इस बेल्ट को बांधकर आतंकी यूसुफ फिदायीन हमला करना चाहता था। बता दें शनिवार को ही छानबीन के दौरान यूसुफ के घर से विस्फोटक व आपत्तिजनक साहित्य बरामद हुए थे। उसकी निशानदेही पर उसके घर के बगल स्थित तालाब से मानव बम में प्रयुक्त होने वाली दो जैकेट मिली थी। करीब चार घंटे तक उसकी पत्नी, बच्चे व पड़ोसियों से पूछताछ करने के बाद अचानक एक टीम और बुलाई गई। इस टीम ने मजूदरों को लेकर मुस्तकीम के घर की खुदाई करवाना शुरू कर दिया। देर रात तक छानबीन हुई। इस कार्रवाई से पहले तक बलरामपुर पुलिस को मुस्तकीम के आईएसआईएस का सदस्य होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। दरअसल दिल्ली पुलिस ने शनिवार को जब यूपी के बड़े अफसरों को उसकी गिरफ्तारी और बलरामपुर जिले से संबंध होने की बात बताई गई तो आनन फानन डीजीपी मुख्यालय से बलरामपुर के एसपी देवरंजन वर्मा को अलर्ट कर दिया गया। इसके कुछ देर बाद ही दोपहर करीब 12 बजे बलरामपुर पुलिस ने बढ़या भैसाही गांव को सील कर दिया और मुस्तकीम के घर को घेर लिया था। एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस को पहले वह युसूफ बताकर सबको गुमराह करता रहा था। बाद में पता चला कि उसका असली नाम मुस्तकीम है और बढ़या गांव में रहने वाले कफील खान का बेटा है।
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वकील अहमद को आतंकी बेटे की करतूत पर अफसोस है। उन्होंने कहा कि पुरखों ने जो इज्जत कमाई, बेटे ने उसे मिट्टी में मिला दिया। मैंने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में लिखवाई थी। अब तो जो भी करेगी, पुलिस करेगी। मैं चाहता हूं कि एक मर्तबा उसे माफी दे दें। वो दोबारा करे तो कुछ भी कर दीजिएगा। उसके पिता ने यह भी बताया कि यूसुफ की रीढ़ की हड्डी खिसकी हुई है, जिसका 2 साल से लखनऊ में इलाज चल रहा है। वह शुक्रवार को लखनऊ में मामा के बेटे की किडनी के इलाज के लिए गया था। उसने अपनी बहन को बताया था कि वो उसके घर पर रुकेगा पर वहां नहीं पहुंचा और उसका फोन बंद आने लगा। यूसुफ की पत्नी ने कहा कि वह घर में गन पाउडर और कई अन्य चीजें इकट्ठी कर रहा था। मैंने जब ऐसा नहीं करने के लिए कहा तो बोला कि उसे रोकने का मुझे कोई हक नहीं। मेरे 4 बच्चे हैं। हो सके तो उसे माफ कर दें। मैं कहां जाऊंगी?' वहीं अबु यूसुफ के भाई आकिब ने कहा कि, मुझे आईएस के झंडे की पहचान नहीं है मगर रात को झंडा देखा। काले रंग के झंडे पर सफेद रंग से अरबी में 'अल्लाह हू अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह' लिखा था। भाई सऊदी और अन्य जगहों पर रहा है। गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात आईएस के एक आतंकी को दो प्रेशर कुकुर आईईडी विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया गया था। यूसुफ को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक मुठभेड़ के बाद धौला कुआं और करोल बाग के बीच सेंट्रल दिल्ली के रिज रोड एरिया से दबोचा था और उसकी विस्फोट करने की साजिश नाकाम कर दी। पूछताछ में यूसुफ ने पुलिस को बताया है कि उसकी अयोध्या में राममंदिर शिलान्यास के एक महीने के भीतर आतंकी हमला करने की योजना थी। वह हमला करने के लिए दिल्ली के कई इलाकों में रेकी कर चुका था। वह 15 अगस्त के आसपास भीड़ वाले इलाकों में हमले करने की भी फिराक में था, लेकिन कड़ी सुरक्षा होने की वजह से नाकाम रहा। Read the full article
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khabaruttarakhandki · 4 years
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नोएडा के DM का आदेश गलत, देश में लागू SOP के उलट नियम सही नहीं : सुप्रीम कोर्ट
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मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी
नई दिल्ली:
दिल्ली-एनसीआर में आवाजाही को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने नोएडा के जिलाधिकारी को कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा डीएम के आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के विपरीत दिशा-निर्देश नहीं हो सकते हैं. ऐसी स्थितियां अराजकता पैदा कर सकती हैं. इस मामले को लेकर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है और नोएडा डीएम को अपने आदेश की समीक्षा करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि  हम आदेश पारित कर सकते हैं स्पष्ट कर सकते हैं कि नोएडा का आदेश खराब है और राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा. मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी. 
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बता दें कि नोएडा डीएम ने पिछले दिनों कोरोना के मामले पाए जाने पर संक्रमित घर को सील करने के बजाय पूरे इलाके को सील करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने तीनों राज्यों की मीटिंग के ब्यौरे पर सुनवाई के दौरान नोएडा डीएम के आदेश की बखिया उधेड़ते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जारी गाइड से उलट किसी ज़िले के लिए अलग गाइडलाइन या SOP नहीं हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के डीएम से अपने आदेश पर तुरंत पुनर्विचार करने को कहा है. 
बता दें कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में गुरुवार को 28 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. जिला निगरानी अधिकारी सुनील दोहरे ने बताया कि बृहस्पतिवार को आई जांच रिपोर्ट में 28 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जिसके बाद अब जिले में मरीजों की कुल संख्या 735 हो गई है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से अब तक जिले में 10 लोगों की मौत हो चुकी है. 
Video: राज्य 15 दिनों के भीतर मजदूरों को उनके गांव भेजें: सुप्रीम कोर्ट
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kisansatta · 4 years
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Covid19 India: देश में कोरोना मरीज़ों का संख्या 70,000 के पार, 24 घंटे में 87 लोगों की मौत
नई दिल्ली। भारत में कोरोना मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे है, तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई को समाप्त हो रहा है, तो वहीं संक्रमितों का आंकड़ा 70,000 के पार पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 2293 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमितों की संख्या 70,756 हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3604 नए मामले सामने आए हैं और 87 लोग इसकी वजह से जान गंवा चुके हैं।
दिल्ली-एनसीआर का खोड़ा इलाका पूरी तरह सील
दिल्ली नोएडा ग़ाज़ियाबाद के बीच बसे खोड़ा इलाके को पूरा सील कर दिया गया है। खोड़ा में अब तक कोरोना के 14 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें एक मरीज़ की मौत भी हो चुकी है। यहां करीब 45-50 हज़ार मकान और 5-6 लाख की आबादी रहती है। गाजियाबाद प्रशासन को डर है कहीं खोड़ा का हाल भी मुंबई के धारावी जैसा न हो जाए इसलिए यह आदेश दिया गया है। जो लोग खोड़ा से दिल्ली और नोएडा में काम करने जाते हैं, वो दिल्ली और नोएडा में ही रहें। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर ना कोई अंदर आ सकता है और ना कोई बाहर जा सकता है।
बढ़ाया जा सकता है लॉकडाउन
सूत्रों ने बताया कि 17 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में लॉकडाउन आगे किस रूप में होगा इसके लिए प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से 15 मई तक सुझाव मांगे हैं। प्रधानमंत्री के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान, अधिकांश राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। इस दौरान राज्यों ने कहा कि रेड ज़ोन को जिला स्तर पर रखने के बजाए कंटेनमेंट ज़ोन में रखा जाए और जिले के बाकी हिस्सों में गतिविधियां शुरू की जाएं।
महाराष्ट्र में 4786 हुए ठीक, 868 की मौत
वहीं देश भर में ठीक होने वाले मरीजों में अंडमान-निकोबार में 33, आंध्र प्रदेश में975, अरुणाचल प्रदेश में 1 , असम 34, बिहार 377, चंडीगढ़ 24, छत्तीसगढ़ 53, दादर -नगर हवेली 1, दिल्ली 2129, गोवा 7, गुजरात 2780, हरियाणा 337, जम्मू-कश्मीर 427, झारखंड 78, कर्नाटक 426, केरल 489, लद्दाख 21, मध्य प्रदेश 1747, महाराष्ट्र में 4786, मणिपुर 2, मेघालय 10, ओडिशा 85, पुड्डुचेरी 6, पंजाब 168, राजस्थान 2264, तमिलनाडु 2051, उत्तराखंड 46, उत्तर प्रदेश 1758 ,पश्चिम बंगाल में 499, तेलंगाना 1275, त्रिपुरा 2और हिमाचल प्रदेश के 39 मामले शामिल हैं। इसके साथ ही मृतक मरीजों की संख्या आंध्र प्रदेश में 45, असम 2, बिहार 6, चंडीगढ़ 2, दिल्ली 78, गुजरात 213, हरियाणा 11, जम्मू-कश्मीर 10, झारखंड3, कर्नाटक 31, केरल 4, मध्य प्रदेश 221, महाराष्ट्र में 868, मेघालय 1, ओडिशा 3, पंजाब31, राजस्थान 113, तमिलनाडु 53, उत्तराखंड 1, उत्तर प्रदेश 80 ,पश्चिम बंगाल में 190, तेलंगाना 30 और हिमाचल प्रदेश में 2 है।
https://kisansatta.com/covid19-india-corona-patients-cross-70000-in-country-87-dead-in-24-hours/ #000InCountry, #87DeadIn24Hours, #Covid19IndiaCoronaPatientsCross70 000 in country, 87 dead in 24 hours, Covid19 India: Corona patients cross 70 National, Top, Trending #National, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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vsplusonline · 4 years
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सीबीएसई एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच 10वीं-12वीं की परीक्षाएं करवाएगा, लॉकडाउन के चलते 83 विषयों की परीक्षा स्थगित की गई थी
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सीबीएसई एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच 10वीं-12वीं की परीक्षाएं करवाएगा, लॉकडाउन के चलते 83 विषयों की परीक्षा स्थगित की गई थी
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इस महीने के पहले हफ्ते में कुल 21 हजार 485 नए मरीज बढ़े, यह कुल संक्रमितों का 38%
आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप ने एनसेफ मास्क बनाया, दावा- 50 बार इस्तेमाल कर सकेंगे
दैनिक भास्कर
May 08, 2020, 05:39 PM IST
नई दिल्ली. इस बीच मानव संसाधन मंत्रालय ने बताया है कि सीबीएसई 10वीं-12वीं की परीक्षाएं एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच करवाएगा। मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस बारे में वीडियो जारी कर जानकारी दी। लॉकडाउन के चलते 10वीं 12वीं के कुल 83 विषयों की परीक्षाएं बीच में स्थगित करनी पड़ी थीं।
देश में अब तक 56 हजार 561 संक्रमित
देश में अब तक 56 हजार 561 संक्रमित मिले हैं। शुक्रवार को राजस्थान में 64, आंध्रप्रदेश में 54, कर्नाटक में 45, ओडिशा में 26, बिहार में 13, जबकि हरियाणा में 8 मरीज मिले हैं। इस महीने के पहले हफ्ते में कुल 21 हजार 485 नए मरीज बढ़े। यह कुल संक्रमितों का 38% है। इस दौरान 6827 मरीज ठीक भी हुए हैं। इससे पहले गुरुवार को देशभर में संक्रमण के 3344 मामले सामने आए। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के आधार पर हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कुल 56 हजार 342 संक्रमित हैं। 37 हजार 916 का इलाज चल रहा है। 16 हजार 539 ठीक हो चुके हैं, जबकि 1886 मरीजों की मौत हो चुकी है। 
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लॉकडाउन के चलते उद्योगों और व्यापार की खराब हालत का असर शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में भी नजर आया। कठुआ की चेनाब टेक्सटाइल्स मिल ने वेतन को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया। इस दौरान मजदूरों ने तोड़फोड़ की। मजदूर पूरा वेतन दिए जाने की मांग कर रहे थे। कठुआ पुलिस ने बताया कि मजदूरों को लगता है कि मिल से जो वेतन उन्हें मिल रहा है, वह पर्याप्त नहीं है और ऐसे में मजदूर घर जाने की मांग कर रहे थे। उधर, बीएसएफ के 30 जवान कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 6 दिल्ली और 24 त्रिपुरा के हैं। 
मालदीव से लौटेंगे 750 भारतीय कोरोना महामारी के बीच भारतीयों के लाने के लिए सरकार ने 14 समुद्री पोत तैयार किए हैं। तीन जहाज मिशन पर हैं। दो मालदीव के लिए और एक यूएई के लिए रवाना किए जा चुके हैं। 11 रेडी टू मिशन मोड पर हैं। इसी के तहत गुरुवार को नौसेना का जहाज आईएनएस जलाश्व गुरुवार को मालदीव की राजधानी माले पहुंचा। एम्बेसी के मुताबिक जहाज से 750 लोग अपने देश पहुंचेंगे। सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें
स्वस्थ्य विभाग ने बताया कि देश के 216 जिलों में संक्रमण के मामले मिल रहे हैं। 42 जिलों में पिछले 28 दिन से, 29 जिलों में 21 दिन से, 36 जिलों में 14 दिन से और 46 जिलों में पिछले 7 दिन से संक्रमण का कोई केस नहीं आया है।
रेलवे ने अब तक 5231 कोच को कोविड केयर सेंटर के रूप में बदला है। उन्हें चिह्नित किए गए 215 स्टेशनों पर स्थापित किया जाएगा। अभी परीक्षण के तौर पर इनमें कम लक्षण वाले मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि देशभर के रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन की रिवाज्ड लिस्ट जल्द ही जारी की जाएगी। 
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि श्रमिकों, छात्रों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को घर पहुंचाने के लिए 222 विशेष ट्रेन चलाई है। ढ़ाई लाख से अधिक लोगों को इससे लाभ मिला है। 
कोरोना से संबंधित अहम अपडेट
सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के बीच शुरू की गई शराब की बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस पर कोई आदेश नहीं देगी और राज्यों को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए शराब की ऑनलाइन सेल या होम डिलीवरी के बारे में सोचना चाहिए। कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका भी खारिज कर दी।
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में शराब की दुकानों पर ग्राहकों की अंगुली पर सील वाली स्याही लगाई जा रही साथ ही उनकी जानकारी भी दर्ज की जा रही है। एक्साइज विभाग का कहना है कि इससे जरूरत पड़ने पर इन लोगों को ट्रेस करने में मदद मिलेगी।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ने फेवीपिराविर दवा को कोरोना के इलाज के लिए क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है। यह दवा जापान और चीन में इनफ्लूएंजा के इलाज में इस्तेमाल की जाती है।
कोलकाता के इंडियन म्यूजिम में तैनात सीआईएसएफ के एक सब इंस्पेक्टर की गुरुवार को संक्रमण से मौत हो गई। उनकी  कोविड रिपोर्ट शुक्रवार को पॉजिटिव आई।
आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप नैनोसेफ सॉल्यूशन ने एनसेफ मास्क बनाया है। दावा है कि यह 99.2% तक बैक्टीरिया को रोकता है और इसे 50 बार तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
5 दिन जब संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए
दिन मामले
04 मई
3656 06 मई 3602 07 मई 3344 05 मई 2971 03 मई 2952
26 राज्य, 7 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला संक्रमण कोरोनावायरस का संक्रमण देश के 26 राज्यों में फैला है। 7 केंद्र शासित प्रदेश भी इसकी चपेट में हैं। इनमें दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पुडुचेरी और दादर एंड नगर हवेली शामिल हैं।
राज्य कितने संक्रमित कितने ठीक हुए कितनी मौत महाराष्ट्र 17974 3301 694
गुजरात
7013 1709 425 दिल्ली 5980 1931 66 तमिलनाडु 5409 1547 37
राजस्थान
3491 1916 100 मध्यप्रदेश 3252 1231 193 उत्तरप्रदेश 3071 1250 62 आंध्रप्रदेश 1887 842 41 पंजाब 1644 149 28 पश्चिम बंगाल 1548
296
151 तेलंगाना 1122 693 29 जम्मू-कश्मीर 793 335 9 कर्नाटक 750 371 30 हरियाणा 633 270 8 बिहार 563 218 5
केरल
503
474
4 ओडिशा 245 63 2 चंडीगढ़ 135 21 1
झारखंड
132 41 3 त्रिपुरा 88 2 0 उत्तराखंड 61 39 1 छत्तीसगढ़ 59 36 0 असम 54 35 2
हिमाचल प्रदेश
46 34 3 लद्दाख 42 17 0
अंडमान-निकोबार
33 33 0 मेघालय 12 10 1
पुडुचेरी
9 6 0 गोवा 7 7 0 मणिपुर 2 2 0 अरुणाचल प्रदेश 1 1 0 दादर एंड नगर हवेली 1 1 0 मिजोरम 1 0 0
ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कुल 56 हजार 342 संक्रमित हैं। 37 हजार 916 का इलाज चल रहा है। 16 हजार 539 ठीक हो चुके हैं, जबकि 1886 मरीजों की मौत हो चुकी है।
5 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश का हाल
मध्यप्रदेश, संक्रमित- 3252: कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश लौट रहे उमरिया और शहडोल जिले के 16 मजदूरों की औरंगाबाद में शुक्रवार तड़के एक मालगाड़ी से कटकर मौत हो गई। वे रास्ते में थकने के बाद पटरी पर लेटे थे। मजदूर जालना में एसआरजी कंपनी में काम करते थे। प्रदेश सरकार की तरफ से प्रत्येक मृतक श्रमिक के परिजन को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है।
उत्तरप्रदेश, संक्रमित- 3071: सूरत से 1200 प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार सुबह वाराणसी पहुंची। सभी को जांच के बाद रोडवेज की बसों से उनके गृह जिलों में भेजा जाएगा। राज्य में गुरुवार को 73 मरीजों की ��ोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें 1881 मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य में कोरोना से मौत का आंकड़ा 62 हो गया हैं। 
महाराष्ट्र, संक्रमित- 17974: आर्थर रोड जेल में 77 कैदी और 26 जेल कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन्हें जीटी हॉस्पिटल और सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। संक्रमित कैदी एक ही बैरक के हैं। उधर, मुंबई के जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में कोरोना के 26 पेशेंट मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। राज्य में करीब 500 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में हैं। महाराष्ट्र में शुक्रवार को 1216 मामले सामने आए, जबकि 43 लोगों की मौत हुई।
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महाराष्ट्र के ठाणे से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से ये प्रवासी मजदूर बिहार जा रहे हैं। बिहार में अब तक 60 हजार मजदूर और 6 हजार छात्र विशेष ट्रेनों से पहुंच चुके हैं।
राजस्थान, संक्रमित- 3491: राजस्थान में शुक्रवार को संक्रमण के 64 मामले आए। इनमें से जयपुर में 26, अजमेर और जोधुपर में 9-9, कोटा में 8, पाली में 5, अलवर, झालावाड़ और उदयपुर में 2-2, जबकि सीकर में 1 मरीज मिला। उधर, अजमेर में एक संक्रमित की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 100 हो गया। 
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जयपुर के इंदिरा बाजार में पुलिस फ्लैग मार्च निकाल रही है। शहर में संक्रमण काबू नहीं हो रहा। यहां गुरुवार को भी 21 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
दिल्ली, संक्रमित- 5980: यहां गुरुवार को संक्रमण के 448 मामले सामने आए। एक मरीज की मौत के साथ मृतकों की संख्या 66 हो गई है। यहां संक्रमितों की संख्या दोगुना होने की रफ्तार 11 दिन है। इस बीच, दिल्ली सरकार ने कोविड से जान गंवाने वाले पुलिस कॉन्स्टेबल अमित कुमार के परिवार को 1 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। अमित की मौत मंगलवार को हुई थी।
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डीटीसी की बस से दिल्ली रेलवे स्टेशन जाते मजदूर। इन्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेन से मध्यप्रदेश रवाना किया गया। दिल्ली से चलाई गई यह पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन थी।
बिहार, संक्रमित- 563: यहां शुक्रवार को संक्रमण के 13 मामले आए। इनमें से समस्तीपुर में संक्रमण के 6, दरभंगा में 3,सहरसा में 2, जबकि सुपौल और कटिहार में 1-1 मरीज मिला। उधर, प्रवासी मजदूरों की वापसी का सिलसिला जारी है। गुरुवार को 24 ट्रेनों से 28 हजार 467 प्रवासी आए। 20 हजार 629 प्रवासी और लौट रहे हैं। राज्य सरकार ने रोजाना 1000 प्रवासी मजदूरों का रैंडम टेस्ट करने का फैसला किया है। रेड जोन से लौटने वाले मजदूरों का टेस्ट पहले किया जाएगा।
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sandhyamodi · 4 years
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इनमें से 205 ठीक भी हुए, 4 नए मामले आए, सोनीपत में हरियाणा पुलिस का जवान भी पॉजिटिव मिला
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फरीदाबाद में सोमवार को 6 मरीज ठीक होकर पहुंचे घर हरियाणा में अब कुल 91 एक्टिव मरीज अस्पतालों में भर्ती
दैनिक भास्करApr 27, 2020, 02:51 PM IST पानीपत. हरियाणा में सोमवार को कोरोना मरीजों का आंकड़ा 300 पहुंच गया है। सोमवार को चार नए मामले आए हैं। इनमें एक-एक मरीज फरीदाबाद और झज्जर में, 2 मरीज सोनीपत में आए हैं। झज्जर में पहला मामला है, जिसकी गिनती झज्जर जिले में हो रही है। वहीं हरियाणा में अभी तक कुल 205 मरीज ठीक हो गए हैं। अब कुल 91 एक्टिव मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। सोनीपत में कुल मरीजों का आंकड़ा 22 हो गया है, यहां हरियाणा पुलिस का एक जवान भी पॉजिटिव मिला है।  सोनीपत पुलिस लाइन में रह रहा था हरियाणा का जवान   सोनीपत में लगातार मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। सोमवार को हरियाणा पुलिस का जवान पॉजिटिव मिला है। उसकी ड्यूटी सोनीपत के ककरोई चौक पर थी। वह मूलरूप से नूंह जिले के हलालपुर गांव का रहने वाला है। वह पिछले काफी दिनों ने सोनीपत पुलिस लाइन में रह रहा था। तबीयत खराब हुई तो डॉक्टरों ने कोरोना के सैंपल भेजे थे। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं दूसरा मरीज खुबड़ू गांव में मिला है। वह दिल्ली के उस पुलिसकर्मी के संपर्क में आया था, जो संक्रमित मिला था। 
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सोनीपत में पुलिस ने दिल्ली से लगने वाली सीमाओं को सील कर दिया है। इस वजह से दिल्ली आने-जाने वालों की एंट्री बंद कर दी गई है।  झज्जर सब्जी आढ़ती मिला कोरोना पॉजिटिव दिल्ली की आजादपुर सब्जीमंडी में जाने वाला झज्जर का सब्जी आढ़ती कोरोना पॉजिटिव मिला है। तीन दिन पहले इसका सैंपल लिया गया था, रविवार रात रिपोर्ट पॉजिटिव आई। झज्जर के लाल खानिया मोहल्ला में रहने वाले आढ़ती के परिवार के छह लोगों को भी क्वॉरैंटाइन कर दिया गया है। इससे पहले दिल्ली में काम करने वाली बहादुरगढ़ निवासी नर्स, सलौधा निवासी दिल्ली पुलिस के जवान और गुभाणा निवासी दिल्ली एमसीडी के चालक में भी कोरोना पॉजिटिव आया था, लेकिन इनके सैंपल दिल्ली में हुए थे। इस वजह से झज्जर में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं गिना जा रहा था। अब झज्जर में पहला केस पॉजिटिव माना गया है।  हरियाणा में 300 पहुंचा आंकड़ा, अब भी नूंह पहले नंबर पर राज्य में संक्रमित का आंकड़ा 300 पहुंच गया। सबसे ज्यादा 57 मरीज नूंह के हैं। गुरुग्राम में 51, फरीदाबाद में 46, पलवल में 34, पंचकूला में 19, सोनीपत में 22, अम्बाला में 13, पानीपत में 12, करनाल में 6, रोहतक, हिसार और सिरसा में 4-4, यमुनानगर और भिवानी में 3-3, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र में 2-2 और चरखी दादरी, झज्जर व फतेहाबाद में एक-एक पॉजिटिव मरीज मिला। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुड़गांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है। उनके समेत कुल संक्रमित का आंकड़ा 300 हो जाता है।  300 मरीजों में से 205 मरीज हुए ठीक प्रदेश में अब कुल 205 मरीज ठीक हो गए हैं। नूंह  में 39, गुरुग्राम और फरीदाबाद में 35-35, पलवल 29, अम्बाला व पंचकूला में 10-10, करनाल और पानीपत में 5-5, सिरसा और सोनीपत में 4-4, यमुनानगर में 3, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र और भिवानी में 2-2, चरखी दादरी, फतेहाबाद 1-1 मरीज ठीक होने पर घर भेजा गया। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं, उनके समेत कुल आंकड़ा 205 हो जाता है। हरियाणा में अभी तक 133 जमाती मिले संक्रमित प्रदेश में अब तक 133 जमाती संक्रमित मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा नूंह जिले से हैं। यहां कुल 42 जमाती संक्रमित पाए गए। इसके अलावा, पलवल 31, फरीदाबाद 23, गुरुग्राम 15, अम्बाला 5, पंचकूला 7, यमुनागर 3, भिवानी 2, कैथल, जींद, चरखी दादरी, फतेहाबाद और सोनीपत में एक-एक मरीज संक्रमित मिला। यह सभी मरकज से लौटे थे। जिन्हें अलग-अलग मस्जिदों और गांवों से पकड़ा गया था। Source link Read the full article
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whatablogs · 4 years
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abhay121996-blog · 3 years
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महाराष्‍ट्र ही नहीं इन राज्‍यों को भी सता रहा लॉकडाउन का डर, कोरोना ने बरपाया ऐसा कहर Divya Sandesh
#Divyasandesh
महाराष्‍ट्र ही नहीं इन राज्‍यों को भी सता रहा लॉकडाउन का डर, कोरोना ने बरपाया ऐसा कहर
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कई राज्‍यों की हालत खराब कर दी है। हेल्‍थ इन्‍फ्रास्‍ट्रचक्‍र पर दबाव बढ़ता जा रहा है। महाराष्‍ट्र में सख्‍त लॉकडाउन की आहट महसूस की जा रही है। दिल्‍ली सरकार ने नाइट कर्फ्यू के अलावा भी सख्‍ती बढ़ाने का ऐलान किया है। उत्‍तर प्रदेश के कई जिलों में भी नाइट कर्फ्यू है। पिछले 24 घंटों में डेढ़ लाख से ज्‍यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं।यह आंकड़ा पहली लहर के पीक से करीब 52 हजार केस ज्‍यादा है। यानी महामारी अपनी दूसरी लहर में बेहद संक्रामक है। ऐसे में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्‍यों को सख्‍ती बरतनी पड़ रही है। आइए जानें देश में कहां-कहां कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के आसर पैदा हो गए हैं।Covid-19 Lockdown Latest News: महाराष्‍ट्र के अलावा अब दिल्‍ली, छत्‍तीसगढ़, उत्‍तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्‍यों में भी कोविड-19 के चलते हालात तेजी से खराब होने लगे हैं।कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कई राज्‍यों की हालत खराब कर दी है। हेल्‍थ इन्‍फ्रास्‍ट्रचक्‍र पर दबाव बढ़ता जा रहा है। महाराष्‍ट्र में सख्‍त लॉकडाउन की आहट महसूस की जा रही है। दिल्‍ली सरकार ने नाइट कर्फ्यू के अलावा भी सख्‍ती बढ़ाने का ऐलान किया है। उत्‍तर प्रदेश के कई जिलों में भी नाइट कर्फ्यू है। पिछले 24 घंटों में डेढ़ लाख से ज्‍यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं।यह आंकड़ा पहली लहर के पीक से करीब 52 हजार केस ज्‍यादा है। यानी महामारी अपनी दूसरी लहर में बेहद संक्रामक है। ऐसे में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्‍यों को सख्‍ती बरतनी पड़ रही है। आइए जानें देश में कहां-कहां कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के आसर पैदा हो गए हैं।खौफ पैदा कर रही कोरोना की ऐसी रफ्तारपिछले 24 घंटों में कोविड के रेकॉर्ड 1,52,879 नए मामले सामने आए हैं।टोटल केसेज की संख्‍या 1,33,58,805 हो गई है।फिलहाल 11,08,087 लोग कोरोना संक्रमित हैं जो कुल मामलों का 8.29 प्रतिशत है। ऐक्टिव केसेज पहली बार 11 लाख से ज्‍यादा हो गए हैं।स्वस्थ होने वाले लोगों की दर (रिकवरी रेट) गिरकर 90.44 प्रतिशत रह गई है।पिछले 24 घंटों में 839 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्‍या 1,69,275 तक जा पहुंची है।18 अक्टूबर 2020 के बाद से इस बीमारी से एक दिन में जान गंवाने वाले लोगों की यह सर्वाधिक संख्या है।महाराष्‍ट्र में लगाया जा सकता है लॉकडाउनकोरोना वायरस से सबसे ज्‍यादा प्रभावित महाराष्‍ट्र में सख्‍त लॉकडाउन की संभावना बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को कोविड टास्‍क फोर्स की एक खास मीटिंग होनी है। इसके बाद सोमवार को मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे भी एक बैठक करेंगे। राज्‍य में 8 या 15 दिन के लॉकडाउन की अटकलें हैं।शनिवार को महाराष्ट्र में 55,441 नए केस सामने आए और 309 लोगों की मौत हो गई। वहीं मुंबई में शनिवार को कोरोना के 9327 नए मरीज मिले है और 50 लोगों की मौत हुई। विस्‍तार से पढ़ेंदिल्‍ली में कोरोना के साथ-साथ सख्‍ती भी बढ़ीदिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस के 7,897 नए मामले सामने आए। यहां इन्‍फेक्‍शन रेट इस साल पहली बार 10% के पार चला गया है। राजधानी में कोविड-19 के अब कुल 7,14,423 मामले हो गए हैं। पिछले 24 घंटों में 39 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 11,235 तक पहुंच गई है।दिल्ली सरकार ने सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक एवं धार्मिक सभाओं पर रोक लगा दी है।सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर बंद रहेंगे।मेट्रो-बसों में 50 फीसदी यात्रियों को ही सफर करने की अनुमति दी जाएगी। विस्‍तार से पढ़ेंयूपी के कई जिलों में पाबंदियां, नाइट कर्फ्यूगोरखपुर जिले में प्रशासन ने रात का कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है।राजधानी लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है।कर्फ्यू में भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं और लोक कल्याणकारी सेवाओं से जुड़े लोगों को काम करने की छूट होगी।बांदा शहर में भी शनिवार रात नौ बजे से सुबह छह तक का कर्फ्यू लगा दिया गया है।बलिया में जिलाधिकारी अदिति सिंह ने रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया है।मथुरा जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि बिना मास्क पहने जिले के मंदिरों में लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।बिहार में लॉकडाउन नहीं, मगर पाबंदियां बढ़ींबिहार के सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को 18 अप्रैल तक बंद कर ��िया गया है।30 अप्रैल तक सभी दुकान और प्रतिष्ठान शाम 7 बजे तक ही खुलेंगे।रेस्तरां, होटल और ढाबा क्षमता का 25% ही इस्तेमाल कर पाएंगे।सिनेमा हॉल में 50% सीटें ही इस्तेमाल होंगी।धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए बंद रखे जाएंगे।सरकारी दफ्तरों में 33% की उपस्थिति होगी।प्राइवेट प्रतिष्ठानों को भी 33% के साथ दफ्तर खोलने की इजाजत है।शादी-विवाह में 200 जबकि श्राद्ध में 50 लोग शामिल हो सकते हैं। विस्‍तार से पढ़ेंगांधीनगर नगर निगम का चुनाव टला, मगर लॉकडाउन नहींगुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने गांवों में या शहरों में बाजार संघों द्वारा स्थानीय स्तर पर स्वैच्छिक रूप से लॉकडाउन का स्वागत किया।गुजरात में कई गांवों, आवास समितियों और बाजार संगठनों ने अपने क्षेत्रों में लॉकडाउन की घोषणा की है।अहमदाबाद में सोला रोड के बाजार संगठन ने शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।पालनपुर शहर में दो दिनों के लिए ‘जनता’ कर्फ्यू भी लागू किया गया है, लेकिन कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकानें खुली रखीं।गुजरात राज्य निर्वाचन आयोग ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 18 अप्रैल को होने वाले गांधीनगर नगर निगम के चुनाव टाल दिए हैं।ओडिशा ने सील किया बॉर्डर, छत्‍तीसगढ़ सरकार भी ऐक्‍शन मेंओडिशा ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के साथ लगती अपनी सीमा सील कर दी।अंतरराज्यीय सीमा पर गश्त तेज कर दी गई है।मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रशासन को मास्क न पहनने पर जुर्माना राशि दोगुना करने का आदेश दिया है।पहले दो उल्लंघनों के लिए लोगों को 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और उसके बाद मास्क नहीं पहनने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर आइसोलेशन सेंटर्स बनाए जाएंगे।यह आइसोलेशन सेंटर गांव से बाहर होगा। इसमें शौचालय की व्यवस्था की जाएगी और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया जाएगा।
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hindijankari · 4 years
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यूपी के 15 जिलों के इन इलाकों को किया जाएगा सील, पूरी लिस्ट यहां देखें
लखनऊ, शामली, मेरठ, बरेली, बुलंदशहर, आगरा, ग़ाज़ियाबाद, नोएडा, महाराजगंज, सीतापुर, सहारनपुर, बस्ती, फ़िरोज़ाबाद और कानपुर के हॉटस्पॉट सील किए जाएंगे.
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कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के 15 जिलों के हॉटस्पॉट को पूरी तरह सील करने का फैसला लिया है. 15 जिलों में लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, महाराजगंज, सीतापुर, सहारनपुर, बस्ती शामिल है. प्रभावित इलाकों को सील करने के मुद्दे पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि जिन इलाकों को सील किया गया है, वहां लोग एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में भी नहीं जा पाएंगे. 15 चिन्हित ज़िलों के SP-SSP-DM की वीडियो कॉन्फ्रेंस में DGP और ACS Home अवस्थी ने स्पष्ट किया की इन जिलों में भ्रम की स्थिति ना पैदा हो. उन्होंने कहा कि Hotspot का मतलब अधिकारी ज़िलों में स्पष्ट करें. Hotspot का मतलब है- ऐसी जगह जहां पॉजिटिव केस पाये गये हैं. उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी मुहल्ले का पाया गया तो वहां के 300 मीटर के दायरे को सील कर देंगे. उसके आने जाने वाले रास्ते को सील कर देंगे. इन हॉटस्पॉट से संक्रमण फैलने की लगातर आशंका बनी हुई थी. लिहाजा इन इलाकों में पूरी तरह से लॉकडाउन कराया जाएगा. साथ ही इन इलाकों में सैनिटाइज किया जाएगा. अवनीश अवस्थी के मुताबिक़ जिन जनपदों में 6 से ज्यादा कोरोना वायरस से जुड़े मामले सामने आए हैं, उन इलाकों को चिन्हित कर सख्त से सख्त व्यवस्था लागू की जाएगी. सभी 15 जिलों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी. आगरा में 22, गाजियाबाद में 13, गौतम बुध नगर में 12, वाराणसी में 4, शामली में 3, मेरठ में 7, बरेली में 1, बुलंदशहर में 3, बस्ती में 3, फिरोजाबाद में 3, सहारनपुर में 4, महाराजगंज में 4, सीतापुर में 1, लखनऊ में 8 बड़े हॉटस्पॉट और छोटे 4 हॉटस्पॉट पाए गए हैं. इन सभी हाट्स्पॉट्स में विशेष रूप से जन सहयोग से लेकर 100% लॉकडाउन का पालन करना पड़ेगा. डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा, प्रभावित हाट्स्पॉट्स में जो क्लस्टर बनाये गए हैं, वहां सैनिटाइजेशन ड्राइव चलाया जाएगा. यहां पर जो पास निर्गत किये गए हैं, उन्हें निरस्त किये जायेंगे. इन स्थानों पर लोग बाहर नही निकलेंगे. इन एरिया में लोगों के बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. लोगो को चिन्हित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बैरिकेटिंग करके उन्हें जीरो जोन बनाया जाएगा और उन्हें डोर स्टेप डिलीवरी की शत प्रतिशत व्यस्था की जाएगी. इन शहरों में हैं इतने इलाके शामली- 3 मेरठ- 7 बरेली- 1 बुलंदशहर- 3 फिरोजाबाद- 4 महाराज गंज- 4 सीतापुर- 1 लखनऊ- 11 बस्ती- 8 मेरठ के ये इलाके हो सकते हैं सील मेरठ के परतापुर, मवाना, सरधना, शास्त्रीनगर, लिसाड़ीगेट और सिविल लाइन ये वो 6 इलाके हैं जिनपर प्रशासन की पहले से ही पैनी नजर है. इसकी सबसे बड़ी वजह है की इन इलाकों में कोरोना पॉजीटिव मरीजों के बढ़ते आंकड़े हैं. आपको बता दें कि परतापुर में 14 जमाती आइसोलेट किए गए जिनमें से 4 पॉजिटिव पाये गए हैं. मावन में 11 जमाती आइसोलेट किए गए जिनमें से 6 पॉजीटिव पाये गये हैं. सरधना में 9 जमाती आइसोलेट किए गए जिसमे से 4 पॉजिटिव पाये गये हैं. शास्त्री नगर में इकरामुल हसन जो महाराष्ट्र से आया था, ने अपने ही परिवार के 17 लोगो को संक्रमित किया है. शामली जिले की तीन हॉटस्पॉट जगहें होंगी सील शामली जिले की तीन हॉटस्पॉट जगहें होंगी सील. इसमें शामली सदर कोतवाली क्षेत्र का मोहल्ला नानुपुरा, भवन थाना क्षेत्र का गांव भैसानी इस्लामपुर, सम्पूर्ण थाना झिंझाना क्षेत्र. इन जगहों से कोरोना वायरस संक्रमित लोग मिले थे. इसके अलावा सिविल लाइन में 2 पॉजीटिव मिले हैं. दोनो बाहर से आये थे. इसके अलावा लिसाड़ी गेट और ब्रह्मपुरी से आज ही 45 लोगों को क्वारन्टीन क��या गया है. फिलहाल मेरठ में अबतक 332 जमातियों को क्वारन्टीन किया गया है. कुल 35 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं इसमें से एक की मौत भी हो चुकी है. यही वजह है कि इन इलाकों को सील करने की बात जिला प्रशाशन DGP और अपर प्रमुख सचिव गृह के सामने रख सकता है. लखनऊ के ये इलाके होंगे सील मस्जिद अली जान कैंट, मोहम्दिया मस्जिद- वजीरगंज, अहमदिया मस्जिद सहादतगंज, अल हयात मस्जिद- मडियांव, रजौली मस्जिद- गुडंबा, नजरबाग मस्जिद कैसरबाग और तालकटोरा. वाराणसी वाराणसी में लॉकडाउन और हाट स्पॉट पहले से लागू है. इसलिए वाराणसी में चार इलाके पहले से ही सील हैं. इन इलाकों में बजरडीहा, मदनपुरा, लोहता और गंगापुर इलाका शामिल है. गंगापुर से तीन कोरोना पॉजिटिव मिले थे जिसमें एक की मौत हो गई है. लोहता से एक कोरोना पॉजिटिव मिला था. बजरडीहा में एक कोरोना पॉजिटिव महिला मिली थी. इसके अलावा मदनपुरा इलाके से 2 जमाती कोरोना पॉजिटिव मिले थे. वाराणसी में कुल 9 कोरोना पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हो चुकी है और दो मरीज ठीक हो चुके हैं. एहतियात के तौर पर चार इलाके पूरी तरह सील किये गए हैं. बुलंदशहर के तीन इलाकों को किया जाएगा सील बुलंदशहर के उन तीन इलाकों को सील किया जाएगा जहां कोरोना पॉजिटिव केस सामने आये हैं. बुलंदशहर सदर, सिकंदराबाद और जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र सील रहेंगे. प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 343 कोरोना मरीजों में 187 तब्लीगी जमात के लोग हैं. 26 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं. तब्लीगी जमात के बाद जो एकाएक कोरोना संक्रमितों की संख्या में जम्प आया था उसपर अब हम काबू पा चुके हैं. कानपुर के ये इलाके होंगे सील कानपुर नगर में सात रेड जोन की 12 मस्जिदों और एक मदरसा को हॉटस्पॉट बनाकर सील किया जाएगा. इन इलाकों में चमनगंज, अनवरगंज, कर्नलगंज, नौबस्ता, घाटमपुर, सजेती, बाबूपुरवा शामिल हैं. गाजियाबाद में 13 हॉटस्पॉट चिन्हित किये गए हैं नंदग्राम में मस्जिद के पास का इलाका, सेवियर पार्क सोसायटी मोहननगर, ग्राम पसौन्दा, वसुंधरा का सेक्टर 2B, ऑक्सि होम भोपुरा, नाइ पूरा लोनी, कस्बा मसूरी, एक सोसायटी कौशाम्बी, एक सोसायटी सेक्टर 6 वैशाली, एक सोसायटी राज नगर एक्सटेंशन, शालीमार ext 2, खाटू कालोनी दुहाई और शिप्रा नोवा. 14 अप्रैल तक है संपूर्ण लॉकडाउन बता दें कि अभी जो देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है वो 14 अप्रैल तक जारी रहेगा. आज लॉकडाउन का पंद्रहवा दिन है. ये 21 दिनों के लिए लगाया गया है ताकि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. भारत में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति भारत में कोविड-19 के मामले बढ़कर पांच हजार के पार हो चुके हैं. अब तक देश में इसके 5194 केस सामने आ चुके हैं. वहीं 149 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही इलाज के बाद 401 लोग रिकवर कर चुके हैं. देश में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं. यहां पॉजिटिव मामले की संख्या एक हजार को पार कर चुकी है. अब तक इस वायरस के 1018 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. राज्य में 64 लोगों की मौत हो चुकी है. राजधानी दिल्ली में कोरोना के अब तक 576 और तमिलनाडु में 690 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. यह भी पढे:
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