#11 पुलिसकर्मी
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वीडियो: चलती ट्रेन से गिरकर प्लेटफॉर्म-ट्रेन के बीच फंसी महिला, 11 सेकेंड में किया अद्भुत रेस्क्यू
Woman Fall fromtrain inkanpur: कानपुर में एक रेलवे पुलिसकर्मी ने अपनी सतर्कता से एक महिला की जान बचा ली. उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक महिला ट्रेन में चढ़ गई, लेकिन उसके बच्चे ट्रेन में नहीं चढ़ सके। बच्चों की उम्मीद कर रही एक महिला चलती ट्रेन से उतरने लगी और उतरते समय गिर गई। यह देख पुलिसकर्मी दौड़े और ऐसी ही एक महिला को ट्रेन से कटने से बचाया. फिलहाल ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा…
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ब्रह्म समाज के लोगों ने रामकृष्ण मंदिर में किया बड़ा हंगामा, पत्थरबाजी के बीच पुलिसकर्मी भी हुए घायल
Ramkrishna Paramhans Ashram Property Dispute: हिमाचल की राजधानी (Shimla) शिमला में रामकृष्ण परमहंस आश्रम संपत्ति (Ramkrishna Paramhans Ashram Property Dispute) विवाद गहरा गया है, जिसके चलते शनिवार रात जमकर बवाल हुआ,जिसमें पथराव के बीच पुलिसकर्मियों सहित अन्य घायल (Police Personnel And Others Injured) हुए हैं। दरअसल रात करीब 10 से 11 बजे के बीच पहले ब्रह्म समाज के अनुयाई रामकृष्ण परमहंस के मंदिर…
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बलरामपुर पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई, 11 पुलिसकर्मी लाइन अटैच
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पाकिस्तान में पुलिस टीम पर जानलेवा हमला, रॉकेट दागे गए; 11 पुलिसकर्मियों की मौत
पाकिस्तान में पुलिस की एक टीम पर रॉकेट से हमला किया गया है। इस हमले में कम से कम 11 पुलिसकर्मी मारे गए और कई घायल हो गए। कुछ पुलिसकर्मियों को बंधक भी बना लिया गया है। लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुरुवार को पुलिसकर्मियों पर रॉकेट से किए गए हमले में कम से कम 11 सैनिकों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। यह जानकारी पुलिस ने दी है। लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर रहीम यार खान जिले में माचा…
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SSP ने महिला इंस्पेक्टर समेत 3 पुलिसकर्मी को किया सस्पेंड, 11 पुलिसकर्मियों को कॉप ऑफ द मंथ अवार्ड दिया, 1 का इंक्रीमेंट रोका रायपुर SSP डॉ संतोष कुमार सिंह ने पुलिसकर्मियों के बीच बेहतर काम का इनाम और गलत कामों पर दंड का अनूठा प्रावधान शुरू किया है। इसके तहत रायपुर SSP की तरफ से हर माह बेहतर कार्यों के लिए पुलिसकर्मियों को कॉप ऑफ द मंथ अवार्ड से नवाजा जाता है। इस कड़ी में जुलाई माह में
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Watch "16 साल की दो बच्चियों रात को 11:00 बजे शराब के दुकान पर पहुंची शराब लेने" on YouTube
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*आबकारी V/S शराबमाफ़िया*
रात को 8:00 बजे बाद धड़ल्ले से बिकती है शराब,विभाग के आदेश हवा में
देश का दर्पण न्यूज़
जयपुर काफी तेजी से तरक्की कर रहा है। उसी तेजी से बच्चे और नौजवान के खून में खून की जगह शराब दौड़ रहा है। एक तरफ सुबह से लेकर रात को 12:00 बजे तक शराब के विक्रेता खुलेआम शराब बेच रहे हैं वही दूसरी तरफ जयपुर के हर रास्ते पर मसाज पार्लर तेजी से पैर पसार रहा है। जयपुर के बच्चे और नौजवान तरक्की के तरफ बढ़ रहे हैं। 16 साल से 50 वर्ष के व्यक्ति की अधिकता शराब के दुकानों पर और मसाज पार्लरों में बढ़ती ��ा रही है यह हमारी जयपुर की तरक्की ��ै इसी तरक्की का सपना हमारे नेता मंत्री प्रशासन के अधिकारी चाहते थे पर इसी समय में कुछ ऐसे भी अधिकारी है जो अपने कर्तव्य और कानून का पालन करते हुए रात को 8:00 बजे बिक रहे शराब पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहे हैं। जयपुर पुलिस कमिश्नर ने यह आदेश दिया है कि रात को 8:00 बजे के बाद अगर कहीं भी शराब बिकती हुई मिल जाए तो उस क्षेत्र के थानाधिकारी को दंडित किया जाएगा। इसके बावजूद पूरे जयपुर शहर में कोई एक ऐसा भी शराब का विक्रेता या दुकान नहीं है जहां पर रात को 8:00 बजे के बाद शराब नहीं मिलती हो। ऐसे में जयपुर पुलिस कमिश्नर के आदेश की पालना कैसे हो रही है। हमारी टीम द्वारा रात को 8:00 बजे के बाद रात को एक 12 बजे तक जयपुर के अलग-अलग थाना क्षेत्र में कवरेज किया है और जयपुर के सभी शराब की दुकान पर खुलेआम शराब बेचते हुए पाया क्या जयपुर पुलिस कमिश्नर इन सभी थाना क्षेत्र के अधिकारियों को दंडित करेंगे, या फिर जयपुर पुलिस कमिश्नर द्वारा दिए गए आदेश कोई मायने नहीं रखता है। या फिर पुलिस कमिश्नर के आदेशों का पालन करने वाले उसे अधिकारी को सम्मानित करेंगे जो शराब के ठेकेदारों पर अंकुश लग रहा है, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हम हर समय दुकान पर बैठ नहीं सकते हमारे जाने के बाद फिर खुलेआम शराब बिकता है।
उमेश बेनीवाल थानाधिकारी थाना अशोक नगर को हमारी टीम ने जयपुर के सी स्कीम अहिंसा सर्किल के पास में शराब की दुकान पर कई बार अपनी टीम के साथ गश्त लगाते देखा। पूरे जयपुर क्षेत्र में उमेश बेनीवाल ही सही ढंग से पुलिस कमिश्नर के आदेश व का पालन करते हुए दिखे, कई बार हमारी टीम ने विधायक पुरी थाने की गाड़ी को शराब के दुकान को बंद करते हुए देखा, विधायक पुरी थाना अधिकारी भी पुलिस कमिश्नर के आदेशों का पालन करते हुए दिखे अशोक नगर थाना सर्किल इंस्पेक्टर उमेश बेनीवाल, द्वारा शराब के दुकान पर गश्त लगाने के कारण 2 दुकान पर थोड़ी देर के लिए शराब 8:00 बजे के बाद मिलना बंद हो गया और इनके जाती ही फिर शुरू हो गई,फिर उमेश बेनीवाल ने उन दोनों दुकान के सामने दो पुलिसकर्मी खड़े कर दिए जिससे वहां शराब रात 8:00 बजे के बाद नहीं मिलती। पुलिस की अपनी मजबूरी है क्योंकि जितने शराब के दुकान जयपुर में है उतनी पुलिस नहीं हर दुकान पर पुलिस खड़ी नहीं की जा सकती। इसलिए जरूरी है कि ऐसा आदेश हो कि रात को 8:00 बजे शराब बेचने वाले शराब माफिया पर उचित कार्रवाई की जाए। हमारी टीम ने जयपुर के 20 दुकानों पर कवरेज किया सभी शराब विक्रेता और उसके कर्मचारियों ने बताया कि पूरे पूरे जयपुर में बिक रही है फिर हमें क्यों परेशान कर रहे हो। रात को 8:00 बजे शराब खरीद रहे शराबियों ने कहा कि हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे शराब पीए शराब के आदी हो और उनकी शरीर में खून की जगह शराब दौड़े इसके बावजूद वह सभी शराब का सेवन कर रहे है। जयपुर की महिलाओं बच्चो एवं बुजुर्गों ने जयपुर पुलिस कमिश्नर को धन्यवाद दिया है, लगातार एक हफ्ते से हमारी टीम द्वारा शराब माफियाओं का कवरेज किया जा रहा है पर इन 7 दिनों में कोई भी आबकारी अधिकारी राउंड पर नहीं दिखे और संपर्क करने की कोशिश पर भी नहीं मिले। जयपुर की जनता की मेहनत के पैसे पर अपनी सैलरी उठाने वाले आबकारी अधिकारी कब ऐसे शराब माफियाओं अंकुश लगाएंगे। ऐसे आबकारी अधिकारियों पर कब कार्रवाई होगी। क्या जयपुर के आबकारी विभाग में कोई एक ऐसा भी अधिकारी नहीं है जो सरकार द्वारा चलाए गए नियम कायदे का पालन करा सकें। हमारी टीम ने जयपुर के बहुत सारे शराब के ठेकेदार एवं विक्रेता से बात किय
विक्रेताओं का कहना है कि सरकार बहुत सारे रुपये गारंटी के रूप में जमा करती है, इसलिए हम लोगों को दिन-रात करके शराब बेचनी पड़ती है कभी-कभी तो हमें लोगों को उचित रेट से भी कम दाम में भी बेचनी पड़ती है। सरकार के दिए हुए टारगेट पूरा करने के लिए हमें रात दिन शराब बेचनी पड़ती है, तीन चार दिन पहले अधिकारी रात को 7:00 बजे दुकान से कुछ सेल्समैन को उठाकर ले गई और बंद कर दिया। जिसको लेकर शराब विक्रेताओं ने थाना अधिकारी से बहुत बहस भी किया। कैमरा के सामने ना आने की शर्तों पर बताया की हर शराब विक्रेता को थाने को ₹20000 रुपया मंथली देना पड़ता है उसके बावजूद भी पुलिस रात को हमारे सेल्समैन को उठाकर ले जाती है और बंद कर देती है। यह कहां का न्याय है, कई ऐसे सेल्समैन जो शराब के दुकान पर शराब बेचने का काम करते हैं नौकरी करते हैं उनका कहना है कि हमें 5 से ₹6000 महीने के रूप में मिलता है और ऐसे में हम मजबूर हैं की रात को 8:00 बजे बाद शराब बेचे ताकि अपने परिवार का पालन पोषण कर पाएं। उनका कहना है इससे रात को कुछ कमाई हो जाती है और हम अपने परिवार की जरूरत को पूरा कर पाते है। कई ठेकेदारों ने कहा कि हम लोगों ने जमीन के पेपर रखकर लोन लेकर और शराब के व्यापार में रुपए लगाए हैं और अगर हम टारगेट पूरा नहीं करते हैं तो मजबूर होकर हमें हमारा मकान नीलाम करना पड़ेगा, हम लोग शराब का व्यापार छोड़ना भी चाहे तो सरकार हमें छोड़ने नहीं देती। इस तरह की कई सारी मजबूरियां शराब कारोबारी एवं शराब बेचने वाले सेल्समैन जो दुकानों पर काम करते हैं अपनी समस्याओं को पत्रकारों को अवगत कराया। हमने रात को 8 से लेकर 12:00 तक मासूम बच्चे और लड़कियों को शराब के दुकान में शराब लेते हुए देखा, कैसा जयपुर हमारे नेता हमारे अधिकारी चाहते हैं, कई शराब विक्रेता ऐसे भी हैं जो ना शराब पीते हैं और ना उनके बच्चे पीते हैं, ज्यादातर शराब विक्रेताओं के बच्चे शराब नहीं पीते और वह नहीं चाहते कि उनके बच्चे शराब पिए इसके बावजूद वह दूसरे के बच्चों को रात को 12:00 बजे तक शराब परोसते रहते हैं, जयपुर में लकी वाइंस के नाम से शराब के विक्रेता तथा ठेकेदार हैं जिनके पास जयपुर में 32 शराब की दुकान है जो रात को 8:00 बजे से लेकर 12:00 तक लगातार शराब बेचते हैं, आमेर कुंडा पर उनकी तीन-चार दुकानें हैं जिसका हमने कवरेज किया और खुलेआम शराब बेचते हुए पाया काफी ��ीड़ लगी हुई थी। हमने इसकी शिकायत थाने में थाने अधिकारी से की उन्होंने आश्वासन दिया कि हर रोज रात को 8:00 बजे के बाद थाने की गाड़ी एक राउंड रात को इन दुकानों पर करेगी। इसके बावजूद भी इन सभी दुकानों पर रात को 8:00 बजे से लेकर रात को 12:00 तक शराब बिकता है
पूरे जयपुर में कवरेज करने के दौरान सिर्फ एक या दो शराब के ठेकेदार ऐसे मिले जिन्होंने हमारा विरोध किया या लड़ाई करने की कोशिश की, कवरेज के दौरान झोटवाड़ा थाना क्षेत्र में खिरनी फाटक पर स्थित शराब के ठेकेदार ने हमारी टीम पर हमला किया उनका कहना है कि हम लोग ₹20000 हर महीने थाना को देते हैं सर्किल इंस्पेक्टर को अलग से पैसे देते हैं पत्रकार भी ले जाते हैं और आप लोग आ जाते हो हमें डिस्टर्ब करने , उनका कहना था आप तो क्या कोई मंत्री भी आ जाए तो हमारा दुकान रात को 8:00 बजे चलने से नहीं रोक सकता, सूचना पर मौके पर पहुंची झोटवाड़ा पुलिस को देख दुकान बंद करके भागे शराब माफिया और उनके कर्मचारी, जब लोग अपनी संपत्ति को गिरवी रखकर आपके और हमारे बच्चे को शराब पिलाने का निर्णय कर चुके हैं तो उन्हें कौन रोक सकता है, क्या एक से डेढ़ करोड़ रुपए लगाकर शराब का व्यापार करने वाले व्यापारी को कोई दूसरा काम नहीं मिलता क्या सुबह से लेकर रात को 8:00 बजे तक शराब बेचने से उनका पेट नहीं भरता अगर ऐसा है तो आने वाला भविष्य कैसा होगा शराब माफिया यह भूल जाते हैं की आने वाले समय में उनके बच्चे के शरीर में खून की जगह शराब दौड़ेगा
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सलमान खान केस: मुंबई पुलिस का सिर दर्�� बढ़ा गया अनुज थापन, बिश्नोई गैंग पर शिकंजा कसना अब होगा मुश्किल!
नई दिल्ली: दोपहर करीब 12:30 बजे का वक्त रहा होगा। मुंबई पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में बने लॉकअप के बाहर बुधवार को आम हलचल थी। रुटीन चेकिंग के लिए लॉकअप के ऑफिसर इंचार्ज फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचे। उनकी नजरें लॉकअप के अंदर झांक ही रहीं थी कि एक कैदी ने उनके कान खड़े कर दिए। उस कैदी ने बताया कि अनुज थापन टॉयलेट गया था, और अभी तक वापस नहीं लौटा। तुरंत लॉकअप का ताला खोला गया और ऑफिसर के साथ कुछ और पुलिसवाले अंदर दाखिल हुए। टॉयलेट का दरवाजा अंदर से बंद था। किसी तरह दरवाजा खोला गया तो भीतर का हाल देखकर पुलिसवालों की आंखें फटी रह गईं।टॉयलेट के अंदर अनुज थापन फंदा लगाकर लटका हुआ था। उसे तुरंत उतारा गया। पुलिसकर्मी आनन-फानन में उसे लेकर हॉस्पिटल भागे। लेकिन, तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बताया कि अनुज थापन के अंदर सांसें नहीं बची हैं। इस बीच पुलिस के आला अफसर भी हॉस्पिटल पहुंच चुके थे। खबर से मुंबई पुलिस की नींद उड़ गई। पूरे महकमे में एक हड़कंप मच गया। ये वही अनुज थापन था, जिसे सलमान खान के घर पर फायरिंग के लिए शूटर्स को हथियार पहुंचाने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था। मामले में मुंबई पुलिस ने एक्सिडेंटल डेथ का केस दर्ज किया है। साथ ही मौका-ए-वारदात के सीसीटीवी फुटेज भी सुरक्षित कर लिए हैं। अनुज की गिरफ्तारी और मकोका का चार्ज अनुज थापन को करीब 5-6 दिन पहले पंजाब के अबोहर से गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, की जांच में जुटी मुंबई पुलिस लगातार मामले की कड़ियों को जोड़ रही थी। फायरिंग के तार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े होने के बाद अनुज थापन की गिरफ्तारी पुलिस के लिए इस केस में एक बड़ा हथियार थी। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) भी लगा दिया था। लेकिन, अब ने पुलिस का सिरदर्द बढ़ा दिया है। उसकी मौत के बाद पुलिस के लिए अब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर शिकंजा कसना भी मुश्किल होगा। अनुज थापन की मौत से क्यों टेंशन में पुलिस? दरअसल, मामले में मकोका का जो चार्ज लगाया गया है, अनुज थापन की मौत के बाद वो कमजोर पड़ सकता है। इस बात की आशंका पुलिस के आला अफसरों को भी है। सलमान खान फायरिंग केस में मकोका का आरोप तभी टिक पाएगा, जब पकड़े गए आरोपियों में किसी एक का नाम पिछले 10 सालों के भीतर किसी चार्जशीट में आया हो। गिरफ्तार आरोपियों में केवल अनुज थापन ही था, जिसके खिलाफ पहले से हत्या की कोशिश और जबरन वसूली सहित संगीन धाराओं में तीन मुकदमे दर्ज थे। अनुज थापन ने क्यों की खुदकुशी? मुंबई पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अनुज थापन ने मकोका के डर की वजह से खुदकुशी जैसा बड़ा कदम उठाया। उसे लगने लगा था कि मामले में मकोका लगने के बाद अब कभी वो जेल से बाहर नहीं निकल पाएगा। हालांकि, अनुज थापन के परिवार ने खुदकुशी के दावों का खंडन किया है। परिवार से जुड़े एक सदस्य ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर अनुज खुदकुशी क्यों करेगा? उन्होंने बताया कि वो एक जिंदादिल नौजवान था। एक ट्रासपोर्टर के पास उसकी ठीकठाक नौकरी चल रही थी। परिवार ने अनुज की मौत के पीछे साजिश का अंदेशा जताया है। इस वक्त कहां हैं बाकी तीनों आरोपी? अनुज थापन की मौत के मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है। जिस लॉकअप में उसने खुदकुशी की, वो कमिश्नर दफ्तर के फर्स्ट फ्लोर पर बना है। इस पुरानी बिल्डिंग में पहले और दूसरे फ्लोर पर लॉकअप हैं और बुधवार को 11 आरोपी इनमें बंद थे। पिस्टल सप्लाई करने का दूसरा आरोपी अपनी पुरानी चोट की वजह से इस वक्त न्यायिक हिरासत में है। हालांकि, सलमान खान के घर पर फायरिंग के मुख्य आरोपी विक्की गुप्ता और सागर पाल को यहां नहीं रखा गया था। ये पूरी बिल्डिंग सीसीटीवी कैमरों से कवर है। http://dlvr.it/T6JVGW
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ग्रामीणों ने पुलिस वालों की दौड़ा-दौड़ा की पिटाई
ग्रामीणों ने पुलिस वालों की दौड़ा-दौड़ा की पिटाई
जिले में एक बार फिर से पुलिस सुर्खियों में आ गई है, जहां मार खाने वाले पुलिसकर्मी रामपुर नैकिन थाने में पदस्थ बता�� जा रहे हैं जिसका आज वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल होता हुआ नजर आ रहा है। वायरल वीडियो के आधार पर यह घटना रामपुर नैकिन थाना अंतर्गत ग्राम भीतरी की बताई जा रही है। वायरल वीडियो की जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि कल सोमवार के दिन करीब 11:00 बजे के आसपास की ये घटना है जहां पर अवैध रेत का व्यापार यहां हो रहा था इसी दौरान ट्रैक्टर को पकड़ लिया गया था लेकिन ट्रैक्टर छोड़ने के एवज में पैसे की मांग पुलिस वाले कर रहे थे ऐसा वहां के लोगों ने आरोप लगाया है। जिस पर गांव वाले भड़क उठे और उन्होंने कहा कि हम एक बार पैसे दे चुके हैं दोबारा हम पैसे नहीं देंगे जिस पर उन्होंने पुलिसकर्मियों पर ही मारपीट कर डाली है। इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है कि पुलिसकर्मियों की लोगों के द्वारा पिटाई की जा रही है 4 पुलिसकर्मी वीडियो में साफ तौर पर देखे जा रहे हैं वहीं कुछ को दौड़ा-दौड़ा कर पुलिस लाठी और डंडों से मार रही है। बरहाल इस में क्या सत्यता है अभी स्पष्ट न��ीं हो पाया है क्योंकि थाना प्रभारी अभी छुट्टी पर हैं और उनके अलावा अभी एसपी या एडिशनल एसपी का बयान सामने नहीं आया है बहरहाल अभी हम इस वीडियो को पुष्टि नहीं करते हैं लेकिन वीडियो वायरल के आधार पर लोगों ने ऐसा ही बताया है।
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Kanjhawala Case Delhi : में लापरवाही बरतने वालों पर गिरी गाज, 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड
Kanjhawala Case Delhi : में लापरवाही बरतने वालों पर गिरी गाज, 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड
नई दिल्ली। Kanjhawala Case Delhi को लेकर 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। मामले को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से सख्त कदम उठाने के ��िर्देश दिए गए थे। इसी के बाद मामले में लापरवाही (Kanjhawala Case Delhi) बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है। Patwari Paper Leak : उत्तराखंड भर में गुस्सा, UKPSC कार्यालय के बाहर प्रदर्शन जिन 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, उनमें दो उप…
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दिल्ली: महिला सब इंस्पेक्टर से पति ने बीच सड़क में की मारपीट, VIDEO वायरल
दिल्ली: महिला सब इंस्पेक्टर से पति ने बीच सड़क में की मारपीट, VIDEO वायरल
नजफगढ़ थाना पुलिस ने मामले में कल रात केस दर्ज कर लिया है. नई दिल्ली: एक महिला सबइंस्पेक्टर की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है. पिटाई का आरोप महिला के पति पर है जो पेशे से वकील है. महिला पुलिसकर्मी के मुताबिक वो दिल्ली के बरवाला गांव में रहती है. उसका पति नशे में उसके साथ अक्सर बदसलूकी करता है. 11 नवंबर को पीड़िता जब अपनी बहन के यहां थी तब आरोपी तरुण डबास तीन गाड़ियों में अपने साथियों के साथ…
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उन्नाव के थानों में भ्रष्टाचार पर बड़ा एक्शन, 29 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर; 11 सदर थाने से
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में पुलिस अधीक्षक ने बड़ी विभागीय कार्रवाई की है. एसपी ने जिले के 29 पुलिसकर्मियों को एक साथ लाइन हाजिर कर दिया है. ये पुलिसकर्मी जिले के अलग-अलग 12 थानों में तैनात थे. इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ लगातार शिकायत मिल रही थी. वहीं एसपी ने कहा कि ये कदम पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली को सुधारने कि लिए उठाया गया है. दरअसल एसपी दीपक भूकर को यह शिकायत मिल रही थी, जिसमें कुछ…
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पुलिस कर्मी लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करता है तो मिलेगा 1,11,11,111 रुपए का इनाम; जानें किसने की घोषणा
पुलिस कर्मी लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करता है तो मिलेगा 1,11,11,111 रुपए का इनाम; जानें किसने की घोषणा #GujaratNews #encounters #LawrenceBishnoi
Lawrance Bishnoi Encounter: यदि कोई पुलिसकर्मी लॉरेंश बिश्नोई का एनकाउंटर करता है तो उसे 1 करोड़ 11 लाख, 11 हजार 1 सौ 11 रुपए का इनाम दिया जाएगा। यह ऐलान क्षत्रिय करणी सेना की ओर से की गई है। इन दिनों सुर्खियों में चल रहे खूंखार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर गोगामेड़ी की हत्या का आरोप लगाते हुए क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने यह ऐलान किया है। गुजरात के रहने वाले शेखावत का…
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कानपुर में 11 और पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव, पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
कानपुर में 11 और पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव, पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
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Corona Test
कानपुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के कानपुरमें कोरोनोवायरस की जांच रिपोर्ट में 11 और पुलिस कर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। कानपुर में कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की कुल संख्या 24 हो गई है। शनिवार को जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, उनमें डीआईजी/ एसएसपी कार्यालय का एक जनसंपर्क अधिकारी और…
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#11 policemen corona positive#11 पुलिसकर्मी#Coronavirus#COVID-19#Kanpur#Uttar Pradesh Hindi News#कानपुर#कोरोना पॉजिटिव
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उत्तराखंड के बहुचर्चित रणवीर एनकाउंटर केस में 5 पुलिसकर्मियों को SC से जमानत, छात्र को मार दी थी 22 गोलियां!
उत्तराखंड के बहुचर्चित रणवीर एनकाउंटर केस में 5 पुलिसकर्मियों को SC से जमानत, छात्र को मार दी थी 22 गोलियां!
Uttarakhand News: उत्तराखंड के बहुचर्चित कथित रणवीर एनकाउंटर केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने तत्कालीन इंस्पेक्टर संतोष कुमार जायसवाल, सब इंस्पेक्टर नितिन चौहान, नीरज यादव, जीडी भट्ट और कांस्टेबल अजीत को जमानत दे दी है। पांचों दोषी पुलिसकर्मी अब तक 11 साल से अधिक समय जेल में बिता चुके हैं। देहरादून में साल 2008-09 में रणवीर एनकाउंटर मामले में पुलिसवालों को आजीवन कारावास की सजा…
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उत्तराखंड के बहुचर्चित रणवीर एनकाउंटर केस में 5 पुलिसकर्मियों को SC से जमानत, छात्र को मार दी थी 22 गोलियां!
उत्तराखंड के बहुचर्चित रणवीर एनकाउंटर केस में 5 पुलिसकर्मियों को SC से जमानत, छात्र को मार दी थी 22 गोलियां!
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