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आधी रात को साथ दिखे अरबाज-मलाइका
आधी रात को साथ दिखे अरबाज-मलाइका
सेलेब्रिटीज ने नोटिस किया: अरबाज खान और मलाइका अरोड़ा बॉलीवुड के एक्स कपल हैं। फिलहाल दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं। बावजूद इसके दोनों दोस्त बनकर एक-दूसरे के साथ डिनर डेट पर जाते नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में बीती रात एक्स कपल डिनर डेट पर वापस आया, ज��सका वीडियो इंटरनेट की दुनिया में वायरल हो रहा है. इस पर फैंस भी जमकर रिएक्शन दे रहे हैं। मलाइका के साथ स्पॉट हुए अरबाज (सेलेब्स…
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Shadi ki pahli raat bivi haiz se ho to kya karna chahiye ?
Shadi ki pahli raat bivi haiz se ho to kya karna chahiye ?
Shadi ki pahli raat bivi haiz se ho to kya karna chahiye ? शादी की पहली रात आम तौर पर लोग अपनी बीवी से पूछते नहीं हैं की वो पाक है या नापाकी के दिन चल रहे हैं | मर्द को चाहिए की वो अपनी औरत से पूछ लिए की पाक है या नहीं , अगर नापाकी की हालत में है यानी की हैज़ की हालत में है तो अपनी बीवी से सोहबत नहीं करना चाहिए की हराम और गुनाह है , अल्लाह ताला ने हैज़ की हालत में अपनी बीवी से दूर रहने का हुक्म अता…
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"मुद्दों में धोनी का उल्लेख, जो रुतु हमें बता रही थी, उसकी तुलना की जा सकती है" - अजीम काज़ी को लगता है कि एमएस धोनी और रुतुराज गायकवाड़ के बीच समानताएँ हैं
“मुद्दों में धोनी का उल्लेख, जो रुतु हमें बता रही थी, उसकी तुलना की जा सकती है” – अजीम काज़ी को लगता है कि एमएस धोनी और रुतुराज गायकवाड़ के बीच समानताएँ हैं
25 वर्षीय सलामी बल्लेबाज़ रुतुराज गायकवाड़ की महाराष्ट्र टीम के साथी अजीम काज़ी ने कहा है कि गायकवाड़ और भारत के महान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान एमएस धोनी के बीच कुछ समानताएँ हैं। गायकवाड़ धोनी के नेतृत्व में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2020 में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए पदार्पण किया। 2021 में, इंडियन प्रीमियर लीग में उनका एक सफल सीजन था जिसने उन्हें व्हाइट-बॉल क्रिकेट में भारत की…
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अध्याय 15 : पुरुषोत्तम योग श्लोक-19
यो मामेवमसम्मूढो जानाति पुरुषोत्तमम्
स सर्वविद्भजति मां सर्वभावेन भारत
जो कोई भी मुझे संशयरहित होकर पुरुषोत्तम भगवन के रूप में जानता है वह सब कुछ जानता है अतएव हे भरतपुत्र वह व्यक्ति मेरी पूर्ण भक्ति में रत होता है
जय श्री कृष्ण🦚🙏श्रीमद्भगवद्गीता📖...✍️
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चलो ये इश्क़ नहीं चाहने की आदत है कि क्या करें हमें दू्सरे की आदत है
तू अपनी शीशा-गरी का हुनर न कर ज़ाया मैं आईना हूँ मुझे टूटने की आदत है
मैं क्या कहूँ के मुझे सब्र क्यूँ नहीं आता मैं क्या करूँ के तुझे देखने की आदत है
तेरे नसीब में ऐ दिल सदा की महरूमी न वो सख़ी न तुझे माँगने की आदत है
विसाल में भी वो ही है फ़िराक़ का आलम कि उसको नींद मुझे रत-जगे की आदत है
ये मुश्क़िलें हों तो कैसे रास्ते तय हों वो ना-सुबूर मुझे सोचने की आदत है
ये ख़ुद-अज़ियती कब तक "फ़राज़" तू भी उसे न याद कर कि जिसे भूलने की आदत है
- अहमद फ़राज़
#sun raha hai na tu#ro raha hun main#THIS POPPED UP ON MY FEED#INSTA KA#AS SOON AS I WOKE UP AND PICKED UP MY PHONE#like#bawled my eyes out the moment i woke up#everything felt so akdhskdhksdndk#like this is so so SO frkn relatable#its scary how accurate this is#faraz sahab i love you#sfm#goshh#i still feel so overwhelmed#abhi bhi my eyes are red lol#EVERY SINGLE WORD#i soo deeply resonate with#its like he moulded and gave comprehensible shape to#these thoughts and chaos in my mind from the past few days#im dying welp#urdu stuff#poetry#personal#me stuff
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#GodMorningSunday
#noidagbnup16
क्षमा करना सीखो जरा
क्षमा मांगना भी
ईश्वर से डरना सीखो जरा
त्याग करना भी
क्षमा मांगने के लिए
क्षमा करने के लिए
साहस की जरूरत है
सब यहां युद्ध रत है
अंहकार बसा है सबके अंदर
सब बनते अपने आप में सिकंदर
बनना है तो नम्र बनो
अति विनम्र बनो
अपने मन पर तनो।
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GodMorningMonday
🌞🕊️🌞🕊️🌞
अन्त काल में हमारे पास न तो धन रहेगा और न ही यह यौवन और न ही अपना ये गाँव रहेगा और न अपने रहने का स्थान, अर्थात हमारे पास कुछ भी ��हीं होगा। कबीर जी कहते है कि इस जगत में केवल शुभ - कर्म रूपी यश रहेगा, अत: सदैव परमार्थ के सत्कर्मों में रत रहना चाहिए।
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श्रीमद् भगवद्गीता यथारूप 1.46 https://srimadbhagavadgita.in/1/46 सञ्जय उवाच एवमुक्त्वार्जुनः संख्ये रथोपस्थ उपाविशत् । विसृज्य सशरं चापं शोकसंविग्नमानसः ॥ १.४६ ॥ TRANSLATION संजय ने कहा - युद्धभूमि में इस प्रकार कह कर अर्जुन ने अपना धनुष तथा बाण एक ओर रख दिया और शोकसंतप्त चित्त से रथ के आसन पर बैठ गया । PURPORT अपने शत्रु की स्थिति का अवलोकन करते समय अर्जुन रथ पर खड़ा हो गया था, किन्तु वह शोक से इतना संतप्त हो उठा कि अपना धनुष-बाण एक ओर रख कर रथ के आसन पर पुनः बैठ गया । ऐसा दयालु तथा कोमलहृदय व्यक्ति, जो भगवान् की सेवा में रत हो, आत्मज्ञान प्राप्त करने योग्य है । इस प्रकार भगवद्गीता के प्रथम अध्याय “कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरिक्षण” का भक्तिवेदान्त तात्पर्य पूर्ण हुआ । ----- Srimad Bhagavad Gita As It Is 1.46 sañjaya uvāca evam uktvārjunaḥ saṅkhye rathopastha upāviśat visṛjya sa-śaraṁ cāpaṁ śoka-saṁvigna-mānasaḥ TRANSLATION Sañjaya said: Arjuna, having thus spoken on the battlefield, cast aside his bow and arrows and sat down on the chariot, his mind overwhelmed with grief. PURPORT While observing the situation of his enemy, Arjuna stood up on the chariot, but he was so afflicted with lamentation that he sat down again, setting aside his bow and arrows. Such a kind and soft-hearted person, in the devotional service of the Lord, is fit to receive self-knowledge. Thus end the Bhaktivedanta Purports to the First Chapter of the Śrīmad Bhagavad-gītā in the matter of Observing the Armies on the Battlefield of Kurukṣetra. ----- #krishna #iskconphotos #motivation #success #love #bhagavatamin #india #creativity #inspiration #life #spdailyquotes #devotion
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youtube
With Prayers ....
On the occasion of Shree Maa Sharada Devi's Birth Anniversary tomorrow ....
🙏🙏🎶🎶🎵🎵🎶🎶🙏🙏
चंद्र किरण सम विमल मन, दीजो भगवन् …. (Chandra Kiran Sam Vimal Mann….)
राग भूपाल तोड़ी …. Raaga Bhoopal Todi – Live ….
स्थाई
चंद्र किरण सम विमल मन
दीजो भगवन्
अंतरा
शीतल शुभ्र पावन
प्रभु स्मरण रत मन
कीजो भगवन्
राग : भूपाल तोड़ी
रचना और स्वर : वनिता ठक्कर
Lyricist, Composer and Singer : Vanita Thakkar
पूर्णिमा के चंद्र को देखकर ध्यानस्थ श्री माँ शारदा जो प्रार्थना करती थीं, उस पर एक रचना ....
This composition expresses the prayerfulness of Shree Maa Sharada Devi - wife of Thakur Shree Ramakrishna Paramahansa, Swami Vivekananda's Guruji, when she meditated on moonlit Poornima nights ....
This is the live recording of a part of my Riyaaz on 27th November, 2020 …. Background sounds were inevitable. Please use headphones for better results ….
Vanita Thakkar
Omkaar Swar Vihar
#vanita thakkar#indian culture#culture#art#youtube#my music#music#my song#omkaar swar vihar#omkaarswarvihar#my poem#vanitathakkar#devotional#swami vivekananda#ramakrishna mission#Shree Maa Sharada Devi#Shree Maa
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226 अहिल्या प्रसंग
226 अहिल्या प्रसंगअहिल्या को भगवान वाल्मिकी कहते हैं-“अहनि लीयतेते स: अहिल्या”माने ऐसी बुद्धि जिसमें देह की छाया भी न पड़ती हो। जो बुद्धि परमात्मज्ञान से प्रकाशित है, कि जिसके प्रकाश में देह दिखाई न दे, देह की सुधि न रहे। माने देहाध्यास रहित बुद्धि।अहिल्या जब तक संत सेवा में रत थी, पूजनीया थी, पर जिस दिन इन्द्रियों के राजा इन्द्र, माने मन के छल में पड़ी, वासना के कीचड़ में रमण करने लगी, उस दिन…
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जीवनदान का नया अध्याय है रत रक्तदानान
सतलोक आश्रम धनुषा नेपाल में संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर हुआ 170 यूनिट रक्तदान, ऐसे ही परोपकारी कार्य संत रामपाल जी महाराज से प्रेरणा पाकर उनके अनुयायी करते रहते है।
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अध्याय 5 श्लोक 25 श्रीमद्भगवद्गीता
लभन्ते ब्रह्मनिर्वाणमृषयः क्षीणकल्मषाः
छिन्नद्वैधा यतात्मानः सर्वभूतहिते रताः
जो लोग संशय से उत्पन्न होने वाले द्वैत से परे हैं जिनके मन आत्म-साक्षात्कार में रत हैं जो समस्त जीवों के कल्याणकार्य करने में सदैव व्यस्त रहते हैं और जो समस्त पापों से रहित हैं वे ब्रह्मनिर्वाण (मुक्ति) को प्राप्त होते हैं
अध्याय 5 श्लोक 26
कामक्रोधविमुक्तानां यतीनां यतचेतसाम्
अभितो ब्रह्मनिर्वाणं वर्तते विदितात्मनाम्
जो क्रोध तथा समस्त भौतिक इच्छाओं से रहित हैं जो स्वरुपसिद्ध आत्मसंयमी हैं और संसिद्धि के लिए निरन्तर प्रयास करते हैं उनकी मुक्ति निकट भविष्य में सुनिश्चित है
अध्याय 5 श्लोक 29
भोक्तारं यज्ञतपसां सर्वलोकमहेश्र्वरम्
सुहृदं सर्वभूतानां ज्ञात्वा मां शान्तिमृच्छति
मुझे समस्त यज्ञों तथा तपस्याओं का परं भोक्ता, समस्त लोकों तथा देवताओं का परमेश्र्वर एवं समस्त जीवों का उपकारी एवं हितैषी जानकर मेरे भावनामृत से पूर्ण पुरुष भौतिक दुखों से शान्ति लाभ-करता है
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय🦚🌷ᕫ🙏
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#India #indian #sanatandharma #charity #meditation #god #jaishreeram #explorepage #KabirIsGod #sanatandharma #SaintRampalJi #SantRampalJiMaharaj #SantRampalJi_AvataranDiwas #संतरामपालजी_का_संघर्ष आसन नहीं है मंजिल को पाना , सालों का संघर्ष मायने रखता है I कंधों पर उज्जवल समाज का भार लेकर तत्व ज्ञान का दीप जगाना पड़ता है संघर्ष जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो व्यक्ति की दिशा और दशा निर्धारित करता है कुछ लोगों का संघर्ष समाज में परिवर्तन लाने से जुड़ा होता है ��ो इतिहास बन जाता है महापुरुषों ने हमेशा मानवता की भलाई के लिए संघर्ष किया है संत रामपाल जी महाराज एक ऐसे ही महापुरुष है जिन्होंने समाज कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया उन्होंने 1995 में अपनी नौकरी छोड़कर सत्य ज्ञान का प्रचार शुरू किया हालांकि उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा जिसमें 2006 का करोंथाआश्रम पर हमला और 2014 बरवाला कांड शामिल है इन बाधाओं के बावजूद संत रामपाल जी महाराज का तत्व ज्ञान तेजी से फैल रहा है वे समाज में फैली कुरीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं और पूरे विश्व को सुखी बनाने के लिए प्रयास रत हैं Watch Sant Rampal Ji YouTube
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हिंदवी शब्दकोश: हिंदी भाषा की समृद्धि और विविधता का पूर्ण संग्रह
हिन्दवी डिक्शनरी : परिचय
‘हिन्दवी डिक्शनरी’—‘रेख़्ता फ़ाउंडेशन’ की एक नई पहल है। यह फ़ाउंडेशन हिंदी और इसकी प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दकोश की उन्नति और संरक्षण को लेकर प्रयत्नरत है। यह फ़ाउंडेशन वर्ष 2011 से ‘रेख़्ता’, ‘सूफ़ीनामा’, ‘हिन्दवी’ और ‘आमोज़िश’ सहित कई वेबसाइट्स के सक्रिय संचालन में रत है।
‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और इसकी प्रमुख 10 क्षेत्रीय भाषाओं-बोलियों के शब्दों का एक व्यापक संग्रह है। इसमें अवधी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही और मैथिली शामिल हैं। विस्तृत अर्थों के साथ, यह पर्यायवाची, विलोम, कहावत या लोकोक्ति, मुहावरे और विशेष संदर्भ के साथ अन्य बहुत-सी सामग्री प्रदान करता है।
‘हिन्दवी डिक्शनरी’ एक बहुभ���षिक शब्दकोश है। यहाँ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दार्थ हिंदी एवं अँग्रेज़ी में भी देखने को मिलेंगे।
यह उल्लेखनीय है कि ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ को एक रिवर्स डिक्शनरी के रूप में भी तैयार किया गया है, जहाँ अँग्रेज़ी से हिंदी के अर्थ भी सुगमता से प्राप्त किए जा सकते हैं।
हिन्दवी डिक्शनरी : विशेषताएँ
सुविधा और सटीकता सुविधा और सटीकता—प्राथमिक उद्देश्य होने के कारण, ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ को उन सभी विशेषताओं को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अर्थ खोजने को सरल, सहज और तीव्र बनाती हैं। ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ एक सक्षम संपादकीय टीम की कड़ी मेहनत के साथ उच्च तकनीकी सहयोग का परिणाम है।
इस संदर्भ में कुछ उल्लेख-योग्य विशेषताएँ नीचे सूचीबद्ध हैं :
हिंदी, अँग्रेजी और रोमन शब्दों में आसान खोज।
अर्थ खोजने के लिए बस अपना शब्द या वाक्यांश हिंदी, अँग्रेज़ी या रोमन में टाइप करने पर ह��ंदी, अँग्रेज़ी और क्षेत्रीय भाषाओं-बोलियों के सुझाव प्राप्त होंगे।
किसी विशेष शब्द का चयन करने पर उस शब्द के अर्थ के साथ-साथ अन्य विवरण, जैसे : पर्यायवाची, समानार्थक, यौगिक व विलोम शब्द तथा कहावत और मुहावरा भी देख सकते हैं। अगर वह शब्द किसी क्षेत्रीय भाषा-बोली में प्रयोग होता है, तो इसी प्रकार उस शब्द के बारे में भी पूरी जानकारी दी जाएगी।
शब्दों के मूल स्रोत और अन्य विवरण, जैसे शब्द-भेद आदि।
हिंदी गद्य और पद्य के उदाहरण, क्षेत्रीय भाषाओं-बोलियों के शब्दों के उदाहरण; यहाँ मूल रूप में उपलब्ध हैं।
‘हिन्दवी डिक्शनरी’ में व्यावहारिक रूप से प्रदर्शित शब्द खोजने पर उससे संबंधित उदाहरण तथा विशेष टिप्पणी से अर्थों की समझ और संप्रेषणीय हो जाती है।
हिन्दवी डिक्शनरी की सम्पूर्ण समीक्षा
परिचय
हिन्दवी डिक्शनरी एक व्यापक ऑनलाइन संसाधन है, जो हिंदी भाषा और इसकी विभिन्न बोलियों के शब्दों का विस्तृत संग्रह प्रदान करता है। इसमें अवधी, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेली, गढ़वाली, कुमाऊनी, मगही, और मैथिली जैसी भाषाएँ शामिल हैं। यह डिक्शनरी न केवल शब्दों के अर्थ देती है, बल्कि उनके पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे, और कहावतें भी प्रदान करती है।
भाषाओं और बोलियों का समावेश
हिन्दवी डिक्शनरी का सबसे बड़ा आकर्षण इसका बहुभाषी स्वरूप है। यहाँ हिंदी क्षेत्र की प्रमुख बोलियों के शब्द शामिल हैं। उदाहरण के लिए:
अवधी: अवधी भाषा उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और मध्य प्रदेश में बोली जाती है। इस भाषा के कई शब्द, जो साहित्य और दैनिक बोलचाल में उपयोग होते हैं, डिक्शनरी में शामिल हैं।
भोजपुरी: बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में प्रचलित इस भाषा के कई महत्वपूर्ण शब्द और मुहावरे यहाँ मिलते हैं।
ब्रज: मुख्यतः मथुरा और वृंदावन क्षेत्र में बोली जाने वाली ब्रज भाषा के शब्द और उनके अर्थ भी इस डिक्शनरी में विस्तृत रूप से उपलब्ध हैं।
बुंदेली: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली इस भाषा के शब्दों का संग्रह भी यहाँ पाया जा सकता है।
गढ़वाली: उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में प्रचलित इस भाषा के महत्वपूर्ण शब्द और कहावतें इस डिक्शनरी में शामिल हैं।
कुमाऊनी: उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र की इस भाषा के शब्द और उनके उपयोग भी यहाँ विस्तृत रूप में उपलब्ध हैं।
मगही: बिहार और झारखंड की इस भाषा के कई शब्द और मुहावरे यहाँ मिलते हैं।
मैथिली: बिहार के मिथिला क्षेत्र और नेपाल के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली इस भाषा के शब्द और उनके अर्थ भी इस डिक्शनरी में शामिल हैं।
शब्दों की विस्तृत जानकारी
हिन्दवी डिक्शनरी केवल शब्दों के अर्थ तक सीमित नहीं है। यहाँ प्रत्येक शब्द के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई है, जैसे:
पर्यायवाची शब्द: प्रत्येक शब्द के साथ उसके पर्यायवाची शब्द भी दिए गए हैं, जिससे उपयोगकर्ता को उस शब्द के अन्य रूपों को समझने में मदद मिलती है।
विलोम शब्द: हर शब्द के साथ उसके विलोम शब्द भी शामिल हैं, जिससे भाषा के उपयोग में विविधता आती है।
मुहावरे और कहावतें: हिंदी भाषा की समृद्धि को दर्शाने वाले मुहावरे और कहावतें भी यहाँ उपलब्ध हैं, जो दैनिक जीवन और साहित्य में गहरे अर्थ प्रकट करते हैं।
उपयोगिता और लाभ
हिन्दवी डिक्शनरी न केवल भाषा प्रेमियों के लिए बल्कि छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। इसके कई फायदे हैं:
शैक्षिक संसाधन: यह छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो उन्हें विभिन्न भाषाओं और बोलियों के शब्दों को समझने में मदद करता है।
साहित्यिक संदर्भ: शोधकर्ताओं और साहित्य प्रेमियों के लिए यह एक अनमोल संसाधन है, जो विभिन्न भाषाओं के साहित्यिक शब्दों और उनके संदर्भों को समझने में सहायता करता है।
सांस्कृतिक धरोहर: यह वेबसाइट भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का एक उत्कृष्ट माध्यम है।
निष्कर्ष
हिन्दवी डिक्शनरी एक महत्वपूर्ण और व्यापक संसाधन है जो हिंदी भाषा और उसकी विभिन्न बोलियों के शब्दों का विस्तृत संग्रह प्रदान करता है। यह न केवल शब्दों के अर्थ, बल्कि उनके पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे और कहावतें भी प्रदान करता है, जिससे यह एक मूल्यवान संसाधन बनता है। भाषा प्रेमियों, छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए यह एक अनमोल संसाधन है, जो भारतीय भाषाओं की समृद्धि और विविधता को समझने और संरक्षित करने में मदद करता है। अधिक जानकारी के लिए hindwidictionary.com पर जाएँ।
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हिंदवी शब्दकोश: हिंदी भाषा की समृद्धि और विविधता का पूर्ण संग्रह.
हिन्दवी डिक्शनरी : परिचय
‘हिन्दवी डिक्शनरी’—‘रेख़्ता फ़ाउंडेशन’ की एक नई पहल है। यह फ़ाउंडेशन हिंदी और इसकी प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दकोश की उन्नति और संरक्षण को लेकर प्रयत्नरत है। यह फ़ाउंडेशन वर्ष 2011 से ‘रेख़्ता’, ‘सूफ़ीनामा’, ‘हिन्दवी’ और ‘आमोज़िश’ सहित कई वेबसाइट्स के सक्रिय संचालन में रत है।
‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और इसकी प्रमुख 10 क्षेत्रीय भाषाओं-बोलियों के शब्दों का एक व्यापक संग्रह है। इसमें अवधी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही और मैथिली शामिल हैं। विस्तृत अर्थों के साथ, यह पर्यायवाची, विलोम, कहावत या लोकोक्ति, मुहावरे और विशेष संदर्भ के साथ अन्य बहुत-सी सामग्री प्रदान करता है।
‘हिन्दवी डिक्शनरी’ एक बहुभाषिक शब्दकोश है। यहाँ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दार्थ हिंदी एवं अँग्रेज़ी में भी देखने को मिलेंगे।
यह उल्लेखनीय है कि ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ को एक रिवर्स डिक्शनरी के रूप में भी तैयार किया गया है, जहाँ अँग्रेज़ी से हिंदी के अर्थ भी सुगमता से प्राप्त किए जा सकते हैं।
हिन्दवी डिक्शनरी : विशेषताएँ
सुविधा और सटीकता सुविधा और सटीकता—प्राथमिक उद्देश्य होने के कारण, ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ को उन सभी विशेषताओं को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अर्थ खोजने को सरल, सहज और तीव्र बनाती हैं। ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ एक सक्षम संपादकीय टीम की कड़ी मेहनत के साथ उच्च तकनीकी सहयोग का परिणाम है।
इस संदर्भ में कुछ उल्लेख-योग्य विशेषताएँ नीचे सूचीबद्ध हैं :
हिंदी, अँग्रेजी और रोमन शब्दों में आसान खोज।
अर्थ खोजने के लिए बस अपना शब्द या वाक्यांश हिंदी, अँग्रेज़ी या रोमन में टाइप करने पर हिंदी, अँग्रेज़ी और क्षेत्रीय भाषाओं-बोलियों के सुझाव प्राप्त होंगे।
किसी विशेष शब्द का चयन करने पर उस शब्द के अर्थ के साथ-साथ अन्य विवरण, जैसे : पर्यायवाची, समानार्थक, यौगिक व विलोम शब्द तथा कहावत और मुहावरा भी देख सकते हैं। अगर वह शब्द किसी क्षेत्रीय भाषा-बोली में प्रयोग होता है, तो इसी प्रकार उस शब्द के बारे में भी पूरी जानकारी दी जाएगी।
शब्दों के मूल स्रोत और अन्य विवरण, जैसे शब्द-भेद आदि।
हिंदी गद्य और पद्य के उदाहरण, क्षेत्रीय भाषाओं-बोलियों के शब्दों के उदाहरण; यहाँ मूल रूप में उपलब्ध हैं।
‘हिन्दवी डिक्शनरी’ में व्यावहारिक रूप से प्रदर्शित शब्द खोजने पर उससे संबंधित उदाहरण तथा विशेष टिप्पणी से अर्थों की समझ और संप्रेषणीय हो जाती है।
हिन्दवी डिक्शनरी की सम्पूर्ण समीक्षा
परिचय
हिन्दवी डिक्शनरी एक व्यापक ऑनलाइन संसाधन है, जो हिंदी भाषा और इसकी विभिन्न बोलियों के शब्दों का विस्तृत संग्रह प्रदान करता है। इसमें अवधी, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेली, गढ़वाली, कुमाऊनी, मगही, और मैथिली जैसी भाषाएँ शामिल हैं। यह डिक्शनरी न केवल शब्दों के अर्थ देती है, बल्कि उनके पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे, और कहावतें भी प्रदान करती है।
भाषाओं और बोलियों का समावेश
हिन्दवी डिक्शनरी का सबसे बड़ा आकर्षण इसका बहुभाषी स्वरूप है। यहाँ हिंदी क्षेत्र की प्रमुख बोलियों के शब्द शामिल हैं। उदाहरण के लिए:
अवधी: अवधी भाषा उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और मध्य प्रदेश में बोली जाती है। इस भाषा के कई शब्द, जो साहित्य और दैनिक बोलचाल में उपयोग होते हैं, डिक्शनरी में शामिल हैं।
भोजपुरी: बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में प्रचलित इस भाषा के कई महत्वपूर्ण शब्द और मुहावरे यहाँ मिलते हैं।
ब्रज: मुख्यतः मथुरा और वृंदावन क्षेत्र में बोली जाने वाली ब्रज भाषा के शब्द और उनके अर्थ भी इस डिक्शनरी में विस्तृत रूप से उपलब्ध हैं।
बुंदेली: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली इस भाषा के शब्दों का संग्रह भी यहाँ पाया जा सकता है।
गढ़वाली: उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में प्रचलित इस भाषा के महत्वपूर्ण शब्द और कहावतें इस डिक्शनरी में शामिल हैं।
कुमाऊनी: उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र की इस भाषा के शब्द और उनके उपयोग भी यहाँ विस्तृत रूप में उपलब्ध हैं।
मगही: बिहार और झारखंड की इस भाषा के कई शब्द और मुहावरे यहाँ मिलते हैं।
मैथिली: बिहार के मिथिला क्षेत्र और नेपाल के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली इस भाषा के शब्द और उनके अर्थ भी इस डिक्शनरी में शामिल हैं।
शब्दों की विस्तृत जानकारी
हिन्दवी डिक्शनरी केवल शब्दों के अर्थ तक सीमित नहीं है। यहाँ प्रत्येक शब्द के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई है, जैसे:
पर्यायवाची शब्द: प्रत्येक शब्द के साथ उसके पर्यायवाची शब्द भी दिए गए हैं, जिससे उपयोगकर्ता को उस शब्द के अन्य रूपों को समझने में मदद मिलती है।
विलोम शब्द: हर शब्द के साथ उसके विलोम शब्द भी शामिल हैं, जिससे भाषा के उपयोग में विविधता आती है।
मुहावरे और कहावतें: हिंदी भाषा की समृद्धि को दर्शाने वाले मुहावरे और कहावतें भी यहाँ ���पलब्ध हैं, जो दैनिक जीवन और साहित्य में गहरे अर्थ प्रकट करते हैं।
उपयोगिता और लाभ
हिन्दवी डिक्शनरी न केवल भाषा प्रेमियों के लिए बल्कि छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। इसके कई फायदे हैं:
शैक्षिक संसाधन: यह छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो उन्हें विभिन्न भाषाओं और बोलियों के शब्दों को समझने में मदद करता है।
साहित्यिक संदर्भ: शोधकर्ताओं और साहित्य प्रेमियों के लिए यह एक अनमोल संसाधन है, जो विभिन्न भाषाओं के साहित्यिक शब्दों और उनके संदर्भों को समझने में सहायता करता है।
सांस्कृतिक धरोहर: यह वेबसाइट भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का एक उत्कृष्ट माध्यम है।
निष्कर्ष
हिन्दवी डिक्शनरी एक महत्वपूर्ण और व्यापक संसाधन है जो हिंदी भाषा और उसकी विभिन्न बोलियों के शब्दों का विस्तृत संग्रह प्रदान करता है। यह न केवल शब्दों के अर्थ, बल्कि उनके पर्यायवाची, विलोम, मुहावरे और कहावतें भी प्रदान करता है, जिससे यह एक मूल्यवान संसाधन बनता है। भाषा प्रेमियों, छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए यह एक अनमोल संसाधन है, जो भारतीय भाषाओं की समृद्धि और विविधता को समझने और संरक्षित करने में मदद करता है। अधिक जानकारी के लिए hindwidictionary.com पर जाएँ।
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