#हुआ..देखकर
Explore tagged Tumblr posts
thebharatexpress · 2 years ago
Text
बारात में झूमकर नाच रहा था घोड़ा, फिर दूल्हे के साथ जो हुआ..देखकर बारातियों में मचा हड़कंप
बारात में झूमकर नाच रहा था घोड़ा,  बैतूल। शादी विवाह के सीजन में बैंड बाजा और बराती फूल मूड में नजर आते रहे हैं, लेकिन बैतुल में एक अलग ही नजारा देखने को मिला जहां बरातियों के साथ-साथ जिस घोड़े पर दूल्हा सवार था वो घोड़ा भी फूल मूड में आ गया। फिर जो हुआ वो आप खुद ही अपनी आंखों से देख लीजिए। ALSO READ- छात्रा का रेप फिर बनाया न्यूड VIDEO: 17 साल के स्टूडेंट ने किया दुष्कर्म ; वीडियो वायरल करने की दी…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
sachindc · 7 months ago
Text
Tumblr media
सर्वशक्तिमान कबीर जी ने दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के असाध्य जलन के रोग को जो कि किसी भी प्रकार की औषधि सेवन से और भी जंतर मंत्र किसी से भी ठीक नहीं हुआ लेकिन कबीर साहेब के आशीर्वाद से ठीक हो गया था और भी बहुत से चमत्कार देखकर सिकंदर लोदी ने कबीर साहेब जी से नाम उपदेश लिया, उनके शिष्य बने।
124 notes · View notes
guddudas · 2 months ago
Text
Tumblr media
गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’
अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन्! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान पवित्र वेदों के मंत्रों द्वारा उच्चारण कर रहे हैं तथा अपने जीवन की रक्षा के लिए मंगल कामना कर रहे हैं। कुछ आपके दाढ़ों में लटक रहे हैं, कुछ आपके मुख में समा रहे हैं। हे सहस्रबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं रख पा रहा हूँ।
श्री कृष्ण जी तो अर्जुन के साले थे। श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था। क्या व्यक्ति अपने साले को भी नहीं जानता? इससे सिद्ध है कि गीता का ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा, काल ब्रह्म ने बोला था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
7 notes · View notes
helputrust · 2 months ago
Text
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
लखनऊ, 22.10.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय, फैजाबाद रोड, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 521 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल व बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ॰ एस.एम.के. रिज़वी, वित्त निदेशक प्रदीप कुमार सक्सैना, एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर डॉ॰ शुभम प्रताप सिंह एवं रेड ब्रिगेड से श्री अजय पटेल ने दीप प्रज्वलित किया |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, "यह देखकर बेहद खुशी हो रही है कि आप सभी इस महत्वपूर्ण सेल्फ डिफेंस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं । हम सभी जानते हैं कि आज का समय चुनौतियों से भरा हुआ है । हमें खुद को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी कठिन परिस्थिति का डटकर सामना कर सकें । सेल्फ डिफेंस सि��्फ शारीरिक तकनीक नहीं है, यह हमें मानसिक रूप से भी सशक्त बनाती है । यह सिखाती है कि कैसे अपनी आवाज बुलंद करें, अपने हक और आत्मसम्मान की रक्षा करें । हमें अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक होना चाहिए और जरूरत पड़ने पर आत्मरक्षा में सक्षम होना चाहिए । आइए, हम मिलकर यह संकल्प लें कि हम खुद को इतना सशक्त बनाएंगे कि किसी भी परिस्थिति में सुरक्षित रहें और दूसरों के लिए प्रेरणा बनें ।"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्य���य तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं l महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है l आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है l महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है l आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी l आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं l फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं l हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा l आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके l"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम अख्तर, तलत अख्तर, सुश्री खुशी शुक्ला, सुश्री सुमन ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया l
कार्यशाला में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल तथा बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ॰ एस.एम.के. रिज़वी, वित्त निदेशक प्रदीप कुमार सक्सैना, एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर डॉ॰ शुभम प्रताप सिंह, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर, तलत अख्तर, सुश्री खुशी शुक्ला, सुश्री सुमन तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
#Selfdefenseforwomen #Womenempowerment #Selfdefensetraining #FemaleEmpowerment #EmpowerWomen #Selfprotection #Personaldefense #Safetyfirst #Safetytips #Strongertogether #ServeHumanity #Selfdefencewarrior
#BabuBanarasiDasUniversity #DrSMKRizvi
#GoCampaign #RedBrigadeTrust #AjayPatel #SushmitaBharti
#NarendraModi #PMOIndia
#YogiAdityanath #UPCM
#HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
#KiranAgarwal #DrRupalAgarwal #HarshVardhanAgarwal
#followers #highlight #topfans
www.helputrust.org
@narendramodi @pmoindia
@MYogiAdityanath @cmouttarpradesh
@theGOCampaign @redbrigadetrust.org
@HelpUEducationalAndCharitableTrust @HelpU.Trust
@KIRANHELPU
@HarshVardhanAgarwal.HVA @HVA.CLRS @HarshVardhanAgarwal.HelpUTrust
@HelpUTrustDrRupalAgarwal @RupalAgarwal.HELPU @drrupalagarwal
@HelpUTrustDrRupal
@followers @highlight @topfans
9 notes · View notes
lucifar7000 · 4 months ago
Text
Including link: https://www.freesexkahani.com/
"दोस्तो, मेरा नाम युग है और मैं मध्यप्रदेश राज्य के भोपाल शहर में रहता हूँ.
मैं अक्सर चूत चुदाई की कहानी पढ़ता रहता हूं और दिन में दो बार हिला लेता हूँ.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी छोटी बहन वर्षा की चुदाई की कहानी है.
इसमें आप पढ़ेंगे कि कैसे मैंने अपनी ही सगी बहन को चोदकर अपनी रंडी बना लिया.
यह Xxx सिस फक कहानी आज से एक साल पहले की उस समय की है जब मैंने 12 वीं के बोर्ड के इम्तिहान दिए थे.
एग्जाम के बाद से स्कूल की छुट्टी चल रही थीं.
मैं अपने परिवार के बारे में बता दूं.
मेरे घर में पाँच सदस्य हैं. मम्मी-पापा, दीदी और एक छोटी बहन.
मेरे पापा का नाम सुदेश है. उनकी उम्र 44 साल है.
मेरी मम्मी का नाम अदिति है. उनकी उम्र 42 साल है. लेकिन वे 30 से ज्यादा की नहीं लगती हैं.
उनका फिगर 32-28-36 का है. वे पारदर्शी साड़ी पहनती हैं और नाभि से नीचे साड़ी को बांधती हैं.
पारदर्शी साड़ी के साथ टू बाय टू की रुबिया के झीने ब्लाउज में से उनकी ब्रा साफ दिखाई देती है.
उनकी थिरकती चूचियों और मटकती गांड को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
मेरी एक बड़ी बहन है, जिसका का नाम दीपाली है.
वह मुझसे एक साल बड़ी है और वह भी बहुत सेक्सी दिखती है.
दीपाली के बाद मैं हूँ और मुझसे छोटी बहन है.
उसका नाम वर्षा है.
वह मुझसे एक साल छोटी है.
उसकी उम्र 18 साल की है. उसने अभी जवानी की दहलीज पर अपना पहला कदम रखा ही है.
उसके दूध मस्त गोरे हैं और बहुत ही कांटा आइटम है.
उसकी फूली हुई गांड के बीच की द��ार को देखकर मेरा उसे चोदने का मन करता है.
मैंने कई बार उसकी ब्रा पैंटी को सूंघकर लंड हिलाया है.
उन दिनों मैं उसकी चूत और गांड में लंड डालने की प्लानिंग कर रहा था.
वैसे सपनों में तो मैं उसे कई बार चोद चुका था पर हकीकत में उसे चोदने में डर लगता था कि कहीं उसने शोर मचा दिया तो सारी इज्जत की मां चुद जाएगी.
यों तो हम दोनों काफी खुले हुए हैं और हमें एक दूसरे के सारे सीक्रेट पता हैं.
कभी कभी वह मुझे गले लगाती है, तो उसके दूध मेरे सीने से लग कर एक मीठी रगड़ दे जाते हैं.
मैं उसके चूतड़ भी सहला देता था.
उस वक्त मन ही मन मैं उसे चोदने का सोचने लगता था.
ऐसा लगता था कि इसे यहीं घोड़ी बना कर इसकी गांड मार दूं.
एक रात को हम सब मिलकर टीवी देख रहे थे और वह हमेशा की तरह मेरी बगल में बैठी टीवी देख रही थी.
मैं भी हमेशा की तरह उसकी टांग से टांग रगड़ कर मस्त हो गया था. मेरा हाथ भी उसकी टांग पर घूम रहा था.
उस दिन काफी रात हो गई थी तो हम सब सोने के लिए जाने लगे.
वर्षा मेरे साथ सोती थी.
मैं भी उसके सो जाने के बाद उसके दूध दबाता, गांड में लंड रगड़ता … लेकिन कभी चोद नहीं सका था.
एक दिन मम्मी और दीदी मौसी के घर निकल गईं वे दो दिन के लिए गई थीं.
कुछ देर बाद पापा भी ऑफिस के लिए निकल गए थे.
पापा को दारू पीने की आदत है और आज मम्मी के न होने से उनके लिए यह किसी त्यौहार के जैसा दिन था.
मैं जानता था कि पक्के में आज पापा दोस्तों के साथ अपनी महफ़िल जमाएंगे.
मुझे पूरी उम्मीद थी कि वे मुझे फोन करके घर आने से मना करेंगे.
वही हुआ भी … एक घंटा बाद उनका फोन आ गया कि वे ऑफिस के काम से बाहर जा रहे हैं और कल शाम तक या परसों वापस आ जाएंगे.
उनके फोन से मुझे बेहद खुशी हुई कि अब बहन की चूत चोदी जा सकती है.
अब घर मैं और वर्षा अकेले थे.
आज चुदाई का सही समय था.
मैं हॉल में टीवी देख रहा था और वर्षा कमरे में थी.
मैंने सोचा कि चल कर देखूँ कि वर्षा क्या कर रही है.
मैं कमरे में गया तो वर्षा तौलिया में मेरे सामने थी. वह नहा कर निकली थी.
उसकी तौलिया छोटी थी, जिससे उसके दूध दिख रहे थे.
उसने गुस्से से मुझे बाहर जाने को कहा, मैं बाहर आ गया.
लेकिन अब उसे चोदने का मन कर रहा था.
शाम हो गई, मैं छत पर बैठा था कि तभी वह आई.
वर्षा- सॉरी भैया, मैं आज आप पर चिल्लायी.
मैं- कोई बात नहीं. वैसे तुम बहुत खूबसूरत हो!
वर्षा- आपको कैसे पता कि मैं खूबसूरत हूं?
मैं- आज तुम्हें बिना कपड़ों के देखा, तब से जान�� कि तुम बेहद खूबसूरत हो … आई लव यू वर्षा. सच में मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं.
मैंने न जाने किस आवेश में उससे यह कह तो दिया लेकिन मुझे डर लग रहा था कि अब वह क्या कहती है.
वह मेरी बात सुनकर मुस्कुरा दी और फिर एकदम से आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगी.
मैं भी उसका साथ देने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा.
हम दोनों की 5 मिनट के किस के बाद वह हट गई और शर्माने लगी.
मैंने उसकी तरफ देख कर उसे वापस अपनी गोदी में लेने के लिए हाथ बढ़ाया.
तो वह कहने लगी- आज रात को आपके लिए मेरे पास कुछ बहुत खास है.
मैं समझ गया कि आज मैं इसकी चूत का रस ले सकूँगा.
मैंने कहा- आज खाना मत बनाना, मैं बाहर से ले आऊंगा.
उसने पूछा- क्या पापा का खाना भी लेकर आओगे?
मैंने उसे आंख मारते हुए बताया- नहीं, आज पापा अपनी दारू के प्रोग्राम में व्यस्त रहेंगे शायद … उनका फोन आया था कि वे कल शाम तक वापस आएंगे या हो सकता है कि परसों ही घर आ पाएं!
यह सुनकर मेरी छोटी बहन मुस्कुरा दी और बोली- ओके, इस खबर के लिए अब आपको और भी बढ़िया उपहार मिलेगा.
मैं समझ गया कि शायद अब यह और ज्यादा कामुक होकर चुदना चाहती है.
कुछ देर बाद मैं बाजार गया और वहां से खाना पैक करवा कर मेडिकल स्टोर से सेक्स की गोली लेता हुआ घर के लिए निकल पड़ा.
घर वापस आया तो 8 बज गए थे.
मैं घर पहुंचा तो मैंने देखा कि वर्षा ने लाल रंग की शॉर्ट नाइटी पहन रखी थी.
उसने मुझे देख कर आंख मारी और पूछा- मैं कैसी लग रही हूं?
मैं- बहुत सेक्सी लग रही हो मेरी जान!
यह कह कर मैं उस पर झपटने को हुआ.
वर्षा- चलो, पहले खाना खाना खाते हैं. आज की रात मैं तुम्हारी हूं, जो करना है … कर लेना.
फिर हम दोनों ने खाना खाया और मैं कमरे में गया.
मैंने देखा कि कमरा तो एकदम करीने से सजा हुआ था. उसने तकियों और कुशन से बेड सजाया था.
मैं मन ही मन खुश हुआ.
वर्षा- सजावट कैसी लग रही है?
मैं- अच्छी है, पर क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो!
वर्षा- मैं तो आपसे कबसे प्यार करती हूं, बस आप ही देर कर रहे थे.
मैं उसकी तरफ मादक भाव से देखने लगा.
मैं वर्षा को किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसकी नाइटी उतार कर फेंक दी. उसने नाइटी के नीचे कुछ नहीं पहना था, शायद वह पूरी तरह नंगी होकर चुदवाना चाहती थी.
उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा लंड चूसने लगी.
वह एकदम पेशेवर रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी.
उसका लंड चूसना देख कर मुझे संदेह हुआ कि कहीं इसकी चूत पहले से ही तो खुली हुई नहीं है!
पर अगले ही पल मैं शांत हो गया कि कमसिन लड़की की चूत को सीलबंद चूत समझ कर ही चोदना चाहिए.
मैंने उसके सर पर अपना हाथ रख कर उसे अपने लौड़े पर दबाते हुए कहा- मेरी रानी, इतना अच्छा लंड चूसना कहां से सीखा?
वर्षा- मैंने बहुत सारी पोर्न फिल्में देखी हैं. भैया मैं जानबूझ कर अपनी पैंटी और ब्रा बाथरूम में छोड़ देती थी ताकि आप उसे सूंघकर अपना लंड हिला सकें.
मैं- तुम मुझसे कबसे प्यार करती हो?
वर्षा- जब से मैंने आपका 7 इन्च लम्बा लंड देखा है, बस तभी से आपसे चुदवाना चाहती हूं.
यह कहते हुए उसने खड़े होकर अपनी सफ़ाचट चूत मुझे दिखाई.
मैंने उसकी चूत की महक को अपने नथुनों में भरा और कामोन्मत्त हो गया.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए.
वह मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा.
कुछ मिनट बाद उसने मुझसे कहा- भाई, अब रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से अपना लंड डाल दो.
मैंने चुदाई की स्थिति बनाई और उसकी चूत की तरफ देखने लगा कि इतनी संकरी चूत में मेरा मूसल कैसे घुस सकता है.
तभी उसने मेरा लंड अपने हाथ से अपनी चूत पर सैट कर दिया.
मेरा सुपारा उसकी चूत की बंद लकीर पर मुँह मारने लगा.
वह भी सुपारे की गर्मी पाकर अपनी गांड हिलाती हुई मेरे लंड को अन्दर बुलाने लगी थी.
मुझसे रहा न गया और मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया.
शॉट एकदम सही समय पर और सही जगह पर लगा था तो करीब ढाई इंच लंड चूत को फाड़ कर अन्दर घुस गया था.
लंड क्या घुसा, उसकी तो चीख ही निकल गई.
उसकी चीख बता रही थी कि पक्का यह उसका पहली बार वाला हमला था.
मैं सजग हो गया और अन्दर ही अन्दर बेहद खुश भी हो गया था कि आज चूत फाड़ने का पहला मौका मिला है.
अब मैं उसे किस करने लगा और उसे सहलाने लगा, उसका एक दूध अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.
अपने चूचे चुसवाने से उसे अच्छा लगने लगा.
थोड़ी देर बाद वह खुद अपनी कमर उठा कर लंड लेने लगी.
उसका दर्द कम हो गया था.
मैंने एक और जोरदार धक्का लगाया और अपना पूरा लंड उसकी चूत की जड़ तक उतार दिया.
उसकी दर्द भरी चीख निकल गई पर इस बार मेरे होंठ चूसने की वजह से आवाज नहीं निकल पाई.
इस बार मैंने बिना रुके धक्कों की स्पीड तेज कर दी.
उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
फिर 5 मिनट तक चुदाई के बाद उसे भी मजा आने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी- आह हहह हहह आज मेरी चूत फ़ाड़ कर इसका भोसड़ा बना दो … बड़ा मजा आ रहा है भैया … आहह आज मेरी चूत की माँ चुद गईई ईई आह.
मुझे अपनी बहन की चूत रगड़ने में बेहद सुकून मिल रहा था.
मैं भी सांड की तरह अपनी छोटी बहन को बकरी समझ कर चोदने में लगा हुआ था.
काफी देर की जोरदार चुदाई के बाद मैंने चूत से लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.
वह अच्छी तरह से लंड चूसने लगी.
मैंने उसके मुँह में ही जोर जोर से ��क्के लगाने शुरू कर दिए और 5 मिनट बाद उसके मुँह में ही झड़ गया.
उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा, दो बार उसकी चूत और एक बार गांड बजाई.
Xxx सिस फक के बाद हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
अगली सुबह मैं 12 बजे उठा.
तब तक वर्षा नहाकर तैयार हो गई थी.
उसने मुझे जगाया और एक किस किया.
मैं जागा तो उसने मुझसे फ्रेश होने को कहा.
उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता, हम दोनों दबा कर चुदाई करते.
मैंने वर्षा की मदद से अपनी मम्मी को भी चोदा.
यह सब कैसे हुआ था, उसे मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
11 notes · View notes
kahanikerang · 1 month ago
Text
कहानी के रंग: शादीशुदा औरत और रिश्तों की अनकही बातें
कहानी के रंग: शादीशुदा औरत और रिश्तों की अनकही बातें
कहानी "कहानी के रंग" एक शादीशुदा औरत के जीवन की उन भावनाओं और उलझनों को उजागर करती है, जो अकसर छुपी रह जाती हैं। यह हिंदी कहानी पारिवारिक रिश्तों, जिम्मेदारियों, और कुछ अनकहे पलों की बुनावट में रची गई है। मुख्य पात्र लाजवंती, एक ऐसी औरत है जिसका परिवार छोटा है, लेकिन जीवन के अनुभव गहरे हैं।
कहानी का सारांश
लाजवंती का जीवन अपने पति के साथ साधारण और ���ांत है, लेकिन उनकी गोद अभी तक सूनी है। एक दिन उनके घर की बिजली खराब हो जाती है, और मदद के लिए लाजवंती अपनी दीदी से संपर्क करती है। दीदी के बड़े बेटे मनोहर, जिसे प्यार से "मोनू" कहा जाता है, मदद के लिए आता है। लंबे समय बाद अपने भांजे को देखकर लाजवंती के मन में बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं।
मनोहर का व्यक्तित्व अब पूरी तरह बदल चुका है। वह लंबा-चौड़ा, आत्मविश्वासी और मजाकिया है। उसके और लाजवंती के बीच हुई बातचीत में बचपन की मस्ती और आज की परिपक्वता झलकती है। लेकिन इसी दौरान कुछ अनपेक्षित घटनाएं भी घटती हैं, जो कहानी को एक नया मोड़ देती हैं।
youtube
रिश्तों की गहराई और उलझनें
कहानी में लाजवंती और मनोहर के रिश्ते के बीच की मासूमियत और भावनात्मक पहलुओं को बड़ी खूबसूरती से दिखाया गया है। मनोहर की छोटी-छोटी बातें और उसकी हरकतें लाजवंती के मन को एक नई दिशा देती हैं। लेकिन कहानी में एक ऐसा क्षण भी आता है, जहां लाजवंती उलझन में पड़ जाती है कि क्या जो हुआ वह सही था या गलत।
पारिवारिक रिश्तों की झलक
यह कहानी केवल लाजवंती और मनोहर के रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें परिवार के अन्य सदस्यों की अहमियत भी झलकती है। लाजवंती की दीदी, उनके पति और मनोहर का पारिवारिक बंधन कहानी को और गहराई देता है।
हिंदी कहानियों का महत्व
"कहानी के रंग" जैसी कहानियां भारतीय समाज की भावनाओं, संघर्षों और रिश्तों को उभारती हैं। ऐसी कहानियां हिंदी साहित्य में अपने अनूठे अंदाज और पारिवारिक मूल्यों के लिए जानी जाती हैं।
के लिए हिंदी कीवर्ड्स:
हिंदी कहानी
पारिवारिक रिश्तों की कहानी
शादीशुदा औरत की कहानी
रिश्तों की गहराई
कहानी के रंग
हिंदी साहित्य
अनकही बातें
भावनात्मक कहानी
2 notes · View notes
indrabalakhanna · 2 months ago
Text
Ishwar TV Satsang | 07-11-2024 | Episode: 2566| Sant Rampal Ji Maharaj L...
*🪷बन्दीछोड़ सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी की जय🪷*
♦♦♦
07/11/24
📙📙📙📙📙📙📙
#GodMorningThursday
#ThursdayMotivation
#ThursdayThoughts
#गूढ़_रहस्य_गीता_का
Sant Rampal Ji Explains Gita
#FactfulDebates
#gita #bhagwatgeeta #bhagvadgita #Om #God #shrikrishna #krishna #Scripture #bhakti #GeetaTeraGyanAmrit
#GyanGanga #spiritual #GyanGanga_AudioBook
#viral #viralreels #viralreelsfb #trending #reelsinstagram #WhatsApp #bookstagram #viralvideo #Ram #AadiRam #vishnu #books #spirituality #Guru #guruji #satguru
#TrueGuru #SaintRampalJi #TatvadarshiSant
#SantRampalJiMaharaj
1📙 पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी का ज्ञान किसने कहा?
जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
2📙 ‘‘गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’’:-
जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
3📙गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’
अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन्! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान पवित्र वेदों के मंत्रों द्वारा उच्चारण कर रहे हैं तथा अपने जीवन की रक्षा के लिए मंगल कामना कर रहे हैं। कुछ आपके दाढ़ों में लटक रहे हैं, कुछ आपके मुख में समा रहे हैं। हे सहस्रबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं रख पा रहा हूँ।
श्री कृष्ण जी तो अर्जुन के साले थे। श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था। क्या व्यक्ति अपने साले को भी नहीं जानता? इससे सिद्ध है कि गीता का ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा, काल ब्रह्म ने बोला था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
4📙अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि ‘हे अर्जुन! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।‘
��िद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
5📙पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ। श्री कृष्ण जी काल नहीं हो सकते। उनके दर्शन मात्र को तो दूर-दूर क्षेत्र के स्त्री तथा पुरुष तड़फा करते थे। पशु-पक्षी भी उन��ो प्यार करते थे।
6📙गीता अध्याय 7 श्लोक 24-25 में गीता ज्ञान दाता प्रभु ने कहा है कि बुद्धिहीन जन समुदाय मेरे उस घटिया (अनुत्तम) अटल विधान को नहीं जानते कि मैं कभी भी मनुष्य की तरह किसी के सामने प्रकट नहीं होता। मैं अपनी योगमाया से छिपा रहता हूँ।
गीता ज्ञान दाता श्री कृष्ण जी नहीं है क्योंकि श्री कृष्ण जी तो सर्व समक्ष साक्षात् थे। श्री कृष्ण नहीं कहते कि मैं अपनी योगमाया से छिपा रहता हूँ। इसलिए गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी के अन्दर प्रेतवत् प्रवेश करके काल ने बोला था।
7📙गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन! मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं। भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है। जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी नहीं उठाऊँगा। श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला। पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए। प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
8📙जिस समय काल ब्रह्म ने श्री कृष्ण जी के शरीर से बाहर निकलकर अपना विराट रूप दिखाया, वह बहुत प्रकाशमान था। अर्जुन भयभीत हो गया तथा श्री कृष्ण उस विराट रूप के प्रकाश में ओझल हो गया था। इसलिए पूछ रहा था कि आप कौन हो? क्या अपने साले से भी यह पूछा जाता है कि आप कौन हो? इसलिए गीता का ज्ञान काल ब्रह्म ने श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके बोला था।
9📙गीता अध्याय 18 श्लोक 43 में गीता ज्ञान दाता ने क्षत्री के स्वभाविक कर्मों का उल्लेख करते हुए कहा है कि ‘‘युद्ध से न भागना’’ आदि-2 क्षत्री के स्वभाविक कर्म हैं। इससे सिद्ध हुआ कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने नहीं बोला। क्योंकि श्री कृष्ण जी स्वयं क्षत्री होते हुए कालयवन के सामने से युद्ध से भाग गए थे। व्यक्ति स्वयं किए कर्म के विपरीत अन्य को राय नहीं देता। न उसकी राय श्रोता को ठीक जचेगी। वह उपहास का पात्र बनेगा। यह गीता ज्ञान ब्रह्म(काल) ने प्रेतवत् श्री कृष्ण जी में प्रवेश करके बोला था। भगवान श्री कृष्ण रूप में स्वयं श्री विष्णु जी ही अवतार धार कर आए थे।
10📙काल भगवान जो इक्कीस ब्रह्मण्ड का प्रभु है, उसने प्रतिज्ञा की है कि मैं स्थूल शरीर में व्यक्त(मानव सदृश अपने वास्तविक) रूप में स���के सामने नहीं आऊँगा। उसी ने सूक्ष्म शरीर बना कर प्रेत की तरह श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके पवित्र गीता जी का ज्ञान तो सही(वेदों का सार) कहा, परन्तु युद्ध करवाने के लिए भी अटकल बाजी में कसर नहीं छोड़ी।
🙏Must Visit & Watch
Sant Rampal Ji Maharaj
On YouTube Channel
Factful Debates On YouTube Channel
Watch Daily
Sadhana 📺 Channel 7:30p.m. To 8:30p.m.
Sant Rampalji Maharaj
2 notes · View notes
chocolatefoxdelusion · 2 months ago
Text
Tumblr media
गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’
अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन्! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान पवित्र वेदों के मंत्रों द्वारा उच्चारण कर रहे हैं तथा अपने जीवन की रक्षा के लिए मंगल कामना कर रहे हैं। कुछ आपके दाढ़ों में लटक रहे हैं, कुछ आपके मुख में समा रहे हैं। हे सहस्रबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं रख पा रहा हूँ।
श्री कृष्ण जी तो अर्जुन के साले थे। श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था। क्या व्यक्ति अपने साले को भी नहीं जानता? इससे सिद्ध है कि गीता का ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा, काल ब्रह्म ने बोला था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
-
देखें ➡️ प्रतिदिन साधना चैनल शाम 07:30 बजे।
Watch Sant Rampal Ji YouTube Channel.
📌अधिक जानकारी के लिए PlayStore से "Sant Rampal Ji Maharaj" App Download करें ।
2 notes · View notes
dilip775 · 2 months ago
Text
Tumblr media
गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’
अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन्! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान पवित्र वेदों के मंत्रों द्वारा उच्चारण कर रहे हैं तथा अपने जीवन की रक्षा के लिए मंगल कामना कर रहे हैं। कुछ आपके दाढ़ों में लटक रहे हैं, कुछ आपके मुख में समा रहे हैं। हे सहस्रबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं रख पा रहा हूँ।
श्री कृष्ण जी तो अर्जुन के साले थे। श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था। क्या व्यक्ति अपने साले को भी नहीं जानता? इससे सिद्ध है कि गीता का ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा, काल ब्रह्म ने बोला था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
2 notes · View notes
hemasahus-blog · 6 months ago
Text
नकली धर्मगुरुओं ने मिलकर एक बार सिकंदर लोधी राजा को बहकाकर कबीर साहेब को हाथी से कुचलवाने की सजा दिलवा दी।
कबीर परमात्मा जी के हाथ पाँव बांध कर उन्हें एक मदमस्त खूनी हाथी के आगे डाल दिया।
जब हाथी कबीर परमात्मा को मारने के लिए आगे बढ़ा तो उसे परमात्मा ने एक बब्बर शेर का रूप दिखा दिया। जिसे देखकर हाथी भयभीत हो गया व डर कर भाग गया। सिकंदर लोधी को भी परमात्मा ने अपना विराट रूप दिखाया। राजा थर्र थर्र काँपता हुआ नीचे आया और कबीर परमेश्वर को दंडवत प्रणाम किया व क्षमा याचना की।
Tumblr media
🫴🏻 अब संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुनिए....
🏵️ ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00​ से 7:00​ तक
🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00​ से 3:00​ तक
🏵️ साधना टी. वी. पर शाम 7:30​ से 8:30​ तक
📣 Visit our YouTube channel Sant Rampal ji Maharaj
📌अधिक जानकारी के लिए PlayStore से "Sant Rampal Ji Maharaj" App Download करें ।
3 notes · View notes
marchsstuff · 1 year ago
Text
परिपक्वता का अर्थ है अपने परिवार के संघर्ष और दर्द को देखना और थोड़ा सा भी फर्क लाकर उसे दूर करने की चाहत रखना।
परिपक्वता का अर्थ है अपने पिता पर क्रोधित होना लेकिन साथ ही यह समझना भी कि वह प्रतिदिन किन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं।
परिपक्वता का अर्थ है अपनी माँ से ना समझने के लिए लड़ना, लेकिन यह भी जानना कि उसने आपके लिए कितना कुछ किया है .
परिपक्वता यह जानना है कि आपके माता-पिता आपको वह सब कुछ कैसे दे रहे हैं जो उन्हें अपने जीवन में नहीं मिला।
Tumblr media Tumblr media
परिपक्वता यही है कि अपनी माँ की आँखों में दर्द और आवाज़ में गुस्सा देखकर उसका कारण जान लो।
परिपक्वता यह देखना है कि आप जहां हैं वहां तक ​​पहुंचने के लिए आपकी मां ने कितना त्याग किया है।
परिपक्वता यह है कि आपके पिता थके हुए और तनावग्रस्त होकर घर आएं लेकिन उनका चेहरा देखकर यह जान लें कि कुछ हुआ है।
परिपक्वता का अर्थ है अपने माता-पिता को लड़ते हुए देखना और ऐसा महसूस करना कि इसका कारण आप ही हैं लेकिन फिर भी कभी भी अपने छोटे भाई को वह महसूस न होने दें जो आप हमेशा महसूस करते थे।
Tumblr media Tumblr media
परिपक्वता वह है जब आप अपने भाई को हर स्थिति से छुपाते हैं जब आप जानते हैं कि यह बुरा होने वाला है।
परिपक्वता का अर्थ है घर से बाहर निकलने की चाहत लेकिन साथ ही अपने भाई को अकेला नहीं रहने देना।
परिपक्वता का मत��ब कभी-कभी बड़ा व्यक्ति बनना भी होता है, तब भी जब आप जानते हैं कि आप सही हैं.
परिपक्वता यह जानना है कि कभी-कभी समस्या आप नहीं बल्कि स्थिति होती है।
परिपक्वता यह जानना है कि आपके माता-पिता भी सिर्फ इंसान हैं और वे भी गलतियाँ करते हैं, कोई भी व्यक्ति आदर्श नहीं होता।
22 notes · View notes
ajitdas0987 · 7 months ago
Text
लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे एवं जिनकी कृपा से नल नील के हाथों समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे।
इस आध्यात्मिक रहस्य को जानने के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ।
🔹कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया।
🔹त्रेतायुग में नल तथा नील दोनों ही कबीर परमेश्वर के शिष्य थे। कबीर परमेश्वर ने नल नील को आशीर्वाद दिया था कि उनके हाथों से कोई भी वस्तु चाहें वह किसी भी धातू से बनी हो,जल में डूबेगी नहीं। परंतु अभिमान होने के कारण नल नील के आशीर्वाद को कबीर परमेश्वर ने वापस ले लिया था। तब कबीर परमेश्वर ने एक पहाड़ी के चारों और रेखा खींचकर उसके पत्थरों को हल्का कर दिया था। वही पत्थर समुद्र पर तैरे थे।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब ने मुनींद्र ऋषि रूप में एक पहाड़ी के आस-पास रेखा खींचकर सभी पत्थर हल्के कर दिये थे। फिर बाद में उन पत्थरों को तराशकर समुद्र पर रामसेतु पुल का निर्माण किया गया था।
इस पर धर्मदास जी ने कहा हैं :-
"रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले।धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।"
🔹कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।
🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब जी मुनीन्द्र ऋषि के रूप में प्रकट हुए, नल-नील को शरण में लिया और जब रामचन्द्र जी द्वारा सीता जी को रावण की कैद से छुड़वाने की बारी आई तो समुद्र में पुल भी ऋषि मुनीन्द्र रूप में परमात्मा कबीर जी ने बनवाया।
धन-धन सतगुरू सत कबीर भक्त की पीर मिटाने वाले।।
रहे नल-नील यत्न कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।
जा सत रेखा लिखी अपार, सिंधु पर शिला तिराने वाले।।
🔹त्रेतायुग में कबीर परमात्मा ऋषि मुनीन्द्र के नाम से प्रकट हुये थे। त्रेता युग में कबीर परमात्मा लंका में रहने वाले चंद्रविजय और उनकी पत्नी कर्मवती को भी मिले थे। और उस समय के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी और भाई विभीषण को भी ज्ञान समझा कर अपनी शरण में लिया। ��ही कारण था कि रावण के राज्य में भी रहते हुए उन्होंने धर्म का पालन किया।
🔹कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना
जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीर्वाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीर्वाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।
🔹द्वापर युग में कबीर परमेश्वर ने ही द्रौपदी का चीर बढ़ाया जिसे जन समाज मानता है कि वह भगवान कृष्ण ने बढ़ाया। कृष्ण भगवान तो उस वक्त अपनी पत्नी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे।
🔹द्वापर युग में कबीर परमेश्वर की दया से ही पांडवों का अश्वमेध यज्ञ संपन्न हुआ था। पांडवों के अश्वमेघ यज्ञ में अनेक ऋषि महर्षि मंडलेश्वर उपस्थित थे। यहां तक की भगवान कृष्ण भी उपस्थित थे। फिर भी उनका शंख नहीं बजा। कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन वाल्मीकि के रुप में शंख बजाया और पांडवों का यज्ञ संपन्न किया था।
🔹परमेश्वर कबीर जी करुणामय नाम से जब द्वापरयुग में प्रकट थे तब काशी में रह रहे थे। सुदर्शन नाम का एक युवक उनकी वाणी से प्रभावित होकर उनका शिष्य बन गया। एक दिन सुदर्शन ने करुणामय जी से पूछा कि आप जो ज्ञान देते हैं उसका कोई ऋषि-मुनि समर्थन नहीं करता है, तो कैसे विश्वास करें? उन्होंने सुदर्शन की आत्मा को सत्यलोक का दर्शन करवाया। सुदर्शन का पंच भौतिक शरीर अचेत हो गया। उसके माता-पिता रोते हुए परमेश्वर करूणामय के घर आए और उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया।
तीसरे दिन सुदर्शन होश में आया और कबीर जी को देखकर रोने लगा। उसने सबको बताया कि परमेश्वर करूणामय (कबीर साहेब जी) पूर्ण परमात्मा हैं और सृष्टि के रचनहार हैं।
🔹द्वापरयुग में एक राजा चन्द्रविजय था। उसकी पत्नी इन्द्रमति धार्मिक प्रवृत्ति की थी।
द्वापर युग में परमेश्वर कबीर करूणामय नाम से आये थे।करूणामय साहेब ने रानी से कहा कि जो साधना तेरे गुरुदेव ने दी है तेरे को जन्म-मृत्यु के कष्ट से नहीं बचा सकती। आज से तीसरे दिन तेरी मृत्यु हो जाएगी। न तेरा गुरु, न नकली साधना बचा सकेगी। अगर तू मेरे से उपदेश लेगी, पिछली पूजाएँ त्यागेगी, तब तेरी जान बचेगी। सर्प बनकर काल ने रानी को डस लिया। करूणामय (कबीर) साहेब वहाँ प्रकट हुए। दिखाने के लिए मंत्र बोला और (वे तो बिना मंत्र भी जीवित कर सकते हैं) इन्द्रमती को जीवित कर दिया।
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
4 notes · View notes
rubi13 · 7 months ago
Text
सर्वशक्तिमान कबीर जी ने दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के असाध्य जलन के रोग को जो कि किसी भी प्रकार की औषधि सेवन से और भी जंतर मंत्र किसी से भी ठीक नहीं हुआ लेकिन कबीर साहेब के आशीर्वाद से ठीक हो गया था और भी बहुत से चमत्कार देखकर सिकंदर लोदी ने कबीर साहेब जी से नाम उपदेश लिया, उनके शिष्य बने।
🫴🏻 अब संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुनिए....
🏵️ ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00​ से 7:00​ तक
🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00​ से 3:00​ तक
🏵️ साधना टी. वी. पर शाम 7:30​ से 8:30​ तक
📣 Visit our YouTube channel Sant Rampal ji Maharaj
📌अधिक जानकारी के लिए PlayStore से "Sant Rampal Ji Maharaj" App Download करें ।
Tumblr media
4 notes · View notes
rakeshdasprajapat · 7 months ago
Text
Tumblr media
सर्वशक्तिमान कबीर जी ने दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के असाध्य जलन के रोग को जो कि किसी भी प्रकार की औषधि सेवन से और भी जंतर मंत्र किसी से भी ठीक नहीं हुआ लेकिन कबीर साहेब के आशीर्वाद से ठीक हो गया था और भी बहुत से चमत्कार देखकर सिकंदर लोदी ने कबीर साहेब जी से नाम उपदेश लिया, उनके शिष्य बने।#कबीरभगवान_के_राजा_बने_शिष्य
#disciple #discipleship #sikh #chela #initiation #updesh #mantra #Naam #bhakti #गुरु #Guru #guruji #king #kingdom #राजा #रानी
#Kabir_Is_SupremeGod
#sanatandharma #bhagavadgita
#KabirParmatma_Prakat Diwas
#SantRampalJiMaharaj
#KabirPrakatDiwas #KabirisGod #kabir #god #GodKabirPrakatDiwas
#SantRampalJiQuotes
3 notes · View notes
helputrust-harsh · 8 months ago
Text
youtube
धरोहर सेमिनार: हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व | Dharohar Seminar: Our Heritage, Our Responsibility
लखनऊ, 15.09.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) तथा समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर" के अंतर्गत सेमिनार विषयक "हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व" का आयोजन राधा कमल मुखर्जी सभागार, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया |
सेमिनार में सम्मानित वक्तागण के रूप में पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह, साहित्यकार, डॉ रवि भट्ट, इतिहासविद, प्रो विभूति राय, डीन, विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती मीनू खरे, निदेशक, आकाशवाणी तथा प्रो श्री अनूप कुमार भरतिया, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्वलन से हुआ | सभी विद्वान वक्ताओं का ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति (जनसंपर्क) की सदस्य तथा सेमिनार की निवेदक वंदना त्रिभुवन सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया |
डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, धरोहर शब्द का अर्थ है विरासत जो कि हमें हमारे पूर्वजों से उपहार में मिली है | दुनिया भर में अनेक इमारतें हैं जिन्हें  देखकर यकीन नहीं होता कि उन्हें इंसान ने बनाया है | इमारत के साथ-साथ हमारी भाषा, धर्म, संस्कृति, साहित्य सभी कुछ हमारी विरासत है, हमारा उपहार है और यह हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम इसको सहेज कर रखें, संभाल कर रखें | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के सभी क्षेत्रों मे कार्य कर रहा है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धर्मार्थ, साँस्कृतिक, जागरूकता व अनेक प्रकार के कार्यक्रम कराए जाते हैं | आप सभी से अनुरोध है कि ट्रस्ट को उसके जन सेवा कार्यों मे अपना सहयोग प्रदान करें तथा यह संकल्प लें कि अपनी धरोहर, अपनी विरासत को संभाल कर रखेंगे एवं भारत का नाम विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करेंगे |
प्रोफेसर अनूप कुमार भरतिया ने भारत देश की धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समय के अनुसार हर एक चीज परिवर्तित होती जाती है और उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन होता जाता है | हमें हमारी संस्कृति, विश्वास और परंपराओं को पूरी तरह से आत्मसात करना चाहिए | पहले के समय में लोगों में सहयोग की भावना होती थी अगर कहीं शादी होती थी तो पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट जाता था | लेकिन आज यह संस्कृति समाप्त हो चुकी है आज सारा काम घर वाले नहीं बाहर वाले करते हैं और इसी वजह से लोगों के बीच आत्मीयता कम हो गई है | हमें अपनी उसी आत्मीयता के साथ अपनी धरोहर का अपनी विरासत का संरक्षण करना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए | 
प्रोफेसर विभूति राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास बताते हुए कहा कि, लखनऊ विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक बिल्डिंग है और करीब 20 वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रयास किया, जिसके खिलाफ सभी शिक्षकों को लेकर हम लोगों ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ अनशन किया, प्रोटेस्ट मार्च निकाला और कुछ ऐतिहासिक ऐसे पत्र आदि मिल गए जिसके अनुसार इस विश्वविद्यालय का नाम बदला नहीं जा सका |
डॉ रवि भट्ट ने भारतीय इतिहास, संवाद, संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, धरोहर दो प्रकार की होती है, एक मूर्त और एक अमूर्त | मूर्त धरोहर वह धरोहर है जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं जैसे हमारी इमारतें लेकिन अमूर्त धरोहर को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं जैसे हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य आदि | मेरा ऐसा मानना है कि हमें मूर्त धरोहर के साथ-साथ ���मूर्त धरोहर को सहेज कर रखना चाहिए क्योंकि अमूर्त धरोहर जैसे अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करके हम आने वाली पीढ़ियों को जागरूक कर सकते हैं |
पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह ने बताया कि किसी भी देश की धरोहर के आधार पर किसी भी राष्ट्र के महत्व का मूल्यांकन होता है ।मूर्त धरोहर में स्थापत्य कलाएं मूर्तियां चित्र आदि हैं और अमूर्त में जिन्हें देखा नहीं जा सकता वह धरोहर है। पूर्वजों से प्राप्त संस्कार, साहित्य, संगीत, कला संस्कृति के रूप में हम सुरक्षित इसे पाते हैं । इन सब का संरक्षण और भावी पीढ़ियों में इनका प्रसार करना हम सभी का दायित्व है ।
डॉ जानिसार आलम, असिस्टेंट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सेमिनार में अपना पेपर प्रस्तुतीकरण किया |
छात्र-छात्राओं ने विद्वान वक्ताओं से भारतीय धरोहर एवं विरासत के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में डॉ शिखा सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, स्वयंसेवकों व मीडिया कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
#hamaaree_dharohar_hamaara_uttaradaayitv #seminaar
#MinistryOfCulture #NCZCC #AmritMahotsav #Dharohar
#NarendraModi #PMOIndia
#YogiAdityanath #ChiefMinisterUttarPradesh
#PadmashreeDrVidyaBinduSingh #DrRaviBhatt #ProfSabaraHabib #MrsMeenuKhare #ProfAnoopKumarBhartia #DrMasihuddinKhan #JaannisarAlam #VibhutiRai
#HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
#KiranAgarwal #DrRupalAgarwal #HarshVardhanAgarwal
www.helputrust.org
@narendramodi @pmoindia
@MYogiAdityanath @cmouttarpradesh
@governmentofup @indiaculture.goi @nczcc @upculturedept
@HelpUEducationalAndCharitableTrust @HelpU.Trust
@KIRANHELPU
@HarshVardhanAgarwal.HVA @HVA.CLRS @HarshVardhanAgarwal.HelpUTrust
@HelpUTrustDrRupalAgarwal @RupalAgarwal.HELPU @drrupalagarwal
@HelpUTrustDrRupal
3 notes · View notes
lucifar7000 · 3 months ago
Text
हैलो दोस्तो मेरा नाम राज है और मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव में रहता हूँ। मेरे परिवार में मेरे पापा, मेरी मम्मी जिनका नाम सुमन है और मेरी एक छोटी बहन मनीषा है जिसे हम सब प्यार से मोना कहकर बुलाते है।
 
मेरा परिवार काफी साधारण है। हमारे पास ज्यादा जमीन जायदाद नहीं है। घर चलाने के लिए मैं और पापा दुकान पर काम करते है। काम करने के साथ साथ मैं पढ़ाई भी करता हूँ। हमारी जिंदगी में कोई गम नही है और हमारी जिंदगी काफी मजे से कट रही थी।
 
असली कहानी बहन की 10 वीं कक्षा पास करने के बाद से शुरू होती है। क्योंकि हमारे गांव में तब 10 वीं तक का ही स्कूल था और आगे पढ़ने के लिए हमें शहर जाना पड़ता था। बहन आगे और पढ़ना चाहती थी। बहन को आगे पढ़ाने में हममें से किसी को कोई एतराज नहीं था बस एक डर था।
 
डर ये था के हम जिस गांव में रह रहे थे उस गांव में से कई लड़कियां अपने आशिकों के साथ भाग कर शादी कर चुकी थी और इस मामले में हमारा गांव काफी बदनाम हो चुका था। हमे मोना पर तो पूरा विस्वास था पर क्या करें ये उम्र ही ऐसी थी के अगर इसमें कोई मोना को भुला फुसलाकर भगा कर ले जा सकता था और हमारी इज्जत की धज्जियां उड़ सकती थी।
 
फिर एक दिन शाम को मैं, मम्मी और पापा एक साथ बैठे थे तो मम्मी ने मुझसे कहा के तुम और तेरी बहन शहर में एक कमरा ले लो वहीं रहो। इससे मोना पढ़ भी लेगी और तुम भी वहीं से सीधे काम पर चले जाया करो। फिर मम्मी ने अपनी चिंता बताते हुए कहा के तू मोना का अच्छे से ध्यान रखना कहीं वो किसी लड़के के चक्कर मे ना पड़ जाए। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं ध्यान रखूंगा।
 
फिर पापा जहां नौकरी करते थे उस सेठ का एक पुराना घर था जो कि अब खाली पड़ा था। फिर पापा ने सेठ से उस घर मे रहने के लिए बात की तो सेठ बोला के मैं वो घर बेच रहा हूँ। घर बिकने तक तुम उस घर मे रह सकते हो। इसके लिए सेठ हमसे कोई किराया भी नहीं लेने वाला था। इस प्रकार हमारा फ्री में ही रहने का जुगाड़ हो गया था। फिर पापा ने कहा के सेठ का वो घर इतनी जल्दी बिकने वाला नहीं है। सेठ उसे बेचने के लिए काफ़ी टाइम से कोशिश कर रहा है। लेकिन अभी तक तो कोई उस घर को लेने के लिए तैयार नहीं हुआ है। क्योंकि सेठ का वो घर सड़क से थोड़ा दूर है और वहां ज्यादा लोग रहते भी नहीं है।
 
फिर कुछ दिन बाद ही हमारी जरूरत का सब सामान वगैरह लेकर हम उस घर मे रहने चले गए। घर रहने लायक था। हमने थोड़ी साफ सफाई की और बिजली, पानी की तो पहले से ही वहां व्यवस्था थी। फिर मैंने बहन का एक गर्ल्स स्कूल में एडमिशन करवा दिया। तब बहन की उम्र 16 साल की थी और उसे खाना वगैरह सब बनाना आता था। फिर वो स्कूल में जाने लगी और मैं अपने काम पर चला जाता। फिर जब मोना के स्कूल की छुट्टी होती तो मैं उसे लेकर कमरे पर आ जाता। फिर मुझे कोई काम होता तो मैं वापिस चला जाता वरना कमरे पर ही रहता।
 
मोना ने साफ सफाई करके सब सामान अच्छे से सेट कर दिया था। तब गर्मियों के दिन थे और लाइट भी वहां कम ही रहती थी तो मैं और मोना जाकर छत पर सो जाते थे। मैं तो बस अंडरवियर में रहता और कुछ नहीं पहनता। मोना सलवार सूट में रहती। वो नीचे कुछ नहीं पहनती जिसके कारण उसके निपल दिखाई देते रहते थे। मोना भी मेरे अंडरवियर में खड़े लंड को नोटिस कर लेती पर कहती कुछ नहीं थी। मोना काफी बातूनी थी। वो मुझे अपने स्कूल की सब बातें बताती और मैं भी उसे सब बात बताता। हम आपस मे काफ़ी बातें करते।
 
 
पापा अपने काम बिजी होते तो वो हमारे पास ज्यादा नहीं आते थे। शनिवार के दिन मैं मोना को लेकर गांव चला जाता और फिर रविवार को शाम को वापिस आ जाता। हमारी जिंदगी काफी अच्छे से गुजर रही थी। मैं अपने फोन में काफ़ी हॉट हॉट लड़कियों की फ़ोटो रखता और उन्हें देखकर कई बार अपना लंड भी हिला लेता था। मेरा फोन मेरी बहन भी इस्तेमाल करती थी तो वो भी उन हॉट हॉट लड़कियों की फ़ोटो देख लेती थी पर कहती कुछ नहीं थी।
 
 
मम्मी का फोन रोज शाम को ��ता था। फिर हम मम्मी से बात करते। बात करने के बाद भी मैं और बहन एक दुसरे से काफी बात करते और देर रात तक हम दोनों फोन में वीडियो औऱ मूवी वगैरह देखते रहते। क्योंकि अब मम्मी पापा तो थे नहीं तो हमे रोकने टोकने वाला कोई नहीं था। हम रात को छत पर गद्दे लगाकर एक साथ ही सोते थे तो मोना मुझसे चिपक कर सो जाती थी। जिससे मुझे बहुत अच्छा लगता था।
 
फिर दिन बस यूं ही निकलने लगे। शहर आने के बाद हम दोनों भाई बहन का वापिस घर जाने का मन ही नहीं करता था। इस कारण फिर हम बस महीने में एक या दो बार ही घर जाते थे। मोना अपनी पढ़ाई का और मैं अपने काम का बहाना बना देते फिर मम्मी हम पर घर आने का ज्यादा दबाव नहीं बना पाती थी।
 
मेरा एक दोस्त था जिसकी मोबाइल की शॉप थी। फिर उससे मैं अपने फोन में हॉलीवुड मूवी भरवाकर ले आता था। इन मूवीज में चूमा चाटी और सेक्स वगैरह के काफी सीन होते थे। हम दोनों भाई बहन को मूवी देखने का बहुत चाव था। जब मूवी में कोई किसिंग सीन आते तो हम फिर वो भी बिना किसी शर्म के देखते रहते। इन मूवीज में लड़कियों का ब्रा पैंटी में दिखना आम बात थी। मेरे दोस्त ने मेरे फोन में भी काफी सारी ऐसी मॉडल की फ़ोटो डाल दी थी जो कि बस ब्रा पैंटी पहने थी।
 
मुझे वो सब मॉडल बहुत ज्यादा सेक्सी लगती थी। इस कारण मैंने उनमे से एक लड़की की फ़ोटो का वॉलपेपर लगा दिया। जिसे देखकर मोना ने कुछ नहीं कहा। कई बार मोना भी चुपके चिपके उन मॉडल्स की फ़ोटो वगेरह देखती रहती। हम दोनों भाई बहन अब पहले से ज्यादा खुल चुके थे। कई हॉलीवुड मूवी में तो लड़कियां पूरी नंगी भी हो जाती थी। जिन्हें हम दोनों भाई बहन आंखे फाड़ फाड़ कर देखते।
 
 
ऐसे सीन देखकर तो मेरा लंड खड़ा हो जाता। तब मैं सिर्फ अंडरवियर में ही होता तो मोना मेरी अंडरवियर में बने तम्बू को देखकर मुस्कुराने लग जाती। फिर कई बार तो मैंने मोना के सामने ही अपने खड़े लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़कर दबाने लगता। ये देखकर मोना इसे थोड़ा अनदेखा कर देती। फिर कई बार रात को मेरे लंड का पानी निकल जाता और मेरा अंडरवियर भीग जाता। जिसे देखकर भी मोना कुछ नहीं कहती और बिना सवाल किए मेरे अंडरवियर को धो देती।
 
 
इस तरह धीरे धीरे हम दोनों भाई बहन के बीच से सब पर्दे हटते जा रहे थे। मैं जहां काम करता था वहां मेरे कई दोस्त थे। हममें से किसी की गर्लफ्रैंड नहीं थी और हम सारा दिन आपस मे बस चुदाई की ही बातें करते रहते थे। जब भी मार्केट में कोई सुंदर लड़की या औरत देखते तो चुपके से उसकी फोटो ले लेते और फिर हम सब मिलकर फ़ोटो देखकर लंड हिलाते। फिर एक दिन मेरे उस मोबाइल शॉप वाले दोस्त ने मेरे फोन में मूवी के साथ साथ पोर्न मूवी भी डाल दी और काफी सारी नंगी लड़कियों के फोटो डाल दिये। मैंने सोचा आज तो ये सब देखकर खूब मूठ मारूंगा।
 
 
फिर घर पर आने के बाद रात को मैं और मोना लेटे थे। फिर मोना मेरा फोन लेकर मूवी देखने लगी। फिर उसके सामने वो सब नंगी लड़कियो की फ़ोटो और वीडियो वगेरह आ गई। फिर एक वीडियो गलती से चल भी गई और मोबाइल की आवाज तेज होने के कारण आवाजें जोर से सुनाई देने लगी। फिर मैंने जल्दी से मोना के हाथ से मोबाइल लेकर मूवी चला दी और फिर हम दोनों वो मूवी देखने लगे। उस दिन मुझे मोना के सामने थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई। लेकिन मोना ने मुझे कुछ नहीं कहा। फिर मैं भी वो बात भूल गया। लेकिन मैंने वो सब फ़ोटो और वीडियो मोबाइल से डिलीट नहीं किये और ना ही हाईड किये।
 
 
रात को मोना के सोने के बाद मैं छत पर ही एक कोने में जाकर उन्हें देखकर मुठ मारता था। फिर एक दिन रात को मैं जल्दी सो गया था और मोना फोन में मूवी देख रही थी। फिर थोड़ी देर बाद जब मुझे जाग आई तो मैंने चुपके से देखा तो मोना उन नंगी लड़कियों की फ़ोटो देख रही थी। ये देखकर मैंने पता नहीं क्यों उसे कुछ नहीं कहा और फिर से सो गया। लेकिन फिर भी मैंने वो सब डिलीट नहीं किये।
 
 
मोना के स्कूल की छुट्टी होने के बाद मैं मोना को स्कूल से लेकर आता तो उसके साथ उसकी कई सहेलियां भी होती। उनमे से मुझे उसकी एक सहेली अच्छी लगने लगी थी और मैं उसे देखता रहता था। ये बात मोना को भी पता थी। फिर एक दिन जब मैं मोना को लेकर घर पर आया तो मोना ने मुझसे कहा के तुम्हे मेरी सहेली अच्छी लगती है क्या। तुम्हारी उसके साथ सेटिंग करवाऊं क्या। मोना की ये बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगा। फिर मोना बोली के तुम्हें उसकी बहुत जरूरत है। फिर मैंने मोना से हंसते हुए कहा के नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। मैं तो उसे बस ऐसे ही देखते रहता हूँ। फिर मैंने मोना से पूछा के तुम्हे है क्या कोई लड़का पसंद। फिर मोना कहती है के हां है ना। फिर मैंने पूछा के कौन। फिर वो बोली के तुम। ये कहकर मोना जोर जोर से हंसने लग जाती है।
 
 
फिर मैं जाकर मोना के गले लग जाता हूँ। फिर उसी टाइम मोना मेरी पेंट की जेब से मेरा फोन निकाल लेती है और फिर जैसे ही फोन को ऑन करती है तो उसे एक नंगी लड़की का वॉलपेपर लगा मिलता है। तभी मेरी नजर भी फोन पर पड़ती है और फिर मैं फोन हाथ मे लेकर कहता हूं के मेरे किसी दोस्त ने लगा दिया होगा। लेकिन सच्चाई ये थी के वो वालपेपर मैंने ही लगाया था। हम सभी दोस्त ऐसे ही वालपेपर लगाए रखते थे और घर जाने से पहले चेंज कर लेते थे लेकिन आज मैं भूल गया था।
 
 
फिर उस दिन भी मोना ने मुझे कुछ नहीं कहा। लेकिन उस दिन मुझे कुछ ज्यादा शर्म महसूस नहीं हुई। फिर उस दिन रात को मैं सोया हुआ था। फिर आधी रात को मुझे जाग आई तो तब कमरे में लाइट जल रही थी और मोना भी पास में नहीं थी। फिर मैं उठकर सीधे ही कमरे के अंदर चला गया तो देखा के मोना पूरी नंगी होकर एक तकिए को अपनी दोनो टांगो के बीच मे लेकर बैठी थी और अपनी चुत को तकिए पर रगड़ रही थी। वहीं मेरा फोन रखा हुआ था और उसमें एक पोर्न मूवी चल रही थी। जिसमे एक आदमी औरत को घोड़ी बनाकर चोद रहा था। ये सब देखकर मेरी आँखें फ़टी की फटी रह गई और मोना भी बस मुझे ही देखती रही। फिर मैंने उसे कहा के अगर हो गया हो तो बाहर आकर सो जाओ।
 
 
फिर मैं कमरे से बाहर आकर लेट गया लेकिन मेरे मन मे मोना का नंगा बदन ही घूम रहा था। फिर थोड़ी देर बाद ही मोना कपड़े पहनकर आई और मेरे पास लेट गई। फिर अगले दिन सन्डे था और मोना मुझसे आंख भी नहीं मिला पा रही थीं। मुझसे ये सहन नहीं हो रहा था। फिर मैं मोना का हाथ पकड़कर उसे कमरे में ले गया और उससे खुलकर बात करने लगा। मैंने उससे कहा के इस उम्र में ये सब आम बात है। मैं भी करता हूँ। इसमें शर्माने वाली कोई बात नहीं है। अब हम भाई बहन से ज्यादा दोस्त है। तुम मुझसे खुलकर बात कर सकती हो। मुझे बस तुम्हारी फिक्र है। कहीं तुम किसी ऐसे वैसे लड़के के चक्कर मे पड़कर अपनी जिंदगी ना खराब कर लो। फिर मोना कहती है के मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी। मुझे कोई लड़का पसंद भी आएगा तो मैं तुम्हे बता दूँगी। मैं हमारे घर की इज्जत का पूरा ख्याल रखूंगी। फिर इतना कहकर वो मेरे गले से लग जाती है।
 
 
फिर मैंने मोना से कहा के तुम मेरी बहन हो पर सा��� मे एक लड़की भी हो। तुम्हारी भी जरूरते है। अगर तुम्हें कभी कुछ करने का मन हो तो मेरे फोन ले लेना। इस पर मोना भी कहती है के तुम्हे भी अब मुझसे कुछ छुपाकर रखने की जरूरत नहीं है। तुम्हे अपने फोन में जो रखना हो वो रखो और जो करना हो वो करो। मैं इसके बारे में मम्मी पापा को कुछ नहीं बताऊंगी। ये सुनकर मैं बोला के बहन हो तो तुम्हारे जैसी। फिर हम दोनों हंसने लग जाते है।
 
 
फिर उस दिन मैं और मोना शाम को खाना खाने बाहर गए और फिर हमने सिनेमा में फ़िल्म भी देखी। उस दिन हम दोनों बहुत खुश थे। फिर उस दिन रात को हम देर से घर आये और आते ही सो गए। मैंने कपड़े उतारते टाइम अंडरवियर भी साथ मे उतार दिया गलती से और पूरा नंगा होकर सो गया। फिर रात को नींद में मैं मोना से चिपक कर सो गया था और लंड मोना की गाँड पर रगड़ने लगा था और फिर झड़ गया था। मुझे रात को सपना आया जैसे मैं किसी को लड़की को चोद रहा हूँ। फिर सुबह जब मोना मुझे चाय देने आई तो तब मैं बिल्कुल नंगा ही अपना लंड पकड़कर सो रहा था। फिर मोना ने मुझे जगाया तो मुझे सब बात समझ मे आ गई। फिर मैंने मोना के कुर्ते पर अपना पानी लगा हुआ देखा। फिर इस सबके लिए मैंने मोना से सॉरी कहा तो मोना ने हँसकर बात को टाल दिया जैसे के कुछ हुआ ही ना हो।
 
 
मोना की कई सहेलियां चुदाई की गंदी बाते करती और फिर वो सब बातें बहन आकर मुझे भी बताती। फिर मैं भी मोना को अपने दोस्तों की बातें बताता। मोना तो मुझे ज्यादा खुलकर नहीं बता पाती थी लेकिन मैं मोना को सब खुलकर बताता। अब मैं फोन में मेरी मनचाही लड़की की नंगी फ़ोटो का वालपेपर लगाता और कमरे में जाकर नंगा होकर कभी भी मुठ मारने लग जाता। लेकिन मोना रात को ही नंगी होकर मुठ मारती थी। मैं दिन में मुठ मारता तो मोना मुझे कई बार मुठ मारते हुए देख चुकी थी। कई बार वो मुझे चोरी छुपे भी मुठ मारते हुए देखती। इसी तरह मैं भी रात को कई बार मोना को नंगी मुठ मारते हुए देखता। एक बार तो मोना ने मुझे पकड़ लिया और कमरे का दरवाजा खोलकर मेरे सामने नंगी खड़ी हो गई और बोली के आ जाओ अंदर आकर देख लो आराम से। फिर मैंने मोना से कहा के मैने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा है। फिर मोना बोली के मैं तुम्हारी बहन और गर्लफ्रैंड दोनो हूँ। तुम्हे मुझसे शर्माने की कोई जरूरत नहीं है।
 
 
फिर मैंने भी मोना को अच्छे से देखा और उसके सामने ही खड़े होकर मुठ मारने लगा और फिर झड़ गया। उधर मोना भी उंगली करने लगी और झड़ गई। उस दिन के बाद हमारी शर्म बिल्कुल चली गई। अब हम एक दुसरे ��े सामने कपड़ो का जरा भी ख्याल नहीं रखते। लेकिन मेरे साथ सोते टाइम बहन अभी भी सलवार सूट पहनकर ही सोती थी। फिर एक रात मोना मेरा फोन लेकर नंगी लड़कियों की फ़ोटो देख रही थी। फिर एक लड़की की फ़ोटो आई जो कि मुझे बहुत ही अच्छी लगती थी। फिर मैं मोना से बोला के ये औरत देख कितनी मस्त है। इसके बोबे भी बहुत मस्त है। फिर मोना फ़ोटो आगे देखती गई। तभी एक पोर्न वीडियो आ गई और फिर हम दोनों वो पोर्न वीडियो देखने लगे। फिर मैं मोना से बोला के इसमे ये औरत देख कितनी मस्ती से चुदवा रही है। फिर मोना भी बोली के ये आदमी भी बहुत मस्त है। इसका हथियार भी काफी बड़ा है।
 
 
इस तरह हम दोनों भाई बहन उस पोर्न वीडियो के मजे लेने लगे। फिर मैं तो अपना लंड बाहर निकालकर हिलाने लगा और मोना ने भी अपनी सलवार ढीली करके अपनी चुत सहलाने लगी। वो वीडियो देखते देखते हम दोनों का पानी निकल गया और फिर हम वैसे ही सो गये। तब तक हमारा एक दुसरे से चुदाई करने के बारे में बिल्कुल भी ख्याल नहीं आया था।
 
 
फिर मैं मार्केट से सेक्सी मॉडल्स के पोस्टर लेकर आया जिसमे वो सब ब्रा पैंटी में थी। फिर वो सब पोस्टर मैंने कमरे में चिपका दिए। अब मैं और बहन एक दुसरे से पूरी तरह से खुल चुके थे। फिर मोना ने मुझसे कहा के तुमसे एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानोगे। फिर मैं बोला के हां बोल ना। मैं बिल्कुल भी बुरा नहीं मानूगा। फिर मोना कहने लगी के मुझे भी इन सब मॉडल्स की तरह मॉडल बनना है और ऐसे छोटे कपड़े पहनने है। तुम घर मे सारा दिन अंडरवियर में रहते हो मेरा भी मन करता है के मैं भी सिर्फ ब्रा पैंटी में रहूँ। मुझे अपनी बहन ना सही पर गर्लफ्रैंड समझकर ही ये कर लेने दो। फिर मैंने मोना से कहा के तुम्हारा मन करे वैसे रहो। मैं कुछ नहीं कहूँगा। मेरी बात सुनकर मोना बहुत खुश हुई।
 
 
फिर वो तभी एक ब्रा पैंटी पहनकर और थोड़ा सज संवरकर आ गई। मोना तब बहुत सेक्सी लग रही थी। मेरा मन तो लंड हिलाने का कर रहा था। मोना मेरे मन की बात समझ चुकी थी। फिर वो बोली के मुठ मार लो मैं कुछ नहीं कहूंगी। फिर मैं जल्दी से अपना लंड बाहर निकालकर मुठ मारने लगा और मोना मुझे देखकर हंसने लगीं। मोना अब हर दम ब्रा पैंटी में ही रहने लगी। इससे वो काफ़ी ज्यादा खुश थी। एक बार रात को वो उसनेअपनी ब्रा भी निकाल दी और सिर्फ पैंटी पहनकर सोई। तब गर्मी के दिन थे तो उसे उस रात काफ़ी अच्छी नींद आई। ��िर सुबह मोना ने मुझे इस सबके किये धन्यवाद दिया और बोली के वो इसे जिंदगी भर नही भूलेगी।
 
 
फिर इससे अगली रात मैंने उसे पैंटी ऊतारकर बिल्कुल नंगी होकर सोने के लिए कहा। क्योंकि अब हम एक दुसरे को कई बार नंगा देख चुके थे। फिर मोना ने वैसे ही किया। उस रात मैंने मोना को देखकर कई बार मुठ मारी। तब मैं मोना को देखकर मुठ मारकर ही खुश था। फिर मार्केट से मोना अपने लिए कई अलग अलग रंग और डिज़ाइन की ब्रा पैंटी लेकर आई। उन ब्रा पेंटी में तो मोना और भी ज्यादा खूबसूरत लगती थी। मोना को ऐसी ब्रा पैंटी पहनकर अच्छा लगता था और मुझे मोना को ऐसी ब्रा पैंटी में देखकर।
 
 
फिर मोना के स्कूल में कुछ दिनों की छुट्टियां हो गई और फिर मैं भी कुछ दिनों की छुट्टी लेकर मोना को लेकर गांव चला गया। मम्मी पापा हम दोनों को देखकर काफ़ी खुश हुए। अब मैं और मोना भी बहुत खुश थे। तब भयंकर गर्मी पड़ रही थी। रात को कूलर लगाकर हम सब एक साथ ही अलग अलग चारपाई पर सोते। पहले पापा सोते, फिर मम्मी, मैं और सबसे आखिर में मोना सोती। पापा मम्मी तो खाना खाकर जल्दी ही सो जाते। लेकिन मुझे और मोना को देर से सोने की आदत थी तो हमे नींद ही नहीं आती थी। फिर हम ऐसे ही एक दूसरे से धीरे धीरे बातें करके टाइम पास करते।
 
 
घर पर आने के बाद मैं तो फिर भी घर मे पापा मम्मी के सामने अंडरवियर में रह लेता था लेकिन मोना ब्रा पैंटी में नहीं रह सकती थी। लेकिन उसे ब्रा पैंटी पहनने की बहुत इच्छा हो रही थी। फिर एक दिन रात को हम दोनों को नींद नहीं आ रही थी और पापा मम्मी गहरी नींद में थे। फिर तब मैंने मोना से ब्रा पैंटी पहनकर आने के लिए कहा तो फिर वो बोली के पापा मम्मी जाग गये तो क्या होगा। फिर मैंने कहा के कुछ नहीं होगा। वो नहीं जागेंगे। वो गहरी नींद में है। फिर मोना उठकर अंदर कमरे में चली गई और कुछ देर बाद सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर आकर चारपाई पर लेट गई। मोना को ब्रा पेंटी में देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझे रात मैं भी मोना का बदन अच्छे से दिखाई दे रहा था।
 
 
लेकिन तब मोना चारपाई पर लेटी हुई थी। जिस कारण मुझे उसक�� बदन अच्छे से नहीं दिखाई दे रहा रहा। फिर मेरे दिमाग मे एक आईडिया आया। मैंने उसे मेरे लिए पानी लाने के लिए कहा। फिर उसने पहले तो मना कर दिया। क्योंकि घड़ा पापा की चारपाई के पास में था। फिर मैंने मोना को थोड़ा सा जोर देकर कहा तो वो मान गई। फिर वो उठी और चुपके से घड़े से पानी का ग्लास भरकर लाने लगी। तब मैं उसे ही देख रहा था। एक 16-17 साल की जवान लड़की अपने ही घर मे ब्रा पैंटी में घूम रही थी। मोना का फिगर भी अच्छा था। फिर उसने मुझे पानी दिया और फिर ग्लास वापिस घड़े पर रखकर आने लगी तो फिर मैंने उसे आंगन में घूमने के लिए कहा। तो फिर वो आंगन में घूमने लगी।
 
 
फिर उसने खुद ही अपनी ब्रा और पैंटी खोल दी और फिर नंगी ही घूमने लगी। उसे नंगी देखकर मैं अपना लंड जोर से हिलाने लगा और फिर झड़ गया। मेरे झड़ने के बाद फिर वो अपनी ब्रा पैंटी लेकर कमरे में चली गई और फिर कपड़े पहनकर आकर लेट गई। फिर वो हँसकर बोली के आज उसे काफ़ी मजा आया। अब से रोज वो ऐसा ही करेगी। ये सुनकर मैं भी काफी खुश हुआ।
 
 
दिन में पापा तो दुकान पर काम करने चले जाते और मम्मी सब काम वगैरह करके दुसरे कमरे में सो जाती है। मैं और मोना दूसरे कमरे में सोते। लेकिन हमें नींद नहीं आती थी तो हम आपस मे खूब बातें करते और फिर पोर्न वीडियो देखकर मुठ भी मार लेते। अब मैं और मोना मिलकर पोर्न वीडियो देखने लगे थे। मम्मी दोपहर को काफी देर आराम करती और कई बार वो दोपहर को बातें वगैरह करने के लिए पड़ोस में किसी के घर चली जाती और फिर वो दोपहर बाद ही आती थी। इस कारण हमें काफी टाइम मिल जाता था। फिर तब मोना सब कपड़े खोलकर ब्रा पैंटी पहन लेती और मैं अपना अंडरवियर खोलकर बिल्कुल नंगा हो जाता। फिर मोना भी ब्रा पैंटी खोल देती और फिर हम एक दुसरे के सामने अपने लंड और चुत सहलाकर अपना पानी निकाल देते। ऐसा हम लगभग रोज ही करते थे।
 
 
अब मोना की हिम्मत काफी बढ़ चुकी थी। रात को जब हम सोते तो मम्मी पापा जाग रहे होते तब भी मोना किसी तरह अपने सब कपड़े निकालकर सिर्फ ब्रा पैंटी में सो जाती और अपने ऊपर कम्बल ले लेती। हम सब आपस मे बाते करते रहते और मोना ऐसे ही लेटी रहती। फिर एक बार तो मोना ने अपनी ब्रा पैंटी भी खोल दी और फिर नंगी ही लेट गई। वो बीच बीच मे मम्मी के साथ बातें भी कर रही थी। ऐसा तो लगभग अब रोज होने लगा था। फिर मम्मी पापा के सो जाने के बाद बहन आंगन में घूमने लग जाती। मैं भी तब अपना अंडरवियर निकालकर नंगा हो जाता। फिर हम दोनों कमरे में जाकर पोर्न वीडियो देखकर मुठ मारते और फिर आकर सो जाते। इस तरह हम अब दिन रात मस्ती करते थे और इसमें हमे बहुत मजा आता था।
 
 
फिर एक रात मम्मी पापा सो चुके थे और मैं और मोना अपनी अपनी चारपाई पर नंगे होकर लेटे हुए थे और आपस मे ऐसे ही बाते कर रहे थे। फिर मोना नंगी ही उठकर पानी पीने गई और फिर वो पानी पीकर वापिस आई तो फिर मैंने मोना का हाथ पकड़कर उसे अपनी चारपाई पर खींच लिया। फिर वो मेरी चारपाई पर मेरे ऊपर आकर गिर गई। चारपाई छोटी थी तो फिर हम दोनों एक दुसरे से चिपके हुए थे। फिर अचानक मोना का हाथ मेरे लंड पर चला गया और वो मेरे लंड को हिलाने लगी। मुझे मजा आने लगा। फिर मोना मेरी तरफ पीठ करके लेट गई तो फिर मैं भी मोना के पीछे से चिपक कर लेट गया और मेरा लंड मोना की दोनो टांगो के बीच मे जाकर घुस गया और फिर मैं लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा। जिससे हम दोनों काफ़ी गर्म हो गए।
 
 
फिर मैं मोना को लेकर कमरे में चला गया और फिर फोन में एक पोर्न वीडियो चालू कर दी। फिर मैंने मोना से मेरा लंड हिलाने के लिए कहा तो फिर मोना मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और तब तक हिलती रही जब तक कि मेरे लंड से पूरा पानी ना निकल गया हो। फिर मैं तो शांत हो क्या लेकिन मोना पूरी गर्म हो चुकी थी। फिर मैंने मोना को लेटने के लिए कहा तो वो लेट गई और फिर मैं मोना की चुत सहलाने लगा और एक दो उंगली मोना की चुत में भी डाल दी। जिससे मोना उछल पड़ी। मोना को ऐसे काफ़ी मजा आ रहा था। फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद मोना झड़कर शांत हो गई। उस दिन उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी। उस दिन हमने एक दुसरे के लण्ड चुत को छुआ था और हमें काफ़ी मजा आया था।
 
 
फिर इसके बाद तो मोना जब चाहे मेरा लंड पकड़ लेती और हिलाने लग जाती। मैं भी मोना की चुत उसकी सलवार में हाथ डालकर सहलाने लग जाता। फिर मैंने उसके छोटे छोटे बोबो को भी दबाया। जिसमे मुझे बहुत मजा आया। अब लगभग हमारा हाथ एक दुसरे की चुत और लंड पर ही होता।
 
 
मोना की छुट्टियां तो कई दिनों की मिली थी लेकिन फिर मैं और मोना कोई बहाना लगाकर छुट्टियां खत्म होने से पहले ही वापिस शहर आकर रहने लगे। छुट्टियां अभी पड़ी थी तो हम दोनों सारा दिन नंगे रहते और खूब मस्ती करते। मेरे फोन में जो चुदाई के वीडियो थे वो वीडियो हम कई बार देख चुके थे। फिर मैं मेरे दोस्त से नए वीडियो डलवाकर ले आया। इस बार उसने काफ़ी ज्यादा वीडियो डाल दिये थे। फिर वो सब वीडियो मै और मोना सारा दिन देखते रहते। उन वीडियो में लड़का लड़की एक दूसरे की चुत और लंड को चाट ते और मस्ती करते। वो अलग अलग पोज में चुदाई करते।
 
 
फिर उन्हें देखकर मैं भी मोना की चुत चाटने लगा और मोना भी बड़े चाव से मेरे लंड को चुसने लगी। फिर तो हम एक दुसरे के साथ उल्टे होकर सोते और सारा दिन एक दुसरे की चुत और लंड चुसते रहते। मैं तो मोना का गाँड का छेद भी चाट ने लग गया था। दिन प्रतिदिन मोना मुझे काफी सेक्सी लगती जा रही थी।
 
 
उधर मोना को स्कूल में और मुझे अपने दोस्तों से चुदाई का भरपूर ज्ञान मिल रहा था और फिर वो ज्ञान हम कमरे पर आकर एक दुसरे के साथ आजमाते। अब मैं और मोना एक दुसरे के बदन को खूब चूमते चाटते। फिर एक दिन मैंने मोना को घोड़ी बना लिया और फिर पीछे से उसकी चुत पर अपना लंड रगड़ने लगा। जिससे हम दोनों को काफ़ी मजा आया। फिर मोना मेरे ��ंड पर अपनी चुत रखकर बैठ गई और फिर अपनी चुत मेरे लंड पर रगड़ने लगी। जिससे कि हम दोनों एक साथ झड़ जाते। इस तरह हम चुदाई की अलग अलग पोजीशन ट्राय करने लग गए थे।
 
 
फिर कुछ दिन ऐसे करने के बाद मुझे और मोना को लगा के अब हमें चुदाई कर लेनी चाहिए। फिर एक बार स्कूल की छुट्टी के बाद मैं और मोना कमरे पर जा रहे थे पैदल ही। फिर मैंने मोना से कहा के आज चुदाई करें। ये सुनकर मोना मुस्कुराने लगी। फिर वो बोली के 2 दिन बाद मेरा जन्म दिन आने वाला है। हम उस दिन करेंगे। फिर मैंने कहा के ठीक है। फिर रास्ते मे चलते चलते ही मोना ने मेरी पेंट में हाथ डालकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और फिर मेरे लंड को सहलाने लगी। वो रास्ता सुनसान था। उस रास्ते पर ज्यादा लोग नहीं आते जाते थे।
 
 
 
फिर मैंने मोना से अपनी चुत दिखाने के लिए कहा। तो फिर मोना सलवार खोलकर वहीं रास्ते के एक साइड में बैठ गई और पेशाब करने लगी। उसकी चुत से निकलता हुआ पेशाब मुझे बहुत मजा दे रहा था। फिर मैंने उसकी पेशाब की धार में अपनी एक उंगली की और फिर मेरी उंगली उसके पेशाब से भर गई और फिर मैं वो उंगली चुसन��� लगा। ये देखकर मोना हंसने लगी। फिर उस दिन रात को जब मैं मोना की चुत चाट रहा था तो मोना पेशाब करने लगी और फिर मैं उसका पेशाब पीने लगा। फिर मैं खड़ा होकर उस पर पेशाब करने लगा तो वो मेरे पेशाब से अपने मुंह को धोने लगी। फिर पेशाब करने के बाद वो मेरे लंड को चुसने लगी।
 
 
फिर उस रात हम ऐसे ही सो गए। अब हम सब काम एक साथ करने लगे थे। हम साथ ही टॉयलेट जाते, साथ मे नहाते। अब मैं और मोना दोनो ही चुदाई करने के लिए तैयार थे। हमें चुदाई के बारे में सब कुछ ज्ञान हो गया था। अब तो हमे बस मोना के जन्मदिन का ही इंतजार था।
 
 
अब मैं और मोना एक दुसरे के साथ नंगे ही सोते और मोना सुबह उठकर मेरे खड़े लंड पर किस करती और कई बार चूस भी देती। मैं भी मोना की चुत पर किस करता और चाटता। हम अब पोर्न मूवी देखकर सब कुछ सीख चुके थे। फिर मैं और मोना लिप किस करते। मैं मोना के होंठो को चूस चूसकर पूरा निचोड़ लेता। मोना भी मेरा पूरा साथ देती। फिर मोना मेरे लंड को पकड़कर अपनी चुत पर घिसने लग जाती और कभी कभी तो लंड का टोपा चुत में भी डाल देती। मोना की चुत में मेरा लंड देखकर मैं तो बिल्कुल पागल ही हो जाता। फिर मैं जैसे ही लन्ड अंदर डालने लगता तो मोना मेर��� लंड बाहर निकाल देती।
 
 
हालांकि वो भी लंड लेने के लिए बेकरार थी पर वो सिर्फ अपने जन्मदिन पर ही मुझसे चुदना चाहती थी। मोना तब 15 साल की थी और उसे 16 वां साल लगने वाला था। यानी मोना को जवानी चढ़ते ही लंड मिलने वाला था। अभी मोना के जन्मदिन में पूरे 2 दिन पड़े थे। हम गांव में रहते थे तो हमने कभी जन्मदिन पर केक वगैरह नहीं काटा था। फिर मोना और मैंने प्लान बनाया के अबकी बार हम उसका जन्मदिन केक काटकर मनाएंगे। मोना और मैं एक दुसरे से बहुत प्यार करने लगे थे। हम भूल चुके थे के हम भाई बहन है। एक बार मोना मेरे गले लगकर बोली के अब से मैं बस तुम्हारी है। तुम मेरे साथ जो करना चाहो कर सकते हो। फिर उस दिन मैंने मोना के मुंह मे अपना लंड उसके गले तक डाल दिया और फिर अंदर बाहर करने लगा। जिससे उसकी आँखों मे आंसू आ गए। फिर मैंने इसके लिए उससे सॉरी भी मांगा लेकिन फिर वो बोली के मुझे ऐसे अच्छा लगा था।
 
 
हमने एक वीडियो देखी थी जिसमे एक आदमी औरत को पीटता है और फिर उसकी चुदाई करता है। फिर एक दिन मैंने मोना की गाँड पर काफी थप्पड़ मारे। जिससे उसे काफी दर्द हुआ पर उसे मजा भी बहुत आया। इस तरह फिर हम चुदाई में एक दूसरे की पसंद नापसंद जानने लगे। मुझे भी इस तरह मोना को तड़पाने में मजा आता था। लेकिन चुदाई करने के मामले में मेरी पसंद थोड़ी अलग थी।
 
 
एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ काम कर रहा था। उस दिन काम ज्यादा नहीं था तो फिर हम सब बैठकर एक पोर्न वीडियो देखने लगे। जिसमे 4-5 मर्द मिलकर एक लड़की को चोद रहे थे और उसके साथ मस्ती कर रहे थे। फिर उस रात मुझे एक सपना आया जिसमे मैंने देखा के उस वीडियो की तरह ही मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोना की चुदाई कर रहा हूँ और मोना भी खूब मजे ले रही है। ये सपना देखकर फिर उस रात मेरा पानी भी निकल गया। फिर सुबह जब मैं उठा तो मैंने सपने के बारे में मोना को बताया।
 
 
 
ये सुनते ही मोना की चुत तो गीली हो गई और फिर वो अपनी चुत सहलाने लगी। फिर मोना बोली के पहले तुम अपना लंड तो डालो बाकी के बारे में बाद में सोचेंगे। यानी कि मोना की भी इसमें सहमति थी। फिर मैंने मोना को अपने गले से लगाया। मोना भी अब पूरा खुलकर मजे लेने के मूड में थी। फिर मैं और मोना मिलकर उसके जन्मदिन की प्लानिंग करने लगे। मोना पहली बार मेरा लंड बिना कंडोम के लेना चाहती थी तो उसने कंडोम लाने से मना कर दिया और गर्भ निरोधक टेबलेट लाने के लिए कहा। फिर हमने कुछ और भी सामान की लिस्ट बनाई।
 
 
फिर मैंने मोना से कुछ दिन के लिए स्कूल से छुट्टी लेने के लिए कहा। ताकि हम पूरी तरह से एन्जॉय कर सके। मैंने भी मोना के जन्मदिन के लिए कुछ सोच रखा था। मैं हमारी पहली चुदाई को यादगार बनाना चाहता था। ताकि मोना को हमारी चुदाई हमेशा याद रहे। इसलिए मैं उसे एक ऐसा गिफ्ट देना चाहता था जो कि हमेशा उसके पास ही रहे। पर ऐसा क्या गिफ्ट दूं ये मुझे समझ नहीं आ रहा था।
 
 
अगले दिन ही मोना का जन्मदिन था तो उस दिन मोना ने छुट्टी ले ली थी। फिर उस दिन सुबह जब मोना उठी तो फिर उसे मैंने विश किया और उसे गले से लगाया। मोना उस दिन घर पर ही रहकर शाम को हमारी होने वाली चुदाई के लिए तैयारी करने वाली थी। पहले उसने सब काम किया और फिर उसने अपने पूरे बदन पर हल्दी का लेप लगाया ताकि उसका बदन एक दम मुलायम हो जाये। फिर मैं मार्केट आ गया और मैं गिफ्ट के बारे में सोचने लगा। फिर मैंने एक गिफ्ट ले लिया। मैंने क्या गिफ्ट लिया ये आपको बाद में पता चल जाएगा। फिर मैंने मेडिकल से गर्भ निरोधक टेबलेट और कंडोम वगैरह भी ले लिए। ताकि बाद में कोई दिक्कत ना आये। फिर शाम को आते टाइम मैं फूल और रंग बिरंगी लाइट और केक लेकर घर आ गया।
 
 
फिर घर पर आया तो देखा के मोना ने तैयार होना शुरू कर दिया था। फिर मैंने भी छत पर जाकर तैयारी करनी शुरू कर दी। मैंने एक अच्छा सा बिस्तर लगाया और बिस्तर पर फूल बिछाए और आसपास रंग बिरंगे बल्ब लगाए। फिर मैं भी नहाकर तैयार होने लगा। जब मैं नहाकर आया तो मैंने सोचा के पहनू क्या। पहनने के बारे में तो मैंने कुछ सोचा ही नहीं था। फिर मैं पहनने के बारे में पूछने के लिए मोना के पास गया तो मोना ने अंदर से गेट बंद कर रखा था और फिर मैंने उससे पूछा तो वो बोली के कुछ मत पहनो। फिर मोना ने मुझे जल्दी से तैयार होने के लिए कहा। फिर मैं दुसरे कमरे में गया और अपने बाल वगैरह बनाये और फिर अपने पूरे बदन पर सेंट लगाया।
 
 
मैं सोच रहा था के पता नहीं मोना आज कैसे तैयार होकर आएगी। फिर मैं उसे आवाज देकर बाहर आने के लिए कहने ही वाला था के इतने में कमरे का गेट खुला और फिर मैं गेट की आवाज सुनकर जल्दी से उसे देखने के लिए बाहर आया और उसे देखा तो देखता ही रह गया। तब क्या लग रही थी मोना। ये बताने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं है। लेकिन फिर भी आपको बताने की कोशिश करता हूँ। मोना तब एक दम नंगी थी और उसकी चुत एक दम बिल्कुल चिकनी थी। उसका बदन भी बिल्कुल चिकना था और उसके बदन पर एक भी बाल नहीं था। उसने गले मे एक लॉकेट पहन रखा था और कानों में झुमके पहन रखे थे।
 
 
मोना ने नाक में नथ पहन रखी थी जो कि मुझे सबसे ज्यादा सेक्सी लग रही थी। मोना को ऐसे देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और झटके मारने लगा। ये देखकर मोना मुस्कुराने लगी। फिर मैं मोना के नजदीक गया तो मोना मेरे गले लग गई और फिर हम लिप किस करने लगे। लिप किस करने के बाद मैं मोना की कमर में हाथ डालकर उसे छत पर ले जाने लगा। फिर छत पर जाते ही मैंने रंग बिरंगी लाइट चालू कर दी। जिससे कि पूरा बिस्तर जगमगा उठा। ये देखकर मोना काफी खुश हुई। फिर मोना मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी।
 
 
 
फिर हम जाकर बिस्तर पर बैठ गए और मैंने केक पर मोमबत्ती जलाई और फिर मोना ने केक काटकर मुझे खिलाया और फिर अपनी उम्र के 16 वें साल में कदम रखा। फिर मैंने भी मोना को केक खिलाया। हम दोनों को भूख लगी थी तो फिर हम दोनों ने मिलकर केक खत्म किया। इसके बाद हम बिस्तर के बीच मे बैठ गए और एक दुसरे की तरफ देखने लगे। फिर मैंने मोना को अपने से चिपकाया और फिर उसकी गर्दन पर किस करने लगा। जिससे कि मोना भी गर्म होने लगी। फिर में बीच मे रुका और फिर मोना को उसका जन्मदिन का गिफ्ट दिया। मैं मोना के लिए एक नोज रिंग लेकर आया था। मोना ने भी उसे नोज रिंग ही समझा और फिर उसे साइड में रखने लगी। फिर मैंने मोना से कहा के अभी पहन लो इसे। फिर मोना बोली के अभी मैंने नथ पहनी है तो बाद में पहन लुंगी। फिर मैंने कहा के इसे नाक में नहीं पहनना है। फिर मोना मेरी तरफ देखकर बोली के तो कहां पहनना है।
 
 
अब आप सब लोग ही यही सोच रहे होंगे के मैंने मोना को नोज रिंग कहाँ पर पहनने के लिए दी है। फिर मैं बोला के नीचे चुत में। फिर वो बोली के वहाँ कैसे पहनी जाएगी। फिर मैं बोला के लाओ मैं पहना देता हूँ। थोड़ा दर्द होगा। फिर मोना बोली के मै तुम्हारे लिए सब दर्द सहने के लिए तैयार हूँ। मैंने फिर मोना को लेटाया तो मोना अपने पैर फैलाकर लेट गई। फिर मैं उसकी चुत की पंखुड़ियों को टटोलने लगा और फिर उसकी एक चुत की पंखुड़ी में नोज रिंग डालने लगा। नोज रिंग मैंने उसकी चुत की पंखुड़ी के अंदर से घुसाकर बन्द कर दी। इससे मोना को थोड़ा दर्द हुआ। फिर उसने जब अपनी चुत पर नोज रिंग देखी तो उसे भी ये काफी पसंद आई।
 
 
फिर मैं मोना के बदन को चूमने लगा और फिर उसकी चुत चाटने लगा। जिससे मोना काफी गर्म हो गई। फिर मोना ने मुझे लेटाया और फिर वो मेरे बदन को चूमने लगी और मेरे लंड को चुसने लगी। वो थोड़ी देर और चुस्ती तो शायद में झड़ जाता। फिर मैंने उसे हटाया और फिर उसे लेटाकर मैंने अपना लंड उसकी चुत पर सेट कर दिया। फिर मैंने धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया। जिससे मोना को थोड़ा दर्द हुआ। फिर दुसरे धक्के में मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया तो मोना छटपटाने लगी। फिर मैं धक्के मारने लगा तो हम दोनों को काफी मजा आने लगा। उसकी चुत एकदम टाइट थी। जिस कारण हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मोना तो आंखें बंद करके मजे ले रही थी और जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी।
 
 
 
फिर थोड़ी देर बाद मोना झड़ गई और फिर मैंने भी मोना की चुत के अंदर ही पानी छोड़ दिया और मोना से चिपक कर लेट गया। फिर हमने देखा के मोना की चुत और मेरे लंड पर खून लगा था। जिसे देखकर हम दोनों घबराएं नहीं। क्योंकि हम दोनों को ही पता था के पहली बार चुदाई में खून निकलना आम बात है। फिर हम दोनों बाथरूम में जाकर अपना लंड और चुत धोकर फिर से बिस्तर पर आ गए। मोना को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। फिर मैं मोना के ऊपर आ गया और मोना की चुत मारने लगा। इस बार हमने काफी देर तक चुदाई की जिसमे हमे मजा भी बहुत आया। फिर इस बार भी मैं मोना की चुत में ही झड़ गया।
 
 
फिर अगली बार मोना घोड़ी बन गई तो मैं पीछे से उसकी चुत मारने लगा। इस बार मे झड़ने वाला हुआ तो मोना ने मेरा लंड मुंह मे लेकर चुसने लगी और जब मैं झड़ा तो मेरा सारा पानी पी गई। फिर हमने कुछ देर आराम किया। फिर हम एक दुसरे के साथ गन्दी गन्दी बातें करने लगे। मैं मोना से कहने लगा के मैं तुम्हे अपने दोस्तों के सामने नंगी नचवाऊंगा और उनके सामने तुम्हारी चुत मारूंगा। ये सुनकर मोना बोली के तुम जैसे कहोगे वैसे मैं करने के लिए तैयार हूँ। तुम बस अपने लंड से मेरी चुत भरकर रखना। फिर हम एक दुसरे से चूमा चाटी करने लगे।
 
 
 
फिर मोना पेशाब करने जाने लगी तो मैं भी उसके पीछे चला गया और फिर उसके पेशाब करने के बाद मैंने मोना को वहीं पकड़ लिया। फिर मोना दीवार के सहारे झुक कर खड़ी हो गई तो फिर मैं पीछे से वहीं मोना की चुत मारने लगा और सारा पानी अंदर ही डाल दिया। फिर हम बिस्तर पर आकर लेट गए और फिर से एक दुसरे से बातें करने लगे। फिर मोना बोली के मैं तुम्हारे सामने तुम्हारे दोस्तो से चुदवाऊंगी और खुब मजे करूंगी। ऐसी बातें करके मोना मुझे गर्म कर रही थी। फिर मैं बोला के मैं तुम्हें मॉडल बनाऊंगा और तुम्हारी नंगी फ़ोटो लोगो मे बाटूंगा। ऐसी बातों से हम दोनों काफी गर्म हो गए। फिर मोना मेरे ऊपर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और चुदने लगी। तब हम दोनों एक साथ ही झड़े और फिर मोना मेरे ऊपर ही सो गई। मुझे भी नींद आ गई। सारी रात मेरा लंड मोना की चुत में ही रहा।
 
 
 
सुबह हमें देरी से जाग आई। तब तक सूरज निकल चुका था। धूप में मोना बदन चमक रहा था। फिर हम दोनों उठकर नीचे आ गए। फिर मोना चाय बनाने लगी। मैं जाकर मोना से पीछे से चिपक गया और फिर उसकी चुत मारने लगा। तब मेरा झड़ने का कोई मूड नहीं था तो फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और फिर हम दोनों चाय पीने लगे। चाय पीने के बाद मोना नीचे बैठकर मेरे लंड को चुसने लगी और फिर मैं झड़ने लगा तो मेरा सारा पानी पी गई।
 
 
 
मोना ने स्कूल से और मैंने काम से छुट्टी ले रखी थी तो फिर मोना ने जल्दी से खाना वगैरह बनाया और फिर खाना खाकर हम दोनों बिस्तर पर जाकर चुदाई करने लगे। मैंने मोना को गर्भनिरोधक वाली टेबलेट पहले ही दे दी थी। उस दिन हमने दिन भर बिस्तर पर अलग अलग पोज में खूब चुदाई की। फिर थक गए तो हमें नींद आ गई। हालांकि हम दोनों ही पहली बार चुदाई कर रहे थे और हमारा मन चुदाई से भर ही नहीं रहा था।
 
 
 
फिर शाम को हम खाना खाकर लेटे थे। मैं तब मोना के बदन को सहला रहा था। फिर तभी मम्मी का फोन आ गया तो मोना तो मम्मी से बात करने लगी और मैं मोना के बदन को सहलाता रहा। फिर मैं उठा और मोना के ऊपर आकर मोना की चुत में लंड डाल दिया। तब भी मोना मम्मी से बाते करती रही। फिर मोना ने फोन मुझे दे दिया तो फिर मैं मम्मी से बातें करने लगा और लगातार मोना की चुत में लंड अंदर बाहर करता रहा। मोना ने अपनी सिसकारियां रोकने के लिए अपने मुंह पर हाथ रख लिया था। फिर थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने फोन काट दिया और फिर मोना की चुदाई करने लगा और फिर मोना भी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी।
 
 
फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैं मोना के साइड में आकर लेट गया। फिर मोना ने मेरा लंड सहलाते हुए मुझसे कहा के अगर मम्मी को पता चल गया तो हम क्या करेंगे। फिर मैंने कहा के हम मम्मी को पता नहीं चलने देंगे और कभी पता चल भी गया तो मैं अपने आप सम्भाल लूंगा तुम चिंता मत करो। फिर हम दोनों लिप किस करने लगे और फिर चुदाई का दूसरा राउंड शुरू हो गया। फिर देर रात तक हमने खूब चुदाई की और खूब बातें की और फिर सो गए।
 
 
 
मोना अब काफी खुल चुकी थी। वो मुझे रिझाने के लिए कभी मेरे सामने अपनी गाँड हिलाती तो कभी अपनी चुत में उंगली करती तो कभी अपने छोटे छोटे बोबो को सहलाती। ये सब देखकर तो किसी मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाये। मैं तो फूल गर्म हो जाता और मोना की खूब चुदाई करता। फिर मोना के कहने पर मैंने एक बार कंडोम लगाकर भी चुदाई की।
 
 
 
हम दोनों ने चुदाई के लगभग सभी आसनो में चुदाई कर ली थी और हमारा मन करता हम वैसे ही चुदाई करना शुरू कर देते। मोना अब किचन में खाना बनाती तब भी मैं उसकी चुत में लंड डालकर रखता। हम दोनों अब चुदाई के आदि हो चुके थे। हम दोनों को चुदाई के बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता था। ये 5-6 दिन कैसे निकल गये हम दोनों को पता भी नहीं चला। इन दिनों में हमने पता नहीं कितनी ही बार चुदाई की होगी।
 
 
फिर मेरी और मोना की स्कूल की छुट्टियां खत्म हो चुकी थी लेकिन फिर भी हम घर पर ही रहकर चुदाई कर रहे थे। चुद चुद कर मोना की चुत फूल गई थी और डबल रोटी जैसी लग रही थी। फिर मोना ने ही मुझे समझाया और कहा के अब हम चुदाई तो कभी भी कर सकते है। अगर हम ऐसे ही घर पर रहकर चुदाई करते रहे तो सबको शक हो जाएगा। फिर हमने जैसे तैसे अपने अपने मन को समझाया और फिर हम रोज की तरह ही अपने अपने काम मे लग गए। मोना स्कूल जाने लगी और मैं अपने काम पर।
 
 
सुबह घर से जाने से पहले तैयार होकर हम एक बार चुदाई करते और फिर शाम को आकर भी चुदाई करते और फिर रात को भी खूब चुदाई करते। अब हमारी जिंदगी में मजे ही मजे थे। मैं और मोना अब अपने अपने दोस्तों के साथ चुदाई के बारे में खुलकर बातें करते। जिससे हम दोनों गर्म हो जाते और फिर घर पर आकर चुदाई करते।
 
 
एक बार मैं मोना को स्कूल से लेकर घर आ रहा था। तब सड़क पर कोई नहीं था। ये इलाका शहर से थोड़ा अलग था तो यहां पर बहुत कम लोग आते जाते थे। फिर मैंने की सलवार में हाथ डालकर उसकी गाँड सहलाने लगा और फिर मोना भी मेरा लंड सहलाने लगी। फिर मैं मोना को वहीं दीवार के सहारे लगाकर लिप किस करने लगा और मोना भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों ही गर्म हो चुके थे। फिर मैंने मोना की सलवार खोलकर उसकी पैंटी साइड में की और फिर उसकी एक टांग उठाकर अपना लंड निकालकर उसकी चुत में डाल दिया और चुदाई करने लगा। मैं सड़क पर बिल्कुल सरेआम ही मोना को चोद रहा था। हम दोनों को ही पता था के यहां कोई आने वाला नहीं है। फिर मैंने मोना को घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उसकी चुदाई करने लगा और झड़ गया। फिर हमने अपने कपड़े सही कर लिए और घर पर आ गए। आज ऐसे सड़क पर चुदाई करने में हम दोनों को काफ़ी मजा आया था।
 
 
आज की चुदाई से हम दोनों को समझ मे आ गया था के चुदाई का मजा सिर्फ बिस्तर पर ही नहीं आता बल्कि अलग अलग जगहों पर खुलेआम करने में भी बहुत मजा आता है। फिर अगले दिन सुबह सुबह मोना घर के आगे की तरफ की सफाई करने के लिए बिल्कुल नंगी ही चली गई और जाकर झाड़ू लगाने लगी। मैं घर के अंदर से उसे देखने लगा और अपना लंड हिलाने लगा। फिर झाड़ू लगाने के बाद मोना ने झाड़ू तो नीचे रख दी और फिर अपने बाल खोलकर ऐसे खड़ी हो गई जैसे कोई मॉडल हो। उसे ऐसे देखकर तो मेरा बुरा हाल हो गया। फिर मैं भी बाहर चला गया। फिर वो मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। मैं भी उसकी गाँड और बोबो को सहलाने लगा। फिर वो हँसकर बोली के हाय मैं कितनी बेशर्म हूँ जो ऐसे सरेआम नंगी खड़ी होकर अपने भाई का लंड हिला रही हूँ। वहां हमारे आसपास के सब घर खाली थे। इसलिए हमें किसी का कोई डर नहीं था।
 
 
फिर मैंने मोना से कहा के वो जोर से बोले के मैं रंडी हूँ मुझे चोदो। फिर मोना ये सुनकर हंसने लगी और फिर हंसते हुए कहा के मैं रंडी हूँ मुझे चोदो। फिर मैंने उससे और जोर से कहने के लिए कहा तो वो इस बार और जोर से बोली और फिर वो हंस पड़ी। उसे ऐसे हंसते देख मैं फुल गर्म हो चुका था। फिर मैं उसे उठाकर घर के अंदर ले गया और फिर ताबड़ तोड़ उसकी चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद मोना से कहा के तुम बहुत बड़ी रंडी बनोगी एक दिन। फिर मोना ने कहा के तुम ही मुझे बनाओगे। फिर हम हंसने लगे।
 
 
 
कुछ दिन बाद शाम को बारिश आना शुरू हो गई और पूरी रात बारिश होती रही। उस रात मैंने और मोना ने बारिश में खूब चुदाई की। मोना इतनी हॉट और सेक्सी थी के उसे देखकर तो कई बार मेरा ऐसे ही पानी निकल जाता। मैंने उससे कहा के तुम्हे खुश करने के लिए तो कई मर्द चाहिए। क्योंकि कुछ तो तुम्हे नंगी देखकर ही झड़ जाएंगे। ये सुनकर वो हँसने लगी।
 
 
 
फिर कुछ दिन बाद मम्मी का फोन आया और उन्होंने कहा के उन्हें किसी रिश्तेदार के यहां जाना है इसलिए तुम दोनों कुछ दिन के लिए गांव आ जाओ। फिर हम दोनों छुट्टी लेकर गांव चले गए। गांव आने के बाद मम्मी हमारे किसी रिश्तेदार के यहां चली गई। फिर अब घर पर सिर्फ मैं, पापा और मोना ही थे। पापा भी दिन में काम पर चले जाते और शाम को थके हारे आते और खाना खाकर सो जाते। दिन में मैं और मोना घर पर अकेले होते तो हम खूब चुदाई करते। पापा सुबह जल्दी ही काम पर चले जाते तो उनके जाने के बाद मोना नंगी हो जाती और फिर मैं मोना को पकड़कर चोद देता। हम दोनों ने घर मे सब जगह अलग अलग पोज में चुदाई कर चुके थे।
 
 
 
रात को पापा के सोने के बाद हम दोनों नंगे हो जाते और फिर मोना मेरी चारपाई पर आ जाती और फिर हम चुदाई करते। पापा पास में ही सोए रहते लेकिन हम दोनों को बिल्कुल भी डर नहीं लगता था। मोना भी अब काफी ज्यादा खुल चुकी थी। पोर्न वीडियो से आईडिया लेकर हमारे मन मे जो आता हम वैसा ही करते। सुबह पापा ��ोड़ा लेट उठते थे। मैं और मोना उनसे पहले उठ जाते थे तो फिर मेरे कहने पर मोना उनके उठने तक ब्रा पैंटी में ही घर मे घूमती रहती और फिर तो नंगी ही रहने लगी। वो उठने वाले होते तो वो कपड़े पहन लेती। इसमे थोड़ा रिस्क भी था पर हमें बहुत मजा आता था।
 
 
 
फिर मौका मिलने पर मैं मोना के बोबो को सहला देता और मोना भी मेरे लंड को सहला देती तब पापा घर पर ही होते थे। एक दिन शाम का टाइम था। मैं और पापा तो नहाकर कुलर के आगे बैठे थे। पापा कूलर की तरफ मुंह करके लेटे थे। तब मोना नहाने के लिए जाने लगी तो मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। फिर मैंने उससे कहा के पापा दूसरी तरफ मुँह करके लेटे है तो तुम नहाने के बाद नंगी ही आना। ये सुनकर मोना हंसती हुई नहाने चली गई। फिर मैं उसका इंतजार करने लगा। फिर नहाने के बाद मोना ने बाथरूम से बाहर झांक कर देखा तो पापा तब भी दूसरी तरफ मुँह करके लेटे थे। फिर मैंने उसे आने का इशारा किया तो फिर वो एकदम नंगी बाथरुम से निकली और फिर हमारी तरफ आने लगी। तब पापा का मुँह दूसरी तरफ था। फिर मोना जैसे ही मेरे पास से जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया। फिर वो अपना हाथ छुड़ाने लगी। लेकिन मैंने नहीं छोड़ा।
 
 
 
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे सहलाने के लिए कहा तो फिर वो दुसरे हाथ से सहलाने लगी और फिर थोड़ी देर हिलाने के बाद ही मैंने उसे जाने दिया। फिर मोना भागकर कमरे में चली गई और फिर कपड़े पहनकर बाहर आकर लेट गई। फिर वो मुझसे बोली के आज तो तुम मरवा ही देते। मेरा दिल जोर से धड़कने लगा था। फिर मैंने उसे क���ा के कुछ नहीं होता। फिर मोना बोली के ऐसे मजा तो बहुत आता है पर डर भी लगता है। फिर मैंने मोना से कहा के तुम डरो मत सिर्फ मजे लो। फिर मोना अगले दिन नहाकर नंगी ही आई और इस बार मेरा लंड चूसकर फिर अंदर गई। फिर वो मुझसे बोली के तुम मुझे ऐसे और काम बताओ। जिन्हें करके मजा भी आये और थोड़ा रिस्क भी हो। फिर मैं बोला के ठीक है।
 
 
 
पापा को शाम को दारू पीने की आदत थी। मम्मी पापा को दारू पीने नहीं देती थी लेकिन अब मम्मी तो थी नहीं तो फिर पापा शाम को आते टाइम दारू ले आये। फिर उन्होंने मोना और मुझसे कहा के तुम अपनी मम्मी को कुछ मत बताना। फिर  हमने हँसकर कहा के ठीक है हम कुछ नहीं बताएंगे। फिर पापा शाम को नहा धोकर दारू पीते और फिर खाना खाकर सो जाते। मोना पापा को दारू पीते टाइम उन्हें सलाद काटकर देती और उनकी पूरी सेवा करती। पापा को दारू मिल गई थी तो वो अब काफी खुश रहते। वो शाम को दारू पीकर टुन्न हो जाते और फिर उन्हें कोई होश नहीं रहता। इसी बात का फायदा उठाकर मैंने मोना से कहा के जब पापा टुन्न हो जाये तो फिर वो सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर ही पापा के सामने जाए। वो भी जानती थी के पीने के बाद पापा को कुछ होश नहीं रहता है। फिर जब वो सिर्फ ब्रा पैंटी में पापा के सामने गई तो पापा उसे पहचान तो रहे थे पर इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे थे के उसने पहना क्या है।
 
 
ज्यादा दारू पीने के बाद पापा गन्दी गन्दी गालियां भी निकालने लग जाते। लेकिन गालियों का हम पर कोई असर नहीं होता था। फिर एक बार ज्यादा दारू पीने के बाद पापा पेशाब करने गए और फिर पेशाब करके आने लगे तो वो गिर गए। फिर मैं और मोना भागकर उनके पास गए और उन्हें उठाने लगे। उन्हें उठाया तब देखा के उनकी लुंगी खुल चुकी थी और वो बिल्कुल नंगे हो चुके थे। ये देखकर मोना हंसने लगी। फिर हम दोनों पापा को सहारा देकर लाये और लाकर चारपाई पर बैठाने लगे। तब मोना ब्रा पैंटी में थी और पापा ने मोना की कमर में हाथ डाल रखा था। फिर पापा और मोना तो एक साथ ही चारपाई पर बैठ गए और मैं उनके सामने बैठ गया। फिर मैंने मोना को पापा का लंड देखने के लिए इशारा किया तो मोना हंसने लगी। फिर मैंने अपना लंड सहलाते हुए मोना को पापा का लंड सहलाने के लिए कहा तो मोना हंसने लगी और ना में सिर हिलाने लगी।
 
 
 
फिर मैंने उसे कहा के यही मौका है दूसरे लंड से मजा लेने का। फिर मोना मान गई और फिर वो पापा का लंड पकड़कर सहलाने लगी। पापा तो अपनी ही बकवास किये जा रहे थे। उन्हें कहाँ पता चलने वाला था। फिर मोना ने कुछ देर तो लंड हिलाया और फिर वो उठकर चूल्हे के पास चली गई। फिर मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। फिर मोना बोली के वो भी एक बार दारू पीकर देखना चाहती है। फिर मैं बोला के तो आज ही मौका है। ये मौका फिर नहीं मिलने वाला है। मेरे फोन में एक पोर्न वीडियो थी जिसमे एक जवान लड़की बूढ़े आदमी से चुदाई करवाती है और खूब मजे करती है। फिर वो वीडियो जब मैंने मोना को दिखाई तो वो गर्म हो गई। वो सब समझ गई के क्या करना है।
 
 
 
फिर मैं अपना अंडरवियर खोलकर चारपाई पर बैठ गया और फिर मोना भी अपनी ब्रा पैंटी खोलकर नंगी हो गई और फिर दो कांच के ग्लास लेकर आई और पापा के पास बैठ गई। फिर उसने पापा का हाथ पकड़कर अपनी कमर पर रख लिया और फिर वो एक हाथ से पापा का लंड सहलाने लगी। फिर मैंने हम सबके लिए पैग बनाये। मैंने मोना के लिए थोड़ा हल्का पैग बनाया और मेरे लिए आधा पानी और आधी दारू डाल ली और पापा को सिर्फ दारू डालकर दी। फिर हम सबने चियर्स करके एक दुसरे के ग्लास के साथ ग्लास भिड़ाये और पीने लगे। मोना पहली बार दारू पी रही थी तो उसे काफी कड़वी लगी लेकिन वो जैसे तैसे पी गई। फिर उसने और दारू डालने के लिए कहा तो मैंने कहा के आज इतनी ही बहुत है। अगर तुम भी पीकर टुन्न हो जाओगी तो मजे कैसे करोगी। मेरी बात सुनकर मोना पापा को तरफ देखकर हंसने लगी।
 
 
 
फिर मैं भी जाकर मोना के दूसरी तरफ बैठ गया। फिर मोना मेरा लंड भी पकड़कर सहलाने लगी। फिर मैंने उससे पूछा के दो दो लंड हाथों में लेकर कैसा लग रहा है फिर वो बोली के बहुत मजा आ रहा है। फिर मैंने मोना से कहा के आज तुम हम दोनों को अपने बाप भाई मत समझो बल्कि बस मर्द समझो और खुलकर मजे लो। मोना भी अब बच्ची नहीं रही थी। वो जान गई थी के एक मर्द से कैसे मजे लिए जाते है। फिर वो फुदक कर पापा की गोद मे जा बैठी। मोना पापा की गोद मे एक दम नंगी बैठी थी। ये देखकर ही मेरे लंड से पानी निकलने को हो गया। फिर पापा ने भी मोना के छोटे छोटे बोबो को पकड़ लिया और सहलाने लगी। मोना को भी अब नशा हो चुका था। नशे के कारण वो दोनो बाप बेटी अब एक दूसरे के साथ मजे करने लगे।
 
 
 
वो दोनो फिर चारपाई पर लेट गए। पापा को तो बिल्कुल भी होश नहीं था। फिर मोना पापा का हाथ अपनी चुत पर रखकर सहलाने लगी। फिर वो पापा के ऊपर चढ़ गई और पापा का लंड चुसने लगी। जब पापा का लंड पूरा खड़ा हो गया तो फिर वो पापा का लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और चुदवाने लगी। उसने पापा के दोनों हाथ अपनी कमर पर रख लिए थे। फिर मैं खड़ा होकर उनके पास गया अपना लंड मोना के मुँह में दे दिया। अब मोना मेरा लंड चुसने लगी और साथ मे पापा से चुदवा रही थी। मोना आज दो दो लंड के मजे ले रही थी। फिर पापा झड़ गए और सारा पानी मोना की चुत में ही चला गया। फिर मैंने मोना को पापा पर से उतारा और फिर ले जाकर अपनी चारपाई पर लेटा दिया और फिर मैं मोना की चुदाई करने लगा। कुछ देर चुदाई करने के बाद मैं भी झड़ गया। फिर मैं और मोना कुछ देर तो ऐसे गई लेटे रहे। फिर उठकर हमने सब सामान सही किया। पापा का लंड पोंछा और पापा को लुंगी पहनाई और फिर शराब की बोतल और ग्लास वगैरह सब वहां से उठा दिए। ताकि सुबह उठकर पापा को कुछ पता ना चले के रात को क्या हुआ था।
 
 
 
पापा तो दारू पीकर बिना खाना खाए ही सो गए। मोना भी थोड़े नशे में थी। फिर मैंने मोना को खाना खिलाया और खुद भी खाया। फिर मोना ने कपड़े पहने और फिर वो और मैं अपनी अपनी चारपाई पर सो गए। आज की ये रात हमें हमेशा याद रहने वाली थी।
 
 
 
फिर अगले दिन उठे तो मोना का सिर दर्द हो रहा था। फिर मैंने उसे टेबलेट दी तो फिर वो ठीक हो गया। फिर पापा उठे तो मोना ने उनके लिए चाय बनाई। फिर पापा ने पूछा के रात को मैंने क्या क्या किया था। फिर मोना ने बताया के आपने रात को ज्यादा दारू पी ली थी और आप हर किसी को गन्दी गन्दी गालियां दी रहे थे। ये सुनकर पापा थोड़ा शर्मिंदा हुए। फिर पापा बोले के तुम ये बात अपनी मम्मी को मत बताना। फिर मोना बोली के और आप भी मम्मी के आने के बाद दारू मत पीना। पापा ने हमसे और कुछ नहीं पूछा। बस वो बार बार अपने लंड को जरूर सहला रहे थे। शायद उन्हें पता चल गया था के उन्होंने चुदाई की है। लेकिन किससे की और कैसे की। ये पता नहीं था उन्हें।
 
 
 
फिर पापा तैयार होकर दुकान पर चले गए। पापा के जाने के बाद मोना मुझसे बोली के कल रात बहुत मजा आया था। फिर मैंने कहा के दो लंड लेकर हर लड़की को मज�� ही आता है। अब तुमने अपने बाप और भाई का लंड ले लिया है तो अब तुम्हें किसी और का लंड लेने में शर्म नहीं आएगी। ये सुनकर मोना हँसकर बोली के मुझे तो आप दोनों का लंड लेने में भी शर्म नहीं आई। फिर मोना बोली के मेरी कई सहेलियां है जो कि लंड लेने के लिए बहुत बेताब है और लंड लेने के बाद वो किसी से कुछ कहेगी भी नहीं। अगर तुम्हें लेनी है उनमें से किसी की चुत तो बताओ। फिर मैं मोना से बोला के तुम हमारे बारे में किसी को भी मत बताना। क्योंकि अगर एक बार किसी को पता चल गया तो फिर सबको पता चलने में देर नहीं लगेगी। फिर मोना बोली के मैं किसी को नहीं बताऊंगी। पर मेरी एक पक्की सहेली है। अगर तुम उससे कर लोगे तो वो किसी को नहीं बताएगी। अगर उसको हमारे बारे में पता चल जाएगा तो भी वो किसी से कुछ नहीं बोलेगी।
 
 
 
फिर मैं बोला के तुम किसी पर विस्वास मत करना। मुझे पता है तुम भी किसी और का लंड लेने के लिए बेताब हो। मैं तुमसे वादा करता हूँ कि अगर तुम मुझसे अपनी सहेली चुदवाओगी तो फिर मैं तुम्हारे लिए भी कोई न कोई लंड ढूंढ दूंगा। तुम चाहे किसी से भी करना मुझे कोई एतराज नहीं है। लेकिन तुम अभी तक तैयार नहीं हो। तुम्हारी गाँड की सील भी अभी खोलनी है। तुम्हारी गाँड और चुत थोड़ी खुल जाए फिर चाहे तुम किसी का भी लंड ले लेना तुम्हे कोई दिक्कत नहीं होगी।
 
 
फिर ये सुनकर मोना बोली के मैं तुमसे इसलिए अपनी सहेली नहीं चुदवा रही के फिर तुम भी मुझे अपने दोस्त से चुदवाओ। मुझे लंड तो लेने है पर अगर आपकी मर्जी नहीं होगी तो मैं किसी का भी लंड नहीं लूंगी।
 
 
 
फिर मैं बोला के अभी हमने चुदाई करना शुरू ही किया है। मजे करने के लिए तो आगे बहुत जिंदगी पड़ी है। अभी मुझे सिर्फ तुम्हारे साथ ही चुदाई करनी है। अभी हम हमारे बीच किसी को भी नहीं आने देंगे। ये सुनकर मोना मुस्कुराकर मेरे गले लग जाती है आए फिर हम किस करने लग जाते है। फिर दोपहर को हम सो जाते है क्योंकि रात को हम देर से ही सोए थे।
 
 
 
 
उस दिन शाम को पापा आते है। फिर पापा उस दिन शाम को भी दारू ले आते है। फिर मोना पापा से दारू नहीं पीने के लिए कहती है। फिर पापा ने कहा के तुम्हारी मम्मी आने तक तो पी लेने दो। फिर तो बन्द ही करनी पड़ेगी। फिर मोना हँसकर कहती है के ठीक है।
 
 
 
अब मोना ने पापा से भी चुदवा लिया था हालांकि इसका पता पापा को नहीं चला था लेकिन फिर भी उसने चुदवा तो लिया ही था। जिस कारण मोना अब पापा से खुलकर बात करने लगी थी और उनके सामने अपने कपड़ों का भी ज्यादा ध्यान नहीं रखती। मोना गहरे गले वाले सूट पहनती जिस कारण मोना के बोबो की गहराई दिखती रहती। मोना दुपट्टा वगैरह भी नहीं रखती थी। तब गर्मी का टाइम था और गर्मी में काम करने के कारण मोना का सूट पूरा पसीने से भीग जाता और मोना के बोबे साफ दिखने लग जाते। जिन्हें देखकर एक बार तो पापा भी ध्यान स्व देखने लग जाते है। लेकिन अपनी बेटी जानकर वो इसे अनदेखा कर देते।
 
 
 
मम्मी को गए अभी 10 दिन होने वाले थे लेकिन मम्मी तो अभी वापिस आने का नाम ही नहीं ले रही थी। फिर मोना ने मम्मी को फोन किया तो फिर मम्मी ने कहा के 2-3 दिन में आ जाऊंगी।
 
 
 
पहले तो मोना अपनी ब्रा और पैंटी छुपाकर रखती थी। मोना अपनी ब्रा पैंटी बाकी के कपड़ो से अलग जगह सुखाती थी। लेकिन फिर मोना ने अपनी ब्रा पैंटी बिल्कुल खुल्लम खुल्ला सुखाने लगी और बाथरूम में भी उसकी ब्रा पैंटी ऐसे ही पड़ी रहती। मुझे पता था के मोना ये सब मौज मस्ती के लिए कर रही है। फिर मोना ने मुझसे कहा के पापा मुझे कुछ कहने वाले तो है नहीं। इसलिए मैं पापा के सामने कैसे भी रह सकती हूँ। फिर मैं बोला के तुम क्या करने वाली हो। फिर मोना बोली के ज्यादा कुछ नहीं बस किसी तरह उनके सामने नंगी होना है। देखते है फिर पापा क्या करते है। फिर मैं बोला के बेचारे वो क्या करेंगे। उन्हें तो ये भी पता नहीं के उनकी बेटी उनसे चुद चुकी है। ये सुनकर मोना बोली के तभी तो। उन्हें बता तो नहीं सकती पर वो भी बेचारे मुझे देखकर अपनी आंखें सेंक लेंगे। फिर मोना ने मुझसे पूछा के तुम्हारे हिसाब से मुझे क्या करना चाहिए। मम्मी भी आने वाली है।
 
 
 
फिर मैं बोला के मैं सोचता हूँ कुछ। मोना बोली के मैं किस बहाने से उनके सामने नंगी होउंगी ताकि उनका पता ना चल पाये के मैं उनके सामने जानबूझकर नंगी हुई हूँ। फिर मैंने पूछा के तुम पूरी नंगी होना चाहती हो या अधनंगी। फिर वो बोली के पूरी नंगी कैसे हो सकती हूँ। फिर मैं बोला के होने को कुछ भी हो सकता है। फिर मोना बोली के पूरी नंगी ही हो जाऊंगी। अब मुझे शर्म नहीं आती। मैं अब बिल्कुल बेशर्म हो चुकी हूँ। मुझे तो बस थोड़ा सा बहाना चाहिए फिर तो मैं खुद ही नंगी हो जाऊंगी। अब मोना ने पापा के सामने नंगी होने की ठान ही ली थी तो मुझे तो उसका साथ देना ही था।
 
 
 
 
फिर मैं कोई तरकीब सोचने लगा जिससे मोना पापा के सामने नंगी हो सके। मोना सलवार सूट ही पहनती थी। अगर और कुछ पहनती फिर भी कुछ सोचता। मोना का सूट भी चलो फटने से उतर जाए पर सलवार कैसे उतर सकती है। ये मेरे समझ नहीं आ रहा था। फिर काफी सोचने के बाद मुझे एक आईडिया आया। हालांकि ये आईडिया इतना ज्यादा अच्छक नहीं था और काम चल सकता था। इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था। आगे बताता हूँ के क्या हुआ।
 
 
 
 
सन्डे का दिन था और उस दिन पापा घर पर ही थे। घर मे थोड़ी साफ सफाई करने वाली थी। फिर मोना ने पापा और मुझसे साफ सफाई में हाथ बंटाने के लिए कहा। फिर इसके लिए पापा ने हाँ कर दी। फिर मोना ने जल्दी से खाना बनाया और फिर खाना खाकर हम सब साफ सफाई में लग गए। साफ सफाई करते टाइम मैं तो सिर्फ अंडरवियर में था और पापा सिर्फ लुंगी में थे और मोना ने अपना एक पुराना टाइट सूट पहन लिया। जिसमे सुराख भी थे और वो काफ़ी पतला भी था। उस सूट में एक सुराख एक बोबे की जगह भी था।
 
 
 
फिर हम तीनों साफ सफाई करने लगे। गर्मी के दिन थे तो जल्द ही हम तीनों पसीने से तर हो गए। मैं और पापा ने तो ऊपर कुछ नहीं पहन रखा था इसलिए हमारा पसीना तो नीचे बह रहा था। लेकिन मोना ने ऊपर सूट पहन रखा था जो कि पूरा भीग चुका था। उसके बोबे साफ नजर आने लगे थे। मैं तो इसे अनदेखा कर रहा था लेकिन पापा कभी कभी देख लेते थे। मोना का सूट थोड़ा गहरे गले वाला भी था जिस कारण उसके बोबो के उभार साफ नजर आ रहे थे। फिर हम यूंही काम करते रहे। फिर मैंने देखा के मोना बाहर गई और सूट में बोबे कई जगह जहां सुराख था वहां से उसने अपने एक बोबे का निप्पल बाहर निकाल लिया। जब मैंने ये देखा तो मैं समझ गया के मोना की शरारत अब शुरू हो गई है। फिर मैंने इस और बिल्कुल ध्यान नहीं दिया और मैं उनसे थोड़ा दूर हो गया और उन्हें अकेला छोड़ दि��ा। ताकि पापा बिना किसी शर्म के मोना के बदन को निहार सके।
 
 
 
फिर कुछ देर बाद मोना ने अपने दुसरे बोबे वाली जगह सूट में सुराख कर लिया और उसमें से अपने दुसरे बोबे के निप्पल को भी बाहर निकाल लिया। मोना को ऐसे देखकर तो किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो जाये। फिर जब मोना ऐसे पापा के सामने गई तो फिर पापा भी उसे देखते रह गए। लेकिन वो क्या कर सकते थे देखने के अलावा। मोना को ऐसे देखकर पापा उसे कुछ नहीं बोले। थोड़ी देर बाद जब काम खत्म हो गया तो फिर मैं तो कोई बहाना मारकर घर से निकल गया और छिपकर उन्हें देखने लगा। क्योंकि असली नाटक तो अब होने वाला था। फिर नहाने की बारी आई तो फिर पहले मोना नहाने चली गई और पापा वहीं चारपाई पर बैठकर इंतजार करने लगे।
 
 
 
तभी अचानक बाथरूम से मोना बिल्कुल नंगी बाहर आ गई और चिल्लाने लगी के अंदर मेरे ऊपर छिपकली पड़ गई। फिर पापा मोना को नंगी देखकर देखते ही रह गए और फिर भागकर बाथरूम में गए। तब तक मोना बाहर ही बिल्कुल नंगी खड़ी रही। मोना ने तब सीधी खड़ी थी और अपने हाथों से अपने बोबो और चुत को बिल्कुल भी नहीं ढक रखा था। फिर पापा बाथरूम से बाहर आये और मोना से बोले के अंदर कोई छिपकली नहीं है जाकर नहा लो। लेकिन मोना इतनी जल्दी कहाँ अंदर जाने वाली थी। फिर वो बाहर खड़ी खड़ी ही कहने लगी के नहीं अंदर छिपकली है। फिर पापा उसे समझाने लगे के अंदर कुछ नहीं है। चुप चाप जाकर नहा लो। मोना ने चुत पर मेरी दी हुआ नोज रिंग पहन ही रखी थी। फिर पापा का ध्यान उस पर गया तो पापा कुछ पल के लिए उसे देखते रहे।
 
 
 
फिर उन्होंने एक बार और मोना से अंदर जाकर नहाने के लिए कहा तो फिर मोना बाथरूम में जाने लगी। जाते टाइम पापा ने मोना को एक नजर पीछे से देखा। फिर कुछ देर बाद जब मोना नहाकर आ गई और पापा नहाने चले गए तो फिर मैं भी वापिस घर पर आ गया। फिर मैंने मोना से कहा के तुमने तो कमाल कर दिया। फिर मैंने मोना से कहा के अगर वो तुम्हे नंगी देखकर तुम्हे चोदने लग जाते तो। फिर मोना बोली के तो क्या मैं उनसे हंसी खुशी चुदवा लेती। ये सुनकर हम दोनों हँसने लगे। फिर पापा नहाकर आकर दुसरे कमरे में जाकर सो गए। फिर मैं और मोना नंगे होकर चुदाई करने लगे और फिर हम भी सो गए।
 
 
 
 
आज जो मोना ने किया वो करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। फिर शाम को सब कुछ नॉर्मल रहा। मोना और पापा एक दुसरे से पहले के जैसे ही बातें कर रहे थे। अब मोना की सब शर्म और डर चला गया था। उस रात लाइट नहीं थी। तो मैं और पापा तो खाना खाकर लेट गए और मोना बर्तन वगैरह साफ करने लगी। फिर सब काम करके जब मोना हमारे पास आई तो उसने पहले अपने सब कपड़े खोले और फिर पूरी नंगी होकर आकर चारपाई पर लेट गई। पापा तब तक जाग ही रहे थे। फिर मोना अपनी चुत सहलाने लगी। फिर मोना पानी पीने नंगी ही गई और फिर पानी पीकर आकर लेट गई। जैसे कि वो हमेशा से ही ऐसे ही नंगी रह रही हो। फिर पापा के खर्राटे बजने लगे तो फिर मैंने भी अपना अंडरवियर पूरा निकाल दिया और लंड सहलाने लगा।
 
 
 
फिर तभी मोना खड़ी हुई और आकर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और फिर ऊपर नीचे होने लगी। उसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था के पापा भी पास में लेटे है। फिर हम झड़ गये तो फिर वो अपनी चारपाई पर जाकर नंगी ही कम्बल ओढ़कर सो गई और फिर मैं भी सो गया। सुबह जब मोना उठी तो वो नंगी ही थी और पापा के उठने तक नंगी ही रही। फिर पापा तैयार होकर काम पर चले गए और फिर हम दोनों नंगे होकर घर मे घूमने लगे।
 
 
 
 
पापा के सामने नंगी होने के बाद मोना और भी ज्यादा खुल गई थी। हम पोर्न वीडियो में देखते के कैसे उसमें लड़की कभी नर्स बनकर तो कभी टीचर बनकर चुदवाती है और खूब मजे लेती है। फिर ऐसा ही कुछ हम भी करने लगे। मोना पहले नर्स बनी और फिर वो मुझे नंगा करके मेरे लंड को चेक करने लगी। हम बातें भी ऐसे कर रहे थे जैसे मोना सच मे कोई नर्स है और मैं उसका मरीज। फिर चेक करते करते जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर हम चुदाई करने लगे। इसके बाद वो मेरी स्टूडेंट बनी और फिर वो मेरी टीचर बनी और हमने फिर जमकर चुदाई की।
 
 
 
 
फिर इसके बाद मोना को अपनी फेवरिट एक्ट्रेस समझकर चोदता और मोना भी मुझे कोई अपना फेवरिट एक्टर समझकर मुझसे खूब चुदवाती। ऐसे चुदाई करके हमे काफ़ी मजा आता था। अभी हमारा हाल ऐसा हो गया था के मोना को नंगी देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मेरा खड़ा लंड देखकर मोना की चुत गीली हो जाती। फिर तो हमारी चुदाई पक्की हो जाती। घर मे जब में मोना को अपना लंड बाहर निकालकर दिखा देता तो मोना सब काम छोड़कर मेरे पास आ जाती और फिर अपनी सलवार खोलकर घोड़ी बन जाती। कई बार तो ऐसा होता के बाहर पापा बैठे होते और अंदर कमरे में मोना मेरे सामने घोड़ी बनी हुई होती। फिर मैं भी उसकी चुत में लंड डाल देता।
 
 
 
 
फिर बस कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा। मम्मी के आने से पहले मोना ने पापा को अपने बदन के खूब दर्शन करवाएं। फिर मम्मी आ गई तो फिर मम्मी के सामने मोना नॉर्मल ��ी रही। फिर हम एक दो दिन और गांव में रहे और फिर हम वापिस शहर आकर रहने लगे। फिर से हमारी वही रूटीन शुरू हो गई।
 
 
 
मैं अपने दोस्त से खूब पोर्न वीडियो अपने फोन में डलवाकर लाता और फिर मैं और मोना वो वीडियो देखते और फिर जमकर चुदाई करते। मोना को डांस करना बहुत अच्छे से आता था और वो जब नंगी होकर डांस करती तो इतनी सेक्सी लगती के पूछो मत। मोना सब कुछ बहुत तेजी से सीख रही थी। चुदाई में तो वो अब पूरी एक्सपर्ट हो चुकी थी।
 
 
 
 
फिर मोना के एग्जाम आ गए तो मैंने उसे पढ़ने के लिए कहा ताकि उसके एग्जाम में अच्छे नम्बर आ सके। मैं उसकी चुदाई कर देता जिससे कि वो बिल्कुल रिलेक्स होकर पढ़ सके। मोना पढ़ाई में होशियार ही थी। इस कारण मैंने फिर मोना से कहा के कहीं हमारी चुदाई के कारण तुम्हारी पढ़ाई खराब ना हो जाये। मोना बोली के ऐसा कुछ नहीं होगा। फिर मोना पढ़ाई में ध्यान देने लगी और मैं भी मोना के साथ चुदाई के लिए ज्यादा जोर जबरदस्ती नहीं करता।
 
 
 
फिर एक बार शाम को मम्मी का मेरे पास फोन आया तो हम ऐसे ही बातें करने लगी। फिर वो मुझसे मोना के बारे में पूछने लगी तो मैंने कहा के वो ठीक है। फिर मम्मी ने कहा के उसका ध्यान रखना कहीं उसका किसी के साथ चक्कर ना चल जाये। फिर मैंने मम्मी से कहा के हमारी मोना सयानी है वो सब समझती है। वो ऐसा वैसा कुछ नहीं करेगी। फिर मम्मी बोली के बेटा ये उम्र ही ऐसी होती है और हमारा गांव तो पहले से ही बदनाम है। फिर मैंने मम्मी से कहा के थोड़ा तो विस्वास रखो। वो तुम्हारी बेटी है। तुम्हे अपनी बेटी पर जरा भी विस्वास नहीं है। फिर मम्मी बोली के उस पर तो विस्��ास है लेकिन इस दुनिया पर नहीं है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम मोना की उम्र की थी तो तब तुम्हारा था क्या कोई बॉयफ्रेंड। ये सुनकर मम्मी हंसने लगी और बोली के बेशर्म अपनी मम्मी से कोई ऐसी बात पूछता है।
 
 
 
 
 
फिर मैंने कहा के क्यों अब तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड रहा होगा तो होगा। अब मुझे क्या पता। फिर मम्मी बोली के अरे मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था। फिर वो हंसने लगी। फिर मैंने कहा के ये तो नहीं हो सकता। आप इतनी सुंदर हो और आपका कोई बॉयफ्रेंड ना रहा हो। ये सुनकर मम्मी फिर हंसने लगी। फिर मम्मी ने मुझसे कहा के मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं था पर शायद तेरी जरूर कोई गर्लफ्रैंड है। फिर मैं बोला के आपको कैसे पता। फिर मम्मी बोली के तेरी बातों से पता चल गया। फिर मैं बोला के नहीं है मैंने तो ऐसे ही कह दिया था। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है तो हम बन जाते है एक दुज़रे के बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड। ये सुनकर मम्मी खूब हंसी।
 
 
 
 
उस दिन मैंने और मम्मी ने काफी देर बात की। मेरी मम्मी मस्त औरत है। सबके साथ हँसकर ही बात करती है। उस दिन के बाद से मैं मम्मी के साथ कुछ ज्यादा ही मस्ती मजाक करने लगा। मम्मी को मुझ पर पूरा विस्वास था और घर के बारे में जो भी बात करनी होती तो वो मुझ से ही पूछती थी। घर का सब हिसाब किताब हम दोनों ही रखते थे। मम्मी मेरा काफी ख्याल रखती थी और उन्होंने कभी मुझे किसी चीज के लिए मना नहीं किया था। इस कारण मैं कुछ न कुछ चीज ले जाकर मम्मी को देता रहता था।
 
 
 
 
मोना को भी हमारी इन सब बातों का पता था। फिर मोना ने मुझसे कहा के अगर तुम मम्मी को किस तरह पटा लो तो फिर कभी मम्मी को हमारे बारे में पता भी चलेगा तो वो हमें ज्यादा कुछ नहीं कहेगी। फिर मैंने मोना से कहा के वो हमारी मम्मी है। वो ऐसे जल्दी से पटने वाली औरत नहीं है। फिर मोना ने मुझसे कहा के हमारी मम्मी सुंदर है और अभी भी काफी जवान ही लगती है। अगर उनका किसी के साथ चक्कर चल रहा हो तो। फिर ये सुनकर मैं मोना से बोला के तुम्हारा दिमाग तो ठीक है क्या। फिर मोना बोली के मेरा दिमाग ठीक है। होने को कुछ भी हो सकता है। वो भी औरत है उनके भी चुत है। उनका भी मन करता ही है। मोना की बातें सुनकर मेरा दिमाग खराब हो गया। फिर मैंने मोना से कहा के अभी ऐसा कुछ सामने तो नहीं आया है। लेकिन तुम्हारी बात सही भी हो सकती है। फिर मोना बोली के पापा को तो मैं सम्भाल लुंगी। तुम बस मम्मी का ध्यान रखना।
 
 
 
 
 
मैंने कहा के ठीक है। फिर मैं मम्मी का भी ध्यान रखने लगा। उनका फोन वगैरह भी चेक करता रहता। लेकिन कुछ नहीं मिला। तब जाकर मुझे और मोना को यकीन हुआ।
 
 
 
 
सर्दियों के दिन शुरू हो गए। मैं और मोना नंगे होकर एक ही रजाई में सोते और जमकर चुदाई करते। सर्दियों में चुदाई करने का मजा ही अलग होता है। फिर मोना के एग्जाम हो गए और मोना अब बिल्कुल फ्री थी। फिर मोना गाँड मरवाने की जिद करने लगी। फिर मैंने उसे समझाया के इसमे बहुत दर्द होगा। फिर मोना बोली के मैं सारा दर्द सह लुंगी। हम पहले से ही काफ़ी गाँड चुदाई की वीडियो देख चुके थे। फिर एक दिन रात को हमने गाँड चुदाई का प्रोग्राम बनाया। मैंने तेल, क्रीम वगैरह सब कुछ पहले से ही बिस्तर के पास रख लिए थे। फिर मोना घोड़ी बन गई तो फिर मैंने मोना की गाँड और मेरे लंड पर खूब सारा तेल लगाया। फिर मैं लंड गाँड में डालने लगा। मोना की गाँड काफी टाइट थी। फिर जैसे ही मेरा थोड़ा सा लंड अंदर गया तो उसे थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा। फिर मेरा आधा लंड अंदर चला गया तो उसे तेज दर्द होने लगा। वो चिल्लाने लगी और रोने लगी।
 
 
 
 
लेकिन फिर मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया तो फिर तो उसका बुरा हाल हो गया। वो मुझसे लंड निकालने के लिए कहने लगी। लेकिन मैंने नहीं निकाला। फिर मैं साथ मे इसकी वीडियो भी बनाने लगा। फिर मैं लंड अंदर बाहर करने लगा और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। मोना का तो रो रोकर बुरा हाल हो चुका था। मुझे भी मोना की टाइट गाँड चोदने में बहुत मजा आ रहा था। फिर आखिरकार मैं भी झड़ गया और पुरा माल मोना की गाँड में ही निकाल दिया और फिर लंड को बाहर निकाल लिया। लंड बाहर निकालने के बाद मोना सीधी होकर लेट गई और अपनी गाँड के छेद को अपने हाथ से छूकर देखने लगीं। वो कांप रही थी तब।
 
 
 
 
 
मेरा लंड तब भी खड़ा था और मोना की हालत देखकर बड़े शान से मैं अपने लंड को सहला रहा था। मोना भी ये देख रही थी। फिर मैंने लंड उसकी चुत में डाल दिया और करने लगा। फिर मोना बोली के मेरी जान लोगे क्या आज। फिर मैं बोला के जान नहीं एक बार गाँड और लूंगा। फिर ये सुनकर मोना रोकर कहने लगी के नहीं आज बख्स दो। फिर मैं बोला के एक बार और करवालोगी तो गाँड ढंग से खुल जाएगी। लेकिन फिर वो मना ही करती रही। फिर मेरा लण्ड थोड़ा ढीला होने लगा तो फिर मैंने लन्ड उसके मुंह मे डाल दिया तो वो रोती रोती मेरा लण्ड चुसने लगी। फिर कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से तनकर तैयार हो गया जिसे मैं उसके मुंह के सामने ही मैं सहलाने लगा। फिर ये देखकर मोना डर गई के अब उसकी खैर नहीं। फिर मैंने उसे समझाया के अब उसे पहले जितना दर्द नहीं होगा। लेकिन वो करवाने के लिए तैयार ही नहीं थी।
 
 
 
लेकिन फिर भी मैंने किसी तरह लंड उसकी गाँड में डाल ही दिया। उसे पहले तो दर्द हुआ लेकिन फिर इस बार उसे मजा आने लगा आए उसकी चुत बहने लगी। फिर इस बार मैंने उसकी चुत भी मारी। फिर चुदाई के बाद मैंने उसकी चुत और गाँड को अच्छे से साफ किया और उसे दर्द की गोली दी। फिर वो उल्टी होकर लेट गई तो फिर मैं उसकी गाँड की सिकाई करने लगा। फिर थोड़ा आराम मिलते ही मोना को नींद आ गई। फिर मैं भी सो गया।
 
 
 
 
जब अगले दिन वो उठी तो वो लंगड़ाकर चल रही थी। फिर मैंने कहा के कुछ दिन में ठीक हो जाओगी। फिर उस दिन भी मैंने कई बार उसकी गाँड मारी। फिर इसके बाद तो उसकी गाँड में खुजली होने लगी और वो खुद अपनी गाँड लाकर मेरे सामने रख देती। फिर मोना को भी गाँड चुदाई में काफी मजा आने लगा और वो अब काफी खुश थी। फिर मैं लगभग रोज रात को उसकी गाँड में अपना लंड डालकर सोने लगा। अब जब मैं घोड़ी बनाकर मोना की चुदाई करता तो उसकी चुत और गाँड दोनो की चुदाई करता और फिर उसकी गाँड में झड़ जाता।
 
 
 
 
जब मोना पूरी तरह ठीक हो गई तो फिर हम कुछ दिन के लिए गांव चले गए। गांव में हमारे घर मे एक कमरे में पापा मम्मी सोते है और उसके साथ वाले कमरे में मैं और मोना सोते है और एक रसोई है और एक गेस्ट रूम है। इस प्रकार कुल 4 ही कमरे है। हमारे और मम्मी पापा के कमरे में बस एक दीवार ही थी और उसमें भी कई छेद थे। फिलहाल उसमें ईंट फसाई हुई थी पर वो ईंट आसानी से निकल भी सकती थी और मम्मी पापा के कमरे में आराम से देखा जा सकता था। फिर एक दिन खाना वगैरह खाने के के बाद हम सब अपने अपने कमरों में चले गए। मैं और मोना तो कमरे में जाते ही कमरा अंदर से बन्द कर लेते और फिर नंगे होकर लेट जाते रजाई में।
 
 
 
 
बीच मे सिर्फ एक दीवार होने के कारण हमें एक दुसरे के कमरों की आवाजें साफ सुनाई देती थी। मैं और मोना तो चुदाई करते टाइम इस बात का ख्याल रखते और हम बिल्कुल भी आवाज नहीं करते थे। जब कभी मोना को मुझे कसकर चोदना होता तो मैं मोना को कमरे से बाहर ले जाता और फिर उसकी कसकर चुदाई करता। इतनी सर्दी होने के बावजूद भी मैं और मोना एक दम नंगे कमरे से बाहर चले जाते थे। तब हम बहुत गर्म होते थे और हमें सर्दी बिल्कुल भी नहीं लगती थी।
 
 
 
फिर एक बार मोना मेरे ऊपर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठी थी। तभी हमें मम्मी की सिसकारियों की थोड़ी आवाजें आने लगी। ये सुनकर मैं और मोना एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुराए। क्योंकि हमें पता चल गया था के मम्मी पापा चुदाई कर रहे है। फिर हम दोनों उठे और फिर किसी तरह जाकर दीवार में से एक ईंट निकाल ली। फिर हमने कमरे में देखा के मम्मी पापा एक दम नंगे थे और चुदाई कर रहे थे। मैं तो मम्मी को ही देखे जा रहा था। वो नंगी बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उनकी चुदाई देखकर मैं और मोना गर्म हो गये तो फिर हम वहीं खड़े खड़े ही चुदाई करने लगे। मैंने पीछे से मोना की गाँड में लंड डाल दिया था।
 
 
 
 
फिर पापा झड़ गए तो पापा मम्मी पर से हट गए और मम्मी तब एक दम नंगी अपनी झांटो वाली चुत को सहलाने लगी। ये देखकर मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गया। फिर मम्मी खड़ी होकर कपड़े पहनने लगी। तो ये देखकर मुझसे रहा नहीं गया और फिर मैंने मोना के मुँह पर हाथ रखा और फिर उसकी गाँड की जबरदस्त चुदाई करने लगा। मोना भी समझ गई थी के मैं मम्मी को देखकर बहुत ज्यादा गर्म हो गया हूँ। फिर मैं झड़ गया तो फिर मैं और मोना आकर रजाई में लेट गए। उधर मम्मी पापा भी सो गए थे। फिर मोना मेरा लंड सहलाने लगी और फिर मुझसे पूछने लगी के कैसी लगी तुम्हे मम्मी। फिर मैं हँसकर बोला के ��हुत सेक्सी। फिर मोना ने पूछा के उनके बोबे, चुत और गाँड कैसे थे। मैं बोला के एकदम कयामत थे।
 
 
 
 
हमारे ऐसे बातें करने से मेरा लंड खड़ा हो गया। तब हमारे कमरे में मम्मी के कुछ सूट और उनकी ब्रा पैंटी पड़ी थी। फिर मोना खड़ी हुई और उसने पहले मम्मी की एक ब्रा पहनी और फिर ऊपर से सूट पहन लिया नीचे कुछ नहीं पहना। फिर उसने मम्मी की एक पैंटी मेरी तरफ फेंकी। फिर उसे लेकर मैं देखने लगा और फिर ��ूंघने लगा। मोना के बोबे छोटे थे तो फिर उसने ब्रा में कुछ कपड़े ठूंस लिए जिससे उसके बोबे बड़े हो गए। फिर वो आकर लेट गई और फिर वो बोली के आजाओ चोद लो अपनी मम्मी को। फिर उसके ऐसा कहते ही मैं मोना के ऊपर चढ़ गया और फिर उसके बोबो के बीच मे सिर डाल दिया। मम्मी के सूट से मुझे मम्मी के बदन की खुशबू आ रही थी। फिर मैं मोना को मम्मी समझकर उसकी चुदाई करने लगा। साथ मे एक हाथ से मैं मम्मी की पैंटी सूंघ रहा था। मैं काफी गर्म हो चुका था तो फिर मैं जल्दी ही झड़ गया। पर मजा बहुत आया। इसके लिए मैंने मोना का बहुत बहुत धन्यवाद किया।
 
 
 
 
 
फिर मोना हँसकर बोली के मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ। उस रात मोना वैसे ही मम्मी के कपड़ो में सोई और मैं उससे चिपक कर सोया। अगले दिन जब मैं उठा तो मेरा मम्मी को देखने का नजरिया ही बदल गया। फिर मोना ने मुझसे कहा के मम्मी को देखकर खूब मजे लो। मम्मी के सूट में से बोबे दिखते रहते थे और मम्मी की बड़ी गाँड भी छुपाए नहीं छुपती थी। जिन्हें देखकर मैं भी मजे लेने लगा। फिर मोना ने किसी तरह मुझे मम्मी की नंगी फ़ोटो मोबाइल से खींचकर ला दी। फिर वो फ़ोटो देखकर तो मैं दिन रात अपना लंड हिलाने लगा। मोना तो पहले से ही पापा से चुदवा चुकी थी। फिर वो मुझसे बोली के तुम भी शर्म मत करो और मम्मी का उद्घाटन कर दो। फिर मैं बोला के ऐसे एकदम से कुछ नहीं होगा टाइम लगेगा।
 
 
 
 
 
फिर मोना बोली के तुम कोशिश करते रहो। कभी तो बात बनेगी ही। फिर कुछ दिनों बाद मम्मी पापा की शादी की सालगिरह आने वाली थी। हम गांव में रहते थे तो गांव में कौन सालगिरह मनाता है। वैसे पापा मम्मी के बीच मे सब कुछ ठीक था लेकिन फिर भी उनके बीच कुछ कमी सी लगती थी। बस इसी बात का मैंने फायदा उठाया। मैं और मम्मी एक जैसा सोचते थे जिस कारण हममें काफी बातें कॉमन थी। मैंने भी घर का सब काम अच्छे से सम्भाल रखा था और मैं मम्मी की हर बात मानता था। अभी तक मुझे मम्मी अपना बेटा ही समझ रही थी। बस मुझे मम्मी की यही सोच किसी तरह बदलनी थी।
 
 
 
 
मम्मी की पसंद नापसंद मुझे सब कुछ पता था। फिर मोना ने भी मुझे कई बातें बताई। फिर मोना ने और मैंने मिलकर एक प्लान बनाया। जो कि आपको आगे पता चल जाएगा।
 
 
 
फिर मम्मी की सालगिरह वाले दिन मैं मम्मी को किसी बहाने से शहर ले आया। हम बस में ही गए थे। फिर बस से उतरकर हम मार्केट की तरफ जाने लगे। फिर रास्ते मे मम्मी को एक कोने में ले गया और फिर उनसे कहने लगा के आज तुम्हारी शादी की सालगिरह है। पापा ने तो कभी सालगिरह ढंग से नहीं मनाई लेकिन आज मैं और आप दोनों मिलकर सालगिरह मनाएंगे। मैं पापा की जगह तुम्हे खूब शॉपिंग करवाऊंगा। मम्मी को शॉपिंग करना काफी पसंद था। फिर ये सुनकर मम्मी काफी खुश हुई। फिर मैंने मम्मी से कहा के आज मैं पापा की सब कमी दूर कर दूंगा। तुम मना मत करना। फिर मैं मम्मी के गले लग गया और फिर मम्मी की गाल पर एक किस भी कर दिया। फिर मैंने अपनी गाल मम्मी के सामने की तो फिर मम्मी ने भी मुझे किस कर दिया। फिर मम्मी बोली के तेरे पापा से मुझे शिकायते थी पर मैंने कभी इसका जिक्र किसी के सामने कभी नहीं किया। पर आज मैं काफी खुश हूं कि भगवान ने मुझे तुम जैसा बेटा दिया। फिर ये सुनकर हम फिर से एक दुसरे के गले लगे।
 
 
 
 
फिर मैंने भी मौके पर चौका मारते हुए मम्मी से कहा के मैं तुम्हे नाम से बुला सकता हूँ क्या सिर्फ आज आज के लिए। फिर मम्मी हंसकर बोली के ठीक है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तो चले सुमन डार्लिंग और फिर मैंने मम्मी की कमर में हाथ डाल दिया। फिर मेरे मुँह से ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर मैंने मम्मी का हाथ पकड़ा और फिर हम मार्केट में जाने लगे। फिर मैं पहले मम्मी को लेकर एक कपड़े की दुकान में गया। फिर वहां हम मम्मी के लिए सूट देखने लगे। मुझे और मम्मी को कई सूट पसंद आये। फिर मम्मी मुझसे पूछने लगी के कौनसा सूट लूँ तो फिर मैंने एक सूट पसंद किया और फिर मम���मी ने वो ही सूट ले लिया। वो सूट पिंक कलर का था और सिलाई के बाद मम्मी पर काफी अच्छा लगने वाला था। फिर मेरे कहने पर मम्मी ने दो सूट और ले लिए। फिर उस दुकान से निकलकर हम मार्केट में घूमने लगे। फिर हम एक ज्वैलर की दुकान में गये। फिर उस दुकान से मैंने मम्मी के लिए एक नोज रिंग ली। वो ली तो मैंने मम्मी की चुत के लिए थी और तब मम्मी ने उसे अपनी नाक में पहन ली। फिर मैंने मम्मी के लिए गले मे पहनने के लिए एक चैन ली। जिस पर सोने का पानी चढ़ा हुआ था।
 
 
 
 
फिर मम्मी वो चैन गले मे पहनकर खुद को वहाँ लगे शीशे में देखने लगी। मैं तब मम्मी के साथ ही बैठा था। फिर मैं मम्मी से बोला के तुम बहुत अच्छी लग रही हो। फिर मैं और मम्मी एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर हम उस दुकान से निकलकर एक दूसरी दुकान में चले गए। वहां लेडीज का लगभग सारा ही सामान था। फिर वहां से मैंने मम्मी के लिए दो लेटेस्ट डिज़ाइन के मंगलसूत्र लिए। फिर मम्मी जब वो मंगलसूत्र पहनने लगी तो फिर मैंने मम्मी के हाथ से मंगलसूत्र लेकर मम्मी के गले मे बांधने दिया। फिर मम्मी ने वहां से चूड़ियां वगैरह भी ली। वहाँ ब्रा पैंटी वगैरह भी थे। फिर मम्मी ने मेकअप वगैरह का सामान लिया और फिर कहने लगी के चलो चलते है। फिर मैंने मम्मी से कहा के और कुछ लेना है तो ले लो। फिर मम्मी ने कहा के सब ले लिया और क्या लेना है। फिर मैं मम्मी से बोला के देख लो और कुछ लेना हो तो। फिर हम दोनों दुकान में इधर उधर नजर दौड़ाने लगे। वहाँ सामने ही शोकेस में एक ब्रा पैंटी का सेट रखा हुआ था। फिर मेरी नजर तो जाकर उस पर रुक जाती।
 
 
 
 
 
फिर पहले तो मम्मी मुझसे पूछती रही के क्या लेना क्या लेना है और फिर जब उन्होंने मुझे शो केस में रखी उस ब्रा पैंटी को घूरते हुए देखा तो वो सब समझ गई। फिर वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और बोली के वो मेरे पास है। फिर मैं बोला के तो क्या हुआ एक और ले लो। ये सुनकर मम्मी थोड़ी शर्म से लाल हो गई। तब हम थोड़ा उस दुकान से बाहर आ चुके थे। फिर मम्मी मुझसे बोली के जा तू ही ला दे। फिर मैं जाने लगा लेकिन तभी मुझे याद आया के साइज तो पूछा ही नहीं। फिर मैं मम्मी से पूछने ही वाला था के मम्मी हंसने लगी। मम्मी को भी पता चल गया था के मैं क्या पूछने वाला हूँ। फिर मैं थोड़ा शर्माने लगा और मम्मी से पूछा के किस साइज के लाने है। फिर मैं मम्मी के बोबो की तरफ देखने लगा। फिर मम्मी ने कहा 38 की ब्रा और 40 कि पैंटी ले आना। मम्मी मुझे देखकर लगातार मुस्कुरा रही थी।
 
 
 
फिर मैं दुकान के अंदर गया और मम्मी ने बताया उस साइज की अलग अलग डिज़ाइन की कई ब्रा पैंटी ली। फिर मैं ब्रा पैंटी लेकर दुकान से बाहर आया तो फिर मम्मी ने एक थैला खोलकर मेरे आगे कर दिया और फिर मैंने वो सब ब्रा पैंटी उसमें डाल दी। फिर मम्मी उन्हें थैले के अंदर ही हाथ मे लेकर देखने लगी। फिर मैंने सोचा के मैं मम्मी से क्यों शर्मा रहा हूँ। मैं ही शरमाउंगा तो फिर बात कैसे बनेगी। फिर हम आगे बढ़े। फिर एक दुकान के आगे एक लड़के का पुतला पेंट शर्ट पहनकर खड़ा था। फिर मम्मी बोली के तू भी अपने लिए कुछ ले ले। फिर मैंने कहा के मैं फिर कभी ले लूँगा। फिर वहीं एक लड़की का पुतला था जिसने एक शार्ट जीन और टॉप पहन रखा था। फिर मैंने उस पुतले की तरफ इशारा करते हुए मम्मी से कहा के तुम्हारे लिए ऐसे कपड़े ले लूँ। फिर उस पुतले की तरफ देखकर बोली के ना ना बिल्कुल नहीं। फिर हम दोनों हंसने लगे।
 
 
 
 
तब दोपहर हो चुकी थी और हमे भूख भी लग चुकी थी। फिर मैं मम्मी को लेकर एक रेस्टोरेंट में गया। फिर वहाँ मैंने मम्मी का फेवरिट खाना मंगवाया। फिर मैं अपने हाथों से मम्मी को खाना खिलाने लगा तो फिर मम्मी भी मुझे अपने हाथों से खिलाने लगी। तब मैंने मम्मी के हाथ मे अपना हाथ डाल रखा था। फिर खाना खत्म करके मम्मी ने थोड़ा पीछे की तरफ होकर डकार ली और बोली के आज तो मजा आ गया। फिर मैंने तभी मम्मी की कमर में हाथ डालकर मम्मी से पूछा के और क्या खाओगी। फिर मम्मी बोली के और कुछ नहीं खाना।
 
 
 
 
फिर हम उस होटल से निकलकर बाजार में घूमने लगे। फिर मैं मम्मी को एक पार्क में लेकर गया। वहां काफ़ी झूले थे। फिर मैं और मम्मी कई झूलों ओर झूले। फिर मम्मी बोली के उन्हें काफ़ी मजा आया। फिर हम एक जूतों की दुकान पर गए वहाँ मेरे कहने पर मम्मी ने हाई हील के सैंडल लिए। फिर वहीं पास ही में एक दुकान थी जिसमे की नाइटी वगैरह मिल रही थी। फिर मैंने सोचा के मम्मी सारा दिन घर पर ही रहती है तो उनके लिए नाइटी ले लेता हूँ। ताकि उसमें वो आराम से रह सके। फिर मैं मम्मी को लेकर उस दुकान में चला गया। उस दुकान में काफी सारी सेक्सी नाइटी भी थी। फिर उन्हें देखकर मम्मी सोचने लगी के पता नहीं अब मैं उन्हें क्या दिलवाऊंगा। फिर मैंने उनसे एक लांग नाइटी दिखाने के लिये कहा। फिर वो दिखाने लगे। उनमे से कुछ नाइटी सीधे ही पहनने वाली थी और कुछ आगे से खुलने वाली थी। फिर मैंने मम्मी के लिए सब टाइप की नाइटी ले ली।
 
 
 
 
कुछ नाइटी शॉर्ट थी जो कि घुटनो से ऊपर तक ही आती थी। फिर मैंने मम्मी से पूछा के ये नाइटी लोगी क्या रात में पहनने के लिए। फिर मम्मी कुछ नहीं बोल पाई और बस मुझे ही देखती रही। फिर मैंने मम्मी के लिए एक वैसी नाइटी ले ली। फिर हम उस दुकान से बाहर निकले तो मम्मी थोड़ी चुप चाप सी थी। फिर मैं को लेकर हमारे उस शहर वाले घर मे जाने लगा। मैंने यही प्लान बनाया था के मम्मी को पहले शॉपिंग करवाऊंगा और फिर उन्हें लेकर वहां चला जाऊंगा। इस कारण मैंने पहले से ही शहर वाले घर मे से वो सब सामान छिपा दिया जो कि मम्मी को नहीं देखना चाहिए था। हम घर मे जा ही रहे थे के तभी  मौसम खराब हो गया और बारिश आने लगी।
 
 
 
 
 
फिर हम जैसे तैसे घर पहुंचे। फिर ��र पहुंचते ही मैंने मम्मी से रात यही रुकने के लिए कहा तो फिर मम्मी ने कहा के जैसा तुम्हे ठीक लगे। फिर मैंने मम्मी के फोन पर फोन कर दिया जो कि मोना के पास था और उसे कहा के हम कल घर आएंगे। अब हमें घर नहीं जाना था तो फिर मम्मी ने चाय बनाई और फिर साथ बैठकर हम चाय पीने लगे। मम्मी आज काफी खुश थी। मैंने आज मम्मी को दस हजार की शॉपिंग करवाई थी। फिर मैं मम्मी का हाथ पकड़कर मम्मी को पूरा घर दिखाने लगा। अब मैं मम्मी से ऐसे व्यवहार करने लगा जैसे मम्मी मेरी बीवी हो। मैं कभी मम्मी की कमर में हाथ डाल देता तो कभी मम्मी के कंधे ओर हाथ रखकर मम्मी को खुद से चिपका लेता। अब मम्मी भी कोई बच्ची नहीं थी। उन्हें भी आज इस बात का एहसास हो गया था के मैंने आज उन्हें अपनी बीवी समझकर ही सब शॉपिंग करवाई है।
 
 
 
 
फिर हम छत पर चले गए। तब बारिश बन्द हो गई थी और ठंडी ठंडी हवा चल रही थी। फिर मैंने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और उनके गले मे हाथ डालकर खड़ा हो गया। फिर हम कुछ देर ऐसे ही खड़े रहे और फिर म��्मी मेरी तरफ मुड़ी और मेरे सीने से लग गई। तब मैंने मम्मी की आंखों में देखा तो मुझे उनकी आंखों में प्यार साफ दिख रहा था। फिर हम वहीं बैठकर बातें करने लगें। फिर मैंने मम्मी से पूछा के तुम्हें और कुछ भी लेना था क्या। फिर मम्मी हँसकर बोली के नहीं तुमने आज मुझे काफ़ी कुछ दिला दिया। आज मुझे विस्वास हो गया है के तू अब सब कुछ सम्भाल लेगा। फिर मम्मी मुझसे बोली के तेरी शादी करवा दूँ। फिर मैं बोला के नहीं मैं अभी शादी नहीं करूंगा। पहले हम मोना की शादी करेंगे। फिर मैं मेरी शादी के बारे में सोचूंगा। मेरी ये बात सुनकर मम्मी इम्प्रेस हुई और फिर मुझसे कहा के हां तुमने सही कहा।
6 notes · View notes