#हाथी मेरे साथी
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प्रेम भक्ति
#GodMorningFriday
🙏🙏कमाल को अभिमान हो गया था। मैंने उसको त्याग दिया था। मेरे को अहंकारी प्राणी पसंद नहीं हैं। हम तो भक्ति के साथी हैं, हाथी-घोड़ों को नहीं चाहता। जो प्रेम भक्ति करता है, उसको हृदय में रखता हूँ।🙏🙏
🍁जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज🍁🌿🌿🌿
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#GodNightWednesday
कमाल को अभिमान हो गया था। मैंने उसको त्याग दिया था। मेरे को अहंकारी प्राणी पसंद नहीं हैं। हम तो भक्ति के साथी हैं, हाथी-घोड़ों को नहीं चाहता। जो प्रेम भक्ति करता है, उसको हृदय में रखता हूँ।
जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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#GodNightSaturday
प्रेम भक्ति
कमाल को अभिमान हो गया था। मैंने उसको त्याग दिया था। मेरे को अहंकारी प्राणी पसंद नहीं हैं। हम तो भक्ति के साथी हैं, हाथी-घोड़ों को नहीं चाहता। जो प्रेम भक्ति करता है, उसको हृदय में रखता हूँ।
अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़े पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा
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कमाल को अभिमान हो गया था। मैंने उसको त्याग दिया था। मेरे को अहंकारी प्राणी पसंद नहीं हैं। हम तो भक्ति के साथी हैं, हाथी-घोड़ों को नहीं चाहता। जो प्रेम भक्ति करता है, उसको हृदय में रखता हूँ।
🥰🥰🥰🥰🥰🥰
#SantRampalJiMaharaj #KabirisGod
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#GodMorningWednesday
कमाल को अभिमान हो गया था। मैंने उसको त्याग दिया था। मेरे को अहंकारी प्राणी पसंद नहीं हैं। हम तो भक्ति के साथी हैं, हाथी-घोड़ों को नहीं चाहता। जो प्रेम भक्ति करता है, उसको हृदय में रखता हूँ।
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#tuesdaymotivations
कमाल को अभिमान हो गया था। मैंने उसको त्याग दिया था। मेरे को अहंकारी प्राणी पसंद नहीं हैं। हम तो भक्ति के साथी हैं, हाथी-घोड़ों को नहीं चाहता। जो प्रेम भक्ति करता है, उसको हृदय में रखता हूँ।
#SatlokAshramMundka
#KabirisGod
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#GodMorningTuesday
प्रेम भक्ति
कमाल को अभिमान हो गया था। मैंने उसको त्याग दिया था। मेरे को अहंकारी प्राणी पसंद नहीं हैं। हम तो भक्ति के साथी हैं, हाथी-घोड़ों को नहीं चाहता। जो प्रेम भक्ति करता है, उसको हृदय में रखता हूँ।
📚👉 अधिक जानकारी के लिए आवश्य पढ़े पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा"|
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( #Muktibodh_part247 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part248
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 475-476
‘‘कबीर वचन‘‘
◆ अनुराग सागर पृष्ठ 130 से 137 का सारांश :-
कबीर परमेश्वर जी ने बताया कि हे धर्मदास! काल बड़ा छलिया है। इसने पहले तो मेरे से तीन युगों में जीव थोड़े पार करने तथा कलयुग में जितने मर्जी पार कर देना, यह वर माँग लिया। बाद में कहा कि मेरे अंश (काल के दूत) पहले भेजूंगा जो तेरे (कबीर) नाम
से 12 पंथ चलाएंगे। उनके चार मुखिया होंगे। अन्य भी होंगे। उसने अपने चार मुख्य दूतों से कहा कि जगत में मेरा शत्रु कबीर जाएगा। वह कबीर नाम से पंथ चलाएगा। भवसागर
उजाड़ना चाहता है। कोई अन्य लोक सुखदायी तथा अन्य सतपुरूष बताएगा। वह झूठ बोलता है, तुम जाओ, मेरी भक्ति दृढाओ। ��स प्रकार उसने (काल निरंजन ने) अपने दूत
भेजे हैं। बताया है कि कबीर जम्बूद्वीप (भारत) में अपना पंथ चलाएगा। तुम कबीर नाम से 12 नकली पंथ चलाना। काल ने अपने दूतों को समझाकर पृथ्वी पर जाने के लिए कहा।
चार मुख्य दूत हैं - रंभ, कूरंभ, जय तथा विजय। ये सब जालिम हैं। इनमें ‘‘जय‘‘ नामक दूत अधिक दुष्ट है। वह तेरे वंश को भ्रमित करेगा। बांधवगढ़ के पास गाँव कुरकुट में चमार जाति में जन्म लेगा। साहब दास नाम कहावैगा। इसका पुत्र गणपति नाम का होगा। ये दोनों तेरी गद्दी वालों यानि वंश छाप वालों को भ्रमित करेंगे। वे झंग शब्द का उच्चारण करेंगे, यही दीक्षा मंत्र होगा। काल ने एक झांझरी द्वीप की रचना कर रखी है। उसमें काल का बाजा बजता है, वही काल लोक वाली
भंवर गुफा में सुनता है। आरती चौंका करेंगे और अपने पंथ को वास्तविक कबीर पंथ बताकर तेरे वंश को विचलित करेंगे।
‘‘धर्मदास की पीढ़ी वालों को काल ने छला‘‘
◆ अनुराग सागर पृष्ठ 138 से 142 तक का सारांश :-
पृष्ठ 138 पर ‘‘भविष्य कथन अलग व्यौहार‘‘ :-
परमेश्वर कबीर जी ने कहा ��ै कि हे धर्मदास! जो कुछ आगे तेरे वंश में होगा और कैसे तेरे बयालीस वंश तथा जगत के अन्य जीवों को पार करूँगा।
जो कुछ आगे होय है भाई। सो चरित्र तोहि कहूं बुझाई।।
जो आगे होगा, वह चरित्र पूछो धर्मदास। जब तक तुम शरीर में रहोगे, तब तक काल निकट नहीं आएगा। तेरे शरीर त्यागने के पश्चात् काल तेरे कुल (वंश) के निकट आएगा और तेरे वंश का यथार्थ नाम दीक्षा खंडित करेगा। तेरे वंश वालों में यह अभिमान होगा कि हम धर्मदास के कुल के हैं, हम सबके तारणहार हैं। आपस में तो झगड़ा करेंगे ही, वे जो मेरा भेजा नाद (वचन का पुत्र यानि शिष्य) परंपरा वाले से जो मेरा सुपंथ (यथार्थ कबीर पंथ) चलाएगा, उसकी निंदा करके पाप के भागी होंगे, पार तो हो ही नहीं सकेंगे। इसलिए अपने वंश को समझा देना कि जब काल का दॉव लग जाए,वंश परंपरा कुपंथ पर चले तो मैं अपना नाद (शिष्य) परम्परा का अपना अंश भेजूंगा, उसको प्रेम से मिलें और उससे दीक्षा ले लें। जैसे मेरा पुत्र कमाल था जिसको मैंने मृतक से जीवित किया था। उसको दीक्षा भी दी थी। वह स्वयंभू गुरू बन गया था। अपना जीवन नष्ट किया और अनेकों को भी ले डूबा। (विस्तार से वर्णन कबीर सागर के अध्याय ‘‘कमाल बोध‘‘ के सारांश में पढ़ें।)
पृष्ठ 139 पर :- कमाल को अभिमान हो गया था। मैंने उसको त्याग दिया था। मेरे को अहंकारी प्राणी पसंद नहीं हैं। हम तो भक्ति के साथी हैं, हाथी-घोड़ों को नहीं चाहता। जो
प्रेम भक्ति करता है, उसको हृदय में रखता हूँ। इसलिए नाद पुत्रा को (शिष्य परंपरा वाले को) दीक्षा देने का अधिकार यानि गुरू पद सौंपूंगा। मेरा पंथ नाद से ही उजागर होगा यानि
प्रसिद्ध होगा। तेरे वंश वाले बहुत अहंकार करेंगे। धर्मदास जी ने चिंता जताई कि आप नाद वाले को गुरू पद दोगे, परंतु मेरे वंश वाले कैसे मोक्ष प्राप्त करेंगे? परमेश्वर कबीर जी ने
कहा कि तेरे वंश वाले हों, चाहे अन्य जीव हों, जो मेरे द्वारा भेजे अंश (नाद अंश) से दीक्षा लेकर मर्यादा में रहेंगे तो कैसे पार नहीं होंगे? जो हमारे वचन को मानेगा, वही वंश वाला
मुझे प्यारा लगेगा। बिना वचन यानि नाद वाले को गुरू माने बिना पार नहीं हो सकता, मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकता। तेरे बयालीस (42) पीढ़ी को मैंने एक वचन से पार कर दिया है।
वह वचन यह है कि (नाद परंपरा) वाले से दीक्षा लेकर पार हो जाएंगे। बिन्द वाले वंश कहलाते हैं और वचन (नाद) वाले बिना वे अपने घर यानि सतलोक नहीं जा सकते। अनुराग सागर पृष्ठ 140 का सारांश :-
(कबीर वचन ही चल रहे हैं)
परमेश्वर कबीर जी बता रहे हैं कि मेरा नाद का पुत्र चूड़ामणी है। यह मेरा शिष्य है और आपका वंश (बिन्द) पुत्र है। यह मेरी आज्ञा से पंथ चलाएगा, जीवों का कल्याण करेगा। परंतु हे धर्मदास! तेरा वंश (कुल) के लोग अज्ञानी हैं। वे ठीक से ज्ञान नहीं समझेंगे। मेरे अंश को (जो मैं भेजूंगा) नहीं समझ सकेंगे और अन्य काल के दूतों से भ्रमित होकर कुमार्ग
पर चलेंगे। जो कुछ आगे तेरी वंश गद्दी वालों के साथ होगा, वह सुन! चूड़ामणी के पश्चात् छठी पीढ़ी वाले महंत को काल द्वारा चलाए गए 12 पंथों में से पाँचवां टकसारी पंथ होगा, वह ठगेगा। अपना ज्ञान सुनाकर प्रभावित करके काल जाल में डालेगा। तेरा छठी पीढ़ी वाला (पोता) उस टकसारी पंथ वाले से दीक्षा लेगा और उसी वाला आरती-चौंका किया करेगा।
(वही हुआ, वर्तमान में जो दीक्षा बाँधवगढ़ गद्दी वाले महंत दे रहे हैं तथा जो आरती-चौंका कर रहे हैं, वह वही काल के दूत टकसारी वाली है) हे धर्मदास! इस प्रकार तेरा वंश अज्ञानी
होकर काल के धोखे में पड़कर नरक में जाएगा। तेरा वंश मेरी वह दीक्षा जो मैंने चूड़ामणी को दी है, उसको छोड़ देगा। टकसारी वाली दीक्षा लेकर अपना जीवन नाश करेगा। ऐसे
तेरा वंश (कुल) दुर्मति को प्राप्त होगा। वे तेरे वंश वाले ठग मेरे नाद अंश को बाधित करेंगे, पाप के भागी होंगे।
क्रमशः_____
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न क्रेडिट, न पैसे, न ही कोई लड़ाई बस…, 42 साल बाद खुला राज, क्यों टूटी थी हिट सलीम-जावेद की जोड़ी….
‘शोले’, ‘दीवार’, ‘जंजीर’, ‘डॉन’, ‘हाथी मेरे साथी’ और ‘यादों की बारात’ जैसी कई फिल्मों में उन्होंने काम किया. राजेश खन्ना तो इस जोड़ी से खफा इसलिए भी हो गए, क्योंकि वो मानते थे कि उनकी लिखी फिल्मों से अ���िताभ बच्चन चमके और उनका करियर बुरी तरह से डूब गया. साल 1982 में 12 साल बाद ये जोड़ी अलग हो गई। हिंदी सिनेमा की वो लेखक जोड़ी जिन्होंने कई डूबते सितारों की किस्मत को जगा दिया. अमिताभ बच्चन,…
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प्रभु सोलोमन: राणा दग्गुबाती 'कदन' के लिए एक आदर्श फिट थे
प्रभु सोलोमन: राणा दग्गुबाती ‘कदन’ के लिए एक आदर्श फिट थे
फिल्म निर्माता प्रभु सोलोमन बताते हैं कि फिल्म एक कहानी के इर्द-गिर्द क्यों घूमती है, जिसे बताने की जरूरत है फिल्म निर्माता प्रभु सोलोमन के अनुसार – हाथियों के साथ काम करना “बच्चों को संभालने” जैसा है। उसे पता होना चाहिए: कादन, कल रिलीज़ के लिए निर्धारित, लगभग पाँच वर्षों में निर्देशक की पहली फिल्म है (तब से थोडारी), और इसमें राणा दग्गुबाती, श्रिया पिलगाँवकर, विष्णु विशाल और अनंत महादेवन के साथ…
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#कादन#प्रभु सोलोमन#प्रभु सोलो��न साक्षात्कार#राणा दग्गुबत्ती#राणा दग्गुबाती#विष्णु विशाल#हाथी की फिल्म#हाथी मेरे साथी
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कभी हाथी को मार रहे हो,कभी बंदर को।मनुष्यों का नम्बर लगाने के लिये धन्यवाद कोरोना ..
धरती किसी की बपौती नहीं है पता नहीं इतनी हृदय हीनता प्रकट कैसे हो जाती है?
इसका दंड इंसान के बस की बात नहीं, पता नहीं क्या हुआ जो कोरोना,भूकंप, चक्रवात, इत्यादि हो रहे हैं,
कहीं अब हम प्राकृतिक दंड के लिए प्रकृति द्वारा चुन तो नहीं लिये जा चुके हैं?
#केरल #Elephant #elephantkerala #humanityisdead #KeralaElephantMurder #SaveElephants #saveanimals
#केरल#poets on tumblr#writers on tumblr#केरल Elephant elephantkerala humanityisdead KeralaElephantMurder SaveElephants saveanimals#हाथी मेरे साथी#हाथी
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फिल्मफेयर की सिफारिश: बॉलीवुड फिल्में जहां पालतू जानवर असली हीरो थे
पालतू जानवर महान लॉकडाउन साथी हो सकते हैं। वे हमेशा आपकी कंपनी के लिए पागल होते हैं और अभी दुनिया के शीर्ष पर होंगे क्योंकि आप उनके साथ इतना ��मय बिता रहे हैं। बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं के पास पालतू जानवरों द्वारा दिखाए गए भक्ति पर समय और फिर से फिल्में बनी हैं। हम उनमें से पांच को इस लॉकडाउन अवधि के दौरान अपने पसंदीदा पशु साथी के साथ देखने की सलाह देते हैं।
हाथी मेरे साथी (1971)
एम। ए।…
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#bollywood movies#bollywood news#download hotstar serials#latest bollywood movies#new bollywood movies#online tv free#serial#star plus live#upcoming movies#गाई और गोरी#तेरी मेहरबानियां#दुध का करज#पालतू जानवर#फिल्मफेयर की सिफारिश: बॉलीवुड फिल्में जहां पालतू जानवर असली हीरो थे#बॉलीवुड#मनोरंजन#हाथी मेरे साथी
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#राजेश खन्ना#प्रोड्यूसर एमएम चिनप्पा देवर#इंसान और हाथी#इंसान और हाथी की दोस्ती#सलीम-जावेद#सलीम और जावेद#सलीम जावेद#हाथी मेरे साथी#Rajesh Khanna#Salim-Javed#Haathi Mere Saathi
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मूवी रिव्यू: 777 चार्ली - 777 Charlie Movie Review in Hindi
मूवी रिव्यू: 777 चार्ली – 777 Charlie Movie Review in Hindi
बेजुबैन और चेहरे की त्वचा पर भारतीय सिनेमा में ‘मैरी मेहरबनियां’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘जानवर और चेहरे’, ‘गाय और गौरी’ जैसी चीजें बनीं। उम्मीद के अनुसार उम्मीद की जाती है। इस बार बेजुबान की वफादारी पर ‘तेरी मेहरबाणियां’ की गतिविधियों में वृद्धि हुई है। इस ट्रैक पर दिखाई देने वाली ध्वनि सुनाई देने वाली ध्वनि सुनाई दे रही है, जिसका नाम ‘777’ है। कनthauta k मल kthut ऐकthur raun r शेट शेट…
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राजेश खन्ना की छोटी बेटी हैं बला की खूबसूरत, बॉलीवुड की गिनी-चुनी फिल्मों में ही किया है काम- देखें PHOTOS HIT TOTAL
राजेश खन्ना की छोटी बेटी हैं बला की खूबसूरत, बॉलीवुड की गिनी-चुनी फिल्मों में ही किया है काम- देखें PHOTOS HIT TOTAL
राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) अपने वक्त के सुपरस्टार थे. उन्हें बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार होने का दर्जा भी प्राप्त है. उन्होंने ‘आनंद’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘दो रास्ते’, ‘सौतन’ जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया था. उनकी मौजूदगी भर से फिल्म में जान आ जाती थी. एक्टर की पत्नी डिंपल कपाड़िया तो अपनी पहली ही फिल्म से मशहूर हो गई थीं. उन्होंने ‘बॉबी’, ‘सागर’ जैसी कुछ शानदार फिल्मों में काम किया था. राजे…
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