#हरियाणा लॉकडाउन नियम
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हरियाणा 19 जुलाई तक और अधिक ढील के साथ लॉकडाउन बढ़ाता है
हरियाणा 19 जुलाई तक और अधिक ढील के साथ लॉकडाउन बढ़ाता है
हरियाणा सरकार ने रविवार को और ढील के साथ राज्य में लॉकडाउन को 19 जुलाई तक बढ़ा दिया। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, “महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा” को हरियाणा राज्य में 12 जुलाई से 19 जुलाई (सुबह 5 बजे तक) के लिए एक और सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, शादियों, अंत्येष्टि / दाह ��ंस्कार में अधिकतम 100 व्यक्तियों के साथ एकत्र होने की अनुमति है। खुले स्थानों में…
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हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, 15 मई से राज्य में शुरू होगी यह विशेष बस सेवा
हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, 15 मई से राज्य में शुरू होगी यह विशेष बस सेवा
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Image Source : HARTRANS.GOV.IN ये बसें सिर्फ राज्य की सीमा के अंदर ही अपनी सेवाएं देंगी और कोरोना वायरस से गंभीर रू�� से प्रभावित इलाकों में नहीं जाएंगी।
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने शुक्रवार से राज्य में एक विशेष बस सेवा शुरू करने का ऐलान किया है। इन बसों में लॉकडाउन में फंसे लोगों को राज्य की सीमा के भीतर उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। एक अधिकारी ने इस बारे में…
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बेरोजगारों की कतार में 40 लाख, त्यागपत्रितों के 6 हजार पद खाली, न भर्ती-न परीक्षा Divya Sandesh
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बेरोजगारों की कतार में 40 लाख, त्यागपत्रितों के 6 हजार पद खाली, न भर्ती-न परीक्षा
जयपुर। राजस्थान में बेरोजगारी दूर करने के लिए गहलोत सरकार ने भले ही रीट समेत अन्य कई परीक्षाओं के लिए तिथियां तय कर ली हो, लेकिन सरकारी विभागों में नियुक्ति और भर्ती को लेकर खींचतान बनी हुई है। प्रदेश के विभिन्न विभागों में 6 हजार से अधिक त्यागपत्रित पदों के खाली पड़े हैं। जिनमें पद रिक्त रह जाने के बावजूद भी किसी न किसी वजह से पदों को भरा नहीं जा रहा है और युवा वर्ग अच्छे दिनों का इंतजार कर रहा है।
कोरोना संकट के इस विकट दौर में भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया अब धीरे-धीरे अनलॉक हो रही है। इसके बावजूद प्रदेश के लाखों बेरोजगारों के सपने लॉक है। भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया सुचारू नहीं होने से बेरोजगार युवा मायूस हैं। कई पुरानी भर्तियां ऐसी भी हैं, जिनमें काफी पद रिक्त हैं। ऐसा ही एक मामला त्यागपत्रित पदों पर नियुक्ति से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में एक नियम बनने से हजारों युवाओं का नौकरी का सपना भी अनलॉक हो सकता है।
जिन पदों पर चयन होने के बाद कोई अभ्यर्थी किसी भी कारण से वह नौकरी छोड़ देता है या उसका निधन हो जाता है, तो ऐसे पदों को त्यागपत्रित कहा जाता है। ऐसे रिक्त हुए पदों पर वरीयता सूची में जगह बनाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अभी तक सरकार ने इस संबंध में कोई रुचि नहीं दिखाई है। ऐसे में हजारों युवाओं का सरकारी नौकरी पाने का सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। त्यागपत्रित पद और उन पर नियुक्ति की बेरोजगारों की मांग को एक उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है।
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राज्य सरकार ने 2018 में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती और स्कूल व्याख्याता भर्ती एक साथ निकाली थी। पूरी प्रक्रिया संपन्न होने के बाद सरकार की ओर से वरिष्ठ अध्यापक के पदों पर पहले नियुक्ति दे दी गई। इसके बाद स्कूल व्याख्याता के पदों पर नियुक्ति दी गई।
वरिष्ठ अध्यापक की नियुक्ति लेने वाले कई अभ्यर्थी ऐसे थे जिनका स्कूल व्याख्याता के पद पर चयन हो गया। ऐसे में उन्होंने वरिष्ठ अध्यापक के पद से त्यागपत्र देकर स्कूल व्याख्याता के पद पर ज्वॉइनिंग ले ली। इसके चलते वरिष्ठ शिक्षक के करीब 1352 पद खाली रह गए। इन पदों पर प्रतीक्षा सूची जारी करने की मांग लगातार की जा रही है और सोशल म��डिया पर अभियान भी चलाया जा रहा है।
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जानकार बताते हैं कि प्रदेश की विभिन्न भर्तियों पर त्यागपत्रित वेटिंग का नियम लागू किया जाए, तो महज 11 भर्तियों में ही 6 हजार पद भरे जा सकते हैं। जानकार बताते हैं कि सरकार कई भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया एक साथ पूरी करवाती है। ऐसे में कई अभ्यर्थी एक से ज्यादा परीक्षाओं में आवेदन कर देते हैं।
ऐसे में किसी अभ्यर्थी को जिस भर्ती में पहले नियुक्ति मिलती है, वह ज्वॉइन कर लेता है। फिर यदि उसका चयन किसी अन्य भर्ती परीक्षा में भी हो जाता है तो वह त्यागपत्र देकर दूसरी नौकरी ज्वॉइन कर लेता है। ऐसे में उसका पहले वाला पद रिक्त होता है और वह लंबे समय तक खाली ही पड़ा रहता है।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि सरकार को एक निश्चित क्रम और तय कैलेण्डर के अनुसार भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करना चाहिए। मसलन, पहले आरएएस, स्कूल व्याख्याता, वरिष्ठ शिक्षक और अंत में शिक्षक ग्रेड-3 की भर्ती होनी चाहिए।
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इससे एक भर्ती में चयनित अभ्यर्थी के त्यागपत्र देकर दूसरी भर्ती में जाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा। राजस्थान के पड़ोसी राज्यों हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में यह नियम है कि नियुक्ति से एक साल के भीतर कोई त्याग पत्र देता है, तो उन पदों को प्रतीक्षा सूची से भरा जाता है।
इसी तरह का नियम राजस्थान में भी बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। इसे लेकर बेरोजगार पहले धरातल पर संघर्ष कर रहे थे और अब कोरोना संकट के चलते सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ रखा है।
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इसके साथ ही बेरोजगार अभ्यर्थी कांग्रेस के विधायकों से मिलकर उनसे मुख्यमंत्री को इस संबंध में नियम बनाने के लिए पत्र भी लिखवा रहे हैं। बेरोजगारों का दावा है कि अब तक वे कांग्रेस के 55 विधायकों से पत्र लिखवा चुके हैं।
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शराब ठेकेदारों को लॉकडाउन में बड़ी राहत, अब कर सकेंगे यह काम, देखें
शराब ठेकेदारों को लॉकडाउन में बड़ी राहत, अब कर सकेंगे यह काम, देखें
हरियाणा प्रदेश सरकार ने शराब ठेकेदारों को बड़ी राहत देते हुए लॉकडाउन के चलते शराब का स्टाक क्लीयर ना करने वाले शराब ठेकेदारों को पिछले स्टाक की बिक्री करने की अनुमति दे दी है. इस नियम के अनुसार जितने दिन लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेके बंद रहेंगे, आगे उन्हे उतने दिन तक पिछले स्टाक की शराब की बिक्री करने की अनुमति दी जाएगी. इसकी जानकारी उपमुख्यमंत्री सीएम दुष्यंत चैटाला ने दी. डिप्टी सीएम ने बताया कि…
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हरियाणा अम्बाला पुलिस ने लोगों को हिरासत में लिया जो हिंसा कर रहे थे COVID 19 लॉकडाउन देखें वायरल वीडियो
हरियाणा अम्बाला पुलिस ने लोगों को हिरासत में लिया जो हिंसा कर रहे थे COVID 19 लॉकडाउन देखें वायरल वीडियो
लोग सुबह तालाबंदी में टहलने निकले, पुलिस ने दी ऐसी सजा – देखें वीडियो कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में तालाबंदी की गई है। हरियाणा (हरियाणा) में, 10 मई तक तालाबंदी की गई है। सरकार ने लोगों से नियमों का पालन करने की अपील भी की है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो नियम तोड़ रहे हैं। अंबाला (हरियाणा) में तालाबंदी के बावजूद लोग सुबह की सैर पर निकले। उसके बाद, पुलिस ने पुलिस की सजा…
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कोरोनावायरस की वजह से न केवल स्कूलों में, बल्कि कॉलेजों में भी पढ़ाई-लिखाई ठप है। कोरोनावायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन लगने से पहले यानी 15 मार्च के आसपास ही कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद होने लगे थे। अब यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों को दोबारा खोलने के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। आप भी जानिए क्या है गाइडलाइन और किस तरह यह कॉलेजों पर लागू होगी-
आखिर कब खुलेंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी?
केंद्र सरकार ने अनलॉक 4.0 में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की मंजूरी दी थी। हर राज्य को अपने यहां कॉलेज खोलने की वास्तविक टाइमिंग और गाइडलाइन तय करने को कहा था।
कुछ राज्यों में स्कूलों को फेज वाइज खोला जा रहा है। अब यूनिवर्सिटी-कॉलेज खोलने और स्टूडेंट्स को दोबारा कॉलेज बुलाने की मांग उठने लगी है। पंजाब और हरियाणा में 16 नवंबर से कॉलेज और यूनिवर्सिटियों में ऑफलाइन क्लास लगेंगी। वहीं, पश्चिम बंगाल ने साफ किया है कि दिसंबर में कॉलेज खुलेंगे।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कक्षाएं कब से शुरू होंगी और कैसी होंगी, इसका फैसला उन संस्थानों के कुलपति/प्रमुखों पर छोड़ा गया है। वे ही तय करेंगे कि कॉलेज या यूनिवर्सिटी को खोलने का समय उचित है या नहीं। वैसे, जिस इलाके में वह कॉलेज या यूनिवर्सिटी है, इस पर भी दारोमदार होगा।
इसका मतलब है कि भले ही केंद्र सरकार और UGC ने मंजूरी दे दी हो, आपकी राज्य सरकार और लोकल हालात के आधार पर तय होगा कि कॉलेज या यूनिवर्सिटी को खोला जा सकता है या नहीं।
केंद्र सरकार और UGC की गाइडलाइंस में क्या अंतर है?
केंद्र सरकार की गाइडलाइन में सिर्फ इतना जिक्र था कि राज्य सरकार स्कूल या कॉलेज फेज वाइज खोल सकते हैं। अब UGC ने साफ किया है कि हॉस्टल में क्या होगा, कॉलेजों में क्या होगा, यूनिवर्सिटी में ऑफलाइन कक्षाओं के दौरान क्या होगा?
सही मायने में UGC की गाइडलाइन कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों के लिए कोरोना काल में बाइबिल की तरह है। इसका पालन करना बेहद आवश्यक है। UGC ने कॉलेजों/यूनिवर्सिटियों को साफ तौर पर कहा है कि वह स्थानीय सरकार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तालमेल बिठाएं, ताकि किसी भी इमरजेंसी हालात से निपटने में दिक्कत न हो?
UGC ने अपनी गाइडलाइंस में तीन स्तर पर प्लान बनाने को कहा है। पहला, केंद्र/राज्य सरकार के स्तर पर। दूसरा, संस्था प्रमुख के स्तर पर। तीसरा, टीचर के स्तर पर। इसमें ही हॉस्टल एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी SOP बनाने को कहा गया है।
UGC ने यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों के लिए जो गाइडलाइन जारी की है, उसमें सबसे पहले रिसर्च स्कॉलर, साइंस और टेक्नोलॉजी प्रोग्राम के पोस्ट-ग्रेजुएट स्टूडेंट्स और फाइनल ईयर अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स (प्लेसमेंट के लिए) को कॉलेज/यूनिवर्सिटी पहुंचने को कहा है।
कॉलेज कैम्पस में क्या-क्या बदला दिखेगा?
कॉलेज के गेट पर थर्मल मशीन रखी जाएगी, जिससे स्टूडेंट्स और स्टाफ का टेम्परेचर चेक किया जाएगा। सभी के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियम लागू होंगे। एक समय में 50% स्टूडेंट्स ही कॉलेज में होंगे।
सब स्टूडेंट्स साथ नहीं रहेंगे, इसलिए क्लासेस को कम स्टूडेंट्स के अलग-अलग सेक्शन तय किए जा सकते हैं। इससे कॉलेज की टाइमिंग बढ़ जाएगी और ज्यादा समय तक कैम्पस खुले रह सकते हैं।
क्लासरूम, लाइब्रेरी, डाइनिंग हॉल, हॉस्टल में एक समय में कितने स्टूडेंट्स एवं अन्य स्टाफ रहेगा, यह तय करने की जिम्मेदारी संस्थान प्रमुख की रहेगी। हर संस्थान को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करना होगा और जरूरत के मुताबिक पास के किसी अस्पताल से टाई-अप करना होगा।
कॉलेजों में कल्चरल एक्टिविटी और मीटिंग्स नहीं होंगी। हालांकि, जिन खेल और एक्स्ट्रा-करिकुलर गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग की मंजूरी है, उन्हें जारी रखा जा सकता है। फैसला संस्थान प्रमुख का रहेगा।
बहुत जरूरी होने पर ही हॉस्टल खोलें। रूम शेयरिंग की मंजूरी न दें। हॉस्टल लौटने वाले स्टूडेंट्स को 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना होगा। यदि किसी को कोविड-19 हो जाता है तो उसे हॉस्टल में रहने नहीं देंगे।
कैम्पस में कोई स्टूडेंट या फैकल्टी मेंबर पॉजिटिव है तो उसे आइसोलेट किया जाएगा। हेल्थकेयर सपोर्ट सिस्टम तैयार रखना होगा। इसी तरह हॉस्टल परिसर में रहने वाले स्टूडेंट्स और स्टाफ को मार्केट जाने से बचना होगा। जितना संभव हो सके, कैम्पस में ही जरूरी चीजें मुहैया कराएं।
सोशल और फिजिकल कॉन्टैक्ट और कैम्पस के जिस इलाके में पॉजिटिव मरीज मिला है, वहां जाने पर सख्त पाबंदी लगेगी। कक्षा नहीं लगाना, हॉस्टलर्स के लिए कमरा छोड़ना, मेस से टेकअवे अरेंजमेंट भी फिलहाल बंद रहेंगे।
UGC की गाइडलाइंस में किससे क्या उम्मीद की गई है?
केंद्र/राज्य सरकार सेः सरकार और स्वास्थ्य विभागों को यूनिवर्सिटियों और कॉलेज के साथ संपर्क में रहना होगा। कोविड-19 को लेकर अनपेक्षित स्थितियों से निपटने के लिए योजना बनानी होगी।
संस्थान प्रमुख सेः इन्हें संस्था के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाना होगा। हॉस्पिटल, हेल्थ सेंटर, एनजीओ, हेल्थ एक्सपर्ट से टाई-अप करना होगा। शैक्षणिक गतिविधियों का कैलेंडर बनाना होगा। साथ ही फैकल्टी, स्टॉफ, स्टूडेंट्स, कम्युनिटी के वॉलेंटियर, एनजीओ, हेल्थ संगठन और सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधियों का एक टास्क फोर्स बनाएं।
टीचर्स सेः टाइम टेबल, क्लास साइज, पढ़ाने के तरीके, असाइनमेंट्स आदि को ध्यान में रखते हुए टीचिंग प्लान बनाना होगा। ई-रिसोर्सेस की उपलब्धता की जानकारी रखनी होगी। टीचर्स से ही उम्मीद रखी गई है कि वे स्टूडेंट्स की फिजिकल और मेंटल हेल्थ को मॉनिटर करेंगे।
माता-पिता सेः बीमार हैं तो बच्चों को बाहर न जाने दें। अच्छी खानपान आदतें डालें और इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय करें। माता-पिता बच्चों को योगा, कसरत, ध्यान और सांस संबंधी एक्सरसाइज करने को बढ़ावा देना चाहिए ताकि बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।
स्टूडेंट्स के लिएः फेस मास्क पहनना जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन रखना सभी की मजबूरी है। बीमार महसूस करें तो घर पर ही रहें, कॉलेज या यूनिवर्सिटी न जाएं। फैकल्टी मेंबर से कंसल्ट करने या बहुत जरूरी हो तो ही कॉलेज जाएं।
अटेंडेंस को लेकर UGC का क्या कहना है?
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों के लिए अटेंडेंस को अनिवार्य नहीं किया है, पर UGC की गाइडलाइंस में इस पर कोई बात नहीं कही गई है। इसमें सिर्फ इतना कहा गया है कि ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले को ऑनलाइन स्टडी मटेरियल और टीचिंग-लर्निंग ई-रिसोर्सेस की पहुंच देनी होगी।
संस्थाओं को ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स के लिए योजना बनानी होगी, जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा और वीसा संबंधी प्रतिबंधों की वजह से प्रोग्राम जॉइन नहीं कर पाएंगे। उनके लिए ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग अरेंजमेंट्स भी किए जा सकते हैं।
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UGC New Guidelines & Rules COVID-19 India Update; When Will Colleges And Universities Open? Know Everything About
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Regional Marathi Text Bulletin, Aurangabad Date – 12 October 2020 Time 7.10 AM to 7.20 AM
आकाशवाणी औरंगाबाद प्रादेशिक बातम्या दिनांक – १२ ऑक्टोबर २०२० सकाळी ७.१० मि. **** ** अतिवृष्टीमुळे नुकसान झालेल्या शेतकऱ्यांना यथायोग्य नुकसान भरपाई देण्याची मुख्यमंत्र्यांची ग्वाही ** राज्यभरात अनेक ठिकाणी मध्यम ते मोठ्या स्वरुपाचा पाऊस, वीज कोसळून अकरा जणांचा मृत्यू ** पैठणच्या नाथसागर धरणात पाण्याची आवक वाढल्यानं धरणाचे अठरा दरवाजे पुन्हा उघडले ** राज्यात आणखी १० हजार ७९२ कोविडबाधितांची नोंद, ३०९ रुग्णांचा मृत्यू ** आणि ** मराठवाड्यात २२ रुग्णांचा मृत्यू, तर नव्या ६८६ रुग्णांची नोंद **** अतिवृष्टीमुळे नुकसान झालेल्या शेतकऱ्यांना वाऱ्यावर सोडणार नाही, त्यांना यथायोग्य नुकसान भरपाई दिली जाईल, अशी ग्वाही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांनी दिली आहे. त्यांनी काल सामाजिक संपर्क माध्यमावरून जनतेशी संवाद साधला. नुकसान झालेल्या भागात पंचनाम्याचे आदेश दिले असल्याचं मुख्यमंत्र्यांनी सांगितलं. ते म्हणाले... सततचा पाऊस याच्यापासून अनेक ठिकाणी नुकसान झालेले पीक वाया जातात करायचं काय जे पीक येतील शेतकऱ्यांना निश्चिंत रहा तुम्हाला कुठेही वाऱ्यावर सोडणार नाही अजिबात सोडणार नाही, कापूस असेल बाकी सगळया पिकांच्या बाबतीत आपण खबरदारी घेतो आहोत जिथे नुकसान होतंय पंचनाम्याचे आदेश दिलेले आहेत आणि जिथे नुकसान भरपाई आहे ती योग्य भरपाई आपण ती देत आहोत. आरे वसाहतीतली मेट्रो कार शेड कांजूरमार्ग इथं हलवण्यात येणार आहे, त्यासाठी कांजूरमार्ग इथली सरकारी जमीन शून्य पैशात मेट्रोसाठी उपलब्ध करून देत असल्याचं, मुख्यमंत्र्यांनी सांगितलं. आरे जंगलाच्या ६०० हेक्टर जागेत आणखी २०० हेक्टरची भर घालण्याचा निर्णय घेतल्याचं त्यांनी सांगितलं. आरे वसाहतीतल्या वृक्षतोडी विरोधात सत्याग्रह करणाऱ्यांच्या विरोधातले गुन्हे मागे घेण्याचा निर्णय घेतल्याचंही, ते म्हणाले. केंद्र सरकारनं नुकत्याच केलेल्या तीन कृषी कायद्यांतल्या चांगल्या बाबी स्वीकारल्या जातील. मात्र, या कायद्यांबाबत काही आक्षेपही आहेत, त्याबद्दल राज्यातल्या शेतकरी संघटनांशी चर्चा सुरू आहे, चर्चेनंतर निर्णय घेणार असल्याचं मुख्यमंत्र्यांनी स्पष���ट केलं. राज्यातले जिम- व्यायामशाळा, मंदीरं तसंच मुंबईतली उपनगरी रेल्वे सर्वांसाठी सुरू करता येणार नसल्याचं, मुख्यमंत्र्यांनी सांगितलं. मास्क, स्वच्छता आणि सुरक्षित शारीरिक अंतर या त्रिसुत्रीने कोरोना विषाणूला लांब ठेवणं शक्य आहे. यात हयगय करू नये, असं आवाहन त्यांनी केलं. पुन्हा टाळेबंदी लावावी लागेल, अशी परिस्थिती राज्यात निर्माण होऊ देऊ नये, असं मुख्यमंत्र्यांनी सांगितलं, ते म्हणाले... अनावश्यक घराबाहेर पडू नका उगाच इकडे – तिकडे भटकू नका आता आपल्याला कोणत्याही परिस्थितीत पुन्हा लॉकडाउन करावा लागेल अशी परिस्थिती राज्यात निर्माण होऊ द्यायची नाही हे आपल्याला खूप काळजीपूर्वक एक – एक गोष्टी करत जावे लागणार आहे. हळुवार आपण सगळे दार उघडत आहोत. या उघडता दारातून सुबत्ता आली पाहिजे समृद्धी आली पाहिजे आहे. कोरोना वायरस येता कामा नये. **** हरियाणा सरकारच्या धर्तीवर महाराष्ट्रातही धनगर समाजाला अनुसूचित जमातीचं जात प्रमाणपत्र द्यावं, अशी मागणी धनगर समाजाचे नेते आमदार गोपीचंद पडळकर यांनी केली आहे. ते काल नाशिक इथं पत्रकार परिषदेत बोलत होते. धनगर समाज मागास असून होऊ घातलेल्या जनगणनेत समाजाची एकूण लोकसंख्या लक्षात घेऊन आरक्षण द्यावे अशी मागणीही त्यांनी केली. **** जेष्ठ शास्त्रीय गायक नाथराव नेरळकर यांनी जनतेला कोविड १�� प्रतिबंधाबाबत नियम पाळण्याचं आवाहन केलं आहे. **** राज्यात काल अनेक ठिकाणी मध्यम ते मोठ्या स्वरुपाचा पाऊस झाला. या दरम्यान वीज कोसळून राज्यात अकरा जणांचा मृत्यू झाला. मराठवाड्याच्या बहुतांश भागात होत असलेल्या जोरदार पावसामुळे पिकांचं मोठं नुकसान होत आहे. औरंगाबाद शहरात काल दिवसभर पावसाच्या सरी कोसळत होत्या. जिल्ह्यात फुलंब्री, पैठणसह वाहेगांव, ढोरकीन, पाचोड, आडूळ, राजापूर या परिसरात काल दुपारी मुसळधार पाऊस झाला. जालना जिल्ह्यातही काल बहुतांश भागात पाऊस झाला. सोयाबीन काढणीसह कापूस वेचणीच्या वेळी आलेल्या या पावसामुळे शेतकऱ्यांची तारांबळ उडाली. परभणी शहरासह जिल्ह्यातल्या मानवत, सेलू, परभणी, पूर्णा, गंगाखेड, जिंतूर, पालम, सोनपेठ तालुक्यात दोन दिवसांपासून दमदार पाऊस सुरु आहे. हिंगोली, उस्मानाबाद इथंही काल विजेच्या कडकडाटासह जोरदार पावसाने हजेरी लावली. या पावसामुळे शेतकऱ्यांच्या उडीद, मूग तसंच सोयाबीन पिकाचं नुकसान झालं आहे. सध्या सोयाबीन काढण्याचं काम वेगात सुरू असताना आलेल्या पावसामुळे शेतकऱ्यांची मोठी फजिती झाली आहे. उस्मानाबाद जिल्ह्याच्या भूम तालुक्यातल्या आलियाबादवाडी इथल्या रहीवाशी सुशीला गायकवाड या महिलेचा वीज पडून मृत्यू झाला. नांदेड शहरासह कंधार, लोहा, नायगाव, मुदखेड, अर्धापूर या भागात काल दुपारी पाऊद झाला. कंधार तालुक्यातल्या औराळ इथले शेतकरी बालाजी गवाळे हे शेतात काम करत असताना त्यांच्या अंगावर वीज पडून त्यांचा मृत्यू झाला. बीड जिल्ह्यातली काल जोरदार पाऊस झाला. केज तालुक्यातल्या हादगाव इथले शेतकरी शिवाजी भांगे, आणि उमरी इथले संतोष भैरट यांचा वीज पडून मृत्यू झाला. लातूर जिल्ह्यातल्या मुरुड अकोला इथला आदेश आंबेकर या दहा वर्षाचा मुलाचाही काल वीज कोसळून मृत्यू झाला. वाशिम जिल्ह्यातल्या कारंजा तालुक्यात दोन ठिकाणी वीज पडून दोन जण ठार तर तिघे जखमी झाले आहेत. नागपूर जिल्ह्यात शिवा खेड्यात शेतमजूर तीन महिला पावसापासून बचाव करण्यासाठी झाडाखाली थांबल्या असतांना, वीज पडून त्यांचा मृत्यू झाला. सांगली जिल्ह्यात काल सायंकाळी झालेल्या पावसानं शेती आणि घरांचं नुकसान झालं. झाड कोसळून १२ जण जखमी झाले तर वीज कोसळून एक महिला ठार झाली. खानापूर, कडेगाव आणि तासगांव तालुक्यात काल मुसळधार पाऊस झाला. यामुळे नदी नाल्यांना पुर आला असून अनेक रस्ते आणि पूल पाण्याखाली गेले आहेत. कोल्हापूर, अहमदनगर, अकोला जिल्ह्यांसह कोकणातही काल मुसळधार पाऊस झाला. **** औरंगाबाद जिल्ह्यात पैठणच्या नाथसागर धरणामध्ये पाणलोट क्षेत्रातून पाण्याची मोठ्या प्रमाणात आवक वाढल्यामुळे धरणाचे अठरा दरवाजे काल दीड फुटानं उघडण्यात आले असून २८ हजार २९६ घनफूट प्रतिसेकंद वेगानं पाणी नदीपात्रात सोडण्यात येत आहे. यंदा��्या पावसाळ्यात पाणी नदीपात्रात सोडण्याची ही तिसरी वेळ आहे. सद्यस्थितीत जायकवाडी धरणात १०० टक्के पाणीसाठा आहे. **** हिंगोली जिल्ह्यातल्या ईसापूर धरणाचे पाच दरवाजेही काल दीड फुटापेक्षा जास्त उघडून पैनगंगा नदी पात्रात २४२ घनमीटर प्रति सेकंद या वेगानं पाणी सोडण्यात येत आहे. तर परभणी जिल्ह्याच्या सेलू तालुक्यातल्या लोअर दुधना धरणाचे आठ दरवाजे उघडण्यात आले असून, आठ हजार घनमीटर प्रतिसेकंद या वेगानं पाण्याचा विसर्ग सुरु आहे. दरम्यान, धरणांमध्ये येणारी पाण्याची आवक पाहून विसर्ग वाढवणं किंवा कमी करण्याबाबत निर्णय घेण्यात येणार असून नदी काठच्या नागरिकांनी खबरदारी घ्यावी असं आवाहन करण्यात आलं आहे. **** बंगालच्या उपसागरात निर्माण झालेल्या कमी दाबाच्या पट्ट्याची तीव्रता वाढल्यानं राज्यात बऱ्याच ठिकाणी मेघगर्जनेसह मुसळधार पाऊस होत आहे. येत्या पंधरा ऑक्टोबरपर्यंत मराठवाड्यासह मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ आणि कोकणात बहुतांश ठिकाणी मुसळधार पाऊस पडणार असल्याचं पुणे वेधशाळेतर्फे सांगण्यात आलं आहे. याच काळात राज्यात अन्य ठिकाणीही मेघगर्जना आणि विजांच्या कडकडाटासह पावसाची शक्यता आहे. **** राज्यात काल दिवसभरात आणखी १० हजार ७९२ कोविडबाधितांची नोंद झाली, त्यामुळे राज्यातली एकूण रुग्णसंख्या १५ लाख २८ हजार २२६ झाली आहे. काल ३०९ रुग्णांचा मृत्यू झाला. राज्यात या विषाणू संसर्गामुळे आतापर्यंत ४० हजार ३४९ रुग्णांचा मृत्यू झाला आहे. काल १० हजार ४६१ रुग्ण या संसर्गातून बरे झाल्यानं त्यांना घरी सोडण्यात आलं. राज्यात आतापर्यंत १२ लाख ६६ हजार २४० रुग्ण कोरोना विषाणू मुक्त झाले असून, सध्या दोन लाख २१ हजार १७४ रुग्णांवर उपचार सुरु आहेत. **** मराठवाड्यात काल २२ कोरोना विषाणू बाधित रुग्णांचा मृत्यू झाला, तर नव्या ६८६ रुग्णांची नोंद झाली. औरंगाबाद, नांदेड आणि परभणी जिल्ह्यात प्रत्येकी चार रुग्णांचा मृत्यू झाला, औरंगाबाद आणि नांदेड जिल्ह्यात प्रत्येकी १२०, तर परभणी जिल्ह्यात आणखी ३९ रुग्ण आढळून आले. बीड, लातूर आणि उस्मानाबाद जिल्ह्यात प्रत्येकी तीन रुग्णांचा मृत्यू झाला, बीड जिल्ह्यात ११८, लातूर जिल्ह्यात ९३, तर उस्मानाबाद जिल्ह्यात नव्या ८४ रुग्णांची भर पडली. जालना जिल्ह्यात एका बाधिताचा मृत्यू झाला, तर नवे १०१ रुग्ण आढळले. हिंगोली जिल्ह्यात आणखी ११ रुग्णांची नोंद झाली. **** मुंबईत काल आणखी दोन हजार १७० नवीन कोरोना विषाणू बाधित रुग्ण आढळले, तर ४२ जणांचा मृत्यू झाला. पुणे जिल्ह्यात एक हजार ७२० नवे रुग्ण, तर ५३ मृत्यूंची नोंद झाली. नाशिक ४२९ रुग्ण आढळले, तर दहा जणांचा मृत्यू झाला. नागपूर जिल्ह्यात ४८२, सांगली २७७, रायगड २७३, पालघर २४९, अहमदनगर १५२, नागपूर १४५, गडचिरोली ११६, भंडारा ९२, सिंधुदुर्ग ५७, धुळे ४५, वाशिम ३८, यवतमाळ ३६ तर रत्नागिरी जिल्ह्यात नव्या ३१ रुग्णांची नोंद झाली. **** उस्मानाबाद जिल्ह्यात कोरोना विषाणू प्रसाराला प्रतिबंध करण्यासाठी स्वच्छता पंधरवाडा सहायक ठरत आहे, याबाबत अधिक माहिती देत आहेत, आमचे वार्ताहर... कोरोनाचा संसर्ग रोखण्यासाठी उस्मानाबाद तालुक्यातील रुईभर ग्रामपंचायतीच्या वतीने गावातल्या सर्व मुख्य चौकांमध्ये हात धुण्यासाठी ��ाण्याची टाकी, साबण याची व्यवस्था ग्रामपंचायतीने केली आहे. गावातल्या आशा कार्यकर्ती गावकऱ्यांना हात धुण्याच, स्वच्छ��ेच महत्व पटवून देत आहेत. गावकऱ्यांना याचे प्रात्यक्षिकही दाखवलं जात आहे. याशिवाय ग्रामपंचायतीच्या वतीने गावकऱ्यांच्या सहभागाने गावातल प्लास्टिक संकलित केले जात आहे, मुख्य रस्त्यांची दररोज नियमित स्वच्छता केली जात आहे, गटारींची स्वच्छता केली जात आहे ग्रामपंचायत गावकऱ्यांना स्वच्छतेची शपथही देत आहे. त्यामुळे रुईभर गावात गावकऱ्यांना स्वच्छतेचे महत्व पटल्यामुळे गावात स्वच्छतेची व्याप्ती वाढत असल्यामुळे गावातला कोरोनाचा संसर्ग रोखण्यात ग्रामपंचायतीला यश येताना दिसत आहे. देविदास पाठक आकाशवाणी वार्ताहर उस्मानाबाद **** नांदेड जिल्ह्याच्या हदगाव आणि हिमायतनगर तालुक्यातल्या रूग्णांची वाहन व्यवस्था म्हणून आमदार माधवराव पाटील जवळगावकर यांच्या स्थानिक विकास निधीतून घेण्यात आलेल्या रूग्ण वाहिकेचं लोकार्पण काल जिल्हाधिकारी डॉक्टर विपीन इटनकर यांच्या हस्ते झालं. **** साखर कारखान्याच्या माध्यमातून साखरेबरोबरच इथेनालनिर्मितीवर अधिक भर देण्यात येत असल्याचं जालन्याचे पालकमंत्री राजेश टोपे यांनी सांगितलं. जालना जिल्ह्यातल्या अंकुशनगर इथल्या कर्मयोगी अंकुशराव टोपे समर्थ सहकारी कारखान्याच्या गळीत हंगामाचा शुभारंभ काल टोपे यांच्या हस्ते झाला, त्यावेळी ते बोलत होते. या वर्षीच्या हंगामामध्ये मागील वर्षाच्या तुलनेत अधिकचे ऊस उत्पादन होणार असून राज्यामध्येही साखरेचे उत्पादन वाढणार असल्याचं ते म्हणाले. **** महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नती अभियान तथा उमेद अभियानांतर्गत महिलांचे स्वयंसहाय्यता गट तसंच महिला सक्षमीकरणासाठी सध्या सुरु असलेल्या सर्व योजना केंद्र आणि राज्य शासनामार्फत राबवण्यात येत असून, त्या तशाच पुर्ववत सुरु राहणार असल्याचं, अभियानाचे मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रविण जैन यांनी सांगितलं. याबद्दल निर्माण करण्यात आलेले समज चुकीचे असून, महिला वर्गानं अशा कोणत्याही अफवांवर विश्वास ठेवू नये, असं ते म्हणाले. अभियानात कार्यरत कोणत्याही कंत्राटी कर्माचाऱ्यांना नोकरीवरुन कमी करण्यात येणार नाही, तसंच त्यांचं वेतन सुद्धा कमी केलं जाणार नाही, असं त्यांनी स्पष्ट केलं ***** इंडीयन असोसिएशन ऑफ लॉयर्स या वकीलांच्या संघटनेनं आपल्या विविध मागण्यासंदर्भात औरंगाबाद इथं काल भितीपत्रक लावून आंदोलन सुरू केलं आहे. न्यायालयं पूर्णपणे सुरु होईपर्यंत पूर्वलक्षी प्रभावानं सर्व वकीलांना दरमहा १५ हजार रुपये मानधन द्यावं, वकीलांना कोविड योद्ध्याचा दर्जा देऊन ५० लाख रुपयांचं विमा संरक्षण देण्यात य���वं, यासह अन्य मागण्यांसाठी हे आंदोलन केलं जात असल्याचं विधीज्ञ अभय टाकसाळ यांनी सांगितलं. **** आता ऐकू या कोविड जनजागृती मोहिमेत हिंगोलीचे खासदार हेमंत पाटील यांनी केलेलं आवाहन, **** परभणी जिल्हा परिषदेच्या महिला आणि बाल विकास विभागाच्यावतीनं कालचा आंतरराष्ट्रीय कन्या दिवस ऑनलाइन पद्धतीनं साजरा करण्यात आला. यावेळी एका किंवा दोन मुलींवर कुटुंब नियोजन केलेल्या ५० जोडप्यांचा प्रतिनिधिक स्वरुपात स्मृतिचिन्ह, सन्मानपत्र आणि पुष्पगुच्छ देऊन सत्कार करण्यात आला. संपूर्ण जिल्हाभर बेटी बचाओ बेटी पढाओचे उत्कृष्ट कार्य करत मुलींच्या जन्माविषयी जागृती करणाऱ्या पालम इथल्या कृष्णाबाई इंगळे यांचाही विशेष सन्मान या कार्यक्रमात करण्यात आला. *****
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा के आयोजन सितंबर माह में कराने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। फैसले के मुताबिक फाइनल ईयर की परीक्षा होगी। कोर्ट ने 30 सितंबर तक परीक्षा कराने के यूजीसी के सकरुलर को सही ठहराया। विश्वविद्यालय परीक्षा के नियम तय करने वाली यूजीसी कमेटी के अध्यक्ष प्रोफेसर आरसी कुहाड़ ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है।
कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच देशभर के सभी विश्वविद्यालयों में परीक्षा कैसे हो, छात्रों को शिक्षा कैसे दी जाए, विश्वविद्यालयों का नया सत्र कैसे और कब शुरू किया जाए, इसका समाधान यूजीसी की विशेषज्ञ कमेटी ने निकाला है। यूजीसी की इस कमेटी के अध्यक्ष हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर. सी. कुहाड़ हैं।
कुहाड़ ने आईएएनएस से कहा, विद्यार्थियों के भविष्य और क रियर को ध्यान में रखते हुए हमने परीक्षा की अनिवार्यता पर जोर दिया है। क्योंकि परीक्षा के माध्यम से प्राप्त होने वाली डिग्री की स्वीकार्यता ग्लोबल स्तर पर होती है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी आज इस मूल भाव को समझते हुए अपनी बात में परीक्षा के महत्व को स्पष्ट किया है।
प्रो. आर. सी. कुहाड़ ने कहा, जहां तक बात महामारी के मुश्किल समय में स्वास्थ्य सुरक्षा की बात है, तो चाहे नीट हो या जेईई की प्रवेश परीक्षा, या फिर विश्वविद्यालय व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों की अंतिम वर्ष व सेमेस्टर की मुख्य परीक्षाएं, सभी के स्तर पर सरकार व शिक्षण संस्थान सुरक्षा की ²ष्टि से आवश्यक उपायों को लेकर ²ढ़संकल्प है। हमारी समिति ने भी इस संबंध में शिक्षण संस्थानों से अपने स्तर पर विशेष ध्यान देने की सिफारिश की है।
कालेजों में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराई गई तो यूजीसी उनकी डिग्रियों को मान्यता नहीं देगी। यूजीसी के इसी निर्णय को देखते हुए अभी तक 600 से अधिक विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाने पर सहमति जताई है।
परीक्षाओं को लेकर अभी तक 818 विश्वविद्यालयों ने यूजीसी को अपना जवाब भेजा है। अपने जवाब में देशभर के 209 विभिन्न विश्वविद्यालयों ने बताया कि वे अपने संस्थानों में यूजीसी के दिश��� निर्देश के अनुसार परीक्षाएं सफलतापूर्वक पूरी करवा चुके हैं।
इनके अलावा, 394 विभिन्न विश्वविद्यालय अगस्त और सितंबर में ऑनलाइन, ऑफलाइन एवं मिश्रित संसाधनों से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। देशभर के लगभग सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं लिए जा���े पर अपनी सहमति दी है।
उधर यूजीसी ने शुक्रवार को कहा, विश्वविद्यालयों की परीक्षा के लिए 6 जुलाई को निर्धारित किए गए दिशा-निदेशरें पर 51 केंद्रीय विश्वविद्यालयों से सकारात्मक जवाब मिला है। इनमें से कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षाएं पूरी करवा ली हैं जबकि शेष रह गए केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने 30 सितंबर से पहले इस प्रकार की परीक्षाएं करवा लेने का आश्वासन दिया है।
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Examination mandatory in universities: UGC Expert Committee (IANS Special)
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लॉकडाउन में लगा है परिवार की आमदनी को झटका, प्राइवेट से निकलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे बच्चे
प्राइवेट से निकलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे छात्र. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
खास बातें
प्राइवेट से निकलकर सरकारी स्कूलों में जा रहे बच्चे
पंजाब और हरियाणा में सामने आए मामले
लॉकडाउन ने परिवार की आमदनी पर डाला है असर
चंडीगढ़:
कोरोनावायरसके चलते लागू लॉकडाउन में लाखों लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है, बड़ी संख्या में लोगों ने अपना रोजगार खो दिया है, ऐसे में पंजाब और हरियाणा में एक नई चीज सामने आ रही हैं. यहां के बहुत से परिवार अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिल करा रहे हैं क्योंकि अब वो प्राइवेट स्कूल का खर्च नहीं उठा सकते. कोविड-19 के चलते मार्च के अंत से देशभर में लागू लॉकडाउन ने बहुतों की आर्थि�� हालत को खस्ता कर दिया है, जिसके बाद यहां के कुछ स्कूली बच्चों के माता-पिता प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं भर सकते.
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पंजाब के मोगा जिले के लक्षप्रीत सिंह ने प्राइवेट स्कूल से मार्च में 10वीं की परीक्षा दी थी. उसे आगे की पढ़ाई अब सरकारी स्कूल में करनी होगी क्योंकि एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले उसके पिता की लॉकडाउन में नौकरी चली गई और वो उसकी फीस नहीं भर सकते इसलिए लक्षप्रीत अब सरकारी स्कूल में पढ़ना चाहता है. लक्षप्रीत ने बताया, ‘मैंने प्राइवेट स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास की है लेकिन लॉकडाउन के चलते मेरे पिता की आमदनी बुरी तरह से प्रभावित हुई है इसलिए मैंने सरकारी स्कूल में शिफ्ट करने का फैसला किया है. यहां दूसरी सुविधाओं के साथ खाना भी मिलता है.’
बता दें कि 2019-20 में सरकारी स्कूलों में कुल छात्रों की संख्या 23.52 लाख थी, जो 2020-21 के सत्र में 25.62 लाख हो गई है. प्री-प्राइमरी क्लासेज़ में एडमिशन की संख्या 2.25 लाख से बढ़कर 2.95 लाख हो गई है. कक्षा 9वीं और 10वीं में 3.91 से बढ़कर 4.13 और कक्षा 11वीं और 12वीं में 3.12 लाख से बढ़कर 3.69 लाख हो गई है. हालांकि, इसके लिए पंजाब के शिक्षामंत्री विजय इंदर सिंगला ने सरकारी स्कूलों में बढ़ रही बेहतर सुविधा को बताया है. उन्होंने कहा, ‘सरकारी स्कूलों पर नीतियों और सुविधाओं के लिए हमारी सरकार बेहतर फैसले ले रही है, जिसके चलते बच्चे प्राइवेट से सरकारी में शिफ्ट कर रहे हैं. हमने बच्चों के परफॉर्मेंस के आधार पर टीचरों के ट्रांसफर करने की नीति बनाई है, जिससे उनकी जवाबदेही बढ़ी है. हमारी सरकार ने स्मार्ट स्कूल बनाने और इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने पर जोर दिया है.’
हरियाणा में ही ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है. यहां भी बच्चे प्राइवेट स्कूलों से निकलकर सरकारी स्कूलों में जा रहे हैं. यहां सरकार ने प्राइवेट से सरकारी में स्विच कर रहे छात्रों के लिए ट्रांसफर सर्टिफिकेट अनिवार्य होने का नियम भी हटा दिया है. हरियाणा में कुल 52 लाख छात्रों में से लगभग आधे छात्र प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं. राज्य में लगभग 24,000 स्कूल हैं, जिनमें से 14,500 सरकारी हैं, बाकी प्राइवेट. जाहिर है यहां सरकार की नीतियां प्राइवेट स्कूलों को नहीं भा रहीं.
Video: कोरोना काल में फीस को लेकर सवालों में स्कूल
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बढ़ रहा खौफ: इस बार भी होली को बेरंग करने वाला है कोरोना? बिहार में तो आ गया नियम Divya Sandesh
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बढ़ रहा खौफ: इस बार भी होली को बेरंग करने वाला है कोरोना? बिहार में तो आ गया नियम
कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते इस साल होली का रंग फीका पड़ सकता है। पिछले साल होली के वक्त तक हालात इतने खराब नहीं थे फिर भी होली ��िलन समारोहों पर असर पड़ा था। इस साल मार्च में कोरोना ने जैसी रफ्तार पकड़ी है, उसे देखते हुए होली का त्योहार भी पाबंदियों के बीच मनाना पड़ सकता है। महाराष्ट्र से तो सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं, सोमवार को कम से कम 10 और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों का कोविड ग्राफ ऊपर चढ़ गया। हालात ऐसे हो चले हैं कि कई राज्यों में लॉकडाउन जैसी स्थिति लौटती दिख रही है। संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ खोले गए स्कूल-कॉलेजों को भी बंद करने पर विचार हो रहा है। Covid-19 India Lockdown Latest Update: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अलग-अलग राज्यों के कुछ जिलों में लॉकडाउन कर दिया गया है। कई जगह सख्ती बढ़ा दी गई है। केसेज इसी तरह बढ़े तो होली का रंग भी फीका पड़ सकता है।कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते इस साल होली का रंग फीका पड़ सकता है। पिछले साल होली के वक्त तक हालात इतने खराब नहीं थे फिर भी होली मिलन समारोहों पर असर पड़ा था। इस साल मार्च में कोरोना ने जैसी रफ्तार पकड़ी है, उसे देखते हुए होली का त्योहार भी पाबंदियों के बीच मनाना पड़ सकता है। महाराष्ट्र से तो सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं, सोमवार को कम से कम 10 और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों का कोविड ग्राफ ऊपर चढ़ गया। हालात ऐसे हो चले हैं कि कई राज्यों में लॉकडाउन जैसी स्थिति लौटती दिख रही है। संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ खोले गए स्कूल-कॉलेजों को भी बंद करने पर विचार हो रहा है। कोरोना के बीच कैसे मनेगी होली?रंगों के त्योहार में अब दो हफ्ते से कम का वक्त रह गया है और कोरोना है कि बढ़ता ही जा रहा है। यही हाल रहा तो प्रशासन को रंग खेलने को लेकर अलग से गाइडलाइंस जारी करनी पड़ सकती है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा जैसे राज्यों में केसेज बढ़ते चले जा रहे हैं। कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है, कहीं सख्ती बढ़ाई गई है। स्थिति नहीं सुधरी तो पाबंदियां और जगह भी लगाई जा सकती हैं।पिछले साल होली के वक्त कोविड का प्रकोप इतना नहीं था, फिर भी एहतियात बरतते हुए होली-मिलन समारोह रद्द कर दिए गए थे। इस वक्त तो कोरोना की सेकेंड वेव चल रही है, ऐसे में होली मिलन समारोहों पर रोक लगभग तय समझिए। बिहार सरकार ने तो इसका ऐलान भी कर दिया है। महाराष्ट्र के कई जिलों में पहले से लॉकडाउन है। मध्य प्रदेश और कर्नाटक की सरकारें लॉकडाउन का इशारा कर रही हैं।81524782पिछले 24 घंटों में 24 हजार से ज्यादा केसकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में देशभर से कुल 24,492 नए मामलों का पता चला है। इस दौरान 131 मरीजों की मौत हो गई। सोमवार को 20,191 मरीज कोरोना से उबरने में कामयाब रहे और डिस्चार्ज कर दिए गए। देश में कोविड के टोटल मामलों की संख्या अब 1,14,09,831 हो चुकी है जिनमें से 2,23,432 केस ऐक्टिव हैं। अबतक इस महामारी ने 1,58,856 लोगों की जान ली है। 27 राज्यों/UTs में बढ़े हैं वीकली केसेजदेश में कोरोना से खराब होते हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 8-14 मार्च के बीच, कम से कम 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में केसेज की संख्या में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है।साप्ताहि�� आधार पर देखें तो पिछले एक हफ्ते (8-14 मार्च) महाराष्ट्र में करीब एक लाख केस आए जो उसके पिछले हफ्ते से 46% ज्यादा हैं।नॉर्थ-ईस्ट और केरल, ओडिशा और उत्तराखंड को छोड़कर अधिकतर राज्यों में केसेज बढ़े हैं। वीकली बेसिस पर केवल 7 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां केसेज कम हुए।बिहार ने सख्ती बढ़ाई, प्रवासियों की रिपोर्ट देखेंगेबिहार सरकार अलर्ट मोड में है। वहां घरों में होली खेलने पर तो रोक नहीं है मगर होली मिलन समारोह नहीं आयोजित होंगे। सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की मीटिंग हुई। इसके बाद सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगा दी गई है। सरकार ने लोगों से कहा है वे महामारी को लेकर सावधानी बरतें। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड पर महाराष्ट्र, पंजाब और केरल जैसे राज्यों से आने वालों की भी जांच होगी। पूरी खबर क्लिक कर पढ़ें।कहां है लॉकडाउन? कहां बढ़ी सख्ती?महाराष्ट्र के नागपुर, अकोला, परभनी जैसे जिलों में लॉकडाउन लगाया गया। इसके अलावा पुणे, नांदेड़, अमरावती, जलगांव, नासिक समेत कई जिलों में नाइट कर्फ्यू समेत सख्ती से जुड़े अन्य कदम उठाए गए हैं।पंजाब ने भी मोहाली, पटियाला, लुधियाना समेत कई जिलों में नाइट कर्फ्यू की घोषणा कर रखी है। पंजाब के अमृतसर में किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट या कोरोना वायरस रोधी टीका लगवाने का सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी कर दिया गया है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी कार्यक्रम में अधिकतम 100 लोगों के हिस्सा लेने की सीमा को सख्ती से लागू किया जाएगा।मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की वजह से महाराष्ट्र से आने वालों को सात दिन क्वॉरंटीन रहने की सलाह दी जा रही है। सरकार भोपाल और इंदौर में नाइट कर्फ्यू लगाने पर भी विचार कर रही है।कर्नाटक के कई हिस्से भी सख्ती का सामना कर रहे हैं, खासतौर से बेंगलुरु।उत्तराखंड के देहरादून में डीएम ने मसूरी की कई जगहों पर पूरी तरह लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। केंद्र ने दिल्ली-एनसीआर के प्रशासन को भी सावधान रहने के लिए कहा है।मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी लॉकडाउन?मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार यहां सख्ती बढ़ाने पर विचार कर रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य में कोरोना की स्थिति को लेकर मंगलवार को एक बैठक बुलाई गई है। इसमें नाइट कर्फ्यू लगाने पर विचार किया जा सकता है।वहीं, कर्नाटक में भी संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। इस कारण मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने लोगों को सख्त चेतावनी ��ी है। उन्होंने कहा कि अगर लोग सहयोग नहीं करेंगे, तो दोबारा लॉकडाउन लगाया जा सकता है।फिर स्कूल बंद करवाएगा कोरोना?कोविड केसेज बढ़ते देख स्कूलों को बंद करने की अटकलें शुरू हो चुकी हैं। बिहार में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद करने पर विचार चल रहा है। मंगलवार को इस बारे में फैसला होगा। ऐसी चर्चा है कि राज्य में 22 मार्च से स्कूल बंद किए जा सकते हैं। महरााष्ट्र के कई हिस्सों में पहले से ही 31 मार्च तक स्कूल बंद हैं।दिल्ली में पैरंट्स और स्टूडेंट्स ऑफलाइन एग्जाम्स कराने का विरोध कर रहे हैं। इसके बाद कई स्कूलों ने ऑनलाइन परीक्षाएं कराने का विकल्प दिया है। पीएम मोदी ने बुलाई है मीटिंगकोरोना के बढ़ते मामलों पर बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक बुलाई है। इस बैठक में टीकाकरण को लेकर भी चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार चाहती है कि कोरोना के मामलों में तेजी को देखते हुए टीकाकरण का काम भी तेजी पकड़े। भारत में सोमवार को 26 हजार से ज्यादा नए कोविड केस मिले थे।
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दिल्ली के नए भाजपा अध्यक्षआदेश कुमार गुप्ता, मनोज तिवारी हटाए गए
नई दिल्ली। दिल्ली सांसद और अभिनेता मनोज तिवारी को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मनोज तिवारी को हटाकर आदेश गुप्ता को दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। इसके साथ छत्तीसगढ़ का अध्यक्ष विष्णुदेव साय को नियुक्त किया। मनोज तिवारी को पद से क्यों हटाया गया इसके पीछे की वजह फिलहाल साफ नहीं है। दिल्ली चुनाव में मिली करारी हार को भी मनोज तिवारी को हटाने के पीछे वजह माना जा रहा है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2020 यानी इसी साल फरवरी में हुए थे। इसमें बीजेपी को कुल 8 सीट मिली थीं। पार्टी ने यह चुनाव मनोज तिवारी की अध्यक्षता में ही लड़ा था।
मनोज तिवारी को हटाकर बीजेपी ने जिसे दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है उनका नाम आदेश गुप्ता है। आदेश गुप्ता एक साल पहले तक नॉर्थ एमसीडी के मेयर रह चुके हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी ने यह चेहरा व्यापारी वर्ग को खुश करने के लिए आगे किया है। मनोज तिवारी को हटाकर बीजेपी ने जमीनी और दिल्ली से जुड़े नेता को अध्यक्ष बनाया है, जिसकी मांग काफी वक्त से चल रही थी। आदेश गुप्ता एक वक्त में ट्यूशन पढ़ा��र अपना घर चलाते थे।
कल हिरासत में लिए गए थे मनोज तिवारी मनोज तिवारी को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार को लॉकडाउन के नियम का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। वे दिल्ली में कोविड-19 को नियंत्रित करने में अरविंद केजरीवाल सरकार की नाकामी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए राजघाट पर जमा हुए थे। इससे पहले भी मनोज तिवारी पर लॉकडाउन तोड़ने के आरोप लगे थे। वह क्रिकेट मैच खेलने हरियाणा पहुंचे थे। वहां उन्होंने मैच के दौरान न तो मास्क लगाया और सोशल डिस्टेंसिंग का भी उल्लंघन किया था।
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अब तक 37 हजार 340 केस: दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके की बिल्डिंग में 41 संक्रमित मिले, 14 दिन पहले इसी इमारत में एक संक्रमित मिला था
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अब तक 37 हजार 340 केस: दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके की बिल्डिंग में 41 संक्रमित मिले, 14 दिन पहले इसी इमारत में एक संक्रमित मिला था
कापसहेड़ा स्थित बिल्डिंग में 18 अप्रैल को एक व्यक्ति को कोरोना हुआ था; इसके बाद 176 लोगों की जांच हुई, अब तक 67 की रिपोर्ट आई
पूर्वी दिल्ली के सीआरपीएफ कैम्प में 68 और जवान संक्रमित मिले, यहां अब तक 122 जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई
एक दिन में रिकॉर्ड 2396 संक्रमित मिले, सबसे ज्यादा 961 संक्रमितों की अस्पताल से छुट्टी भी हुई
दैनिक भास्कर
May 02, 2020, 03:12 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके में एक बिल्डिंग के 41 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। 18 अप्रैल को इस इमारत में पहला केस सामने आया था। इसके बाद इस बिल्डिंग को सील कर दिया गया। सभी लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। 11 दिनों बाद रिपोर्ट आई तो 41 लोग कोरोना संक्रमित मिले। हरियाणा से सटा दिल्ली का कापसहेड़ा काफी सघन इलाका है। इस बिल्डिंग के 176 लोगों की जांच हुई थी। अभी इसमें 67 की रिपोर्ट आई है। बाकी के रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पुलिस ने बिल्डिंग सील कर दी है।
उधर, नेवी चीफ वाइस मार्शल एडमिनल जी अशोक कुमार ने कहा है कि कोरोना संकट के कारण खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए 14 जंगी जहाज तैयार हैं। इनमें से 4 वेस्टर्न नेवल कमांड, 4 ईस्टर्न नेवल कमांड और 3 साउ��र्न नेवल कमांड के युद्धपोत हैं। उन्होंने बताया कि मुंबई स्थित नौसैन्य बेस आईएनएस में अब तक 38 जवान कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें से 12 की अस्पताल से छुट्टी भी हो चुकी है। कुमार ने कहा कि किसी भी युद्धपोत पर तैनात कोई जवान संक्रमित नहीं है।
10 हजार से ज्यादा संक्रमित ठीक हुए
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 37 हजार 340 हो गई है। शनिवार को आंध्रप्रदेश में 62, राजस्थान में 12 और कर्नाटक में 9 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इससे पहले शुक्रवार को रिकॉर्ड 2396 मामले आए। एक दिन में सबसे ज्यादा 961 मरीज ठीक भी हुए। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कुल संक्रमित 37 हजार 336 हैं। 26 हजार 167 का इलाज चल रहा है। 9950 ठीक हो चुके हैं और 1218 की मौत हो चुकी है।
सोशल डिस्टेंस के लिए बाइक बनाई
कोरोनावायरस से बचने के लिए सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग पर सबसे ज्यादा ध्यान देने को कहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में रहने वाले एक व्यक्ति ने खास तरह की इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है। इसमें दो सीटों के बीच एक मीटर से ज्यादा की दूरी है। बाइक बनाने वाले पार्थ साहा ने इसे ‘COVID-19 बाइक’ नाम दिया है। उनका कहना है कि वे लॉकडाउन के बाद अपनी बेटी को स्कूल लाने-ले जाने के लिए इस बाइक का इस्तेमाल करेंगे। इसमें 750 वाॅट की मोटर को 48 वोल्ट की बैट्री से जोड़ा गया है। फुल चार्ज करने पर यह 80 किलोमीटर तक चलेगी।
सेना ने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में एक वीडियो जारी किया है
#India Salutes #CoronaWarriors
The Nation is proud of #CoronaWarriors.All citizens & frontline warriors salute their Spirit & Resolve to defeat COVID19.
Together we fight #COVID19
#ThankYou #CaronaWarriors#HarKaamDeshKeNaam#SayNo2Panic#SayYes2Precautions#MoDAgainstCorona pic.twitter.com/seI89moPkA
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 2, 2020
कोरोना से संबंधित अहम अपडेट
पंजाब के होशियारपुर जिले के कलेक्ट��� ने शनिवार को बताया कि महाराष्ट्र के नांदेड़ के हजूर साहिब से लौटे 37 श्रद्धालु अब तक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारी मातृभूमि को सुरक्षित रखने के महत्व को हमारी सशस्त्र सेनाओं से बेहतर कौन समझ सकता है। शाह ने कहा कि हमें सीडीएस और हमारे सशस्त्र बलों पर गर्व है, जिन्होंने कोविड-17 के खिलाफ लड़ रहे कोरोनावाॅरियर्स को धन्यवाद देने का फैसला किया।
कर्नाटक सरकार ने आईएएस ऑफिसर मोहम्मद मोहसिन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने ट्वीट किया था कि तब्लीगी जमात के सदस्य प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं। मोहसिन पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सेक्रेटरी हैं।
जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में कोविड-19 के मरीजों के लिए हेल्थ सेंटर तैयार किया है। इसे चिनार कॉर्प्स ने रंगरेथ के ओल्ड एयर फील्ड में बनाया गया है। इसमें 250 मरीजों को रखा जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर में सेना ने बड़गाम में कोविड-19 के मरीजों के लिए हेल्थ सेंटर तैयार किया है। इसमें 250 मरीजों को रखा जा सकता है।
5 दिन जब संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए
दिन मामले 01 मई 2396 28 अप्रैल 1902 25 अप्रैल 1835 29 अप्रैल 1702 23 अप्रैल 1667
26 राज्य, 6 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला संक्रमण कोरोनावायरस का संक्रमण देश के 26 राज्यों में फैला है। 6 केंद्र शासित प्रदेश भी इसकी चपेट में हैं। इनमें दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पुडुचेरी शामिल हैं।
राज्य कितने संक्रमित कितने ठीक हुए कितनी मौत महाराष्ट्र 11,506 1879 486
गुजरात
4721 736 236 दिल्ली 3738 1167 61 मध्यप्रदेश 2715 524 145
राजस्थान
2678 1116 65 तमिलनाडु 2526 1312 28 उत्तरप्रदेश 2328 654 42 आंध्रप्रदेश 1525 464 33 तेलंगाना 1044 464 28 पश्चिम बंगाल 795 139 33 जम्मू-कश्मीर 639 247 8 कर्नाटक 598 251 22 केरल 498 392 4
पंजाब
585
108
20 हरियाणा 357 241 4 बिहार 466 84 3 ओडिशा 149 55 1
झारखंड
113 21 3 उत्तराखंड 57 37 0 हिमाचल प्रदेश 40 28 2 असम 43 33 1 छत्तीसगढ़ 43 36 0 चंडीगढ़ 88 18 0
अंडमान-निकोबार
33 16 0 लद्दाख 22 17 0 मेघालय 12 8 1
पुडुचेरी
8 5 1 गोवा 7 7 0 मणिपुर 2 2 0 त्रिपुरा 2 2 0 अरुणाचल प्रदेश 1 1 0 मिजोरम 1 1 0
ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कुल संक्रमित 37 हजार 336 हैं। 26 हजार 167 का इलाज चल रहा है। 9950 ठीक हो चुके हैं और 1218 की मौत हो चुकी है।
5 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश का हाल
मध्यप्रदेश, संक्रमित- 2715: यहां शुक्रवार को संक्रमण के 95 नए मामले सामने आए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ��ोरोना संक्रमण में कमी आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 30 अप्रैल की रिपोर्ट में 2617 सैम्पल की जांच में सिर्फ 65 टेस्ट पॉजिटिव आए।
लॉकडाउन की वजह से राजस्थान में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूर शुक्रवार को भोपाल पहुंचे। यहां उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई।
उत्तरप्रदेश, संक्रमित- 2328: उत्तर प्रदेश में 24 घंटे में 117 नए पॉजिटिव मिले। आगरा में सबसे ज्यादा 46 केस सामने आए। यहां कुल 479 संक्रमित हो गए। लखनऊ में 7 केस मिले। यहां अब 218 संक्रमित हैं। राज्य में 1630 एक्टिव केस हैं। इस बीमारी से 43 की मौत हुई है, जबकि 551 मरीज ठीक हुए हैं।
प्रयागराज में ये मजदूर सरकारी राशन लेने आए हैं। धूप तेज थी, इसलिए इन्होंने सड़क पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बनाए गए गोलों में अपने झोले रखे और खुद छाया में बैठ गए।
महाराष्ट्र, संक्रमित- 11506: राज्य में शुक्रवार को 1008 संक्रमित मिले। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र दिवस के मौके पर जनता से फेसबुक के जरिए बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य में 3 मई के बाद से कई जिलों में शर्तों के साथ लॉकडाउन के नियम में ढील दी जाएगी। उनका इशारा राज्य के ऑरेंज और ग्रीन जोन में आने वाले जिलों की ओर था।
यह तस्वीर नागपुर की है। लॉकडाउन में फल और सब्जी की दुकानें खोलने की छूट है, लेकिन ग्राहक कम ही आ रहे हैं।
राजस्थान, संक्रमित- 2678: यहां शनिवार को 12 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें से जयपुर में 5, जोधपुर और धौलपुर में 2, जबकि कोटा, चितौड़गढ़ और अजमेर में 1-1 संक्रमित मिला। शनिवार को 3 संक्रमितों की मौत भी हुई। राज्य में शुक्रवार को 82 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
यह तस्वीर जयपुर के अजमेरी गेट की है। यहां जागरूकता के लिए सूनी सड़क पर कोरोनावायरस की बड़ी सी तस्वीर बनाई गई है।
बिहार, संक्रमित- 466: यहां शुक्रवार को संक्रमण के 41 मामले सामने आए। बक्सर में 11, कैमूर में 6, रोहतास में 6 और भोजपुर और नालंदा में एक-एक मरीज मिले हैं। राज्य में अब तक कोरोना से 84 लोग ठीक हो चुके हैं, दो लोगों की मौत हुई है। संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित मुंगेर जिले में 95 कोरोना संक्रमित हैं। पूरा जिला रेड जोन में है।
पटना में शुक्रवार शाम काली घटाएं घिर गईं। यह तस्वीर गंगा तट की है। लॉकडाउन की वजह से लोगों की आवाजाही बंद है और नाव घाटों पर खड़ी हें।
दिल्ली, संक्रमित- 3738: दिल्ली में कोरोना संक्रमण से प्रभावित चार रेड जोन को लिस्ट से हटा दिया गया है। अब यहां 97 रेड जोन हैं। यहां केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के 68 और जवानों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ये सभी पूर्वी दिल्ली स्थित सीआरपीएफ बटालियन के एक ही कैम्प से हैं। अब तक इस कैम्प में 122 जवान संक्रमित मिले हैं। इन्हें मिलाकर इस सुरक्षाबल के 127 जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। इनमें से एक ठीक हुआ है, जबकि एक की मौत हो गई है।
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देश में काेरोना से एक लाख मौतें हो चुकी हैं। भारत के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों तक कोरोना फैल चुका है। लेकिन इनमें कुछ ऐसे राज्य भी शामिल हैं, जहां कोरोना के शुरुआती केस आने के बाद कड़े कदम उठाए गए और नए केस और मौतों पर काबू पाने की कोशिश की गई। गोवा, उत्तराखंड और केरल इसका उदाहरण हैं। गोवा से मनीषा भल्ला, उत्तराखंड से राहुल कोटियाल और केरल से बाबू के. पीटर की रिपोर्ट।
गोवा से मनीषा भल्ला की रिपोर्ट
पूरी तरह से खुल गया गोवा, पटरी पर लौट रही है जिंदगी
गोवा में हर दिन करीब 400 नए मामले आ रहे हैं। बावजूद इसके गोवा अपनी सामान्य जिंदगी में लौट रहा है। पर्यटकों की रौनक लौटने लगी है। आज से दो महीने पहले गोवा में होटल ऑक्युपेंसी सिर्फ 7% थी। यह अब बढ़कर 18% हो चुकी है।
गोवा के लिए आने वाले दो महीने अहम गोवा का मुख्य रोजगार टूरिज्म है और इसे नुकसान से बचाने के लिए गोवा सरकार अब नए कदम उठा रही है। कोविड के लिए सर्विलांस अफसर डॉ. उत्कर्ष बेटोडकर बताते हैं कि हमने मरीजों की बढ़ती तादाद देखते हुए निजी अस्पतालों को भी कोविड ट्रीटमेंट की परमिशन दी है। कंटेंटमेंट जोन खत्म कर दिए गए हैं, लेकिन नए नियम बहुत सख्त हैं। आने वाले दो महीने तक गोवा में कोविड केस में ठहराव आने की उम्मीद है।
स्थानीय पंचायतों को भरोसे में लिया भारत सरकार ने 8 जून से टूरिज्म के लिए हरी झंडी दी थी। दो जुलाई को गोवा पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। गोवा ट्रैवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन के अध्यक्ष निलेश शाह बताते हैं कि सबसे बड़ी दिक्कत थी स्थानीय गांव पंचायतों का पर्यटकों को न आने देना। लेकिन एसोसिएशन ने सरकार की मदद से पंचायतों को भरोसा दिलाया कि आने वाले पर्यटकों से बीमारी नहीं फैलेगी। वे नियमों का पूरी तरह पालन करेंगे।
क्या नियम बनाए?
डॉ. उत्कर्ष ने बताया कि गांव पंचायतों के साथ लगातार मीटिंग की जा रही है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि अगर उन्हें आसपास कोई पर्यटक संदिग्ध संक्रमित लगता है तो फौरन हेल्थ अफसरों को सूचित करें।
गोवा आने वालों की एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन पर पूरा हेल्थ टेस्ट किया जा रहा है। जरा सी भी शंका होने पर लोगों को आइसोलेशन में रखा जा रहा है।
होटल इंडस्ट्री को सख्ती से नियमों का पालन करने को कहा गया है। राज्य सरकार के पास कुल 3900 होटल रजिस्टर्ड हैं। इनमें से सिर्फ 700 होटल को काम करने की इजाजत मिली है। पर्यटकों द्वारा कमरा छोड़ने के बाद एक दिन होटल का कमरा खाली रखा जाएगा।
खाने के लिए रूम सर्विस अभी शुरू नहीं की जाएगी। कोई भी पर्यटक बिना मास्क के नहीं दिखाई देगा। हर जगह सैनेटाइजर की व्यवस्था होगी। होटल में फ्रंट सर्विस के लोग फेस शील्ड, दस्ताने आदि पहनकर रखेंगे।
टैक्सी ड्राइवरों के लिए भी सरकार की तरफ से अभियान चलाया गया है कि वे अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं।
40 हजार लोगों ने खोया था रोजगार होटल-रेस्त्रां इंडस्ट्री में वर्करों का आना शुरू हो गया है। महामारी की वजह से यहां तकरीबन 40 हजार लोगों का रोजगार चला गया था। नॉर्थ गोवा में अंजुना बीच पर जिंजर ट्री होटल के मैनेजर हरीश बताते हैं कि कामकाज शुरू हो चुका है। ��ने वाले एक महीने के अंदर इसे रफ्तार मिलेगी। कैसीनो छोड़कर बाकी सब खुल चुका है। गांव पंचायतें भी सहयोग कर रही हैं। इस दफा गांव पंचायतों ने अपनी सालाना फीस भी नहीं बढ़ाई है। इससे पहले हर साल यह फीस बढ़ जाया करती थी।
उत्तराखंड से राहुल कोटियाल की रिपोर्ट
उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। बीते 2 अक्टूबर को इसके 202 पूरे हुए हैं। सबसे पहले अब तक के आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं।
अन्य राज्यों से तुलना में ये आंकड़े ज्यादा डराने वाले नहीं लगते। लेकिन बीते 30 दिनों में इनमें जो तेजी आई है, वह जरूर राज्य सरकार के माथे पर बल डाल रही है। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने इन आंकड़ों को बारीकी से परखा है। जहां शुरुआती 170 दिनों कुल 269 लोगों की मौत हुई थी, वहीं पिछले 30 दिनों में 342 लोगों की जान चली गई। हालांकि सकारात्मक पहलू यह है कि इन 30 दिनों में टेस्टिंग भी तेजी से बढ़ाई गई हैं और रिकवरी रेट में भी तेजी आई है।
पहाड़ी जनपदों ने किया बेहतर काम सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल कहते हैं, "शुरुआती दौर में उत्तराखंड ने जरूर कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अन्य राज्यों से बेहतर काम किया था और इसमें सबसे अहम भूमिका पहाड़ी जनपदों के लोगों और अफसरों ने निभाई थी।" उत्तराखंड राज्य में कुल 13 जिले हैं, जिनमें से नौ पहाड़ी जिले हैं और चार मैदानी जिले। मैदानों की तुलना में पहाड़ों पर कोरोना का संक्रमण काफी हद तक सीमित रहा है। राज्य में अब तक कोरोना के जो 49 हजार मामले सामने आए हैं, इनमें से 36,907 मामले सिर्फ इन चार मैदानी जिलों के ही हैं।
कैसे लड़ी कोरोना के खिलाफ लड़ाई नौटियाल बताते हैं कि पहाड़ों में लोगों ने स्वतः ही कोरोना से निपटने के लिए कदम उठाए, जिसके नतीजे भी साफ देखने को मिले हैं। व्यापार मंडल के लोगों प्रशासन से छूट मिलने के बाद भी दुकानें बेहद सीमित समय के लिए ही खोली और लॉकडाउन का असली असर पहाड़ी कस्बों में ही नजर आया। अनलॉक के दौरान भी शाम होते ही पहाड़ी कस्बे पूरी तरह सुनसान हो जाते थे और ये एक बड़ा कारण है कि पहाड़ों में संक्रमण अब तक अनियंत्रित नहीं हुआ।
केंद्र की गाइडलाइन का सख्ती से किया पालन
राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अफसर के मुताबिक, "प्रशासन की सक्रिय भूमिका से इतर हमें इसका भी लाभ मिला कि अन्य राज्यों की तुलना में प्रवासियों का वापस लौटना उत्तराखंड में कम हुआ।"
उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति भी कोरोना की रोकथाम में कुछ हद तक प्रदेश के लिए उपयोगी साबित हुई। सीमांत राज्य होने के चलते प्रदेश में सिर्फ वे ही लोग दाखिल ह��ए, जिन्हें उत्तराखंड ही आना था। दिल्ली, हरियाणा या मध्य भारत के राज्यों जैसा दबाव उत्तराखंड पर नहीं था। प्रवासी इन राज्यों की सीमाओं से होते हुए अपने-अपने प्रदेश लौट रहे थे।
प्रदेश की नाकेबंदी भी उत्तराखंड में अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा मजबूत रही। राज्य पुलिस अफसर प्रमोद साह कहते हैं, "प्रदेश में दाखिल होने के पांच मुख्य मार्ग हैं। इन पर नाकेबंदी होते ही पूरा प्रदेश सील हो जाता है। ऐसे में हर आने वाले पर नजर रखना और उनकी मॉनिटरिंग करना हमारे लिए अन्य राज्यों की तुलना में थोड़ा आसान है।"
अनूप नौटियाल कहते हैं, ‘सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर जो गाइडलाइन समय-समय से जारी होती रही, प्रदेश ने उन्हीं का अनुपालन किया है।’
केरल से बाबू के. पीटर की रिपोर्ट
इन दिनों कोरोना की दूसरी लहर से केरल राज्य बुरी तरह से परेशान है। देश में सबसे पहला मामला केरल में ही सामने आया था। इसके बाद राज्य ने काेरोना के खिलाफ सही दिशा में कदम उठाए और कुछ हद तक इस पर काबू पाने की कोशिश की। लेकिन अब यहां दिन-ब-दिन केस बढ़ते जा रहे हैं। सरकार की ओर से जारी आंकड़े हर दिन बड़े होते जा रहे हैं।
केरल में डेथ रेट सबसे कम देश में सबसे पहले कोरोना पॉजिटिव केस 30 जनवरी 2020 को केरल के त्रिशूर में मिला था। वुहान में पढ़ने वाली स्टूडेंट छुटि्टयों में अपने घर लौट�� थी। भले ही देश में पहला केस केरल में मिला हो, लेकिन राज्य सबसे कम मृत्युदर (0.4%) वाले राज्यों में शामिल है। देश में कोरोना की वजह से औसत मृत्युदर 1.58% है। इस लिहाज से केरल डेथ रेट के मामले में टॉप-20 राज्यों में भी शामिल नहीं है।
जनता कर्फ्यू से पहले लॉकडाउन मार्च में राज्य में सबसे ज्यादा केस आने शुरू हुए थे। तब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के जनता कर्फ्यू की अपील से एक दिन पहले ही अपने यहां लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। केरल सरकार के प्रभावी कदम की वजह से राज्य में अप्रैल के आखिर तक केस बढ़ने की रफ्तार काफी धीमी हो गई थी। अप्रैल के महीने में काेई नया केस भी सामने नहीं आया था।
बाहरी लोग हैं जिम्मेदार पहले हर दिन नए केस की संख्या 100 के भी नीचे आती थी, लेकिन जल्द ही ये नंबर सैकड़ों और हजारों में बदल गया। इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार भारत के बाहर रह रहे केरल के निवासी हैं, जो महामारी के दौरान राज्य लौटे हैं।
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Goa Kerala Uttarakhand (India) Coronavirus Cases - Ground Report Update | Top Three States Who Have Controlled (COVID-19) Infectious Disease
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फरीदाबाद में ऑड-ईवन खत्म, अब रोज खुलेंगी दुकानें, गुड़गांव में आज से 6 रूट पर 68 सिटी बसें दौड़ीं
फरीदाबाद में ऑड-ईवन खत्म, अब रोज खुलेंगी दुकानें, गुड़गांव में आज से 6 रूट पर 68 सिटी बसें दौड़ीं
हरियाणा में अनलॉक-2 का दूसरा दिन है। फरीदाबाद में अब सभी दुकानें खोली जा सकेंगी। जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए ऑड-ईवन सिस्टम को खत्म कर दिया है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि, मंगलवार को सभी दुकानें बंद रहेंगी। कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन जारी रहेगी। दुकान खोलने का समय सुबह 9 बजे से शाम 8 बजे तक निर्धारित किया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजेशन जैसे नियम पहले की तरह…
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा के आयोजन सितंबर माह में कराने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। फैसले के मुताबिक फाइनल ईयर की परीक्षा होगी। कोर्ट ने 30 सितंबर तक परीक्षा कराने के यूजीसी के सकरुलर को सही ठहराया। विश्वविद्यालय परीक्षा के नियम तय करने वाली यूजीसी कमेटी के अध्यक्ष प्रोफेसर आरसी कुहाड़ ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है।
कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच देशभर के सभी विश्वविद्यालयों में परीक्षा कैसे हो, छात्रों को शिक्षा कैसे दी जाए, विश्वविद्यालयों का नया सत्र कैसे और कब शुरू किया जाए, इसका समाधान यूजीसी की विशेषज्ञ कमेटी ने निकाला है। यूजीसी की इस कमेटी के अध्यक्ष हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर. सी. कुहाड़ हैं।
कुहाड़ ने आईएएनएस से कहा, विद्यार्थियों के भविष्य और क रियर को ध्यान में रखते हुए हमने परीक्षा की अनिवार्यता पर जोर दिया है। क्योंकि परीक्षा के माध्यम से प्राप्त होने वाली डिग्री की स्वीकार्यता ग्लोबल स्तर पर होती है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी आज इस मूल भाव को समझते हुए अपनी बात में परीक्षा के महत्व को स्पष्ट किया है।
प्रो. आर. सी. कुहाड़ ने कहा, जहां तक बात महामारी के मुश्किल समय में स्वास्थ्य सुरक्षा की बात है, तो चाहे नीट हो या जेईई की प्रवेश परीक्षा, या फिर विश्वविद्यालय व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों की अंतिम वर्ष व सेमेस्टर की मुख्य परीक्षाएं, सभी के स्तर पर सरकार व शिक्षण संस्थान सुरक्षा की ²ष्टि से आवश्यक उपायों को लेकर ²ढ़संकल्प है। हमारी समिति ने भी इस संबंध में शिक्षण संस्थानों से अपने स्तर पर विशेष ध्यान देने की सिफारिश की है।
कालेजों में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराई गई तो यूजीसी उनकी डिग्रियों को मान्यता नहीं देगी। यूजीसी के इसी निर्णय को देखते हुए अभी तक 600 से अधिक विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाने पर सहमति जताई है।
परीक्षाओं को लेकर अभी तक 818 विश्वविद्यालयों ने यूजीसी को अपना जवाब भेजा है। अपने जवाब में देशभर के 209 विभिन्न विश्वविद्यालयों ने बताया कि वे अपने संस्थानों में यूजीसी के दिशा निर्देश के अनुसार परीक्षाएं सफलतापूर्वक पूरी करवा चुके हैं।
इनके अलावा, 394 विभिन्न विश्वविद्यालय अगस्त और सितंबर में ऑनलाइन, ऑफलाइन एवं मिश्रित संसाधनों से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। देशभर के लगभग सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं लिए जाने पर अपनी सहमति दी है।
उधर यूजीसी ने शुक्रवार को कहा, विश्वविद्यालयों की परीक्षा के लिए 6 जुलाई को निर्धारित किए गए दिशा-निदेशरें पर 51 केंद्रीय विश्वविद्यालयों से सकारात्मक जवाब मिला है। इनमें से कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षाएं पूरी करवा ली हैं जबकि शेष रह गए केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने 30 सितंबर से पहले इस प्रकार की परीक्षाएं करवा लेने का आश्वासन दिया है।
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Examination mandatory in universities: UGC Expert Committee (IANS Special)
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लॉकडाउन में लगा है परिवार की आमदनी को झटका, प्राइवेट से निकलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे बच्चे
प्राइवेट से निकलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे छात्र. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
खास बातें
प्राइवेट से निकलकर सरकारी स्कूलों में जा रहे बच्चे
पंजाब और हरियाणा में सामने आए मामले
लॉकडाउन ने परिवार की आमदनी पर डाला है असर
चंडीगढ़:
कोरोनावायरसके चलते लागू लॉकडाउन में लाखों लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है, बड़ी संख्या में लोगों ने अपना रोजगार खो दिया है, ऐसे में पंजाब और हरियाणा में एक नई चीज सामने आ रही हैं. यहां के बहुत से परिवार अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिल करा रहे हैं क्योंकि अब वो प्राइवेट स्कूल का खर्च नहीं उठा सकते. कोविड-19 के चलते मार्च के अंत से देशभर में लागू लॉकडाउन ने बहुतों की आर्थिक हालत को खस्ता कर दिया है, जिसके बाद यहां के कुछ स्कूली बच्चों के माता-पिता प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं भर सकते.
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पंजाब के मोगा जिले के लक्षप्रीत सिंह ने प्राइवेट स्कूल से मार्च में 10वीं की परीक्षा दी थी. उसे आगे की पढ़ाई अब सरकारी स्कूल में करनी होगी क्योंकि एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले उसके पिता की लॉकडाउन में नौकरी चली गई और वो उसकी फीस नहीं भर सकते इसलिए लक्षप्रीत अब सरकारी स्कूल में पढ़ना चाहता है. लक्षप्रीत ने बताया, ‘मैंने प्राइवेट स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास की है लेकिन लॉकडाउन के चलते मेरे पिता की आमदनी बुरी तरह से प्रभावित हुई है इसलिए मैंने सरकारी स्कूल में शिफ्ट करने का फैसला किया है. यहां दूसरी सुविधाओं के साथ खाना भी मिलता है.’
बता दें कि 2019-20 में सरकारी स्कूलों में कुल छात्रों की संख्या 23.52 लाख थी, जो 2020-21 के सत्र में 25.62 लाख हो गई है. प्री-प्राइमरी क्लासेज़ में एडमिशन की संख्या 2.25 लाख से बढ़कर 2.95 लाख हो गई है. कक्षा 9वीं और 10वीं में 3.91 से बढ़कर 4.13 और कक्षा 11वीं और 12वीं में 3.12 लाख से बढ़कर 3.69 लाख हो गई है. हालांकि, इसके लिए पंजाब के शिक्षामंत्री विजय इंदर सिंगला ने सरकारी स्कूलों में बढ़ रही बेहतर सुविधा को बताया है. उन्होंने कहा, ‘सरकारी स्कूलों पर नीतियों और सुविधाओं के लिए हमारी सरकार बेहतर फैसले ले रही है, जिसके चलते बच्चे प्राइवेट से सरकारी में शिफ्ट कर रहे हैं. हमने बच्चों के परफॉर्मेंस के आधार पर टीचरों के ट्रांसफर करने की नीति बनाई है, जिससे उनकी जवाबदेही बढ़ी है. हमारी सरकार ने स्मार्ट स्कूल बनाने और इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने पर जोर दिया है.’
हरियाणा में ही ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है. यहां भी बच्चे प्राइवेट स्कूलों से निकलकर सरकारी स्कूलों में जा रहे हैं. यहां सरकार ने प्राइवेट से सरकारी में स्विच कर रहे छात्रों के लिए ट्रांसफर सर्टिफिकेट अनिवार्य होने का नियम भी हटा दिया है. हरियाणा में कुल 52 लाख छात्रों में से लगभग आधे छात्र प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं. राज्य में लगभग 24,000 स्कूल हैं, जिनमें से 14,500 सरकारी हैं, बाकी प्राइवेट. जाहिर है यहां सरकार की नीतियां प्राइवेट स्कूलों को नहीं भा रहीं.
Video: कोरोना काल में फीस को लेकर सवालों में स्कूल
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